Mangal Lalkitab 1941

April 16, 2017 | Author: Nirmal Kumar Bhardwaj | Category: N/A
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सफा 111 मंगल - श धार 1. मंगल नेक - जगंल म मंगल , खून चडा खूनी होता है । 2. अकेला बैठा जब शेर है जंगल , घर िच डया कैद होता है । 3. सर रे खा या बुध द

ती , मंगल बद नह ं होता है ।

4. अदल का राजा - काितल खुनी , तलवार धनी वह होता है । 5. जुग चार म च

चलता , तरफ चार शिन चलता है ।

6. बद मंगलीक जो चौथे बनता , बदला खून से लेता है । 7. पहले तीनो घर बडा है भाई , चौथे मंगल बद होता है । 8. घर 5 ता 9 मु सफ होवे , 12 भाई नह ं रहता है । 9. त त सूरज या करणे उसक , पवन पु

भी होता है ।

10. शिन के घर यह राजा चीता , मद मगर नह ं मारता है । 11. ह

, बाजू या मुंह का दहाना , हाथ मरलज होता है ।

12. पेट - छाती जो 13. च

बल होवे , मंगल का फैसला होता है ।

दध ू म शहद से िमलता , शु

14. बुध मगर ऐसे च

िम ट पानी होता है ।

दे ता , म दा मंगल हो जाता है ।

15. राहू बना है हाथी उसका , केतू से हरदम ल ता है ।

सफा 112 मंगल - श धार ु ् बद दो करता है । 1. मंगल नेक रहे तो दया हो िशवजी , टकडे 2.

मंगल बद -

मंगलीक ( हरण , ऊंट , चीता )

3. मंगल बद - मंगलीक दो भाई , खून इ

ठा होता है ।

4. बद ल का है शिन का होता , मंगलीक को भाई लेते है । 5. मंगलीक मारे गर मद व औरत , बद उडाता है जान व ज़र । 6. भाई शिन घर एक ह मारे , लडका शिन का दोनो ह धर । 7. मंगल बद मंगलीक शिन क , माता ऐको कहते है । 8. न फे पता तीनो के अलहदा , उ

बराबर िगनते है ।

9. असर म तीनो जुदा जुदा ह , आयु िगने तीनो ल ब है । 10. एक तरफ मंगलीक ने पकड , बद ने दो - शिन चार है । 11. शु

सुख दौलत और िम ट ,

ह न कोई नीच करे ।

12. खून शिन का मंगल ऐसा , शु

पर भी ज़ुलम करे ।.

13. गु

पता है दोनो जहां का , रवी पता है शिनचर का ।

14. शिन का ऐसा चौथा दजा , बद मंगलीक है

लय (1) का ।

-------------------------------------------------15. (1) :-

लय या परलो यािन बाक च

यामत दिनया ु

होगा ।

--------------------------------------------------

का आ खर जब पानी ह पानी

सफा 113 मंगल बद - मंगलीक ( हरण , उं ठ, चीता) 1. शिन तरफ चार ह चलता , घर चौथा च 2. उ

का मािलक 3 - 8 , च

3.

(2) का है ।

मारता बद मंगलीक को है ।

मंगल बद - मंगलीक का उपाए

-

जब यह ज़ा हर

4. हो जावे क बद या बद तु म का असर आ रहा है तो फौरां 5. च

का उपाए करना चा हऐ । यािन बड के दर त को दघ ु

6. डाल कर िगली होई हुई िम ट का ितलक लगाना मंगल बद 7. (पेट क खराबीयां) को दरु करे गा । अगर वह आग 8. से जला कर तबाह ह कर जावे - तो उस के बुरे 9. असर के ज़ म को दरु करने के िलये खा ड (फोडे 10. के मुंह म दे सी खा ड) क बोर य का बोझ छत 11. पर कायम कर । मगर अब छत पर त दरू न रहे । अगर 12. लाव द या औलाद क ह या करता जावे तो शहद से 13. िम ट का बतन भर कर बाहार मैदान मे दबाया जवे । अगर मौत ---------------------------------------------14. (2) 15.

चार युग (सतयुग ,

े ता ,

ापर, कलयुग)

तम ह गे ।

----------------------------------------------

सफा 114 मंगल बद - मंगलीक का उपाए 1. तो न दे वे - मगर बसने भी न दे - तो मृगशाला 2. से इस क ज़हर हटाव । अगर फर भी बाज़ न आवे तो ु 3. चांद के चौकोर टकडे क म

लेव । या जनूबी दरवाज़ा म

4. ह लोहे से उसे क ल दे व । और मंगल बद क 5. मुत

का आ यां - काला - काना - लाव द वगैराह ढे क का दर त

6. से दरु पकड । या बंदर (सुरज) को आबाद कर । 7. बहरहाल इस लाअनत से बे बर न होव । खानदानी 8. उपाए म िचडे - िच डय को िमठा दे व । वरना बद का 9. न फा बद तु म फर काबू न होगा ।

सफा 115 मंगल खाना न0: 1 (घर का , 1.

हफल का)

32 दांत - क मत को जगाने वाला ।

2. मंगल पहले ते ग अदल क , सच का हरदम हामी है । 3. बद से भी नेक करता , भला पु ष वह

ाणी है ।

4. बद कभी न बद को छोडे , नेक कभी न नेक तोडे । 5. नेक छोड कलंक होवे , भाई मरे - ससुराल भी रोवे । 6. पापी

ह सब म दा होवे , सुरज - च

म दम होवे ।

7. न ह साथ बृ सपित होवे , गर होवे वह घर न होवे । 8. खुद बडा भाई हो वरना बडा भाई बनना पडे यानी उस 9. के बडे भाई उस से पहले ह मर जाव । मंगल 10. के दाएं बाएं अगर च

- सुरज पडे हो तो

11. माता - पता के िलए वह श स मयान म मािन द तलवार 12. होगा । जस दन मंगल का ज़माना 14 - 28 या 13 13. 15 होगा । माता - पता का साया ख म होगा । मगर वह खुद तलवार 14. का धनी होगा । दांत ताअदाद म 32 ह गे (31 15. भी मंगल नेक होता है ) । बहन न होगी , अगर होगी

सफा 116 मंगल खाना न0: 1 (घर का ,

हफल का)

1. तो पूर मािन द राजा होगी । गर न होगी - मंगल बद 2. न होगी । अगर बद ह होगी - तो बस खुद (अकेला ह दम) 3. अकेली होगी । और बाक सब तरफ मेहर खुद (परमा मा क 4. मज़ म दे मायन म) होगी । साधुओं के साथ 5. से दर बदर होगा । ले कन जब अपने घर होगा - और 6. साधु का भी साथ होगा - तो भाई इसका द ु खया और 7. मर ज़ होगा । ले कन अगर क मत भली हो तो साधु ह 8. न होगा । और न ह ससुराल के कु े का साथ होगा । 9. गर होगा - तो सब का ह बुरा हाल होगा । मगर यह नज़ारा 10. न हर घड होगा । फर भी होगा - तो शिनचर क उ 11. बाद (39 साला उ ) न यह अहवाल होगा ।

के

सफा 117 मंगल खाना न0: 2 1.

चीता या

हरण

2. मंगल दजे ू मु खया िगनते , लोह - लंगर का मािलक हो । 3. लाख करोडां को वह पाले , गांठ न अपनी बांधता हो । 4. शहद म खी का काम , उस के है नह ं आता । 5. अगर आता - तो रात है आता , रात दजी है नह ं आता । ु 6. पानी - कुएं ससुराल म , िमठा ह बढता होगा । 7. गर वहां कुआं न होवे , तो

कम-नसीब होगा ।

8. अगर खुद बडा भाई न होवे तो अपने बडे 9. भाईय से पहले गुज़र जावे । अगर रहे तो बाक सब भाई 10. न रहे । ससुराल को क मत म बुलंद कर के खुद उन से िमठे 11. शहद का सुख लेगा । मगर वह लाव द न ह गे और उसे ज़ र 12. जाएदाद और ज़र व दौलत ह दग । अगर वह दसर ु 13. को पाले तो बडता जावे । वरना वह '' एक दनी ु दनी ु '' 14. का च

उस के गले पडा रहे । अगर मंगल बद हो

15. तो जंग व जदल म ह मारा जावे ।

सफा 118 मंगल खाना न0: 3 (प का घर) 1. पेट , ह ठ , छाती , हाथी - दांत मुबारक । 2. दो त 9व - हो 11 या क ह वह सातव । 3. मंगल तीजे सब से बरते , बरते गा वह शहद म । 4. बुध - गु

अ छे नह ं है , 11 - 9 या सातव ।

5. मंगल उन से िमल न बरते , बरते गा वह ज़हर म । 6. अगर हरण हो तो बुज़ दल , अगर चीता हो तो शेर से भी 7. खुं वार होगा - बहरहाल दोनो रं ग का साथ होगा । शहद म बराबर का 8. घी या ज़हर होगा । पेट बडा तो खून बबाद होगा । बहरहाल यह 9. न अब का बल - ए - ऐतबार होगा । गर होगा तो ते ज़ आंधी के 10. मुकाबल पर नम और आजज़ घास ह - आज़ाद - बर और आबाद होगा । 11. अगर बुलंद दर त क तरह तबीअत का स त हो तो

वार ब क

12. ज़ेर बार ह होगा । फर भी होगा - तो आजज़ आज़वद का म 13. होगा । या बाक 3 बचने वाले मकान क

ार

क मत का मािलक (बा-हक मदा)

14. मािन द शेर खुं वार होगा । वरना '' खाना पीना लाह - सथरे दम का '': 15. बसाह के ऐतकाद वाला ऐयाश व ठन - ठन गोपाल होगा ।

या

सफा 119 मंगल खाना न0: 4 (नीच) 1. राशी फल का - च

का उपाए म

ार होगा - या मृग

2. शाला होवे - तलवार - ढे क का दर त - घ ड 3. व धु नी के दर यान बमा रयां । 4. चौथे मंगल - मंगलीक होगा , जला दे वे वह सम दर को । 5. ठ डा उस दम ह वह होगा , 8 तीजे जब च

हो ।

6. दशमन उसके चौथे - तीजे , या घर 8 व ह आवे । ु 7. आग से जलता चौथे मंगल , तेल िम ट का ह पावे । 8. रवी - गु

जो 3 - 8 - चौथे , या के 9व बैठा हो ।

9. ज़हर के बदले दध ू पलाता , मंगल - बद मंगलीक ह हो । 10. मंगल क चीज़ (खा ड - शहद वगैराह) से 11. कोयले हो जाएगा । '' खुद िमयां फिसहत , मगर 12. और को निसहत '' करने वाला ले चरार होगा । गले 13. म कटे हए ु िसर का हार डालने म आंख 14. का मािलक िशवजी - अजल का फ र ता - ए - नाम नामी हाथ पर 15. शमशान या क

तान को भी जलाने वाली आग

सफा 120 मंगल खाना न0: 4 (नीच) 1. उठाए फरता होगा । और अपनी क मत के असर 2. म भी तंगद त (सुखी छड ) होगा । मंगल 3. बद व मंगलीक के दोनो ह सो के फक क बजाए 4. दोनो ह का बुरा असर साथ होगा । 5. मॉ - नानी - सास - ज़नानी (औरत) पर 6. मौत तक का सबब होता है । 7. मंगल बद या मंगलीक िसफ उस के टे वे 8. म होगा जसके खानदान म उस से 9. पहले बुजुग म एक - दो पु त कोई 10. श स पुरा बृ सपित ,

गु

, खालस सोना

11. या शाहाना हालत हो चुका हो यानी उ दाह त त 12. और गु ज़ार बन चुका हो जसे यह बुरा 13. कर सके ।

ह बबाद

सफा 121 मंगल खाना न0: 5 1.

भाई , नीम का दर त

2. मंगल 5व 5 गुना हो , नेक और बदनामी म । 3. पवन पु

क तरह , उछले वह अ न - पानी म ।

4. माया आती 11व से , जाती वह तीजे से है । 5. मंगल 5व घर म बैठे , पूंछ से/के ह चलती है । 6. मंगल अब सामने बैठे खाना न0: 9 के द ु मनो 7. पर भी मेहरबान होगा । और खाना न0: 3 के

ह भी (अगर कोई

8. हो) हनुमान क दम ु क तरह मंगल का साथी व म

ार

9. िनगेहबान होगा । और धन - दौलत का मािलक दे वता 10. दिनयावी ल मी (शु ु

या च

) इसके पछे चलने वाला

11. होगा । या वह श स राज - रईस का बाप - दादा होगा । 12. मगर रात क नींद से

द - ए - बे-आराम होगा । जस का उपाए

13. व

नींद िसरहाने पानी का साथ रखना मुबारक व

14. म

ार होगा । साहब ई म व साहब औलाद

15. होगा ।

सफा 122 मंगल खाना न0: 6 1. नाभी , राशीफल का , शिनचर का उपाए मददगार होगा । 2. मंगल 6व घर हआ , हो केतू - शु ु

म द ।

3. रवी मगर उस ऊ◌ॅच हो , बैठा कसी हो अंग । 4. उस कुल बुध न होगा चौथे , च

2 न गु

ह पहले ।

5. न िसफ पहला ह ल का , मामू घर कुल ह का चटका । 6. छटे मंगल हो भाईय क हानी , राजा जनक 7.

वाह लाख हो दानी ।

जस दम वह खुद ऊंचा होगा , साया सब पर उ दाह होगा ।

8. वरना '' वह हो िशव - श भू , ढहा कोठे त ला तं बू '' । 9. 10. उस के भाई 499/-

पऐ , 15 आ ने (जब वह 500/-

11. तक चल सकते ह - ले कन उस के भाई 500/-

पऐ

पऐ

12. पर ह गे , मकड क तरह छत से िगर कर फर वह उपर 13. को चलना िसखगे । वह खेमा के दर यानी बांस क तरह 14. अपने खुन क

क मत का िनगेहबान होगा । जो पाताल म भी

15. आग जलाने या शहद से ज़बान िमठ कर दे ने क

ह मत

सफा 123 मंगल खाना न0: 6 1. का मािलक होगा । जस तरह मंगल खाना न0: 12 म होने से 2. राहु गुम हो जाता है , उसी तरह ह मंगल के इस घर होने 3. से केतू (ल का) अदम पता होगा - या अब क लत औलाद होगी । 4. जस का उपाए बुध क पालना बज रया च

मुबारक होगा ।

5. ब च के ज म पर जब तक सोना (बृ सपित) न होगा - वह 6. सोना कमाऐंग । ले कन जब उन के ज म पर सोना होगा , 7. वह दिनया म खाक उ ◌ाऐं ग - या औलाद का मंगल मुबारक ु 8. न होगा । अगर होगा तो - ज़हमत या दख ु ह ख ◌ा होगा । या 9. उन क खुशी करने से मामला संगीन या दगर-गुँ ह होगा । 10. बहरहाल वह खुद साहब ईकबाल और हु मरान ज़ र होगा । 11. और िसफ मंगलवार के दन क पैदा-शुदा औलाद (नर) का साथ होगा । 12. और िसफ शु

या शिनचर के दन क पैदा-शुदा ल क क उ

13. ऐतवार होगा । हर दो हालत म वह बुध क उ

(34 साला)

14. से पहले न साहब औलाद होगा । फर भी होगा - तो इन क 15. मौत से द ु खया व आज़ार होगा ।

का

सफा 124 मंगल खाना न0: 7 1. बेल (फलीदार पौधे) , दाल मसूर , पहला ल का । 2. मंगल सातव सब कुछ उ दाह , धन दौलत - प रवार ह सब । 3. सब का सब ह र

होगा , बुध (बहन) िमले मंगल (भाई) से जब ।

4. 5. ऐसे श स से इस क बहन का पास आना या रहना 6. मंदा असर दे गा । दोनो को जस के िलए बहन को मंगल क 7. चीज़ दे ना मुबारक होगा । शिनचर का बज रया नया मकान 8. या मामुली सी द वार भी जगाना मुबारक होगा । 9. मतसद - छोटा वज़ीर और धमातमा होगा । रोते 10. को भी हं साने वाला - नेक और ई म हसाब जानने 11. वाला होगा । बहालत म द च 12. का उपाए म

ार होगा ।

क ठोस चीज़

सफा 125 मंगल खाना न0: 8 (प का घर , घर का) 1.

हफल का जब मंगल बद हो - बाज़ुओं

2. के बगैर बाक

ह सा ।

3. मंगल 8व आठ बरस तक , फक भाई छोटा िगनते है । 4. लाख मुिसबत खड है करता , अ त बुरा नह ं िगनते है । 5. माता पता सब का साया भी होवे । 6.

ज म उ दाह , जरसेम पाया भी होवे ।

7. त दरू शु

(िम ट ) जब तपाया वहां होवे (मंगल शु ) ।

8. न ह वह - न ह यह , तबाह ह होवे । 9. न कोई िम ट का नाम , न कोई ह होवे । 10. मंगल बद हो 8व , तो कोई न होवे । 11. 12. खुद मंगल का मंगल क चीज पर कभी म दा 13. फल न होगा । ले कन जस क 14. (बुध

बल) होता जावे - उस क

बुध का फल उ दाह ह मंगल का फल

15. म दा प ता जावे - जब बुध का साथ या ताआलुक होता

सफा 126 मंगल खाना न0: 8 (प का घर , घर का) 1. होवे । बहतर तो है यह के न बुध का फल बढे । पर 2.

या कर - जो काम न बन बुध के बन सके - यानी म द

3. हालत म बुध से बचना होगा । या बुध क फोक 4. खाली चीज और बात से नुकसान होगा । त दरू 5. से तबाह के व

त दरू म िमठा या िमठ रोट

6. लगा कर कु े को दे व ।

सफा 127 मंगल खाना न0: 9 1.

सुख रं ग

2. मंगल घर जब 9व आवे , 9 ह

ह का मंगल गावे ।

3. भरे खज़ाने दौलत अ दर , हर तरफ हो जंगल मंगल । 4. नतीजा न 5 बगाडे ् , गर दे खे म दा - मंगल मारे । 5. दमदमे म दम न हो

वाह , खैर होगी जान क ।

6. बुध अकेला छोड के सब , उ दाह हो

ह चाल ह ।

7. 8. मंगल क उ

(13 साला या न फ असा) तक

9. वालदे न को राजा बना दे । फर अपनी 28 साल उ 10. म खुद भी राजा हो । लाल रं ग से दिनया का ु 11. लाल (ह रा) होगा । कु डली म सुरज अब कह ं भी बैठा 12. हो , ऊंच फल का होगा ।

सफा 128 मंगल खाना न0: 10 (ऊंच) 1.

शहद , िमठा भोजन

2. अकेला मंगल 10व बैठा , राजा होता है वली । 3. दजे ु पापी - शु

- च

, सोने म ह ग कली ।

4. तीजे ता 6व म बैठे , दो त (1) इसके अपने ह । 5. जंगल जलता , ल का मरता - ज़र है घटता , ऊंच

वाह कतने ह ह

6. मंगल राजा घर 10व का , शिन नज़र का मािलक हो । 7. मंगल पर तब काना होगा , घर चौथे जब सुरज हो । 8. शिनचर के घर (खाना न0: 10-11) म मंगल बा-है िसयत चीता 9. होगा । जो आदमीय पर हमला नह ं करे गा । इसक मामुली सी बैठने क 10. चौक एक त त का काम दे गी । ले कन अगर शु 11.

या कसी भी और

ह का साथ हो जावे या सुरज ह न0: 4 म होवे तो औलाद

12. के िलए ल बी उ

(45 साल) तक तरसता रहे । मगर लाऔलाद न होगा ।

13. दौलतम द ज़ र होगा । मुलाज़मत 28 , मौत 22 , बमार 14. 15 साल तक होगी । -----------------------------------------------15. (1) बुध का म दा , केतू बबाद , बृ सपित नीच ------------------------------------------------

सफा 129 मंगल खाना न0: 11 1.

िस धूर , लाल (ह रा) ।

2.

यारव मंगल है रखता , शहद के बतन भरे ।

3. शहद उ दाह उस का होगा , फूल (बुध) हो जस के खरे । 4. फूल छोड म खी (शिनचर) ह , जब नेक और उ दाह िमले । 5. दम म ह ले आएं गी वह , शहद के बतन भरे । 6. 7. मंगल गो अब चीता होगा । मगर अपने गु

(बृ सपित) के

8. हाथ म हवाई ज़ंजीर म जक ◌ा हआ होगा । भाई ु 9. ब धुओं का कोई खास फायदाह न होगा । और न ह वह 10. इन को कोई सु खया दे ख रहा होगा । यह सब राहु के 11. ज़माना तक (42 हद 45) ह होगा । इस म दे 12. अहद म गो उस का अपना केतू (ल का) न होगा । मगर दिनयावी ु 13. केतू (कु ा वगैराह) म

ार होगा ।

सफा 130 मंगल खाना न0: 12 1.

बुलंद आवाज़ , हाथी का महावत

2. मंगल 12 सुख का राजा , घर गु 3. ज म कु टया या के जंगल ,

वेश हो ।

वाह ह वह दरवेश हो ।

4. शेर गरजे , हाथी ढरके , बजली कडके , चमकती तलवार हो । 5. खुन खालस धन शाहाना , सबका माना - दमकता प रवार हो । 6. मंगल 12 गु

हो दजे ु , आसमॉ से पातालां ।

7. दो शेर से गुंजे गु बद , हाथी िछपे ह जा गारां । 8. केतू तीजे , मंगल 12 , म छ महावन दोनो तारां । 9. साल 24 म उ म हो , या ल का जब पहला हो । 10. 11. कु डली म अब राहु ब कुल ह चुप होगा और ् 12. न ह वह कोई बुरा फल दे ता होगा । बेशक कसी भी 13. घर म बैठ रहा हो ।

य क महावत अब हाथी के

14. उपर या हाथीय के तबेला म खुद हा ज़र होगा ।

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