Jyotish Kathan (Astrology Book)

March 14, 2017 | Author: KALSHUBH | Category: N/A
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Short Description

HINDI-PLANET....

Description

ज्मोततष कथन (Astrology Book) सूमय

चॊद्र भॊगर फुध गुरू शुक्र शतन याहु केतु

ज्मोततष कथन

(Astrology Book)

1 2 3 4 5 6 7 8 9

ग्रह सूमय चन्द्रभा भॊगर फुध गुरू िुक्र िनन याहु केतु

स्‍ वग्रह याशि 5 4 1,8 3,6 9,12 2,7 10,11

उच्च याशि नीच याशि 1 7 2 8 10 4 6 12 4 10 12 6 7 1 9 3 3 9

ग्रहों के मभत्र, शत्रु ग्रह के फाये भें जानना 1 2 3 4 5 6 7 8

ग्रह सूमय चन्द्रभा भॊगर फुध गुरू िुक्र िनन याहु, केतु

शभत्र ित्रु सभ चन्द्द्र, भॊगर, गुरू शतन, शुक्र फुध सम , य फ ध कोई नह ॊ शे ष ग्रह ू ु सूम,य चन्द्द्र, गुरू फुध शेष ग्रह सूम,य शुक्र चॊद्र शुक्र, शतन सुम,य चॊन्द््द्र, भॊगर शुक्र, फुध शतन शतन, फुध शेष ग्रह गुरू, भॊगर फध , श क्र शेष ग्रह गरु ु ु ु शुक्र, शतन सूम,य चन्द््द्र, भॊगर गुरु, फुध

नऺत्र #

नऺत्र

स्ताथी

1 2

अश्विनी बयणी

3

कृश्ततका

4

योहहणी

5

म्रग ृ शीषाय

6

आद्राय

7

ऩुनियसु

8 9 10

13

ऩुष्म आवरेषा भघा ऩूिाय पाल्गुनी उततय पाल्गन ु ी हस्त

0 - 13°20' भेष 13°20' - 26°40' भेष 26°40' भेष - 10°00' िष ृ ब 10°00' - 23°20' िष ृ ब 23°20' िष ृ ब - 6°40' मभथन ु 6°40' - 20°00' मभथन ु 20°00' मभथन 3°20' ु ककय 3°20' - 16°20' ककय 16°40' ककय- 0°00' मसॊह 0°00' - 13°20' मसॊह

14

चचत्रा

15

स्िातत

16

विशाखा

17

अनुयाधा

18

ज्मेष्ठा

19 20

भूरा ऩि ू ायषाढा

11 12

21

ऩद 1

ऩद 4

ऩद 3

चु र

चे रू

चो रे

सम ू य







चॊद्र



िा

िी

भॊगर

िे

िो

का

याहू

कु





गुरु

के

को

हा

शतन फध ु केतु

हु डी भा

हे डू भी

हो डे भू

शक्र ु

नो

टा



सूमय

टे

टो

ऩा

चॊद्र

ऩू





23°20' कन्द्मा- 6°40' तर ु ा

भॊगर

ऩे

ऩो

या

6°40' - 20°00 तुरा 20°00' तुरा- 3°20' िश्ृ वचक 3°20' - 16°40' िश्ृ वचक 16°40' िश्ृ वचक - 0°00' धनु 0°00' - 13°20' धनु 13°20' - 26°40' धनु

याहू

रू

ये

यो

गरु ु

ती

तू

ते

शतन

ना

नी

नू

फध ु

नो

मा

मी

केतु शक्र ु

मे बू

मो धा

बा पा

सूमय

बे

बो

जा

चॊद्र

खी

खू

खे

भॊगर

गा

गी

गु

याहू

गो

सा

सी

13°20' - 26°40' मसॊह 26°40' मसॊह- 10°00' कन्द्मा 10°00' - 23°20' कन्द्मा

उततयाषाढा 26°40' धनु- 10°00' भकय

22

श्रिण

23

धनष्ठा

24

शतमबषा

नऺत्र स्वाभी केतु शुक्र

10°00' - 23°20' भकय 23°20' भकय- 6°40' कुम्ब 6°40' - 20°00' कुम्ब

25 26 27

ऩूिायबाद्रऩ दा उततयाबाद्र ऩदा ये िती

20°00' कुम्ब - 3°20' भीन

गुरु

से

सो

दा

3°20' - 16°40' भीन

शतन

दू





16°40' - 30°00' भीन

फध ु

दे

दो



शत्रु

सभ

शक्र ु , शतन

फध ु

ग्रहों कक आऩसी मभत्रता-शत्रत ु ा इस प्रकाय है | गह ृ सम ू य

मभत्र चॊद्र, भॊगर, गुरु सम ू ,य फध ु

भॊगर

सूम,य चॊद्र, गुरु

फुध

शुक्र, शतन

फुध

सूम,य शुक्र

चॊद्र

गुरु

सम ू ,य चॊद्र, भॊगर

भॊगर, गुरु, शतन

फुध, शुक्र

शतन

शक्र ु

फध ु , शतन

सूम,य चॊद्र, भॊगर

गरु ु

शतन

फुध, शुक्र

सूम,य चॊद्र

भॊगर, गुरु

ग्रह गह ृ सूमय चॊद्र भॊगर फुध

English Name Sun Moon Mars Mercury

भॊगर, गरु ु , शक्र ु , शतन

चॊद्र

शरॊग ऩुश्ल्रॊग स्त्रीमरॊग ऩश्ु ल्रॊग नऩुॊसक

ववम्िोतयी दिा(वर्य) 6 10 7 17

फह ृ स्ऩतत शुक्र शतन याहु केतु

Jupiter Venus Saturn Dragon’s Head Dragon’s Tail

ऩुश्ल्रॊग स्त्रीमरॊग ऩुश्ल्रॊग

16 20 19

ऩुश्ल्रॊग

18

ऩुश्ल्रॊग

7

सम्फॊधधत चरयत्र

प्रतमेक ग्रह का सम्फन्द्ध विमबन्द्न चीजों के साथ है , जैसे यॊ ग, धातु, आहद. तनम्न तामरका भें सफसे भहतिऩूणय सॊफॊधों क चरयत्र

सम ू य दे व

चॊर

भॊगर

फध ु

गुरु (फह ृ स्ऩनत)

िक्र ु

सि ु णाय एिॊ छामा योहहणी

शश्ततदे िी

इरा

ताया

सुककथी औय उजयस्िथी

ताॊफा

सफेद

रार

हया

स्िणय

सपेद/ऩीरा

नय अश्नन अश्नन

नय जर िरुण

नय अश्नन सुब्रभण्म

तटस्थ ऩथ् ृ िी विष्णु

नय ईथय इॊद्र

भादा जर इॊद्राणी

रुद्र गौय स्िणय/ऩीत र चाॊद

भुरुगन

विष्णु

ब्रह्भा

इॊद्र

ऩीतर

ऩीतर

चाॊद

यत्न ियीरयक अॊग स्वाद

रार भणण भोती/भूनस्टोन

रार भूॊग

ऩन्द्ना

स्िणय ऩीरा नीरभ

हड्डी तीव्र गॊध

यतत नभक

भज्जा एमसड

तिचा मभचश्रत

िीमय खट्टा

बोजन

गेहूॊ

चािर

अयहय

भुॊग सेभ

भश्स्तष्क भीठा काफुर चना

भौसभ

गभी

सदी

गभी

ऩतझड़

सदी

िसॊत

ददिा

ऩूिय

उततय ऩश्वचभ

दक्षऺण

उततय

उततय ऩूिय दक्षऺण ऩूिय

सहचयी यॊ ग सम्फॊधधत शरॊग तत्व दे वता प्रत्मादी दे वता धातु

ह या

याजभा

ददन

यवििाय

सोभिाय

भॊगरिाय

फध ु िाय

फह ृ स्ऩततिा य शक्र ु िाय

ऩद 4 रा ऩो ए िु की छ ह ड डो भे टू ऩी ठ य ता तो ने मू बी ढा जी खो गे सू

द ञ ची

का भें सफसे भहतिऩूणय सॊफॊधों को हदमा गमा है : याहू (उत्तय आसॊधध)

िनन

नीरादे िी

केतु (दक्षऺण आसॊधध)

मसॊह धए ुॊ के कारा/नीरा यॊ ग का

चचत्ररेखा धए ुॊ के यॊ ग का

तटस्थ िामु ब्रह्भा

िामु तनयृतत

ऩथ् ृ िी गणेश

मभ

भतृ मु

चचत्रगुप्त

रोहा नीरा नीरभ

सीसा

सीसा

हे सोनाईट

कैट्स आई

भाॊसऩेशी स्तम्भक

-

-

ततर सबी भौसभ

उड़द (सेभ) चना

ऩश्वचभ

दक्षऺण ऩश्वचभ

-

शतनिाय

-

-

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

सूमय 3/4 cup warm water 2 tablespoons olive or canola oil 1/2 teaspoon salt 2 cups bread flour 2 teaspoons active dry yeast 1 garlic clove, minced 1/8 teaspoon garlic salt 2 cups chopped fresh spinach 1 small red onion 1 cup sliced fresh mushrooms

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

287 calories

10

grams total fat

16

milligrams cholesterol

401

milligrams sodium

37 RECIPE TAGS

pizza, spinach, feta, cheese

grams carbs

1 cup shredded mozzarella cheese 1/4 cup crumbled feta cheese 1/2 teaspoon dried basil

प्रथभ स्थान

रार ककताफ

भानसागयी

दस ू ये बाव रार ककताफ भानसागयी

तीसये बाव रार ककताफ भानसागयी

वऩता की ऩूय सहामता, फेटे से आशा न कये गा। फाऩ से चाहे धन मभरे अिवम धन दे कय जाएगा। याजा होगा श्जसे मसिाम न्द्माम के औय कोई होगा।््हुकूभत गभय की दक ु ानदाय नभय की तबफमत शुब होगी। ऩय यह

श्जसके जन्द्भकार भें सूमय तनुबािभें श्स्थत हो िह फाल्मािस्थाभें व्माचध नीचकी सेिाभें मभमरत, गह ृ स्थीसे यहहत, बानमिान ्, विकरह तयह भ्रमभत होता है

मह सूमय के मरए एक अच्छा स्थान है . िे कामयकाय हैं िे की श्स्थतत भें हैं ज साथ प्रकाय खश ु हैं प्रबुति. िे अऩने दभ ऩय ककमा जा यहा है एक घय भें सूम फचऩन औय सपरता से ऩता चरता है एक दफॊग व्मश्ततति होता है तयु ॊ त अन्द्म रोगों ऩय एक छाऩ फनाता है एक आऩ कभये भें प्रिेश कयते हैं, तो हय कोई मह जानता है . आऩ फहुत भजफूत इ सौदा कयने भें सऺभ हो अऩने भाता वऩता की विपरताओॊ औय सपरताओॊ

भॊहदय की ज्मोतत जो ककसी भजहफ के अनस ु ाय दफी नह ॊ है । धभय दे ित स्िबाि सतमुगी, छोट जगह का याजा जो अऩने बानम की शतय नह ॊ क सम्फॊचधमो को जरूय धनिान कय दे ता है । चाहे अऩने आऩ तनधयन दयि साधन उन्द्नतत की नीि होगा। श्जसके सूमय धनस्थानभें होम िह ऩुत्र स्त्रीसे यहहत, दफ य शय यिारा, अतत ु र केशिारा हो औय ताम्रके क्रमविक्रमसे धनिान ्, गह ृ स्थीसे ह न औय द्ु ख

िरयष्ठों औय यैंक औय शीषयक के रोगों के सहमोग से राब होता है कपजूरख इच्छुक. उच्च कामायरमों औय सयकाय के कामों से राब. व्मश्तत एक खासे सप दस ू ये घय भें सम ू य के साथ वितत आकवषयत कयने के मरए औय शश्तत है grati इच्छा प्रफर है , सूमय भें ऩैसे को आकवषयत कयने की ऺभता है , ऩैसे से बौतत रेककन अतसय कोई खश ु ी नह ॊ है इसके ऩैसे को साथ वऩता औय िरयष्ठ अचधकारयमों के सॊयऺण के भाध्मभ से राब प्राप्त कयता केिर सभस्मा मह है कक आऩ िास्ति भें जरूयत से ज्मादा चीजें खद ु कयने रोगों का ध्मान आकवषयत कयने के मरए आऩ नाटकीम रूऩ से अऩने आऩ क

भतृ मु को योकने तक की शश्तत िारा श्जससे भतृ मु बी डये । खद ु हरिा णखराए। जो शुब कामय कय हदखराएगा, झुटे को काट खाएगा। फुध जो जॊगर को इतना घना कय दे गा की सूमय नॊ ३ की जभीन तक धऩ ू ह अऩनी गभी से जॊगर को ह आग तक रगने को तैमाय होगी। मा तो फध ु हये यॊ ग की फजाम खाकी यॊ ग हो जाए। भगय ऐसा््व्मश्तत महद द ऩरता जामगा नह ॊ तो जर कय भय जाएगा।

श्जसके तीसये बाि भें सूमय होम िह बाइमोंसे ह न अथायत ् बाई उसके भयजाि स्त्रीकयके मुतत, धनिान ्, धैमम य ुतत, सहनशीर, अचधक धनका विहाय कयनेिारा जो वऩछर गरततमों से सीख हैं नौकय सफसे अन्द्म रोगों की तुरना भें फेहतय हैं. आऩ ऩय कुछ फमरदान कय

चतुथब य ाव रार ककताफ

याजा के घय जन्द्भ रे मा न रे ऩयन्द्तु स्िमॊ याजा अिवम होगा। आऩ ऩयन्द्तु सॊतान को ये शभ के कीडे की तयह ऩैसा खचयने की शश्तत दे जा भगय फाऩ की तयप से हो््है कक भाताएॉ अिवम हों ऩय स्िमॊ चार-चर चाहे हातन उठा रे दस ु ये की हातन नह ॊ कये गा। महद ऩयाई स्त्री को साथ मा तनसॊतान होगा। अगय दान दे गा तो भोती दे गा।

भानसागयी

श्जसके सूमय चतुथब य ाि भें होम िह अनेक जनोंसे विहाय कयनेिारा, भधयु िाणी सभयका प्रधान, मद्ध ु भें श्जसकी बॊग कबी न होम, फहुत धनिान ्, करत्रों औय य

रार ककताफ

भनुष्म की शयापत औय दन ु मािी भमायदा से बया याजा जो अऩने ऩरयि फना रेगा। जन्द्भ से ह बानम का जरता हदमा होगा। जो ककसी के ज जन्द्भ से बानम का स्िाभी होगा। आमु के साथ साथ धन बी फढे गा। उ सॊतान के मरए धन अनाज के यास्ता खर ु जामगे, भाराभार होगा। भन हुए व्मश्ततओ, फॊदयो को आजाद कयिाने का हाभी होगा।

ऩॊचभबाव

अऩने घय जीिन, फचऩन ऩमायियण, साभाश्जक कॊडीशतनॊग औय विशेष रूऩ स यह है , अऩने वऩता के साथ रयवता सकता है

भानसागयी

श्जसके सूमय ऩॊचभबाि भें होम िह रडकों का द्ु खबागी, धनह न, मुिािस्थाभें को उतऩन्द्न कयनेिारा, अन्द्मस्त्रीिारा अथिा दस ू ये के घयभें यहनेिारा, शूय, चऩर कयनेिारा औय फयु े चचततिारा होता है

रार ककताफ

आसभान तो गभय, सूमय की गभी से जभीन बी जरने रगी््श्जसकी आ न हुई। फेिकूप शाह तीस भायखाॊ। खेत भें कनक के फीज जरने रगे ऐ श्जसने अऩने घय ऩानी की जगह धध ु हदमा, औय फुया कयने िारे को ब श्जद ऩय आमा हुआ िैसा ह होगा जैसा कक एक दे श से तनकर हुआ य की रऩटों भें जरता हुआ दे ख कय योने की फजाम हॊ स दे गा। चाहे िेह न होगा। ऐसा व्मश्तत कबी भन औय िाणी से गन्द्दा न होगा। चाहे उस

छठे बाव

भानसागयी

श्जसके सूमय छठे बाि भें होम िह मोगशीर, भततिारा, अऩने जनोंसे हहत कय दे नेिारा, दफ य स्त्रीिारा, सुन्द्दय भूततयिारा, विरासी, शत्रओ ु र ु ॊको जीतनेिारा सुन्द्दय होता है

रार ककताफ

ऐसे व्मश्तत के ऩैदा होने ऩय ऐसा रगेगा कक घय का सूमय ऩैदा हुआ ह दभ ु दाय ताया फन जाएगा। उसने सफ कुछ सभझ औय नेक फुवद्ध से कक हौसरा ककमा तो साया जरने से आधा ह फचा मरमा। अॊत भें जफ श्जम् सॊबार तो सुख की योट मभरने रगी औय साथ िारे बी आफाद हुए। य खेती ऩकी भगय अनाज से जरे की फू आने रगी मातन ऐसा याज होग हो अथायथय सफ खच ु होते है बी कुछ न होगा। फेशक याजगद्दी ऩय जन्द्भ ऩाए। हाकभी गभी की, दक ू ान नयभी का हाभी होना ठीक यहे गा। अगय जरना मसखाएगे भगय खद ु न जरेगे।

सप्तभबाव

भानसागयी

श्जसके सूमय सप्तभबाि भें होम िह स्त्रीके विरासका सुख न ऩानेिारा, चॊचर औय श्जसका शय य न अचधक द घय न छोटा अथायत ् सभान शय यिारा, कवऩरन कुरुऩ होता है

अष्टभ बाव रार ककताफ

नवभ बाव

ऐसा व्मश्तत जन्द्भ से ह कहने रगेगा, भयने िारे ऩूछ कय भये , जन्द्भ नह ॊ है । जो आए अऩना खचय साथ राए औय जाने िारा कोई चीज सा का हो भगय गुरु गद्दी / याजा गद्दी का स्िाभी होगा। उसको कोई नह ॊ हाया बानम िावऩस न ऩाएगा। मातन बॊडाये यहे तो बॊडाये बये ऩयन्द्तु मब जफ तक अऩने खानदानी खन ू ऩय हभरा न कये गा, फफायद न होगा। भय भगय जीवित कयने की बी हभाय श्जम्भेदाय है का स्िबाि औय शश्तत

भानसागयी

श्जसके सम ू य अष्टभ बाि भें ऩडे िह चॊचर, शीरयहहत, विद्िान्द्जनोंकी सेिा क विकर फहुत िाताय कयनेिारा, बानमकयके औय शीरकयके यहहत तथा यततह न, सेिा कयनेिारा औय ऩयदे शी होता है

रार ककताफ

हकीभो को बफना दिाई ठीक कयने की हहम्भत दे ने िारा। शाह औय स् अऩने््के अरािा अऩने साथ सबी को ऩारेगा। "वऩछर को छोड़ औय सॊसाय का सूम्य ्तेये साथ््चर यहा है " की बाॊतत कामय कयने िारा होगा

भानसागयी

श्जसके सूमय निभ बाि भें श्स्थत होम िह सतम फोरनेिारा, तनॊहदत केशिारा कयनेिारा, दे िता ब्राह्भणभें अनुयतत, प्रथभ अिस्था ( फारािस्था ) भें योगी, मुि कयके मत ु त, फडी उभयिारा औय स्िरुऩिान ् होता है

रार ककताफ

ऩैसा तो खया है भगय फाजाय भें कोई उसका सौदा नह ॊ दे गा। सॊसाय उस डयता है । असर फची आग को बूत-प्रेत की आग सभझती दतु नमा है । िारा दस ू यों को भाफ कयना तो एक तयप अऩने भाॉ-फाऩ को बी पाॊसी ऩय भतखी नह ॊ फैठने दे गा। जफ तक यहे गे, झुक कय नह ॊ यहे गे। जफ झ अगय यहे गे तो मसपय उसी के साथ जो हभ प्मारा हभ तनिारा हो, की प्र

दिभ बाव

भानसागयी

हदखाने को सच्चा भगय हदर से झूठा होने की फदभाशी अगय नह ॊ दे ख श्जसके सूमय दशभ बाि भें होम िह तीव्र, गुणगण औय सुखका बोगनेि अमबभानी, भद ु छोटा कद, ऩवित्रतामुतत, नतृ मगीताहदभें अनुयाग कयनेि ृ र औय िद्ध ृ ािस्थाभें योगिान ् होता है

रार ककताफ

गो रारची भगय धभय तऩस्िी होगा महद कोई धभय फेचकय खाएगा तो फर ु ॊद स्िाभी, श्जस तयह नेकी फढे फढता चरे. रेककन जफ स्िमॊ योट (क (शतन) मभरा कय खाए तो सम ू य शतन के झगडे भें केतु (नय सॊतान) फफायद व्मश्तत आऩ चाहे ककसी बी खन ू से हो "हभ नेकी ह कय हदखाएगे" क

रार ककताफ

ग्मायहवें बाव

भानसागयी

श्जसके सूमय नमायहिें बाि भें श्स्थत होम िह फडा धनी, याजाके स्थानभें नौक गुणोंका जाननेिारा, दफ य शय यिारा, धनकयके मुतत, श्स्त्रमोंके भनको चयु ानेिार ु र प्रसन्द्न कयनेिारा होता है

रार ककताफ

सुख की नीॊद सोने िारा फेकपकय याज ऐसा श्जसके याज्म भें फन्द्दय बी जफ धभय हातन का आद हो तो अॊधी दे िी नाक कटे ऩुजाय , हदन दहाडे जीिन श्जसके रे साधू की सेिा, शुक्र की ऩारना सहामक होगी। सुफह न बी हो औय अगय जरे बी तो आकाश का सूमय भॊदा जभाना न यहन

फायहवें बाव

रार ककताफ भानसागयी

उसके चायो ओय श्जतनी बी आपते (भौसभ) हो भगय िह फफायद (ऩतझ तनधयन औय सॊतान यहहत होगा।

श्जसके सूमय फायहिें बाि भें श्स्थत होम िह जडभततिारा, अचधक काभी, अन्द्म ऩक्षऺमोंको भायनेिारा, दष्ु टचचततिारा औय कुश्तसतरुऩिारा होता है

सॊतान सख ु फाधाकायक मोग १-सूमय ऩॊचभ बाव भें नीच तुरा यािी का हो तथा नवाॊि कॊु डरी भें सूमय िनन की यािी का हो ,अथवा सूमय अष्टभ बाव भें ,िनन ऩॊचभ भ २-सूमय गुरु एवॊ ऩॊचभेि याहू िनन केतु आदद ऩाऩ ग्रहों से मुक्त हो . ३-ऩॊचभेि ,ऩॊचभ मा नवॊ बाव भें चॊरभा याहू ,िनन मा भॊगर आदद ऩाऩ ग्रहों से मक् ु त मा दृष्ट हो . ४-ऩॊचभ बाव भें याहू हो औय ऩॊचभेि को दवू र्त कयता हो तो सऩय के श्राऩ का प्रबाव सभझे . ५-मदद केतु के कायण सॊतान सुख भें कभी हो तो ब्राह्भण का श्राऩ सभझे . नोट --ज्मोनतर् िास्त्र भें सॊतान सम्फन्द्धी वविेर् मोग एवॊ ववचाय के शरए ऩनत ऩत्नी दोनों की वह ृ द् जन्द्भऩत्रत्रमो का होना आवश्मक है . वविेर् रूऩ से गुरु एवॊ भॊगर को ऩुत्र सॊतान कयक ग्रह भाना गमा है .ऩॊचभ बाव ,ऩॊचभेि ग्रह एवॊ गुरु का जन्द्भ कॊु डरी भें स्थान आदद

PREP TIME

45

minutes

DIRECTIONS In bread machine, place the first six ingredients on order suggested by manufacturer.

COOK TIME

15

minutes

Select dough setting. Check dough after 5 minutes of mixing: add 1 to 2 tablespoons of water or flour if needed. When cycle is complete, turn dough onto a lightly flowered surface. Knead for 1 minute.

YIELD

6

servings

Cover and let rest for 15 minutes. Roll into a 12-in. pizza pan. Cover and let rise in a warm place until puffed, about 20 minutes. Sprinkle with garlic and garlic salt. Top with spinach, onion, mushrooms, cheeses, and basil. Bake at 400 degrees F for 35-40 minutes or until crust is golden and cheese is melted. Let stand for 5 minutes before slicing.

गा। फाऩ से चाहे धन मभरे न मभरे ऩय सॊतान को मसिाम न्द्माम के औय कोई सम्फन्द्ध (धभय आहद से) न तबफमत शुब होगी। ऩय यहभ से बया होगा।

हो िह फाल्मािस्थाभें व्माचधकयके मुतत, नेत्रयोगसे द्ु खी, मिान ्, विकरह तयह भ्रमभत औय ऩुत्रऩौत्राहदकयके ह न

काय हैं िे की श्स्थतत भें हैं जफ नेततृ ि के गुण, औय िे के मा जा यहा है एक घय भें सूमय होने से व्मतु ऩन्द्न एक खश ु

ऩय एक छाऩ फनाता है एक भजफत ू व्मश्ततति है . जानता है . आऩ फहुत भजफूत इयादों िार हैं आऩ एक फड़ा विपरताओॊ औय सपरताओॊ से फहुत कुछ सीखा है

साय दफी नह ॊ है । धभय दे िता, भार हारत भध्मभ, अऩने बानम की शतय नह ॊ कयता भगय साचथमो, फच्चो, चाहे अऩने आऩ तनधयन दयिेश ह तमों न हो। सेिा

यहहत, दफ य शय यिारा, अततद न, यततनेत्रोंिारा, फुये ु र न ्, गह ृ स्थीसे ह न औय द्ु खका बागी होता है

ोग से राब होता है कपजूरखची औय विरामसता के मरए से राब. व्मश्तत एक खासे सपर प्रफॊधक फन सकता है के मरए औय शश्तत है gratitudes. बौततक सपरता के मरए की ऺभता है , ऩैसे से बौततक सुविधा खय द सकते हैं साथ ाध्मभ से राब प्राप्त कयता हैं त से ज्मादा चीजें खद ु कयने की कोमशश कय सकते हैं कक है नाटकीम रूऩ से अऩने आऩ को व्मतत कयते है .

से भतृ मु बी डये । खद ु हरिा ऩूय खाए दस ु यो को बी को काट खाएगा। फुध जो इस घय का स्िाभी है अऩने ३ की जभीन तक धऩ ू ह न आने ऩाए। भगय सूमय की ने को तैमाय होगी। मा तो जॊगर भें हरयमार हो मा भगय ऐसा््व्मश्तत महद दस ु यो को ऩारेगा तो स्िमॊ बी ।

न अथायत ् बाई उसके भयजािें, मभत्रोंका हहत कयनेिारा, ऩुत्रधक धनका विहाय कयनेिारा औय श्स्त्रमोभें प्रीततिारा होता है

हैं. आऩ ऩय कुछ फमरदान कयने के मरए हो सकता है

याजा अिवम होगा। आऩ ने चाहे जन्द्भ से ऩैसा न ऩैसा खचयने की शश्तत दे जामगा। भाता जीवित हो न हो अिवम हों ऩय स्िमॊ चार-चरन होगा। ऐसा व्मश्तत स्िमॊ गा। महद ऩयाई स्त्री को साथयखे््यखे तो सॊतान न ऩािे ी दे गा।

से विहाय कयनेिारा, भधयु िाणीिारा, गानेफजानेभें अनुयतत, , फहुत धनिान ्, करत्रों औय याजाओॊको वप्रम होता है

कॊडीशतनॊग औय विशेष रूऩ से भाता वऩता स्िबाि प्रबािशार

बया याजा जो अऩने ऩरयिारयक खन ू को अऩना भॊहदय दमा होगा। जो ककसी के जराने से न जरेगा मानी साथ साथ धन बी फढे गा। उसके खचय ककए धन से जामगे, भाराभार होगा। भनष्ु मों भें कोई फन्द्दय नह ॊ, फॊधे हाभी होगा।

्खबागी, धनह न, मुिािस्थाभें व्माचधसे मुतत, एक सुत ( ऩुत्र ) ये के घयभें यहनेिारा, शूय, चऩर फुवद्धिारा, विरासी, दष्ु टकभय

बी जरने रगी््श्जसकी आॉच यात को बी को बी ठॊ डी कनक के फीज जरने रगे ऐसी हारत भें िाह फचा , औय फुया कयने िारे को बी आशीष द । ऐसा आदभी एक दे श से तनकर हुआ याजा अऩनी प्रजा को आग फजाम हॊ स दे गा। चाहे िेह स्िमॊ तनसॊतान मा भॊद फूढ से गन्द्दा न होगा। चाहे उसे बानम का राख भुकाफरा

तिारा, अऩने जनोंसे हहत कयनेिारा, जाततिगयको आनन्द्द सी, शत्रओ ु ॊको जीतनेिारा सुन्द्दय कभयिारा औय दृढ अॊगिारा

क घय का सूमय ऩैदा हुआ है । ऩयन्द्तु चढते - चढते िह सभझ औय नेक फुवद्ध से ककमा भगय जफ उसने स्िमॊ चा मरमा। अॊत भें जफ श्जम्भेदाय उसने ऽश ु ी से साथ िारे बी आफाद हुए। याजदयफाय का साथ मभरा, रगी मातन ऐसा याज होगा श्जसकी ताज गुभ हो गई ा। फेशक याजगद्दी ऩय जन्द्भ रेकय बी गद्दी ऩय न फैठ भी होना ठीक यहे गा। अगय कोई जरा दे िे हभ बी उसे

ासका सुख न ऩानेिारा, चॊचर, दष्ु टातभा, सभान ( ऩेट ) िारा थायत ् सभान शय यिारा, कवऩरनेत्रोंिारा, वऩॊगर फािोंिारा औय

ने िारे ऩूछ कय भये , जन्द्भ रेने िारो ऩय कोई फॊधन य जाने िारा कोई चीज साथ रेकय न जाए। जन्द्भ चाहे भी होगा। उसको कोई नह ॊ हटाएगा भगय अऩने हाथो से यहे तो बॊडाये बये ऩयन्द्तु मबऺु फने तो मबऺा ना ऩाए। कये गा, फफायद न होगा। भय गए का अफसोस तो है है का स्िबाि औय शश्तत यखेगा।

यहहत, विद्िान्द्जनोंकी सेिा कयनेिारा, सदा योगकयके मत ु त, शीरकयके यहहत तथा यततह न, फुये चार चरनिारा, नीचोंकी

भत दे ने िारा। शाह औय स्िमॊ बी फड़ा हकीभ, डॉतटय। रेगा। "वऩछर को छोड़ औय आगे को न घफया- रककन बाॊतत कामय कयने िारा होगा।

म फोरनेिारा, तनॊहदत केशिारा, अऩने कुरजनोंसे हहत स्था ( फारािस्था ) भें योगी, मुिा अिस्थाभें धैमि य ान ्, फहुत धन ा है

ा सौदा नह ॊ दे गा। सॊसाय उसके सच्चे होने ऩय उससे आग सभझती दतु नमा है । श्हहय बी याज घभॊडी गुस्से अऩने भाॉ-फाऩ को बी पाॊसी का हुतभ मरख दे गा। नाक झुक कय नह ॊ यहे गे। जफ झुकना ऩड़ा तो हभ नह ॊ यहे गे मारा हभ तनिारा हो, की प्रिश्ृ ततत िारा ।््

की फदभाशी अगय नह ॊ दे खी तो िह कय हदखाएगा। णगण औय सुखका बोगनेिारा, दानभें शीरिान ्, तमगीताहदभें अनुयाग कयनेिारा, याजासे अचधक ऩूज्म

ोई धभय फेचकय खाएगा तो हभाया तमा खाएगा, के विचाय रे. रेककन जफ स्िमॊ योट (कनक सम ू )य के साथ भॉस डे भें केतु (नय सॊतान) फफायद हो ऩयन्द्तु ऩरयिाय भें ््ऐसा भ नेकी ह कय हदखाएगे" का ऩतका दे िता होगा।

डा धनी, याजाके स्थानभें नौकय कयनेिारा, बोग कयके ह न, तत, श्स्त्रमोंके भनको चयु ानेिारा, चऩरभूततय औय जाततिगयको

श्जसके याज्म भें फन्द्दय बी घय फनाना सीखे रेककन नाक कटे ऩुजाय , हदन दहाडे चोय की घटनाएॉ। फेआयाभ रना सहामक होगी। सुफह की भीठी हिा का््जभाना का सूमय भॊदा जभाना न यहने दे गा।

) हो भगय िह फफायद (ऩतझड़) न दे खेगा औय न ह

भततिारा, अचधक काभी, अन्द्मकी स्त्रीसे विरास कयनेिारा, तरुऩिारा होता है

मय अष्टभ बाव भें ,िनन ऩॊचभ भें तथा ऩॊचभेि याहू से मुक्त हो ,ऩॊचभ बाव भें यहू िनन आदद सूमय के साथ हो तो वऩत्री श्राऩ के दोर् के कायण सॊतान स

भऩत्रत्रमो का होना आवश्मक है . का जन्द्भ कॊु डरी भें स्थान आदद से सॊतान सम्फन्द्धी वविेर् मोग आदद का ननणयम ककमा जाता है .

के दोर् के कायण सॊतान सुख भें कभी होती है .

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

चन्द्रभा

बाव

प्रथभ स्थान भें दस ू ये बाि भें तीसये बाि भें चतुथब य ाि भें ऩॊचभबाि भें छठे बाि भें सप्तभबाि भें अष्टभ बाि भें निभ बाि भें

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

योग

भनोविकाय ,चचॊता ,नेत्र दोष ,जरोदय ,नजरा जुकाभ ि खाॊसी ,काभरा ,ऺम योग, अरुचच ि भत्र ू कृच्छ आहद योग

401 37 RECIPE TAGS

pizza, spinach, feta, cheese

milligrams sodium grams carbs

दशभ बाि भें नमायहिें बाि भें फायहिें बाि भें

प्रथभ स्थान

रार ककताफ

भानसागयी

दस ू ये बाव

रार ककताफ भानसागयी

श्जसके जन्द्भसभमभें चन्द्द्रभा रननभें श्स्थत होम िह धनकयके ऩूण,य सुखी, अचधकतय धन मत ु त, सॊद ु य दे हिारा होता है औय महद चन्द्द्रभा नीच घयभें होम िा ऩाऩग्रहके घयभें होम घयभें मुतत होम तो जडभततिारा, अततद न औय धनकयके यहहत होता है

ऩहाड़ से जोय से तनकरता ऩानी, भाता विद्मा जामदाद जद्दी औय नकद नायामण भें से होगा। भाता के होते विद्मा होगी श्जसकी दरयमा की फाढ फुध की हदफन्द्धी होगी। वऩता नह ॊ। विद्मा से राब की बी शतय नह ॊ जेसे स्कूर भास्टय ऩय चन्द्द्र के काभ जेसे घोड श्जसके चन्द्द्रभा दस ू ये बािभें श्स्थत होम िह तमागशीरिारा, भततभान ्, तनचधके सभान धन चॊचरआतभािारा, दष्ु ट, फहुत सुखिारा, कीततयशार , ऺभािान ्, कभरित ् भुखिारा, विशार औ रुऩिारा होता है

भानसागयी

जॊगर सहाया मा ये चगस्तान का ऩानी, श्जस कदय विद्मा फढे वऩता की भार हारत कभ विद्मा रूकती नह ॊ। विद्मा अऩनी कीभत जरूय दे गी। जफ तक दरयमा ऩय ऩुर हो माने कये । िनाय भाता ह वऩता का काभ दे गी ज्मो ज्मो आमु फढे , विद्मा की कीभत कभ होत विद्मा विबाग भें होता हुआ ऊऩय से नीचे को चगये गा। विद्मा से कभामा धन घय फाय ह दे गा। श्जसके चन्द्द्रभा तीसये बािभें ऩाऩग्रहके स्थानभें विद्मभान होम िह थोडा फोरनेिारा, बा होता है औय महद चन्द्द्रभा शुब ग्रहकें घयभें होम तो सुखका बोगनेिारा, धन तनचधकयके शास्त्रकाव्मकयके हषय ऩानेिारा होता है

रार ककताफ

चवभा का भीठा ऩानी, विद्मा हयदभ सहामक औय विद्मा ऩूय होने भें हय औय से सहाम विद्मा भाॊगे। सुख दे ने िारे विद्मा भाता के असर खन ू का सफूत होगी।

भानसागयी

श्जसके चन्द्द्रभा चतुथब य ािभें होम िह िसु ( यतनाहद ) कयके ऩूण,य मभत्रजनोंका हहत कयनेि योगसे मुतत, भाॊस भछर का खानेिारा होता है औय श्जसके भकानके आगे हाथी, घोडा फ

तीसये बाव रार ककताफ

चतुथब य ाव

घय भें यखे घड़े का अच्छा ऩानी, विद्मा ऩय रगामा ऩैसा फफायद न होग. विद्मा सहामक राब होगा

ऩॊचभबाव रार ककताफ भानसागयी

छठे बाव

रार ककताफ भानसागयी

आफाद को हया बया कयने िार नद विद्मा ऩय रगामा धन ऩूय कीभत न दे गा ऩ विद्मा, तकनीकी विद्मा की डडग्री का स्िाभी होगा। ऩय विद्मा डडग्री की कीभत न मभर का ऩानी आभ रोगो भें ऩूजने की जगह टट्टी ऩेशाफ धोने के काभ आमगा। आभ रोगो उसका कोई बरा न कये गा। सम्फन्द्धी दतु नमािी साथी नद भयम्भत का ख्मार न कये ग अऩने मरए विद्मा व्मथय न होगी। माने अऩना भन न के फयाफय औय विद्मा अऩनी कीभ ककतना बी विद्िान हो। ॊ श्जसके चन्द्द्रभा ऩॉचभे घयभें होम िह धनकयके ऩूण,य सौख्मिान ्, फहुत ऩुत्रोंिारा, स्त्रीिारा िा ऩाऩग्रह अथिा शत्रक ु े घयभें होम तो मुिततसुखसभूह तथा ऩुत्रऩौत्राहदकयके यहहत होता

ऩातार का ऩानी कुआॉ हैंडऩॊऩ विद्मा सहामक होगी ऩय रेककन भूल्म औय खचय ऩय श्जसके चन्द्द्रभा छठे बािभें श्स्थत होम िह ऺीणताके कायण नाशको प्राप्त होनेिारा, फह होनेिारा होता है ऐसा चन्द्द्रभा व्माचध औय द्ु खको दे ता है महद चन्द्द्रभा स्िगह ृ िा उच्च होिै तो फहुत सख का दे न ि े ारा होता है ु छठे बाि भें चॊद्रभा होने से आऩको जीिन भें सदा प्माय की कभी भहसूस हो सकती ह एक फाय प्माय भें धोखा मभर सकता है . ऎसा बी हो सकता है कक आऩ ककसी को चाहत की हहम्भत ना कयने से आऩ उसे ऩा ना सके हो औय मह आऩके भन का भरार हो स

आऩ सदा ककसी ना ककसी फात को रेकय तनाि औय भानमसक ऩये शातनमो से तघये यह स भें चॊद्र की श्स्थतत से आऩका भन कभजोय हो जाता है औय जफ भन ह कभजोय हो ग छोट फात ऩय अचधक ऩये शान हो जाते हैं. भन व्माकुर यहता है .

छठा बाि नौकय का बी होता है औय प्रततस्ऩधाय का बी होता है . इस बाि भें ऩाऩ ग्रह है ताकक व्मश्तत अऩने हय तयह के वियोचधमो ऩय काफू ऩा सके. चॊद्रभा के इस बाि भें ह ऩय आऩके सहमोगी आऩका इस्तेभार कय कयते हैं औय आऩ उनका वियोध बी नह ॊ कय

आऩकी भाता के साथ सॊफॊध अच्छे नह ॊ यहे गें अथिा भाता के सुख भें ककन्द्ह ॊ कायणो स बाि भें चॊद्र होने से ककसी ना ककसी रुऩ भें भाता से अरगाि अथिा उसके सख ु से िॊचच

सप्तभबाव रार ककताफ भानसागयी

अष्टभ बाव

रार ककताफ भानसागयी

भैदान औय खेती को हया बया कयने िारे नद । शाद होने से ऩहरे विद्मा ऩूय कय रेग तो शाद रुकी यहे गी। रेककन विद्मा होगी काभ की। फेशक थोडे दजे की तमों न हो। ढूध औय विद्मा बी फकय के ढूध जैसी - जैसी फकय दध ू दे ते ितत कयती है की हारत िार हारत अच्छी होगी माने चाहे फकयों का ढूध ऩय बफकेगा चाॊद के बाि ह । भनष्ु म स्िम श्जसके चन्द्द्रभा सप्तभबािभें श्स्थत होम िह विभर शय यिारा, रुचचय स्त्रीका ऩतत, काॊचन होता है । महद चन्द्द्रभा ऺीण होम िा ऩाऩग्रहगत होम अथिा ऩाऩग्रह दे खते होंम तो सुख औय योचगणी स्त्रीका ऩतत होता है

अभत ृ मा जहय, विद्मा हुई तो भाता को तयसते यहे (भाता भय जाए ऐसा नह )ॊ . भाता ह दध ू सख ु े दध ू की तयह होगा ऩय उसभे दध ू की सफ मसपते ऩयू होगी। ऩढे गा तो ऩयू ा ि योकता यहे । मा िो दोनों को ह तयसते भय जाए। श्जसके चन्द्द्रभा ऩाऩग्रहके घयभें प्राप्त अष्टभ स्थानभें श्स्थत होम उसको शीघ्रह भतृ मु द अऩने घय ४ ( ककय ) भें होकय अथिा शुक्रके घय २ । ७ िा फह ृ स्ऩततके घय ९ ।१२ िा फ ॊ ) विास ( दभा ) योगोंक होकय अथिा ऩण य होकय अष्टभबािभें श्स्थत होम तो कास ( खॉ सी ू

चॊद्रभा भन है औय आठिें बाि भें चॊद्रभा के प्रबाि से आऩ बािनातभक(emotionally) रुऩ असयु क्षऺत(insecure) भहसस ू कय सकते हैं. आऩ बािनातभक रुऩ से ककसी से बी नह ॊ जुड़ ऩाते हैं, कभजोय भन के कायण सफसे अ आऩका भन फहुत अचधक फेचन ै यहता है औय आऩ गहये तनाि भें धॊसते जाते हैं. अऩने भन की फात को आऩ ककसी से बी नह ॊ कहते हैं महाॉ तक कक श्जस व्मश्तत से है उस साथी के साथ बी ऩूय तयह सुयक्षऺत भहसूस नह ॊ कयते हैं. कापी ज्मादा सभम फ अऩने साथी से कुछ फाते शेमय कयते हैं. अष्टभ बाि के चॊद्रभा से आऩ सदा एक अनजान बम से तघये यहते हैं, श्जसका कोई का आता है . आऩके अॊदय आतभविविास की कभी हो सकती है औय आऩका भनोफर बी चगय आऩ सदा दवु िधा भें तघये यह सकते हैं औय भन भें अश्स्थयता फनी यहती है . आऩको कई ऩहचानना बी भुश्वकर हो जाता है . चॊद्रभा के इस बाि भें होने से आऩ बोगी औय विरासी हो सकते हैं औय आऩके फहुत स यह सकते हैं. अनैततक सॊफॊधो से आऩको सचेत यहना चाहहए. आठिाॉ बाि गूढ विद्माओ का बी है इसमरए आऩकी इनभें रुचच हो सकते हैं औय आऩ एजेंसी से जुड़े काभ बी कय सकते हैं. आऩ जभीन के नीचे से सॊफॊचधत िस्तुओ को अऩन

महाॊ ऩय श्स्थत चॊद्रभा जातक की मशऺा ऩय प्रततकूर प्रबाि डारता है । रेककन महद मशऺ भाॊ का जीिन छोटा होता है । रेककन अतसय मह दे खने को मभरता है कक जातक मशऺा हाराॊकक, महद फह ू ये बाि भें हों तो सातिें घय भें फैठे चॊद्रभा का फुया ृ स्ऩतत औय शतन दस भें श्स्थत चन्द्द्रभा जातक को ऩैतद ृ सम्ऩश्तत से िॊचचत कयता है । महद जातक की ऩैतक ृ कॊु आ मा ताराफ होता है तो जातक के जीिन भें चॊद्रभा के प्रततकूर ऩरयणाभ दे खने को

उऩाम: (1) जुआ औय अनैततकता से फचें । (2) अऩने ऩि य ों के मरए श्रद्धा सभायोह आमोश्जत कयें । ू ज (3) कुएॊ को छत से ढकने के फादघय का तनभायण न कयें । (4) फुजुगों औय फच्चों के ऩैय छूकय आशीिायद रें। (5) वभशान बमू भ की सीभा के बीतय श्स्थत नर मा कॊु ए से ऩानी राएॊ औय अऩने घय क भें श्स्थत चॊद्रभा की सबी फुयाइमों दयू कयता है । (6) ऩूजा स्थर भें चना औय दार दान कयें ।

नवभ बाव

रार ककताफ भानसागयी

दिभ बाव रार ककताफ भानसागयी

सभुॊदय, सफको आयाभ दे ने की विद्मा का स्िाभी। भगय स्िमॊ विद्िान ् होने की शतय नह शतय नह ॊ। कपय बी सुख का भामरक याजा इॊद्र की तयह सफका दाता होगा। श्जसके चन्द्द्रभा निभबािभें ऩूणफ य र होकय श्स्थत होम िह फहुत सुखोंको बोगनेिारा, श्स् महद चन्द्द्रभा ऺीण हो अथिा नीच ८ यामशका होम तो धनका बागी नह ॊ होता है औय ध कयनेिारा गुणह न औय भूढचचततिारा होता है

ऩहाड़ की रूकािट से रुका ऩानी। दस ु यो को तमा ऩढाना खद ु ह विद्मा यहहत। महाॉ तक भाॊगने ऩय ऩतथय से जिाफ दे । विद्मा भें हय औय से ऩतथय की रूकािट। भगय खवु क द प्रमोग की इल्भ का िाककप। गय खाना नॊ ८ भॊदा हो तो हभेशा हय जगह सम्भान की ज ऩय अगय खाना नॊ २ अच्छा तो दो गुना अच्छा। श्जसके चन्द्द्रभा दशभबािभें श्स्थत होम िह फहुत धनका बागी, अनेक धन तनचध तथा ऩ ॊ ) योगिा होता है . महद चन्द्द्रभा शत्रक ु े घय िा ऩाऩग्रहके घयभें श्स्थत होम तो कास ( खॉसी धनकयके मुतत भातािारा औय कभय कयके ह न होता है

ग्मायहवें बाव

रार ककताफ भानसागयी

फायहवें बाव

रार ककताफ

भानसागयी

फयसाती नारा, ऩढे गा ऩयू ा िनाय अनऩढ। िह राब हातन विद्मा का होगा। श्जसके चन्द्द्रभा नमायहिें बािभें श्स्थत होम िह फहुत धनका बोगनेिारा, अचधक सुख स कयके मुतत होता है . महद चन्द्द्रभा ऺीण होम िा नीचयामशभें होम िा ऩाऩग्रहके घय होम सुखका बागी नह ॊ होता है औय व्माचधकयके भूढचचततिारा होता है

आसभानी ऩानी ओरे फपय आहद, ऩाखाना फॊद, गन्द्द नार , फॊद रुका ऩानी श्जसके चन्द्द्रभा फायहिें बािभें श्स्थत होम िह दफ य शय यिारा, जूडीके योगिारा, क्रोधिान ्, ु र चन्द्द्रभा तनजयामश ( ४ ) भें हो, अथिा फुधके घय ३ । ६ भें होम तो श्जतेश्न्द्द्रम शीरकयके सुखको बोगनेिारा औय सदा नीचप्रसॊगी होता है

. इस बाि भें चॊद्रभा होने से भन का व्मम होता है औय चचतत अशाॊत यहता है . 12िाॉ बाि भोऺ का बी है इसमरए चॊद्रभा के इस बाि भें होने से आऩका झुकाि आध्म आऩ ककसी आश्रभ के सदस्म फन सकते हैं. मह बाि विदे श का बी है इसमरएा आऩ अऩने जन्द्भ स्थान से दयू जाकय तयतकी कय जा सकते हैं. इस बाि का चॊद्रभा व्मश्तत को एक अच्छा रेखक फना सकता है तमोकक आऩ यचनातभ भन फहुत सी कल्ऩनाओ भें खोमा यहता है . एक रेखक के मरए अच्छी कल्ऩनाएॉ कयना अच्छे औय सॊद ु य रेख मरख सकता है . चॊद्रभा को भाता का प्रतीक ग्रह भाना जाता है इसमरए इस बाि भें चॊद्रभा के होने से आ आध्माश्तभक विचायो िार भहहरा हो सकती है . इस बाि का चॊद्रभा कभजोय तो होता है रेककन छठे औय आठिें बाि श्जतना नह ॊ होत रेककन इस बाि के चॊद्रभा ऩय से जफ शतन अथिा अन्द्म ऩाऩ ग्रहों का गोचय होप्ता है अचधक हो सकती है .

ऩाॉव छू कय आिीवायद रेना चन्द्र का सफसे उत्तभ उऩाम है महद जातक का चॊद्रभा कभजोय हो , तो उन्द्हें तुरसी मा अन्द््म छोटे -छोटे औषधीम ऩौधे चॊद्रभा अगय कुण्डर भें कभजोय है तफ आऩको बगिान मशि की ऩज ू ा प्रततहदन कयनी

PREP TIME

45

minutes

DIRECTIONS

COOK TIME

15

minutes

YIELD

6

servings

फायद न होग. विद्मा सहामक होगी औय याजदयफाय भें

यके ऩूण,य सुखी, अचधकतय धनका बोगनेिारा, िीमयकयके होम िा ऩाऩग्रहके घयभें होम अथिा ऩाऩग्रहोंसे अऩने यहहत होता है

ी औय नकद नायामण भें से एक का ऩूया ऩूया पर फुध की हदफन्द्धी होगी। वऩता मा फाफा से कोई शतय ऩय चन्द्द्र के काभ जेसे घोडे, चाॊद मसचाई आहद राब , भततभान ्, तनचधके सभान धन कयके ऩूण,य कभरित ् भुखिारा, विशार औय चन्द्द्रभाके सभान

ढे वऩता की भार हारत कभजोय होती जाए। भगय तक दरयमा ऩय ऩुर हो माने केतु चन्द्द्र को फफायद न ढे , विद्मा की कीभत कभ होती जाए। मा ऐसा व्मश्तत द्मा से कभामा धन घय फाय के काभो भें तयतकी कभ होम िह थोडा फोरनेिारा, बाई श्जसके भयजािें, शत्रभ ु ूततय बोगनेिारा, धन तनचधकयके मुतत औय

ऩयू होने भें हय औय से सहामता मभरे। चाहे कैसी बी का सफत ू होगी। ऩण ू ,य मभत्रजनोंका हहत कयनेिारा, श्स्त्रमोंका प्माया, तनयॊ तय भकानके आगे हाथी, घोडा फॊधे यहें ऐसा भनुष्म होता है

मा धन ऩूय कीभत न दे गा ऩय ऐसा व्मश्तत फच्चो की िद्मा डडग्री की कीभत न मभरेगी। मानी विद्मा की नद के काभ आमगा। आभ रोगो का बरा कयते हुए बी भयम्भत का ख्मार न कये गे ऩय भॊदा जरूय कये गे। फयाफय औय विद्मा अऩनी कीभत कुछ बी न दे गी चाहे

िान ्, फहुत ऩुत्रोंिारा, स्त्रीिारा होता है औय महद ऺीण हो ा ऩुत्रऩौत्राहदकयके यहहत होता है

रेककन भूल्म औय खचय ऩय औय कष्ट सहने ऩड़ेगे। ण नाशको प्राप्त होनेिारा, फहुत बोगोंको न प्राप्त महद चन्द्द्रभा स्िगह य रिान ् ृ िा उच्चका अथिा ऩूणफ

की कभी भहसूस हो सकती है अथिा आऩको जीिन भें है कक आऩ ककसी को चाहते हो औय कबी उसे कहने आऩके भन का भरार हो सकता है .

मसक ऩये शातनमो से तघये यह सकते है तमोकक छठे बाि य जफ भन ह कभजोय हो गमा तफ आऩ छोट से ता है .

ोता है . इस बाि भें ऩाऩ ग्रह का होना अच्छा भाना गमा सके. चॊद्रभा के इस बाि भें होने से आऩके कामय ऺेत्र आऩ उनका वियोध बी नह ॊ कय ऩाते है .

के सुख भें ककन्द्ह ॊ कायणो से कभी यह सकती है . इस गाि अथिा उसके सख ु से िॊचचत हो सकते हैं.

से ऩहरे विद्मा ऩूय कय रेगा मा विद्मा चरती यहे गी थोडे दजे की तमों न हो। ढूध तो होगा ऩय फकय का। ितत कयती है की हारत िार विद्मा होगी ऩय भार ाॊद के बाि ह । भनष्ु म स्िमॊ रक्ष्भी का अिताय होगा। िारा, रुचचय स्त्रीका ऩतत, काॊचनकयके मत ु त, सॊद ु यदे हिारा िा ऩाऩग्रह दे खते होंम तो सुखका बागी नह ॊ होता है

भय जाए ऐसा नह )ॊ . भाता हुई तो विद्मा नह ॊ। अफ ऩयू होगी। ऩढे गा तो ऩयू ा िनाय सॊतान को बी ऩढने से

त होम उसको शीघ्रह भतृ मु दे ता हैं औय फह ृ स्ऩततके घय ९ ।१२ िा फुधके घय ३ ॊ ) विास ( दभा ) योगोंकयके फहुत ( खॉसी

जो चन्द्द्रभा । ६ भें प्राप्त द्ु खको दे ता है

बािनातभक(emotionally) रुऩ से स्िमॊ को अतमचधक

भजोय भन के कायण सफसे अरग - थरग से यहते हैं. नाि भें धॊसते जाते हैं. हाॉ तक कक श्जस व्मश्तत से आऩ अॊतयॊ ग सॊफॊध फनाते कयते हैं. कापी ज्मादा सभम फीत जाने ऩय ह आऩ

तघये यहते हैं, श्जसका कोई कायण आऩको बी सभझ नह औय आऩका भनोफर बी चगया यहता है . यता फनी यहती है . आऩको कई फाय सह औय गरत को

सकते हैं औय आऩके फहुत से सॊफॊध दतु नमा से तछऩे ए. रुचच हो सकते हैं औय आऩ गुप्त अथिा डडटे श्तटि से सॊफॊचधत िस्तुओ को अऩनी आजीविका के साधन

ि डारता है । रेककन महद मशऺा अच्छी है तो जातक की ो मभरता है कक जातक मशऺा औय भाॉ को खो दे ता है । िें घय भें फैठे चॊद्रभा का फुया कभ हो जाएगा। इस बाि ता है । महद जातक की ऩैतक ृ सम्ऩश्तत के ऩास कोई प्रततकूर ऩरयणाभ दे खने को मभरते हैं।

से ऩानी राएॊ औय अऩने घय के बीतय यखें। मह 8 बाि

िमॊ विद्िान ् होने की शतय नह ॊ। रेककन अनऩढ होने की फका दाता होगा। फहुत सुखोंको बोगनेिारा, श्स्त्रमोंको प्माया होता है औय का बागी नह ॊ होता है औय धभयके भागयसे वियोध

द ह विद्मा यहहत। महाॉ तक की ऩढाने िारे को ऩानी य की रूकािट। भगय खवु क दिाईओ की हकीभी औय हभेशा हय जगह सम्भान की जगह भुहॉ कारा होता यहे

बागी, अनेक धन तनचध तथा ऩत्र ु स्त्री आहदसे ऩरयऩण ू य ॊ ) योगिारा, दफ होम तो कास ( खॉसी य शय यिारा, ु र

द्मा का होगा। का बोगनेिारा, अचधक सुख सहहत स्त्री औय सेिकों होम िा ऩाऩग्रहके घय होम अथिा शत्रक ु े घयभें होम तो होता है

फॊद रुका ऩानी रा, जूडीके योगिारा, क्रोधिान ्, तनधयनी होता है औय महद होम तो श्जतेश्न्द्द्रम शीरकयके यहहत, दफ य शय यिारा, ु र

चतत अशाॊत यहता है . होने से आऩका झुकाि आध्मातभ की ओय हो सकता है .

न से दयू जाकय तयतकी कय सकते हैं अथिा विदे श बी

कता है तमोकक आऩ यचनातभक व्मश्तत हैं औय आऩका मरए अच्छी कल्ऩनाएॉ कयना फहुत जरुय है तबी िह बाि भें चॊद्रभा के होने से आऩकी भाता बी

आठिें बाि श्जतना नह ॊ होता है . ऩाऩ ग्रहों का गोचय होप्ता है तफ भानमसक ऩये शानी

है न्द््म छोटे -छोटे औषधीम ऩौधे अऩने अहाते भें रगाकय उसभें प्रततहदन ऩानी दे ना चाहहए। शि की ऩज ू ा प्रततहदन कयनी चाहहए.

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

बाव

भॊगर

प्रथभ स्थान भें दस ू ये बाि भें तीसये बाि भें चतुथब य ाि भें ऩॊचभबाि भें छठे बाि भें सप्तभबाि भें अष्टभ बाि भें निभ बाि भें

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

योग

भनोविकाय ,चचॊता ,नेत्र दोष ,जरोदय ,नजरा जुकाभ ि खाॊसी ,काभरा ,ऺम योग, अरुचच ि भत्र ू कृच्छ आहद योग

401 37 RECIPE TAGS

pizza, spinach, feta, cheese

प्रथभ स्थान

रार ककताफ भानसागयी

milligrams sodium grams carbs

दशभ बाि भें नमायहिें बाि भें फायहिें बाि भें

ऩहरे घय भें श्स्थत भॊगर ग्रह जातक को उम्र के 28 िषय से अच्छे स्िबाि िारा, सच्चा सयकाय से सहमोग मभरता है औय िह अचधक प्रमास के बफना दवु भनों ऩय जीत हामसर सॊफॊचधत व्मिसामों जैसे रोहा, रकडी औय भशीनय आहद के भाध्मभ से खफ ू धनाजयन क रयवतेदाय जैसे, बतीजे, ऩोते, भाभा/चाचा आहद के मरए ऐसे जातक से मभरा सहज श्राऩ क भॊगर की मतु त जातक को शाय रयक कष्ट दे ती है ।उऩाम: (1) भुहत के उऩहाय मा दान स्िीकाय नह ॊ कयना चाहहए। (2) फुये काभों औय झूठ से फचें । (3) सॊतों औय पकीयों की सॊगतत फहुत हातनकायक साबफत होगी,अत: उनसे फचें । (4) हाथीदाॊत की चीजें फहुत प्रततकूर प्रबाि दें गी, अत् उनसे फचाि कयें ।

दस ू ये बाव

रार ककताफ भानसागयी

दस ू ये बाि भें श्स्थत भॊगर िारा जाता आभतौय ऩय अऩने भाता वऩता की फडी सॊतान ह जैसे फतायि ककमा जाएगा। रेककन यहने एक छोटे बाई की तयह यहना औय फतायि कयना कई फुयाइमों को अऩने आऩ नष्ट कयता है । इस घय का भॊगर जातक को ससुयार से फ ऩय श्स्थत अशुब भॊगर ग्रह जातक को इॊशान के रूऩ भें दस ू यों के मरए साॉऩ सदृश फना मा झगड़े भें जातक की भतृ मु का कायण फनता है । दस ू ये घय भें फुध के साथ श्स्थत भॊग कभजोय औय उसके भहतति को कभजोय कयने िारा फनाता है । उऩाम: (1) चॊद्रभा से जुडे व्मिसाम जैसे कऩड़े का व्माऩाय आहद कयने से चॊद्रभा भजफूत होता ह भें फडी सभवृ द्ध मभरती है । (2) सतु नश्वचत कयें कक आऩके ससयु ार िारे आभ रोगों के मरए ऩीने के ऩानी की सवु िध (3) घय भें हहयण तिचा यखें।

तीसये बाव

रार ककताफ भानसागयी

तीसया बाि भॊगर औय फुध से प्रबावित बाि होता है , जो जातक को बाइमों औय फहनों भाता-वऩता की अकेर सॊतान नह ॊ होगा। दस ू यो को जातक से खफ ू राब मभरेगा रेककन नह ॊ मभरेगा। अऩनी विनम्रता के कायण जातक राबाश्न्द्ित औय ऩुयस्कृत होगा। जातक ससयु ार िारे अभीय औय अभीय होते जाएॊगे। जातक खाओॊ वऩमो औय भस्त यहो के मसद्ध यतत विकायों से ग्रस्त यहे गा। उऩाम: (1) नयभ हदर फनें औय अहॊ काय से फचें । सभवृ द्ध प्राश्प्त के मरए बाइमों के मरए अच्छे फ (2) आऩ के साथ हाथीदाॊत की िस्तुएॊ यखें। (3) फाएॊ हाथ भें चाॊद की अॊगूठी ऩय ऩहनें।

चतुथब य ाव

ऩॊचभबाव

छठे बाव

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

चौथा घय सभग्र चॊद्रभा की सॊऩश्तत है । इस घय भें भॊगर ग्रह की आग औय गभी चॊद्रभा चॊद्रभा के गुण प्रततकूर प्रबािी हो जाते हैं। जातक अऩने भन की शाॊतत खो दे ता है औय िह हभेशा अऩने छोटे बाई के साथ फयु ा फतायि कयता है । जातक की फयु मोजना फहुत कय रेती है । इस प्रकाय का जातक अऩनी भाॉ, ऩतनी, सास आहद के जीिन के मरए फहुत का गुस्सा उसके जीिन के विमबन्द्न ऩहरुओॊ के विनाश का कायण फन जाता है । उऩाम: (1) ककसी फयगद के ऩेड़ की जड़ों ऩय भीठा दध ू चढाएॊ औय िहाॊ की गीर मभट्टी को अऩ (2) आग से तफाह से फचने के मरए, अऩने घय, दक ु ान मा कायखाने की छत ऩय चीनी क (3) हभेशा आऩने साथ चाॊद का एक चौकोय टुकड़ा यखें। (4) कारे, काने औय विकराॊग व्मश्तत से दयू यहें ।

ऩाॊचिाॊ घय भॊगर के नैसचगयक मभत्र सूमय का घय होता है । इसमरए इस घय भें भॊगर फहु के ऩुत्र उसकी प्रमसवद्ध औय धनाजयन के भाध्मभ फनते हैं। जातक की सभचृ ध ऩुत्र प्राश्प्त शुक्र औय चॊद्रभा का प्रतततनचधति कयने िार िस्तुएॊ औय रयवतेदाय को हय तय के से पा ऩि य ों भें से कोई चचककतसक मा िैद्म यहा होगा। जातक की उम्र के साथ उसकी सभचृ ध ू ज विऩय त मरॊगी के साथ बािनातभक रगाि औय योभाॊस जातक के मरए अतमचधक विनाश की भानमसक शाॊतत औय यातों की नीद खयाफ कयने के कायण फनेंगे। उऩाम: (1) अऩना नैततक चरयत्र अच्छा फनाए यखें। (2) यात को अऩने बफस्तय के मसयहने एक फतयन भें ऩानी यखें औय सुफह उसे ककसी गभर (3) अऩने ऩूिज य ों की श्राद्ध कयें औय घय भें एक नीभ के ऩेड़ रगाएॊ।

मह बाि फध ु औय केतू का होता है । दोनो आऩस भें शत्रु है औय भॊगर के मरए हातनका अऩने आऩको इन दोनो ग्रहों से दयू यखता है । इसमरए जातक साहसी, जोणखभ उठाने िा रगाने के मरए ऩमायप्त शश्तत यखने िारा होता है । फुध से सॊफॊचधत व्माऩाय-व्मिसाम ज मसद्ध होंगे। उसकी करभ भें तरिाय से ज्मादा ताकत होगी। महद सम ू ,य शतन औय भॊगर बाई, भाॊ, फहन औय ऩतनी ऩय प्रततकूर प्रबाि ऩडेगा। उऩाम: (1) फेटे के जन्द्भ के सभम मभठाई की जगह ऩय नभक फाॊटें। (2) जातक के बाइमों को चाहहए कक अऩनी सुयऺा औय सभवृ द्ध के मरए िो जातक को ख जातक को कोई िस्तु मा औय कुछ दे ते यहें । रेककन महद जातक ऐसी चीजें स्िीकाय नह पेंक दे नी चाहहए। (3) जातक के रड़कों को सोना नह ॊ ऩहनना चाहहए। (4) ऩरयिारयक सख ु के मरए शतन के उऩाम अऩनाएॊ। भाता वऩता के स्िास्थ्म औय दवु भन की ऩूजा कयें ।

सप्तभबाव

अष्टभ बाव

नवभ बाव

दिभ बाव

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ

महद घय भें शुक्र औय फुध, के प्रबाि के अॊतगयत आता है जो कक आऩस भें मभरकय सूम सातिें बाि भें है तो सातिाॊ बाि भॊगर औय सूमय के प्रबाि के अॊतयगत आएगा जो मह भहतिाकाॊऺा ऩयू हो जाएगी। धन सॊऩश्तत, औय ऩरयिाय भें िवृ द्ध होगी। रेककन अगय फध ु तो फुध से सॊफॊचधत फातों औय रयवतों जैसे, फहन, बाबी, नसों, नौकयानी, तोता, फकय आहद दयू यहना फेहतय होगा। उऩाम: (1) सभवृ द्ध के मरए घय भें चाॊद का ठोस टुकड़ा यखें। (2) हभेशा फेट , फहन, बाबी औय विधिाओॊ को मभठाई बें ट कयें ।

मह घय भॊगर औय शतन, के सॊमुतत गुणों से प्रबावित होता है । इस घय भें कोई ग्रह अच् श्स्थत भॊगर ग्रह जातक के छोटे बाई ऩय प्रततकूर प्रबाि डारता है । राब मा हातन की द्िाया फनाई गई प्रततफद्धताओॊ से चचऩका यहता है । उऩाम: (1) विधिाओॊ का आशीिायद प्राप्त कयें औय गरे भें एक चाॊद की चेन ऩहनें । (2) तॊदयू की फनी भीठी योट कुततों को दें । (3) बोजन यसोई घय भें ह कयें । (4) अऩने घय के अत भें एक छोटा से अॊधेया कभया फनाएॉ औय उसभें सूमय की योशनी न (5) धामभयक स्थानों भें चािर, गुड़ औय चने की दार बें ट कयें । (6) ककसी मभट्टी के फतयन भें ‘दे शी खाॊड’ बयें औय वभशान बमू भ के ऩास दपनाएॊ।

मह घय भॊगर ग्रह के मभत्र फह ृ स्ऩतत का है । इस बाि भें श्स्थत भॊगर ग्रह फडों का आम के मरए हय ढॊ ग से अच्छा साबफत होगा। जातक के बाइमों की ऩश्तनमाॊ जातक के मरए उसके अऩने वऩता की तयह कई बाई होंगे। बाइमों के साथ एक सॊमुतत ऩरयिाय भें यहन से िवृ द्ध होगी। जातक अऩनी उम्र के 28 िें िषय तक एक अतमॊत प्रततश्ष्ठत प्रशासतनक ऩ जुड़े साभान के व्माऩाय भें बाय भुनापा कभा सकता है । उऩाम: (1) अऩने फड़े बाई की आऻा भानें । (2) अऩनी बाबी मानी बाई की ऩतनी की सेिा कयें । (3) नाश्स्तक न फनें औय अऩने ऩायॊ ऩरयक औय धामभयक य तत - रयिाजों का ऩारन कयें । (4) धामभयक औय ऩूजा स्थरों ऩय चािर, दध ू औय गुड़ चढाएॊ।

भानसागयी

कॊु डर भें मह भॊगर ग्रह की सफसे अच्छी श्स्थतत है , मह भॊगर की उच्च की जगह है । भें ऩैदा हुआ है तो उसके जन्द्भ के फाद उसका ऩरयिाय अभीय औय सॊऩन्द्न हो जाएगा। म ऩैदा हुआ है , तो उसके जन्द्भ के फाद उसका ऩरयिाय अभीय औय अभीय होता जाएगा। मह फडा है तो िह सभाज भें एक अततविमशष्ट होगा औय खफ ू भान प्रततष्ठा हामसर कये गा। औय सभाज भें ऩयॊ ऩयाओॊ, भानदॊ डों औय तनमभों को तनधायरयत कयनें भें ऩमायप्त सऺभ होग याहु, केतु औय शतन मा शुक्र औय चॊद्रभा जैसे हतनकय ग्रह हों तो ऩूिोतत राबकाय प्रबाि महद तीसये बाि भें कोई मभत्र ग्रह बी श्स्थत है तो बी दसिें घय भें श्स्थत भॊगर ग्रह क डारेगा। महद शतन तीसये घय भें श्स्थत है तो जातक अऩने जीिन के अॊततभ बाग भें ख जामदाद प्राप्त कये गा। साथ ह िह एक याजसी ऩद बी प्राप्त कये गा। भॊगर दसभ भें ह न हो तो चायों तयप से सभॄवद्ध औय खमु शमाॊ आती हैं। उऩाम: (1) ऩैतक ृ सॊऩश्तत औय घय का सोना न फेचें। (2) घय भें हहयण ऩारें । (3) दध ू उफारते सभम इस फात का खमार यखें कक दध ू उपन कय आग ऩय न चगयने ऩ (4) काने औय तन्सॊतान व्मश्ततमों की भदद कयें ।

ग्मायहवें बाव रार ककताफ भानसागयी

मह घय फह ृ स्ऩतत औय शतन ग्रह से प्रबािी होता है इसमरए इस घय भें भॊगर अच्छे ऩरय उच्च का हो तो भॊगर फहुत अच्छे ऩरयणाभ दे ता है । जातक साहसी औय आभ तौय ऩय उऩाम: (1) ऩैतक ृ सॊऩश्तत कबी बी न फेचें। (2) ककसी मभट्टी के फतयन भें शहद मा मसॊदयू यखना अच्छे ऩरयणाभ दे गा।

फायहवें बाव

रार ककताफ भानसागयी

मह घय फह ृ स्ऩतत से प्रबावित घय होता है । इसमरए महाॊ ऩय भॊगर औय औय फह ृ स्ऩतत द मह याहू का ऩतका घय बी कहा गमा है इसमरए भॊगर के महाॊ श्स्थत होने के कायण या उऩाम: (1) सुफह खार ऩेट शहद का सेिन कयें । (2) मभठाई खाना औय दस ू यों को बी दे ने से जातक के धन की फवृ द्ध होती है ।

PREP TIME

45

minutes

DIRECTIONS

COOK TIME

15

minutes

YIELD

6

servings

षय से अच्छे स्िबाि िारा, सच्चा औय अभीय फनाता है । उसे के बफना दवु भनों ऩय जीत हामसर कयता है । जातक शतन से द के भाध्मभ से खफ ू धनाजयन कयता है औय शतन से सॊफॊचधत से जातक से मभरा सहज श्राऩ कबी फेकाय नह ॊ जाता। शतन औय म: ए।

त होगी,अत: उनसे फचें । उनसे फचाि कयें ।

ऩने भाता वऩता की फडी सॊतान होता है अन्द्मथा उसके साथ फडे के की तयह यहना औय फतायि कयना जातक के फहुत पामदे भॊद औय ा भॊगर जातक को ससुयार से फहुत धन-सॊऩदा हदरिाता है । महाॊ भें दस ू यों के मरए साॉऩ सदृश फनाता है औय मह श्स्थतत ककसी मुद्ध ये घय भें फुध के साथ श्स्थत भॊगर जातक की इच्छा शश्तत को नाता है ।

द कयने से चॊद्रभा भजफूत होता है श्जससे जातक को ऐसे व्माऩाय के मरए ऩीने के ऩानी की सवु िधा औय व्मिस्था कयें ।

जो जातक को बाइमों औय फहनों की प्राश्प्त कयिाता है । िह अऩने तक से खफ ू राब मभरेगा रेककन स्िमॊ जातक को दस ू यों से राब न्द्ित औय ऩुयस्कृत होगा। जातक की शाद के फाद जातक के खाओॊ वऩमो औय भस्त यहो के मसद्धाॊत भें विविास कये गा रेककन के मरए बाइमों के मरए अच्छे फनें।

र ग्रह की आग औय गभी चॊद्रभा के ठॊ डे ऩानी को जरा दे ती है । ने भन की शाॊतत खो दे ता है औय दस ू यों से ईष्माय कयने रगता है । है । जातक की फयु मोजना फहुत फडी विनाशकाय शश्ततमाॊ प्राप्त स आहद के जीिन के मरए फहुत प्रततकूर प्रबािी होता है । जातक का कायण फन जाता है ।

औय िहाॊ की गीर मभट्टी को अऩनी नामब ऩय रगाएॊ। मा कायखाने की छत ऩय चीनी की खार फैग (फोये ) यखें। ।

है । इसमरए इस घय भें भॊगर फहुत अच्छे ऩरयणाभ दे ता है । जातक हैं। जातक की सभचृ ध ऩुत्र प्राश्प्त के फाद कई गुना फढ जाती है । औय रयवतेदाय को हय तय के से पामदे भॊद साबफत होंगे। जातक के क की उम्र के साथ उसकी सभचृ ध बी फढती जाती है । रेककन जातक के मरए अतमचधक विनाशकाय साबफत होंगे औय जातक कायण फनें गे।

नी यखें औय सुफह उसे ककसी गभरे भें डार दें । ऩेड़ रगाएॊ।

त्रु है औय भॊगर के मरए हातनकायक हैं। इस मरए इस बाि भें सम ू य जातक साहसी, जोणखभ उठाने िारा न्द्मामवप्रम औय ऩानी भें आग ध से सॊफॊचधत व्माऩाय-व्मिसाम जातक के मरए अतमचधक राबकाय होगी। महद सम ू ,य शतन औय भॊगर इसी घय भें साथ हैं तो जातक के

फाॊटें। सभवृ द्ध के मरए िो जातक को खश ु यखें औय इसके मरए िो हद जातक ऐसी चीजें स्िीकाय नह ॊ कयता तो िो चीजें ऩानी भें

ाता वऩता के स्िास्थ्म औय दवु भनों के विनाश के मरए गणेश जी

है जो कक आऩस भें मभरकय सूमय का पर दे ते हैं। महद भॊगर प्रबाि के अॊतयगत आएगा जो मह सुतनश्वचत कयता की जातक की भें िवृ द्ध होगी। रेककन अगय फध ु बी भॊगर ग्रह के साथ श्स्थत है नसों, नौकयानी, तोता, फकय आहद प्रततकूर प्रबािी होंगी अत: इनसे

बें ट कयें ।

होता है । इस घय भें कोई ग्रह अच्छा नह ॊ भाना जाता है । महाॊ बाि डारता है । राब मा हातन की ऩयिाह ककए बफना जातक अऩने चाॊद की चेन ऩहनें।

नाएॉ औय उसभें सूमय की योशनी न आने दें । ट कयें । न बमू भ के ऩास दपनाएॊ।

भें श्स्थत भॊगर ग्रह फडों का आमशिायद औय भदद हदराकय जातक इमों की ऩश्तनमाॊ जातक के मरए बानमशार यहें गी। साभान्द्मत: साथ एक सॊमुतत ऩरयिाय भें यहने ऩय जातद के सुख भें हय ओय क अतमॊत प्रततश्ष्ठत प्रशासतनक ऩद प्राप्त कय रेगा। जातक मुद्ध से ।

य तत - रयिाजों का ऩारन कयें । चढाएॊ।

ह भॊगर की उच्च की जगह है । महद जातक ककसी गय फ ऩरयिाय अभीय औय सॊऩन्द्न हो जाएगा। महद िह ककसी अभीय ऩरयिाय भें भीय औय अभीय होता जाएगा। महद जातक अऩने बाइमों भें सफसे खफ ू भान प्रततष्ठा हामसर कये गा। जातक तनबीक, साहसी, स्िस्थ धायरयत कयनें भें ऩमायप्त सऺभ होगा। हाराॊकक, महद दस ू ये बाि भें ग्रह हों तो ऩूिोतत राबकाय प्रबाि कभ हो जाते हैं। इसके अरािा दसिें घय भें श्स्थत भॊगर ग्रह के ऩरयणाभों ऩय प्रततकूर प्रबाि अऩने जीिन के अॊततभ बाग भें खफ ू धन औय फहुत साय जभीन प्राप्त कये गा। भॊगर दसभ भें हो औय ऩाॊचिें घय भें कोई बी ग्रह

ध उपन कय आग ऩय न चगयने ऩाए।

मरए इस घय भें भॊगर अच्छे ऩरयणाभ दे ता है । महद फह ृ स्ऩतत जातक साहसी औय आभ तौय ऩय व्माऩाय होता है ।

छे ऩरयणाभ दे गा।

हाॊ ऩय भॊगर औय औय फह ृ स्ऩतत दोनों के अच्छे ऩरयणाभ मभरते हैं। के महाॊ श्स्थत होने के कायण याहू का दष्ु प्रबाि बी नह ॊ मभरता।

धन की फवृ द्ध होती है ।

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

बाव

फुध

प्रथभ स्थान भें दस ू ये बाि भें तीसये बाि भें चतुथब य ाि भें ऩॊचभबाि भें छठे बाि भें सप्तभबाि भें अष्टभ बाि भें निभ बाि भें

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

योग

उदय योग,तिचा विकाय ,विषभ ज्िय ,कॊठ योग, फहभ,कणय एिभ नामसका योग, ऩाॊडू,सॊग्रहणी,भानमसक योग, िाणी भें दोष

स्िरूऩ औय प्रकृतत

सुन्द्दय ,हास्म वप्रम ,िात-वऩतत-कप प्रकृतत का ,कामय कयने भें चतुय,भधयु बाषी ,यजोगुणी,विद्िान, तिचा ि नस प्रधान शय य िारा , करा कुशर ,साॊिरे यॊ ग

कायकति दे िता व्माऩाय

फुध फुश्ध्ध ,विद्मा ,चतुयाई ,भाभा ,मभत्र ,िाणी ,कुभाय अिस्था, तिचा,हये ऩदाथय,ऩन्द्ना,दत ू कभय ,हास्म,ज्मोततष विद्मा,गणणत, करा-कौशर,व्माऩाय,रेखन,फीभा,सॊचाय के साधन,मॊत्र –भन्द्त्रतॊत्र,कूटनीतत,मरवऩक,मशऺक,कयाधान,भुद्रा वितनभम ,ऩुस्तक विक्रेता, आढतदरार ,डाक –ताय विबाग आहद

गणऩतत

ऩॊडडताई, गणणत का भास्टय, व्माऩाय , िकारत, दरार , सेल्सभेनमशऩ आहद के ऩयु षाथय के काभो भें खफ ू कभाता है

ऩूिय भें ककसी िस्तु अथिा फात का अनुभान मा ऩूिायबास प्राप्त कयने भें भाहहय होता है pizza, spinach, feta, cheese

दशभ बाि भें फायहिें बाि भें

ऩूिय भें ककसी िस्तु अथिा फात का अनुभान मा ऩूिायबास

स्वाशभत्व

मभथन ु (3) कन्द्मा (6) DIRECTIONS

उच्च

यािी

कन्द्मा

(6)

नीच यािी

भीन (12) दृष्ष्ट

7

थिा फात का अनुभान मा ऩूिायबास प्राप्त कयने भें भाहहय होता है

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

फह ृ स्ऩनत बाव

प्रथभ स्थान भें दस ू ये बाि भें तीसये बाि भें चतुथब य ाि भें ऩॊचभबाि भें छठे बाि भें सप्तभबाि भें अष्टभ बाि भें निभ बाि भें

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

योग स्िरूऩ औय प्रकृतत

कायकति दे िता

शय य भें चफी की िवृ द्ध, कप विकाय, भूच्छाय, हतनयमा, कान के योग, स्भतृ त विकाय, श्जगय के योग, भानमसक तनाि, यतत धभनी से सम्फॊचधत योग गौय िणय के, विशार दे ह के, कप प्रधान, उततभ फुवद्ध ि गॊबीय िाणी से मुतत, कवऩर िणय के केश िारे, फड़े ऩेट िारे, उदाय, ऩीत नेत्रों िारे हैं | फवु द्ध, ऻान, स्भतृ त, मशऺा, याजनीतत, भॊत्री ऩद, धभय, नीतत, सुख सभवृ द्ध, धन सॊऩश्तत, अध्मातभ, स्िणय,सॊतान, ऩीत िणय के सबी ऩदाथय, भोभ,चफी, घी, तीथय स्थर, िाक् शश्तत, ऩयु ोहहताई, ईशान हदशा, ब्राह्भण जातत, िद्ध ृ ािस्था, भधयु यस, हे भॊत ऋत,ु बण्डाय घय, उदायता, दान – ऩुण्म, न्द्माम, उच्चामबराषा, सति गुण, फैंक, शहद, पर, ऩुस्तकारम, प्रकाशन इतमाहद

व्माऩाय

ऩूिय भें ककसी िस्तु अथिा फात का अनुभान मा ऩूिायबास प्राप्त कयने भें भाहहय होता है pizza, spinach, feta, cheese

दशभ बाि भें फायहिें बाि भें

स्वाशभत्व

मभथन ु (3) कन्द्मा (6) DIRECTIONS

उच्च

यािी

कन्द्मा

(6)

नीच यािी

भीन (12) दृष्ष्ट

5, 7, 9

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

बाव

िुक्र

प्रथभ स्थान भें शुक्र दस ू ये बाि भें शुक्र तीसये बाि भें शुक्र चतुथब य ाि भें शुक्र ऩॊचभबाि भें शक्र ु छठे बाि भें शुक्र सप्तभबाि भें शुक्र अष्टभ बाि भें शक्र ु निभ बाि भें शुक्र

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

योग

भनोविकाय ,चचॊता ,नेत्र दोष ,जरोदय ,नजरा जुकाभ ि खाॊसी ,काभरा ,ऺम योग, अरुचच ि भत्र ू कृच्छ आहद योग

401 37 RECIPE TAGS

pizza, spinach, feta, cheese

प्रथभ स्थान

रार ककताफ भानसागयी

milligrams sodium grams carbs

दशभ बाि भें शुक्र नमायहिें बाि भें शुक्र फायहिें बाि भें शुक्र

ऩहरे बाि भें शुक्र के होने से जातक सुन्द्दय होता है ,औय शुक्र जो कक बौततक सुखों का दै तमों का याजा है इसमरमे जातक को बौततक िस्तुओॊ को प्रदान कयता है ,औय जातक क नह होता है ,जातक की रुचच करातभक अमबव्मश्ततमों भें अचधक होती है ,िह सजाने औ है ,जातक को याज कामों के कयने औय याजकामों के अन्द्दय ककसी न ककसी प्रकाय से शा अऩना हुकुभ चराने की करा को जानता है ,नाटक मसनेभा औय ट िी भीडडमा के द्िाया कयता है ,अऩनी उऩबोग की ऺभता के कायण औय योगों ऩय जल्द से विजम ऩाने के क तयफ वियोधी आकषयण होने के कायण अचधक काभी होता है ,औय काभ सुख के मरमे उस

दस ू ये बाव

तीसये बाव

चतुथब य ाव

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

द्वितीम बाि भें शुक्र दस ू या बाि कारऩुरुष का भुख कहा गमा है ,भुख से जातक करात करातभक अमबव्मश्तत कयने के अन्द्दय भाहहय होता है ,अऩने चेहये को सजा कय यखना ऩेम ऩदाथों की तयफ उसका रुझान होता है ,अऩनी िाकऩटुता के कायण िह सभाज औय है ,सॊसारयक िस्तुओॊ औय व्मश्ततमों के प्रतत अऩनी सभझने की करा से ऩूणय होने के क है ,अऩनी जानऩहहचान का फामदा रेने के कायण िह साहसी बी होता है ,रेककन अकेरा बी ऩाता है ,खाने ऩीने भें साफसफाई यखने के कायण िह अचधक उम्र का बी होता है ।

तीसये बाि भें शुक्रतीसये बाि भें शुक्र के होने ऩय जातक को अऩने को प्रदमशयत कयने क की कुन्द्डर के अनस ु ाय तीसया बाि दस ू यों को अऩनी करा मा शय य के द्िाया कहानी न द्िाया प्रदमशयत कयना बी होता है ,तीसये बाि के शुक्र िारे जातक अचधकतय नाटकफाज को आसानी से व्मतत कय सकते है ,िे फटाफट बफना ककसी कायण के योकय हदखा सकत हदखा सकते है ,बफना ककसी कायण के गस् ु सा बी कय सकते है ,मह उनकी जन्द्भ जात मस अचधकतय भहहरा जातकों भें तीसये बाि का शुक्र फडे बाई की ऩतनी के रूऩ भें दे खा ज खफ ू शूयत जीिन साथी का ऩतत मा ऩतनी होता है ,तीसये बाि के शुक्र िारे जातक को ज है ,चचत्रकाय कयने के साथ िह अऩने को बािक ु ता के जार भें गॊथ ू ता चरा जाता है ,औय अन्द्दय ह अन्द्दय जीिन साथी के प्रतत फुय बािना ऩैदा कय रेता है ,अतसय जीिन की अ िह थक सा जाता है ,औय इस शुक्र के धायक जातक आरस्म की तयफ जाकय अऩना क शुक्र के कायण जातक के अन्द्दय चतुयाई की भात्रा का प्रबाि अचधक हो जाता है ,आरस्म सभस्मा को सुरझाने भें असभथय होता है ,तो िह अऩनी चतुयाई से उस सभस्मा को दयू

चौथे बाि भें शुक्रचौथे बाि का शुक्र कारऩुरुष की कुन्द्डर के अनुसाय चन्द्द्रभा की ककय भानमसक रूऩ से काभिासना की अचधकता होती है ,उसे ख्मारों भें केिर ऩुरुष को नाय है ,जातक आश्स्तक बी होता है ,ऩयोऩकाय बी होता है ,रेककन ऩयोऩकाय के अन्द्दय स्त्री को प्रतत आकषयण का बाि दे खा जाता है ,जातक व्मिहाय कुशर बी होता है ,औय व्मिहाय क होता है ,जातक का स्िबाि औय बािनामें अचधक भात्रा भें होती है ,िह अऩने को सभाज मुतत औय आबूषणों से मुतत हदखाना चाहता है ,अचधकतय चौथे शुक्र िारे जातकों की य दे खी जाती है ,चौथे बाि के शुक्र के व्मश्तत को फर औय सजािट खानों का काभ कयन है ,ऩानी िार जभीन भें मा यहने िारे स्थानों के अन्द्दय ऩानी की सजािट कक्रमामें ऩान जाते है ,धनु मा िश्ृ वचक का शुक्र अगय चौथे बाि भें वियाजभान होता है ,तो जातक को

ऩॊचभबाव

छठे बाव

सप्तभबाव

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

ऩॊचभ बाि भें शुक्रऩॊचभ बाि का शुक्र कविता कयने के मरमे अचधक प्रमुतत भाना जात होने के कायण जातक बािना को फहुत ह सजा सॊिाय कय कहता है ,उसके शब्दों के अन्द् अचधक रूऩ से दे खा जाता है ,अऩनी बािना के चरते जातक ऩूजा ऩाठ से अचधकतय दयू जीिन के हय ऩहरू भें केिर बौततकता का भहति ह सभझ भें आता है ,व्ह जो साभने तमा होगा उसे इस फात का ख्मार नह आता है ,िह ककसी बी तयह ऩयाशश्तत को एक प्रकाय के रोग अऩने को कम्प्मूटय िारे खेरों औय सजािट साभानों के द्िाया धन कभ बगिान से अचधक अऩने कराकाय हदभाग ऩय अचधक बयोशा होता है ,अचधकतय इस प्रक भॊश्जर ऩय ककसी न ककसी कायण अऩना सफ कुछ गॊिाकय मबखाय की तयह का जीिन अचधक बौततकता के कायण भानमसकता औय रयस्तों को केिर सॊतुश्ष्ट का कायण ह स अऩना भॊह ु स्िाबाविकता से फेय रेते हैं।

छठे बाि भें शुक्र छठा बाि कारऩुरुष के अनुसाय फुध का घय भाना जाता है ,औय कन्द्म इस स्थान भें नीच का भाना जाता है ,अचधकतय छठे शुक्र िारे जातकों के जीिन साथी कायण छठे शुक्र िारों को अऩने जीिन साथी के सबी काभ कयने ऩडते है ,इस बाि के प्रकाय से दस ू ये रोगों से अऩनी शाय रयक काभ सॊतश्ु ष्ट को ऩयू ा कयने के चतकय भें केिर िारे जातकों के शय य भें जननाॊग सम्फन्द्धी कोई न कोई फीभाय हभेशा फनी यहती है ,चच िे घय मा ऩरयिाय के अन्द्दय एक प्रकाय से तरेश का कायण बी फन जाते है ,शय य भें श दफ ु रे शय य के भामरक होते है ,मह सफ उनकी भाता के कायण बी भाना जाता है ,अचधक सजने सॊियने औय अऩने को प्रदमशयत कयने के चतकय भें अऩने जीिन के अॊततभ सभम अनाऩ सनाऩ धन की आिक बी यहती है ,औय छठे शुक्र के जातकों के एक भौसी की ब है ,भाता के खानदान से कोई न कोई कराकाय होता है , मा भीडडमा आहद भें अऩना काभ

सप्तभ बाि भें शुक्र सप्तभ बाि भें शुक्र कारऩुरुष की कुन्द्डर के अनुसाय अऩनी ह य जीिन साथी के रूऩ भें अचधकतय भाभरों भें तीन तीन प्रेभ सम्फन्द्ध दे ने का कायक हो की उन्द्नीसिीॊ सार भें ,ऩच्चीसिीॊ सार भें औय इकततीसिीॊ सार भें शक्र ु के द्िाया प्रदान की तयफ से उऩहाय भें मभरता है ,भाता के अन्द्दय अतत काभुकता औय बौततक सुखों की है ,वऩता की बी अचधकतय भाभरों भें मा तो शुक्र िारे काभ होते है ,अथिा वऩता की बी है ,मा कफय दो सम्फन्द्ध रगाताय आजीिन चरा कयते है ,सप्तभ बाि का शक्र ु अऩने बाि अऩने कामय के अन्द्दय बागीदाय का प्रबाि दे ता है । ऩुरुषों को सुन्द्दय ऩतनी का प्रदामक प्रबािों भें यखने के मरमे बी उततयदामी भाना जाता है ,इस बाि का शुक्र उदायता िार बी फनाता है ,रेककन रोक वप्रम होने भें नाभ सह रूऩ भें मरमा जामे मह आिवमक नह अचधकता से व्ममबचाय बी फना दे ता है ,औय हदभागी रूऩ से चॊचर बी फनाता है ,विरामस भें कभय ह न होकय अऩने को उल्टे सीधे काभों भे रगा रेते है ।

अष्टभ बाव

नवभ बाव

रार ककताफ भानसागयी

रार ककताफ भानसागयी

आठिें बाि भें शुक्र आठिें बाि का शुक्र जातक को विदे श मात्रामें जरूय कयिाता है ,औय द्िाया सम्ऩन्द्न ककमे गमे जीिन साथी िारे रयस्ते दय ककनाय कय हदमे जाते है ,औय अऩ वऩता के मरमे एक नई भस ु ीफत हभेशा के मरमे खडी कय द जाती है । जातक का स्िब के द्िाया जो मशऺा द जाती है िह सभाज वियोधी ह भानी जाती है ,भाता के ऩॊचभ बा सूमय का प्रबाि दे ता है ,औय सूमय शुक्र की मुतत होने के कायण िह मा तो याजनीतत भें च नीचे िारे काभ कयने को मभरते है ,जैसे साफ सफाई कयना आहद,भाता की भाता मानी अऩनी गाथा के अनुसाय िैध्िम प्रदान कयता है ,औय उसे ककसी न ककसी प्रकाय से मशक्षऺ प्रदान कयता है ,जातक को नानी की सम्ऩश्तत फचऩन भें जरूय बोगने को मभरती है ,रेकक घय भें शुक्र के होने के फाद मा तो मभरट्र भें जाता है ,मा कफय ककसी प्रकाय की सजािट अन्द्म आई ट िार टे कनोरोजी भें अऩना नाभ कभाता है । रगाताय ऩुरुष िगय काभुकत अतसय उसके अन्द्दय जीिन यऺक ततिों की कभी हो जाती है ,औय िह योगी फन जाता जिानी के अन्द्दय ककमे गमे काभों का फर जरूय बुगतने के मरमे श्जन्द्दा यखता है ,औय जैसे तऩेहदक मा साॊस की फीभाय दे ता है ,औय शश्ततह न फनाकय बफस्तय ऩय ऩडा यखत अऩना धन फयफाद कयते है ,औय स्त्री िगय आबूषणो औय भनोयॊ जन के साधनों तथा भहॊ ग

निें बाि का शुक्र निें बाि का भामरक कारऩुरुष के अनुसाय गुरु होता है ,औय गुरु के मरमे शुक्र धन रक्ष्भी का कायक फन जाता है ,उसके ऩास फाऩ दादा के जभाने की सम्ऩ शाद के फाद उसके ऩास औय धन फढने रगता है ,जातक की भाता को जननाॊग सम्फन्द्ध वऩता को भोटाऩा मह शुक्र उऩहाय भें प्रदान कयता है ,फाऩ आयाभ ऩसॊद बी होता है ,फाऩ की धन िार कभी नह यहती है ,िह भनचाहे तय के से धन का उऩबोग कयता है ,इस प्र कायण फडे रूऩ भें फैंककॊग मा धन को धन से कभाने के साधन प्रमोग कयने की दऺता रगाताय ककसी न ककसी कायण से अऩने को धनिान फनाने के मरमे कोई कसय नह छ तो फहुत कॊजस ू होती है ,मा कफय धन को सभेटने के कायण िह अऩने ऩरयिाय से बफरग है ,छोटे बाई की ऩतनी बी जातक के कहे अनुसाय चरती है ,औय िह हभेशा जातक के मर बानम औय धभय का भाना जाता है ,जातक के मरमे रक्ष्भी ह बगिान होती है ,औय मोनम जातक का ध्मान धन के कायण उसकी यऺा कयने के मरमे बगिान से रगा यहता है ,औ कभाने के मरमे ह कयता है । सुखी जीिन जीने िारे जातक निें शुक्र िारे ह दे खे गम के कायण छोटा बाई हभेशा साथ यहने औय सभम सभम ऩय अऩनी सहामता दे ने के मर

दिभ बाव

रार ककताफ भानसागयी

दसभ बाि का शुक्र दसभ बाि का शुक्र कारऩुरुष की कुन्द्डर के अनुसाय शतन के घय मह शक्र ु भाता से शामसत फतामा जाता है ,औय भाता के मरमे वऩता सह रूऩ से ककसी ब िारा भाना जाता है ।छोटा बी कुकभी फन जाता है ,औय फडा बाई आयाभतरफ फन जाता कयने को मभरते है ,औय फहुत सी आजीविकामें उसके आसऩास होती है । अतसय दसिें ब तो एक जीिन साथी को बगिान के ऩास बेज दे ता है ,अथिा ककसी न ककसी कायण से एक ह काभ अतसय ऩये शान कयने िारा होता है ,कक कभामे हुमे धन को िह शतन िार है ,इस प्रकाय के जातक दस ू यों के मरमे कामय कयने के मरमे साधन जट ु ाने का काभ कयत भहहराओॊ के मरमे ह काभ कयने िारे भाने जाते है ,औय ककसी न ककसी प्रकाय से घय काभ,कढाई कशीदाकाय ,ऩतथयों को तयासने के काभ आहद दसिें बाि के शुक्र के जातक

ग्मायहवें बाव रार ककताफ भानसागयी

नमायहिें बाि का शक्र ु नमायहिाॊ बाि सॊचाय के दे िता मयू े नस का भाना जाता है ,आज क है ,भीडडमा औय इन्द्टयनेट का कामय इसी शुक्र की फदौरत फर बूत भाना जाता है ,इस बा को दे ने भें अऩनी भहायता को हदखाता है ,जातक कफल्भ एनीभेशन काटूयन फनाना काटूयन कयना,आहद के मरमे हभेशा उतसाहहत दे खा जा सकता है । जातक के वऩता की जफ ु ान भ से जुफान से धन कभाने का काभ कयता है ,जातक का छोटा बाई धन कभाने के अन्द्दय ऩरयिाय की तयफ दे खने िार होती है ,औय जातक की कभाई के द्िाया अऩने भामके क जातक का फडा बाई स्त्री से शामसत होता है ,जातक के फडी फहहन होती है ,औय िह बी गौयि सभझती है । जातक को जभीनी काभ कयने का शौक होता है ,िह खेती िार जभ कयने के अन्द्दय अऩने को उतसाहहत ऩाता है ,जातक की भाता का स्िबाि बी एक प्रकाय कीभत को नह सभझती है ,औय भामा नगय को याख के ढे य भें फदरने के मरमे हभेशा से िह श्जतना खचय कयती है ,उतना ह अचधक धन फढता चरा जाता है ।

फायहवें बाव

रार ककताफ भानसागयी

फायहिें बाि भें शुक्र फायहिें बाि के शुक्र का स्थान कारऩुरुष की कुन्द्डर के अनुसाय य शुक्र दोनो मभरकय मा तो जातक को आजीिन हिा भें उडाकय हिाई मात्रामें कयिामा क की कक्रमा कयिाने के फाद शय य को फुराते यहते है ,जातक का भोटा होना इस बाि के सबी जातक की श्जम्भेदारयमाॊ सॊबारने का कामय कयता है ,औय अऩने को रगाताय ककसी फनाता चरा जाता है ,जातक का वऩता मा तो ऩरयिाय भें फडा बाई होता है ,औय िह जात है ,वऩता का धन जातक को भुफ़्त भें बोगने को मभरता है ,उम्र की फमार सिीॊ सार तक मभरती है ,चाहे उसके ऩास ककतने ह साधन हों,िह ककसी न ककसी प्रकाय से अऩने को नई स्कीभें रगाकय फमार स सार की उम्र तक श्जतना बी प्रमास कभाने के कयता है ,उ कयता है ,रेककन भाता के बानम से िह धन ककसी न ककसी कायण से फढता चरा जाता कभाना चारू कयता है ,औय कफय रगाताय भयते दभ तक कभाने से हाय नह भानता है । धन कभाने का भामरक होता है ,रेककन बाबी का प्रबाि ऩरयिाय की भमायदा को तोडने भ दवु भन सभझती है ,औय ककसी न ककसी प्रकाय से ऩारयिारयक भहहराओॊ से अऩनी तू तू जाने औय विदे श की मात्रामें कयने का शौक होता है ,बाबी का जीिन अऩनी कभजोरयमों है ,मा कफय उसके सॊफन्द्ध ककसी न ककसी प्रकाय से मौन सम्फन्द्धी फीभारयमों के प्रतत सभ अऩने डातटय मा भहहराओॊ को प्रजनन के सभम सहामता दे ने िार होती है ।

PREP TIME

45

minutes

DIRECTIONS

COOK TIME

15

minutes

YIELD

6

servings

ा है ,औय शुक्र जो कक बौततक सुखों का दाता है ,जातक को सुखी यखता है ,शुक्र स्तुओॊ को प्रदान कयता है ,औय जातक को शयाफ कफाफ आहद से कोई ऩयहे ज ततमों भें अचधक होती है ,िह सजाने औय सॊियने िारे काभों भें दऺ होता के अन्द्दय ककसी न ककसी प्रकाय से शामभर होने भें आनन्द्द आता है ,िह क मसनेभा औय ट िी भीडडमा के द्िाया अऩनी ह फात को यखने के उऩाम य योगों ऩय जल्द से विजम ऩाने के कायण अचधक उम्र का होता है ,अऩनी ाभी होता है ,औय काभ सुख के मरमे उसे कोई विशेष प्रमतन नह कयने ऩडते हैं।

भुख कहा गमा है ,भुख से जातक करातभक फात कयता है ,अऩनी आॊखों से िह ोता है ,अऩने चेहये को सजा कय यखना उसकी नीमत होती है ,सुन्द्दय बोजन औय ी िाकऩटुता के कायण िह सभाज औय जान ऩहहचान िारे ऺेत्र भें वप्रम होता नी सभझने की करा से ऩूणय होने के कायण िह विद्िान बी भाना जाता िह साहसी बी होता है ,रेककन अकेरा फॊसने के सभम िह अऩने को तन:सहाम ायण िह अचधक उम्र का बी होता है ।

य जातक को अऩने को प्रदमशयत कयने का चाि फचऩन से ह होता है ,कारऩुरुष ऩनी करा मा शय य के द्िाया कहानी नाटक औय मसनेभा ट िी भीडडमा के शुक्र िारे जातक अचधकतय नाटकफाज होते है ,औय ककसी बी प्रकाय के सॊप्रेषण फना ककसी कायण के योकय हदखा सकते है ,बफना ककसी कायण के हॊ स कय कय सकते है ,मह उनकी जन्द्भ जात मसफ़्त का उदाहयण भाना जा सकता है । क्र फडे बाई की ऩतनी के रूऩ भें दे खा जाता है ,तीसये बाि के शुक्र िारा जातक ,तीसये बाि के शुक्र िारे जातक को जीिन साथी फदरने भें दे य नह रगती ा के जार भें गॊथ ू ता चरा जाता है ,औय उसी बािक ु ता के चरते िह अऩने को ना ऩैदा कय रेता है ,अतसय जीिन की अमबव्मश्ततमों को प्रसारयत कयते कयते तक आरस्म की तयफ जाकय अऩना कीभती सभम फयफाद कय रेते है ,तीसये त्रा का प्रबाि अचधक हो जाता है ,आरस्म के कायण जफ िह ककसी गॊबीय अऩनी चतुयाई से उस सभस्मा को दयू कयने की कोमशश कयता है ।

की कुन्द्डर के अनुसाय चन्द्द्रभा की ककय यामश भें होता है ,जातक के अन्द्दय है ,उसे ख्मारों भें केिर ऩुरुष को नाय औय नाय को ऩुरुष का ह तमार यहता ा है ,रेककन ऩयोऩकाय के अन्द्दय स्त्री को ऩरु ु ष के प्रतत औय ऩरु ु ष को स्त्री के िहाय कुशर बी होता है ,औय व्मिहाय के अन्द्दय बी शुक्र का आकषयण भुख्म भात्रा भें होती है ,िह अऩने को सभाज भें िाहनो से मुतत सजे हुमे घय से अचधकतय चौथे शुक्र िारे जातकों की यहने की व्मिस्था फहुत ह सजािट फर औय सजािट खानों का काभ कयने से अच्छा फामदा होता दे खा गमा अन्द्दय ऩानी की सजािट कक्रमामें ऩानी िारे जहाजों के काभ आहद बी दे खे ि भें वियाजभान होता है ,तो जातक को हिाई जहाजों के अन्द्दय औय अॊतरयऺ

यने के मरमे अचधक प्रमुतत भाना जाता है ,चन्द्द्रभा की यामश ककय से दस ू या सॊिाय कय कहता है ,उसके शब्दों के अन्द्दय शैयो शामय की ऩट ता का भहति ु रते जातक ऩूजा ऩाठ से अचधकतय दयू ह यहता है ,उसे मशऺा से रेकय अऩने ि ह सभझ भें आता है ,व्ह जो साभने है ,उसी ऩय विविास कयना आता है ,आगे ,िह ककसी बी तयह ऩयाशश्तत को एक ढकोसरा सभझता है ,औय अतसय इस औय सजािट साभानों के द्िाया धन कभाने की कफयाक भें यहते है ,उनको अचधक बयोशा होता है ,अचधकतय इस प्रकाय के जातक अऩनी उम्र की आणखय छ गॊिाकय मबखाय की तयह का जीिन तनकारते दे खे गमे है ,उनकी औराद स्तों को केिर सॊतुश्ष्ट का कायण ह सभझते है ,औय सभम के यहते ह िे

य फुध का घय भाना जाता है ,औय कन्द्मा यामश का प्रबाि होने के कायण शुक्र छठे शुक्र िारे जातकों के जीिन साथी भोटे होते है ,औय आयाभ तरफ होने के सबी काभ कयने ऩडते है ,इस बाि के जातकों के जीिन साथी ककसी न ककसी तश्ु ष्ट को ऩयू ा कयने के चतकय भें केिर इसी मरमे यहते है ,तमोंकक छठे शक्र ु न कोई फीभाय हभेशा फनी यहती है ,चचढचचढाऩन औय झल्राहट के प्रबाि से का कायण बी फन जाते है ,शय य भें शश्तत का विकास नह होने से िे ऩतरे ाता के कायण बी भाना जाता है ,अचधकतय छठे शक्र ु के जातकों की भाता चतकय भें अऩने जीिन के अॊततभ सभम तक प्रमासयत यहतीॊ है । वऩता के ऩास छठे शुक्र के जातकों के एक भौसी की बी जीिनी उसके मरमे भहतिऩूणय होती ता है , मा भीडडमा आहद भें अऩना काभ कय यहा होता है ।

रुष की कुन्द्डर के अनुसाय अऩनी ह यामश तुरा भें होता है ,इस बाि भें शुक्र न तीन प्रेभ सम्फन्द्ध दे ने का कायक होता है ,इस प्रकाय के प्रेभ सम्फन्द्ध उम्र कततीसिीॊ सार भें शक्र ु के द्िाया प्रदान ककमे जाते है ,इस शक्र ु का प्रबाि भाता अतत काभुकता औय बौततक सुखों की तयफ झुकाि का ऩरयणाभ भाना जाता िारे काभ होते है ,अथिा वऩता की बी एक शाद मा तो होकय छूट गमी होती कयते है ,सप्तभ बाि का शक्र ु अऩने बाि भें होने के कायण भहहरा मभत्रों को ह है । ऩुरुषों को सुन्द्दय ऩतनी का प्रदामक शुक्र ऩतनी को अऩने से नीचे िारे ाता है ,इस बाि का शुक्र उदायता िार प्रकृतत बी यखता है ,अऩने को रोकवप्रम रूऩ भें मरमा जामे मह आिवमक नह है ,कायण मह शक्र ु काभिासना की भागी रूऩ से चॊचर बी फनाता है ,विरामसता के कायण जातक अचधकतय भाभरों भे रगा रेते है ।

को विदे श मात्रामें जरूय कयिाता है ,औय अतसय ऩहरे से भाता मा वऩता के ते दय ककनाय कय हदमे जाते है ,औय अऩनी भजी से अन्द्म रयस्ते फनाकय भाता खडी कय द जाती है । जातक का स्िबाि तन ु क मभजाज होने के कायण भाता धी ह भानी जाती है ,भाता के ऩॊचभ बाि भें मह शुक्र होने के कायण भाता को ने के कायण िह मा तो याजनीतत भें चर जाती है ,औय याजनीतत भें बी सफसे फाई कयना आहद,भाता की भाता मानी जातक की नानी के मरमे बी मह शुक्र औय उसे ककसी न ककसी प्रकाय से मशक्षऺका मा अन्द्म ऩश्ब्रक िारे कामय बी चऩन भें जरूय बोगने को मभरती है ,रेककन फडे होने के फाद जातक भॊगर के ाता है ,मा कफय ककसी प्रकाय की सजािट टे कनोरोजी मानी कम्प्मूटय औय कभाता है । रगाताय ऩुरुष िगय काभुकता की तयफ भन रगाने के कायण ी हो जाती है ,औय िह योगी फन जाता है ,रेककन योग के चरते मह शक्र ु बुगतने के मरमे श्जन्द्दा यखता है ,औय ककसी न ककसी प्रकाय के असाध्म योग श्ततह न फनाकय बफस्तय ऩय ऩडा यखता है । इस प्रकाय के ऩुरुष िगय श्स्त्रमों ऩय णो औय भनोयॊ जन के साधनों तथा भहॊ गे आिासों भें अऩना धन व्मम कयती है ।

ष के अनुसाय गुरु होता है ,औय गुरु के घय भें शुक्र के फैठ जाने से जातक के सके ऩास फाऩ दादा के जभाने की सम्ऩश्तत उऩबोग कयने के मरमे होती है ,औय है ,जातक की भाता को जननाॊग सम्फन्द्धी कोई न कोई फीभाय होती है ,औय ता है ,फाऩ आयाभ ऩसॊद बी होता है ,फाऩ के यहते जातक के मरमे ककसी प्रकाय के से धन का उऩबोग कयता है ,इस प्रकाय के जातकों का ध्मान शक्र ु के भाने के साधन प्रमोग कयने की दऺता ईविय की तयफ से मभरती है ,िह िान फनाने के मरमे कोई कसय नह छोडता है । उसके फडे बाई की ऩतनी मा के कायण िह अऩने ऩरयिाय से बफरग होकय जातक का साथ छोड दे ती य चरती है ,औय िह हभेशा जातक के मरमे बानम फन कय यहती है ,निाॊ बाि मे रक्ष्भी ह बगिान होती है ,औय मोनमता के कायण धन ह बानम होता है । ने के मरमे बगिान से रगा यहता है ,औय िह केिर ऩूजा ऩाठ केिर धन को िारे जातक निें शुक्र िारे ह दे खे गमे है ,छोटे बाई की ऩतनी का साथ होने म सभम ऩय अऩनी सहामता दे ने के मरमे ततऩय यहता है ।

ष की कुन्द्डर के अनुसाय शतन के घय भें वियाजभान होता है ,वऩता के मरमे भाता के मरमे वऩता सह रूऩ से ककसी बी काभ के अन्द्दय हाॊ भें हाॊ मभराने है ,औय फडा बाई आयाभतरफ फन जाता है । जातक के ऩास ककतने ह काभ सके आसऩास होती है । अतसय दसिें बाि का शुक्र दो शाहदमाॊ कयिाता है ,मा दे ता है ,अथिा ककसी न ककसी कायण से अरगाि कयिा दे ता है । जातक के मरमे ,कक कभामे हुमे धन को िह शतन िारे नीचे काभों के अन्द्दय ह व्मम कयता ने के मरमे साधन जट ु ाने का काभ कयते है ,दसिें बाि के शक्र ु िारे जातक ते है ,औय ककसी न ककसी प्रकाय से घय को सजाने िारे कराकाय के भ आहद दसिें बाि के शुक्र के जातक के ऩास कयने को मभरते है ।

दे िता मयू े नस का भाना जाता है ,आज के मग ु भें सॊचाय का फोरफारा बी फदौरत फर बूत भाना जाता है ,इस बाि का शुक्र जातक को विजुअर साधनों कफल्भ एनीभेशन काटूयन फनाना काटूयन कफल्भ फनाना ट िी के मरमे काभ सकता है । जातक के वऩता की जफ ु ान भें धन होता है ,िह ककसी न ककसी प्रकाय क का छोटा बाई धन कभाने के अन्द्दय प्रमसद्ध होता है ,जातक की ऩतनी अऩने क की कभाई के द्िाया अऩने भामके का ऩरयिाय सॊबारने के काभ कयती है । तक के फडी फहहन होती है ,औय िह बी अऩने ऩतत को शामसत कयने भें अऩना ने का शौक होता है ,िह खेती िार जभीनों को सम्बारने औय दध ू के काभ तक की भाता का स्िबाि बी एक प्रकाय से हठीरा भाना जाता है ,िह धन की याख के ढे य भें फदरने के मरमे हभेशा उतसुक यहती है ,रेककन वऩता के बानम न फढता चरा जाता है ।

थान कारऩुरुष की कुन्द्डर के अनुसाय याहु के घय भें भाना जाता है ,याहु औय हिा भें उडाकय हिाई मात्रामें कयिामा कयते है ,मा आयाभ दे ने के फाद सोचने है ,जातक का भोटा होना इस बाि के शुक्र की दे न है ,जातक का जीिन साथी कयता है ,औय अऩने को रगाताय ककसी न ककसी प्रकाय की फीभारयमों का ग्रास यिाय भें फडा बाई होता है ,औय िह जातक की भाता के बानम से धनिान होता मभरता है ,उम्र की फमार सिीॊ सार तक जातक को भानमसक सॊतुश्ष्ट नह ह ककसी न ककसी प्रकाय से अऩने को अबािग्रस्त ह भानता यहता है ,औय नई श्जतना बी प्रमास कभाने के कयता है ,उतना ह िह वऩता का धन फयफाद ी न ककसी कायण से फढता चरा जाता है । उम्र की तीसय सीढ ऩय िह धन दभ तक कभाने से हाय नह भानता है । जातक का फडा बाई अऩने जुफान से प्रबाि ऩरयिाय की भमायदा को तोडने भें ह यहता है ,िह अऩने को धन का ऩारयिारयक भहहराओॊ से अऩनी तू तू भें भें कयती ह मभरती है ,उसे फाहय है ,बाबी का जीिन अऩनी कभजोरयमों के कायण मा तो अस्ऩतार भें फीतता से मौन सम्फन्द्धी फीभारयमों के प्रतत सभाज भें कामय कयने के प्रतत मभरते है ,िह सहामता दे ने िार होती है ।

ज्मोततष कथन (Astrology Book)

बाव

िनन

प्रथभ स्थान भें दस ू ये बाि भें तीसये बाि भें चतुथब य ाि भें ऩॊचभबाि भें छठे बाि भें सप्तभबाि भें अष्टभ बाि भें निभ बाि भें

NUTRITION REPORT CARD (amount per serving)

योग स्िरूऩ औय प्रकृतत

कायकति

कोढ ,िात योग ,स्नामु योग , ऩैय ि घुटने के योग ,ऩसीने भें दग य ध , सॊचधिात, चभय योग , दघ य ना , ु न्द् ु ट उदासीनता , गहठमा ,थकान ,ऩोमरमो दष्ु ट ,क्रोधी , आरसी ,रॊगड़ा ,कारे िणय का ,विकयार ,द घय ि कृशकाम शय य का है |द्रश्ष्ट नीचे ह यहती है , नेत्र ऩीरे ि गढ्ढे दाय हैं |शय य के अॊग ि योभ कठोय तथा नख ि दाॊत भोटे हैं |शतन िात प्रकृतत का तभोगुणी ग्रह है | रोहा ,भशीनय ,तेर,कारे ऩदाथय,योग, शत्र,ु द्ु ख ,स्नामु ,भतृ मु ,बैंस ,िात योग ,कृऩणता ,अबाि ,रोब ,एकाॊत, भजदयू , ठे केदाय ,अॉधेया ,तनयाशा ,आरस्म ,जड़ता ,अऩभान ,चभड़ा, ऩयु ाने ऩदाथय ,कफाडी ,आमु ,रकड़ी ,तायकोर ,वऩशाच फाधा ,सॊचध योग ,वप्रॊहटॊग प्रैस ,कोमरा ,ऩुयातति विबाग इतमाहद

दे िता व्माऩाय

ऩूिय भें ककसी िस्तु अथिा फात का अनुभान मा ऩूिायबास प्राप्त कयने भें भाहहय होता है pizza, spinach, feta, cheese

दशभ बाि भें फायहिें बाि भें

स्वाशभत्व

भकय (10) कुम्ब (11) DIRECTIONS

उच्च

यािी

तर ु ा (7) नीच यािी

भेष (1) दृष्ष्ट

3, 7, 10

भूर त्रत्रकोण याशि

कुम्ब

ग्रह

स््िग्रह यामश

1 सूमय 2 चन्द्रभा

उच्च यामश नीच यामश 5 4

1 2

7 8

3 भॊगर,

1,8

10

4

4 फुध

3,6

6

12

9,12

4

10

6 शुक्र

2,7

12

6

7 शतन

10,11

7

1

5

गुरू

8 याहु

9

केतु

भकय ककय भेष, िश्ृ वचक 4 , कन्द्मा भीन मभथन ु , कन्द्मा 5 , ककय भकय धनु, भीन 6 , भीन कन्द्मा िष ृ ब, तुरा 7 , तुरा भेष भकय, कुम्ब 8 , धनु मभथन ु 9 मभथन ु धनु

9

3

3

9

ग्रहों के नाभ

मभत्र

शत्रु

सभ

सूमय

चन्द्द्रभा

चन्द्द्र, भॊगर,शतन, गरू फध ु शक्र ु ु

सूम,य फुध

कोई नह ॊ

शेष ग्रह

भॊगर सूम,य चन्द्द्र, गफुरूुध

शेष ग्रह

सूम,य शुक्र

शुक्र, शतन

फुध

चॊद्र

गरू ु सम द्र, श भॊक्र ु ,य चॊन्द्् ु ग,रफध ु

शतन

शुक्र

शतन, फध ु

शेष ग्रह

गरू ु , भॊगर

शतन फध ु , शक्र ु शेष ग्रह

गरु ु

याहु, केतु शक्र ु , शतन

सम द्र, भॊग गरु ू ,य चन्द्् ु र, फध ु

जफ हो दो ग्रह एक साथ -दो ग्रहों का साथ औय फीभारयमाॉ प्रतमेक व्मश्तत की कॊु डर भें ग्रहों की श्स्थततमाॉ अरग-अरग होती है । महद कॊु डर के ककसी खाने भें दो ग्रह एक साथ हैं तो उ कॊु डर के ककसी बी खाने भें दो ग्रह साथ होने ऩय उनसे होने िार फीभारयमाॉ : 1. फह ृ स्ऩतत-याहु : दभा, तऩेहदक मा विास की तकर प। 2. फह ृ स्ऩतत-फुध : दभा मा विास की तकर प। 3. चॊद्र-याहु : ऩागरऩन मा तनभोतनमा (फख ु ाय)। 4. सूम-य शुक्र : दभा औय तऩेहदक। 5. भॊगर-शतन : शय य का पटना, कोढ, यतत सॊफॊधी फीभाय । 6. शुक्र-याहु : नऩुॊसकता, स्िप्न दोष आहद गुप्ताॊग सॊफॊधी योग। 7. शुक्र-केतु : ऩेशाफ, धातु योग, शुगय। 8. फह ृ स्ऩतत-भॊगर : ऩीमरमा।

कुछ खास अन्द्म उऩाम ::::----महद ककसी व्मश्तत को रॊफे सभम से फीभाय हो तो उसके मरए कुछ साभान्द्म उऩामों की जानकाय बी द गई है , रेककन उऩयोत 1. फुखाय न उतयें तो तीन हदन रगाताय गुड़ औय जौ सूमायस्त से ऩूिय भॊहदय भें यख आएॉ। 2. प्रतत भाह गाम, कौए औय कुततों को भीठी योहटमाॉ णखराएॉ। 3. ऩका हुआ सीता पर कबी-कबी भॊहदय भें यख आएॉ। 4. यतत चाऩ के मरए यात को सोते सभम अऩने मसयहाने ऩानी यख कय प्रात: ऩौधों को दें । 5. कान की फीभाय के मरए कारे-सपेद ततर सपेद औय कारे कऩड़े भें फाॉधकय जॊगर मा ककसी सन ु सान जगह ऩय गाड़कय आ 6. जफ बी वभशान मा कबब्रस्तान से गुजयना तो ताॉफे के मसतके उतत स्थान ऩय डारने से दै िीम सहामता प्राप्त होगी। 7. महद आॉखों भें ऩीड़ा हो तो शतनिाय को चाय सूखे नारयमर मा खोटे मसतके नद भें प्रिाहहत कयें । 8. शग ु य, जोड़ों का ददय , भत्र ू योग, य ढ की हड्डी भें ददय के मरए कारे कुतते की सेिा कयें । 9. मसयहाने कुछ रुऩए-ऩैसे यख कय प्रात: सपाईकभी को दे दें ।

भॊगर क्रूय नह ॊ कल्माणकाय है --भॊगर को कैसे अनुकूर फनाएॉ कोई बी व्मश्तत चाहे िह रड़की हो मा रड़का, सफसे ऩहरे आॉखों के भाध्मभ से पीश्जकर ब्मूट की ओय एट्रै तट हो श्जस प्रकाय चॊद्रभा के कायण ज्िाय-बाटा सभुद्र भें आता है , िनस्ऩततमों भें यस चॊद्रभा के कायण ह आता। ठीक उस भॊगर की अनक ु ू रता के उऩाम्::::---- कजय फढ जाने ऩय ऋणभोचक भॊगर स्तोत्र का ऩाठ स्िमॊ कये मा ककसी मुिा ब्राह्भण सन्द्मासी से कयाएॉ। - जीिन भें जभीन-जामदाद प्राप्त कयने हे तु ककसी की जभीन न दफाए औय फड़े बाई की सेिा कयें । - योग होने ऩय गुड़, आटा दान कयें । - तरेश शाॊतत हे तु रार भसूय जर प्रिाह कयें । - विद्मा प्राश्प्त हे तु ये िड़ी भीठे जर भें प्रिाह कयें । - भॉग ू ा यतन ककसी श्रेष्ठ ज्मोततषाचामय से विचाय-विभशय के फाद ह धायण कयें .....

ककस ग्रह से कौन-सी फीभाय ::::--भनुष्म के भन, भश्स्तष्क औय शय य ऩय भौसभ,

कॊु डर का खाना नॊ. छह औय आठ का विवरेषण ग्रहों से उतऩन्द्न फीभाय :-

1. फह ृ स्ऩतत : ऩेट की गैस औय पेपड़े की फीभार 2. सम ू य : भॉह ु भें फाय-फाय थक ू इकट्ठा होना, झाग 3. चॊद्र : हदर औय आॉख की कभजोय । 4. शुक्र : तिचा, दाद, खज ु र का योग। 5. भॊगर : यतत औय ऩेट सॊफॊधी फीभाय , नासयू , श् 6. फुध : चेचक, नाडड़मों की कभजोय , जीब औय 7. शतन : नेत्र योग औय खाॉसी की फीभाय । 8. याहु : फख ु ाय, हदभागी की खयाबफमाॉ, अचानक च 9. केतु : य ढ, जोड़ों का ददय , शुगय, कान, स्िप्न दो योग का तनिायण : 1. फह ृ स्ऩतत : केसय का ततरक योजाना रगाएॉ म 2. सूमय : फहते ऩानी भें गुड़ फहाएॉ। 3. चॊद्र : ककसी भॊहदय भें कुछ हदन कच्चा दध ू औ 4. शुक्र : गाम की सेिा कयें औय घय तथा शय य 5. भॊगर : फयगद के िऺ ृ की जड़ भें भीठा कच्च 6. फध : 96 घॊ ट े क े मरए नाक तछदिाकय उसभें च ु 7. शतन : फहते ऩानी भें योजाना नारयमर फहाएॉ। 8. याहु : जौ, सयसों मा भूर का दान कयें । 9. केतु : मभट्टी के फने तॊदयू भें भीठी योट फनाक Sannjay B. Shah नौकय जाने का खतया हो मा ट्राॊसपय रूकिाने के मरए ऩाॊच ग्राभ डर िारा सयु भा रें ! उसे ककसी िीयान जगह ऩय गाड दें ! ख्मार यहे कक श्जस औजाय से आऩने जभीन

Jyotish Seva

कारे नतर के 6 सस्ते प्रमोग चभका सकते हैं आऩक ज्मोनतर् िास्त्र भें ऩैसों से जुडी ऩये िाननमों के शरए

1. प्रनतददन शिवजी का ववधध-ववधान से ऩूजन कयें । म 2. मदद िनन की साढे साती मा ढय्मा का सभम चर

3. शिवशरॊग ऩय कारे नतर चढाने चादहए। इससे िनन

4. कारे नतर का दान कयने से बी याहु-केतु औय िन

5. हय िननवाय को कारे नतर, कारी उडद को कारे क

6. ऩीऩर के ऩेड ऩय दध ू भें कारे नतर शभराकय चढ

Dhani Ram Astrologer चभकाना चाहते हैं तो नीचे शरखे उऩाम कयें उऩाम 1- घय के भुख्म द्वाय ऩय सपेद आॊकडे का ऩौधा रगाने से उस घय के सदस्मों ऩय कोई ताॊत्रत्रक अथवा ऊऩयी फाधा असय नहीॊ 2 - योज सुफह श्रीआददत्म ह्रदमस्त्रोत का ऩाठ कयें । सूमय मॊत्र का ननभायण कयके तीन भारा योज नीचे शरखे सूमय भॊत्र का जऩ कयें भॊत्र- ऊॉ घणृ ण: सूमायम नभ: 3- घय के फाहय कॊु कुभ से स्वष्स्तक का धचह्न योज फनाएॊ। मह फहुत ही सौबाग्मिारी धचह्न है ।

4- मदद कोई योग रॊफे सभम तक न जाए तो एक रूऩए का चभकीरा शसक्का यात को शसयहाने यखकय सो जाएॊ। सुफह उसे िभ 5- मदद गोभती चक्र को रार शसॊदयू के डडब्फी भें घय भें यखें तो घय भें सुख-िाॊनत फनी यहती है । 6- कबी-कबी फेडरूभ की णखडकी से नकायात्भक वस्तुएॊ दे ती हैं जैसे- सूखा ऩेड, पैक्री की धचभनी से ननकरता हुआ धआ ु ॊ आदद।

Jyotish Seva महद आऩकी ककस्भत साथ नह ॊ दे

Jyotish Seva कुछ रोग ऐसे होते हैं श्जनका दब ु ायनम उनका ऩीछा कबी नह ॊ छोड़ता। िे जफ बी कोई अच्छा काभ क उऩाम 1- घय के भुख्म द्िाय ऩय सपेद आॊकड़े का ऩौधा रगाने से उस घय के सदस्मों ऩय कोई ताॊबत्रक अथिा ऊऩय फाधा 2 - योज सुफह श्रीआहदतम ह्रदमस्त्रोत का ऩाठ कयें । सूमय मॊत्र का तनभायण कयके तीन भारा योज नीचे मरखे सूमय भॊत्र भॊत्र- ऊॉ घणृ ण: सूमायम नभ: 3- घय के फाहय कॊु कुभ से स्िश्स्तक का चचह्न योज फनाएॊ। मह फहुत ह सौबानमशार चचह्न है ।

4- महद कोई योग रॊफे सभम तक न जाए तो एक रूऩए का चभकीरा मसतका यात को मसयहाने यखकय सो जाएॊ। सुफ 5- महद गोभती चक्र को रार मसॊदयू के डडब्फी भें घय भें यखें तो घय भें सुख-शाॊतत फनी यहती है । 6- कबी-कबी फेडरूभ की णखड़की से नकायातभक िस्तुएॊ दे ती हैं जैसे- सूखा ऩेड़, पैतट्र की चचभनी से तनकरता हुआ 3 hours ago ·

Pandit Ashu Bahuguna

रग्न से जाननए ियीय के योग-यखें साव जन्द्भकॊु डरी का छठा (6) औय ग्मायहवाॉ ऐसे भें मदद फचऩन से ही इस फाये भें

वर् ृ ब रग्न के शरए हाभोनर प्रॉब्रभ, भ शभथन ु रग्न के शरए यक्तचाऩ (रो मा

ककय रग्न के शरए ऩेट के योग, रीवय क शसॊह रग्न के शरए भानशसक तनाव से

कन्द्मा रग्न के शरए शसयददय , कप की त

तर ु ा रग्न के शरए कान की तकरीप, क

वष्ृ श्चक रग्न के शरए यक्तचाऩ, थॉमयाइ

धनु रग्न के शरए भूत्र ववकाय, हाभोनर

भकय रग्न के शरए ऩेट की तकरीप, व कॊु ब रग्न के शरए कपजन्द्म योग, दाॉत भीन रग्न के शरए आॉखों की सभस्मा,

वविेर् : मदद 6 मा 11 के स्वाभी हानन द

Subhash Malhotra

चन्द्र ग्रह के प्रबाव से भानशसक योग, नीॊद न आना, यक्त ववकाय, ब्रड प्रेिय,यक्त की कभी, जर से बम तथा उन्द्भाद होने का अ

Pandit Ashu Bahuguna अप्सया साधना

सवयप्रथभ हभें भधवु वद्मा को सभझना ह त्रफना िोय भचामे, त्रफना हो हल्रा भचाम सौंदमय भें वह ताकत है की वह फडे फडो

अप्सया साधना के दो बाग है ......... प्रथ

Pandit Ashu Bahuguna Yesterday at 9:29pm · भनोवाॊनछत पर प्राष्प्त हे तु शसद्ध स्तोत्र... कुछ शसद्ध स्तोत्र ददए जा यहे हैं। अनष्ु ठानऩूवक य इनका स्तवन कयने से भनोवाॊनछत पर िीघ्र प्राप्त होते हैं।

अनष्ु ठान के सॊफॊध भें ववनम्र सझ ु ाव मह है कक भनोवाॊनछत पर प्राप्त कयने हे तु अनष्ु ठानकताय बगवान श्री गणेि की प्रनतभा क

श्रद्धा एवॊ ववश्वास के साथ भनोवाॊनछत पर प्रदान कयने वारे चमननत स्तोत्र का न्द्मूनतभ 21 फाय ऩाठ कयें । मदद अधधक फाय क काभना ऩूणय हो जाने तक ऩाठ ननमशभत कयते यहना चादहए। कुछ एक अवसयों ऩय ऩूवय जन्द्भ के सॊधचत प्रनतफॊधक रूऩ प्रायब्ध

पर प्राष्प्त के अबाव भें ववऻ ववद्वान, ज्मोनतर्ी अथवा सॊत की ियण रेकय भागयदियन प्राप्त कयना चादहए, न कक अववश्वास व बगवद्-आयाधन व्मथय नहीॊ जाता। श्रद्धा औय ववश्वास के साथ भन की एकाग्रता से अनष्ु ठान कयने ऩय स्वमॊ अनब ु नू त एवॊ पर भॊगर ववधान के शरए : गणऩनतववयघ्नयाजो रम्फतुण्डो गजानन्। द्वैभातुयश्च हे यम्फ एकदन्द्तो गणाधधऩ्॥ ववनामकश्चारुकणय् ऩिुऩारो बवात्भज्। द्वादिैतानन नाभानन प्रातरुत्थाम म् ऩठे त‍ ॥ ववश्वॊ तस्म बवेद्वश्मॊ न च ववघ्नॊ बवेत‍क्वधचत‍ । (ऩद्म ऩु. ऩ.ृ 61।31-33)

'गणऩनत, ववघ्नयाज, रम्फतण् ु ड, गजानन, द्वैभातयु , हे यम्फ, एकदन्द्त, गणाधधऩ, ववनामक, चारुकणय, ऩिऩ ु ार औय बवात्भज- मे फायह गण भोऺ प्राष्प्त के शरए : ॥ ऩॊचश्रोककगणेिऩुयाणभ‍॥ श्रीववघ्नेिऩुयाणसायभुददतॊ व्मासाम धात्रा ऩुया तत्खण्डॊ प्रथभॊ भहागणऩतेश्चोऩासनाख्मॊ मथा। सॊहतुुं त्रत्रऩयु ॊ शिवेन गणऩस्मादौ कृतॊ ऩज ू नॊ कतुुं सष्ृ ष्टशभभाॊ स्तुत् स ववधधना व्मासेन फुद्धमाप्तमे॥ सॊकष्टमाश्च ववनामकस्म च भनो् स्थानस्म तीथयस्म वै दव । ू ायणाॊ भदहभेनत बष्क्तचरयतॊ तत्ऩाधथयवस्माचयनभ‍ तेभ्मो मैमद य बीष्प्सतॊ गणऩनतस्तत्तत्प्रतुष्टो ददौ ता् सवाय न सभथय एव कधथतुॊ ब्रह्भा कुतो भानव्॥

क्रीडाकाण्डभथो वदे कृतमुगे श्वेतच्छवव् काश्मऩ्। शसॊहाॊक् स ववनामको दिबज ु ो बत्ू वाथ कािीॊ ममौ। हत्वा तत्र नयान्द्तकॊ तदनुजॊ दे वान्द्तकॊ दानवॊ त्रेतामाॊ शिवनन्द्दनो यसबुजो जातो भमूयध्वज्॥ हत्वा तॊ कभरासुयॊ च सगणॊ शसन्द्धु भहादै त्मऩॊ ऩश्चात‍शसवद्धभती सुते कभरजस्तस्भै च ऻानॊ ददौ। द्वाऩाये तु गजाननो मुगबुजो गौयीसुत् शसन्द्दयु ॊ सम्भद्यम स्वकये ण तॊ ननजभुखे चाखध् ॥ ु वजो शरप्तवान‍ गीतामा उऩदे ि एव दह कृतो याऻे वये ण्माम वै तुष्टामाथ च धम्र ू केतुयशबधो ववप्र् सधभयधधक्। अश्वाॊको द्ववबज ु ो शसतो गणऩनतम्रेच्छान्द्तक् स्वणयद् क्रीडाकाण्डशभदॊ गणस्म हरयणा प्रोक्तॊ ववधात्रे ऩुया॥ एतच््रोकसऩ ु ॊचकॊ प्रनतददनॊ बक्त्मा ऩठे द्म् ऩभ ु ान‍ ननवायणॊ ऩयभॊ व्रजेत‍स सकरान‍बुक्त्वा सुबोगानवऩ। ॥ इनत श्रीऩॊचश्रोककगणेिऩुयाणभ‍ ॥ ऩव य ार भें ब्रह्भाजी ने व्मास को श्री ववघ्नेि (गणेि) ऩयु ाण का सायतत्व फतामा था। वह भहागणऩनत का उऩासनासॊऻक प्रथभ ू क सॊकष्टी दे वी की, गणेि की, उनके भॊत्र की, स्थान की, तीथय की औय दव ू ाय की भदहभा मह बष्क्तचरयत है । उनके ऩाधथयव ववग्रह का

'क्रीडाकाण्ड' का वणयन- सत्ममुग भें दस बुजाओॊ से मुक्त श्वेत काष्न्द्तभान कश्मऩ ऩुत्र शसॊहध्वज भहोत्कट ववनामक कािी भें गए

द्वाऩय मुग भें गौयीऩुत्र गजानन दो बुजाओॊ से मुक्त हुए। उन्द्होंने अऩने हाथ से शसन्द्दयू ासुय का भदय न कयके उसे अऩने भुख ऩय

जो भनुष्म प्रनतददन बष्क्तबाव से इन ऩाॊच श्रोकों का ऩाठ कये गा, वह सभस्त उत्तभ बोगों का उऩबोग कयके अन्द्त भें ऩयभ न

महद ककसी मात्री को दे खकय कुतता बम से मा

ककसी ककन्द्नय को खश ु कयके उससे एक मसतका भाॊग रें इस मसतके को अऩने धन स्थान मानी ततजोय मा गल्रे

Chandra Mohan Bagaya

वीऩयीत याजमोग औय व्र्शश्चीक (८ ) रग्न से ६ ठे बा

२. मदी ६ ठे बाव भें फुध होतो, जातक झगडारू होता

३. िक्र ु ६ ठे बाव भें होतो, जातक सम्ऩन्द्न होता है म

४ . िनी ६ ठे बाव भें होतो, जातक अन्द्वेर्क होता ह

५. िनी +फुध की मुती ६ थे बाव भें होतो, जातक भा

६ . फुध + िुक्र की मुती से जातक कराकाय साहीत्मक

७. मदी ६ ठे बाव भें तीन , चाय मा अधीक गह ृ होतो

(उदाहयण : योनाल्ड यीगन रग्न ( ८ ) व्रश्चीक २ ये ब

Astro Kaushal Pandey

नवग्रह िाॊनत के अनुबवशसद्ध सयर उऩा सूमय ग्रह को प्रसन्द्न कयने के शरए यववव चॊर ग्रह के शरए हभेिा फज ु ग ु य औयतों क भॊगर के शरए हनुभान जी को रार चो फुध ग्रह के शरए ताॊफे का एक शसक्का फह ृ स्ऩनत ग्रह के शरए फडों का दोनों ऩा िुक्र ग्रह मदद अच्छा नहीॊ है तो ऩत्नी िनन ग्रह से ऩीडडत व्मष्क्त को रॊगडे व् याहु ग्रह से ऩीडडत को कौडडमाॊ दान कय केतु ग्रह की िाॊनत के शरए गणेि चतुथ

Dhani Ram Astrologer

रोकवप्रमता मा सम्भान का तो हय कोई बख ू ा होता है । ऐसे भें इसे फढाना बरा कौन नहीॊ चाहे गा! आइए, आज आऩको ऐसे 5 उ 1. सबी ऐकडेशभक सदटय कपकेट्स औय डडधग्रमों को घय के दक्षऺणी दहस्से भें यखना फेहतयीन परदामक भाना जाता है ।

2. आऩ पूर-ऩष्त्तमों के िौकीन न बी हों तो बी मे पॊडा जरूय अऩनाएॊ। अऩने गाडयन के दक्षऺणी दहस्से भें रार पूरों वारे ऩौध

Subhash Malhotra िनन दोर् को दयू कयने के उऩाम् भॊत्र का जाऩ कयें

नीराॊजन सभाबासॊ यववऩुत्रॊ मभाग्रजभ छामा भातयण्ड सम्बत ू ॊ तॊ नभाशभ िनैश्च

प्रत्मेक िननवाय को हनुभानजी के भॊददय िननवाय को सन्द् ु दय काॊड का ऩाठ कयें । िनन कवच का ऩाठ कयें औय िनन दोर् वद्ध ृ ाश्रभों भें औय ननधयनों एवॊ ़रूयतभॊद

Astro Kaushal Pandey Saturday याहु कार & हदशाशूर का प्रबाि औय उऩाम :- कौशर ऩाण्डेम

मात्रा प्राम् सबी को कयनी ऩड़ती है , आज के इस व्मस्त जीिन भें अगय हभ याहु कार औय हदशा शूर के अनुसाय जफ हभ कबी याहु कार औय हदशा शूर के सभम मात्रा कयते है तो बफना फात के ह ऩये शानी आ जाती है , कई फा

१ :- याहुकार- याहुकार भें शुबकामय कयना िश्जयत हैं। ऐसा भाना जाता है कक मह सभम क्रुय ग्रह याहु के नाभ से है ज याहुकार की अिचध हदन (सम ू ोदम से सम ू ायस्त तक के सभम) के आठिें बाग के फयाफय होती है । प्रततहदन याहुकार का सभम डेढ घॊटा होता है । जातनए कफ होता है याहुकारयवििाय को शाभ 04:30 से 06 फजे तक सोभिाय सुफह 07:30 से 09 फजे तक भॊगरिाय को दोऩहय 03:00 से 04:30 फजे तक फुधिाय को दोऩहय 12:00 से 01:30 फजे तक गुरुिाय :- दोऩहय 01:30 से 03:00 फजे तक . शुक्रिाय :- सुफह 10:30 फजे से 12 फजे तक . शतनिाय :- सुफह 09 फजे से 10:30 फजे तक .

२:- हदशाशूर का प्रबाि जैसे सोभिाय औय शतनिाय को ऩूिय हदशा की तयप मात्रा शुब नह ॊ होती। यवििाय औय शक्र ु िाय को ऩश्वचभ हदशा की तयप मात्रा शब ु नह ॊ होती। भॊगरिाय औय फुधिाय को उततय हदशा की तयप मात्रा शुब नह ॊ होती। गुरुिाय को दक्षऺण हदशा की ओय मात्रा कयने से कामय मसद्ध नह ॊ होते। हदशा शूर के सभम मात्रा कयने से मात्रा सपर नह ॊ होती औय मात्रा भागय भें बी ऩये शातनमों का साभना कयना होता स्िय ऻान के अनुसाय :- नामसका का जो स्िय चरता हो उसी तयप का ऩैय आगे फड़कय मात्रा शुरू कयनी चाहहए. शास्त्रों भें हदशा-शर ू के सभाधान बी हदए गए हैं, जैसेयवििाय को महद ऩश्वचभ हदशा भें जाना ह है तो दमरमा ि घी खा कय जाएॊ। सोभिाय को दऩयण दे ख कय घय से तनकरें । भॊगरिाय को गड़ ु खा कय प्रस्थान कयें । फुधिाय को धतनमा खाकय प्रस्थान कयें । गुरुिाय को दह खा कय प्रस्थान कयें । शुक्रिाय को जौ प्रस्थान कयें । शतनिाय को अदयक मा उड़द खा कय प्रस्थान कयें ।

Pandit Ashu Bahuguna

तॊत्रोक्त जडी फूटी दियन अऩयाष्जता .....

मह एक रता जातीम फूटी है जो की व

बायत के वविेर् ऩवय नवयात्री के िुब अ इसकी जड धायण कयने से बूत प्रेतादी १. प्रसव के सभम कष्ट से तडऩती मा २. जफ त्रफच्छु काट रे तो दॊ शित स्थर

३. कृष्णकाॊता की जड को नीरे कऩडे भ

४. प्राम ककसी न ककसी कायन से नवववव

Subhash Malhotra

प्रात: जागने ऩय ष्जस नाशसका से श्‍वास चरता हो उस ओय का हाथ भॉह द हो ु ऩय यख कय िय्मा से उठने ऩय भनोकाभना शसध्‍

Pandit Ashu Bahuguna

मदद चॊरभा, गुरू औय केतु दसवें स्थान धनु रग्न के शरए धन मोग (Dhanu la कुण्डरी भें चॊरभा आठवें बाव भें ष्स्थत भकय रग्न के शरए धन मोग (Makar l जातक की कुण्डरी भें चॊरभा औय भॊगर कॊु ब रग्न के शरए धन मोग (Kumbha कभय बाव अथायत दसवें बाव भें चॊर औ भीन रग्न के शरए धन मोग (Meena l कुण्डरी के दस ू ये बाव भें चॊरभा औय ऩ

Sannjay B. Shah सपरता के 20 भॉत्र=============1.खद ु की कभाई से कभ खचय हो ऐसी ष्जन्द्दगी फनाओ..!2. ददन भेँ कभ से कभ 3 रोगो की

Subhash Malhotra

भेर् याशि : भेर् याशि वारों को 'वक्रतुण्ड

वर् ृ ब याशि: वर् ृ ब याशि वारों को गणेि

शभथन ु याशि : शभथन ु याशि वारे गणेिज

Sannjay B. Shah क्मा आऩ फाय-फाय नौकयी शसपय इसशरए फदरते हैं कक आऩकी फॉस से नहीॊ फनती? मा आऩ अऩने फॉस ऩसॊद नहीॊ कयते? मदद

Dhani Ram Astrologer

आठवीॊ दे वी भहागौयी ऩावयती ने इस बूर

ओभ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ चभण् ु डामै ववच्चे।। ओ

नभस्ते रूररूवऩण्मै नभस्ते भधभ ु ददय नी । नभ: कैटबहारयण्मै नभस्ते भदहर्ाददय नी ।

Pandit Ashu Bahuguna श्री िनन वैददक भॊत्र से कयें साढे साती को िाॊत.... साढे साती िब्द ऩढकय मा सन ु कय ऐसा रगता है कक मह कोई बमावह सी दिा होगी। रेककन सच तो मह है कक इसके फाये भें ॐ िन्द्नो दे वी यशबष्टम आऩो बवन्द्तु ऩीऩतमे िनमो यववस्र वन्द्तुन्। ा़ इस भॊत्र का 23000 हजाय जऩ कयने से साढे साती िनन का दष्ु प्रबाव िाॊत हो जाता है ।

श्री िनन ऩौयाणणक भॊत्र :श्री नीरान्द्जन सभाबासॊ ,यवव ऩुत्रॊ मभाग्रजभ। छामा भातयण्ड सम्बूतॊ, तॊ नभाशभ िनैश्चयभ ।। इस भॊत्र का जाऩ कयने से िनन की प्रसन्द्नता प्राप्त होती है । श्री िनन फीज भॊत्र ॐ िॊ िनैश्चयामै नभ: ॐ प्राॊ प्रीॊ प्रौं स: िनैश्चयाम नभ:

वविेर् : मह सबी भॊत्र िननवाय को जऩना आयॊ ब कयें । साढे साती के बम से भष्ु क्त ऩाने का औय िनन की कृऩा ऩाने का इससे स

भकय रग्न की कॊु डरी के नवभ मा दि भकय रग्न की कॊु डरी के नवभ बाव भ ष्जन रोगों की कॊु डर भकय रग्न की ह भकय रग्न की कॊु डरी के दिभ बाव भ कॊु डरी का दसवाॊ बाव वऩता एवॊ िासक

Moon Chandra in Lal Kitab

लाल किताब िे अनुसार जजस ग्रह से संबंजधत वस्तुओं िो - प्रथम भाव में पहंचाना हो उसे गले में पहजनए - दूसरे भाव में पहंचाने िे जलए मंकदर में रजिए - तीसरे भाव में पहंचाने िे जलए संबंजधत वस्तु िो हाथ में धारण िरें - चौथे भाव में पहंचाने िे जलए पानी में बहाएं - पांचवे भाव िे जलए स्िू ल में पहंचाएं, - छठे भाव में पहंचाने िे जलए िु एं में डालें - सातवें भाव िे जलए धरती में दबाएं - आठवें भाव िे जलए श्मशान में दबाएं - नौंवे भाव िे जलए मंकदर में दें - दसवें भाव िे जलए जपता या सरिारी भवन िो दें - ग्यारहवें भाव िा उपाय नहीं

और बारहवें भाव िे जलए ग्रह से संबंजधत चीजें छत पर रिें।

ो ग्रह एक साथ हैं तो उनसे कई फीभारयमाॉ हो सकती है । प्रस्तत ु है उनकी साभान्द्म जानकाय ।

द गई है , रेककन उऩयोतत औय तनम्न उऩाम रार ककताफ के जानकाय से ऩछ ू कय ह कयें ।

न जगह ऩय गाड़कय आ जाएॉ। मता प्राप्त होगी।

ब्मूट की ओय एट्रै तट होता है । उसके फाद म्मुचअर अॊडयस्टैंडडॊग मानी कक िैचारयक सभानता औय कपय सहन-सहन की सभानता। ऩयॊ तु तम ायण ह आता। ठीक उसी प्रकाय सौय-भॊडर के ग्रह हभें अरग-अरग रूऩ से प्रबावित कयते हैं। अत् सािधानीऩूिक य कॊु डर मभरान कयके ह

मासी से कयाएॉ।

क औय शय य ऩय भौसभ, ग्रह औय नऺत्रों का प्रबाि रगाताय यहता है । कुछ रोग इन प्रबाि से फच जाते हैं तो कुछ इनकी चऩेट भें आ जा

ह औय आठ का विवरेषण कयने के साथ की ग्रहों की श्स्थतत औय मभरान अनुसाय ह योग की श्स्थतत औय तनिायण को तम ककमा जाता ह

स औय पेपड़े की फीभारयमाॉ। य थक ू इकट्ठा होना, झाग तनकरना, धड़कन का अतनमॊबत्रत होना, शाय रयक कभजोय औय यतत चाऩ। ख की कभजोय । जर का योग। ट सॊफॊधी फीभाय , नासयू , श्जगय, वऩतत आभाशम, बगॊदय औय पोड़े होना। की कभजोय , जीब औय दाॉत का योग। खाॉसी की फीभाय । की खयाबफमाॉ, अचानक चोट, दघ य ना आहद। ु ट ददय , शुगय, कान, स्िप्न दोष, हातनयमा, गुप्ताॊग सॊफॊधी योग आहद। ततरक योजाना रगाएॉ मा कुछ भात्रा भें केसय खाएॉ।

कुछ हदन कच्चा दध ू औय चािर यखें मा खीय-फपी का दान कयें । कयें औय घय तथा शय य को साप-सुथया यखें। ऺ की जड़ भें भीठा कच्चा दध ू 43 हदन रगाताय डारें। उस दध ू से मबगी मभट्टी का ततरक रगाएॉ। नाक तछदिाकय उसभें चाॉद का ताय मा सपेद धागा डार कय यखें। ताॉफे के ऩैसे भें सयू ाख कयके फहते ऩानी भें फहाएॉ। योजाना नारयमर फहाएॉ। भूर का दान कयें । तॊदयू भें भीठी योट फनाकय 43 हदन कुततों को णखराएॉ।

औजाय से आऩने जभीन खोद है उस औजाय को िावऩस न रामें ! उसे िह ॊ पेंक दें दस ू य फात जो ध्मान यखने िार है िो मह है कक सयु भ

मोग चभका सकते हैं आऩकी ककस्भत, कयके दे खें

से जुडी ऩये िाननमों के शरए कई चभत्कारयक उऩाम फताए गए हैं। मे उऩाम अरग-अरग चीजों से ककए जाते हैं। महाॊ जाननए कारे नतर के कुछ उऩाम, जो

वधध-ववधान से ऩूजन कयें । मदद ववधधवत ऩूजन कयने भें असभथय हैं तो प्रनतददन एक रौटे भें िुद्ध जर बयें औय उसभें थोडे कारे नतर डार दें । अफ इस ज

ी मा ढय्मा का सभम चर यहा हो तो ककसी ऩववत्र नदी भें प्रनत िननवाय कारे नतर प्रवादहत कयना चादहए। इससे िनन के दोर्ों की िाॊनत होती है ।

र चढाने चादहए। इससे िनन के दोर् िाॊत होते हैं।

यने से बी याहु-केतु औय िनन सॊफॊधी कई अिुब मोगों के फुये प्रबाव सभाप्त हो जाते हैं।

तर, कारी उडद को कारे कऩडे भें फाॊधकय ककसी गयीफ व्मष्क्त को दान कयने से ऩैसों से जुडी सभस्माएॊ सभाप्त होने रगती हैं।

भें कारे नतर शभराकय चढाने से बाग्महीन व्मष्क्त बी बाग्मिारी फन सकता है । ऐसा प्रनतददन कयना चादहए।

थवा ऊऩयी फाधा असय नहीॊ कयती। साथ ही उस घय भें धन का अबाव नहीॊ यहता।

शरखे सूमय भॊत्र का जऩ कयें । ऐसा कयने से ह्रदम योग भें कापी राब होगा।

कय सो जाएॊ। सुफह उसे िभिान की सीभा ऩय जाकय चऩ ु चाऩ पेंक आएॊ। योग सभाप्त हो जाएगा।

ननकरता हुआ धआ ु ॊ आदद। ऐसे दृश्मों से फचने के शरए णखडककमों ऩय ऩयदा डार दें ।

की ककस्भत साथ नह ॊ दे यह हैं तो जफ बी योट फनामें ऩहर योट को अरग तनकरकय यख दें | इस योट के फयाफय- फयाफय चाय बाग कय र

बी कोई अच्छा काभ कयने जाते हैं तो उसका उल्टा ह होता है मातन कुछ न कुछ गरत हो जाता है । ऐसे भें िे अऩनी ककस्भत को ह इस

ाॊबत्रक अथिा ऊऩय फाधा असय नह ॊ कयती। साथ ह उस घय भें धन का अबाि नह ॊ यहता।

ोज नीचे मरखे सूमय भॊत्र का जऩ कयें । ऐसा कयने से ह्रदम योग भें कापी राब होगा।

हाने यखकय सो जाएॊ। सुफह उसे शभशान की सीभा ऩय जाकय चऩ ु चाऩ पेंक आएॊ। योग सभाप्त हो जाएगा।

चभनी से तनकरता हुआ धआ ु ॊ आहद। ऐसे दृवमों से फचने के मरए णखड़ककमों ऩय ऩयदा डार दें ।

नए ियीय के योग-यखें सावधानी औय ऩयहे ज::::-का छठा (6) औय ग्मायहवाॉ (11) बाव योग के बाव भाने जाते है मानन इन बावों से हभें होने वारे योगों की सॊबाववत जानकायी शभर सकती है । मदद इन ब

फचऩन से ही इस फाये भें सावधानी औय ऩयहे ज यखा जाए तो इनसे फचा जा सकता है । भेर् रग्न के शरए एरजी, त्वचा योग, सपेद दाग, स्ऩीच डडसऑडयय

के शरए हाभोनर प्रॉब्रभ, भूत्र ववकाय, कप की अधधकता, ऩेट व रीवय की तकरीप औय कानों की तकरीप साभान्द्म योग है । के शरए यक्तचाऩ (रो मा हाई), चोट-चऩेट का बम, पोडे-पॉु सी, ह्रदम की तकरीप सॊबाववत होती है ।

क शरए ऩेट के योग, रीवय की खयाफी, भनत भ्रष्ट होना, कपजन्द्म योग होने की सॊबावना होती है ।

क शरए भानशसक तनाव से उत्ऩन्द्न ऩये िाननमाॉ, चोट-चऩेट का बम, ब्रेन भें तकरीप, एरजी, वाणी के दोर् आदद ऩये िानी दे ते हैं। के शरए शसयददय , कप की तकरीप, ज्वय, इन्द्पेक्िन, ियीय के ददय औय वजन फढाने की सभस्मा यहती है ।

के शरए कान की तकरीप, कपजन्द्म योग, शसय ददय , ऩेट की तकरीप, ऩैयों भें ददय आदद फने यहते हैं।

न के शरए यक्तचाऩ, थॉमयाइड, एरजी, पोडे-पॉु सी, शसय ददय आदद की सभस्मा हो सकती हैं। शरए भूत्र ववकाय, हाभोनर प्रॉब्रभ, भधभ ु ेह, कपजन्द्म योग व एरजी की सॊबावना होती है ।

के शरए ऩेट की तकरीप, वोकर-कॉड की तकरीप, दघ य ना बम, ऩैयों भें तकरीप, यक्तचाऩ, नवयस शसस्टभ से सॊफॊधधत ऩये िाननमाॉ हो सकती हैं। ु ट

क शरए कपजन्द्म योग, दाॉत औय कानों की सभस्मा, ऩेट के ववकाय, वजन फढना, ज्वय आदद की सॊबावना हो सकती है ।

के शरए आॉखों की सभस्मा, शसय ददय , भानशसक सभस्मा, कभय ददय , आरस्म आदद की सभस्मा फनी यह सकती है । 6 मा 11 के स्वाभी हानन दे ने वारी ष्स्थनत भें हो तो िुरू से ही उनके भन्द्त्रों का जाऩ कयना चादहए। खान-ऩान की सावधानी यखना चादहए औय सॊफॊधधत

बम तथा उन्द्भाद होने का अॊदेिा यहता है ।भॊगर ग्रह के कुवऩत होने से वऩत्त ववकाय, त्वचा योग, टामफ़ाइड औय अऩें डडक्स हो सकते हैं। वहीॊ फध ु ग्रह के दर् ु

भें भधवु वद्मा को सभझना होगा, जफ यात्रत्र के सभम सफ रोग घोय ननरा भें रीन होते है तफ भध-ु भष्क्खमा हौरे से ननकर ऩडती है औय ऩष्ु ऩ को ऩता बी चामे, त्रफना हो हल्रा भचामे त्रफना ककसी को ऩता चरे भध-ु भष्क्खमा अऩना कामय सॊऩन्द्न कयती है उसी प्रकाय साधक को होना चादहए, अप्सयामे बी इसी प्र ह ताकत है की वह फडे फडो की गनत योक दे ने भें सऺभ है , बीड का दहस्सा फनाने से क्मा पामदा ? सौंदमय जातक को बीड से अरग कय दे ता है एक सेक

ना के दो बाग है ......... प्रथभ काभदे व तत्वा औय अप्सया तत्वा इन दोनों को शभरा कय अप्सया साधना सम्ऩूणय होती है जो ऩुरुर् इसे कयें गे उनभे काभदे व

ान श्री गणेि की प्रनतभा के साभने अथवा ककसी भॊददय भें अथवा ककसी ऩण् ु म ऺेत्र अथवा बगवान श्री गणेि के धचत्र के सम्भख ु फैठकय अनष्ु ठान कय स

ठ कयें । मदद अधधक फाय कय सकें तो श्रेष्ठ। प्रात् एवॊ सामॊकार दोनों सभम कयें , पर िीघ्र प्राप्त होता है ।

चत प्रनतफॊधक रूऩ प्रायब्ध की प्रफरता की वजह से भनोवाॊनछत पर की प्राष्प्त मा तो दे यी से हो ऩाती है अथवा मदाकदा पर प्राप्त ही नहीॊ होते हैं। चादहए, न कक अववश्वास व कुिॊका कयके आयाध्म के प्रनत अश्रद्धा व्मक्त कयना चादहए।

ऩय स्वमॊ अनब ु नू त एवॊ पर प्राष्प्त ननष्श्चत है ।

औय बवात्भज- मे फायह गणेिजी के नाभ हैं। जो प्रात्कार उठकय इनका ऩाठ कयता है , सॊऩण ू य ववश्व उनके वि भें हो जाता है तथा उसे कबी ववघ्न का

त का उऩासनासॊऻक प्रथभ खण्ड है । बगवान शिव ने ऩहरे त्रत्रऩयु का सॊहाय कयने के शरए गणऩनत का ऩज ू न ककमा। कपय ब्रह्भाजी ने इस सष्ृ ष्ट की यचन

है । उनके ऩाधथयव ववग्रह का ऩूजन बी बष्क्तचमाय ही है । उन बष्क्तचमाय कयने वारे ऩुरुर्ों भें से ष्जन-ष्जन ने ष्जस-ष्जस वस्तु को ऩाने की इच्छा की, सॊतुष्

कट ववनामक कािी भें गए। वहाॊ नयान्द्तक औय उसके छोटे बाई दे वान्द्तक नाभक दानव को भायकय त्रेता भें वे र्ड्फाहु शिवनन्द्दन भमूय ध्वज के रूऩ भें

न कयके उसे अऩने भुख ऩय ऩोत शरमा। उनकी ध्वजा भें भूर्क का धचह्न था। उन्द्होंने सॊतुष्ट याजा वये ण्म को गणेि गीता का उऩदे ि ककमा। कपय वे धम्र ू

बोग कयके अन्द्त भें ऩयभ ननवायण (भोऺ) को प्राप्त होगा।

खकय कुतता बम से मा क्रोध से गुयायता है अथिा बफना ककसी कायण से इधय-उधय चतकय काटे तो उस मात्रा कयने िारे को धन की हातन

मानी ततजोय मा गल्रे भें यखें। कुछ ह हदनों भें इस चभतकाय मसतके का प्रबाि हदखने रगेगा।

चीक (८ ) रग्न से ६ ठे बाव से :- मदी ६ ठे बाव भें भॊगर स्वग्रही होतो , जातक योग तथा ित्रओ का नाि कयके दीघायमु होता ,है जीवन भें ऩग - ऩग ऩ ु होतो, जातक झगडारू होता है . अऩनी ओजऩूणय वाणी से रोंगों को प्रबावीत कय रेता है , मदी भॊगर+फुध की मुती हो, तो मह प्रबाव औय फड जाता है .

ो, जातक सम्ऩन्द्न होता है मह वीख्मात होता है िक्र ु +भॊगर की मत ु ी हो तो जातक फहुत िोकीन होता है

तो, जातक अन्द्वेर्क होता है , िनी + भॊगर की मुती होतो , जातक साॊसायीक सुखो भें रूची रेता है .

थे बाव भें होतो, जातक भानसीक योग औय नऩुॊसकता का िीकाय होता है िुक्र+िनी की मुती होने ऩय जातक बोगी, वीरासी , दे वीम िक्ती से मुक्त बी ह

से जातक कराकाय साहीत्मकाय मा कवी फनाती है . , चाय मा अधीक गह ृ होतो, जातक भानसीक रूऩ से ऩये िान कीन्द्तू -धन वेबव इसके ऩीछे चरते है . रग्न ( ८ ) व्रश्चीक २ ये बाव भें फुध+भॊगर ३ ये बाव भें सूमय ४ थे बाव भें िुक्र ६ ठे बाव भें िनी+याहू +चॊरभा १ २ वे बाव भें गुरु+केतू ) .

के अनुबवशसद्ध सयर उऩाम : प्रसन्द्न कयने के शरए यवववाय को प्रात् सूमय को अघ्मय दें तथा जर भें रार चॊदन नघसा हुआ, गुड एवॊ सपेद ऩुष्ऩ बी डार रें तथा साथ ही सूमय भॊत्र का शरए हभेिा फज ु ग ु य औयतों का सम्भान कयें व उनके ऩैय छूकय आिीवायद रें । चॊरभा ऩानी का कायक है । इसशरए कुएॊ, ताराफ, नदी भें मा उसके आसऩास ग ए हनुभान जी को रार चोरा चढाएॊ, भॊगरवाय के ददन शसॊदयू एवॊ चभेरी का तेर हनुभान जी को अऩयण कयें । इससे हनुभान जी प्रसन्द्न होते हैं। मह प्रमो शरए ताॊफे का एक शसक्का रेकय उसभें छे द कयके फहते ऩानी भें फहा दें । फुध को अऩने अनुकूर कयने के शरए फहन, फेटी व फुआ को इज्जत दें व उनका के शरए फडों का दोनों ऩाॊव छूकय आिीवायद रें। ऩीऩर के वऺ ु ृ के ऩास कबी गॊदगी न पैराएॊ व जफ बी कबी ककसी भॊददय, धभय स्थान के साभने से गज द अच्छा नहीॊ है तो ऩत्नी व ऩनत को आऩसी सहभनत से ही कामय कयना चादहए। व जफ घय फनाएॊ तो वहाॊ कच्ची जभीन अवश्म यखें तथा ऩौधे रगाकय ऩीडडत व्मष्क्त को रॊगडे व्मष्क्त की सेवा कयनी चादहए। चकूॊ क िनन दे व रॊगडे हैं तो रॊगडे, अऩादहज शबखायी को खाना णखराने से वे अनत प्रसन्द्न होते ह ऩीडडत को कौडडमाॊ दान कयें । यात को शसयहाने कुछ भूशरमाॊ यखकय सुफह उनका दान कय दें । कबी-कबी सपाई कभयचायी को बी चाम के शरए ऩैसे दे ते यह िाॊनत के शरए गणेि चतुथी की ऩूजा कयनी चादहए। कुत्ता ऩारना मा कुत्ते की सेवा कयनी चादहए (योटी णखराना)। केतु ग्रह के शरए कारे-सपेद कॊफर क

आइए, आज आऩको ऐसे 5 उऩाम के फाये भें फताते हैं, जो आऩकी रोकवप्रमता औय सम्भान को फढाने भें भददगाय सात्रफत हो सकते हैं। भाना जाता है ।

स्से भें रार पूरों वारे ऩौधे रगा सकते हैं। मदद गाडयन की सुववधा न हो तो इसे घय के अॊदय बी यखा जा सकता है ।

ो दयू कयने के उऩाम्

भाबासॊ यववऩुत्रॊ मभाग्रजभ ड सम्बत ू ॊ तॊ नभाशभ िनैश्चयभ

वाय को हनुभानजी के भॊददय के साभने फैठे शबखारयमों को बोजन कयाएॊ। िननवाय को 11 फाय हनुभान चारीसा का ऩाठ कयें । सन्द् ु दय काॊड का ऩाठ कयें । का ऩाठ कयें औय िनन दोर् से छुटकाया ऩाएॊ। औय ननधयनों एवॊ ़रूयतभॊदों की भदद कयें , दान दें ।

औय हदशा शूर के अनुसाय कामय ऩय तनकरते है तो प्राम् सपरता आऩ का इन्द्तजाय कयती है , औय आऩ श्जस काभ से जा यहे है बफना विघ् नी आ जाती है , कई फाय ट मात्रा के सभम कुछ फड़ी अनहोनी बी हो जाती है इसमरए जीिन है तो सफकुछ है श्जतना हो सके इन फातों

ग्रह याहु के नाभ से है जो ऩाऩ ग्रह भाना गमा है । इसमरए इस सभम भें जो बी कामय ककमा जाता है िो ऩाऩ ग्रस्त हो जाता है औय असप

ों का साभना कयना होता है . हदशा शूर होने ऩय मथा सॊबि मात्रा को टार दे ना चाहहए. महद मात्रा टारना सॊबि न हो तो उऩाम कयके मात्रा ात्रा शुरू कयनी चाहहए.

फूटी दियन अऩयाष्जता .......

ा जातीम फूटी है जो की वन उऩवनो भें ववशबन्द्न वऺ ृ ों के मा तायो के सहाये उध्वयगाभी होकय सदा हयीबयी यहती है ! मह रता बायत के सभस्त बागो भें

िेर् ऩवय नवयात्री के िुब अवसय ऩय गोऩनीम ऩूजा भें ९ वऺ ृ ों की टहननमों का बी ऩूजन होता है , इसभें से एक अऩयाष्जता बी है , अऩयाष्जता ऩुष्ऩ बेद के धायण कयने से बूत प्रेतादी की सभस्मा का ननवायण होकय सभस्त ग्रहदोर् सभाप्त हो जाते है , इसके प्रमोग इस प्रकाय है ..............

सभम कष्ट से तडऩती मा भयणासन्द्न हुई गबयवती स्त्री की कटी भें श्वेत अऩयाष्जता की रता राकय रऩेट दे ने से कष्ट का ननवायण हो जाता है औय प्रस

छ काट रे तो दॊ शित स्थर ऩय ऊऩय से ननचे की तयप श्वेत अऩयाष्जता की जड को यगडे औय उसी तयप वारे हाथ भें इसकी जड दफा दे तो ऩाॊच शभनट

की जड को नीरे कऩडे भें रऩेट कय िननवाय वारे ददन योगी के कॊठ भें ऩहना दे तो राब होगा, इसके साथ इस इसके ऩत्ते औय नीभ के ऩत्तो की धऩ ू

ी न ककसी कायन से नववववादहता चाहते हुए बी गबय धायण नहीॊ कय ऩनत ष्जस कायन उनकी भानहानन अत्मधधक होती है कबी कबी इन्द्हें फाॉझ भानकय

ने ऩय भनोकाभना शसध्‍ द होती है । जो ददन भें फामी ना‍शसका से तथा यात्रत्र भें दादहनी नाशसका से श्‍ वास रेता है उसके ियीय भें कोई ऩीडा ा़ नहीॊ होती। आर

गुरू औय केतु दसवें स्थान भें होंतो जातक धनवान व बाग्मवान फनता है . शरए धन मोग (Dhanu lagna dhana yoga) चॊरभा आठवें बाव भें ष्स्थत हो औय सूम,य िुक्र तथा िनन ककय याशि भें ष्स्थत हों तो जातक को फहुत के शरए धन मोग (Makar lagna dhana yoga) कुण्डरी भें चॊरभा औय भॊगर एक साथ केन्द्र के बावों भें हो मा त्रत्रकोण बाव भें ष्स्थत हों तो जातक क शरए धन मोग (Kumbha lagna dhana yoga) थायत दसवें बाव भें चॊर औय िनन की मनु त व्मष्क्त को धनवान फनाती है . मदद िनन रग्न भें हो औय के शरए धन मोग (Meena lagna dhana yoga) दस ू ये बाव भें चॊरभा औय ऩाॊचवें बाव भें भॊगर हो तो अच्छे धन राब का मोग होता है . मदद गुरु छठे

सायी सॊऩष्त्त प्राप्त होती है . मदद गुरू फुध रग्न भेर्

धनी फनता है . धनेि तुरा याशि भें औय भॊगर उच्च

भॊगर छठे बाव भें हो तो जातक ऎश्वमय से मक् ु त ह बाव भें िुक्र आठवें बाव भें िनन फायहवें बाव औय

भेँ कभ से कभ 3 रोगो की प्रिॊिा कयो..!3. खद ु की बुर स्वीकाय ने भेँ कबीबी सॊकोच भत कयो..!4. ककसी के सऩनो ऩय हॉ सो भत..!5. आऩके ऩीछे खडे व्म

भेर् याशि वारों को 'वक्रतुण्ड' रूऩ भें गणेि जी की आयाधना कयनी चादहए औय 'गॊ' मा 'ॐ वक्रतुण्डाम हूॊ' भॊत्र की एक भारा प्रनतददन जऩ कय गुड का बोग

वर् ृ ब याशि वारों को गणेिजी के 'िष्क्त ववनामक' रूऩ की आयाधना कयना चादहए औय उन्द्हें बी 'गॊ' मा 'ॐ हीॊ ग्रीॊ हीॊ' भॊत्र की एक भारा प्रनतददन जऩकय : शभथन ु याशि वारे गणेिजी की आयाधना 'रक्ष्भी गणेि' के रूऩ भें कयें . गणेिजी के शरए भूॊग के रड्डू फनाएॊ औय 'श्रीगणेिाम नभ: मा 'ॐ गॊ गणऩतमे

ॉस ऩसॊद नहीॊ कयते? मदद हाॉ तो रुककए... ऩहरे अऩनी जन्द्भकॊु डरीका आकरन कयें । मदद वहाॉ फॉस का प्रनतननधधत्व कयने वारे घय व ग्रह भें िुबता नहीॊ

भहागौयी ऩावयती ने इस बूरोक भें रयवद्ध-शसवद्ध प्राप्त कयने के शरए एक भहाकॊु ष्जका की यचना की। दे वी ने कहा कक जो बक्त इस भॊत्र को ननत्म उनका ध्

क्रीॊ चभण् ु डामै ववच्चे।। ओभ ग्रौं हुॊ क्रीॊ जॊू स: ज्वारम ज्वारम ज्वर ज्वर प्रज्वर प्रज्वर ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ चाभण् ु डामै ववच्चे ज्वर हॊ सॊ रॊ ऺॊ पट् स्वाहा।

वऩण्मै नभस्ते भधभ ु ददय नी । रयण्मै नभस्ते भदहर्ाददय नी ।

तो मह है कक इसके फाये भें भ्राॊनतमाॊ अधधक प्रचशरत है । वास्तव भें साढे साती के दौयान अगय फयु े कभों से फचा जाए औय अच्छे िब ु कभय ककए जाए तो म

न की कृऩा ऩाने का इससे सयर कोई उऩाम नहीॊ है ।

की कॊु डरी के नवभ मा दिभ बाव भें याहु ष्स्थत हो तो व्मष्क्त के जीवन ऩय क्मा-क्मा प्रबाव ऩडते हैं, जाननए... की कॊु डरी के नवभ बाव भें याहु हो तो... की कॊु डर भकय रग्न की है औय उसके नवभ बाव भें याहु ष्स्थत है तो उन रोगों को बाग्म का साथ आसानी से नहीॊ शभरता है । कामों भें सपरता के शर की कॊु डरी के दिभ बाव भें याहु हो तो... सवाॊ बाव वऩता एवॊ िासकीम कामों का कायक स्थान होता है । भकय रग्न की कॊु डरी भें इस स्थान तर ु ा याशि का स्वाभी िक्र ु है । महाॊ याहु होने ऩय व्मष्

सहन-सहन की सभानता। ऩयॊ तु तमा शाद के फॊधन के मरए भात्र सुॊदय शय य औय िैचारयक मा यहन-सहन की सभानता ऩमायप्त है । नह .ॊ ...। धानीऩूिक य कॊु डर मभरान कयके ह वििाह कयना चाहहए। कहने को भॊगर फड़ा क्रूय ग्रह भाना गमा है जफकक भॊगर क्रूय नह ,ॊ िह तो भॊगरक

हैं तो कुछ इनकी चऩेट भें आ जाते हैं। फचने िारे रोगों की सुदृढ भानमसक श्स्थतत औय प्रततयोधक ऺभता का मोगदान यहता है । रार कक

य तनिायण को तम ककमा जाता है । प्रतमेक व्मश्तत की कॊु डर भें मह श्स्थततमाॉ अरग-अरग होती है । महाॉ प्रस्तुत है साभान्द्म जानकाय , श्ज

ऩानी भें फहाएॉ।

यखने िार है िो मह है कक सयु भा डर िारा हो औय एक ह डर रगबग 5 ग्राभ की हो ! एक से ज्मादा डमरमाॊ नह ॊ होनी चाहहए !

जाननए कारे नतर के कुछ उऩाम, जो ददखाते हैं चभत्काय..............

भें थोडे कारे नतर डार दें । अफ इस जर को शिवशरॊग ऩय ऊॉ नभ: शिवाम भॊत्र जऩ के साथ चढाएॊ। ध्मान यहे जर ऩतरी धाय से चढाएॊ औय भॊत्र का जऩ

िनन के दोर्ों की िाॊनत होती है ।

ोने रगती हैं।

के फयाफय- फयाफय चाय बाग कय रें| अफ इन चायों बागों ऩय कुछ न कुछ भीठा चाहे , खीय, गुड़ मा कपय शतकय ह तमों न हो यखकय इसक

से भें िे अऩनी ककस्भत को ह इसका श्जम्भेदाय ठहयाते हैं। महद आऩ अऩनी ककस्भत चभकाना चाहते हैं तो नीचे मरखे उऩाम कयें -

जानकायी शभर सकती है । मदद इन बाव के स्वाभी अच्छी ष्स्थनत भें हो तो योग का ननदान हो जाता है मा योग होने की सॊबावना घट जाती है भगय मद

त्वचा योग, सपेद दाग, स्ऩीच डडसऑडयय, नवयस शसस्टभ की तकरीप आदद योग सॊबाववत हो सकते हैं।

ऩये िाननमाॉ हो सकती हैं।

सावधानी यखना चादहए औय सॊफॊधधत वस्तुओॊ का दान कयना चादहए। इन ग्रहों के यत्न बूर कय बी न ऩहनें ।

क्स हो सकते हैं। वहीॊ फध ु ग्रह के दर् ु प्रबाव से वात, वऩत्त औय कप से सम्फॊधधत योग, नाक एवॊ गरे के योग तथा फवु द्ध की कभी की सॊबावनाएॊ यहती हैं।

नकर ऩडती है औय ऩष्ु ऩ को ऩता बी नहीॊ चरता की कफ वे उनभे घस ु कय भकयकॊद ननकार रे गई, ऩष्ु ऩ भयु झाता बी नहीॊ, नक ु सान बी नहीॊ होता ऩय भ को होना चादहए, अप्सयामे बी इसी प्रकाय कामय कयती हैं, भनुष्म की ददव्मता इसी भें है की एक वविेर् आनॊदभम अवस्था भें जीवन को ष्जए एवॊ अप्सया को बीड से अरग कय दे ता है एक सेकॊड भें , बीड उसकी तयप खीच जाती है आऩ आस ऩास से ननकर जाओ औय ककसी ने आऩ ऩय ध्मान नहीॊ ददमा अथ

ी है जो ऩुरुर् इसे कयें गे उनभे काभदे व साभान गजफ का आकर्यण होगा औय ष्स्त्रमा णखची चरी आएॉगी एवॊ जो ष्स्त्रमा इसे कयें गी उनभे अप्सयाओ जैसी

त्र के सम्भख ु फैठकय अनष्ु ठान कय सकते हैं। अनष्ु ठानकताय ऩववत्र स्थान भें ऩववत्र एवॊ िद्ध ु आसन ऩय फैठकय ववशबन्द्न उऩचायों से श्री गणेि का ऩज ू न क

दाकदा पर प्राप्त ही नहीॊ होते हैं।

हो जाता है तथा उसे कबी ववघ्न का साभना नहीॊ कयना ऩडता।'

कपय ब्रह्भाजी ने इस सष्ृ ष्ट की यचना कयने के शरए उनकी ववधधवत स्तनु त की। तत्ऩश्चात व्मास ने फवु द्ध की प्राष्प्त के शरए उनका स्तवन ककमा।

जस वस्तु को ऩाने की इच्छा की, सॊतुष्ट हुए गणऩनत ने वह-वह वस्तु उन्द्हें दी। उन सफका वणयन कयने भें ब्रह्भाजी बी सभथय नहीॊ हैं, कपय भनुष्म की तो

ाहु शिवनन्द्दन भमूय ध्वज के रूऩ भें प्रकट हुए। उन्द्होंने कभरासुय को तथा भहादै त्मऩनत शसन्द्धु को उसके गणों सदहत भाय डारा। तत्ऩश्चात ब्रह्भाजी ने

ि गीता का उऩदे ि ककमा। कपय वे धम्र ू केतु नाभ से प्रशसद्ध धभयमुक्त धन वारे ब्राह्भण होंगे। उस सभम उनके ध्वज का धचह्न अश्व होगा। उनके दो बुजा

मात्रा कयने िारे को धन की हातन होती है ।

दीघायमु होता ,है जीवन भें ऩग - ऩग ऩय सॊघर्य कयना ऩढता है . कठोय भेहनत के फाद सुख भीरता है .

हो, तो मह प्रबाव औय फड जाता है .

वीरासी , दे वीम िक्ती से मुक्त बी हो सकता है .

२ वे बाव भें गुरु+केतू ) .

बी डार रें तथा साथ ही सूमय भॊत्र का जऩ कयते हुए 7 फाय ऩरयक्रभा बी कय रें । ताराफ, नदी भें मा उसके आसऩास गॊदगी को न पैराएॊ। सोभवाय के ददन चावर व दध ू का दान कयते यहें । हनुभान जी प्रसन्द्न होते हैं। मह प्रमोग केवर ऩुरुर् ही कयें । , फेटी व फुआ को इज्जत दें व उनका आिीवायद रेते यहें । िुब कामय (भकान भुहूयत) (िादी-वववाह) के सभम फहन व फेटी को कुछ न कुछ अवश्म दें व उनक सी भॊददय, धभय स्थान के साभने से गज ु यें तो शसय झक ु ाकय, हाथ जोडकय जाएॊ। फह ृ स्ऩनत के फीज भॊत्र का जऩ कयते यहें । जभीन अवश्म यखें तथा ऩौधे रगाकय यखें। कच्ची जगह िुक्र का प्रतीक है । ष्जस घय भें कच्ची जगह नहीॊ होती वहाॊ घय भें ष्स्त्रमाॊ खि ु नहीॊ यह सकतीॊ। ाना णखराने से वे अनत प्रसन्द्न होते हैं। चायी को बी चाम के शरए ऩैसे दे ते यहें । केतु ग्रह के शरए कारे-सपेद कॊफर का दान कयना बी पामदे भॊद है । केत-ु ग्रह के शरए ऩत्नी के बाई (सारे), फेटी के ऩुत्र (दोहते) व फेटी के ऩनत (दाभाद) क

फत हो सकते हैं।

श्जस काभ से जा यहे है बफना विघ्न के िो जल्द ऩूया होता है , फकुछ है श्जतना हो सके इन फातों का ध्मान यखे औय श्जन्द्दगी का ऩूणय रूऩ से आनॊद उठामे ऩाऩ ग्रस्त हो जाता है औय असपर हो जाता है ।

सॊबि न हो तो उऩाम कयके मात्रा कयनी चाहहए -

! मह रता बायत के सभस्त बागो भें फहुरता से ऩाई जाती है औय इसकी वविेर् उऩमोधगता फॊगार भें दग ु ाय दे वी तथा श्री भहाकारी जी की ऩूजन भें स्ऩष्

ाष्जता बी है , अऩयाष्जता ऩुष्ऩ बेद के कायन २ प्रकाय की होती है १ नीरे ऩुष्ऩ वारी तथा २. श्वेत ऩुष्ऩ वारी .... नीरे वारी ऩुष्ऩ रता को कृष्णकाॊता औय ाय है ..............

कष्ट का ननवायण हो जाता है औय प्रसव भें सग ु भता हो जाती है ........... भें इसकी जड दफा दे तो ऩाॊच शभनट भें ही ववर् उतय जाता है ........

सके ऩत्ते औय नीभ के ऩत्तो की धऩ ू दी जामे मा इनका यस ननकर कय एकसाय कयके नाक भें टऩका दे ने से आश्चमयभमी राब प्राप्त होता है .........

ोती है कबी कबी इन्द्हें फाॉझ भानकय श्रीभानजी दस ू यी िादी कय रेते है , ऐसी ष्स्त्रमा नीरी अऩयाष्जता की जड को कारी फकयी के िुद्ध दध ू भें ऩीस कय क

क ियीय भें कोई ऩीडा ा़ नहीॊ होती। आरस्‍म दयु होता है औय ददन ऩय ददन चेतना फढती है ।

प्राप्त होती है . मदद गुरू फुध रग्न भेर्ों तथा सूमय व िुक्र दस ु ये बाव भें तथा भॊगर औय याहु छठे बाव भे हों तो अच्छा धन राब प्राप्त होता है . धनेि तुरा याशि भें औय भॊगर उच्च का ष्स्थत हो व्मष्क्त कयोडऩनत फनता है .

व भें हो तो जातक ऎश्वमय से मक् ु त होता है .

आठवें बाव भें िनन फायहवें बाव औय चॊरभा एकादिेि हो तो जातक कुफेय के सभान धन ऩाता है .

ऩय हॉसो भत..!5. आऩके ऩीछे खडे व्मष्क्त को बी कबी कबी आगे जाने का भौका दो..!6. योज हो सके तो सुयज को उगता हुए दे खे..!7. खफ ु जरुयी हो तब

क भारा प्रनतददन जऩ कय गुड का बोग रगाना चादहए. इससे तुयॊत ही जीवन भें जो बी सभस्मा होगी उसका सभाधान हो जाएगा... वविेर्: भेर् याशि के ईष्

हीॊ' भॊत्र की एक भारा प्रनतददन जऩकय घी भें शभश्री शभराकय बोग रगाएॊ. ननष्श्चत ही उन्द्हें सबी तयह की सभस्माओॊ का सभाधान शभरेगा... वविेर् : हनुभा

'श्रीगणेिाम नभ: मा 'ॐ गॊ गणऩतमे नभ्' भॊत्र की प्रनतददन एक भारा जऩें .... वविेर् : गणेिजी को फुधवाय के ददन भॊददय भें रड्डू का बोग रगाए. गयीफ

कयने वारे घय व ग्रह भें िुबता नहीॊ है तो ककतनी ही नौकरयमाॉ फदर रें , आऩ सॊतुष्ट नहीॊ यहें गे? फेहतय होगा इसका इराज ढूॉढें। कॊु डरी का दसवाॉ घय आ

जो बक्त इस भॊत्र को ननत्म उनका ध्मान कयके ऩढे गा, उसे इस सॊसाय भें धन-धान्द्म, सभवृ द्ध, सुख-िाॊनत औय ननबयम जीवन व्मतीत कयने के सभस्त साधन

मै ववच्चे ज्वर हॊ सॊ रॊ ऺॊ पट् स्वाहा।।

औय अच्छे िब ु कभय ककए जाए तो मही साढे साती उतयते सभम दोगन ु ा राब दे कय जाती है । कई साढे साती तो अच्छे कभों के पर के रूऩ भें कयोडऩनत

हीॊ शभरता है । कामों भें सपरता के शरए कडी भेहनत औय रगाताय प्रमास कयने होते हैं। इसके फाद बी कुछ ही कामों भें सपरता शभरती है । भकय रग्न

स्वाभी िक्र ु है । महाॊ याहु होने ऩय व्मष्क्त को वऩता से ऩण ू य सहमोग नहीॊ शभरता है । इसी वजह से धन सॊफॊधी भाभरों भें इन्द्हें सपरता नहीॊ शभर ऩाती ह

की सभानता ऩमायप्त है । नह .ॊ ...। भात्र केिर ऺणणक सौंदमय का आकषयण ऩूये जीिन को नयक फना सकता है । आजकर फहुत कभ रि भैरय क भॊगर क्रूय नह ,ॊ िह तो भॊगरकताय, दख ु हताय, ऋणहताय ि कल्माणकाय है । भॊगर दोषऩूणय होने ऩय भनुष्म को अरग-अरग तयह के कष्ट ह

ता का मोगदान यहता है । रार ककताफ अनुसाय हभ जानते हैं कक ककस ग्रह से कौन-सा योग उतऩन्द्न होता है ।

ाॉ प्रस्तुत है साभान्द्म जानकाय , श्जसका ककसी की कॊु डर से कोई सॊफॊध है मा नह ॊ मह ककसी रार ककताफ के विशेषऻ से ऩूछकय ह तम कक

दा डमरमाॊ नह ॊ होनी चाहहए !

ऩतरी धाय से चढाएॊ औय भॊत्र का जऩ कयते यहें । इसके साथ ही भहाभत्ृ मुॊजम भॊत्र का जऩ फेहद पामदे भॊद यहता है । ऐसा प्रनतददन कयें । ब्रह्भभुहूतय भें उठ

शतकय ह तमों न हो यखकय इसका ऩहरा बाग गाम को दस ू या बाग कारे कुतते को, तीसया कौए को औय चौथा बाग ककसी चौयाहे ऩय यख तो नीचे मरखे उऩाम कयें -

ने की सॊबावना घट जाती है भगय मदद इन बावों के स्वाभी खयाफ ष्स्थनत भें हो तो योग बमॊकय रूऩ रेते हैं औय उनका ननदान होना कदठन हो जाता है ।

फवु द्ध की कभी की सॊबावनाएॊ यहती हैं। गरु ु ग्रह के कुवऩत होने से गदठमा,कभय व जोडों भें ददय , ियीय भें सज ू न, कब़् आदद सभस्माएॊ होने रगती हैं।

बी नहीॊ, नक ु सान बी नहीॊ होता ऩय भध-ु भष्क्खमा भकयकॊद ननकर रेती है औय काराॊतय भें भधु का ननभायण होता है जो सॊसाय के श्रेष्टतभ उत्ऩादनों भें स अवस्था भें जीवन को ष्जए एवॊ अप्सया का भूर मही है , एक तयप २ ४ १० हजाय अनॊत हाथो से मुक्त दे वी िष्क्तमा है वही २ हाथो से मुक्त २ नेत्रों से म कसी ने आऩ ऩय ध्मान नहीॊ ददमा अथायत आऩके अन्द्दय ध्मान दे ने मोग्म कुछ है ही नहीॊ ..... ऐसा नहीॊ होना चादहए, एवॊ महाॉ ऩय आऩको सोचना ऩडेगा आ

मा इसे कयें गी उनभे अप्सयाओ जैसी भोहकता आ जाएगी ऩुरुर् णखचे चरे आमेंगे. मही है सपरता का ऩैभाना..........

न्द्न उऩचायों से श्री गणेि का ऩज ू न कयें ।

त के शरए उनका स्तवन ककमा।

बी सभथय नहीॊ हैं, कपय भनुष्म की तो फात ही क्मा।

हत भाय डारा। तत्ऩश्चात ब्रह्भाजी ने शसवद्ध औय फुवद्ध नाभक दो कन्द्माएॊ उन्द्हें दीॊ औय ऻान बी प्रदान ककमा।

का धचह्न अश्व होगा। उनके दो बुजाएॊ होंगी। वे गौयवणय के गणऩनत म्रेच्छों का अन्द्त कयने वारे औय सुवणय के दाता होंगे। गणऩनत के इस 'क्रीडाकाण्ड

टी को कुछ न कुछ अवश्म दें व उनका आिीवायद रें। कबी-कबी (नऩुॊसक) का आिीवायद बी रेना चादहए।

ाॊ घय भें ष्स्त्रमाॊ खि ु नहीॊ यह सकतीॊ। मदद कच्ची जगह न हो तो घय भें गभरे अवश्म यखें ष्जसभें पूरों वारे ऩौधे हों मा हये ऩौधे हों। दध ू वारे ऩौधे मा

ऩुत्र (दोहते) व फेटी के ऩनत (दाभाद) की सेवा अवश्म कयें । महाॊ सेवा का भतरफ है जफ बी मे घय आएॊ तो इन्द्हें इज्जत दें ।

था श्री भहाकारी जी की ऩूजन भें स्ऩष्ट दशियत होती है !

रे वारी ऩुष्ऩ रता को कृष्णकाॊता औय श्वेत ऩुष्ऩ वारी रता को ववष्णु काॊता कहा जाता है , भुख्मता दोनों को अऩयाष्जता कहा जाता है ....... इसके ऩत्ते फन्द्

चमयभमी राब प्राप्त होता है .........

ारी फकयी के िुद्ध दध ू भें ऩीस कय के भाशसक स्त्राव की सभाष्प्त ऩय स्नान के ऩश्चात ऩी जामे औय साये ददन बगवन कृष्ण की फार रूऩ भें ऩूजन कय

छा धन राब प्राप्त होता है .

उगता हुए दे खे..!7. खफ ु जरुयी हो तबी कोई चीज उधायरो..!8. ककसी के ऩास से कुछ जानना हो तो वववेक से दो फाय ऩुछो..!9. कजय औय ित्रु को कबी फड

न हो जाएगा... वविेर्: भेर् याशि के ईष्ट दे व गणेि औय हनुभानजी हैं. भॊगरवाय को हनुभानजी का प्रसाद चढाएॊ औय ऩूया प्रसाद भॊददय भें ही फाॊट दें .

का सभाधान शभरेगा... वविेर् : हनुभान मा गणेि भॊददय भें भॊगरवाय को िुद्ध घी का दोभुखी ददमा रगाएॊ. आभदनी भें ददक्कत हो तो केसय का टीका भ

भॊददय भें रड्डू का बोग रगाए. गयीफ व्मष्क्त को कारा कॊफर दान दें , काभ सुचारू चरेगा.

इराज ढूॉढें। कॊु डरी का दसवाॉ घय आऩकी ऩद‍प्रनतष्ठा का होता है । मही घय आऩके फॉस के स्वबाव को बी फताएगा। मदद इस बाव भें िुब ग्रह की याशि

जीवन व्मतीत कयने के सभस्त साधन प्राप्त होंगे। मह एक गुप्त भॊत्र है । इसके ऩाठ से भायण, भोहन, विीकयण, स्तम्बन औय उच्चाटन आदद उद्देश्मों की

छे कभों के पर के रूऩ भें कयोडऩनत बी फना दे ती है । अगय साढे साती के दौयान िनन का वैददक भॊत्र ननमशभत जऩा जाए तो बी भनचाहा राब प्राप्त होग

मों भें सपरता शभरती है । भकय रग्न की कॊु डरी भें इस स्थान कन्द्मा याशि का स्वाभी फुध है औय मह बाव वऩता एवॊ िासकीम कामों से सॊफॊधधत होता

रों भें इन्द्हें सपरता नहीॊ शभर ऩाती है । कई फाय असपरताएॊ प्राप्त होती है औय उसके फाद कबी-कबी सपरता शभरती है । मे रोग गप्ु त मोजनाओॊ से क

ा है । आजकर फहुत कभ रि भैरयज सपर होते दे खी गई है । को अरग-अरग तयह के कष्ट होते हैं। भॊगर को अनुकूर फनाने के उऩाम बी अरग-अरग हैं।

फ के विशेषऻ से ऩूछकय ह तम ककमा जा सकता है ।

ऐसा प्रनतददन कयें । ब्रह्भभुहूतय भें उठकय ननत्मकभय से ननवत्ृ त होकय ऩववत्र हो जाएॊ कपय ककसी बी शसद्ध शिव भॊददय भें जाएॊ। जर चढाने के साथ ऩुष्ऩ औ

चौथा बाग ककसी चौयाहे ऩय यख दें | मह कक्रमा आऩ रगाताय कयते यहें आऩको कुछ ह हदनों भें ऩरयितयन हदखने रगेगा|

नका ननदान होना कदठन हो जाता है ।

आदद सभस्माएॊ होने रगती हैं।

जो सॊसाय के श्रेष्टतभ उत्ऩादनों भें से एक है ! है वही २ हाथो से मुक्त २ नेत्रों से मुक्त अभत ृ भमी अप्सयामे है , दोनों ऩऺ उधचत है , अत् अप्सयाओ की अनदे खी नहीॊ की जा सकती है मे जीवन की भुख् एवॊ महाॉ ऩय आऩको सोचना ऩडेगा आऩको अप्सया साधना कयनी ही ऩडेगी ! ष्जस गुरु के ऩास फैठ कय सख ु दाई न रगे उसे छोड दो, ष्जस शिष्म के ऩास

ाता होंगे। गणऩनत के इस 'क्रीडाकाण्ड' का वणयन ऩूवक य ार भें बगवान ववष्णु ने ब्रह्भाजी से ककमा था।

हों मा हये ऩौधे हों। दध ू वारे ऩौधे मा काॊटेदाय ऩौधे घय भें न यखें। इससे घय की भदहराओॊ को सेहत सॊफॊधी ऩये िानी हो सकती है ।

जता कहा जाता है ....... इसके ऩत्ते फन्द्भूॊग की बाॊनत आकय भें कुछ फडे होते है , प्रत्मेक िाखा से ननकरने वारी प्रत्मेक सीॊक ऩय ५ मा ७ ऩत्ते ददखाई दे त

गवन कृष्ण की फार रूऩ भें ऩूजन कयते हुए व्रत यखे कपय यात्रत्र भें गबय धायण की इच्छा यखते हुए ऩनत के साथ सहवास कये तो गबयवती हो जाती है . अग

य ऩुछो..!9. कजय औय ित्रु को कबी फडा भत होने दो..!10. ईश्वय ऩय ऩुया बयोिा यखो..!11. प्राथयना कयना कबीभत बुरो, प्राथयना भेँ अऩाय िष्क्त होती है ..!1

य ऩूया प्रसाद भॊददय भें ही फाॊट दें . भें ददक्कत हो तो केसय का टीका भाथे ऩय रगाएॊ.

। मदद इस बाव भें िुब ग्रह की याशि है तो फॉस अच्छा शभरेगा (वविेर्कय धन,ु भीन, ककय)। मदद क्रूय याशिमाॉ (जैसे- भेर्, भकय, शसॊह, वष्ृ श्चक) हों तो फॉस आ

म्बन औय उच्चाटन आदद उद्देश्मों की बी ऩूनतय होती है । मह भॊत्र कुछ इस तयह है ्

जाए तो बी भनचाहा राब प्राप्त होगा।

एवॊ िासकीम कामों से सॊफॊधधत होता है । याहु की इस ष्स्थनत के कायण व्मष्क्त जीवन भें कुछ फातों का अबाव भहसूस कयता है औय इसी कायण तनाव

रती है । मे रोग गप्ु त मोजनाओॊ से कामों भें आगे फढते हैं।

य भें जाएॊ। जर चढाने के साथ ऩुष्ऩ औय त्रफल्व ऩत्र बी अवश्म चढाएॊ। इस उऩाम को अऩनाने से कुछ ही ददनों भें चभत्कारयक पर की प्राष्प्त होने रगेग

न हदखने रगेगा|

हीॊ की जा सकती है मे जीवन की भुख्मा जरूयतों भें से एक है , रूऩ रावण्मा सौंदमय सभऩयण शभत्रता इत्मादद भाभूरी वस्तु नहीॊ है एवॊ इनका ष्स्थयीकयण अ रगे उसे छोड दो, ष्जस शिष्म के ऩास फैठ कय आनॊद उभॊग औय सुख का अनुबव न हो उसे छोड दो बगा दो, ष्प्रष्जॊग व्मष्क्तत्व प्रथभ आवश्मकता है

नी हो सकती है ।

क सीॊक ऩय ५ मा ७ ऩत्ते ददखाई दे ते है ! अऩयाष्जता का ऩुष्ऩ सीऩ की बाॊनत आगे की तयप गोराकाय होते हुए ऩीछे की तयप सॊकुधचत होता चरा जाता

वास कये तो गबयवती हो जाती है . अगय एक फाय के प्रमोग से राब न हो तो अगरे भाशसक स्त्राव के स्नान ऩय रगाताय तीन ददन तक मे प्रमोग कयती

रो, प्राथयना भेँ अऩाय िष्क्त होती है ..!12. अऩने काभ से भतरफ यखो..!13. सभम सफसे ज्मादा ककभती है , इसको पारतु काभो भेँ खचय भत कयो..!14. जो आ

भेर्, भकय, शसॊह, वष्ृ श्चक) हों तो फॉस आक्राभक, गुस्सैर, दफदफा यखने वारा होगा। मदद िुक्र की याशि (वर् ृ ब, तुरा) हो तोतायीप सुनने का िौकीन, कराकाय

सूस कयता है औय इसी कायण तनाव बी फना यहता है ।

चभत्कारयक पर की प्राष्प्त होने रगेगी।

वस्तु नहीॊ है एवॊ इनका ष्स्थयीकयण अप्सया िष्क्त के भाध्मभ से ही होता है वो मुवा अवस्था बी क्मा ? ष्जसे दे ख कय ककसी के कदभ रुक न जामे, वे क जॊग व्मष्क्तत्व प्रथभ आवश्मकता है औय इसकी प्राष्प्त अप्सया साधना से होती है .....

छ की तयप सॊकुधचत होता चरा जाता है , ऩुष्ऩ के भध्म भें एक औय ऩुष्ऩ होता है जो की स्त्री की मोनी की बाॊनत होता है , सॊबवत् इसी कायन िास्त्रों भें

गाताय तीन ददन तक मे प्रमोग कयती यहे तो अवश्म राब होगा...........

तु काभो भेँ खचय भत कयो..!14. जो आऩके ऩास है , उसी भेँ खि ु यहना शसखो..!15. फुयाई कबी बी ककसी कक बी भत कयो कयो,क्मोककॉ फुयाई नाव भेँ छे द सभ

तोतायीप सुनने का िौकीन, कराकाय होगा। फुध की याशि (शभथन ु , कन्द्मा) हो तो होशिमाय भगय डयऩोक यहे गा। इसके अरावा दसवें बाव भें क्रूयग्रह हों तो

कय ककसी के कदभ रुक न जामे, वे कबी बूर न ऩाए एक फाय फस आॉखों से ननहाय रे तो सुदफुध बूरकय अऩरक ननहायते यहे ऐसा सौंदमय दर य है एवॊ ु ब

ता है , सॊबवत् इसी कायन िास्त्रों भें इसे बग्ऩुश्ऩी तथा मोनी ऩुष्ऩ का नाभ ददमा गमा है ! नीरे पूर वारी बग ऩुष्ऩा के बी २ बेद है जो की ऊऩय वणण

कयो कयो,क्मोककॉ फुयाई नाव भेँ छे द सभानहै , फुयाई छोटी हो फडी नाव तो डुफोही दे ती है ..!16. हभेिा सकायात्भक सोच यखो..!17. हय व्मष्क्त एक हुनय रेकय

क अरावा दसवें बाव भें क्रूयग्रह हों तो फॉस से खटऩट होती यहे गी। मदद िुब ग्रह हों तो ऩटयी अच्छी फैठेगी। इसके अनतरयक्त दसवें बाव भें जो याशिहै उ

ननहायते यहे ऐसा सौंदमय दर य है एवॊ इसकी प्राष्प्त अप्सया साधना से सॊबव है ! ु ब

ऩा के बी २ बेद है जो की ऊऩय वणणयत के अरावा केवर इकहया ऩुष्ऩ ही होता है ....

यखो..!17. हय व्मष्क्त एक हुनय रेकय ऩैदा होता फस उस हुनय को दनु नमा के साभने राओ..!18. कोई काभ छोटा नही होता हय काभफडा होता है जैसे कक

अनतरयक्त दसवें बाव भें जो याशिहै उसका स्वाभी ग्रह मदद िुब स्थान भें , िुब ग्रहों के प्रबाव भें हो तो फॉस अच्छा होगा, अिुब प्रबाव भें हो तो फॉससे

ी होता हय काभफडा होता है जैसे कक सोचो जो काभ आऩ कय यहे हो अगय आऩ वह काभ आऩ नही कयते हो तो दनु नमा ऩय क्मा असय होता..?19

होगा, अिुब प्रबाव भें हो तो फॉससे खटऩट होती यहे गी। इस ग्रह की रग्न से शभत्रता हो तो फॉस अच्छा शभरेग

ननमा ऩय क्मा असय होता..?19

Lession 1

ज्मोततषीम हदन, रऺण, ग्रह औय यामश बविष्म हदन, साइन्द्स, ग्रह इस ऩस् ु तक गणणतीम बाग के साथ काभ कय के बफना मरखा जा यहा है . आऩ मह कदभ से कदभ है औय कपय सप्ताह के हदनों भें

1. - यवििाय, सोभिाय, भॊगरिाय, फध ु िाय, गरु ु िाय, शक्र ु िाय औय शतनिाय को काभ कयने के हदन चगनती शरू ु : तीन

2. हहॊद ू ज्मोततष भें हभ याहु औय केतु फुरामा छामादाय ग्रहों, नाभक दो अन्द्म ग्रहों का प्रमोग कयना. मह आऩक

नोट: हहन्द्द ू ज्मोततष भें हभ, मूयेनस (हशेर), प्रूटो औय नेऩच्मून का उऩमोग नह ॊ कयते. एक अभेरयकी हहॊद ू ज्म नोट: अफ, हभ बी हभाये japam कयना श्जसके साथ तुरसी मा रूद्राऺ की हभ भारा भें है भोती, की सॊख्मा भें 3. ऩहरा सफक का हहस्सा है : हभ हहॊद ू ज्मोततष भें का उऩमोग कयना है कक 27 नऺत्रों मा Asterisms मा चॊद्र

प्रतमेक नऺत्र के चाय फयाफय बागों भें है . कपय आऩ चाय से गुणा सतताईस आऩ हभ अऩने japam कयना श्जस अफ महाॉ द गमी तामरका भें मह सफ दे खने:

हदिस के नाभ हदन के शासक 1. Ravivar मा यवििाय 1. यवि, ​सूम,य बानु मा सूमय 2. Somavar मा सोभिाय 2. चॊद्रा, इॊद ु मा चॊद्रभा मा रूना 3. Mangalvar orTuesday 3. भॊगर, खज ु मा भॊगर ग्रह 4. Budhavar मा फध िाय 4. फ द्ध मा फ ध ु ु ु 5. Brihaspativar मा गुरुिाय 5. गुरु, फह ृ स्ऩतत मा फह ृ स्ऩतत 6. Shukravar मा शुक्रिाय 6. शुक्रा, बागयि मा िीनस 7. Shanivar मा शतनिाय 7. शतन ग्रह, शतन, मा भॊदा

नोट: कोई हदन याहु मा केतु के मरए आिॊहटत कय यहे हैं. दक्षऺण बायतीम ज्मोततवषमों आिॊहटत एक तनहदय ष्ट याह

नोट: याहु औय केतु अन्द्म ग्रहों की तयह ककसी बी दयू फीन के भाध्मभ से दे खा जा सकता है . कपय बी, हहॊद ू ज्मोतत

Lession 3

दोस्ती औय ग्रहों की enmities ग्रहों के मरए यामश भकान का आफॊटन

सभस्मा मह है कक सात ग्रह, सम ू ,य चॊद्रभा, भॊगर, फध ु , फह ु औय शतन को एक बी विबाजन ृ स्ऩतत, शक्र

हहॊद ू ज्मोततष भें हदए गए सभाधान है : सूमय केिर एक घय मा यामश, मसॊह मा मसॊह का भामरक है औ फाहय उबय कक आसान सभाधान अफ ऩाॉच ग्रहों भें से प्रतमेक के मरए आिॊहटत दो भकान है . आफॊटन की मोजना इस प्रकाय है ऩय ऩहुॊच:े भॊगर ग्रह भेष (Aries) औय िश्ृ वचक (Scorpio), दो प्रतमेक आफॊहटत ककमा जाता है . शुक्र िष ृ ब (िष ृ ब) औय तुरा (Libra), दो प्रतमेक आफॊहटत ककमा जाता है . फुध मभथन ु (Gemini) औय कन्द्मा (Virgo), दो प्रतमेक आफॊहटत ककमा जाता है . फह ृ स्ऩतत धनु (Sagittarius) औय भीना (भीन), दो प्रतमेक आफॊहटत ककमा जाता है . शतन की भकय (Capricorn) औय कॊु ब (Aquarius), दो प्रतमेक आफॊहटत ककमा जाता है .

मह माद कयने के मरए एक फहुत ह आसान तय का है . सूमय से सॊफॊचधत चॊद्रभा औय छह से सॊफॊचधत

चॊद्रभा की यामश सॊख्मा महाॊ 4 से चाय (Karka) वऩछड़े हदशा भें आगे फढना, 3, 2, 1, 12 औय 11 है . सूम चॊद्र आधा 4 3 2 1 12 11 सौय आधा 5 6 7 8 9 10 अफ इस प्रकाय मह की व्मिस्था: चॊद्र आधा: फुध, शुक्र, भॊगर, फह ृ स्ऩतत औय शतन सौय आधा: फुध, शुक्र, भॊगर, फह ृ स्ऩतत औय शतन फुध, शुक्र, भॊगर, फह ृ स्ऩतत औय शतन का मोग कयने के मरए Karka से एक वऩछड़े हदशा भें चरते हैं. ग्रहों की खश ु औय नाखश ु शतें

खश ु मा दख ु ी मा उदासीन मा भें असहज, कुछ भें कभ आयाभ से कुछ भें आयाभदामक कुछ ऩरयिेश

नोट: इन तनमभों से कई प्रततबाशार अऩिाद हैं तमोंकक सचभुच मह भत रो. माद नह ॊ है कक अगय

विमबन्द्न भनुष्म औय विमबन्द्न ऩरयिेश की कॊऩनी आऩ भें अरग भूड फना फस के रूऩ भें तो एक क सािधानी

आऩ तनम्न सफक सीखने से ऩहरे, हभ यहते हैं उम्र के मॊत्रित दृश्ष्टकोण से उफयने. हहॊदओ ु ॊ की ज्मो

बायत ज्मोततष जन्द्भ मरमा औय हजायों सार की अिचध भें विकमसत ककमा गमा था, जहाॊ बूमभ है त मह कदभ से कदभ माद यखें

उभॊग औय दफ य ता ु र

िह ऊॊचा है औय िह दफ य है जफ एक अतमॊत दमनीम हारत भें है जफ एक ग्रह (मह हभेशा सच न ु र Exaltation_Debilitation_Planets नोट: कन्द्मा भें ऊॊचा है , जो फध ु के मसिाम कोई अन्द्म ग्रह अऩने ह घय भें ककसी बी ऊॊचा दजाय हो

नोट: सबी ऊॊचा ग्रहों exaltations के अऩने अॊक से सातिें घय भें दफ य हो. उदाहयण के मरए सूमय भेष ु र Moolatrikona ग्रहों के मरए दस ू या सफसे अच्छा हारत Moolatrikona के रूऩ भें कहा जाता है . मह माद यखें . 20 डडग्री तक मसॊह भें सम ू य 27 डडग्री तक िष ृ ब भें चॊद्रभा 12 डडग्री तक भेष भें भॊगर ग्रह 20 डडग्री तक कन्द्मा भें फुध 10 डडग्री तक धनु भें फह ृ स्ऩतत 15 डडग्री तक तुरा भें शुक्र 20 डडग्री तक कॊु ब भें शतन नोट: चॊद्रभा को छोड़कय अन्द्म सबी ग्रहों को अऩने घयों भें से एक भें Moolatrikona हारत मभरता खद ु की सबा

एक ग्रह के मरए तीसये सफसे अच्छा शतय अऩने ह घय (चॊद्रभा के भाभरे भें छोड़कय कोसय का अऩ Planets_houses

नोट: सूम,य भॊगर, फुध, फह ृ स्ऩतत, शुक्र औय शतन को अऩने स्िमॊ के घयों के रूऩ भें , िे एक moolatriko मे अरग घयों भें ग्रहों के मरए सफसे खश ु ी की श्स्थतत के तीन हैं.

Lession 4

रनन

भेष, Vrisha, मभथन ु , Karka, तुरा, िश्ृ वचक, धनु, भकय, कॊु ब मा भीना: आऩ एक विशेष सभम ऩय औय अ

अॊग्रेजी भह ने के भध्म भें दस ू ये भें एक यामश से हहॊद ू ज्मोततष भें सम ू य ऩरयितयन. आऩको मह माद ह

इस दय ऩय की गणना यखें , रनन हय दो घॊटे के फाद फदर यहा है . चाय काडडयनर बफॊदओ ु ॊ को आसान सूमोदम के सभम सूमय रनन भें होगा. सम ू य से चौथे घय भें मभड - डे के दौयान. ऩय सूमय से सातिें घय भें सूयज सेट. भध्म यात भें दशभ बाि को धऩ ू भें . चेतािनी

1. आॉख फॊद कयके इस ऩय रागू नह ॊ है . मह िे सिार का जिाफ दे ने के मरए आिवमक हैं जफ सि

2. सूमोदम औय जगह से दे श के मरए जगह है औय दे श को सूमायस्त ऩरयितयन. कपय बी इस विचध क

3. सुफह के छह भह ने औय यात के छह भह ने िहाॉ हैं जहाॉ रेककन हभ कैसे आकयहटक ऺेत्रों के मरए

4. फनाने के फाद इस तयह के भानमसक गणना के एक विवरेषण के मरए अऩने कॊप्मूटय डार कॊु डर

5. व्मामाभ कय यखें . मह तभ ु फदरे भें , अऩने बविष्म कहनेिारा शश्ततमों ऩैनाऩन जाएगा जो एक क

महाॊ हदए गए उदाहयण दे खें. मह भानमसक रूऩ से हदन औय यात की अिचध को कभ मा ज्मादा सभ श्स्थतत, 2008 (रगबग सबी िषय) के मरए भह ने के भह ने के रूऩ भें तनम्नानुसाय होगा 1. 10 जनिय , 14 िीॊ, भकय मा Capricon हूॉ. 2. 23:02 ऩय Februay 12th, कॊु ब मा कॊु ब यामश. 3. 14 भाचय, 7:59 ऩय भीना मा भीन. 4. 4:31 ऩय अप्रैर, 13/14 आधी यात हूॉ. (बायत भें सुफह सूमोदम के सभम शुरू होता है ) 5. 01:23 ऩय भई, 14/15 हूॉ. 6. 7:59 ऩय 15 जन ू हूॉ. 7. 6:51 ऩय 16 जुराई हूॉ. 8. 03:14 ऩय अगस्त, 16/17 हूॉ. 9. 3:09 ऩय मसतम्फय 16/17 हूॉ.

10. 03:04 ऩय 17 अतटूफय हूॉ. 11. 2:49 ऩय 16 निम्फय. 12. 4:26 ऩय हदसम्फय, 15/16 हूॉ.

सॊमुतत याज्म अभेरयका मा ककसी अन्द्म दे श भें एक जन्द्भ के मरए मह केिर कुछ घॊटों से कुछ ऩर आऩके रनन मा फढती साइन रनन की गणना

आऩकी अबी बी अऩने सूमय ऩय हस्ताऺय के रूऩ भें (हहॊद ू ज्मोततष भें द गई) तुम्हाय रनन जन्द्भ, क

1. सम ू य आऩके जन्द्भ के सभम कहाॊ है . आऩ 20 अप्रैर को ऩैदा हुए थे भान र श्जए, आऩ तो अऩने स

2. जन्द्भ के सभम सूमय की सुफह भें दो घॊटे के मरए रनन मा रनन भेष हो जाएगा, भेष मा भेष याम 3. आऩ अऩने सूमय आऩके रनन भें होगा सूमोदम के सभम ऩैदा हुए थे तो मह माद कयने का एक

Lession 5

आऩका चॊद्रभा साइन इन कयें आऩके रनन के फाये भें उऩयोतत विवरेषण से, मह अऩने सूमय चचह्न (हहन्द्द)ू है तमा आऩ को स्ऩष्ट रेककन हहॊद ू ज्मोततष भें आऩ बी अऩने चाॉद ऩय हस्ताऺय ऩता होना चाहहए. चॊद्रभा की डडग्री

आऩका चॊद्रभा कुछ नऺत्र भें इसमरए कुछ यामश भें कुछ डडग्री ऩय होगा, केत,ु शुक्र, सूम,य चॊद्रभा, भॊगर चॊद्रभा साइन, रनन औय सन साइन मबन्द्न हो सकते हैं

आऩके रनन से प्रततश्ष्ठत के रूऩ भें आऩका चॊद्रभा ऩय हस्ताऺय आऩकी यामश है . एक विमशष्ट सिा (क) रनन भेष है , चॊद्रभा हस्ताऺय मा यामश मभथन ु है रेककन धऩ ू भें हस्ताऺय कन्द्मा है , तीन अरग

रनन मा चन्द्द्रभा मा सूमय मा रनन औय चॊद्रभा औय सूमय के केिर दो सॊकेत भें हैं (ख) िे बी दो अ (ग) तीनों ह एक हस्ताऺय भें हो सकता है .

आऩकी कुछ सभम के मरए हो सकता है मा अन्द्म सूमय सॊकेत मा चॊद्रभा के सॊकेत के आधाय ऩय अ आऩका जन्द्भ नऺत्र

अऩने चॊद्रभा के आधाय ऩय, आऩ अऩने जन्द्भ नऺत्र (मा जन्द्भ नऺत्र) तमा था दे ख सकते हैं. मह ऩह

1. आऩका जन्द्भ-नऺत्र 120 सार की Vimshottari दशा के रूऩ भें िणणयत सभम चक्र की गणना के म

2. आऩ केतु (7 िषय) के नऺत्र भें ऩैदा हुए थे तो मह िीनस की है कक (20 िषय) आहद नऺत्रों ऩय चाटय 3. मे mahadashas कहा जाता है . प्रतमेक भहादशा नौ Antar-dashas मा उऩ अिचध भें उऩ विबाश्जत

4. भैं Vimshottari दशा सफसे अचधक रोकवप्रम है , हाराॊकक हहॊद ू ज्मोततष भें ऩैंतार स जैमभनी दशा प्र सभम की घटनाओॊ के मरए Dashas का प्रबागों

5. हभ ककताफ भें केिर Vimshottari डैश का उऩमोग ककमा जाएगा औय हभाये सबी चचत्रों को सॊदमब (क) भहादशा (प्रभुख अिचध) (ख) Antar दशा (उऩ अिचध) औय (ग) केिर Pratyantar दशा (उऩ उऩ अिचध).

चौथा विबाजन का कोई पामदा नह ॊ (sookshma दशा मा ऩाॊचिें विबाजन प्राण दशा) महाॊ का इस्तेभ चेतािनी

1. केिर दशा-Antardasha आहद रेककन फाकी के आधाय ऩय आभ तौय ऩय तनयाशािाद मा आशािाद

2. आऩ दशा प्रणार के उऩमोग के साथ ऩरयचचत हो गए हैं के फाद, ग्रहों के ऩायगभन का उऩमोग क

Lesson 6

ऩहरुओॊ सॊशोधन के फाद मह अफ ऩहरे प्रायॊ मबक कदभ बविष्म कहनेिारा ज्मोततष भें रे जाता है . मह ग्रहों सबी ग्रहों ऩहरू सातिें घय भें अऩनी श्स्थतत के रूऩ भें . मह इस प्रकाय सायणीफद्ध कय सकते हैं. ग्रहों की साभान्द्म 7 ऩहरू ऩहरे इस ऩाठ का अभ्मास कय यखें .

ककसी बी कॊु डर रेते हैं औय जो ग्रह, सूम,य चॊद्रभा, भॊगर, फुध, फह ृ स्ऩतत, शुक्र औय शतन एक कॊु डर भ आऩ ग्रहों न केिर िे एक कॊु डर भें हैं जहाॊ से उनके प्रबाि दे , रेककन मह बी जो िे ऩहरू घय भें

तीन ग्रह भॊगर, फह ृ स्ऩतत औय शतन के विशेष ऩहरुओॊ है . भॊगर ग्रह दो अततरयतत ऩहरुओॊ चौथे औ भॊगर ग्रह तो, फह ृ स्ऩतत औय शतन के तीन ऩहरुओ,ॊ एक साभान्द्म औय दो्​​विशेष होगा. मे महाॉ एक नोट - भॊगर ग्रह चाय घयों, उनके साभान्द्म औय विशेष ऩहरुओॊ के भाध्मभ से िह भें तैनात है , जहाॊ

माद है - महाॊ तक्​​कक जफ भॊगर ग्रह िह तीन घयों aspecting जाएगा ऩायगभन भें है औय एक घय

Lesson 7

ऩी (श्स्थतत) ए (ऩहर)ू सी (सॊमोजन) गोर ऩीएसी ऩी. है भेभोय की कक ऩहरे चयण माद यखें

मह कैसे ऩी रागू ककमा जाता है महाॉ हदखामा जा यहा है . मह ककसी बी अन्द्म कॊु डर कोमशश के फा तुभ तमों ऩी ऩहरे से शुरू कयना चाहहए? 1. आऩको जानकाय , फुवद्ध औय एक कॊु डर का प्रतमेक बाि के स्िाभी के फाये भें सुयाग एकत्र कयने 2. अफ आऩको रगता है कक जीिन के सबी दौय खश ु ी मा कुर द:ु ख की एक कहानी कबी नह ॊ है 3. रेककन ऩी इस ककताफ को मसखाना होगा जो अऩने जीिन के सात स्तयों ऩय होती कहानी का ह 4. इतनी तीव्रता से इस अभ्मास कयने से धैमय से ऩहरे आगे फढना. तनदे श

जैसे तामरकाएॉ महाॉ दोस्ती औय ग्रहों की enmities के ऩहरुओॊ औय ऩहरे की सभझ,, अतत सयर कय भेय सराह

1. ज्मोततष की, आसान व्मिश्स्थत औय िैऻातनक सीखने फनाने के मरए भेये द्िाया गढा भेभोय गोर

2. आऩ जॉन एप कैनेडी, अऩने कैरयमय की त्रासद से हदए गए उदाहयण भें दे खेंगे अच्छी तयह से वि

3. आऩ दो भेभोय गोमरमाॉ के ऩहरे रागू होते हैं जफ आऩ अऩने खद ु के ज्मोततष कौशर विकमसत

उततय प्रदे श के याज्म भें ऩीएसी साॊप्रदातमक दॊ गों को तनमॊबत्रत कयने के मरए फनामा के रूऩ भें जान रेककन ज्मोततष ऩीएसी कॊु डर के अयाजक औय अयाजक विवरेषण को तनमॊबत्रत कयने के मरए है . इसमरए भैं एक स्भतृ त गोर विकमसत ककमा है , जो की ऩहरा हहस्सा है :

ऩीएसी - ऩी एक ग्रह एक कॊु डर भें कब्जा कय मरमा है श्स्थतत के मरए खड़ा है . इसके फजाम टूटा, उ सफ एक विशेष रूऩ से घय का स्िाभी यखा है दे खने के ऩहरे सबी कॊु डर भें .

इसमरए भुझे ऩहरे आऩ को अगय तुम्हें माद है , तुभ एक कॊु डर की एक टूटा, फेि़ूफ औय ऩेचीदा द

Lesson 9

कदभ से कदभ है औय कपय अऩनी अऩनी औय दस ू यों की कॊु डर दे खने ऩढा, तो आऩ, तकनीकी, ज्मोततष चचाय को सभझने भें सऺभ हो जा

कयने के हदन चगनती शरू ु : तीन बागों भें ऩहरा सफक माद है कक ऐसा कयने के मरए. सम ू ,य चॊद्रभा, भॊगर, फध ु , फह ु औय शतन - इन स ृ स्ऩतत, शक्र

हों का प्रमोग कयना. मह आऩको नौ ग्रहों की कुर दे ता है . हभ नौ ग्रहों के प्रमसद्ध निग्रह स्तोत्र मा ऩूजा है तमों मह है . ॊ कयते. एक अभेरयकी हहॊद ू ज्मोततष हभ भें से है मा ऩता है की ककसी बी ऩुस्तक भें नह ॊ हदमा जाता है , जो बी अऩनी ऩुस्तक भें इन तीन

ारा भें है भोती, की सॊख्मा भें हैं जो ऩवित्र सॊख्मा 108 माद है .

नऺत्रों मा Asterisms मा चॊद्र भकान हैं. मह फाद भें विस्ताय से फतामा जा यहा है जो एक फहुत उल्रेखनीम प्रततबाशार औय सक्ष् ू भ विबाजन हभ अऩने japam कयना श्जसके साथ तुरसी मा रूद्राऺ की हभ भारा भें है भोती, की सॊख्मा भें हैं जो एक सौ आठ नॊफय (108) दे ता है कक

षमों आिॊहटत एक तनहदय ष्ट याहु के हदनों भें से प्रतमेक ऩय सभम औय मह है कक िे सबी शब ु काभ कयने से फचें जो सभम के दौयान Rahuk

सकता है . कपय बी, हहॊद ू ज्मोततष भें उनके उऩमोग कैसे प्रबािी औय सट क है स्ऩष्ट रूऩ से प्राचीन ऋवषमों हभ मौचगक जो पोन metapysi

य शतन को एक बी विबाजन के बफना आिॊहटत फायह घयों के मरए है . सात ग्रहों प्रतमेक ग्रह के मरए आिॊहटत ककमा जा यहे हैं जो इन फायह

सॊह मा मसॊह का भामरक है औय चॊद्रभा केिर एक ह यामश, कैंसय मा Karka भामरक है . सभाधान अफ आिॊटन का इॊतजाय कय दस घयों औय आिॊहटत दो भकान है .

ककमा जाता है .

त चॊद्रभा औय छह से सॊफॊचधत दो डडिीजनों छह भें इन फायह यामशमों पूट डारो.

ढना, 3, 2, 1, 12 औय 11 है . सूमय की यामश ऩाॊच नॊफय (मसॊह) औय 9 औय 10, 8, 7, महाॊ 5 से आगे की हदशा भें 6 आगे फढना.

एक वऩछड़े हदशा भें चरते हैं. आगे की हदशा भें मसॊह से मह दोहयाएॉ.

भें आयाभदामक कुछ ऩरयिेश भें फहुत आयाभ कय यहे हैं, जो भनष्ु म की सख ु ी औय दख ु ी शतों के साथ सॊफॊचधत है जो हहॊद ू ज्मोततष कुछ औ

भत रो. माद नह ॊ है कक अगय, एक कॊु डर का केिर एक तनयाशाजनक औय बानमिाद दृवम कई ज्मोततवषमों कयते हैं, के रूऩ भें मरमा जाना

फना फस के रूऩ भें तो एक कॊु डर भें ग्रहों कयते हैं. ग्रहों कुछ अन्द्म शतों भें कुछ शतों औय दख ु ी भें खश ु हैं. बािनातभक याज्मों भें अरग ह

ोण से उफयने. हहॊदओ ु ॊ की ज्मोततष एक ऩश ु फटन तयह से रागू ककमा जा कयने के मरए सत्र ू ों का एक सेट नह ॊ है . तमा महाॉ हदमा जा यहा ह

ककमा गमा था, जहाॊ बूमभ है तमोंकक हहन्द्द ू ज्मोततष की दतु नमा के सफसे विकमसत ज्मोततष है . महाॉ कई ज्मोततषीम प्रमोग ककमा औय कई त

फ एक ग्रह (मह हभेशा सच नह ॊ है , रेककन इस भौमरक मसद्धाॊत बविष्मिाणी के मरए उऩमोगी है ) एक फेहद खश ु हारत भें है . जफ औय एक

य भें ककसी बी ऊॊचा दजाय हो जाता है .

हो. उदाहयण के मरए सूमय भेष भें ऊॊचा है . अफ इस तयह से चगन - भेष यामश से सातिें घय है जो तुरा के साथ सभाप्त भेष ऩहरे, Vrisha द

जाता है . मह माद यखें .

Moolatrikona हारत मभरता है .

भरे भें छोड़कय कोसय का अऩना घय है , जो Moolatrikona घय के अरािा) भें होना है . इस प्रकाय मह माद यखें :

के रूऩ भें , िे एक moolatrikona हारत भें हैं, श्जसभें एक ह घय को ऩहचानते हैं. रेककन उनके अन्द्म घयों को बी अऩने स्िमॊ के भकान हैं. क

एक विशेष सभम ऩय औय अऩनी रनन फायह भें से एक होने के साथ एक विशेष जगह भें कुछ सार के कुछ भह ने से कुछ हदन ऩय ऩैदा

ऩरयितयन. आऩको मह माद है अऩने सम ू य आऩके जन्द्भ के सभम भें जहाॊ होना चाहहए, आऩको ऩता चर जाएगा.

य काडडयनर बफॊदओ ु ॊ को आसानी से इस अभ्मास कयने के मरए उऩमोगी होते हैं.

के मरए आिवमक हैं जफ सिार (घॊटों का मा prashna ज्मोततष) जिाफ दे ने के मरए ज्मोततवषमों द्िाया फनामा का उऩमोग एक फहुत ह ककस

ऩरयितयन. कपय बी इस विचध को सॊतोषजनक ढॊ ग से काभ कयने के मरए मभर जाएगा. इस आधाय ऩय भैं सेन फ्ाॊमसस्को भें जून 1994 भें श्स्

भ कैसे आकयहटक ऺेत्रों के मरए इस ऩय रागू कय सकते हैं. भैं कोई जिाफ नह ॊ है , रेककन भैं कुछ ज्मोततषीम डेटा हदमा है , अगय भैं इस सभस्

रए अऩने कॊप्मूटय डार कॊु डर दे खते हैं.

मों ऩैनाऩन जाएगा जो एक कॊु डर , ऩय ध्मान केंहद्रत कयने भें भदद मभरेगी.

अिचध को कभ मा ज्मादा सभान हैं मा ज्मादा अॊतय नह ॊ है जफ रनन की गणना की ककसी न ककसी विचध है .

नम्नानुसाय होगा -

भम शुरू होता है )

ह केिर कुछ घॊटों से कुछ ऩरयितयन से गुजयना होगा. एक अच्छा कॊप्मूटय प्रोग्राभ इस सभस्मा का सभाधान होगा.

द गई) तुम्हाय रनन जन्द्भ, कभ से कभ रगबग के आधाय ऩय भानमसक रूऩ से गणना कयने भें सऺभ होना चाहहए. मह इस तयह से ककम

भान र श्जए, आऩ तो अऩने सम ू य चचह्न (हहन्द्द ू ज्मोततष भें ) भेष मा भेष यामश है कक ऩता है . भोटे तौय ऩय प्रतमेक रनन दो घॊटे के मरए यहत

ष हो जाएगा, भेष मा भेष यामश भें है . दो घॊटे के फाद, रनन िष ृ ब मा िष ृ ब हो जाएगा.

थे तो मह माद कयने का एक औय आसान तय का है . दो घॊटे के फाद इसे अगरे हस्ताऺय कयने के मरए कदभ होगा.

हहन्द्द)ू है तमा आऩ को स्ऩष्ट हो गमा होगा.

गा, केत,ु शुक्र, सूम,य चॊद्रभा, भॊगर, याहु, फह ृ स्ऩतत, शतन मा फुध (इन नौ भें से एक) का कहना है .

की यामश है . एक विमशष्ट सिार आऩ के मरए यखा जाता है , तो भुझे अऩनी रनन, चॊद्र यामश औय सूमय ऩय हस्ताऺय फताओ, तुभ अफ िे बवि

स्ताऺय कन्द्मा है , तीन अरग अरग स्थानों ऩय सबी तीन. सॊकेत भें हैं (ख) िे बी दो अॊकों भें हो सकता है .

भा के सॊकेत के आधाय ऩय अऩने जीिन के फाये भें ऩढ सकते हैं औय महाॊ तक्​​कक दै तनक, साप्ताहहक, भामसक मा िावषयक ऩूिायनुभान को ऩढ

तमा था दे ख सकते हैं. मह ऩहरे उल्रेख ककमा सतताईस नऺत्रों भें से एक हो गमा है .

त सभम चक्र की गणना के मरए भहतिऩूणय है . अऩने जन्द्भ नऺत्र के आधाय ऩय अऩने से गुजय यहे हैं जो ग्रह का तमा अिचध के ऩूिायनुभान

(20 िषय) आहद नऺत्रों ऩय चाटय दे खें के फाद ककमा जाएगा.

उऩ अिचध भें उऩ विबाश्जत है . औय प्रतमेक Antar-दशा है उऩ विबाश्जत नौ pratyantar दशा भें , प्रतमेक prayantar दशा नौ sookshma dash

ष भें ऩैंतार स जैमभनी दशा प्रणामरमों औय Parashara की एक औय चौिन नऺत्र दशा मसस्टभ, दतु नमा कबी का उतऩादन ककमा गमा है सफस

औय हभाये सबी चचत्रों को सॊदमबयत कयें गे

जन प्राण दशा) महाॊ का इस्तेभार ककमा जा यहा है . रेककन दो भाभरों भें भैं भैं बफल्कुर जन्द्भ सभम का उल्रेख ककमा है कक आविासन हदम

ऩय तनयाशािाद मा आशािाद ककसी बी तनष्कषय कयने के मरए कूद नह ॊ है सह बविष्मिाणणमों के साठ प्रततशत का आविासन हदमा है उस

ग्रहों के ऩायगभन का उऩमोग कयें . ऩहर दशा का िादा ऩरयणाभों की जाॊच के बफना ग्रहों के ऩायगभन की बमू भका ऩय-emphsise जो रोग रम्

मोततष भें रे जाता है . मह ग्रहों का ऩहरू है . इन ऩहरुओॊ को साभान्द्म औय विशेष हैं. भुझे ऩहर फाय साभान्द्म ऩहरुओॊ को रेते हैं.

य सायणीफद्ध कय सकते हैं.

शुक्र औय शतन एक कॊु डर भें अऩने स्थान से 7 िें घय aspecting यहे हैं दे खते हैं. मह आऩ के साथ एक प्राकृततक आदत हो जाना चाहहए.

न मह बी जो िे ऩहरू घय भें इन प्रबािों का उतऩादन है कक माद यखना चाहहए.

ो अततरयतत ऩहरुओॊ चौथे औय आठिें है . फह ृ स्ऩतत दो अततरयतत ऩहरुओॊ fifthe औय नौिें है . शतन के दो अततरयतत ऩहरुओॊ तीसये औय दस दो्​​विशेष होगा. मे महाॉ एक तामरका के रूऩ भें हदमा जा यहा है .

ध्मभ से िह भें तैनात है , जहाॊ घय के ऩहरे औय उसके फाद तीन अन्द्म घयों को प्रबावित कयती है .

ऩायगभन भें है औय एक घय भें तैनात है . भैं अऩनी ऩुस्तकों, "ग्रह औय फच्चे" भें इस फात का एक प्रबािी इस्तेभार ककमा है

बी अन्द्म कॊु डर कोमशश के फाद.

के फाये भें सुयाग एकत्र कयने के अऩने ज्मोततष साहमसक शुरू ऩी कय से माद यखें . एक औय एक फुय हारत भें हो सकता है , जफकक एक वि

की एक कहानी कबी नह ॊ है को दे खने के मरए शुरू कयते हैं. स्तयों ऩय होती कहानी का ह उद्घाटन अध्माम है .

हरे की सभझ,, अतत सयर कयने के मरए हदमा गमा है श्जसभें हहॊद ू ज्मोततष ऩय कोई ककताफ नह ॊ है . मह रोगों को माद से फचने भें भदद

ए भेये द्िाया गढा भेभोय गोर रागू ककए बफना ककसी बी कॊु डर का विवरेषण शुरू कयते हैं.

ण भें दे खेंगे अच्छी तयह से विमबन्द्न घयों के कई प्रबुओॊ की गरत तनमुश्तत के द्िाया सभझामा गमा है के ज्मोततष कौशर विकमसत कय सकते हैं, भैं अध्माऩन कय यहा हूॉ औय मह दोहयाते यहते हैं ... ऩीएसी के ऩहरे अॊग ऩी. है

के मरए फनामा के रूऩ भें जाना ऩमु रस की एक विशेष शाखा है . तनमॊबत्रत कयने के मरए है .

ए खड़ा है . इसके फजाम टूटा, उरझन औय unsynthesized दे ख रेने की, इसे व्मिश्स्थत ताकक आऩ एक साथयक तनष्कषय ऩय ऩहुॊचने के मरए स

एक टूटा, फेि़ूफ औय ऩेचीदा दे ख रेने नह ॊ होगा जो एक खतयनाक धभोऩदे श, एक धभोऩदे श ऩढा कयते हैं.

चचाय को सभझने भें सऺभ हो जाएगा. आऩ बी हहन्द्द ू ज्मोततष की शब्दािर से ऩरयचचत हो जाएगा.

ध, फह ु औय शतन - इन सात हदनों भें सात ग्रहों प्रतततनचधति कयते हैं. ृ स्ऩतत, शक्र तमों मह है .

जो बी अऩनी ऩुस्तक भें इन तीन ग्रहों के भॊत्र हदमा है , हाराॊकक स्तोत्र की मोजना भें इन ग्रहों, कोई जगह नह ॊ है .

म प्रततबाशार औय सक्ष् ू भ विबाजन है .

क सौ आठ नॊफय (108) दे ता है कक दे खेंगे.

से फचें जो सभम के दौयान Rahukalam कहते हैं.

मों हभ मौचगक जो पोन metapysical ऻान के साथ बौततक विऻान के अऩने ऻान है कक सॊमुतत साबफत होता है .

टत ककमा जा यहे हैं जो इन फायह घयों 1.71% घय मभर जाएगा.

टन का इॊतजाय कय दस घयों औय ऩाॊच ग्रहों कय यहे हैं.

6 आगे फढना.

फॊचधत है जो हहॊद ू ज्मोततष कुछ औय कुछ भें दख ु ी है , तो बी ग्रहों अरग शतें हैं औय अरग अरग भड ू . एक कॊु डर भें ग्रहों की हारत मह द

षमों कयते हैं, के रूऩ भें मरमा जाना ह होगा. हैं. बािनातभक याज्मों भें अरग है .

नह ॊ है . तमा महाॉ हदमा जा यहा है केिर फतु नमाद फातों की एक तिरयत सभझने के मरए है . अॊततभ घोषणाओॊ के रूऩ भें उन्द्हें नह ॊ रे जात

ज्मोततषीम प्रमोग ककमा औय कई तकनीकों का ऩय ऺण ककमा औय कपय से ऩय ऺण ककमा गमा है . हठधमभयता से फचें रेककन नीचे हदए गए च

द खश ु हारत भें है . जफ औय एक सॊकेत भें डडग्री ऊॊचा एक ग्रह है तमा तक आऩ सीखना ऩहरा सफक है .

साथ सभाप्त भेष ऩहरे, Vrisha दस ू या, मभथन ु तीसये , Karka.

को बी अऩने स्िमॊ के भकान हैं. केिर अऩिाद चॊद्रभा है .

कुछ भह ने से कुछ हदन ऩय ऩैदा हुए थे. एक रनन भें आने के मरए कुछ गणना ककमा जाना हैं. चकूॊ क, हभ कय यहे हैं, तथावऩ, गणणत से ऩय

नामा का उऩमोग एक फहुत ह ककसी न ककसी विचध है एक ट्रे न मा िे उन्द्हें साथ यखने के मरए जो उऩकयण के साथ गणना नह ॊ कय सकत

सेन फ्ाॊमसस्को भें जून 1994 भें श्स्िट्जयरैंड के णखराप कोरॊबफमा की जीत की बविष्मिाणी की है . भैचों (मूएसए भें िे इसे पुटफॉर कॉर), प

ीम डेटा हदमा है , अगय भैं इस सभस्मा को हर कय सकते हैं विविास है . भैं ककसी बी बायतीम ज्मोततषी इसे कयने के मरए एक जिाफ है कक

होना चाहहए. मह इस तयह से ककमा जाता है . प्रतमेक रनन दो घॊटे के मरए यहता है . इसमरए अऩने सम ू य ऩय हस्ताऺय के मरए पाभय शरू ु कयने औय इस तयह आगे फढना -

हस्ताऺय फताओ, तुभ अफ िे बविष्मिाणणमों के मरए का उऩमोग ककए जाने के मरए अऩनी कॊु डर भें तीन अरग अरग फातें हैं कक ऩता ह

ामसक मा िावषयक ऩूिायनुभान को ऩढ यहा हो सकता है . केिर फायह यामशमों के फाद से िहाॉ अफ सॊऩूणय भानि जातत के बानम का ऩैटनय, फायह

ग्रह का तमा अिचध के ऩूिायनुभान के मरए सफसे भहतिऩूणय कायक है .

prayantar दशा नौ sookshma dashas भें फाॊटा गमा है , प्रतमेक sookshma दशा नौ प्राण दशा भें फाॊटा गमा है . दशा की मह ऩाॊच गुना विबाजन

बी का उतऩादन ककमा गमा है सफसे फड़ी ज्मोततषीम प्रततबा है कक िहाॉ आऩको फता तो है यान भत होना .

उल्रेख ककमा है कक आविासन हदमा गमा था, जहाॊ का इस्तेभार ककमा जफ ककसी बी त्रहु ट के बफना ककमा गमा था औय कॊु डर की गणना

प्रततशत का आविासन हदमा है उस ऩय आधारयत हैं. मह कबी भानि जातत द्िाया तैमाय सभम की घटनाओॊ का सफसे अच्छा कबी विचध ह

बमू भका ऩय-emphsise जो रोग रम्फाई इसकी ऩॊछ ू के आधाय ऩय एक हाथी के आकाय को भाऩने हैं, जो रोगों को ऩसॊद कय यहे हैं. रेककन ऩ

न्द्म ऩहरुओॊ को रेते हैं.

प्राकृततक आदत हो जाना चाहहए.

अततरयतत ऩहरुओॊ तीसये औय दसिें है .

इस्तेभार ककमा है

रत भें हो सकता है , जफकक एक विशेष प्रबु उतकृष्ट यखा जा सकता है .

रोगों को माद से फचने भें भदद कयने के इयादे के साथ भुख्म रूऩ से ककमा गमा है . उनके जीिन भें दे य से ऩयॊ ऩयागत विषम, औय माद कय

के ऩहरे अॊग ऩी. है

थयक तनष्कषय ऩय ऩहुॊचने के मरए सऺभ हैं कक आगे फढने के मरए, फेहतय है .

क कॊु डर भें ग्रहों की हारत मह दशायता है .

णाओॊ के रूऩ भें उन्द्हें नह ॊ रे जाते. आऩको रगता है कक गरती की है , तो आऩ मसद्धाॊतिाद हो जाएगा.

ता से फचें रेककन नीचे हदए गए चयणों का ऩारन कयें . प्माय से फेिकूप अचधक रचीरा रेककन, नह ,ॊ आऩ ज्मोततष सीखने भें कय यहे हैं, फेह

भ कय यहे हैं, तथावऩ, गणणत से ऩयहे ज, एक हहॊद ू चाटय भें कॊु डर जाॉच की ह ककसी न ककसी विचध से सभझामा गमा है .

यण के साथ गणना नह ॊ कय सकते जहाॊ एक हिाई जहाज भें जफकक.

(मूएसए भें िे इसे पुटफॉर कॉर), पुटफॉर स्टे डडमभ भें फैठे विवि कऩ पुटफॉर दे ख यहा है जफकक गणना भानमसक रूऩ से ककमा गमा था. भ

से कयने के मरए एक जिाफ है कक अगय जानकाय नह ॊ है .

तयह आगे फढना -

न अरग अरग फातें हैं कक ऩता है . तो जिाफ हो सकता है .

नि जातत के बानम का ऩैटनय, फायह सॊकेत भें ह फाॊटा जा सकता है ? आऩ श्स्थतत की भूखत य ा को दे खा है ? इसमरए इस तयह की बविष्मिाणी

है . दशा की मह ऩाॊच गुना विबाजन ज्मोततष के इततहास भें सभम की घटनाओॊ का सफसे असाधायण औय अद्वितीम प्रणार है .

गमा था औय कॊु डर की गणना सौ प्रततशत सह डार गई थी.

ओॊ का सफसे अच्छा कबी विचध है .

ोगों को ऩसॊद कय यहे हैं. रेककन ऩहरे कदभ से कदभ, तभ ु अफ तक तमा मसखामा गमा है सॊशोचधत.

से ऩयॊ ऩयागत विषम, औय माद कयने की ऺभता नह ॊ है . यटने स्भतृ त के भाध्मभ से सीखने के मरए सॊबि नह ॊ है , तो तमा साहचमय स्भतृ त क

ज्मोततष सीखने भें कय यहे हैं, फेहतय अऩने विकासशीर उचचत ज्मोततषीम ऺभता की सॊबािना है .

झामा गमा है .

भानमसक रूऩ से ककमा गमा था. भैं टे र विजन ऩय ब्राजीर औय इटर के फीच पाइनर दे ख यहा था जफ भैं साॊता फे भें मह दोहयामा. भेय ब

इसमरए इस तयह की बविष्मिाणी कयने के आद नह ॊ मभरता.

अद्वितीम प्रणार है .

नह ॊ है , तो तमा साहचमय स्भतृ त के भाध्मभ से जानने के मरए है तनश्वचत रूऩ से सॊबि है .

भैं साॊता फे भें मह दोहयामा. भेय बविष्मिाणी ब्राजीर जीत होता था औय इतारिी णखराडड़मों भें से एक घामर की जाएगी. मह बविष्मिाणी

घामर की जाएगी. मह बविष्मिाणी बी सह , िास्ति भें फाहय आमा था.

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