Remedies

April 26, 2017 | Author: AstrologerAnjaan | Category: N/A
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Remedies from LalKitab...

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[Enter Post Title Here] General Remedies रार किताफ िे उऩचाय रम्फी फीभायी से छुटिाया ऩाने िे लरए उऩाम जजस व्मकित िो रम्फे सभम से िोई फीभायी हो मा एि फीभायी सभाप्त होने िे फाद िोई दस ू यी फीभायी से ग्रस्त हो जाता हो

औय फहुत िोलिि ियने िे फाद बी फीभायी से छुटिाया नहीीं लभरता है तो इसिे लरए मह उऩाम ियें १. रम्फी फीभायी से छुटिाया ऩाने िे लरए िननवाय िी यात िो फेसन मा भिई िी योटी फनािय तथा सयसों िे तेर से चुऩड़िय

योगी िे लसय से सात फाय वायिय (उतायिय) योटी िारे िुत्ते िो खिराएीं।ऐसा ियने से योगी िी तफीमत भें सध ु ाय होता है तथा

रम्फे सभम से चरी आ यही फीभायी से भजु तत लभर जाती है । २. घय िे सबी सदस्मों एींव घय भें आए हुए भेहभानों िी सींख्मा िे फयाफय भीठी योटटमॉ फनािय भहीने भें एि फाय िुत्तों एींव

िौआेेेीं िो डारें। ३. एि फड़ा सा सीतापर रें जो अींदय से ऩयू ी तयह से ऩिा हो एींव िोिरा हो उसे भहीने भें एि फाय धभमस्थान भें दे ने से

फीभायी ठीि हो जाती है । ४. मटद किसी बी प्रिाय से योगी िी तफीमत भें सध ु ाय ना होता हो तो ४३ टदन रगाताय यात िे सभम २ ताींफे िे लसतिे अऩने

लसयहाने यििय सोएीं औय ऩ ्े्याेात: िार वह ऩैसे किसी बींगी िो दे दें । ५. िबी बी िब्रिस्तान मा िभिान घाट से गज ु यते सभम वहाीं ऩय िुछ ऩैसे गगया दें । मह एि गप्ु त सहामता होती है ।

General Remedies रार किताफ िे उऩचाय

योग योग सम्फन्धी जानिायी प्राप्त ियने िे लरमे न. 3, 9, 5 िा अध्ममन फहुत आवश्मि है । तमोंकि न. 3 फयफादी दे ता है , न. 5 ियीय भें आत्भा डारता है तथा इन िी नीींव िाना न. 9 भें होती है ।

1. जफ ऩ. 3, 9 नीच होते हैं तो न. 5 बी नीच हो जाता है ऩयन्तु जफ न. 9 भें सम ू ाम मा चन्र हो तो न. 5 नीच नहीीं होता। 2. न. 10 िे लरमे न. 5, 6 िे ग्रह अगधि फयु े होते हैं भन्दी हारत िी ननिानी नीच ग्रह िी चीजों से होगी। वविेष - जफ नीच ग्रहों िी चीजों से सम्ऩिम फना लरमा जामे तो हारत भन्दी हो जाती है ।

3. जन्भ िुण्डरी िे अनस ु ाय जफ सम ू म मा चन्र िे साथ िक्र ु , फध ु मा िोई ऩाऩी ग्रह फैठा हो जजस सभम वषमपर भें वे 1,6,7,8,10, भें आ जामे तो सेहत ियाफ हो जाती है । 4. न. 3 िे लरमे

न. 1 - अचानि चोट िये गा न. 2 - साझी दीवाय िा िाभ दे गा न. 6 - धोिा दे गा न. 7 - फनु नमादी सहामि होगा।

न. 8 - नीच ियवामेगा न. 11 - आऩसी सहामता दे गा। 5. न. 5 िे लरमे

न. 1 - आऩसी सहामता दे गा न. 4 - साींझी दीवाय िा िाभ दे गा न.7 - अचानि चोट दे गा न. 8 - धोिा दे गा

न. 9 - फनु नमादी सहामि होगा न. 10 - भन्दा टियाओीं दे गा ग्रह औय फीभायी िा आऩस भें सम्फन्ध

प्रत्मेि ग्रह िी प्रलसद्ध फीभारयमों िा बाव मह है कि जफ योग वारा ग्रह नष्ट हो यहा होता है तो वह योग दे जाता है । उदाहयण:

फह ृ स्ऩनत साींस - पेपड़े िी फीभारयमाीं, िुष्ट योग, ऩीलरमा, स्नामु योग। उऩाम: फह ृ स्ऩनत िा उऩाम ियें ।

सम ू म - टदर धड़िना, भह ुीं से झाग आना, किसी अींग िी िजतत िभ हो जाना, जफ सम ू म िो

चन्र िी सहामता न लभरे तो ऩागरऩन औय जफ सम ू म न. 12 औय फध ु 6 हो तो उच्च यतत चाऩ ( हाई ब्रड प्रेिय)। उऩाम: सम ू म िो उच्च ियें ।

चन्र टदर िी फीभारयमाीं, टदर धड़िना, आींि िे डेरे िी फीभारयमाीं। उऩाम: चन्र िो उच्च ियें ।

िक्र ु चभड़ी िी फीभारयमाीं, िज ु री, चम्फर, धातु ऺीणता।

उऩाम: नाि छे दन, फध ु िे उऩाम से सहामता लभर सिती है तथा अऩाभागम िी जड़ िी फाजू ऩय मा गरे भें फाींध िय यिे औय उसिे फीज िामे।

भींगर नेि (सम ू म फध ु ) - नासयू , ऩेट िी फीभारयमॉ, है जा, वऩत्त, जजगय।

भींगरफद (सम ू म िनन, िक्र ु फध ु 3/9) - बगींदय पोडा, नासयू , िज ु री। उऩाम: भींगर फाद िा उऩाम ियें ।

फध ु चेचि, टदभाग िी ियाफी, गन्ध िा ऩता न रगे, नाडड़मों, जुफान, मा दान्तों िी फीभारयमाीं।

उऩाम: आऩाभागम िा प्रमोग ियें ।

िनन आींिों िी नजय, हय प्रिाय िी िाींसी, दभा, बगन्दय िा घोड़ा, गटठमा।

उऩाम: िभ से िभ सात िननवाय नदी भें नारयमर फहािय सहामता री जा सिती है । याहु फि म ना, प्रेग, अचानि चोट। ु ाय, टदभागी फीभारयमाीं, दघ ु ट उऩाम: फध ु िे टदन फिया दान ियें ।

िेतु यीढ, जोड़ो िा ददम, पोड़े पींु सी, यसौरी, सज ु ाि ऩेिाफ िी फीभायी, िाभ िी फीभारयमाीं, यीढ़ िी हड्डी, हयननमाीं अण्डिोि उतय जाना।

उऩाम: चन्र िी सहामता से राब प्राप्त किमा जा सिता है । फियी दान ियें ।

वविेष िेतु िे साथ िक्र ु औय चन्र िे लभरने ऩय फच्चों िो सि ू ने िी फीभायी हो सिती है तफ 40-46 टदन ननयन्तय उसिे ियीय ऩय गाजनी भरने से फीभायी ठीि हो जाती है ।

उऩाम: गजनी िो ऩीसिय मा वैसे ही यात िो ऩानी भें लबगौ दे भर ु ामभ हो जाने ऩय ियीय ऩय भर दें । सि ू जाने ऩय फच्चे िा नहरा दें ।

वविेष 1. जफ िबी ऊऩय लरिी फीभारयमाीं तींग िये तो तयु न्त उस फीभायी से, सम्फजन्धत ग्रह िा उऩाम ियें तो सहामता लभरेगी।

2. जफ िोई ग्रह इिट्डे हो तो उस ग्रह िा उऩाम ियें जो वहाीं फैठिय दस ू ये ग्रहों िो नष्ट ियाफ िय यहा हो जैसे फह ृ स्ऩनत याहु िे सभम याहु िा।

मटद फीभायी ऩीछा ही न छोड़े एि हटे दस ू यी रग जाने ऩय उऩाम:- 1. घय िे जजतने सदस्म हैं फच्चे से फढ़ ु े ति उतनी सींख्मा जजतने अनतगथ आते हो उतने जभा ियिे चाय

अगधि भीठी योटटमाीं फना िय प्रनत भाह फाहय जानवयों िुत्तों िौऔ आटद िो डारते यहें योटटमों िा आिाय चाहे फड़ा हो मा छोटा।

2. हरव ु ा िद्मु ऩिा हुआ (ऩीरे यीं ग िा) अन्दय से िोिरा वषम भें एि फाय धभम स्थान हय वषम, दे न से राब होगा।

3. यात िो जाति िे सयहाने रूऩमा दो रूऩमा यि सफ ु ह बींगी (बींगगन िो नहीीं) िो दे मह कक्रमा 40 - 43 टदन ननयन्तय ियनी है । मह गत जन्भ िा िष्ट - टै तस है जो चुिाना ही ऩड़ेगा।

4. मटद हो सिे तो िभिान बलू भ भें, जफ बी वहाीं से गज ु यें ऩैसा दो ऩैसा मा रूऩमा दो रूऩमा वहा गगया टदमा ियें , अत्मगधि दै वीम सहामता प्राप्त होगी।

5. तफ 6 िन्माओीं िो प्रनतटदन दध ू वऩरािय चान्दी िा दान ियें ।

6. टदन ननयन्तय मह उऩाम ियें वैस बी वषम भें एि - दो फाय मह उऩाम िय टदमा ियें । वविेष- 1. योग िे सम्फींध भें हभ प्राम: बाव ६ िो ही दे िते हैं ऩयन्तु योगी िी ऩण ू म जानिायी िे

लरए बाव 3,5 व 9 िो दे िना बी अत्मन्त आवश्मि है जफ 3,9 भें नीच होते हो तो 5 बी नीच ग्रह हो जाता है । ऩयन्तु जफ बाव 9 भें सम ू ाम मा 5 भें चन्र हो तो बाव 3 नीच नहीीं होता।

2. जन्भ िुण्डरी भें जफ सम ू ,म चन्र िे साथ िक्र ु औय फध ु फैठे हो तथा वषम पर िे अनस ु ाय जफ मे तीनों बाव 1,6,7,8,10 भें आ जाते हैं तफ उस वषम जाति िो टदभागी ियाफी मा िोई अन्म फीभायी घेय रेती है । दो ग्रहों िे लभरने से होने वारे योग

फह ृ स्ऩनत याहु मा फह ृ स्ऩनत िेतु दभा, साींस िी िष्ट................तऩेटदि। याहु िेतु - फवासीय। चन्र याहु- ऩागरऩन, नभनू नमा।

सम ू म िक्र ु मा फध ु फह ृ स्ऩनत दभा, साींस िी िष्ट.........तऩैटदि भींगर िनन िन ू िी फीभायी, िोढ़ ियीय िा घट जाना। िक्र ु याहु नाभदी

िक्र ु िेतु िेवर िेतु िी फीभारयमाीं, स्वप्नदोष। फह ू म िनन) ऩीलरमा। ृ स्ऩनत भींगरफद (सम चन्र फध ु मा भींगर िा टियाव ग्रैण्ड। िाणे अन्धेऩन िा मोग

बाव न. 1,2,12 िे स्वाभी ग्रहों िे साथ िक्र ु जफ ब्रिि (6,8,12) भें जस्थत हो मा चन्र ऩाऩ ग्रहों से मत ु त बाव न. 2 भें तो बी जाति िी एि आींि भें दोष हो जाता है ।

सम ू म िक्र ु बाव एि िी यालि िे स्वाभी ग्रह िे साथ ब्रिि (6,8,12) भें जस्थत हो तो बी जाति िी आींिें भें दोष होता है । गोचय भें बी जफ ऐसी जस्थनत फनती है तफ बी जाति िी आींिें भें दोष हो जाता है । भि ींु ा - फहयाऩन मोग ू - गग

बाव 5 िा स्वाभी ग्रह फह ूीं ा बी यह ृ स्ऩनत िे साथ जफ ब्रिि (6,8,12) भें जस्थत हो तो जाति दे य से फोरता है तथा गग सिता है ।

िक्र ींू ा फहया होता है । ु ब्रिि (6,8,12) भें , फह ू म भींगर न. 10 भें जस्थत हो तफ बी जाति गग ृ स्ऩनत लसींह भें , सम

सन्तान जाति िे सन्तान िा सि ु नीचे लरिी हारात भें होगा । चींर िुण्डरी िा सन्तान िे ववषम भें िोई सम्फन्ध नहीीं है । वषमपर टहसाफ से मटद चींर नष्ट तो सन्तान बी नष्ट होगी। फध ु औय िेतु भें जो उच्च हो सन्तान िा पैसरा (नय/नायी) उसी से होगा।

रड़िी ऩैदा होने िा बेद फताना गन ु ाह है तमोंकि मह उस िी (फच्चे) भत्ृ मु िा िायण फन सिता है मा हो सिता है फताने वारे िा टहसाफ गरत हो।

वविेष - जफ भींगर मा िक्र ु अथवा िेतु मा फध ु भें से िोई िाना १ भें आमे औय िनन बी आ लभरे मा चन्र मा नय ग्रह १,५ भें आमे मा अिेरा िेतु िाना न. १ भें आमे मा भींगर िा सभम औय भध्म ग्रह टहसाफ औय िाना, २ भें भींगर, िक्र ु , िेतु फध ु िे सहामि ग्रहों िी हारत हो तो सन्तान व बी नय उत्ऩन्न होती है ।

सम्फजन्धत ग्रह तथा उच्च पर वारे ग्रहों िे प्रबाव िा सभम तथा नीच ग्रह िा प्रबाव दे िना आवश्मि मानन िेतु स्वमीं वषमपर भें िहाीं है औय िैसा है दे िें। उत्तभ िेतु रड़िा वा उत्तभ फध ु रड़िी दे गा। सन्तान िा जन्भ 1. िक्र ु , भींगर, फध ु , िेतु न. 1 वषमपर भें तथा िनन िो साथ हो तो 2. न. 1, 5 भें नय ग्रह, न.2 भें चन्र मा भींगर, िेतु न. 11।

3. फध ु (िन्मा) मा िेतु (ऩि ु ) - उनभें से जो अच्छी जस्थनत भें होगा वैसा ही सन्तान होगी। 4. िेंतु िामभ (ऩण ू म रूऩ से श्रेष्ठ) तो ऩि ु , याहु िामभ (ऩण ू म रूऩ से श्रेष्ठ) तो ऩि ु ी। 5. चन्र न. 6 तो िन्माएीं अगधि औय मटद िेतु न. 4 तो ऩि ु ।

वविेष :- 1. वषम पर िे अनस ु ाय चन्र नष्ट तो सन्तान अवश्म नष्ट भें होगी अत: जन्भ

टदन से 43 टदन ऩहरे ही स्िी िो लसयहाने भलु रमाीं यििय प्रात: भींटदय मा धभम स्थान भें दे ता यहे ।

2. सम ू ,म चन्र, फह ु । न. 5 मटद नीच ग्रहों से ियाफ न हो यहा हो ता नय सन्तान दे ता है नहीीं ृ स्ऩनत औय िनन न. 5 तो ऩि तो ववघ्न डारता है ।

3. न. २ भें भींगर, िक्र ु , िेतु औय फध ु िे सहामि ग्रह आने ऩय बी ऩि ु िा जन्भ ही होता है।

6. िक्र ु िे लभि ग्रह (िनन,िेतु औय फध ु ) अच्छी जस्थनत भें हो अथवा 3,5,11, भें हो तो ऩि ु होगा।

7. फध ु िे लभि ग्रह (सम ू ,म िक्र ु औय याहु) जफ ठीि जस्थनत भें हो मा 3,5,11भें हो तो िन्माएीं होगी।

8. िेतु न. 12 हो औय नय ग्रह फह ू म हय प्रिाय से ठीि जस्थनत भें हो तो अने ऩि ु उत्ऩन्न होगें । ृ स्ऩनत, भींगर औय सम 9. िनन न. 5 िे सभम 48 वषम िी आमु ति अऩनी िभाई से भिान फनाने ऩय सन्तान नष्ट हो जाती है । अऩवाद ऩयन्तु मटद िोई बी नय ग्रह फह ू म अच्छी जस्थनत भें हो तो सन्तान नष्ट नहीीं होती। ृ स्ऩनत, भींगर औय सम गबमऩात 1. भींगर औय फध ु (याहु स्वबाव) नीच घयों भें होने िे िायण सन्तान िो ऩेट भें ही नष्ट िय दे ते हैं। 2. याहु 5 बी गबमऩात ियवा दे ता हैं मटद ििु ग्रहों से नीच हो यहा हो

3. चन्र औय िेतु न. 5 तो नय सन्तान, याहु न. 11 तो रड़किमाीं मटद िनन नीच मा न.6 न हो। 4. याहु न. 9 तो 42 वषम आमु ति िेवर एि ऩि ु िामभ, अगधि से अगधि 21

5. याहु 5, चन्र औय सम ू म साथ साथी, मा न. ४ मा ६ भें, िनन न. ७ तो ऩि ु अवश्म होगा फिते कि वषम पर भें याहु न. 11 भें न हो।

6. नऩस ुीं ि ऩरू ु ि औय स्िी िा मोग

नऩस ुीं ि स्िी नऩस ुीं ि स्िी िनन न. 7 िक्र ु न. 2 चन्र न. 1 फध ु न.6

िक्र ु न. 5 भींगर िा साथ न हो

सम ू म न. 4 फह ृ स्ऩनत िनन िा साधन है िनन न. 7 न. 8 िारी हो भींगर न. 4

सावधाननमाीं (ऩरयवारयि सि ु ) 1. अऩने बोजन से गाम, िौवे, िुत्ते िे तीन टहस्से अरग ननिार िय यिे।

2. जजस जगह बोजन फना, उसी जगह फैठ िय बोजन ियना याहु िी ियायतों से फचाता है ।

3. हय भास घय िे सदस्मों िी गगनती िे फयाफय घय आमे भेहभानों िी गगनती िी औसत िुछ अनतरयतत (२-४) लभट्टी योटटमाीं फना िय जानवयों िा डार दें वविेष ध्मान दे कि गगनती िभ न हो वनज, आिाय चाहे छोटा हो जाए।

4. याब्रि िो सोने सभम चायऩाइर िे नीचे थोड़ा सा ऩानी किसी फतमन भें यिे सफ ु ह ऐसी जग डारें जहाीं उस िा अऩभान न हो।

वविेष - उस ऩानी से अऩना भह ुीं , हाथ मा अन्म जगह साप न ियो। याहु िी ियायतों झगड़ा पसाद, अऩभान, फीभायी आटद से फचाव होगा।

5. इींसान स्वबाव ग्रहचार िे अनस ु ाय होता है ऩय जजद से उरट चरने वारे िी हानन होगी। सींतान सम्फन्धी

1. मटद ऩहरे फच्चे भयते हों तो स्िी िे गबमवती होने ऩय उस िे फाजू ऩय रार धागा फाींधे जो सन्तान िे जन्भ ऩय उसे फाींध दे औय भाता िे फाजू ऩय नमा रार धागा फाींधे। मह १८ भास ति जायी यिे। 2. गणेि जी िी अयाधना ियें । 3. गाम िो योटी डारता यहे ।

4. फच्चे िे जन्भ से ऩहरे एि फतमन भें दध ु औय दस ू ये फतमन भें िाण्ड, स्िी िा हाथ रगवा िय, िामभ ियवा रें। तथा फच्चा होने िे फाद वे दोनों फतमन दध ू , ,िाण्ड सभेत धभमस्थान भें ऩहुचा दें । सावधान - फतमन वावऩस न राएीं

वविेष- फतमन जजतने िाभ आने वारा होगा पर उतना फटढ़मा होगा।

5. वषमपर भें याहु भींदा होने ऩय, फच्चा ऩैदा होने से ऩहरे जौ िा ऩानी फोतर भें फन्द ियिे यि रें। फच्चे िी ऩैदाइि आयाभ से होगी।

6. सींतान िी सयु ऺा िे लरए मटद घय से १०० टदन मा अगधि सभम िे लरए फाहय जाना हो तो नदी ऩाय ियते सभम ताींम्फे िा लसतिा नदी भें डारे।

7. टदन भें भीठी योटटमाीं फना (िेवर तन्दयु भें) (रोहे ऩय िदावऩ नहीीं) दयवेि िुत्ते िो खिरामें।

8. मटद फच्चे न फचते हों, ऩैदा होते ही भयते हो तो वह लभट्टी िी जगह नभिीन योटटमाीं खिरामे। 9. धभमस्थान भें ऩैदा फारि रम्फे आमु िा होगा।

10 िुनतमा िा नय फच्चा जो अऩने सभम भें अिेरा ही ऩैद हुआ हो, यिने से ऩरयवाय िी फयित फढ़ती है । 11 िेतु उच्च वारा जाति फच्चों िी ऩैदाईि व ऩारने से फयित ऩामेगा। सन्तान िी हानन

1. मटद न.3 िा स्वाभी 1से 5 भें हो तो ऩहरी सन्तान िो हानन ियता है । 2. याहु न. 5 बी गबमऩात ियवाता है जफ िनन नीच िा ऩड़ा हो। सन्तान चन्र िुण्डरी िा सन्तान से िोई सम्फन्ध नहीीं। ग्रह फनावटी हारात (इिट्डे ) प्रबाव

फह ु ,म िक्र ु सन्तान िी उत्ऩनत ऩयन्तु जीववत यहें गे िी ितम नहीीं। ृ स्ऩनत सम सम ू म िक्र ु , फध ु सेहत भींद नय सन्तान।

चन्र सम ू ,म फह ु , दो सन्तान (बाई फहन)। ृ स्ऩनत धन दौरत तथा ऩैति ृ िब िक्र ु याहू, िेतू ग्रहस्थी सि ु भगय सन्तान, उत्त्ऩनत भें ियाफी भींगर सम ु ,म फध ु (िब ु )

सम ू म िनन (फींद) सन्तान ऩय सन्तान, दनु नमा भें िुफ नाभ िभामेंगी। फध ु फह ृ स्ऩनत, याहू रड़किमा, सन्तान ऩैदा ेेयने िी िजतत भें िभी।

िनन िक्र ु , फह ृ स्ऩनत सन्तान ऩैदा होने िा सभम िष्ट मानन जामदादी, (िेतु स्वबाव) भौत िा फहाना, फीभायी। भींगर, फध ु

(याहू स्वबाव) याहू भींगर, िनन (उच्च) सम ू म िनन

(नीच) फह ृ स्ऩनत से उल्ट प्रबाव मटद सन्तान दे य से, रड़किमाीं, बच ू ार आना आटद। िेतू िक्र ु , िनन

(उच्च)

चन्र, िनन

(नीच) दे य तथा िभ सन्तान भगय िभार िी ितम मे कि िब ु ग्रह िी दृजष्ट िेतू ऩय न ऩड़े।

वविेष:- 1. जफ फह ू ,म िक्र ु , फध ु सफ िामभ हों। ृ स्ऩनत, सम 2. िेवर फह ू म मा दोनों िामभ हों। ृ स्ऩनत मा सम 3. िक्र ु , फध ु िे ऩतिे घयों भें जफ भींगर हो।

4. भींगर, फध ु , िक्र ु , याहु िे साथ हो मा उनिे ऩतिे घयों भे िनन हो।

5. भींगर, िनन दोनों एि स्थान ऩय अऩनी सन्तान तो ठीि सभम ऩय ऩयन्तु ऩोते दे य भें ।

6. नय ग्रह चन्र सटहत तो सन्तान दीघाममु हो। 7. न. 5 भें ऩाऩी ग्रह मा िेतु तो सन्तान नष्ट।

7. िक्र ु , फध ु , भींगर तीन न. 3 भें , न. 11 िारी हो तो वववाह औय सन्तान भें फाधाए िड़ी हो।

9. सम ू म 6, भींगर 10 मा 11 औय चन्र नष्ट तो सन्तान नष्ट ।

10. जजस टे वे भें, िनन, भसनई ू (भींगर फध ु ) याहु स्वबाव होगा वहाीं सन्तान नष्ट होगी।

मािा हवाई - फह ु ी - चन्र से, िुश्िी - िक्र ु से दे िी जाती है । साभान्म मािा, तफदीरी िेतु से दे िी जाती है । ृ स्ऩनत से, सभर िेतु

न. 1 - मटद िेतु न. 1 हो वषमपर िे अनस ु ाय तो मािा िे लरए, ब्रफस्तय फींध है, आदे ि हो चुिा है, ऩयन्तु अन्त भें मािा नहीीं होगी, मटद होगी तो वावऩस आना ऩड़ेगा,

न. 2 - उन्ननत ऩािय मािा होगी, होगी तो दोनों फाते हागी नही तो एि बी नहीीं होगी। जफकि न. 8 भन्दा न हो। न. 3 - बाई फन्धऔ ु ीं से दयू ऩयदे ि िा जीवन ब्रफताना ऩड़ेगा जफकि न. 9 िारी हो।

न. 4 - मद्मवऩ मािा नहीीं होगी, मटद होती तो जहाीं भाता यह यही है वहा ति िी हागी, स्थान िा ऩरयवतमन औय भन्दी मािा नहीीं होगी जफ कि न. 10 ठीि हो।

न.5 - स्थान मा नगय िा ऩरयवतमन तो िबी दे िा नहीीं गमा ववबाग िे अन्दय उसी िहय भें किसी दस ू ये िभये फैठना ऩड़ जामें, मह ऩरयवतमन भन्दा नहीीं होगा, मटद फह ृ स्ऩनत नेि हो।

न.6 - मािा िा आदे ि जायी होिय एि फाय तो अवश्म यद्म होगा जफकि न. 12 भें िोई न िोई ग्रह अवश्म फैठा हो।

न.7 - जद्मी घय - फाय िी मािा अवश्म होगी, उन्ननत िी ितम नहीीं , जाति मटद आऩ न जामे तो फीभाय होिय जाना ऩड़े, नगय िा ऩरयविन जरूय होगा ऩरयणाभ ठीि होगा, न. १ ठीि होना चाटहए िोई नीच ग्रह न. 1 िा भन्दा न िय यहा हो।

न.8 - वविेष प्रसन्नता िी मािा नहीीं होगी, इच्छा िे ववरूद्ध भन्दी मािा होगी, मटद न. 11 भें िेतु िा ििु चींर, भींगर न हों िेतु िी इस भन्दी हवा िा असय िेतु िी चीजें (ऩि ु , िान, याठी िी हड्डी, जोड़ो िा ददम) ऩय बी हो सिता है । उससे फचाव िे लरए चन्र िा उऩाम जरूयी।

उऩाम :भजन्दय भें मा िुत्तों िा 15 टदन दध ू दे ता यहे ।

न.9- अऩनी इच्छा से प्रसन्नता से अऩनी जद्मी घय फाय िी मािा होगी ऩरयणाभ ठीि होंगे, जफकि न. ३ िा फयु ा प्रबाव ऩड़ यहा हो।

न. 10 - मािा ब्रफना सभ िी होगी, िनन िब ु तो दो गण ु ा राब अिब ु तो हानन, न. ८ भन्दा तो अवश्म भन्दा महाीं न. २ िे ग्रह सहामि होंगें ।

न. 11 - मािा िा ओदि फड़े अगधिायी से चरिय नीचे ति ऩहुच नहीीं सिेगा टदिावटी टहर जुर होगी।

न. 12 - अऩने ऩरयवाय िे साथ सि ु से यहने िा सभम होगा, उन्ननत अवश्म ितमन नहीीं मटद मािा ियनी बी ऩड़ जामें जो राब दामेि होगी जफकि न. 2, 6 िब ु हो। ववदे िम मािा

1. िेतु न. 12 हो तो ववदे ि मा अन्म मािाएीं अगधि ियनी ऩड़ती हैं।

2. याहु न. 6 भें औय न. 12 भें जफ याहु िे ििु ग्रह िक्र ु , भींगर औय सम ु म आ जामे तफ ववदे ि मािा िा मोग फनता है ।

3. िनन न. 12 िे सभम बी ववदे ि मािा िा मोग फन्ता है ।

1. Take horn of a jackal and keep it in the vermillion. If the horn is real the quantity of vermillion will keep on decreasing. Keep in mind the vermillion remains, it does not totally vanish; so continue putting vermillion in it. Till that time, you continue putting vermillion, there will not be shortage of wealth. 2.

The following tips provide you success in your court cases and monetary benefit.

a.

Cat’s Nal obtained on Saturday should be kept in the cash box. It increases your wealth.

b.

If you keep a one eyed coconut in your house, the goddess Lakshmi is always kind to you.

c. If you get an old white flower – Aak plant, begin to dig it at the root. After digging for about 7-8 feet you will find a seven-par-knot, on which there will be a figure of the god Ganesh. Bring it home, get it bathed, worship it in sixteen kind and then establish a throne, It always increases wealth and happiness d. ON Sunday, when there is Pushya Nakshtra, take the nail of right feet of a black crow and keep it in your purse, cash box or treasury. It increases your wealth. e. Form the figure of the god Ganesh, on the root of white aak, with a knife and worship it. It increases your wealth, happiness and profit and brings prosperity.

Tips to obtain Savings & Prosperity

1. To increase your savings, keep a square piece of silver in honey in a steel utensil, in your house; it increases savings and wealth. अऩना भिान िफ फनेगा भिान िनन िी चीज है वही भिान फनवाता है औय गगयवाता है जफ िनन उच्च िो होगा तो िुफ भिान फनेगे औ जफ नीच िा मा किसी अन्म ग्रह िे मोग से नीच हो यहा हो तो भिान गगयते है बच ू ार आते है ।

िनन न. 1 जाति मटद भिान फनामे तो ननधमन (सफ िुछ फफामद) हो जामे ऩयन्तु मटद िनन िब ु (न. 7, 10 िारी) तो ठीि।

िनन न. 2 भिान जफ औय जैसा फने फन जाने दे , उत्तभ ही होगा।

िनन न. 3 तीन िुत्तों िो घय भें ऩारे तो भिान फनेगा, नहीीं तो गयीफी िा िुत्ता बौिता यहे गा।

िनन न. 4 अऩने फनामे भिान, नानिो मा ससयु ार िे लरमे अच्छे नहीीं होते, भिान िी नीींव िोदते ही, नानिों भें मा ससयु ार भें , गड़फड़ िरू ु हो जावे दोनों फफामदी िी ओय चर ऩड़ेंगे। इसलरए िनन न. 4 वारे िो अऩना भिान नहीीं फनवाना चाटहए।

िनन न. 5 आऩ फनामे भिान सन्तान िी फलर रेंगे ऩयन्तु सन्तान िे फनामे भिान जाति िे लरमे िब ु होंगे। मटद

भिान ही फनाना घड़ जाए तो 48 वष्र िी आमु िे फाद फनवाएीं। औय बैंसा घय भें रा उस िी ऩज ू ा िय िे खिरा वऩरा िय दाग टदरवा िय छोड़े, कपय फनाए।

िनन न. 6 िनन िी अवगध 36 फजल्ि 39 वषम िी आमु िे फाद ही भिान फनाना उगचत होगा, मटद ऩटहरे फना रे तो अऩनी रड़िी िे रयश्तेदायों िो फफामद िय दे गा।

िनन न. 7 फने फनामे भिान अगधि लभरेंगे जो िब ु होगा, मटद ब्रफिने रगे तो सफसे ऩयु ाने भिान िी दहरीज (चौिट) सींबारिय यिे तो, कपय उतने ही भिान फन जामेगें।

िनन न. 8 ज्मों ही भिान फनाना िरू ु िये गा, भत्ृ मु लसय ऩय भींडयाने रगेगी, महाीं िनन िा असय, याहु व िेतु िा जस्थनत िे अनस ु ाय होगा।

िनन न. 9 जाति िी अऩनी स्िी मा भाता िे गबम भें फच्चा हो औय वह भिान फनाना िरू ु िय दे (अऩनी िभाई से) तो वऩता ऩय फयु ा असय ऩड़ता है जफ जाति िे तीन भिान फन जाए तो वऩता िी भत्ृ मु ननजश्चत ।

िनन न. 10 जफ ति भिान फना मा ियीद नहीीं लरमा जाता तफ ति धन िुफ आता है ऩयन्तु फनने ऩय जाति

ननधमन हो जामेगा, जफ िनन किसी िायण भन्दा हो यहा हो नही ेींतो अधुया यह जामेगा। मटद फनाना ही है तो 36 से 48 वषम िी आमु भें ऩयु ा िय रें।

िनन न. 11 प्राम: 55 वष्र आमु िे फाद ही भिान फनेगा, ध्मान यहे मटद दक्षऺण द्वाय फारे भिान िे रयमाइि िये गा

तो फहुत रम्फे सभम ति फीभाय यह िय गर सड़ िय भयना ऩड़ेगा। मटद ऩहरे फनाना है तो 36 वषम िी आमु से ऩहरे फना रे।

िनन न. 12 िनन साींऩ, सम ू -म फन्दय, िबी अऩना भिान ब्रफर, नहीीं फनाते, ऩयन्तु अफ भिान फनाना सीि रेंगे अथामत अफ भिान अऩने आऩ, ब्रफना इच्छा से फनेंग,े औय जाति िे लरए िब ु होंगें । चाहे िनन िे साथ सम ू म बी तमों न ऩड़ा

हो। जाति िो चाटहए कि फनते भिान िो योिे भत जैसा फन यहा है फनने दे । चौिोणा भिान जजसिा प्रत्मेि िोण 90 डडग्री िे हो अनत उत्तभ होता है । ग्रह िा असय भिान ऩय

जन्भ िुण्डरी िे अनस ु ाय िाना न. 1 से 9 िे ग्रह अऩना अऩना असय भिान भें दाखिर होते सभम दामे हाथ िी

टदिा िा 10 से 12 िानों भें फैठे ग्रह भिान िे फामे तयप अऩना असय टदिाते हैं। िाना न. 2 भिान िी हारत तथा िाना न. 7 भिान िा सि ु दि ु फताता है ।

उदाहयण - मटद िनन 4 औय सम ू म 2 तो भिान भें दखिर होतो हुए दामे हाथ िी छतों िे टहसाफ से दस ू यी िोठयी भें सम ू म (अनाज, गड ु मा टदिावे िी धऩ ू ) आटद तथा फामें हाथ िे चौथे न. िी िोठयी भें िनन (सन्दि ू , रोहा, रिड़ी) होगी। आगय जाति िा िोई चाचा हो तो उस िी भत्ृ मु िनन वारे िभये भें ननजश्चत। इसी प्रिाय िाना न. 2 भें सम ू म सम्फजन्धत िामम िा, िाना 5 भें िारी से फीभाय िा यात िो ऩानी भाींगते ही सभम व्मतीत होगा।

वषमपर िे टहसाफ से िनन अफ याहु, िेतु िे सम्फन्ध से नेि स्वबाव िा हो औय दृजष्ट िे टहसाफ से मा वैसे ही याहु िेतु िे साथ फैठा हो तो भिान ही भिान फनवामे रेकिन जफ िेवर याहु, िेतु िे साथ हो तो भिान फफामद औय

गगयवा दे गा। ऩष्ु म नऺि से िरू ु िय इसी नऺि भें ऩण ू म किमा भिान अनत उत्तभ होता है तथा ऩण ू म होने ऩय भिान िी प्रनतष्ठाेा ऩय िैयात ियना अनत आवश्मि है ।

वविेष : भिान िी फनु नमाद यिने से ऩहरे तह जभीन िे ईद गगदम हालिमा डार िय उस िे फीचोफीच चन्र िी चीजों से बया फतमन 40-43 टदन ति दफा िय िानदानी नेि ऩरयणाभ दे ि रेना आवश्मि तमोंकि फतमन दफाने िे टदन से

िरू ु ियिे जन्भ िुण्डरी भें िनन होने िे घय न. िे टदन ति िनन अऩना अच्छा मा फयु ा असय जरूय टदिाएगा। भींदा असय मानन फीभायी, भि ु दभा, झगड़ा मा िोई औय रानत) जाटहय होते ही वह फतमन ननिार िय चरते ऩानी (नदी मा नारे) भें गगया दे मा फहा दें । गींदा असय फन्द होगा। इस जगह भिान फनाना जाति िे लरए उगचत नहीीं मानन

िानदान िी फफामदी होगी। भिान िी नीींच डारने िे टदन से 3 मा 18 सार िे सभम भें भिान अऩना असय जरूय डरेगा।

भिान िैसा हो िब ु रग्न औय नेि िगन ु भें िरू ु किमे भिान िे लरए ननम्न सावधाननमाीं जरूयी हैं। िोने-

जभीन िे टुिड़ों िो एि गगन उस िे िोने दे िो। चाय िोने वारा (90 डडगयी) िा भिान सवोत्त्भ है आठ िोनो वारा भातभी मा फीभायी दे ने वारा, अठायह िोनो वारा तो फह ृ स्ऩनत (सोना, चाींदी) फयफाद), तीन मा तेयह िोनो वारा तो

भींगर फन्द, बाई फन्धओ ु ीं िो आपते, भौतें आग, पाींसी ऩाींच िोनों वारा तो सन्तान िा दि ु वा फयफादी, भध्म से फाहय मा भछरी िी ऩेट िी तयह उठा हुआ भिान िानदान घटे गा मानी दादा तीन, फाऩ दो, स्वमीं अिेरा औय

नन:सन्तान तथा फाहू िटे भद ु े िी ितर िा भिान भें मटद भें िाटद हो तो भौते, स्िी फेवा िो छोड़ िेष भिान उत्तभ होंगें ।

दीवायें -

िोने दे िने िे फाद, भिान फनाने िे ऩहरे दीवायों िा ऺेिपर औय नीींव छोड़िय हये ि टहस्सा मा िभये िा अींदरूनी

ऺेिपर अरग अरग दे िा जाए तो जाति (भालरि भिान) िे अऩने हाथों िा ऺेिपर बी दे िा जाए। उस िा हाथ चाहे 18,१९ मा 17 इींच िा हो ऩैभाना उस िे हाथ िी रम्फाई िा हो। तयीिा : (रम्फाई चौड़ाई) 3) - 1 मटद रम्फाई 15, चौड़ाई 7 तो िेष फचा 1

ऩरयणाभ : मटद िेष 1, 3, 5, 7 तो नेि 0, 2, 4, 6, 8 तो भींदा िेष

1 (फह ु ,म िाना न. १) भिान, भिानों भें याज भहर जैसा होगा। ृ ., सम

2. (फह ु िाना न. ६) िुता, गयीफ होगा (िेतु ६ मा फह ु (६) िा ृ स्ऩनत, िक्र ृ स्ऩनत िक्र उऩाम ियें ।

3. (भींगर, फ.ृ िाना न० 3) िेय िी बाींनत, उत्तभ फैठि, दि ू ान व्माऩाय िे लरए

अनत उत्तभ, ऩयन्तु जस्िमों, फच्चों िे लरए अिब ु । ननसन्तान दम्ऩनत िे लरए उत्तभ। फच्चों िे साथ यहने िी

हारात भें फह ृ स्ऩनत िे ऩीरे पूर िामभ ियो। जहाीं ति हो सन्तानवान इस भिान से दयू यहे । अिेरी स्िी वा फच्चों से दयू स्िी िे लरए िोई िष्ट नहीीं।

4. (िनन, चन्र िाना न. 4) गधे िे सभान भेहनत िे फावजद ू दो जून िी योटी दम ब ु य। (चन्र िनन िाना न. 4 िा उऩाम ियें ।)

5. (फह ू म िाना न.5) गाम सभान, स्िी फच्चे सफ सि ु ऩामेंगे। ृ स्ऩनत, सम

6. (सम ू ,म िनन िाना न. 6) भस ु ाकपय मानन न भाता यहे, न वऩता सि ु रे, न

औराद िो आयाभ, न दोस्त िा साथ, भाया भाया घभ ू ें । (सम ू म िनन (6) िा उऩाम िये )। 7. (चन्र, िक्र ु िाना न. 7) हाथी सभान, उत्तभ।

8 (भींगर िनन िाना न. 8) चीर सभान मानन भौत िा भख् ु मारम (भींगर िक्र ु (8) िा उऩाम)। भख् ु म द्वाय -

1 ऩव ू म भें उत्तभ, नेि व्मजतत आए जाए, सि ु हो। 2 ऩजश्चभ भें दस ू ये दजे िा उत्तभ।

3 उत्तय भें नेि, रम्फे सपय, ऩज ू ा ऩाठ नेि िामम िे लरए आने जाने िा यास्ता जो ऩयरोि सध ु ाये ।

4 दक्षऺण भें भनहुस, औयत िे लरए भौत िा िायण, भौत िी

जगह, छड़ों (िुवायों) िा तफैरा मा यीं डवों िे अपसोस िी जगह।

उऩाम:- हय वषम मा िबी िबाय फियी दान िये , फध ु िी चीजें िच्ची िाभ िो दें ताकि फीभायी, छे ड़छाड़ी, धन हानन न हो।

िडडमा -

तमोंकि आजिर रैण्टय डारा जाता है अत: िडड़मों िे स्थान ऩय सरयमों िी गगनती िी जामेगी।

ि् ेुर िडडमों (सरयमों) िा 4 से बाग दे ने ऩय जो िेष फचे मानन 1 याजा िा स्वबाव; 2 मभदत ू ; 3 याजमोग। वविेष: 1. भिान भें सीधे मा आभ यास्ते से सीधी हवा िा आना फच्चों िे लरए भस ु ीफत

िड़ी िये गी मा (गरी िा आियी भिान जहाीं से आगे यास्ता न हो। फार फच्चें , स्िी फफामद, याहु िेतु िे भींदे असय से भिान िा प्रबाव फयु ा। भस ु ीफते ही भस ु ीफते िेवर अन्धें मा यन्डवी ही यहे तथा अऩनी जोडो िी भालरि ियवाने िे लरए।

2. यात िो सोते वतत लसयहाना ऩव ू म भें होना उत्तभ। तमोंकि टदन भें टदभाग ने िामम किमा (सम ू म िी भदद), यात िो आत्भा ने िामम सम्बारा (चन्र िी भदद) इसलरमे ऩाव िा दक्षऺण तथा ऩव ू म भें सोते सभम होना भनहुस है इस िा उत्तय भें होना नेि ही होगा। तमोंकि रूहानी िाभ चाहे लसय से िये मा ऩैय से मा हाथ से ियें ।

3. भिान िे अन्दय िी चीजे तबी िब ु असय दें गी जफ फैठि ऩव ू म िी दीवाय भें, यसोई (आग) दक्षऺण मा दक्षऺण ऩव ू म भें, ऩानी (गस ु र), ऩज ू ा ऩाठ िा िभया उत्तय भें मा ऩव ू म भें, िजाना, धन दौरत दक्षऺण मा दक्षऺण ऩजश्चभ भें हो। भेहभानिानों ऩजश्चभी िोने भें उत्तभ होगा।

4. भिान से ननिरते वतत दामे हाथ िा ऩानी, फामें हाथ मा ऩीठ िे ऩीछे आग उत्तभ। 5. भिान िे नजदीि ऩीऩर िा ऩेड़ हो तो उस िी सेवा मा जड़ों भें जर दे ना जरूयी अन्मथा जहाीं ति उस िा सामा जामे वहाीं ति तफाही मा फफामदी भचा दे । नजदीिी िुएीं भें श्रद्धा बाव से थोड़ा दध ु डारा तो ठीि अन्मथा भींदा किमा

तो तफाही। िीिय िे ऩेड़ ऩय सम ु ोदम से ऩव ू म तायों िी छाींव (अन्धेये भें) 40 टदन िननवाय िो ऩानी दे ने से ही जाति िा फचाव होगा।

भिान भें ग्रह चार से हय िोना व टदि। किसी न किसी ग्रह िे लरए ऩतिी तयह से ननजश्चत हैं। इस भें ग्रह से

सम्फजन्धत वस्तए ु ीं बी है । मटद भिान भें ग्रह िे सम्फजन्धत ऩतिी जगह ऩय िक्र ु ग्रह िी चीज िामभ ियें तो जाति िो नि ु सान होने िी सम्बावना है । जैसे कि चन्र िे लरए िाना ४ (उत्तय ऩव ू ी िोना) भें रोहे िा सन्दि ू रा िय यि दे ेींतो चन्र िा पर भींदा होगा मानन जाति िो चन्र आयाभ न दे गा। भिान िे फाये भें सावधाननमाीं

1. भिान भे प्रवेि ियते सभम, ऩहरे ही छते हुए बाग भें जभीन िोद िय बट्ठी फनारी जामे मा व्माह, िाटदमों भें

उसिा प्रमोग ियिे फन्द िय दी जामे तो जफ बी उस घय भें भींगर न. ८ वारा फच्चा उत्ऩन्न होगा तो अऩने वींि िी ऐसी फफामदी िरू ु िये गा कि रोग िहें गें कि अचानि सफिे साथ बट्ठी भें ऩड़ गमे हैं। अत: मटद ऐसी बट्ठी घय भें है तो उसे िोदिय जरी हुई लभट्टी िो ताराफ मा नदी िे गगया दें ।

2. मटद भिान भे भनू तममाीं स्थावऩत ियिे भींटदय फना लरमा जामे अैय गचभटे घटों मा घींटटमाीं फजािय ऩज ू ा ियनी िरू ु िय दी जामे तो उस घय भें ननसन्तानी िा घण्टा फज जामेगा।

वविेष- जफ फह ृ स्ऩनत न. 7 भें हों । िागज िी पोटों िा िोई वहभ नहीीं होगा। ऩयन्तु धूऩ फत्ती नहीीं ियनी अथामत उनिी ऩज ू ा ननलिद्ध है ।

3. भिान भें प्रवेि ियते, सभम दामें हाथ ऩय भिान िे अन्त भें एि अन्धेयी िोठयी प्राम: हुआ ियती है जजसभें एि दयवाजा ही होता है प्रिाि/हवा जाने िा िोई यास्ता नहीीं (योिनदान) नहीीं होता। मटद उस िाठयी भें प्रिाि िे लरए

योिनदान मा छत्त भें योिन दान ननिार लरमा जावे तो व वींि फयफाद हो जामेगा तमोंकि अींधेयी िोठयी िनन है औय प्रिाि सम ू म है अत: दोनो टियवा से स्िी सि ु नष्ट धन सम्ऩनत नष्ट हो जाती है । मटद किसी िायण उसिी छत फदरनी ऩड़ जामे तो ऩहरे उस ऩय छत डार दे (ऊींची छत) कपय वह छत फदर रें।

4. भिान भें प्राम: िई फाय दीवायों भें आरे (गप्ु त स्थान) यि लरमा ियते थे, उन्हे िारी न यिें । मटद घय भें जेवयों,

निदी िे लरए छुऩे हुए गड्डे फने हो तथा अफ उन भें िीभती चीजे न यिी हों तो 'िारी फध ु ` फोरेगा मानन भालरि मा जाति िेवर िारी फात िये गा मा तो उन्हें फन्द िय दें मा उनभें फादाभ, छुआये आटद यि दें , चाहे दध ू ही हो।

5 भिान िे पिम भें मटद िच्चा टहस्सा ब्रफल्िुर न हो तो िक्र ु िा पर नीच होता है । जस्िमों िी सेहत ठीि नहीीं

यहती, धन सम्ऩजत्त बी नहीीं टटिेगी। मटद किसी िायण पिम िच्चा न यिा जा सिे तो उस घय भें िक्र ु िी चीजें, िेती फाड़ी मा फसाती िा साभान, रार ज्वाय, दही मा हीया आटद यि रे अथवा किसी लभट्टी िे गभरे भें लभट्टी ही डारिय यि रें। इस ग्रहस्थ जस्िमों िा भान, सेहत तथा धन सयु क्षऺत होगा।

6 दक्षऺण भें भख् ु म द्वाया वारा भिान जस्िमों िे लरए वविेष रूऩ से भनहुस होता है , उसभें ऩरू ु ष (यन्डवों िो छोड़िय) बी िोई वविेष सि ु नहीीं बोगते। अत: भख् ु म द्वाय दक्षऺण से हटािय किसी औय टदिा भें ऩव ू ,म ऩजश्चभ भें िय रें। मटद न हटा सिे तो उसिे उऩय िे बाग भें ताम्फें िा ऩतया, ताम्फे िी िीरों से गड़वा दें ।

वविेष - भरास ( जो दक्षऺण बायत िा टहस्सा है) इस से वहभ न ियें भगय नेि हारत िभ ही होगी। General Remedies रार किताफ िे उऩचाय

वजजमत दान (ग्रहानस ु ाय) जो ग्रह किसी जाति िा उच्च िा अऩने घय िा हो उस ग्रह िी वस्तओ ु ीं िा दान उस जाति िो नहीीं ियना चाटहए।

भान रो किसी जाति िा चन्र नीं. 2, 4 है तो उसे दध ू , चावर, चाींदी मा भोती िा दान िबी नहीीं ियना चाटहए। इसी

प्रिाय किसी िा भींगर ् श्रेष्ठ मानन उच्च हो तो उसे लभठाई िा दान नहीीं ियना चाटहए। किसी िा सम ू म उच्च िा हो उसे गड ु मा गेहूीं िा दान नहीीं ियना चाटहए। फध ु श्रेष्ठ वारे िो भग ूीं साफत ू , हया िऩड़ा, िरभ, पूर, भिरूभ (िुम्फ) तथा घड़ा आटद िा दान नहीीं ियना चाटहए। इसी प्रिाय फह ु ति; िक्र ु उच्च वारे िो ृ स्ऩनत उच्च भें सोना, ऩीरी वस्त,ु ऩस्

लसरे हुए िऩड़े औय िनन उच्च वारे िो ियाफ, भाींस, अण्डा, तेर मा रोहे िा दान नहीीं ियना चाटहए। इसी प्रिाय मटद मे ग्रह अिब ु मा नीच ऩड़े हो तो इन ग्रहों िी वस्तओ ु ीं िा दान मा भफ् ु त भें, नहीीं रेना चाटहए। भजन्दय जाना वजजमत

जफ किसी जाति िा दस ू या घय नीं. 2 िारी हो औय उसिे आठवें घय भें ऩाऩी ग्रह वविेष रूऩ से िनन आ फैठे तो उस जाति िो भजन्दय नहीीं जाना चाटहए। फाहय से ही अऩने इष्टदे व िो नभस्िाय िय दे ना चाटहए। नीं. 6, 8,12 भें ििु ग्रह फैठे हो औय नीं. 2 िारी हो तफ बी जाति िे लरए भजन्दय जाना वजजमत है ।

1. चन्र न. 6 वारा व्मजतत मटद दध ू मा ऩानी िा दान िये मा िुआीं, नर, ताराफ रगवामे मा उनिी भयम्भत ियवामे तो टदन प्रनतटदन उस िा ऩरयवाय घटता यहे गा, भत्ृ मु सय ऩय भड़याती यहे गी। (िभिान/अस्ऩतार भें नर िा िोई वहभ नहीीं)।

2. िनन 8 वारा व्मजतत मटद सयाम, धभमिारा, मािी ननवास फनामे तो आऩ फेघय औय ननधमन हो जामे।

3. िनन न. 1 फह ृ स्ऩनत न. 5 लबिायी िो मटद ताम्फें िा ऩैसा मा ताम्फे िा फतमन दे तो सन्तान नष्ट हो। 4. फह ू ा स्थान फनवामे तो झठ ु े आयोऩों भें पाींसी ति ऩा सिता है। ृ स्ऩनत 10 चन्र 4 मटद ऩज

5. िक्र ु 9 वारा व्मजतत मटद अनाथ फच्चों िो गोद रेरे मा उन्हे आने ऩास यिे तो उसिी लभट्टी ियाफ।

6. चन्र न. 12 वारा मटद धभामत्भा मा साधु िो प्रनतटदन योटी खिरामे, दध ू वऩरामे, मा फच्चों िो ननिल् ु ि लिऺा िा प्रफन्ध िये मा स्िूर ऩाठिारा आटद िोरे तो ऐसा िष्ट ऩामेगा कि अन्त सभम िोई ऩानी ति दे ने वारा नहीीं होगा।

7. फह ृ स्ऩनत 7 वारा व्मजतत किसी िो वस्ि दान न िये मटद िये गा तो आऩ ननमवस्ि हो जामेगा। 8. सम ु म 7, 8 सफ ु ह िाभ िा दान जहय फयाफय। िुछ वविेष मोग

1. सम ू ,म िनन िे साथ मटद िक्र ु , िेत,ु चन्र तो क्रभि: स्िी, ऩि ु , भाता, िष्ट भें होने िी सम्बावना।

2. सम ू म भींगर िे साथ मटद िक्र ु , िेत,ु चन्र तो क्रभि: स्िी, ऩि ु भाता, वऩता (फारि िी २२ -२४) वषम आमु भें फीभाय 3. िक्र ु 3, सम ू ,म चन्र, िेतु 9 तो किसी स्िी िे भाध्मभ से 22 से 24 वषम आमु भेेेेीं ववदे ि मािा िा ननभींिण प्राप्त होगा।

4. चन्र िेतु दोनों साथ हो तो भाता ऩि ु दोनों िष्ट भें,

5. िेतु न. 4, याहु न. 10 तो सन्तान 34 - 42 वषम आमु भें मटद ऩटहरे हो तो वह अऩना फीज नहीीं। 6. फह ृ स्ऩनत 6 तो वऩता िो साींसा िी फीभायी (दभा नहीीं) सोना िो जामे।

7. फध ु 2 तो घय भें सत ू ननवाय िे गोरे ऩड़े होते हैं उनिी िोर दें तमोंकि बाग्म उनभे लरऩटा हुआ है । 8. चन्र 6 तो भाता िो िष्ट, सन्तान िे लरए ियगोि ऩारे, भय जामे तो दस ू या रे आमे। 9. फह ू ाीं धायण िये । ृ स्ऩनत 7 तो वऩता से िभ ऩटती है अत: भग

10. िक्र ु िेतु औय 5वाीं घय भन्दा तो सन्तान िे लरए ियगोि ऩारे, भय जामे तो दस ू या रे आमे।

11. िक्र ु िेतु मटद वववाह न ियवामे तो अन्धा हो जावे। वषमपर िे अनस ु ाय जफ न. 8 िा ग्रह न. 2 भें आता है तो बाग्मोदम होता है । फह ृ स्ऩनत जफ न. 1, 4,9 भें आते है तो वविष िुिी दे ते

हैं। अिेरा िक्र ु जफ न. 2,4,7 भें होगा, तो जाति िी िई ऩत्नीमाीं होगी औय जीवीत होगी।

12. सम ू म िक्र ु तो स्िी फीभाय िन ू िी फीभायी, आप्रेिन से भत्ृ म,ु ऩि ु 2, अिेरा फध ु जफ 1,5,9,12 भें हो तो एि ही स्िी होगी सन्तान हो मा न हो।

13. भींगर न. 6 तो चाचे दो, बाई दो

14. िक्र ु न. 2 तो ससयु ार िे लरए ननिम्भा 15. िेतु 9 तो भाभा नानिों ऩय बायी

16. िनन औय चन्र िो टियाव आने ऩय आींिो िा आप्रेिन

17. िनन, फह ृ स्ऩनत िे लभरने ऩय भिान फने ऩयन्तु अऩनी स्िी नायाज

18. याहु 5 तो सन्तान ऩय ब्रफजरी िा िाभ िये , (वषमपर िे अनस ु ाय 8 वें घय भें िेतु हो तो ऩि ु ऩय, 8 वें घय भें फध ु हो तो ऩि ु ी ऩय)

19. सम ू म 6, फध ु 12 तो हाई ब्रड प्रेिय

20. सम ू म 6, िनन 12 तो ऩत्नी िी भत्ृ मु

21. िक्र ु 3 तो अऩना भिान न फनामे, मटद फनामेगा तो उजड़ जामेगा। 22. िक्र ु तो ववधवा स्िी से प्माय फफामदी िा िायण फनेगा। 23. िक्र ु न. 7 बाग्मोदम वववाह िे फाद

24. जफ फह ु 1, 7 भें आते है तो वववाह िा मोग फनता है , वववाह िे फाद जफ वे उन घयों भें आते है तो ृ स्ऩनत औय िक्र बी िब ु पर दे ते है फह ु दे मा न दे । ृ स्ऩनत अवश्म दे ते है िक्र

25. मटद लभथुन रग्न िी िुण्डरी है औय रग्न िा स्वाभी (फध ु ) नीं. 11 भें हो औय फध ु िे साथ सम ू म हो औय फह ृ स्ऩनत िी दृजष्ट रग्न ऩय ऩड़ यही हो तो जाति िो प्रत्मेि िामम सपरता प्राप्त होती यहती है ।

26. मटद लभथुन रग्न िी िुण्डरी है औय रग्न िा स्वाभी (फध ु ) नीं. 11 भें हो औय फध ु िे साथ सम ू म हो औय फह ृ स्ऩनत िी दृजष्ट रग्न ऩय ऩड़ यही हो तो जाति िो प्रत्मेि िामम भें सपरता प्राप्त होती यहती है ।

27. रग्न तर ु ा हो, रग्नेि औय ऩींचभेि िी मनु त हो यही हो तो बी जाति िो ज्मोनति भें रूगच होती है ।

28. िुण्डरी भें जफ धनु िे चन्र, औय ििम िे फह ृ स्ऩनत हो तो जाति उच्च िोटट िा साटहत्मिाय होता है ।

29. िुम्ब रग्न भें भींगर औय िक्र ु दोनों जस्थत हो तो जाति अत्मगधि िाभी होता है । व्मलबचाय िे िायण उसे जेर ति जाना ऩड़ सिता है ।

30. नीं. 5 भें भींगर, िेतु मा सम ू म हो तो जाति िा ऩि ु उसिी प्रनतष्ठाेा िो धब्फा रगाने वारा होता है ।

31. वजृ े चि रग्न हो, रग्न भें सम ू म औय रग्नेि (भींगर) नीं. २ भें हो, फध ु साथ हो तो जाति मव ु ावस्था भें ही ऩागर हो जाता है । िायागाय भें जीवन व्मतीत िये ।

32. भीन रग्न हो, रग्न भें भींगर हो तो िुण्डरी लभरामे ब्रफना वववाह भत ियें । मटद िये गा तो छ: भाह भें तराि हो जामेंगा।

33. िाना नीं. 9 भें नीच िा िनन हो औय नीं. 12 भें ििम यालि िा भींगर हो अथवा इनिे साथ साथ नीं. 10 भें याहु हो तो जाति िा वऩता ननधमन हो जाता है । जाति िो बी िटठनाई से जीवनमाऩन ियना ऩड़ता है। 34. मटद तीसये घय िा स्वाभी 1 से 5 हो तो प्रथभ सन्तान िो हानन ियता है ।

35. िनन नीं. 3 हो तो जाति िी योटी अच्छी ऩयन्तु निद धन िी िभी यहती है ।

36. मटद िुण्डरी भें जाति िी िुण्डरी ििम रग्न िी हो, अथामत ऩटहरे घय िा अींि हो दस ू या घय भें याहू, आठवें घय भें फध ु हो औय नौंवें घय भें सम ू म हो तो जाति एि प्रनतजष्ठत ज्मोनतषी फनता है ।

37. जजस जाति िा जन्भ13 अप्रैर से 23 अप्रैर िे फीच होता है वह अन्मों िी अऩेऺा िुछ वविेष व्मजतत ही होता है । अत: इन टदनों सम ू म उच्च िा होता है उसिे अींिा बी ठीि होते हैं।

38. याहु नीच मा उन घयों भें जहाीं व नीच प्रबाव दे ता है । मा फध ु औय याहु 3,8,9,12 भें हो औय िनन न. 2 हो तो ऐसा जाति वववाह िे फाद अऩने ससयु िो फफामद िय दे ता है । 39. सम ु म 4, भींगर 10 तो एि आींि से िाणा।

40. फह ु िाभाजग्न अगधि; चन्र औय फह ृ स्ऩनत औय िक्र ृ स्ऩनत न. 11 भाता. नानी, दादी सास, फड़ा, बाई, तमा, ऩेट ददम िी फीभायी िे िष्ट भें जीवन माऩन ियें गें।

41. सम ु म औय िक्र ु इिट्ठे मा सम ू म औय िनन िा दृजष्ट िे अनस ु ाय टियाव, सम ू म िक्र ु औय फध ु इिट्ठे तो ब्रफना सभम तराि, जुदाई, चार चरन िी फदनाभी सच्ची मा झूठी प्राम: अवश्म होती है ।

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