Elementary Astrology in Hindi
July 15, 2022 | Author: Anonymous | Category: N/A
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तव जान
मेष सह धनु 1-5-9- == अगन तव ष कया मकर 2-6-10 == पथवी तव मुन तुला क कुु 3-7-11 == वायु तव कक बशक मीन 4-8-12 == ल तव कक अगन तव क ल रा े ु ता रहेीी |1-5-9 क 4-8-12 ल तव क वायु े ु ता रहेी ी | 4-8-12 क 3-7-11 े ु ता होी |
12
राया चर अचर ओर दवभाव
मेष क कक क तुला ला मकर
1-4 - 7-10 == चर ( र ) राया
ष सह बशक क कुु
2-5-8-11 == अर राया
मुन कया धनु मीन 3-6-9-12 == दवभाव राया दकी भी रा मे 6 अंक ोड़ ेने े उक दवरीत रा होती है |ै े े 1+6 = 7 तुल लाा रा 2+6 =8 3+6=9 4+6=10 5+6=11 6+6=12 इी पकार उटा म करे ैै े 7-6=1
मेष रा 8-6=2 9-6=3 10-6=4 11-6=5 12-6= 6 रायो क ा :- मेषष - सह -धनु = ूवव ा ष -कया -मकर = शण ा ला ा -कु = शम ा मुन न -तुल कक -बशक -मीन = उर ा कक
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ूयय क े मी अत ृ ह
कोई भी ृह ूयय क े मी आते है तो लु त या अत कहलाते है |ूयय क पभा मे उनक ल ेे ाती है |भी ृह उरो अं मे खाई यी री े कम हो ाते है त अत कहलाते है | ै े े ही इक दडी 5 हो ाएी ूयय के ु य 6 दडी े अधक है तो अत नही कहलाएा |ै मी तो ये अत हो ाएा | 1-चं कभी अत नही होता है 2-मंल ल :-- यह ूयय े 14 दडी अं री ओर आने र अत हो ाता है |ओर दवरीत 14 दडी
अं ाहर ाने र उय हो ाता है | 3- ुध यह 10 दडी र अत हो ाता है | ुरेरे के ा कभी भी अत नही होता है | 4- ु :-- यह 8.5 दडी र अत होता है | 5- ु - यह 6 दडी र अत होता दहय | 6- नै :-- यह 12 दडी र अत होता है | **********************************
भाव
हो क -------- मंल ूयय -चं ु - ुधध -------ल ---
ु ---
दन
3 10
25%
50%
75%
100%
5 9
50%
75%
100%
25%
4 8
75%
100%
25%
50%
7
100%
25%
50%
75%
रा ओर केके तू ा उट े ेखते है | 3 5 7 9 12 भाव को ेखते है |यूक क ये हमे ा व होते है | ******************************** ************** ****************************' **********'
ृह ओर रो ओर ं ) ूयय -------- आँख ओर ही ( ोनाड ं चं ------------ भाय य दकडनी र ंचचालन ालन ( एीनल ं ) मल ---------- ेट ( ददयाज़ याज़ ं ) ुध ----------- वचा ( ाइम ं ) ु --------- ाई राइड मोटाा (ाइराएड़ ं ) ु ----- वीय ओर े (ीटटरी ं ) दन ----- नव ुखार खार घुटनो टनो का ( ीदनयल ं ) रा ---- ेट क ॅ माइेन ीठ का के तू --- ाँव का
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क ुं डली दवचार 1- लन कु ं डली दवचार :-- लन कु ं डली मे 12 भाव होते है | मे पये क भाव 30 * का होता है |
पम भाव को वा भाव कहते है | े लन े ेखा ाता है | 2- होरा कु कु ं डली दवचार :-- ूयय ओर चं मा क होरा मे वै ठे ुभ व अुभ हो क ी े धन का जान
ुध ु चं धन लाते है | दक अुभ ह दन मंल ल रा केतू होता है |ुभ ृह ु
धन का खच कराते है | 3- ेष काड़ कु ं डली दवचार :-- लन कु ं डली के तीरे भाव का दवचार ेषकान कु ं डली के मे दकया
ाता है |
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ु का दन केके ा ैठना ठना
ु मे दन क अंतता एवम ु ओर दन क ने काय को
दाड़ ेती है | ूयय मे दन क ा - दन क अंतता या ूयय र र दन क आ ीमारी लड़ाई -झरा घटना ट ना आ क तरफ इारा करती है |
इी पकार -- ु -रा == चांडाल डाल यो नाते है ूयय - रा == हण यो नामी लाते है चं - रा == हण ओर मानक अांददतत ारक यो भयानक दवोह या दवरो लाते है मंल ल -रा = अंारक ु - के तू == ु चेल ले क े ा यो ूयय के तू यो == ाव ओर ीठ मे ानी चं केके तू यो यो == धन का ना मानक रेानी खराी राी रीड क ही मे मंल ल - के तू यो == ाव मे ख ******************************** ************** ********************************** ****************
-----------आका लन र आका व ------------------------, , मेष लन ातक उाही ोधी वतं दवचार वाले तीब दत े काय करने क केे इ इुु क ऐे ातक
लालमा लए ए रम वण वाले , ली मुख खाकृ ाकृ दत एवं ांत क ंया या ु र ंर , ोल ने , मतक र दनान या मा भी हो कता है ।
---महवा -कां वृष लन --ी ी ,अशभमानी ,खाने-ीने केके ौकन , ातक ु ंर र ,य कमाने वाला , चुकय कय वव केके धनी , आमो -पमो करने वाले ौकन ता अधकार दपय होते ह । मुखाकृ खाकृ दत आकषक क , मोटे हठ ,ठला रीर ,ड़ी आँख ख ,ड़ा ललाट , मोती न, अनी र अड़े रहने वाले भी।
---ातक कुकु ा ु मुन लन -- , खोी पवृदत दत ,उम वा , हर ल अना मत ल ेने वाला , अने मां मांडो के अनुार ार ाहरी कावट आने र ोधत होने वाला। मु न लन का ातक दकी दवषय का वणन दव े ता पभावा पभावाली ली तरीके तरीके े करने म मादहर .कठन दवषय क ाया भी त रल तरीके तरीके े करने व ाला ,र्। मुन लन क केे ातको क ठोड़ी म अर ढा भी होता है ।
---ातक अयधक ंवेवनील कक लन --कक े नील , मलनार , अने े ुडडेे य क केे लए ैव मत होते ह, लेददकन कन इ लन के ातक अने य केके आवे केके व म चलते है । ातक मनोरं नन पेममी ी अने रवार र ो को त चाहते है । इनक भावना मूत होती है। कक कक लन क केे ातक मयम क काठ केके होते ह । कक लन मे उ ातक का रीर ह - ु रंततु नु ाु क होता है | राी ीमारी मे यह घरा ाता कक है | इका चेहरा हरा ोल रहता है | ऐा ातक हनील , भावन भावनाा दपय ता य य होता है | इ ातक को य पात क दवे ष ला लाल लाा रह रहती ती है | लेदकन दकन फल पात मे ेरी री होती है | ां ारक ारक वहारर े शभ होने वहा होने क केे कारण इ ातक केके काय मे ाध ाधाये ाये अधक अधक आती है | रंततुु अंत मे फल हो ाता है | इमे र क भलाई करने का ुण होता है | ु छदनक ता लने वाली होती है | भावुक होने केके कारण यह दकी काय मे नही हो ाता है | काय करने क छमता अधक होती है | धनाभाव ना रहता है | ातक ईमानार ता यायदपय होता है | ायाव ायावा ा अधक ुख े तीत होती है | वानी मे क एवं ुड़ड़ाा ाा ा ाधारण धारण ढ़क होता है | ारवारक ीवन ामाय रहता है
| ंततान ान का ुख उम मलता है |ड़ने लखने मे चतुर होता है | भायोय होता है | ीवन मे रवत न अधक होते है | ---ातक वा , आममानी , मयााालक सह लन -- ाालक ,ता दकी भी एक ांत र अटल रहते ह। नेततृव ृ व का ुण इह दवरात म मला होता है ता आमपभाव े ऐे लो भा ,ोी इया म अनी ृक क ही छा छोड़ते ह। लोो र ऐे ातक क केे ुण ण का पभाव दवेष े ड़ता है। ातक
अनी आजा ता च केके अनुार ार अय मनुय य को चलाने म कुल होता है । सह लन केके ातक चौड़े कं धो े यु ,मूत हदय वाले ता चौकोर मु खाकृ खाकृ दत एवं ते वी आभामंडडल ल वाले होते ह ।
---ातक कुकु ल वा ,दवलाी , धैययववान कया लन -- ान ता नेही ही वभाव केके होते ह। ये लो दक े कैकै े काम ले ना है इ ात को अ तरह ानते ह । अने लाभ -हादन केके ंकक म ू ण ावधान रहते ए अने भावो को ु त रखते ए , दकी रे के ामने पकट न करने क ामथय एवं कौल इन लोो क दवेषषता ता होती है। ातक मेधधावी ावी ता दकी भी तथय क हराई तक ाने वाले होते ह ...कया लन के ातक ु र ंर ोल मुख खाकृ ाकृ दत , ूल ाल ता आकषक ने वाले होते ह ।
---ातक याय -दपय ावायक ी -कोण वाले,उार -मना ,े काल रदत के तुल लाा लन --अनुार ार आचरण करने वाले ता मादनत मादनत होते है । ये लो या के अे ा आ क ओर उमु ख होते है।भौदतक ।भौदतक ा े इन लोो का लाव होता है ।इ लन केके अने दवचार ,ांततोो म कर होते ह।तु ।तुला ला लन केके ातक आानी े अनुामी ामी नह नते।।इनके इनके लए ाई र इमानारी का त ड़ा ान होता है।ातक ।ातक ड़े मुख वाले,ु र ंर ऑख,ाल मद वे ष आकषण होता है।
---ा वृशक शक --ातक तक व वा ा ,ोड़े ही म काफ काफ कु छ कहन कहनेे के धनी ,अने दवरोधी े डटकर मुक काला ाला करने वाले होते ह ।इ लन क केे ातक दवचार े हरे,र ,हठ पवृददतत क केे होते ह।अने ।अने ीवन म ो भी दनण य लेतेते ह,उ र अदड रहते ह ।ातक का लभ चौड़ा चेहहरा।ड़ी रा।ड़ी -ड़ी आँख ख,ाहर क ओर दनकले हठ।
---ातक ुमान धनु लन --मान ,धाम धामक क ता मानवता -वा होते ह।ये ।ये लो ा ददनक नक ी -कोण केके आधार र ही अवा लत ात का दवचार एक ओर हटकर करते ह । वै ेे ये रोकारी वाशभमानी ,इर क आराधना म ं लन ,अने कुकु ल का नाम करने वाले होते ह।ातक ।ातक क चौड़ी छाती ता ाल ी फ़ फ़ेे होते ह ।
---ातक अने काय क ओर दवेष क मकर --केे त होता है। उ महवा -कांा केके कारण इन लोो म प न क एवं अहम भ ावना पमु ख े दवमान होती है। आममोह क पवृददतत क केे कारण ये लो वा ाधने म कु ल होते ह । वाभाव े ये लो क कुु छ ंक कालु ालु भी होते ह। इ लन का ातक अने काम का यार होता है। रो को ठने म उक च रहती है । उक तत ऐी इा रहती है दक वह अनी म मंडडली ली म पमु ख र मादनत हो। ातक का चेहरा हरा ड़ा , ाल क ही फैफै ली ई ,ली नाक एवं रीर दनन भा क अेा ा म र क ओर दवतृत होता है। कु -----ातक कु ा ु वाले , अवेषक षक होते ह । ेवाभावी वाभावी , धाम धामक क एवं दकी े म अनी
उलय के ारा महान केके तौर र ादत होते ह। ं भ भीरता ीरता र मनन -ीलता इनके इनके वभाव क पमुख दवेषता षता होती है। इन लोो का ेट अे ाा क कृृ त ड़ा होता है ।।कड़े कड़े नाख़ून न ,मुख ख -मुाा ंभ भीर ीर , र ी पभाव -ाली होती है। याातर ये लो घ -काया वाले होते है ।
---ातक अयामक दवचार वाले , हणील , उार , ु-ी पेममीी ता ह मा -ील मीन --व केके धनी होते ह । -वा दवचार क केे पय या अपय अपय मक भी होते ह । यत यताा के र अ अरर होत होतेे ए पदतरोधी दवचार े वा ा मु होते ह। ातक केके ने ु र ंर ता लभ ड़े आकार केके होते ह। ो इनक भाव -भंददमा मा को टक अशभ करता है।।ा ा मकर -----ातक अने काय क ओर दवेष केके त होता है। उ महवा -कां ाा क केे कारण इन लोो म प न क एवं अहम भ ावना पमु ख े दवमान होती है। आममोह क पवृददतत क केे कारण ये लो वा ाधने म कु ल होते ह । वाभाव े ये लो क कुु छ ंक कालु ालु भी होते ह। इ लन का ातक अने काम का यार होता है। रो को ठने म उक च रहती है । उक तत ऐी इा रहती है दक वह अनी म मंडडली ली म पमु ख र मादनत हो। ातक का चेहरा हरा ड़ा , ाल क ही फैफै ली ई ,ली नाक एवं रीर दनन भा क अेा ा म र क ओर दवतृत होता है। कु -----ातक कुकु ा ु वाले , अवेषक षक होते ह । ेवाभावी वाभावी , धाम धामक क एवं दकी े म अनी उलय के ारा महान केके तौर र ादत होते ह। ंभ भीरता ीरता र मनन -ीलता इनके इनके वभाव क पमुख दवेषता षता होती है। इन लोो का े ट अे ाा क कृृ त ड़ा होता है ।।कड़े कड़े नाख़ून न ,मुख ख- मुाा ंभ भीर ीर , र ी पभाव -ाली होती है। याातर ये लो घ -काया वाले होते है । मीन -----ातक अयामक दवचार वाले , हणील , उार , ु-ी पेममीी ता ह मा -ील व के धनी होते ह । -वा दवचार दवचार केके पय या अपय मक भी होते ह । यता क केे र अर होते ए पदतरोधी दवचार े व ाा मु होते ह। ातक केके ने ु ंरर ता लभ ड़े आकार के होते ह । ो इनक भाव -भंदमा दमा को टक अशभ करता है।
************************************* ****** अंक ा
अंक 1 :- अंक 1 ुयय क ा पदतक होता है वे ो 1, 10, 19 या 28 तारीक को ैा ा ए है वे भी नंर र 1 मूल लां ांक वाले कहलायेेे | ये दनयी , अयंत कुकु ल , चुतत , वाशभमानी र दकी केके ामने झु कते नह है | ये अने तरीक तरीकेे े ीवन ीना ं करते है एक राा क भां दत | इहे दकी का हतषे अने काय म ं नह है | ुनेनेेे क मर करेेे वही ो खु क ठक ले केे चहरे र ू य ा चमकता ते होता है कोई भी | य कु ं डली म ू य उम त म है तो ातक क इनक ातो े वीभूत (attract) हो ाता है | ये का भला चाहते है र इहे इहे ले म कुछ ाने क इा नह रखते है | काय म ये ातक उ र आीन होते है | रकारी ॉ लनेक े अधक ावना होती है | ूयय कु ं डली म ही नह हो तो वाय क ी े इह आँ ख क तकलीफ , य दवकार , र दवकार आ होने क ावना रहती है वा े रो म भी अर लन ी रहती है ु ा अधक आना राम क ी े हीन होते है ( यादन राम का आभाव होता है ) दकी े ात करने म दहचदकचाते है (confdence loose) होता है | मूल लां ांक 2 :- वे भी ो दकी भी महीने क 2,11,20 र 29 तारीख म ै ा ए है वे भी 2 नंरर मूल लां ांक म आते है अं क 2 का च पदतक होता है | ऐे भावु क होते है वा घु माने -दफरने केके ोदकन ोदकन होते है | नई -नई ह र इहे अा लता है य चमा कु ं डली मै अा है तो ातक हर काय ोच मझ कर करता है ऐे य का वभाव ां त पदवत का होता है र फ़ फ़ेे वतुओ ओ, ज़ल अधकारी वा लेखक खक न कता है | ऐे ातक कुकु छ ना कुछ ोचते ही रहते है र ये कला पेमी मी वा रचनामक (dierent) (dierent)काय करते है | य कु ं डली म चमा क दत अ नह है तो ातक रे ान ान अधक रहता है दकी ना दकी ात को ले कर ऐे ातक को मा
(mind (min d pro problam blam))ी ीमारया भी ल कती है | ऐे ातक को नला ,खाी ,ुक काम ाम आ होनेक ावना अधक रहती है | मूल लां ांक 3 :-वे भी ो दकी भी महीने क 3 , 12 , 21 र 30 तारीख को ैा ा ए है उन य का मूलां ल ांक 3 होता है | इह खाने -ीने र ने का ेहह ोक होता है खाने म भी तला आ भोन ं करते है ऐे ातक वाशभमानी र याातर उतरीय र काम करते है | क कुु म चलाना ,ान करना इहे त अा लता है | ये अने ीवन म त यादत पात करते है इनक याात त अ होती है | योदक ये तला खाना खाने के ोदकन होते है इलए इह ठया , वायु दवकार , रचा ी रो
अर लते रहते है | मूल लां ांक 4 :-वे भी ो दकी भी महीने क 4 ,13 ,22 र 31 तारीख को ैा ए है उन य का मूल लां ांक 4 होता है | ऐे पखर मा वाले चुतत ,चालाक र ामने वाले को तुरंरंत भा लेते है | ऐे कोई भी मया का मधान चु टदकयो म दनकल लेते है | दकी े भी अना काय करवाना हो तो इनको इे करवाने म कोई कठनाई नह आती है ै े क क ी े इनका कोई काम कता नह है योदक ये कही ना कही े ै ोो का इंताम कर लेतेते है | वाय क ी े इनको आंख , कान , नाक र लेक तकलीफ होने क ावना होती है | मूल लां ांक 5 :- वे भी ो दकी भी महीने क 5 , 14 र 23 तारीख को ैाा ए है उन य का मूल लां ांक 5 होता है | ऐे खु मा , फु त्ले र पखर मा वाले लो होते है इह घू मना -दफरना त अा लता है ऐे दकी भी मोहोल म म घु ल -मल ाते है | कोई भी ड़ा काय करने े ू व इहे दकी रे क राय क रत होती है योदक इनमे आमदववा क कमी होती है ै ेे क केे मामले म ये काफ भायाली होते है | इनको याा ोचने क वह े मानक तनाव र न क कमी होने क ावना है | मूल लां ांक 6 :- वे भी ो दकी भी महीने क 6 ,15 र 24 तारीख को ैा ा ए है उन य का मूल लां ांक 6 होता है | ऐे पभावाली व केके होते है कोई भी इनक ातो े पभादवत हो कता है ये खाने -ीने , अ अेे व हनने क केे ोदकन होते है | इनका मलाना ुलना लना अर अ र अने अन े े उ तर केके लोो म होता है | कोई भी ड़ी ात हो ायेय ा कोई दवरीत रदत म ये हता नह होते है ऐे हालातो का दहमत े ूझते झ ते है | इनको ुर र होने क ावना होती है खाने के ोदकन होने के कारण इनका हम कमोर होता है | मूल लां ांक 7 :- वे भी ो दकी भी महीने क 7 ,16 र 25 तारीख को ैा ा ए है उन य का मूलां ल ांक 7 होता है | ये लो याा चाहे छोट हो या ड़ी करने के ोदकन होते है | वभाव े कलाकार ,धाम धामक क र भावुक होते है | धेयय र दहमत े हर काम म ु टे रहते है | नई -नई चीो के ारे म ानना इहे अा लता है | वाय म काफ फल रहते है | खाने के मामले म ावधानी रतनी चादहए म इहे नाक ,कान ,ले का यान रखना चादहए | मूल लां ांक 8 :- वे भी ो दकी भी महीने क 8 ,17 र 26 तारीख को ैा ा ए है उन य का मूलां ल ांक 8 होता है | ऐे मेहहनती नती र दवचारील दतव क केे होते है खावे े
इहे नफरत होती है अत चु चा अने काय े म ले रहते है | ाहर े चाहे े द कतने ही कुकु य ना हो रतु कोई ना कोई ात इह खाई ाती है ये त अे ोत नते है य इइनक नक दकी केके ा मनी है तो ये उे कभी माफ़ नह करते है र उे ूरी र ी तरह ताह करक करकेे ही म लेतेते है चन े ही इन र त मेारया ारया होती है ह ये खू ी दनभाते है | ीवन काल म खु या काम वा काय अधक मलता है | इनमे तकक त अधक होती है र ये फल वकल या भी न कते है | इह दत र ोड़ो केके क कायत रहती है | र र मानक तनाव केके भी कार हो ाया करते है | मूल लां ांक 9 :- वे भी ो दकी भी महीने क 9 ,18 र 27 तारीख को ैा ा ए है उन य का मूलां ल ांक 9 होता है | ऐे ातक अने लू ते र ीने वाले लो होते है ारा ीवन ं घष र कड़ी हणत े ी क चाई छुते है य ये कोई ात ठान ले तो ये उे ूररा ा करक करकेे ही रहते है दकी भी काय को ेख कर दहचदकचते नह है अने ीवन काल म ये काफ ै ा कमते है | रो र कुु म चलाना र ा म ने रहना इह अा लता है | इह उ र चा र हाट े ं धत क रेादनया ादनया हो कती है ************************ दवा भाव ूयय : कला , ादहय , पान ंंधी। धं ी। च : कला , का , लीय वाय , तैराक राक , तरल वतुएंए।ं मंल ल : ाही काय, अवेषण षण खो , गखलाड़ी , वतारोहण त ारोहण , खतर ेभ रे काय , ैदनक दनक ,ुल ल , ंल ल या वन े इया। ुध ध: इनडोर े , ोलने े ु ड़े वाय , माक माक ट , दवजान , ाार , वकालत , चदका े , क आ। ृहदत हदत : रानीदत , ेना ना या ामाक ं ठन म उ , अययन -अयान , लाहकार , कर /आ आक क दवभा , कानून न
एवं धम े । ु : कला , ंीत ीत , चकारी या ंधव धव कलाएं, नाटक इया , मदहला दवभा , कयूटर ट र , हत ,यट यटन आ। दन : तं , धम, ाूी ी , रायन , भौदतक ,शणत , मीनरी ,कृ दष ,ुालन ालन , तेल, अनढ़ कलाकृृ दतयां इया। कलाक योदतष अनुार ार ा केके यो
मदका म ं चम भाव े ा ता नवम भाव े उ ा ता भाय केके ारे म दवचार दकया ाता है। े हले ातक क कु ं डली म ं चम भाव ता उका वामी कौन है ता ं चम चम भाव र दकन -दकन ह क है, ये ह ु भ -अुभ है अवा म -ु, अधम ह दवचार करना चादहए। , , री ात नवम भाव एवं उका वामी नवम भाव त ह नवम भाव र ह आ ुभ भाु ाुभ भ का ानना। तीरी ात ातक का ु न चं त े लन क केे म भाव का वामी नवां कुक ंु डली म दक रा म दकन रदतय म त है जात करना , तीर तीरीी दत े ातक क आय एवं आय क केे ोत का जान होा। मकु ं डली म ो वाधक धक पभावी ह होता है ामायत : उी ह े ंंंधत धत काय- वाय करता है। य हम काय व वाय ाय केके ारे ारे म ानकार ानकारीी मल ाती है तो ा भी उी े ंंंधत धत होी। ै ेे य म कु ं डली म ु वाधक धक पभावी है तो ातक को चदका , लेखन खन , ा , खा ा के ारा आय होी। य ातक को चदकक यो है तो ातक ीव दवजान दवषय लेक करर चदकक नेा। ा। य दका म ु कमोर है तो ातक आयुववक क , होयोैक क , रैक क या इनक इनकेे मक जान पात करेा।ा। े ु होने र एमीीए क ढ़ाई करे ा।
ु क केे ा मंल ल का े यो न रहा है तो य चदकक , य ूयय े यो न रहा है तो ने चदका या ोनोाफ या इलेॉदनक ॉदनक उकरण े ंंधत ं धत दवषय क ा , य ु है तो मदहला रो दवेषषज ज , ुध है तो मनोरो ता रा है तो ही रो दवे षज नेा। ा। चं क े दत म दकी दवषय र हन अययन करे ा। लेख खक क , कदव , े दवचारक नेाा ता ीए , एमए कर े सचतनील , योनाकार होा। ूयय के पल होने र इले ॉदनक े ंंंधत धत
ा हण करेा। ा।
मंल ल अनुकू कूल है तो ऐा ातक कला , भूम म , भवन , दनमाण ण , खान , केमकल आ े ंंधत ं धत दवषय ा हण करेा। ा। ुध पधान कु ं डली वाले ातक क क , ीमा , कमीन , दवीय ं ान ान , वाणी े ंंंधत धत काय , योदतष -वै , क , वकल , लाहकार , चाटड अकाउंटट , इंीदनयर ीदनयर , लेखाल खाल आ का काय करते ह । अत : ऐे ातक को ाइं , मैथ थ क ा हण करना चादहए कतु य ुध कमोर हो तो वाशणय दवषय लेना ना चादहए। ुध क े दत मच ाटड अकाउंटट क ा हण करना चादहए। ु क अनुकू कूलता े ातक ाइं क ा हण करेा। ा। ु क अधक अनुक कूूलता होने े ातक फै न , ुंंधत धत वाय , े कलाकार ता रन े ं ंधत धत दवषय को चुननता ता है। दन ह पंधध , लौह तव , तेल ल , मीनरी आ दवषय का कारक है। अत : ऐे ातक क ा म वधान केके ा ूण ण होती है । दन क केे ा ुध होने र ातक एमीए फाइन म करे ा। य दन के ा मंल ल भी कारक है तो े ना -ुल ल अवा ौय े ं ंधत धत दवभा म अधकारी नेा। ा। रा क पधानता कुकु टल जान को ातती ी है। क केे तु - तेी ी मं ता अचानक आय ेने वाले काय े यर , तेी ी मं केके ाार , ा , पदतयोी वी , लॉटरी आ। कभी -कभी एक ही ह दवशभ दवषय के ूचचक क होते ह तो ऐी दत म ातक एवं योदतषी ोन ही अदनण य क दत म आ ाते ह । उका ही अनुमान मान लाना योदतषी का काय है । ऐी दत म े , काल एवं ा को ेखकर दनण य लेना ना उचत रहेा। ा। ैे े नवां म ु ध का वरा होना योदतष , वै , वकल , लाहकार का ूचचक क है। अ यहां ातक केके दता का वाय (वयं क च ) दवषय क होी , वह उी दवषय का अययन कर धना न करेा। ा। दवषय केके चुनाव नाव हेतुतु कु ं डली के चौे व ाँचव चव भाव का पमु ख े अययन करना चादहए। ा ही लन यानी केके वभाव का भी दववेचचनन कर लेननाा चादहए। ार दवषय :----हानुार
* य चौे व ाँ चव भाव र हो। 1 ूयय का पभाव - आट , दवजान 2 मंल ल का पभाव - ीव दवजान मा का पभाव - ेवसल , टूरम , 3. चंमा
4. ृहदत हदत का पभाव - दकी दवषय म अयान क दडी 5 ुध का पभाव - कॉम, कयूटटर र 6 ु का पभाव - मीदडया , मा कयुददनके नके न , ायन , वान 7 दन का पभाव - तकनीक े , शणत इन मुय य ह केके अलावा ह क युददत त -पदतयुददतत का भी अययन कर, तभी दकी दनकष र ँ च। (ैे े ु र ुध हो तो होयोैी ी या आयुवव ढ़ाएँ) तादक चुननाा या दवषय े को आे फलता ला क केे ।
ूयय : - चदका , रीर दवजान , पाणीा , ने - चदका , राभाषा , पान , रानीदत , ीव दवजान। अयाम अयाम , ादनक द नक ा , चदका ा , ने रो , कु रो , य चदका आ े ं ंधत धत दवषय का कारक है। चमे ूयय होने र या कु ं डली मे ू य लवान लवान होने र ातक को ूयय े दवा :-- ंचचमम भाव या ंचमे धत काय राकय ेवा वा याा ंंधी धं ी काय (टूर पादनक ेवा वा का छे मलता है | अगन े ं वंधत ा आ का काय करता है |कला ाक पाक अधकारी रात उ ॉ ) ोना तांा राकय ेदक दक वाय ई का भवन दनमाण लकड़ी का काय कड़ा र आ काय मे फलता मलती है | ा ा ,शणत ,मौम ,वनदत दवजान ,ु चदका ,वा 1.ूयय : लोक पान ,रानीदत ,अ ंंधंधीी यु ंंधी धं ी दवषय आ . २- ूयय का ं चम भाव म फल :-- आंल ल भाषा , अ ा ा , राकारण - -ा , खोल , वेधक धक , दवधुत व अय अय काय का दवजान , फोटोाफ , अवा , अय कोई ोध काय करके ातक ी .एच . डी क उाध करवाता है | १-५-९ का ूयय हो तो दवा उम | च : - न , नादवक ा , वनदत दवजान , ंतुतु दवजान (ूलोी ल ोी ), ), होटल पन , का , कारता , यटटन न , डेयरी दवजान , लाय ,षध , मनोदवजान , लीय ा, नेवी वी आ।
च े दवा :-- कदव ादहयकार कला व मु े ं त काय ल े ना व आभूषण ष ण फै न दडाइन दडाइन लीय छे वयं का का रोार फ़ फ़ेे वतु नमक ही ध - डेयरी फाम चमकली वतु मीदडया कारता े ं त छे मे लाभ मलता है |
2.चं : ृह दवजान ,ादहय ,ुालन ालन ,मनो मनोदवज दवजान ान ,न ,ल ंंंधधी ी ,ाज़ ा ,ह , छोटे क ेखभाल ंंधी ंधी दवषय भोय ा ं ंधधीी दवषय ,व व आ े ं ंधत धत . चं का ंचम चम भाव म फल :-- वनदत ा , अयाम , योदतष योदतष जान , कृदष -ा , ु -ालन , हवामान ा इया म यो वनता है |४-१२-२ का चं हो तो दवा आानी े मल ाती है | मंल ल : - भूमदत मदत , फौारी , कानून न , इदतहा , ुल ल ी पण , ओवर -यर पण , व अशभयां दक , वायुयान यान ा , य चदका , दवजान , ाइव ाइव , टेलर या अय तकनीक ा , खेल कू ी ी पण पण , ैदनक दनक ा , ंत चद चदक का ा |य चदका , कृ दष , भवन दनमाण ण , यांदक दक ा , खेलकू लकू , अराध ,दवजान आ। मंल ल े दवा :-- मंल ल े पभादवत ातको को कानू न केके छे मे लाभ मलता है | वकल यायाधी लोक अशभयोक य चदका कं यूटर ट र ा केके छे मे े ना ूल ल यु कौल ा
वन दवभा का अधकारी अध े दनक ल वाहन े ं त काय मे लाभ यो रहे ा |
3.मंल ल : खदन दन ंंंधी धी ,टो मोाइल ,ेना ना ,ुल ,धातु ,ेोलयम ,ारीरक ा ,ायाम ,दफयोेरेरेी ी ,धरती केके अंर र होने वाले काय े ं ंधधीी आ दवषय . १-मंल ल ंचम चम भाव म फल :-- ाशणत , इदतहा , डाटरी , कृदष , रायन ा , भूभ भ ा , खदन दवजान , ृा ा , भूोल ोल , इीअदनअर , ाय , र री र ी छे म लाभ मलता है |१-५-९-८-१० का मंल ल हो तो दवा उम होती है | ु : - ीशणत , दतीय भाषा , आरोया , दवदवध , अ ा ा , न न , मनोदवजान , धामक धाम क या आयामक आयामक ा। ादहय , कानूननी ी लाहकार , दव वा , अयान , धाम धामक क काय, अ ा ा , ंतान तान कारक होनेक े कारण ालरो दवे षज।
5.ु : ा ,योदतष ,ानून ,चदका ,ाकरण ,ेखभाल ,पंधन धन आ ंंधत ं धत ..
ु का ंचचमम भाव म फल :-- ु ाददनक नक है |भाषा ा , वेाती ाती , धम- ाी , दफलो , याय -ा , रानीदत , ुराण राण ा , का या ोध म ी .एच .डी . करवाता है |९-१२-४ का ु हो तो य मलता है |अय म रम अधक करना ड़ता है | ु ेद वा :-- ु का ंचम चम या ंचमे चमे े ं ंध होने े ातक को धम क क ा ा ओर जान े ंत त काय चदका े ं वंधत धत काय डॉटर रायो क आ मे लाभ लाता है | ुधध : - शणत , योदतष , ाकरण , ान क दवभाीय रीाएं, ा दवजान , माना , हतरेखा खा जान , ा (भाषा दवजान ), ), टाइ , तव जान , ुतकालय तकालय दवजान , लेख खा ा , वाशणय , क पण। तक तक -दवतक , , ाार कौल , क , हीखाते लखना आ।
4.ुध : क ,ंचार , वचा ंंंधधीी ,कारा ,ा ,ाँ ंंधी ंधी दवषय दवषय ,अ ा ा , कमकां क ांड, ैे ेंंंधधी ं ी ,टै आ े ं ंधत धत दवषय . ुध े दवा :-- ुध ृह े पभादवत ातक को मने मट होटल ीमा क छे आक आक ं ान ान ेयर यर ाार कमोदडट माक माक ट कला नाच ाना वे कला योदतष तं मं
आयुवव षी के काय मे लाभ मलता है | ुध का ंचम चम भाव म फल :-- ा दवजान , अ ा ा , तवा -जान , माभाषा , ाटं , टाइ ाइ ,लेख खनन , कोम ,ोट -हैडड ,मुण ण -कला ,अकाउंटट ,पचार ा , इीनेअर अर ,नेकाय काय ,ता ोध का काय करता है |ी .एच . डी भी कर लेतताा है |१-५-९-८-१० का ुध हो तो दवा आानी े हो ाती है | ु : - ललतकला (ंीत ीत , नृय य , अशभनय , चकला आ ), ), दफम , ट 0 वी 0, 0, वेभू भूषा ष ा , फै न दडायन दडायन , का ादहय एवं अय दवदवध कलाएं। ंीत ीत , नाटक , अशभनय , ा , नृय य , कला आ। ु े दवा :-- ु का ंचम चम भाव े ं ं ंध होने र तड़क भड़क ंत त काय आटदफयल वेलरी लरी ावानी दफम ओर टवी े ु ड़े काय इंटरयर टरयर दडाइन ावट का ामान कला का छे ावट ओर भ भोदतक ोदतक वतु का ामान या काय लाभ ेता है | ु का ंचम चम भाव म फल :--ायन -कला , नेममाा , चकला , का म े दकी एक जान को
करवाता है | रायन ा , ट ट , लीसच , आ काय े ोड़ता है | २-४-७-१२ केके ा चम ु हो तो पावीयता मलती है |6. ु : दफ़म ,रीर दक ु ंरता रता ंंधी ंधी ,नाटक ,एदनमे न न ,व ,भोन ंंधी ंधी वा लभ वो भी दवषयो चं े भी ुड़ेड़े होते ह . दन : - भूभ भा ा , वण ण , अशभयांददक क , ोदक , यांदक दक , भवन दनमाण ण , मुण ण कला (दपट )।इदतहा , ुरातव रातव , रानीदत , मीन ंंधधी ं ी जान को ातता ा है।
7.दन :इदतहा ,कृ दष ,ले टे ट आ आ े ंंधी धं ी ,चमड़ा ,दवल ,कंयूटटर र ,अताल ,एरोनाटकल ,दवध ा ,क र ,पंधधनन ,मनोदवजान ,ाज़ार े ं ंधी धी दवषय . दन े दवा :-- दन केके पभाव े ातक को राकय े वा इं ीयदनयर ीयदनयर तकनीक े ु ड़ा काय दनमाण का काय ते ल ेोल ोल भारी मीन का काय ओर ातक ट टां काय े भी लाभ कमाता है | ंचम चम म दन का फल :-- कानून का ा ,तवा जान , डॉटरी , इीनेअर अर , ीओलोी , मल ी काय , दवुत ी काय , मुण ण का काय , रफाइ रफाइनरी नरी या ोध का काय , ु ा , या नररी ी , फोटो -ाफ , दनमाण काय , कूटटर र क दडी , डी .ी .ए . , एम. ी .ए , र ाशण ाशणतत े लाभ लाभ करा रातता है |दन : - भूभ भा ा , वण ण , अशभयांददक क , ोदक , यांददक क , भवन दनमाण ण , मुण ण कला (दपट ) इया े लाभ कराता है | रा : - तक तक ा , दहोटम , मेमे मेरम रम , करत करत के खेल (ा , क क आ ), ), भूतत - पेतत ी जान , दवष चदका , एट ायोट ायो ट , इलेोदन। ोदन। , अनुं धधान ं ान ंमणरोही मणरोही आ।
8.रा : ुरातव ,दव दवषा षाणु णु ंंधधी ं ी , रंचार , इं ीदनय ीदनयर र ,ा टोना ,रह रहमय मय दवष दवषय य ,ॉयोटेनोलॉी ,तकनीककाम ,रेददडयोलॉी डयोलॉी आ . रा / के तु का ंचचमम भाव म फल :-- ररी ी , मं दवजान , कूटनीदत , रानीदत , ूढ़ ा , रच का छे , कोम , भू- भ , ाार यो े ोड़ना , -ा , रा खो केके काम भी करवाता है ,ै ेे ुल ल , ेना ना ंचचमम म रा या दन कमोर हो तो ु नह चल ाती ,मुकलो कलो े दवा ूण ण ह ोती है | के तु: - ुत त दवाएं, मं - तं ी जान।
*************************** ************* ***************************** ******************* **** दवा पात के रल उाये :- ुवार वार का उवा करना चाइये | अवा एकाना एकाना (अात ) एक मय भोन भोन करे | ाेययी ी या हनुमान मान ी केके न करे | राम -रा ो ोतम तम का ाठ करे | हनुमान मान कवच भी लाभ ेता है | ा रन ु ते करता है | दनयमत 5 या यारह वा णे ी को अत करने े ौक मता ढ़ती है। णदत अव ीष ीष का का ाठ या रवती चालीा का ाठ करे | ड़ है |ाई म मन न लने र माता /दता को दवा पात के रल उाये :- -वालको क ु ुवार वार का उवा उवा करना चाइय चाइयेे | अ अवा वा एक एका ाना ना (अात ) एक म मयय भोन भोन कर करेे | २ ाेयी यी या हनुममान ान ी क केे न करे | राम -रा ोतम ोतम का ाठ ाठ करे करे | हनुमान मान कवच भी लाभ ेता है | ायी का एक ुष ष -चरण करे |
:-:- होने र दनन उाये करे हनुमान मान चालीा णदत अव ीष ीष दवा पात मे ाधा महू का ाठ या रवती चालीा का ाठ ाठ करे | के ाठ े ु ते होती है | ा रन ु ते करता है | दनयमत 5 या यारह वा णे ी को अत करने े ौक मता ढ़ती है। ुधधवार वार क केे न ाय को हरी घा या ालक गखलाने े मी म ु ध क दत मूत होती है। ुध क केे मूत होने े ौक एवं त ाकक मता ढ़ती है । णे ी ु केके वामी ह र ु ध ह र इनका पभाव होता है । दवा पात क केे रल उाये :-- १-णदत अवीष ीष का का ाठ या रवती चालीा का ाठ करे | ा लोदकट +ुखरा खरा अंूठ ूठ धारण करे |१००% लाभ होा |ंचचमेमे का रन हमे ाा रीा म फलता ेता है | २१ ुवार वार णे ी र मू ं म ल चडावे |- ६-या ८ मुख खीी ा भी हन कते है | - माता -दता र ुन न क आया का ालन कर .. ..
****************************************** *************************** ************************ ********* **
ाार ओर नौकरी '
ूयया ा ह का का वाय एवम दवशभ दवशभ ा े ं धत कारकव दननलगखत पकार े है ूयय रकारी े वा ,उ तरीय पा पादनक दनक ेवा वा ,दवे ेवा वा ,उ उययन ,ओषध ,चदका
,,ा दवजान ,अतर दवजान , भी पकार केके अना ,लाल रं केके ा , ह ,लकड़ी व लाई वुड का काय ,राफा फ ा , वादनक ,न व नी व फोटोाफ ,नाटक ,दफम का दनन ,रानीदत इया च ेत ा ,चां ,ल े उ ा , डेयरी उो , को , मनरल वाटर ,आइ म ,आचार -चटनी -मुरे रे , नेवी वी ,ल आूत त दवभा ,नहरी एवम सचाई दवभा दवभा ,नमक ,चावल ,चीनी , ु ा ,मम ,न , यााएं ,मय े ंधत धत े , यां ,लांीी ,आयात -दनयात ,मोती , आयुववक क षधयां ,का -कदवता लेख खनन इया मंल ल धातु े ंधत धत काय े ,ेना ना ,ुल ल , दली का काय ,दवुतत दवभा ,इलेक क एवम इलेोदनक ोदनक इंनीयर नीयर ,रा दवभा , ,रायन ा , य चदकक इया लाल रं केके ा ,मीन का य -दवय ,ेकरी करी , , खदन ा ,वकालत ,,ाहक खेल ,, तरां ,फाट -फ़ूड , , ,होटल एवम रेतरां
,कै टर ,हलवाई ,इंट का भा , तन न का काय , ूआ ,मटट केके तन व गखलोने , दनमाण ण , ॉडी द , आदताी , लड क ,फायर दबेड ुध ाार ,शणत ,ंचार चार े ,मुनीमी नीमी ,लाली ,ेयर यर माकट ,लेखा खा कार ,कयूटर ट र , , ीमा ,ैल टै ,आयकर दवभा , े मैन न, शणत व कोमक े अयाक आढ़त ,हरे ा ,यां , ,फोटोटेट ,मुण ण ,योदतष ,लेखन खन ,डाक -तार ,माचार ा ,त कम ,टाइदट ,कोरयर ेवा वा ,हाय ं केके चकार या कलाकार इया | ु क क ,यायालय ,ण ंाएं ाएं ,रानीदत ,ुतकालय तकालय , पकान ,पंधधनन ीले ा ,वण ,क ,ुरोदहत रोदहत ,,भी पकार केके फल ,मठाइयाँ ,मोम ,घी ,,वानी वकालत ,दकरयाना इया | ु चां क केे ेवर वर या अय ा ,अरी व धू ,ेत ा , कला े ,अशभनय , टूरम , वाहन ,ध ही ,चावल ,रा ,ृ ार ं ार क केे ाधन ,दट हॉउ ,चाय -कोफ़ ,ारमटट ,इ ,, ,,े दडायन ,मनोरं दडायन नन क केे ाधन ,दफम उो ,वीदडयो ालर ,मैर र यूरो र ो ,इंटरयर टरयर डेकोरे नन ,हीरे के आभूषषण ण ,ालतू ु का ाार या चदकक , चक चकला ला ता य क केे काम म आने वाले
ा , मैर र ैल लेे एवम दववाह म काम आने व ाले भी काय व ा इया | दन नौकरी ,मरी ,ठे के ारी ,लोहे का काय ,मैकेदनकल इंदनयर दनयर ,चमड़े का काम ,कोयला ,ेोल ोल ,लाटक एवम रर उो ,काले ा ,ेययरर ाट ,र एवम च ,म एवम मा कयाण कया ण दवभा ,पे , टायर उो ,लर , मोटा अना ,कुक ै ,घदड़य का काम ,काड़ी का काम ,भवन दनमाण ामी इया | रा े ंंधं नने र योदतष , धम ा ा , तं - मं , ा -टोना , रामनोदवजान , रहयमय एवं पाचीन दवषय का अयाक होा। के तु े ं ंध नने र कला व चदका े ं ंधत धत दवषय का अयाक होा।
*************************** ************* ***************************** ****************** *** ा ृह ह ातक केके अनुार ार योदतष क जान ंा लन अवा च े म भाव म म : ूयय , च , मंल ल , ुध ध, ु , ु अवा दन ह तो म : दता , माता , ु, म , डे भाई , नी अवा नौकर केके ारा आय क पात होती है. क कुकु डली म म , मे ता इन ोन े ंधध रखने वाले ह क केे अदतर मे नवां म रा म ाये उके के वामी केके अनु ार ही ा व ोचर म वही ह आय या वाय क पात का ोत नता है. आईये ेखे क कौन ा ह आक कौन ी आीदवका तय करता है . ूयय एवं वाय एवं कैकै रयर म फलता ूयय अा त राा , ा इया या एे लो नका पभुव व है. या वे लो ो उाधकारी , पदतत , रकार , ोने का काम करने वाले , ौहरी , फाईनार , क क म काम करने वाले , पक इया . वाय का ध ूयय े आने र उरो मे े दकी े म को मे हनत व पया करने े फलता मलती है . च एवं वाय एवं कै रयर म फलता च का ं ध वाय वाय े हो तो याा , याा े ंत त भी ात, नादवक , रचायका ( एयर होटे ), ), रा दवे दवे ता , कड क धुल लाई ाई करने वाली कान केके वामी , षधी का काम करने वाले , ौाला केके वामी , पूददत त दवेषज षज , भोन नाने वाले, मछली े ंत त काम करने वाले व े ववाा करने वाली न , मा ेदवकाएं दवकाएं इया आती है. ल एवं वा वायय एवं कै रयर म फलता मं ल को भी ह म े े नादत नादत का का ान य याा या है मंल
इलये यु , ेना ना , ुल ल , अगन े ुडडेे काम आते है . एे भी ो धातु , अ - के कारखाने, मीन, ार , यचदकक , ांत केके डाटर डाटर , नाई , रोईया , लोहार , काई , वा दवे दवे ता , वाई नाने वाले मालक , े नाने वाले , मठाई ेचने चने वाले दवे दवे ता भी मंल लक केे वाय े मे आते है . ुध एवं वाय एवं कै रयर म फलता ु ध को योदतष ा म ुु का कारक कहा या है . इलये एे भी काम नम ु का उयो अधक होता ह , उन भी म ु ध का पभाव होता है . दकी भी काय के लये अशभले ख नाना , लक , अकाउटेट , दहा -दकता रखने वाले, डाक ंचचार ार े ं त काम करने वाले , ंचार चार का काम करने वाले , आकटेट , ंववााता ााता , टेनोाफर , भादषये, ंेेवाहक , रटर रेददडयो डयो , टेनरी , छाई आ का काम करने वाले , पकाक , टेलीफोन आपेटटरर आ भी काम ुध केके े म आते ह . ु एवं वाय एवं कैकै रयर म फलता ु को जान कहा है . इलये न य क कुडली म वाय केके े र ु का पभाव हो एे राम अा ेेते है | वकल , पवा , क , पकाक , योदतषी , ेवल एेट ट , ुारी ारी , धाम धामक क ल के टटट , ंचचालक ालक , कैयर , ा ददनक नक , ादहय दवेषज षज इया ु े ंत त है . ु को धन का कारक भी कहा या है इलये धन को ंभालने भालने वाले भी ु क केे वाय े म ही काम कर रहेह ोते है . ु एवं वाय एवं कैकै रयर म फलता ु क केे पभाव े म आने र कदव , कलाकार , नतक क , ायक , ंीतज ीतज , वाक , कडे ता टोदय केके वायी , क ता अय मंहे हे कडे, ु , इ , ा ाने का काम करने वाले , मनोरंन न केके े े ुडेडे लो , घर क ा - ा , फन्चर , ने ंवरने वरने वाले ामान के दवे दवे ता , य केके ौ ौयय े ु डे ामान , कला व फै न , फोटोाफ , फू ल केके ाारी , हत कला े ुडडेे लो , कडाई ुनाई नाई करने वाले , मेक कअ अ , के ा इया े ु क केे है. दन एवं वाय एवं क कैै रयर म फलता दन े ु र ंर खोने वाले , कोयला या अय पकार के धन केके कारोारी , मीन केके य -दवय े ु डे लो , ी , नला , भवन केके ठे केार , चमडे या हडदडय केके कारोारी , घडी को ठक करने वाले, आईदम नाने वाले, फै ट टरी व फाम मे काम करने वाले, ंमक मक , हरेार ार , अंये ये का प करने वाले, ावी , ादनक द नक , , ाटवेयर यर , , . इंदनयर तकदनक दवेषज षज कानून केके े म काम करने वाले वकल इया
रा एवं वाय एवं कैकै रयर म फलता रा केके वाय े म राने ता , रादनदत का े , आका म उडने वाले दवमान चालक , उयन , रेददडयो डयो , ट .वी , टेलीफोन , दली , दवष , षधी , कूटदनदत पन , याा केके आयोक , रा का पभाव को चदका केके े म भी आदवका होने क ंभ भावना ावना ताता है. रा अररात कला का दवेषषजज नाता है. ै रयर म फलता के तु के पभाव े अने क भाषा का ानकार नता है . के तु एवं वाय एवं क ोनीय काम , ाू ी ी , रच, ू दवधा का ानकार , दवेी भाषा , कयूटटर र इंदनयर , आम म े वा करने वाला नता है . हाडवेव ययर े र या ाटवेययरर इंदनयर दनयर ोन म आदवका केके लये के तु का ंध ध वाय े आता है. के तु के अत त वे भी काम आते है नम ारक े काम दकया ाता है. के तु के काम म ारक काम करने वाले भी आते है .
*************************** ************* ************************** ************ , , मेषषःः व म मकरती े ष रा े ातक मने दफरने ौड़ने का ौक रखनेेवाला चाल कुकु छ टेढ़ान आ है। होने य दववाह यो कुघू ं डली म न हो का तो ौकन भी वह ु ख भोता है। नता हीन , चुलखोर लखोर , ोधी होता है र ी ही लो का अदपय न ाता है । ऐा ातक कई काय को एक ा ु कर ेता है। य कु ं डली म मं ल ुभ हो तो दनशत ही करयर त अा , धन , व अधकार पात होती है। माता -दता , ुन न , म व नी े य व ौय व आर का वहार करना चादहए। मेषष : कमभाव भ ाव म मे ष रा होने े ातक अ अर र खे ल का ौकन होता है। चुलखोरी लखो री क केे कारण उउक केे दवरोधी त होते ह र वह लो म अदपय होने लता है । ऎा ातक कई वाय करता है। य मंल ल म भाव म हो तो वह कुकु लक होता होता है ा ही वह डॉटर डॉटर , इंीदनयर ीदनयर या राय रकार के े र ाीन होता है। मेषष : - ुल ल अवा ेना ना क नौकरी , इंीदनयरं , फौारी का वकल , न न , ाइव ाइव , घड़ी का काय , रेदडयो दडयो व ट .वी . का दनमाण या मरमत , दवुत का ामान , कयूटटर र , ौहरी , अगन ी काय, मेके दनक , ट का भा , दकी फैफै म काय , भवन दनमाण ामी , धातु व खदन ी काय, नाई , ् , ेकरी करी का काय , फायरमेन न , कारेटर। टर।
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वृषभ षभ : क ंु डली म म घर म वृ षभ रा होने े ातक दता का यार ाने वाला , वाली , नेहही ी , दवन , धनी , ाार म कुल , ड़े लो े मता करने वाला , आमदवाी र राुष ष े काय ले ने वाला होता है । य ु ुभ अं म लवान हो तो ातक अा ाारी व मै ने रर न कता है। वृष : म भाव म वृ ष रा होने े ातक दनय ही चदककय काय म दवे ष च रखता है। ऎे ातक दवेष धामक धामक होते ह। ु ुभ हो तो उ तर क केे लो े ैठठक क नाता है। उके उके वायक काय कड़ा , ौय्करण क वतुएंएं, फ फेे वतु का वाय करना अदते होता है।
2-वृषभ षभ : - ौय पाधन , हीरा उो , ेययरर बोकर , क कमचचारी ारी , नरी र ी , खेतती ी , ंीत ीत , नाटक , दफम या ट .वी . कलाकार , ेटर टर , के मट , े दडाइनर , कृदष अवा राव दवभा क नौकरी , मदहला दवभा , ेलटे लटे या आयकर दवभा क नौकरी , या े धन कमाने का काय , ावट ता दवलाता क वतु का दनमाण अवा ाार , चकारी , कीाकारी , कलामक वतु ी काय, फै न , कमती र या धातु का ाार , होटल व फ फ ी कारोार। ************************************** मुननःः ऐा ातक कम को ही पधान मानता है । मा का दहतै षषी ी , मर दनमाण करने वाला , ा ी का भ , ेवी न करने वाला , भवान को मानने वाला , ाार या कृकृ दष कम े आीदवका चलाने वाला , क क, ीमा कंननी ी , कोषाय , अयाक क नौकरी करने वाला होता है । मुन : राय भाव म मु न रा होने े ातक दवे षकर कम ील ील होता है। ऎे ातक वाशणयक काय, ैक क , कारता , आ काय ü े ुड़ा ड़ा होता है इनका वायक काय ही लाह ेना होता है। ुध ुभ दत म हो तो रकार े े लाभ पात होता है । ऎे ातक नौकरी क अेा ा वाय करे तो े हतर होता है। मुन न : - ुतकालय तकालय अय , लेखाकार खाकार , इंीदनयर ीदनयर , टेलफोन आरेटटर र , ेमे मेन न, आढ़दतया , ेयर यर बोकर , लाल , ाक , ंवााता वााता , अयाक , कानार , रोडवे क नौकरी , ून न े ीदवका कमाने वाला , उोदत , चव , ाईदकल क कान , अनुववाक ाक , टेनरी क कान , योदतष , शणतज , लदक का काय , चाटड एकाउटट , भाषा दवेषषज ज , लेखक खक , कार , पदतलदक , दवजान पन , पन (मेनेनेमे मेट ट ) ी काय , भादषया , द एेट। ट।
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कक ः क ंु डली के व घर म कक कक क रा होने े ातक कई ु ण े यु , य चतु चमा हो तो रानीदत म च रखने वाला व रा रायय ा पात करके करके मा क भलाई करने वाला , ा े डरने वाला , नेहहवान वान , अयाय के दव लड़ने वाला होता है । वह आमदवाी भी होता है। कक :-- म भाव म ककक रा होने े ातक नीदतत कक नीदतत ात ातेे करते करते ह । ऎे ातक ीवन म दकतना भी उ तर र ंच ाएं दफर भी ंततुु नह होते। ार -ार म दवचार लना र अनी मानकता एक ी नह रखने रखने क केे कारण ये दवेष रेान ान रहते ह। चमा चतु या म ान म हो तो ये लो रानीदत मभ ी अा लाभ कमाते है ।
4-कक कक : - ड़ी -ूटय टय का ाार , दकराने का ामान , फल के ड़ ौ ौधध ी ी काय , रेटोरे टोरेट ट , चाय या काफ क कान , ल व कांच े त काय , मधु ाला ाला , लांी ी , नादवक , डेययरी री फाम , ीव दवजान , वनदत दवजान , पाणी दवजान आ े त काय , मधु के वाय , ुत त ा व कलामक वतु े त काय , ावट क वतुएंएं, अरी , फोटोाफ , अशभनय , ुरातव रातव इदतहा , ंहालय हालय , क , ामाक कायक कता ता या ामाक ं ा ा क केे कमचारी च ारी , अताल क नौकरी , हा क नौकरी , मौम दवभा , ल दवभा या ल ेननाा क नौकरी , नरल मचट। ट।
************************************ सहः ऐा ातक अहंकार कार े घरा होता है । य अहंक कार ार को या े तो ीवन को मा कते हह।। ंक कण ण दवचारधारा क केे कारण कभी -कभी अय केके ा होते ह । य ु , दन , ूयय , मंल ल , चंमा मा अदत ुभ हो तो ातक , पदता पात करता है। दता धनी होता है, त ड़े उो ादत करता है। सह : म भाव म सह रा होने े ऎा ातक अने पया पया े दवे ष े फल होता है। ऎा ातक पाय : दकी क लाह लेननाा ं नह करता। ये रहयमयी पक पकृृ दत क केे होते ह। इह मझ ाना आान ात नह होती। ूयय लवान हो तो ये ला े नौकरी करते है।
5-सह : - ेोलयम ोलयम , भवन दनमाण ण , चदकक , रानेता ता , षध दनमाण एवं ाार , कृदष े उात वतुएएंं, टाक एच , कड़ा , ई , का , टेनरी आ े त वाय , मीन े पात ा, ाक , पाक , अधकारी , वन अधकारी , रात , े मैनेनर े र , न के रम कड़ का ाार , फन्चर व लकड़ी का ाार , फल व मेवव का ाार , ायलेटट , ेततृक क ृ वाय।
*************************** ************* ***************************** ****************** *** कयाः वाकटु वाकटुता क केे कारण लोकदपय पोफ पोफेे र , खी य क हायता करने वाला , अने पाण को ंक कटट म डालकर र क रा म तर , वाशभमानी होता है। ुध लवान होने े राय म मान होता है। य ु भी ुभ हो तो ातक अा , पदता पात र पात करता है। कया : कमे े म कया रा होने े ातक ू णततया या आतक र ईरवा होता है। ये लो कभी दकी क चालू ी ी नह करते इी कारण इनक इनकेे कमे े म इनक नकेे दवरोधी अधक होते ह । ु र ुध ध क े दत होने े इह दकी भी े म हराना े ह मुकल कल होता है।
6-कया : - अयाक , कान , चव , रेददडयो डयो या ट .वी . का उोषक , योदतष , डाक ेववा ा , लदक , ैक क , लेखा खा ीी काय काय , वातकता, मैनेनर े र , ायवर र ंवाहक वाहक , ा , आुलदक लदक , अनुवाक वाक , ुतकालय तकालय अय , का का के ा ाारी ारी , हतलेख र अंुली ल ु ी केके दवेषज षज , मनोवैजादनक जादनक , अवेषक षक , ाक , रीक , कर अधकारी , ै मेन न, ोध काय कारता आ।
*************************** ************* ***************************** ****************** *** तुल लाःाः म भाव म तु ला रा होने े ातक मानव -भा क भलाई म ला रहता है । धम पचारक , धम के ू ढ़ मम को मझने वाला आ होता है । नौकरी क ाय ाार दहतकारी व ंा ा होता है। युववावा ावा मह ी ऐा ातक अनी काय मता कौल क केे ल र ूण ण ततया या ादत हो ाता है। तुला ला : राय भाव तुल लाा रा म होने े ऎे ातक पये क पाणी को खु रखना ं करते ह। इतने होते ह दक दकी काम क एक ार ठान ल तो ू रा करक करकेे ही म ले ततेे ह। य दन र ुध ुभ भ दत म हो तो यु वा अवा म ही ये लो रानीदत म अा नाम कमाते ह । 7-तुल ला ा : - यायाधी , मेट, रामाता ाता , दफम या ट .वी . े , फोटोाफर , फन्चर क कान , मूयवान यवान वतु का दवदनमय , धन का ले न न -ेन, नृय य -ंीत ीत या चकला े त काय, ा -ा , अयाक , क लक , एेी ी , लाली , दवलाता क वतुएंएं, रानेता ता , न क क अधकारी , फै न मॉडल , ामाक कायक कता ता, रेतरां तरां का मालक , चाय या काफ क कान , मूतकार तकार , काटू दनट , ौाक का दडाइनर , मेकअ कअ हायक , केरे प न।
*************************** ************* ***************************** **************** * वृशकः शकः ौय वहार व ु कौल केके ल र रदतय को अनुकूल न नाना ाना इह अ तरह आता
है। धामक धामक व ामाक काय म ढ़ चढ़ कर दहा लेते ह । य मंल ल लवान हो या लने दन वयं वे घर म हो तो ातक धनी होता है । खेल लकू कू , रानीदत , ुल ल अधकारी होता है। इक ूयय , ु क दत भी अ रहती है। वृशक शक : म भाव म वृ शक रा होने े ऎे ातक हठ , ुै ैल होते ह। ऎे ातक को ैततृक क ृ दत क त पात होती है। ये लो दवे षकर धनी होते ह । य मंल ल , र दन लवान हो तो ऎे ातक ीवन केके हर े म दवे ष ेप दत करते ह । इहेक म पयाे े दवे ष लाभ मलता है।
8-वृशक शक : - के मट , चदकक , वकल , इंीदनयर , भवन दनमाण ण , टेलीफोन व दली का ामान , रं , ीमेट ट , योदतषी र तां दक दक , ाूी ी का काम करने वाला , त चदकक , मेके दनक , ठे के ार , ीवन ीमा एेट ट , रेल या क कम चारी चारी , ुल ल र ेना ना केके कम कमचारी च ारी , टेलफोन आरेटर , मु खाा केके ाारी , ोता लाकर मोती दनकालने का काम , होटय या रेटोरे टोरेट ट , चोरी या डकै डकै ती , रा क फै , वक वक ा का काय, कल -ु क कान या फ फैै , लोहे या टल का काय , ताकू या रेट का काय , नाई , मान क कान , फायर देड क नौकरी। ****************************************** *************************** ************************ ********* *** धनुः य ृहहदत दत उ का हो या नवां , मां कुकु डली म ु भ हो तो ातक धनी भी हो कता है । दता क ेवा वा करने वाला , ु र ंर वतु को एक करने वाला , उकारी होता है । ाार म दवे ष उदत पात करता है। धनु : म भाव म धनु रा होने े ऎा ातक ो भी काय करता है । उम फलता पात करता है। ये नौकरी क अे ा वाय मअ ा लाभ कमाते है । इहअ ययन े क कोई ं ाा पारंभ कर े तो अयाधक लाभ कमाते ह ।
9-धनु: - क क नौकरी , अयान , दकी धामक धामक ान े , दडट का काय, कनी ेके , ठे के ार , ा ाार , पकाक , दवजान े त काय , ेमे मेन न , ाक , ा दवभा म काय , लेखन खन , वकालात या कानून ी काय , उेक , यायाधी , धम- ुधधारक ारक , कमीन ऐेट ट , आयात -दनयात ी काय , पानाधकारी , ु े उ वतु का ाार , चमड़े या ू तेक े ाारी , घोड़ केके पक , या ी काय , टेनरी दवे दवे ता। **************************************
मकरः कम हो ही धम मझने वाला , वा् , मानक वाला , मयानुक कूूल काय करने वाला , या े हीन होता है । ीवन केके मयकाल मयकाल म ु खी होता है। ऐा ातक खोी , आदवकारक होता है र अनी खो े लो को आय चदकत कर ेता है। इका काम हटकर होता है। मकर : म भाव म मकर रा होने े ातक को आीदव आीदवका का क केे लए कई वाय करने ड़ते ह । य ु ुभ ान म हो तो वह ातक अय काय े हठकर काय करता है । अचानक ऎे काय उके ारा दकए ाते ह , ो दक आकमक उक कत म चार चां ला ेते है ।
10-मकर : - नेववीी क नौकरी , कटम दवभा का काय , ड़ा ाार या उ ाधकारी , माेवी वी , चदकक , न, ेलर लर या ेल े त काय , ंीतकार ीतकार , ेवल एेट ट , ेोल ोल , मछली का ाार , मेनेनमे े मेट ट , ीमा दवभा , ठे केारी , रेददडमे डमेड व , लाटक , गखलौना , ावानी , खान ी काय , चव , कृ षक , वन अधकारी , कार , फै या मल कारीर , भी पकार केके मर। *************************** ************* ***************************** ******************** ***** क ंु भः वे घर म कु ं भ रा होने े ातक कू टनीदतज , रानीदतज दवरोधय े भी काम दनकालने वाला , आतक होता है। आक आक दत अ होती है। दन क दत अ होने र खू धन , पदता मलती है। दता े ंंधं अे नह रहते। नौकरी करते ह कुडली म ु भ यो hone se ानार पदत करते ह । क ंु भ : म ान म कु ं भ रा होने े ऎा ातक वा् र ईयालु होता है । ईर म इनका कम यकन होता है। ऎे ातक का वायक काय कृ दष , खरी फरोत होता है। मां -मंरा रा , ुआ आ , ा ेयय म भी ये अ ा लाभ कमाते है । ोध काय, ण काय, योदतष , तांददक क , पाक पाकृृ दतक चदकक , इंीदनयर ीदनयर या वै जजादनक ादनक , ा ददनक नक , ए ए -रे कमचारी च ारी , चदककय उकरण केके दवे दवे ता , दली अवा रमाणु े त काय, कयूटर ट र , वायुयान यान , वैजादनक जादनक , रन टैनोलोी , कानूनी न ी लाहकार , मीनरी ी काय , ीमा दवभा , ठे के ार , लोहा , तांा ा , कोयला व ईधन केके दव दवेे ता , चौकार , व ेटका टका र मकरा नाने वाले , चमड़े क वतु का ाार।
*************************** ************* ***************************** ******************* **** मीनः मीन रा म म होने े ातक ु आा ालन करने वाला , ौ , बाण व ेव उाक होता
है। ल े ंंधत ंधत काय े ीदवका चलाने वाला , मादनत होता है। ु लवान हो तो राय , धन , आयु का ाता होता है । मीन : म भाव म मीन रा केके होने े ातक मु यतया ुीवी ीवी होता है। अनी वाणी केके पभाव े ये हार क भीड़ म भी अनी अल हचान ना ले ते ह। इनका काय े क , लक , चदकक र लेखक खक होता है।
-मीन : - लेख खन न , ान , अयान काय, लदक , लाली , मछली का ाार , कमीन एेट ट , आयात -दनयात ी काय, खा ा या मान ी काय , ु े उ वतु का ाार , दफम दनमाण ण , ामाक काय, ंहालय हालय या ुतकालय तकालय का काय , ंीतज ीतज , याा एेट ट , ेोल ोल र तेल क केे ाारी , मु उा केके ाारी , मनोरं नन क केे के मालक , चकार या अशभनेता ता , चदकक , न न , न, ेलर लर र ेल केके कमचारी च ारी , योदतषी , ाष , वकल , पकाक , रोकदड़या , ताकू र दकराना का ाारी , ादहयकार। ****************************************** *************************** ************************ ********* ******* दववाह मय केके यो अर केके ड़े होने र उनके अर उनके माता -दता उनक ा केके लए सचदतत होते ह दक क ा क होी . वातव म ं ार म हर काय अने दनशत मय र होता है . मतल यह है दक क ा कम होी यह भी ईर म केके ा लखकर भेता ता है. चाहे तो दकी अ अेे योदतषी े अनी कुकु डली खवाकर ान कता है दक ा क होी . कु डली म ह केके अ अेे यो होने र दववाह क उमी रहती है दक दववाह े त भाव एवं ह र अु भ ह का पभाव होने र ा ेर े हो कती है . 1. दकी क कुकु डली म ु तम भाव म त ह ता दकी ु भ ह े ं ना रहे ह अवा तम म उ का ह तो 21 वष क आयु म दववाह होने क ं भावना नती है . (Jupiter in Seventh House suggests marriage in 21st Year) Y ear) 2. अर कुकु डली म ु तम भाव म वृ ही हो , दतीय भाव म लन ारा ह तो का
दववाह यौवनावा म होने केके यो नते है . (Venus in own-house signifes early marriage) 3. लने व तमे का आ म ान या ं ुभ ह े ने , दवेष े ु े तो ी का दववाह 18 े 20 वष व ु ष का दववाह 21 े 23 वष के मय होने क ं भावना नती है. 4. इक इकेे अलावा तमे र लने ोन दनकट भाव म त ह तो का दववाह 21 वष म पवे केके ा ही होने क ं भावना नती है. 5. लन नेे कु डल डलीी म ल लाली होकर त हो (Asce (Ascendan ndant-lor t-lord d in powerul position) र लने दतीय भाव म त हो तो ऎे का दववाह ी होनेक े यो नते है . इ यो केके का दववाह ुखमय खमय रहने क ं भावनाएं नती है . 6. अर दकी ी क कुकु डली म च उ अं क त हो तो ी व उके उके ीवनाी क आयु म अतर अधक होने क ं भावना भावना नती है . (H (Hig ighe herr lo long ngit itud ude e o Mo Moon on means dierence in the age o marriage partners) 7. अर तमे व हो ता मं ल ल ष भाव म हो तो ऎे का दववाह दवल े होने क ंभावना भावना नती है. तमे केके व होने के कारण वै वादहक ीवन दक ुभता भता म भी कमी हो कती है . 8. इक इकेे अलावा च अर तम म अकेके ला या ु भ ह े ह तो ऎे का ीवनाी ुर र व यह यो दववाह केके मय क ाधा म कमी करता है . 9. अर लन , तम भाव , लने र ु चर ान म त ह ता चमा चर रा म त ह तो ऎे का दववाह दवल े होने केके यो नते है . (Venus in a Moveable sign gives delayed marriage) 10. तमे छठे , आठव र ारहव भाव , लन भाव या तम भाव म त ह तो का दववाह ेर े होने क े यो नते है . 11. इक इकेे अदतर दन र ु लन े चतु भाव म ह ता चमा छठे , आठव या ारहव भाव म ह तो का दववाह ती वष के ा होने क ं भावना नती है.
12. दकी क कु डली म रा र ु पम भाव म ह ता मं ल तम भाव म त ह तो का दववाह 28 े 30 वष क आयु म होने क ं भावनाएं नती है . (Rahu and Venus in the frst house and Mars in seventh gives marriage in late 20s) शक , मकर म े दकी रा म तम भाव म त ह ता चमा व दन 13. अर ु कक , वृशक एक ा पम , दतीय , तम या एका भाव म ह तो का दववाह 32 वष के ा होने दक ंभावना भावना नती है. 14. कु डली म तमे लहीन हो ता दन व मं ल ल एक ा पम , दतीय , तम या एका म ह तो का दववाह 30 वष क आयु के ा होने क े यो नते है . 15. इक इकेे अदतर मंल ल या ु एक ा ंचम चम या तम भाव म त हो एवं नो को ु ेख रहे ह , तो का दववाह वयक आयु म होने क ं भावना नती है. दववाह केके लये तम भाव , तमे र ु का दवचार दकया ाता है . ये तीन ुभ दत म ह तो दववाह ी होता हैत ा वै वादहक ीवन भी ुखमय खमय रहने क ं भावनाएं नती है . इके दवरीत तम भाव , तमे र ु तीन दकी भी पकार के ा पभाव म ह तो दववाह इके म दवल क ं भावना नती है . दववाह केके मय का दनधारण र ण करने म कुडली म न रहे यो दवे ष भूमका मका दनभाते है . दकी को ीवन म दकतना ु ख मलेा ा यह कुकु डली केके यो र दनभर करता है . ुभ ह , ुभ भाव केके वामी होकर ु भ भाव म त ह , ता अुभ ह दनल होकर अुभ भाव के वामी होकर , अुभ भाव म त ह तो को अनु कु ल फल ेत ेह . आईये ेखे दक कुकु डली केके यो दववाह मय को दक पकार पभादवत पभा दवत करते है . 1. म कुकु डली म अमे ंचम चम म ह का दववाह दवल े होने क ं भावना नती है . अम भाव व इ भाव केके वामी का ं न भाव े नता है . उन भाव केके फल क पात म ाधाएं आने क ं भावना रहती है. इकेे अलावा म कुकु डली म ू य व च दन े ू ण ं रखते ह त भी का 2. इक
दववाह ेेर े होने केके यो नते है . इ यो म ू य व च ोन म े कोई तम भाव का वामी हो या दफर तम भाव म त ह तभी इ पकार क ं भावना नती है. 3. ु केके म त ह र दन ु े तम भाव म त ह तो का दववाह वयक आयु म पवे केके ा ही होने क ं भावना नती है. 4. दन तमे होकर एका भाव म त ह र एकाे म भाव म ह तो का दववाह 21 े 23 वष म होने क उमी रहती है . 5. अर ु च े तम भाव म त हो र दन ु े तम भाव म त ह तो भी का दववाह ी हो कता है. 6. इक इकेे अदतर तमे र ुभ ह दतीय भाव म ह तो का दववाह 21 वष मम हो हो कती है. 7. म कुकु डली म ु भ ह पम , दतीय या तम भाव म ह त का दववाह 21 वष के आा होनेक े यो नते है . 8. च कुकु डली म ु े तम भाव म हो व ु ध च े तम भाव म र अमे ंचम चम म हो तो का दववाह 22 व वष म होने क ं भावना नती है. 9. इक इकेे अदतर ु दतीय म र मं ल अमे केके ा ह तो ाई े ताई वष क आयु म दववाह करता है . 10. च ु े तम म र लने ु एका भाव म त ह तो का दववाह 27 व वष म होने क ं भावनाएं नती है . 11. अर कुकु डली म तमे नवम म हो , ु तीरे म हो तो का दववाह 27 े 30 के मय क आयु म होने के यो नते है . 12. अमे व -रा म त ह र लने ु केके ा हो तो का दववाह दवल े होने क ंभावना भावना ढ़ ाती है.
13. तमे दकोण भाव म ूर ह केके ा ह र ु भी ा ह े ीदड़त होकर दतीय भाव म त ह तो 30 वष के ा दववाह क ं भावना रहती है. 14. लने या तमे वरा म त होकर ं चम या छठे भाव े र त हो तो क ा ेर े हो कती है .
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कैा होा ीवन ाी ? मेरराा ीवन ाी भला क कैै ा होा ,या करता होा ,ये वाल कभी न कभी हर दकी कया क केे मा म अवय आता होा।आइये ेखते ह क ा भला इ दवषय र या कहता है ।लन े तम भाव को दववाह े ं धत भाव क कहा हा ाता है।।मम लन केके दहा े आ ये ताने का पया कर रहा ँ क दक लन क कया का ीवन ाी या खूदयाँ द याँ लए आ हो कता है । हालांदक दक ह क अल अल अवा क वह े इम ोडा त लाव ं भव होता है ,दकतु दफर भी मूल ांत एक ामान ही होते ह।
1. मेष लन क कया कया क केे ातव ातव भाव म ु क वृष रा होती है ।।अततः अततः ामयतः कया का होने वाला ीवनाी ीवनाी हलके हलके रं ,ोड़ी ली नाक ,भारी रीर ,ु ंरर आँख ख का वामी व ोडा ा आराम तल होता है।इी ।इी केके ा य तमे क उदत रे या ारहव भाव म होती है तो वह कया े कम वान दकतु धनी हो कता है । ारवारक ीवन ामाय रहता है। --ु य 6 व भाव म होता है तो दत कया को पयात मय नह े ाता है ,रणामव ाय ीवन त अधक ुखी खी नह हो ाता . --ु य 8 व भाव मे हो तो ीवन ाी दकी ख़ा मया े त हो कता है ,ोन म े दकी एक को दकी पकार का योन रो हो कता है।दकतु ।दकतु े दतीय भाव म वराी र ी रखने केके कारण ीवनाी धनवान अवय होता है। --दकी भी दकोण म ु क उदत ाय ीवन को मधुर ना ेती है। --तमे य दन केके ा हो तो ीवन ाी रोी या आयु म अधक ढ़ा होना ं भव होता है।अततः ।अततः ांय य तधन अधक मधुरयहाँ नह कहा ा होताीवन है अततः क कमी ेखने मा नकता।दकतु ह आती। इ लन म दन को मे व आए का
--भाये ु ,ूयय या च क केे ा तमे ु क युददतत होने े ीवन ाी ाचारी व चरवान होता है,अर यह युदत दत आठव भाव म हो तो कया का अने ीवन ाी र ू ण अधकार रहता है । -- 6-7-8 व भाव म य ा ह ह तो ाय ाय ीवन म दखराव क दत आने के ं केत मलते ह,अततः ऐे मरखा आवयक केे ा भी आी तालमे ल ठक ाय। है क दववाह ू व कु ं डली मलान ही पकार े हो व दववाह क
--कया केके ातव भाव म य क केे तु ह या ु क केे ा कह भी केके तु क युददतत हो तो दववाह के ा कया को चादहए क अने ूवव के दकी भी ु ष म े ंक क न रखे । न ही घर म दकी क केे आने ाने का लला ने,यदक ऐे म ीवनाी को े वह क ुहा हा होता है व आी कमोर हो ाता है। अततः दकी भी पकार क ैर मेाराना ाराना हरकत े चना ु भ रहता है। -- लन ,म या एका भाव म ु क केे होने े ीवनाी अे वाय का मालक होता है ।कया का भायोय दववाह केके ा ही होता हैद कतु ऐी अवा म कया को दत के त अधक ादन ादनय य क आ नह करनी चादहए।
--इक इकेे अलावा दकी भी कुक ंु डली म कया के लए ु क दत भी ही होना आवयक होता है । वह 8 व भाव केके वामी र भी नर डालना आवयक है । ातवां भाव हाँ दत के ुख का भाव होता है वह आठवां भाव दत े ु ख केके म ेखा ाता है ।
दववाह भाव
र ) ( २ - ६ - १० शण ) ( ३ - ७ - ११ शम ) ( ४ - ८ - १२ उर ) ( १ - ५ - ९ ूर म नह मल ा रही है |
इे तो याा
ूयय का तम भाव म होने े या तमे होने े :-- तम भाव र ूयय क ु भ नह मानी ाती। दववाह म वाभादवक ेरी होती ही है । ातक केके वैवादहक वादहक ीवन म हमे ा खटट नी रहती है। ातक र उके उके नी या दत केके तर म अं तर होने े भी ये मतभे हो कते ह। यदक तम का ूयय होने र ीवन ाी अने े अे तर वाला मलता है र पभावाली भी होता है । तम का ूयय पायः धनाभाव भी ेता है अतः क आ ले ने क मया हमेा ा नी रहती है। इ कारण े भी दववाह केके ा ोन म मतभे ना रहता है | तम ूयय होने र नौकरी का ही पया कर । ाार करने र घाटे क आंका का नी ही रहती है।
तम का ूयय ु भ पभाव म होने े ातक को क क नौकरी र लवाता है । ूयय - -- क ंु डली म ातव भाव म ू य होता है तो , उका होने वाला ीवनाी द पक पकृृ दत र च् े रदहत ु रीर वाला होा। ंभीर भीर ,उाशभलाषी , तेवी वी , ाही , र ोलने वाला होा। अंध दवा े रदहत होा। लन तम र लन का ूयय ातक ी केके या अने ीवन ाी या पे मी क केे लए क कुु छ भी कर कता है |
*************************** ************* ************************** ************ चं का तम भाव म होने े या तमे होने े :--तम चंमा मा ुर र र योय ीवन ाी मलता है मर उ र हावी रहना चाहता है |उे खावा याा करता है कभी -२ याा ाार े कमर होता है | तम र च क हो तो ीवन ाी ड़ा आकषक होता है। नरम ल वाला , भावुक र ौयता े ातचीत करने वाला होता है । ऐे ातक को ीवन ाी े ूण ण हयो मलता है। ी ातक क कु ं डली म तम च हो (ोष रदहत ) तो दत घर केके काम म भी ू रा हयो कराता है। इन ातक को वत वाय म च ले नी चादहए। ये धन को ं हह करने म च रखते है र कभी -कभी कंकं ू भी कहे ा कते ह ।
क ंु डली म तम भाव म चं होता हैउ का ीवनाी वात र कफ पक पकृृ दत का होने के ा ु ंरर ने र कोमल रीर वाला होता है। वह मीठे वभाव वाला होता है। ऐा ीवनाी ंवेवनील े नील , चंचचल ल र य दपय होता है | *************************** ************* ***************************** ********************* ****** मंल ल का तम भाव म होने े या तमे होने े :--तम भाव र मंल ल क नर होने े ये ुभ भ नह होती। मकर या वरा केके मंल ल केके फल अधक ती मलते ह । लन केके मंल ल क दत या नी को अशभमानी नती है र दववाह ुख म कमी कराती है । ोन ही ुे े केके ते होते ह अतः मतभे ने ही रहते ह । चतु भाव केके मं ल क भी अुभ फल ेती है। ाी को उर रो होते है । ार ारहव हव भाव के मंल ल क ैया या ुख म कमी लाती है । रे दववाह का भी यो नता है। क कुु ल मलाकर मंल ल क इन दतय म कु डली मां लक ही कही ाती है अतः दववाह कर मय इ मं ल ल को मला कर ही दववाह करना अा रहता है अया दववाह ु ख नह मलना तय होता है । मंल ल क नी क कु डली म हो तो दत को ने व मां ाहार क ौकन भी नाती है। मंल ल का पभाव होने र अदत भो -
दवला र ने आ का ौक हो ाता है े वाय दड़ने क ू री आंका का रहती है। ऐे लो को चर का दवेष यान रखना चादहए र ु क रण म रहना चादहए |तम भाव म मं ल उ का हो तो ऐी कया को वर उम , तेवी वी वभाव का , ुल ल या ेननाा म काम करने वाला मल कता है। तम मंल ल े ीवन ाी े वार -२ या ी े वार -२ खी होना ड़ता है |या अमादनत होता है | मंल ल - मंल ल तम भाव म या तमे होने क केे कारण ीवनाी द पकृ पकृ दत का र उ वभाव वाला होता है। उक ठोड़ी कुकु छ ड़ी होती है। हठ कुकु छ मोटे होते है। उक वाणी म मठा नह होती र वह हठ वभाव का होता है।
*************************** ************* ***************************** ********************** ******* ुध का तम भाव म होने े या तमे होने े :--तम ुध केके कारण कई वार एक े अधक दववाह या ीवन ाी े दवयो हना ड़ता है | यह अर छोट उ म ा कराये तो ु भ रहता है | ड़ी उ म रे ानी ेता है |ुध क तम र ातक को वहार कुकु ल , वाक टु र दववेक क नाती है। ऐे ातक पायः ले खन -पकान केके काय े ु ड़े नर आते है । य यह ुध ुषष रा म हो तो यह ंभावना भावना र पल हो ाती है र ातक इी को अनी ीदवका नाता है । ुध क इ भाव र ातक को भोन भ यादन अधक भोन करने वाला नाती है र इे ातक का वन ढ़ता है। ुध क ीवन ाी का े फ मर म र अा रखती है। ाी वाचाल होता है, उे त ोलने क आत होती है र य ु ध अुभ हो तो यह ोलना कटु , ंयय या ताने मारने वाला भी हो कता है । अगन तव क रा का ुध ध , ातक को मम करने वाला र दवनो भी नाता है । ुध क मन को अर ना ेती है अतः ाी क केे ारे म भी दवचार लते नर आते है । दववाह म त ना -तौल करने क आत हो ाती है । ध - तम भाव म ु ध केके पभाव पभाव े भारी रीर र चौड़े मु ख वाला ीवनाी मलता है । ुध के कारण शणत एवं वाशणय म च रखने वाला र हाय दपय ीवनाी मलता है । ुध क केे पभाव े ोलने म चतु र र ुमान मान ीवनाी मलता है।
*************************** ************* ***************************** ********************** ******* ु का तम भाव म होने े या तमे होने े :-- ु तम भाव म ीवन ाी े अहम क भूमका मका अधक रहती है | नी आते े ही भ वती वती हो ाती है | तो ुभ रह रहता ता है |या कभी -२
भववती ती या ंतान तान वाली े भी दववाह अचानक करना ड़ता है |तम भाव म धनु का ु हो तो ऐी कया को मलने वाला वर ु ंर र , ुणी णी , उमी या वकल , क या क ककम् कम् भी हो कता है। लन म रहकर ु तम को ेख रहा है | ातक ुर र , ुमान मान र दववेक क होता है। उक आयु ूण ण होती है र वह र क म को तर रहता है । हाँ , इनम अने जान का अहं कार भी रहता है। ीवन ाी ुशत शत , अ अेे वभाव का र मझार होता है। ु तीरे भाव म रहकर तम को ेखता हो तो ा म कमी को खाता है । ड़ी हन का ुख नह मलता , धन या कत म े एक ही पात होता है । ीवन ाी े मतातर रहने े खटट नी रहती है । ु आय (11 व) भाव म हो तो ातक र उके उके ाी केके लए ठक होता है मर ु ुख म कमी करता है। सह का ु इ अुभ फल म वृ करता है। ये ातक वाय म हादन ही ाते है । ु - अर दकी कु ं डली म तम भाव म ु होने े उका ीवनाी कफ पक पकृृ दत का , भूरेर े ाल र ररे े ने र वाला होता है।होता वह हैभारी रखनेभू व ाला वाशभमानी । रीर र लं ेे क वाला होता है। ऐा ीवनाी धम म च
*************************** ************* ***************************** ********************** ******* ु का तम भाव म होने े या तमे होने े :--ु तम म होने े या तमे होने े याा ुर र ीवन ाी नुान ान करता है |दववादहक ीवन ावले ुष ष े लाभ होता है | ु क तम र ातक र उके उके ाी को आकषक नाती है। शभ सली लो क तरफ झुक काव ाव याा रहता है। ोलने म मठा रहती है । ऐा ु होने र ातक ा केके मय खू नखरे करता है र अंत म ाधारण े े दववाह कर लेता ता है। दवचार अर होने े धन का अय भी करता है। तमे ु उ का होकर ा भाव मह ो तो म ान े र दववाह होा , लेदकन दकन दत ु ंरर होा। ु य ुष ष कु ं डली म ० े ५ र २२५५ े ३० दडी का का हो तो ीवन ीवन म ी ु ख म कमी आती है | म कु ं डली म ु पेम ंंध ंध का र ा का कारक होता है ..क ंु डली म ु क केे खरा होने क दत म लत / अनेदतक दतक न ाते ह | ु - ु क केे पभाव े होने वाला ीवनाी वात र कफ पकृ पकृ दत का कुकु छ ांववले ले रं का होता है । ु क केे कारण रं दरंेे व म च रखने वाला होता है । ु रता ंरता दपय मीठा ोलने वाला र ु ंध धं दपय ीवनाी ु क केे पभाव े ही मलता है ।
*************************** ************* ***************************** ********************* ****** दन का तम भाव म होने े या तमे होने े ातक क कु ं डली म तम दन नी ड़ी मलती है
|दन व -अत -उ या वराी का हो त ये फल ेा | तम भाव म दन हो तो अनी उ वाला वर मलेा ा , रं ांवला वला भी हो कता है। उ राी का दन तम म हो तो रते ारी म भी ा करा ेता है | दन लन े तम को ेखता हो तो भायोय होता ही है। ाधारण े घर म म होता है , दववाह के ा एकम न दफर ाते है। दवेष कर य तुला ला लन म दन हो तो ऐा होता ही है । ाी का रं ा आ होता है, खने म ाधारण ही होता है मर ातक को भरू र ुख ख -ाधन ेता है। नीच का दन कई मया को ेता है। हर काम मद िवन आते है । दववाह भी फल नह हो ाता। क , ंभ भीर ीर र ांत होता है । इनक दन ंचम चम म रहकर दन तम को ेख रहा है | ातक दववेक अयाम , रच र तं -मं म च रहती है । यह दन भाइय केके लए ुभ नह है , ीवनाी े भी मतभे नाए रखता है। ाी या तो कम ढ़ा -लखा या कम तर का होता है। दन े ुध का अुभ यो हो रहा हो तो ातक काम म े ईमानी करता है। य दन म े तम को ेेखता हो तो ातक को अधकारी लवाता ही है। हालाँददक क खू मेहहनत नत र ंघघषष ेता है , मर अंत म फलता छर फाड़कर मलती है (य ाक यो मूत हो तो )। ऐे ातक का भायोय मभूम म े र या दवे म होता है । ाी मझार होता है र तालमे ल ना रहता है। यह दन दववाह म ेर करा कता है । दन क अुभता भता त अुभ फल ेती है। दन - तम भाव म दन होने े वात पकृ पकृ दत र ावल रं का ीवनाी मलता है। ीवनाी का क लंा ा र वचा खी होती है। ऐा ीवनाी कम ोलने वाला होता है ा ही उक वाणी म कठोरता होती है।
:--ी दका म तम दन हो तो दत छोटा मलता है | *************************** ************* ***************************** ********************** ******* रा का तम भाव म होने े या तमे होने े :- - तम रा अंतरातीय तरातीय दववाह हो तो दववादहक
ीवन अधकतर ुख खीी रहता है |लन म रा या तम म केतु ारवारक ीवन कट अवय ेता है | मर धामक धामक ीवन े ीवन ु खी रहता है | तम र लन केके रा क ाी केके ीवन को धोखा होना ताती है। ऐे ातक घमं ड करते ह र य अधकारी न ाए तो भी को खी करक करकेे छोड़ते ह। येननकेके न पकारेण अना काम नवा लेततेे है। ाी क र यान नह ेते। अतः दववाह फल नह होता। अर रा दववाह या अय ं ंधं भी होते ेखा या है । तीरे भाव केके रा क ातक को रामी नाती है , ु उके उके ामने टक नह ाते। ये ातक ाी को काू म रखते है मर उनका यान भी रखते है । आय भाव केके रा क को रत लेनेने को उकाती है। वह रक लेनेने का ौकन होता है र इे धन का नुक कान ान करता है र ाी को भी ःख ेता है। कया ंततान ान अधक होती है। अदवाी भी होते है ।
*************************** ************* ***************************** ********************** ******* के तु का तम भाव म होने े या तमे होने े :-- केतु क ातक को दवच वभाव का नाती है। उे वात दवकार भी रहते है । वृशशक क या धनु का केके तु ु भ होता है र धन , ी , ंततान ान भी ुख ेता है। ाी े पेम रहता है। अुभ या नीच का केके तु चोट , नुक कान ान या मतभे का कारण नता है।
*************************** ************* ***************************** **************** * खी र ु र ं र ांय य ीवन क मनोकामना ूण ण करने के लए कुकु छ रल उाय। ुखी मेष लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :— मेष का ाय ुख का कारक ह ु होता है। ये लो ां य ुख क केे लए दनन उाय कर ाय व शय को चावल गखलाएं। चावल उालकर , काकर ेेी घी डालकर ी को । ाय को पदतन ो रोट तेल लाकर । घर म ु ुम दहला का मान करना चादहए व आीवा लेननाा चादहए। वृष लन म तम भाव का वामी (The lord o the seventh house in Taurus ascendant)वृष लन क कुडली म तमे मंल ल होता है . वृष लन म भाय ान म ै ठा मंल ल अनी उ रा म होता है दफर भी यह केके भाय म ाधक होता है . दवेषषतौर तौर र दववाह केके ात ात भा भाय य म अधक अवरोध आता है . लेदकन दकन , मंल ल कुडली डली म य य 100 े 13020′ तक हो तो ुभ फल ेता है. मंल ल य नवम भाव म नीच ु क केे ा हो तो यह भाय को अधक कमज़ोर नाता है ..||
वृष लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—- वृष लन म कारक ह मं ल होता है। वृष ष लन केके ातक लाल कड़े म (ूतती ी , चमकला न हो ) ोड़ी ी फ ांधधकर कर अने यनक म रख । लाल चंन न का दतलक ललाट र लाएं। मंलवार लवार को हनुमान मान मंर र म लाल चं न । नया ूता त ा -चल नवरी -फरवरी केके महीने म न खरी। मुन लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—- मुन लन म कारक ह ु होता है। ांय य ुख क केे लए ये ुवार वार का त रखकर एक मय भोन कर। पदतन तुली ली केके ौधे क केे म घी का क ंया या मय ो ल डालकर लाएं व पणाम कर। रदववार को यह उाय न कर। ाय ुख क केे लए माे र ोीचं न का टका लाना चादहए। कक लन म तम भाव का वामी (The lord o the seventh house कक in Cancer ascendant) कक कक लन क कुडली म दन तम भाव केके वामी होते ह. कक कक लन म दन अमे भी होते ह अत अत : नवम भाव म म रा म होने र भी भायोय म हायक नह होते ह . हालांदक कुकु डली म 13020′ के ीच म होने र ादन भाय को लवान ना कते ह. अय दतय म दन े अधक ु भ फल क उमी करना फायेमं नह होा ..|| कक कक लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—-कक कक लन म कारक ह दन होता है । इनका ाय ीवन त ुखी खी नह कहा ा कता। ां य य ुख केके लए इ इहह पये क दनवार को पात :काल ील वृ क केे म दतली दतली क केे तेल का क लाना चादहए। दनवार व मंलवार लवार ाम के मय अने ीवनाी केके ा हनु मान मंर र र ाना चादहए | सह लन म तम भाव का वामी (The lord o the seventh house ु रा होती है इ लए in Leo ascendant) सह लन क कुकु डली म ातव घर म क सह लन म दन को तमे माना ाता है . भाय ान म दन होने र केके भाय म कावट आती रहती है दवे षतौर र दववाह क केे ात दन भायोय म हायता नह करते ह . इका कारण यह है दक सह लन र लन है र र लन म नवम भाव ाधक होता है . ाधक भाव म नीच दन होने क वह े भाय कमज़ोर हो ाता है. म कुकु डली म दन य 23020′ र हो तो भाय को कु छ ल मल कता है..|| सह लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :— सह लन म कारक ह दन होता है । ऐे म दनन उाय कर-दनुय य यो म नाव क कल का छला नवाकर मयमा उंली म हन । राधाक राधाकृृ ण
क मूत त क केे ामने तु ली का ौधा एवं ं ाल रख। उम ो े तु ली केके डाल । क , ुल ला ा क अरी लाएं। राधाक राधाकृृ ण क मूत र ुला ला का हार चढ़ाएं। कया लन म तम भाव का वामी (The lord o the seventh house in Virgo ascendant) ु कया लन म तमे होते ह . कया लन क कुकु डली म ु भाय भाव म त हो तो ु भ फल ेते ह यानी भाय को ल मलता है . हालांददक क नवम भाव म ु अने ु रा म होते ह ता कया लन म ु को क केे धदत धदत ोष लता है . कया लन क कु डली म ु ुध केके ा भाय भाव म होने र भाय त लवान हो ाता है . इक इकेे दवरीत मंल ल के ा ु होने र भाय म ाधा आती है .| कया लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—– कया लन का कारक ह ु होता है। ऐे ातक दनन उाय कर- भवान लमीनारायण क आराधना कर। यारह एकाी म 17 पकार के फल , 7 पकार क दवशभ ाल ादहत हरमं र यानी लमीनारायण भवान क केे आे मंर र म चढ़ानी चादहए व एक घी का क लाना चादहए। तुल लाा लन म तम भाव का वामी (The lord o the seventh house in Libra ascendant) तुला ला लन म तमे मंल ल होता है. मंल ल तुल लाा लन म रे घर का भी वामी होता है अत : ोन मारक भाव का वामी होने केके कारण भायोय म मं ल ाधक होता है. तुला ला लन म नवम नवम भाव म मं ल ु रा म भी होता है अत : ोन ही तरह े मं ल को भाय म अवरोध कहा ाता है . मंल ल केके ा य अय अय कोई ह हो तो ु क केे कारण भाय म ाधा आती रहती है . योदतषा केके ांत क केे अनुार ार तुला ला लन म भाय भाव म ैै ठा मंल ल भाय म ाधक होते ए भी कुकु छ दतय दतय म ु ु भ फल े कता है ै ेे क कुु डली डली म ममंं ल 3020′ े 6040′ तक ता 100 े 13020′ तक हो ..|| तुला ला लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—-तुला लन का कारक ह मंल ल होता है। ये लो दनन उाय कर-पम मंलवार लवार का त रख। एक व मीठे े भोन कर । हनुममानी ानी को चोला चढ़ाएं। लाल फूल, चमेल लीी का तेल ल , चां का वक , अनार अत कर। 21 मंलवार लवार तक भवान व र लाल चंनन का ले ता लाल चंन न मंर र म ान करना चादहए। वृशक शक लन म तम भाव केके वामी (The lord o the seventh house शक लन म तमे होते ह . ुभ ह होने के in scorpio ascendant) ु वृशक
ावू भी भाय ान म ै ठने र ु भाय को लवान नाने म अम होते ह यदक , र लन म नवम भाव ाधाक भाव होता है. ाधक भाव म ु होने केके कारण ु का ुभ पभाव कम हो ाता है. इ दत म य ु क ुध केके ा युददतत हो तो भाय म अधक ाधाएं आएं ी . कुडली म य ु 100 े 13020′ तक हो तो ु भाय को ल पान कर कता है..|| वृशक शक लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :— – वृशक शक लन का कारक ह ु होता है। इनके इनके उाय इ पकार ह -मछलय को मीयु उले चावल चढ़ाएं। राधाकृ राधाकृ ण केके मंर र म ु वार क ाम को ुंधत ं धत इ चढ़ाएं। पयेक ोमवार एवं ु वार वार को भवान व को फ फेे ु ंधत धत ु चढ़ानेच ादहए। वसल र फे फे चं न का ले कर। धनु लन म तम भाव केके वामी (The lord o the seventh house in sagittarius ascendant)-धनु लन म ु ध ातव घर का वामी होता है . धनु लन म नवम भाव म सह रा होती है ो ु ध क म रा है . म रा म ु ध क केे ाधदत ोष के ावू ुभ फल ेा . इे दववाह केके ात का भाय अधक उत होा . ुध ु युददत त होने र भाय म अवरोध आ कता है .| धनु लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—- धनु लन का कारक ह ुध होता है। ाय ुख केके लए ातक को भवान णदत क आराधना करनी चादहए। हर ुधवार धवार 21 वा, सर क डी व ांच ल वक वक लाकर णो मंर र म अ ण कर। ुधधवार वार क केे न हरे व हन। हरे व व हरी चूददड़यां ड़यां ु धवार को दकर को ान कर। मकर लन म तम भाव केके वामी (The lord o the seventh house
in Capricorn ascendant) मकर लन म तम भाव म ककक रा होती है . कक रा का वामी च होता है. मकर लन क कु डली म ु ध नवम भाव म ु रा म होता है दफर कक भी यह ुभ फल ेता है. इ लन म च केके ाधदत ाधदत ोष े ीदड़त होने के ावू केके भाय को मूत नाता है. मकर लन म ू यय भाय ान म होा तो भायोय म ाधा आ कती है . | मकर लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—- मकर लन का कारक ह चंमा मा होता है। इन ातक को ौरींक करर ा धारण करना चादहए। ुल क केे पम ोमवार , पोष , योी , ावन केके ोमवार , इन ुभ यो म धारण कर । चां का ना चं मा मा यं ंाा ल े दव कर ू ा ा घर म रख । हर ूणमा णमा र ंाा ल े यं को नान कराएं।
कु लन म तम भाव केके वामी (The lord o the seventh house in Aquarius ascendant) कु लन क कुडली म ातव घर म सह रा होती है अत : कु म ू य को तमे कहा या है . तमे ूयय कु लन म नवम भाव म होने र वह अनी नीच रा तुला ला म होता है . इक इकेे अलावा र लन म नवम भाव ाधक ान होता है . इन ोन कारण े कुकु लन म तमे ूयय भाय भाव म ै ठकर भाय को लवान नाने म अम होता है. ूयय के ा च य भाय भाव म ै ठा हो तो यह अधक ाधक होता है . कुडली म ू य य 200 े 23020′ हो तो भाय का हयो मलने क ं भावना रहती है..|| क ुं भ लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—-क ंु भ लन का कारक ह ूयय ह ै । ऐे ातक को पदतन ूयय भ वान को तां े केके ा म ल चढ़ाना चादहए। ल म ात ू ं ुल ला ा ल क डाल। तांेे का ु छेवाला का ुल केके पम रदववार को लाल धाे म ले म धारण कर । ुषष ादहने हा क व यां ाएं हा क रफ र म लू लू टोा रन हन । मीन लन म तम भाव केके वामी (The lord o the seventh house in Pisces ascendant) मीन लन क कुकु डली म कया रा ातव घर म होती है . इ रा का वामी ुध होता है . मीन लन म भाय ान म वृ शक रा होती है . वृशक शक म ु ध नीच का होता है, इलए भाय भाव म ै ठा ुध भाय को लवान नह ना ाता है . री ात यह है दक मीन लन म ु ध को के ाधदत ाधदत ोष लता है इलए भी ुध का भाय भाव म होना क केे लए कम ुभ फलायी होता है. ुध य म कुकु डली म 6040 े 100 तक हो त ुध भायोय म हायक हो कता है .| मीन लन म ाय ीवन को ु खी रखने का उाय :—- मीन लन का कारक ह ु ध होता है। इन ातक को भवान दवणु क ू ा करनी चादहए। ुधधवार वार क केे न कया को हरे रं केके व उहार व भट कर। ात अोक वृ केके े ुल ल म ोमवार ोमवार को घर क केे मं र म रख । धू - े ूा ा कर। मुररझाने झाने र नए े लाकर ु राने को ील केके नीचे रख ।
*************************** ************* ***************************** ***************** ** ाव का वामी या होता है , ातवेभ
:-
१. ातवे भाव का वामी लन याने पम भाव म होता है , तो ातक वान ता अनी नी े पेम करने वाला होता है , ा ही वह अय ीय क र भी ी आकृ आकृ हो ाता है।
२. दतीय म होता है तो , ातक को वभाव क नी पात होती है , ता ु क इा रखने वाली , यह ातक ाझेारी ारी ारा धन कमाता है ता कु टु ं े पेम रखने वाला। तमे ुभ ह होतो , ातक क ी ुलणा लणा ता ती केके भाय को ड़ाने वाली होती है । ३. तीरे भाव म होता है तो , ातक आमली , ु ता भाई -ंधुध ु े पेम करने वाला , य तमे ा ह होतो नी वती होती है । ४. य चतु भाव म हो र वह ा ह होतो , ातक को चंचल चल वभाव वाली ी मलती है। नी दतता होती है। य तमे ुभ ह होतो ातक णी णी ,चतुर , ता ती वाला होता है। ५. य ांचचवेवे भाव म ह ोतो , ातक भाय वान , ाही ुणी णी , धनी , ुख भोने वाला होता है । ६. य ६ ठे भाव म होतो , अनी ी े ुता ता रखने वाला , नी ीमार रहने वाली , अवा ोधी वभाव क होती है। ा मद वल होता है । ७. य ७वे भाव म ७ वे भाव का ही वामी हो तो , य ुभ ह व ुभ ह े पभादवत हो तो , दवन , उार , दपय , र य ा ह े पभादवत हो तो , ाय ीवन कमय , अलाव ादवत , योदन म कोई क हो कता है । ८. य ८ भाव का वामी होतो , ाय ीवन क प हो ाता है , नेय य रो मु , ुाा रोदणी , दत केके लयेअ दनकारी। ९. य ९ भाव का वामी होतो , रा , ुीला ीला , भायवती , दवषी , दवयात , य ा म तमे ेभ ी हो ाय तो , पेम दववाह भी व। १०. य १० वेभ ाव का वामी हो तो , दवषी , दवचारवान , ाय ीवन ुखी खी , वाय ेल ाभ। ११. य ११ वे भाव का वामी हो तो , ुीला ीला , महवकांी , ा ायय ीवन ुखी खी , रतु कामुक व रोदणी। १२. य १२ वे ाव का वामी हो तो , रा , दनत , कट , ाय ीवन अांत ता क प
, य ा ह या ा पभाव म होतो , दत े दवे दवे क ावना होती है । केवल लड़दकय केके लए : ादनए आका दत कैकै ा होा ...
ामायत : भी अदववादहत अदववादहत लो को यह ानने क जाा रहती है दक उनक उनकाा ीवन ाी क कैै ा होा ? उका वभाव कैकै ा होा ? इ जाा क ांदत दत केके लए क ंु डली अययन क ा कती है। भृुु ंदहता दहता केके अनुार ार कु ं डली का तम भाव दववाह का कारक ान माना ाता है। अल -अल लन के अनुार ार इ भाव क रा र वामी भी ल ाता है। अत : यहां ै ीी रा रहती है उ का ीवन ाी वै ाा ही रहता है। यहां ादनए दकी लड़क क कु ं डली के तम भाव म ो रा त है उ रा के अनु ार उका ीवन ाी कैकै ा होा मेषष :य दकी लड़क क कु ं डली क केे तम भाव म मे ष रा त है तो उका ीवनाी कई भूम म भवन का मालक होा। इनका वैववादहक ादहक ीवन ुखी खी र मृाली ाली रहता है। वृषष : न कया क कु ं डली के तम भाव म ववृृ ष रा त है उह ु ु र र ुण णवान वान दत क पात होती है। इनका ीवन ाी मीठा ोलने वाला र नी क ात मानने वाला होता है । मुन न :तम य मुन रा का है तो उनका दत खने म म ामाय , मझार र अे दवचार वाला होता है। इनका ीवन ाी चतुर वायी होता है। कक :न कया क कु ं डली का तम भाव कक कक कक रा का है तो उनका ीवन ाी ुर र रं - वाला होता है। सह :ातवां भाव सह रा का हो तो इनका दत खु क ात मनवाने वाला होता है । इनका दत ईमानार होता है। कया : लड़क क कु ं डली केके तम भाव म कया रा हो तो उनका दत ु र र ुण णवान वान होता है। इन लड़दकय का ीवन दववाह केके ा र अा हो ाता है । तुला ला :क ंु डली का तम भाव तुला ला हो तो इ ान का वामी ु होा। ु क केे पभाव े इनका दत शत र ु ंरर होा। इनका ीवन ाी हर मया म नी का ा ेने वाला होता है । वृशक शक :न लड़दकय क कु ं डली का तम भाव वृशक शक रा का है तो उह रा वामी मं ल क केे पभाव े ु शत दत क पात होती है। इनका ीवन ाी कठन रम करने वाला होता है । धनु:तम भाव म धनु रा होने र लड़क का दत वाशभमानी होता है । इनका ीवन ाी ामाय रवार का होता है। मकर :य दकी लड़क क कु ं डली का तम भाव मकर रा का है तो उका ीवन ाी धाम धामक क
कम म अयधक च रखता है । इनका दवा य म अधक रहता है । कु :क ंु डली का तम भाव कु रा हो तो लड़क का ीवन ीवन ाी आावान र यय होता है। मीन :मीन रा वाला तम भाव होने र लड़क का दत ु णवान र धामक धामक होता है । ये लो आकष क व वाले होते ह । यहां तम भाव केके अनुार ार लड़दकय केके दत का ामाय ामाय वभाव ताया है। क ंु डली के अय अय ह क दत केके अनुार ार कया केके ीवन ाी का वभाव शभ भी हो कता है। ंूण ण ू कु ं डली का अययन करने र टक ानकारी पात क ा कती है
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...आइय - -- क ंु डली र वादहक ीवन ... आइयेे ान ानेे तला तलाक क के यो यो ,कारण र उचार --दववाह एवं वैवादहक --ीवनाी --युवक वक /वर क कु ं डली -----
वर क कु ं डली केके तम भाव म वृ षभ या तुला ला रा होती है तो उे ु र ंर नी मलती है। य कया क क ंु डली म च े तम ान र ु भ ह ुधध , ु , ु म े कोई भी हो तो उका दत राय म उ पात करता है ता धनवान होता है । तमे ौय ह होता है ता वही होकर तम भाव म ही उत होता है तो ातक को ु र ंर , आकष क क, पभामंडल डल े यु एवं ौभायाली नी पात होती है । तमे ौय ह होकर भाय भाव म उत होता है तो ातक को ीलयु , रमणी एवं ु र ंर नी पात होती है ता दववाह केके ात ातक का दनशत भायोय होता है। तमे एका भाव म उत हो तो ातक क नी वती , ंकारयु कारयु , मृभाषी भाषी व ु र ंर होती है ता दववाह केके ात ातक क आक आक आय म वृ होती है या नी केके मायम े भी उे आक आ क लाभ पात होते ह। षभ या तु ला ला रा होती है तो ातक को चतु र , य ातक क मकु ं डली के तम भाव म वृषभ मृभाषी भाषी , ु ंर र , ुशत शत , ंकारवान कारवान , तीखे नाक -न वाली , ौरवण, ंीत ीत , कला आ म , भावुक एवं चु कय ं कय आकषण वाली , कामकला मप वीण नी पात होती है । य ातक क मकु ं डली म तम भाव म मुन या कया रा उत होने े ातक को
कोमलाङ , आकषक व वाली , ौभायाली , मृभाषी भाषी , य ोलने वाली , नीदत एवं मयाा ा े यु ात करने वाली , ृ ंारदपय ारदपय , कठन मय म दत का ा ेने वाली ता ैव मुकुकु राती रहने वाली नी पात होती है । उह व एवं आभू षण षण त दपय होते ह । कक रा त होती है, उे अयंत ु र ंर , भावुक क , कनादपय , ातक केके तम भाव म कक मधुररभाषी भाषी , लंेे क वाली , छरहरी ता तीखे नाक -न वाली , ौभायाली ता व एवं आभूषषण ण े पे म करनेव ाली नी पात होती है । य दकी ातक क मकु ं डली केके तम भाव म क ुं भ रा त हो तो ऐे ातक क नी ुण ण े यु धामक धामक , आयामक काय म हरी अशभच रखने वाली एवं र क े वा र हयो करने वाली होती है। य केके काय म च तम भाव म धनु या मीन रा होने र ातक को धाम क , आयामक एवं ुय रखने वाली , ु र ंर , याय एवं नीदत े यु ात करने वाली , वाटु, दत के भाय म वृ करने वाली , य का आचरण करनेव ाली र ा एवं ु राण का अययन करनेव ाली नी पात होती है । कु डली ेद ववाह का दवचार -- ा र ान मद ववाह आमतौर र कया कया केके लए वर तला करते मय काफ रेादनय ादनय का ामना करना होता है .अर यह ता हो दक दववाह दक ा र ान म होना है तो वर तला करना अशभभावक क केे लए आान हो ाता है.कु डली म अर तम ान म वृ ष , कु या दफर वृशक शक रा है तो यह मझना चादहए दक का ीवनाी माता दता केके घर े लभ 70-75 दकलोमीटर र है.मुन न , कया , धनु या दफर मीन रा तम भाव म है तो ीवनाी क तला केके लए लभ 125 दकलोमीटर तक कक , तुला या मकर रा होने र ीवनाी 200 ाना ड़ कता है .तम भाव म मे ष , कक दकलोमीटर र उे र होता है . तम भाव म ो ह त होते ह उनम े ो लवान होता है उ ह क ा मे का दववाह होता है.तम भाव अर खाली है तो ह क इ भाव र अधक पभावाली हो उ ह क ा म दववाह होना मझना चादहए .अर दकी ह केके ारा तम भाव नह हो त उ भाव म त रा अवा नवां रा क ा मद ववाह होने क ं भावना पल होती है. *************************** ************* ***************************** ************************ ********* ** मांलक लक ोष
मंली ोष का योदतषीय आधार (As (Astrol trologic ogical al ana analys lysis is o
Manglik Dosha)---मंल ल उण पक पकृृ दत का ह है .इे ा ह माना ाता है . दववाह र वैवादहक वादहक ीवन म ममंं ल का अुभ पभाव े अधक खाई ेता है . मंल ल ोष े मंली ली केके नाम े ाना ाता है इके इके कारण कई ी र ुष आीवन अदववादहत ही रह ाते ह .इ ोष को हराई े मझना आवयक है तादक इका भय र हो के . वैक क योदतष म मं ल को लन , दतीय , चतु , तम , अम र ा भाव म ोष ू ण माना ाता है.इन भावो म उत मं ल वैवादहक वादहक ीवन केके लए अदनकारक कहा या है .म कुकु डली म इन ांच च भाव म मं ल केके ा तने ू ू र ह ैठेठे ह मंल ल उतना ही ोषूण ण होता है ै े ो ूर होने र ोुना ना , चार ह तो चार चार ुणा णा .मंल ल का ा पभाव अल अल तरीके तरीके े ांचच भाव म त होता है लन भाव म मं ल (Man (Mangal gal in Asc Ascenda endant nt ) लन भाव े का रीर , वाय , व का दवचार दकया ाता है.लन भाव म मं ल होने े उ एवं ोधी होता है .यह मंल ल हठ र आमक भी नाता है .इ भाव म उत मं ल क चतु ु ख ुख ान र होने े ृह ह ुख म कमी आती है .त तमम ीव ीवनन ाी ाी के ान र होन होनेे े दत नी नी म दवरोधाभा एवं री नी रहती है.अम भाव र मंल ल क ूण ण ीवनाी क केे लए ं कट कारक होता है. दतीय भाव म मं ल (Mangal in Second Bhava) भवदका नामक ं म दतीय भाव मंल ल को भी मंली ली ोष े ीदड़त ताया या है .यह भाव कुकु टु र धन का ान होता है.यह मंल ल रवार र े य े दवरोध ैा ा करता है .रवार म तनाव केके कारण दत नी म रयां लाता है .इ भाव का मंल ल ंचम चम भाव , अम भाव एवं नवम भाव को ेखता है .मंल ल क इन भाव म े ं तान र दवरीत पभाव होता है .भाय का फल मंाा होता है. चतु भाव म मं ल --चतु ान म ै ठा मंल ल तम , म एवं एका भाव को ेखता है .यह मंल ल ायी श ेता है रं तु ृ ह ीवन को कमय ना ेता है.मंल ल क ीवनाी केके ृहह म होने े वै चारक मतभे ना रहता है.मतभे एवं आी पे म का अभाव होने के कारण ीवन ीवना ाीी क केे ुख म कमी लाता है .मंली ली ोष केके कारण दत नी केके ीच रयां ढ़ ाती है र ोष दनवारण नह
होने र अलाव भी हो कता है .यह मंल ल ीवनाी को ंकट कट म नह डालता है .| तमम भाव म मं ल (Ma Mang ngal al in Se Seve vent nth h Bhav Bhava) a) तम तम भाव भाव त ीवनाी का घर होता है.इ भाव म ै ठा मंल ल वैवादहक वादहक ीवन केके लए वाधक धक ोषूण ण म ाना ाता है.इ भाव म मं ली ोष होने े ीवनाी केके वाय म उतार चढ़ाव ना रहता है .ीवनाी उ एवं ोधी वभाव का होता है .यह मंल ल लन ान , धन ान एवं कम ान र ू ण डालता है.मंल ल क के कारण आक आक ंकट कट , वाय एवं रोार म हादन एवं घ टना क ंभ भावना ावना नती है.यह मंल ल चारदक ोष उ करता है एवं दववाहेर र भी नाता है .ंतान तान केके ंभ भ म भी यह ककारी होता है .मंल ल केके अुभ पभाव क केे कारण दत नी म रयां ढ़ती है क केे कारण रते दखरने लते ह.मां म अर मं ल इ भाव म मं ली ोष े ीदड़त है तो इका उचार कर लेननाा चादहए . अम भाव म मंमं ल (Mangal in Eigth Bhava) अम ान ख , क , ंक कटट एवं आयु का घर होता है .इ भाव म मं ल वैवादहक वादहक ीवन केके ुख को दनल लेतताा है .अम मंल ल मानक ीड़ा एवं क पान करने वाला होता है .ीवनाी केके ुख म ाधक होता है .धन भाव म इक होने े धन क हादन र आ क क होता है .रो केके कारण ा ायय ु ख का अभाव होता है.योदतष दवधान केके अनुार ार इ भाव म ै ठा अमंलकारी लकारी मंल ल ुभ ह को भी ुभ भव व ेने े रोकता है.इ भाव म मं ल अर वृषष , कया अवा मकर रा का होता है तो इक अुभ भता ता म कुछ कमी आती है.मकर रा का मंल ल होने े यह ं तान ी क ेता है। ा भाव म मं ल (Mangal in Twelth Bhava) कुडली का ा भाव ैया या ुख ख , भो , दना , याा र य का ान होता है .इ भाव म मं ल क उदत े मंली ली ोष लता है.इ ोष केके कारण दत नी क केे म पे म व ामं य य का अभाव होता है .धन क कमी केके कारण ारवारक ीवन म रे ादनयां आती ह . म काम क भावना पल रहती है .अर ह का ुभ पभाव नह हो तो म चारदक ोष भी हो कता है ..|
************************** लन े ादनए रीर क केे रो -रख ावधानी र रहे ::::-::::--
रो भाव :-
मकु ं डली का छठा (6) र यारहवाँ (11) भाव रो केके भाव माने ाते है यादन इन भाव े हम होने वाले रो क ं भादवत ानकारी मल कती है। य इन भाव केके वामी अ दत म हो तो रो का दनान हो ाता है या रो होने क ं भ भावना ावना घट ाती है मर य इन भाव क केे वामी खरा दत म हो तो रो भयं कर लेतेते ह र उनका दनान होना कठन हो ाता है । छठे भाव म अु भ ह ुभ भ , , , फल है ैको े ेपचु ू य रोमा पदतरोधक ता है वहोतेमं ल रा यहाँ दनयेेह ातक दनभनह य र ीत ीत होता करते है ातक म धन केकमता े ोतेपात ह ले दकन ीदड़त होनेु चादहए युक क ीदड़त ष भाव र छाठे दवरीत फल ेा ै े े ीमारी ,घटना ट ना ,अमान ,मुक कमे मेाी ाी ,घाव ,वफाार ेववक क क कमी ु े रे ानी .| छटे,आठव ,ाहरव भाव केके वामी य अल ल कर इही भाव म ै ठ ाएँ तो दवरीत रायो का दनमाण होता है ले दकन दकन य एक ही ी म ो या तीन योकारक ह अने ान े अम म चले ाएँ तो या ुभ फल रहेा ा या उन भाव े ं धत हादन केके यो नेे ,उाहरण केके तौर र वृक क लन म कक का ु धन भाव े अम म र धनु का ु दतीय या मकर का ुध तृततीय कक ीय म कैे फल े ,दक ये तीनो ह ो ो भाव क केे वामी ह
ऐे म य चन े ही इ ारे म ावधानी र रहे रखा ाए तो इने चा ा कता है । मेष लन क केे लए एल् , वचा रो , फ फेे ा , ीच दडडर , नव टम क तकलीफ आ रो ंभ भादवत ादवत हो कते ह । वृषभ षभ लन केके लए हामनल पॉलम , मू दवकार , कफ क अधकता , ेट व लीवर क तकलीफ र कान क तकलीफ ामाय रो है।
मुन लन क केे लए रचा (लो या हाई ), ), चोट -चेट का भय , फोड़े-फुँ ी , य क तकलीफ ंभ भादवत ादवत होती है। कक कक लन केके लए ेट क केे रो , लीवर क खराी , मदत होना , कफय रो होने क ंभावना भावना होती है।
सह लन केके लए मानक तनाव े उ रेादनयाँ ादनयाँ, चोट -चेट का भय , बेन म तकलीफ , एल् , वाणी केके ोष आ रे ानी ानी ेते ह । कया क या लन के लए र , कफ क तकलीफ , वर , इफ इफेे न , रीर केके र वन ढ़ाने क मया रहती है ।
तुला लन केके लए कान क तकलीफ , कफय रो , र , ेट क तकलीफ , ैरर म आ ने रहते ह । वृशक शक लन केके लए रचा , ॉयराइड , एल् , फोड़े-फुँ ी , र आ क मया हो कती ह। धनु लन केके लए मू दवकार , हामनल पॉ पॉलम लम , मधुममेहह े , कफय रो व एल् क ंभ भावना ावना होती है। मकरर लन मक लन के ल लएए ेट क तकलीफ , वोकल -कॉड क तकलीफ , घटना ट ना भय , ैरर म तकलीफ , रचा , नव टम े ं ंधत धत रेादनयाँ ादनयाँ हो कती ह । क ंु भ लन के लए कफय कफय रो , ाँत र कान क मया , ेट क केे दवका दवकार र , वन ढ़ना , वर आ क ंभावना भावना हो कती है। मीन लन केके लए आँख ख क मया , र , मानक मया , कमर , आलय आ क मया नी रह कती है। दवेष : य 6 या 11 के वामी हादन ेने वाली दत म हो तो ु े ही उनके उनके म का ा करना चादहए। खान -ान क ावधानी रखना चादहए र ंंंधत धत वतु का ान करना चादहए। इन ह केके रन भूल कर भी न हन। ह े उ ीमारी :हदत : ु रो भाव म ीदडत अवा म त ह , तो को र ंी ी रो 1. ृहदत होते है. ाव र ं म केके ा े ट क कायत होती है . |ेट क ै र फ फेे फड़े फड़े क ीमारयाँ। रो का दनवारण : के र का दतलक रोाना लाएँय ा क कुु छ माा म केर खाएँ ।
2. ूयय :ूयय ीदडत हो , ता रो भाव म त ह , तो को फोडे , र , रचा , तेक क आ े कता है. ये रो को ू य क ा अवध या दफर छठे छठे भाव केके वामी क ा अवध म पात होते है . मु ँह म ार ार -ार ूक इका होना , झा दनकलना , धड़कन का अदनयंददत त होना , ारीरक कमोरी र र चा। ूयय : हते ानी म ु ड़ हाएँ।
3. चं : ल र आँख क कमोरी। चमा का दनल होकर रो भाव म त होना ,
को अच या ेट क डड , रीर म क माा र होने ं ी रो े कता है .|. .|. चं : दकी मंर र मक ु छ न का ध र चावल रख या खीर -फ का ान कर।
4. ु : ु केके कमोर होने र को ुररेे दक मयाएं , म ेने क मयाएं,
मू कोआ ेत।ा है . वचा , ा , खुली ली का रो। ु : ाय क ेववाा कर र घर ता रीर ाफ मयाएं -ुरा रा रख
5. मंल ल : र र ेट ंंधी धं ी ीमारी , नाूर र , र , द आमाय , भंरर र फोड़े होना। मंल ल ीदडत अवा म रो भाव म हो , तो को माँ ेय य पणाली केके कारण होने वाला ता र लन , चम रो , हरा , अडवृ , हान हानया या , य यचदका चदका आ ेता है. | मंल ल : र केके वृ क ड़ म मीठा का ध 43 न लातार डाल। उ ध े शभी म का दतलक लाएँ। 6. ुध : ुध को चडचडान चडचडान र चता चता के कारण होने वाले नादडय र र मानक कायत, खां ी ी -ुकाम काम अमा , ोड म , र , हा -ांव व म े कता है.चेचक चक , नादड़य क कमोरी , ीभ र ाँत का रो। ुध : 96 घंटटेे क केे लए नाक छवाकर उम चाँ का तार या फ फेे धाा डाल कर रख। ताँेे के ै े म ू राख करके करके हते ानी म हाएँ । 7. दन :दन के कमोर कमोर होने होने र यह ह घराहट घराहट , ठया , ी , कायत, मरी .| .| ने रो र खाँी ी क ीमारी। दन : हते ानी म रोाना नारयल हाएँ । 8. रा : ुखार खार , माी क खरादयाँ, अचानक चोट , घटना ट ना आ। रा केके कारण को मरी , ीतला , र को आ हो कते है . |रा : ौ , र या मूल ली ी का ान कर। ली ली , चेचचक क , ा आ ेता 9. के तु : के तु इ दत म को वचा र डी , खु है.| .|रीढ़ , ोड़ का , ुर र , कान , व ोष , हान हानया या , ुतां तां ंंधी धं ी रो आ। केके तु : म के ने तं र म मीठ रोट नाकर 43 न कुकु को गखलाएँ। क ुं डली केके दकी भी खाने म ो ह ा होने र उने होने व ाली ीमारयाँ :
1. 2. ृहदत हदत -ुध : मा या ा क तकलीफ। 3. चं - रा : ालन या दनमोदनया (ुखार खार )। 4. ूयय - ु : मा र तेक।
5. 6. 7. 8.
मंल ल -दन : रीर का फटना , कोढ़ , र ंंंधधीी ीमारी। ु - रा : नु कता ंकता , व ोष आ ुतां तां ंंंधी धी रो। ु - के तु : े ा ा , धातु रो , ुर। र। ृहदत हदत -मंल ल : ीलया।
षे करता र अमे पात है. का रवत न यो एक पकार का दवरीत रायो है . ऎा भौदतक पातयां लेदकन वाय केके लए अनुकु ल नह होता है . षे र नवमे म रवत न यो न रहा ह , तो धामक धामक आावान कम होता है . उक उकेे दता का वाय भी ीदडत होता है. याा केके ौरान ुख म कमी होती है . को दवेी ाार म हादनयां होती है . षे रे यमे म रवत यो होने हैकेक.े ाार रैवाय इयो ु लाभ नकमाकार ंं र चा उठता क त ृक ंदत दतकेके मलए कमीअा होती हैनह. होता है . षे ओर एकाे म रवत न यो नता है , त केके वल नौकरी े आय पात करता है . उकेे अने म , भाई हन केके ा ं उक म तनाव रहता है . षे र ाे म रवत न यो एक दवरीत रायो है . इ यो म अने य केके लए डे ऋण लेता ता है. र ीवन भर दवन , मृ , अव रहता है. दव दवेे यााएं करता है .
ह र ीमारयाँ ह मण करते ए ंववेनील े नील राय क केे अं े होकर ु रता है तो वह उनको नुकान कान ंचचाता ाता है। नकारामक ह केके पभाव को यान म रखकर आ अने भदवय को ु ख ना कते ह । वैक क वाय है दक दछले म म दकया आ ा इ म म रो केके म ामने आता है । ा म ताया है-ूवव मकृतं ां ाधे ण ायते अत : ा तना कम करेे, रो उतने ही कम हे। अगन , ृथवी थवी , ल , आका र वायु इह ांच तव े यह नर रीर दनमत दनमत आ है। यही ांचच तव 360 क राय का मूह है।
, , , , , इह म मे ष सह र धनु अगन तव वृषष कया र मकर ृथवी थवी तव मुन न तुल लाा र कु ं भ वायु तव ता कक , वृशक शक र मीन ल तव का पदतदनधव करते ह। कालुषष क कु ं डली म मे ष
का ान मतक , वृष का मुख ख, मुन का कं धे र छाती ता कक कक का य र दनवा है दक ) , कया का कमर , तुला सह का उर (ेटट ), ला का ेडडूू र वृशक शक रा का दनवा सल पे है। धनु रा ता मीन का तल र अंुलय ुलय र वा है। इह ारह राय को ारह भाव केके नाम े ाना ाता है । इन भाव के ारा म : रीर , धन , इह भाई , माता , ु , ऋण -रो , नी , आयु, धम, कम, आय र य का च मानव केके ीवन म चलता रहता है। इम ो रा रीर केके अं का पदतदनधव करती है , उी रा म ै ठे ह ह क केे पभाव केके अनुार ार रो क उश होती है। कुक ुं डली म ै ठे ह केके अनु ार ार दकी भी ातक क केे रो क केे ारे म ानकारी हाल कर कते ह । कोई भी ह मण करते ए ंववेनील े नील राय क केे अं े होकर ुरता रता है तो वह उन अं को नुकान कान ंचचाता ाता है। ैे े आ कल सह रा म दन र मं ल चल रहे ह तो मीन लन मकर र कया लन म ै ा लो केके लए यह मय वाय क े अा नह कहा ा कता। अ सह रा कालुषष क कु ं डली म य , ेट (उर ) के े र वा करती है तो इन लन म ै ा लो को यघात र ेट े ं ंधत धत ीमारय का खतरा ना रहेा।ा। इी पकार कु ं डली म य ू य के ा ाह दन या रा आ ैठेठे ह तो ातक म दवटामन ए क कमी रहती है । ा ही दवटामन ी क कमी रहती है े आं ख र हदय क ीमारी का भय रहता है । चं र ु केके ा भी ा ह का ं ंध होा तो लीय रो ै ेे ुर र , मू दवकार र नायुममंडल ंडल दनत ीमारयां होती है। मंल ल रीर म र का वामी है । य ये नीच रात , दन र अय ा ह े त ह तो को रदवकार र कक र ै ी ीमारयां होती ह। य इनके इनके ा चंमा मा भी हो ाए तो मदहला को माहवारी क मया रहती है दक ु ध का कु ं डली म अु भ पभाव चमररो ो ेता है। चंमा मा का ायु होना र ु का ंंधं नी एवं ुत त रोी नाता है । दन का ंंंध हो तो नाखोरी क लत ड़ती है। इलए कु ं डली म ै ठे ह का दववेचन चन करके करके आ अने रीर को दनरोी रख कते ह। कतु इके इके लए रता आवयक है। आरंभ े ही नकारा नकाराम मक क ह केके पभाव को यान मर खकर आ अने भदवय को ु ख ना कते ह।| ृहदत ह दत े त त रो रो र र रनन (Diseases related to Jupiter and Gems or their therapy) ह म ृ हदत को ु का ान पात है .इ ह के अध अधीन ीन दवषय दवषय ह ला , ेटट , वा , नतं . कु डली म यह ह कमोर होता है तो कई पकार केके रो का ामना करना होता हे. , खां ी ी , कफ े ीदड़त होता है.ले का रो रे ान करता है, वाणी ोष होता है.ीलया , ठया , ेट क खराी व कडनी ी रो ृहहदत दत क केे कारण उ होता है.रना
म ुु खरा (Pukhraj – Yellow Saphire – is the remedy or Jupiter) को ृहहदत दत का रन माना या है .इ रन केके धारण करने े रीर म ृ हदत क उा का ं चार होता है े इन रो क ंभावना भावना कम होती है एवं रो त होने र लाभ मलता है ु े त रो र रन (Diseases related to Venus and Gemstone Remedy) ु ह ौय का पतीक होता है.यह वचा , मुख ख, ु एवं ुतां तां का अधदत होता है .कुडली म ु दषत अवा ा ीदड़त होने र को न रो का ामना करना होता है उनम ु तां के रो पमुख ह.इ ह के कारण कारण होने वाले अय अय रो ह ते ते क , आंख ख केके रो , दहटरया , मू ी रो , धातु य , हान हानया या .इ ह का रन मोती (Pearl is the remedy gemstone or Venus) है ो अंतर तर म मौू इ ह क रमय को हण करकेे इे करक को वाय लाल मलता दन े त रो र रन (D (Dise iseas ases es and ge gems msto tones nes related to Saturn) योदतषा म दन को ूर ह कहा या है .इ ह का दपय रं काला र नीला है.इ ह का रन नीलम (B (Blu lue e Sa Sapp pphi hire re is the the reme remedy dy o orr Satu Saturn rn)) है.े नीली आभा पु पु टत होती रहती है .इ रन को त ही चमकारी माना ाता है .इ रन को धारण करने े दन े त रो ै ेे ठया , कर , लोर , ून न , उरूल ल , क , ाघात , म् े चाव होता है .ो लो इन रो े ीदड़त ह उह इ रन क केे धारण करने े लाभ मलता है.दन केके कारण े घ टटना ना र हदय म भी रे ानी आती है .नीलम धारण करने े इ पकार क रे ानी ानी े चाव होता है रा ेे त त रो र र रनन (Diseases related to Rahu and रा Gem Therapy) योदतषा क े रा दन केके मान ही ाी ह है .कुडली म अर यह ह अु भ दत म हो तो ीवन म पदत को ाधत करने क केे अलावा कई पकार क केे रो े रे ान करता है .इ ह का रन ोमे है े धारण करने े रा े त रो े चाव एवं मु मलती है.रा केके कारण े अर ेट खरा रहता है .मतक रो , य रो , कु रो उ उ होता है .रा ाधा े कक र , ठया , चेचक च क एवं पे त ाधा का भी ामना करना होता है .ोमे चां अंू ठ ठू (Gomedh – Cat’s Cat ’s Eye is the remedy remedy or Rah Rahu) u) म हनना इन रो एवं रे ादनय ादनय म लाभप OF होता हैPOSITIVE .IF ITS HELPFUL IN KUNDLI WITH SUPPORT SHANI AND CHANDRM
त रो र रन (Diseases or Ketu and Gem के तु े त Remedy) के तु र रा एक ही रीर केके ो भा ह अत : इक पकृ पकृ दत भी रा क केे ामन है .इे भी ूर ह क ेण णीी म रखा रखा या है .कु डली म केतु ा पभाव पभाव म होने र इका रन लहु दनयां धारण करना चादहए .लहुदनयां दनयां धारण करने े के तु केके अुभ पभाव क केे कारण होने वाले रो े मु एवं राहत मलती है.अर रीर म र क कमी हो , मू रो , वचा ी रो , हैा ा , वाीर , अीण तो यह मझ कते ह दक केके तु का अु भ पभाव आके र हो रहा है .अर आ इ अुभ पभाव े चना चाहते ह तो तो आको ू ू मशण अा त लहदनयां हनना चादहए .लहुदनयां दनयां (Lahsuniya is the gemstone or Ketu) हनने े पव काल म माता को अधक क नह हना ड़ता है . IF ITS HELPFUL IN KUNDLI WITH SUPPORT OF POSITIVE MANGAL , GURU AND CHANDRMA घटना ट ना े चने के उाय :---
- महामृयु यु य ंय मं का पयेक अदन र करने वाला है । - दनवार को छाया ान करना दहतकारी है। - दवणु हनाम का पदतन लाभायक है । - ोना ान , ौ ान करने े भी अदन क ां दत होती है। खरा धारण करना भी ह योानुार ार घटना ट ना े चाता है । - ुखरा
- ो ह 6/8/11 भाव े ं ंधत धत अदन कारक हो , उनका र हनने े अदन टल ाता है । - भूखे ख ेु को चारा गखलाना र शय , मछलय को भोन कराने े भी ह क ां दत होती है। *************************** ************* ***************************** ********************** *******
भायोय मय :--
हर ातक अने भायोय केके ारे म chinteet रहता है आे लीखी ाते भायोय केके ारे म
ंके त ेती है :-
1. य नवम भाव म मीु न या कया राी हो तो ातक का भायोय 22-28 वष क आयु म होता है . कक राी हो तो भायोय 18-20 वष क आयु म होता है 2. य नवम भाव मक
3. नवम भाव म मे ष या बशक राी होने े भ ायोय 28-32 वष क आयु म होता है . 4. नवम भाव मम कर या कुकु राी हो तो भायोय 32-36 वष क आयु म होता है . 5. नवम भाव म धनु या मीन राी हो तो , भायोय 18 ाल क आयुक े हले ही हो ाता है . 6. य ह राी हो तो ातक म -ात भायाली होता है . कतू ये ाते नवमे क केे क मे या treekon म नीष होने र ही लाू होती है , अया नीन ाते होने र आयु म रीवत न हो ायेा ा .
1. नवमे य ु राी म या 6, 8, 12 वे भाव म होतो , भायोय 32-36 वे ाल म म ान े र होा . 2. नवम भाव या नवमे र नी का पभाव हो तो भायोय 32-36 वे ाल म ह ोा . 3. नवम भाव या नवमे र रा या केके तूक ा पभाव हो तो भायोय 41-42 वे ाल म होा . 4. नवम भाव का वामी नीच राी म होकर कक म न हो ता 1-5 या 25-30 अं का हो तो भायोय 54-56 वे ाल म इ कारण े ातक को ं घष ू ण ीवन ीना ता है वीरीत रायो या नीच भं यो क केे फल भी भायोय क केे ा मलते है भयोय कहा होा नम भुम म या दवे मे :-योदत दक नर मे १-य ातक का लन चर रा हो र लने चर रा त हो कर चर र ह ( ु , च ,ुध ध ) े पभदवत हो ातक का भाय उय नम भुम म े ाहर कदह दवे आ मे होता है !
२-य ातक का लन र र हो र लने र र मे हो कर र ह क केे पभाव मे हो तो नम भुमम क केे ा भयोय होता है!
३- एकाे रा मे हो अवा एका भाव मे ो रा हो उ रा दक ा मे भयोय होने दक वना होदत है! ४-ा भाव मे ा ह का पभाव हो ,ा दत ा यु हो ातक े दवे घुमता मता है! ५-ा भाव मे चर रा हो एम ा भाव मे च र हो का पभाव हो ातक े दवे घु मता है! ६-ा भाव मे 6th र 8th भाव केके वाम वाम हो र उन े दन का पभाव होातक होातक े दवेे घुममता दव ता है! ७-लने ान र हो उ ान े ा भाव का वाम य लने का ु हो /नीच हो /दनल ल हो /दन ेप भदवत हो ातक े दवे घु मता है! ८-लने ान र हो उ ान े ा भाव का वाम य य लन े क केे /दकोन मे अने घर ,म रा मे,उ रा मे हो व ुभ ह ु / /ु केके पभाव मे हो ातक दकी त ही ुर र मनभावन ह दनवा कता है .
,मेष या वृशक शक रा होने े २८ ाल म भायोय होा -वाय आ ,लकड़ी ,तकनीक ,ा ,भूम म ,अगन ंधी धी ,एवं े ना े म दवे ष लाभ ा कते ह ||वृष या तुला रा होने े धन आयेा आये ा दकतु तुलनामक लनामक भाव े -दवेष पदत २६ ाल े होी ||वाय आ -कूटनीदत ,उो ,फ फेे ची ,याय दवभा , तकनीक क खो एवं कला क केे े म आ दवेष फल हो कते ह || कक या सह रा होने े भायोय कक भायोय २४ ाल केके उरां उरां त होा ||व वाय ाय आ -रानीदत ,,खो ,वाई ,लकड़ी ,एवं वतं े म आ फल हो कते ह |
|-मुन या कया रा होने े -भायोय -३० ाल केके उर उराातत दवष दवष होा ||-वाय आ -तकनीक ,कला ,ंीत ीत ,ार ,य पाधन ,ामूददहक हक काज़ ,ता युल ल ोड़ी े वाय के े मद वे ष फल हो कते ह ||मकर या कुकु आक रा होने े भायोय -३२ ाल उरांत दवेष होा ||- ाय ाय आ -लोह ,कोयला ,तेल ,तकनीक ,ेययरर माक माक ट ,वण ,उो ,चमड़ा दवजान केके े म दवे ष फल हो ||
-धनु या मीन रा आक होने े आ भायोय -२२ ाल केके ा ु होा || वाय आ -ा ,तकनीक ,घी ,नेतताा , मंी ी , दली वतुक े उो म दवे ष फल हो कते ह || भाव -कभी -कभी कुकु छ ोष के कारण हम दकी भी काज़ म फल नह हो ाते ह ,र कभी हम अनाया ही फलता भी मल ाती है ,इक इकेे लये हम "क ंु डली "का अलोकन र करना ड़ता है ||
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Retrograde ade व ृह Retrogr
planets (4)
योदतष क ी म एक नर
:१ - य दकी नम ी म ु व है त ऐी दत म व ु वाला ात ातक क र को दना मांेे ही अकर लाह / उे ेन ेलता ह । ातक अनेज ान का इते माल ही ा म कर ही नह ाता है.!! .!! २ -य दकी नम ी म ु व हो त ातक त भावुक वभाव का हो ाता है खा तौर र ुषष ातक पेम ंंध ंध ता नी /पेमका मका को लेकर कर त भावुक क , ता अधकार ताने वाला हो ाता ह। ी ातक क म कु ं डली का व ु उह त ते ज़ आामक ना ेता है पेम पं म व ु वाली मदहला ातक धोखा खाना ं नह करती अर धोखा मल या तो ला लेननाा ं करती है। ३ -मंल ल ृह केके व होने र ातक अर अनी ारीरक ता मानक उा का पयो ही ा म नह कर ाता फलव व मं ल वाला ातक अनी अदतर उा को ले कर रे ान ान रहता ह र चडचडा चडचडा ,ुै ैल वाभाव का हो ाता लत दनण य ले लेता ता है। मा क ह ल े काम करने लता है । ४ -य नम ी म ुु ध व हो त व ुध वाले ातक क वाणी अामाय रहती है या तो ये अधक ोलने वाले होते ह या दफर द दक कुल ही कम ोलने वाले न ाते है ।अर ।अर व ु ध वाले ातक अने ल क ात ुान ान तक नह ला ाते है या हा उह खामो रहना चादहए वही ु ान खोल ेते है। ५ -नम ी म व दन वाले ातक को यो /पाणायाम अवय करना चादहए र आलय े चना चादहए काम को कल र नह टालना चादहए खा तौर र दन तु ल लाा राी म व हो अवा कु ं डली े दन आकारक हो र व हो। …
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ूयय
पम भाव म ू ू य :-- पम भाव मे ूयय होने े ातक ाय - अवा म रोी रहता है , ोधी वाभाव होता है र अने कुकु ल का नाम रोन करने ाला होा | ाल कम रहेे या ं वाभाव ाा भी हो कता है | भायवा एवं दवकल रीर होा | नेोो म ीड़ा या लाल ने रहते है |छमा ील का ुण ण होता है | ोधी र नक ना रहता है | ाय -अवा म रोी रहता है |१५ वष म अं ीड़ा , तीरे वष म वर अवय होता है | आमा मानी , कं ठ ा ुाा म वण या दतल रहता है | | पम भाव म ू य -वाशभमानी ,ूरवीर र वीर ,यटन ट न दपय , ोधी , रवार े त , धन म कमी , वायु-द य ाध े त होता है |लन म ूू य हो तो ातक वाशभमानी , ोधी , द , वात रोी , चंचल चल , पवाी , अर ंश श वाला होता है। वाशभमानी ूररवीर वीर यटन ट न दपय ोधी रवार े त धन मक मी वायु द आ े रीर म कमोरी .ेता है | मेष का ूयय ध नवान र कतवान होता है
*************************** दतीय भाव म ू य :-- दतीय भाव मे ूयय होने े ातक ी र ं तान े हीन होता है | नेोो म ीड़ा होती है | खरा केके वाला , लोहा र ताा े धनी होता है |ातक म दवरोधी , ु रदहत , वाहन रदहत ,र धनवान होता है | १७, २५ वे वष म धन हादन हो ाती है | ातक पवाी होता है | ीधी आँख म पोलम रहती है र ने ो र चमा अवय रहता है |रे भाव म ू य े भायाली , ूण ण ु ख क पात , धन क अरता दकत दकतुु उम काय म य , ी केके कारण रवार म कलह , मुख र ने रो , नी को य रो . दववाह ात ीवन ाी केके दता को हादन ेता है |क ंु डली क केे रे भाव म ू य हो तो ं शवान , भायवान , झडालू, ने , मुख एवं ंत रोी , ी के लए कुकु टु ं े झड़ने वाला होता है ।
********************************** तृतीय तीय भाव म ू य का फल :-- तृतीय तीय भाव म ू य होने े े कुा ु वाला ,रामी , ली ,दपय भाषी , व य वाला , वाहन र नोकरो े ोशभत रहता है | तेवी वी र नेदतक दतक ाह यु होता है | भाई क ं या या कम होती है | होर भाई कम र चाचा ,ता केके भाई अधक रहते है | ऐा ातक धनवान र यु होता है | ५ वे वष म ु े भय , २० वे वष म अ क पात होती
है |तीरे भाव म ू य पताी , रामी , दवान , दवचारवान , कदव , रायुख ख , मुक कमे मे म दवय , भाइय केके अर भाइय अर रानीद रानीदतत होन होनेे े रेानी ानी .|तीरे भाव म ू य होने होने े रामी , पतााली , रामाय , ंधुधहहीन ु ीन होता है। कुकु टु ं े रे ानी रहती है वही न होने र क कुु टु ं े रे ानी रहती है | ाह े यु ूयय च म रो र ही टूटने का भय ेता है | ाी ूयय भ ाई केके ु नह हो ाते या वहे न दवा रहती है |
*********************************** चतु भ ाव म ू य का फल :-- चतु भ ाव म ू य होने े ातक को पकार क केे लोो े मलने वाला , कोमल य वाला ीत वा म दनु ण , रण दवयी , धन ी , ुख े यु ना रता है | राा का दपय होता है | ातक ला रीर , रीर केके दकी अं मद वदत होती है | मानक सचता यु , अकारण दववा करने वाला , घमंडडीी र कट भी होता है | पदतत ,ी वाला , दवयात , दता केके धन को खच करने वाला , १४ वे वष म दवरोध होता है | २२ वे वष म दवे ष उदत होती है | म ान े ाहर ाकर लाभ मलता है | ३२ वे वष म व काय यु वान ाता है | वाहन ,भवन एवं ंश श का मालक वनता है || चौे भाव म ूू य य म लन लन , रीर े ुर र , ुतत दवा पेमी मी ,दव दवे मन मन ,रा रा कय कय चुनाव नाव आ म दवय ,यु ववाल ालेे कारण कारण ,मुक कमे मे आ आ मम रात ,तमन |चौे भाव म ू य होने े ातक सचतात , रम ु ंर र , दतृधन धन नाक , भाइय े ै र रखने वाला , ुत त दवा दपय एवं वाहन का ु ख होता है।
नीच का ूयय छ ोटे वाहन का ु ख ेता है ***************************** ंचम चम भाव म ू य का फल :-- ंचचमम भाव मे ूयय होने े ातक ाय -अवा म खी रहता है | धनहीन . एवं युववाा ाा म रो कारक , एक ु ामा ामायता यता रहता है , १ या ३ व हादन भी करा ेता है , दवा दवजान म रहती है | ूर एवं ता वाले काय भी करता है | गया ील मन चंचल चल वना रहता है | व का भ रहता है | रीर मोटा होता है | व र ा का उाक रहता है | ूत एवं धन े यु वना रहता है | वात ल म ीड़ा रहती है | दता े भय वना रहता है | | ५वे वष म दता को भय होता है | नवम वष म दता को ारीरक ीड़ा ेता है | ंचचमम भाव म ू य कुा ु , धीरे धीरे धन क पात , ेट क केे रो , राकय ण ं ानो ानो े लाव , मोतीझारा , मलेरया रया ुहै।ख खार ार .| चव भाव म ू य होने े ातक अ ं तदतवान , ाचारी , ुमान मान एवं ोधी होता .| . ांचव
ूयय य र रा म होतो हली ं तान क यु हो कती है : | चर रा म ं तान ीदवत रहती है | वही ूयय हली ं तान का ना करता है | वव ववान ान ह केके ा होने े ु का ुख मल ाता है
************************************ ु छठे भाव म ू य का फल :-- ष भाव मे म ू य होने े ातक को योी ु ष नाता है | ुु ाण , अने रन का ोषक , जादनय म े , ेह , ह े यु , उम वाला र दनरोी ही रहता है | अने उा अधकारय े नह नती | कम े लोक म ू य होता है | ु हमेा ा रत ही रहते है | ेह वाला होता है |६वा ूयय ातक को दवयात वनाता है | ुण णवान वान , ीलवान ु दवयी , राा केके ामान ीवन तीत होता है | राा का मंी ी , या ंडाधकारी यो वनता है | ुर र वाहन े यु , तेवी वी , ुधीमान धीमान , ातक केके धन धाय क वृधध होती है | भूख ख याा लती है |ु ड़े होते है |२० वे वष म चमा ल ाता है य ू य र दकी ु भ ह क ट न हो तो | ६वा ूयय दता ता को ७वे ७वे ववषष म भय ेता है | ६ टे भाव का वामी दनवल हो तो ु ीड़ा र दता को क ेता है | छठ छठेे भाव म ूू य होने े ातक ु नाक , तेवी वी , मातृ ककारक , यायवान होता है। छठव भाव म ू यय दनरोी यायवान , ु नाक , मातृकु ल े क .
*************************** ************* ***************************** **************** * तम भाव म ू य का फल :-- तम भाव मे ूयय होने े ातक ी के ा दवला करने वाला , अय ुख े रदहत होता है | चंचल चल , ाी , ांय य ीवन ेरी े या खी ना रहता है | ा ेरी े होती है | मेह वाला ना लंाा न छोटा | कदल न ने , ल केके , होता है |रीर ला , मझोला मझो ला क , य े दवरोध करने वाला र य े अनार भी ाता है | | दववाह म ेरी हो ाती है | रा को का भय रहता है | २५ वे वष म रे क याा होती है | ३४ वे वष म ी को ीड़ा अधक होती है | सह का ूयय १ ी रहती है | ु ह क या ूयय ु ह केके ा हो तो त ी य े ुड ाता है | तम भाव म ू य कठोर आम रत , राय व े ीदडत , ाार म हादन , ी क .| .|ातव भाव म ू य होने े ी ले कारक , वाशभमानी , आमरत , सचतायु होता है। र ी े ु ख याा मलता है
************************* अम भाव म ू य का फल :-- अम भाव मे ू य होने े ातक चं चल ,याी एवं दवान का मान
करने वाला होता है | म अधक ोलने वाला , ा रो े ीदडत ना रहता है | भाय ेरी े ा ेता है | कु वाधारी ता नीच क ेवा वा करने वाला होता है | रे वाी भी होता है |ने छोटे२ र ण हटा है | उार पकदत र ाययु ु वाला होता है | धन क कमी वनी रहती है | १०वे वष म र म दनान ल ाता है | ३४ वे वष म ी को ीड़ा या हादन हो ाती है |ु अधक रहते है | ूयय य ुभ ह केके ा हो तो र क ीड़ा नह होती | खेती ती या मीन े लाभ होता है | आठव भाव म ूयय धनी , धैययववान ान , काम करने केके अर अर ुा ा , चता े य रो ,आलय े धन ना ,ने आ े .|आठव भाव म ू य होने े द रोी , ोधी , धनी , धैययहहीन वाय खरा .| ीन होता है।
************************************* नवम भाव म ू ू य का फल :-- नम भाव मे ूयय होने होने े ातक यय ववा ा ,ुर क केे वाला वाला , धामक धाम क , दता का य ाने वाला ,अने रन का दहत चाहने वाला होता है | ेव र बाण का मान करने वाला , वाल -अवा म रो े ीदडत होता है | युववावा ावा म रता रहती है | धनवान , ाययु ु , र ववान होता है | नवम ूयय माता केके कुल का दवरोधी होता है | धम- कम म यु रहता है | ूयय -व का भ होता है |दता े भी दवरोध हो ाता है | ैक क ंश श का या करता है या मल नह ाती है | कृ दष दवा े लाभ मलता है | १, ३, १० वे वष म ती याा करता है | भाई कम होते है | म छेछे ी ी ूयय ातक ावक , अनुान ान ील र धाम धामक क होता है | नीच का ूयय होने े भाय र धम ोन े र भी करा ेता है | उा र वही ूयय दत ताा े लाभ कराता है ,दता ायुय ु होते है | ा ढ़ े यु ूयय दता को ीड़ा ेता है | नव भाव म ू य योी , तवी , योदतषी , ाधक , ुखी खी दकतु वभाव े ूर ..|| नौव भाव म ू य होने े पताी , वायक वायकुु ल , रामाय , लपदतत , रामंी ी , उार एवं ऐय ं होता है।
*************************** ************* ***************************** ******************* **** म भाव म ू य का फल :-- राम भाव मे ूयय होने े ातक राय े उा मलता है | ुखी खी , धनी , ुणी णी , अने कुकु ल का क , कोमल य वाला , नृय य र ीत म च भी रखता है | राा का मान रखने वाला होता है | राा े पाती होती है |अंददतम तम आयु म रोी रहता है | ४२ वष तक दता का ुख अवय मलता है | ाधू न े पीदत रखने वाला , अदताी , प ुष ष होता है | ऐा ातक ु वान , कु लक , वाहन यु र कुकु टू का ूण ण ु ख भोता है | १८ वे वष म दवा क केे पता े प मलती है | धन कमाने का ुण होता है | ान े व व मल ाती है , अधकार यु नौकरी करता है | पादनक अधकारी , ुल ल ेना ना ,या उा मलता है | १९ वे वष मम दकी े दवयो मलता है |उ का ूयय प पात करता है , व भाव म ूू य
वहार कुकु ल , राय े मान , उार , ऐय, माता को नकारामक दवचार े क ,अने ही लो े दछोह .|व भाव म ू य होने े ी ले कारक , वाशभमानी , आमरत , सचतायु होता है। नीच का ूयय अय लाता है | काय म ाधा अधक आती है | ातक नीच कम र टाचार करता है | दता ुख कम करा ेता है | दता अचानक या ल क दवमारी े ाय े |
*************************** ************* ************************** ************ एका भाव म ू य का फल :--- एका भाव मे ूयय होने े ातक त धनवान रहता है , ड़े लोो े मता होती है | राा का ेवक वक होता है | ी दपय एवं चं चल मन रहता है | अनी ादतय म पेम रखने वाला होता है |वान , दनरोी , यानी , ान दवा म च होती है | अने ेवको वको े पेम रखने वाला , धन धय े यु वना रहता है | २० या २४ वष म ु का ुख मल ाता है | २६ वे वष म वाहन वारी मल ाती है | अचानक लाभ - हादन ोन नी रहती है | भाय अ ा ेता है | पादनक ावर मलती है | म े ूण ण हयो एवं लाभ मलता है |ूयय यारहव भाव म हो तो ातक धनी , लवान , ुख खी ी , वाशभमानी , मतभाषी , अंततदतवान दतवान होता है। यारहव भाव म ू य धनी ुख खीी लान वाशभमानी ,ाचारी ,ुननाक ाक ,अनाया श क पात ,ु क नी या ुी ी के दत े क .| .| धनी ुखी खी लान वाशभमानी ाचारी ुनाक नाक , अनाया श क पात , ु क नी या ुी ी केके दत (ामा ) े क .
************************************** ा भाव म ू य का फल :-- ा भाव मे ूयय होने े ातक ु े हीन , कामी , री ामी , शय को मारने वाला , कु वान वान भी होता होता है | रा रााा के आय े धन कमाने वाल वालाा , कावाचको का दवरोधी , र ांघ म रो रहता है | दता े दवरोध हो ाता है या री नी रहती है | धन क हादन नी रहती है | ३६ वे वष म ु म रो , ३८ वे वष म अ क हादन करा ेता है | १२वे भाव का वामी वलवान हो तो ेवताओ क करा ेता है | ूयय के ा ा ह ान र खच करा ेता है | ूयय क े ा छटे भाव का वामी कुकु रो ेता है | ुभ ह क ट े रो े चा रहता है | ारहव भाव म ू य उाीन , आली , ने रोी , मतक रोी , लडाई झडे म दवय ,ह करनेक क आत .| .| ारहव भाव म ू य हो तो उाीन , मतक रोी , ने रोी , आली एवं म ेषी होता है। उाीन , आली , ने रोी , मतक रोी , लडाई झडे म दवय ,ह करने क आत .ेता है | *************************** ************* ***************************** ************************ *********
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चंमा मा
अर च ख़रा हो तो तो ातक को लीय रो या अर रीर म ानी भर ाने क कायत या फु ला आ मोटाा यौन रो े आां त हो ाना ----- ही खां ीी क कायत हो ाना -----र ी दनत रो हो तो चंमा मा ख़रा है। उाय --र ा ानी न मने कह र नल े ---घर ानी न टकता हो -----माता का वहार--आके ा आके कैकै ा भी हो आ ख़रा वहार न कर,। हो के तो ेववाा कर। या माता केके तुय य दकी ी क ेववाा करय ा दकी को धम माँ ना ल ।
******************** पम भाव म चं का फल :--लन का चंमा मा कोमल रीर , ुर र छदव वाला , चंचल चल , कामी एवं ौर न वाला होता है | ातक ात रोी , र ा े ीदड़त , ुततयो यो रो े भी ीदड़त होता है | नक , , रहता है | ानी े भय एवं घोडा े दरने का डर होता है | १५ वे वष म याा यो नता है | २७ वे वष म रो क ावना नती है | मेष , वृष , कक कक का चंमा मा ा का जाता होता है | वान ,ुणवान णवान उार , आकष क छदव , हानुभ भूदत दू त ूण ण वहार करने वाला , दवान , ता व रीर रहता है | खरा चंमा मा होने े मनो रोी , अ ु वाला , ू ा ंा , ने रोी , नीकम करने वाला होता है | ुभ ह क ट होने े नोरोी र धनी वनता है | रतु उक ाते कट भरी होती है | लने ववान होने े ा यु होता है | चमा लन म होता है तो रीर क केे ल राम े धन को कमाने क ात चलती है ,|कलामक अशभच , नामाय म लोकदपय त तव व , ंभीरता भीरता का अभाव , याा क च । मेष ता वृष केके लए दवेष ुभ । ातक केके म लन म मे ष , वृष अवा कक कक त चमा हो वह उारता , , धन र भो े यु वव ुखी खी होता है। य अय रा त ूण ण चमा भी हो हो तो ातक मू ख , दवकल , उम , नीच , ू ा ंा - हरा इया होता है। य अय रा लन म चमा व नीच ीण इया हो तो दवेष अदन फल ेता है।
****************************** दतीय भाव म चमा का फल :-- दतीय भाव मे चंमा मा होने े ातक दवनीत , तेवी वी , ाते ओवी , ान ारा मादनत होता है | हठ पवदत , ोना चां , धन े ूण ण यु रहता है | -कु टु ं वाला , उार , रतु ंतोष तोष क माा कम होती है | ातक क दहन या कया का ना होता हैहै ,| ूण ण चच ं माक ाकुखी ख धदन ,) ता अने,कता दवाओ | ु(तुवान रहता | छन करी वनता ोलनेहैवाला तलाने तलाने, वाला धनहीन खी को ातेानने करने वाला वाला
रहता है | क ंु डली म चं का ूण ण वलवान होना री है |दतीय भाव म चं १८ वे वष म राार या ेननाा म अवा दकी भी अधकार को पात करता है | २७ वे वष म क पात होती है |:-- धन भाव म होता है तो ा क केे धन े र ाधन े धन कमाने क ोच ै ा होती है ,| ुभ चं क ा म आ क दत मृ , रतु रवतननील ील ौर वण , त तवव अधक मलनार नह होा । ुत त धन पात के यो :चतु भाव का वामी य धन ान म हो ,चंमा मा _मंल ल भी धन भाव म हो ,धने लवान हो तो ातक को ुत त धन क पात का यो नता है | चमा र मंल ल ा ा हो तो चमररो ो ेता है | चंमााया मााया यो वनता है | चं मन का कारक है र मंल ल दवकलता का कारक है | अत मानक ा तो रहती है चं -ुध यो होने े धन का ना करता है | चं केके ा ुभ ह होने र दवान र धना रहता है | दतीय भाव म य ू ण चमा हो तो ु ख , ु र धन े यु होता है व इक इकेे ा ही कम दवला करने वाला अा त अने क का कम खान करने वाला होता है। ीण चमा हो तो मथयाभाषी , धन हीन र अ ुमान मान होता है। यह फल चमा केके तारतय े यू नाधक मझना चादहए।
******************************** तृतीय तीय भाव म चमा का फल :-- तृतीय तीय भाव मे चं मा मा होन होनेे ेे ातक ातक ल लाा -तला , दवान , ाही , दनरोी , कु टु ं ुखी खी , हा हा करने वाला , भाइयो केके अधीन रहने वाला , १ या ३ भाई होते है | ंधू धू ण का आय ाता होता है | यालु , रोकारी , म करने वाला , ातक केके भाई ुख खीी रहते है | कभी -कभी २ भाई र १ दहन होती है | माता का ध कम मल ाता है | वायु र ववाीर का रो हो कता है | २४ वे वष म रां ांड मलने का यो वनता है |चं केके ा क केे तु लमी वान वनाता है |योदतष म च रखता है | कु ल का तारक होता है | व र क आराधना लाभ ेती है | तीरे भाव म होता है तो अनी कला क केे प न े कमाने क ोच होती है ,|तृतीय तीय भाव म दत चंःः वाय म रवत न , दवशभ दवशभनन यााएँ, जानवान । तृतीय तीय भावत चमा हो तो ातक हक , ौरवी , कृण , अ ु , ु का आशत , याहीन र रोहीन होता है। ातक भाइय को हारा ेन ेवाला , प , ूरवीर र वीर , दवावान , अ व व का ंहह करने वाला होता है। य चमा ाह क रा म हो तो ातक दनय म भाषी ,भाई का ना करने वाला , व होता है। यह फल चमा केके तारतय े यू नाधक मझना चादहए।
************************* चतु भाव म चमा का फल :--चतु भाव मे चं मा होने े ातक दवान , मलनार , माता का
पेमी मी या माँ े अधक यार मले ा | वाहन भवन , ंश श का मालक होता है | ी ,नौकर वारी का ुख मलता है | ातक को ा र मंर र इया भी मल ाता है | बाण र ेवताओ म भ रहती है | अनेक लोो को लने क छमता रहती है | भी पकार केके ुख खोो को पात करता है | भोदतकवा भोदत कवा रहता है | ल वतु ,तरल ा े लाभ मलता है | ूण ण वाया -अवा म अय य का ध ान भी करता है | कक कक का चंमा मा हो तो माँ ा यु होती है | चतुतत वलवान हो तो ड़ी वारी का ुख मलता है | चौे भाव म खु केके ानकार र ाार करने केके कारण क ोच ैा ा होती है,| ,|चतु भाव म चं ः अचल ंश श ता वाहन ुख ख , राकय त त का म न न , वयं केके ुख ख व पनता पनता केके काय क इा । चतु भावत चमा हो तो ातक ु यु , धन , व व ृहह -भवन यु , वाहन यु , ानी , पेमय मय का दहतकारी , य े नेह करने वाला , रो यु (यह कोई दवेष नह है), ), मां -मछली खाने वाला (यह भी कोई दवेष नह है ) र महल म खे लने वाला अा त ड़े भवन म रहने का ु ख भी है । बाहमण उको ल वतु े लाभ , खे तती ी , ी , वाहन , तान े ुखपात ता होता ेव र म भअवा होतीलोाक है ।
**************************** ंचम चम भाव म चमा का फल :-- ंचम चम भाव मे चं मा होने े ातक तेय य यवा , ीलवान , पा चत , तांदक दक या आडर यु , री ामी , ेवताओ को व म रखने वाला , वभ रहता है | कभी -कभी २ ी होती है | दकी -२ क ी ोधी र तन र च होता है | अनेक क वतु का ंह ह करने वाला , ऐे ातक क ी या नी वत ु र रहती है | ातक अयधक कामी रहता है ूण ण चं मा ातक को वलवान ुकम् कम् अा ान करने वाला भायवान र यावान वनाता है|| अनेक दवान केके आीवा े एया, पात यानी र रायो ,कारक ना े,ता है | धन तान े ुख खी ी , धन , अ -व ंही ही , ुील ील , कम ूर र , दवा पेमी मी , ुमान मान , नीदतवे ा ा , ौय म वाला दकतु तीखा होता है। य चमा ीण होकर ा या ु रा म हो तो दवरीत फल होता है अा त ीय -ुख ख- मुह व र ुख ख क कमी होती है। कमोर चं होने े ातक क कयाए चंचला चला रहती है | ाी चं ातक को राचारी ना ेता है | ६वे वष म अगन का भय रहता है | ंचचमम म होता है तो े धन कमाने केके ाधन े ै े ेयर यर ाार ुआ लाटरी ा आ े धन कमाने क ोच ै ाा होती है ,,||ातक यवा ुख व पनता पनता ंततान ान क केे लए ुभ पामक व मायमक ा म अा ान । अु भ होने र पदतकूल पभाव ।
**************************** छ टे भाव म चमा का फल :-- ष भाव मे च होने े ातक ातक का रीर कोमल र वला रहता है |मागन े ीदडत रहता है | ऐा ातक आली र ूर ,दनठुर , ववाभी ,उ वाभाव , कामागन े ीदडत , ीा मैुनु करने वाला ,ु े ीदडत रहने व ाला , चचेरेर भ े ाई े दवोह होता है | ३६ वे वष म ीड़ा अधक रहती है | छठे भाव म चमा आता है र पया फ़ल नही होते है तो चोरी े का े रोाना केके कामो े धन कमाने क ोच ै ा होती है ,| षम भाव म चं ः चन म अयंत अव , का पको वा वा रो । ष भाव म चमा होने े म ागन रोवाला / ेट क केे रो े ीदड़त , अायु, दनयी , ूर वभाव , त आली , दनुर, य , ोध केके आवे े े ुता ता करने वाला होता है। य चमा ु होकर वरा अवा उ रा म हो तो ु ख कारक होता है। ुल ल म य म रात म हो व कृण म न हो अरभं हो ाता है। च के ा र ,के तु या ा ह होने र , ातक ाकम या नीच कम करता है | धन रदहत र भयंकर कर ु े झडा होता है | भाई नह होते या ा नह ेते | मागन र ल -ंड रो े ीदडत होता है | ातक ी दपय होता है |
************************************* तम भाव म चमा का फल :"-- तम भाव मे चंमा मा होने े ातक ुर र रीर वाला , रतु वाणी वाला होता है | ऐे ातक को ुर र ी पात होती है | ातक ी दपय होता है | ी के कारन भय रहता है | वह कामातुर , अशभमानी , धम र नता े दवहीन रहती है | राा क पता े लाभ मलता है | े वाला होता है | तम म आता है छल करना ठी करना ाझेार ार े धन पात करना ात केके ाल े लो े धन पात करने का कारन ैाा होता है ,,|| घमंडडी ी , ु र ंर , नी नी या दत , आ आक क दत क केे लए अुभ दत । तम भाव म चमा हो तो ातक महाशभमानी , कामातुर र , ीण रीर , धनहीन ता दवनय रदहत होता है। तम भाव म ु ल का ढ़ता दनष चमा हो तो ौय , ं , ुख खी ी , ुर र रीर वाला , कामवाना यु , ता ीणली , नीच , ा ह यु / कृकृ ण का घटता च तम भाव म हो हो तो ातक रोदशण ी का दत , नता व रो े ीदड़त व उके उके ु ख म कमी रहती है । तम चं ातक को कमर म
, १५ वे वष म क , या ःख , ३२ वे वष म ी े ु ख मल ाता है |
चं य कमोर कमोर या ा ीदडत है तो ुख दवहीन , र ी रोदणी रहेी ी ,ह ले ना रहता है | उा का चमा १ ी वाला रहेा ा | तमे वलवान होने र ातक क २ ी हो है | चं म रा म ( वृष , कक कक , कया ) म हो तो नी ी वाभाव वाली रहे ी | य चमाँ दवषम रा का ( मेष , मुन , सह ) का हो तो नी ुषष त वहार वाली रहेी ी |
********************************** अम भाव म चमा का फल :-- अम भाव मे च होने े ातक ला , दत पकत वाला , एवं ने रोी रहता है | मूाय ाय दनत रो , े ीदडत , ानी म डूने का भय , या ल े हादन , कफ का रो , ,ुखाम खाम इया नी रहती है | ऐा ातक दनधन या धन होने र भी रे ान ान वना रहता है | ु र राा े रे ान होता है | च म कले वना रहना , ात कुकु ल े दनत होता है | अम म आता है तो ोगखम लेकर धन कमाने क ात मा म चमा ै ा करता है , डक डकैै ती डालना लूटाट ट ाट करना कानून े दवरीत होकर काय करना ,खरी ेच करने क केे ा लाल लालीी े धन कमाना आ माी ोच का कारण नता है | अम भाव म चं ः मानक दत केके लए पदतक पदतकूू ल दत , राकय त त केके म न का अभाव , आ आक क दत केके लए पदतकू पदतकू ल । चमा अम भावत हो तो ातक अने क रो े ीण रीर , दनधन न , चोर , राा े डत र मन म उे े ाक ाकुु ल होता है । इ भाव म ु ल का ढ़ता चमा हो तो ातक ु मान मान , तेवी वी , रो े ीदड़त रीर वाला ता ीण चमा होने र अ आयु होता है । अम भाव म ूू ण अवा अधक कला वाला चमा य अनी रा , ु क रा अवा ु क रा म हो तो ातक का -ा आ रो े क भोने वाला होता है। ुल ल म य म रात म व कृकृ ण म म न म आ हो च त त ारे अ रभं हो ाते है । कक या वृष का चंमा कक मा होने र ीवी , होता है | य नीच का चं हो तो कम उ म ही अकाल यु का भय रहता है | चंमा मा छढ़ हो तो कोई कोई अायु वाला होता है दकी ान म वयार होता है | दोष वर का भय रहता है | चं -ु केके ा हो तो रो का भय होता है | ६ वे र ८वे भाव म क रहता है |
*********************************** नवम भाव म चमा का फल :-- नवम चंमा मा ातक को भायाली वनता है | ातक को धन ,ु ण ु ख मलता है | ीवान , ुं तदत तं दत , दव ुखी खी , ेट ट दया करने वाला , .नौकर का ूण
ुरराण ाण का अयन या ावन करने वाला , होता है | धम ,ती याा पे मी , ुमान मान , र कुकु आ ,ताला ,मंर र का दनमा ण करने वाला होता है | बगन ,ुररोदहत ोदहत का मान करने वाला होता है | भावुक ता क कुु ल पेमी मी रहता है | नवम चं हो तो ातक केके १ या २ क छोटे भाई -दहन होती है | रतु ड़ा भाई नह होता | य होा तो ोन अल -अल रहेे | ी दका म ड़ी हन नह होती | छोटे भाई नह होते - छोट दहन होती है |,नव भाव म चमा क केे होने े भाय े धन को पात करने का ,ूवव क श े धन पात करना दवे े धन पात करने का दवचार मा म ै ा होता है | नवम भाव म चं ः दता केके पदत आर आर व लाव , धम व अयाम म च , धाम धामक क यााएँ, आ आक क दत के लए ुभ दत । अुभ व कुकु र र पदतकूल रणा रणामम । ूण ण चचंं मा होने र ामाय भायवान , ाधारण दवचार वाला , र यजा यजा करने वाला होता है | ूण ण चमा चमा वली होतो ड़ा भायवान होता है | दता ायुय वु ाले होते है | ूण ण ली ली चमा नवम भावत हो तो ातक ी , ु र धन े रूण ण , धाम धामक क , कम, र ती याा करने वाला होता है । ातक ेवता र दतर का काय करने वाला , ुख खीी धनी , ुमान मान , युवदतय वदतय का यारा होता है। य चमा ीणली व नीच म हो तो ातक धन -ुख इया का भाी नह होता वरन कुकु मा् , ुणहीन णहीन , मूढ़ अतःकरण वाला होता है। चं अुभ होतो ,आयु कम रहती है | भाय भायहीन हीन ता माता दता केके लए अदनक अदनकारी ारी नता है |१४वे वष म ता २०वे वष म द ता को ीड़ा ेता है |
ुभ ह े यु हने र ु फल कारी र ायुय हु ोता है | २२ े २४ वष म ू ण ु खी हो ाता है |
*********************************** म भाव म चचंं मा का फल :-- म भाव मे च ातक को ूरवीर र वीर , रामी , कतमान ,ीलवान ुमान मान , मानी , उपेममीी , लमी वान , महवाकांी ी , नो का आजाकारी , चातुर , दव काय म तर , र राा े धन पात करने वाला होता है |ऐा ातक ंततोषी ोषी ,यवी , ीवी ीवी , ोयमूतत् ् , र ताला ता मंर र आ का वामी होता है | , व भाव े दता क श े अनी ा केके ारा पात नोले े कै रयर े धन को पात करने का कारण मा म नना ु हो ाता है ,यारहव भाव का चमा ोत े अने ारा दकये ाने वाले कामो क े णी े धन कमाने क मानक ोच नती है | म भाव म चं ः र , आ आक क दत ुढ़ ढ़ , राकय तत का म न या राकय ेववा ा , न -मन न , न -ंक क या कारता के पदत अशभच ।
म भाव म चमा होने े ातक को राा े लाभ , उम ुय य , ुर र , ल , तोष दहत शमान , भोी र ील होता है । ातक कम खी होने वाला वाला , काय ील ील , फ़ल काय करने वाला , धन े मृ , दव , लवान , ूरवीर र वीर , ानी होता है। य चमा ु र व ह क रा म हो तो ातक का रोी , ल ेह वाला , मातृ-दतृ धन े दकतु कम हीन होता है। य चं क केे ा ा ह ैठठाा हो तो ा काय म दनदहत र २७वे वष म दकी दवधवा केके ा ं क क होने े मा म अ य मलता है | य म भाव म चं ुभ ह क केे ा हो तो दव कम को करने वाला होता है | म चं ुभ होने र २७वे वष र ४३ वे वष म अ लाभ होता है |
********************************* एका भाव म चंचं का फल :-- एका भाव मे च होने े ातक ौर वण वाला होता है | माननीय र यवी रहता है | दवयात ,कत कत मान ,ुशत शत , ानी , भोी , ंतदत तदत वाला , भूम म का वामी , अे ुण ण वाला , वा ा पा रहने वाला , मनुय य े पेम करने वाला , क कम म े धन कमाने वाला , ऐा ातक ुत त धन पात करता है | ा ुरराण ाण को ुनने नने म पे म रखता है | एका ान म चं रहने े २० ,२४ र ४५ वे वष म भू म ंश श का लाभ मलता है | ु ुख म ेरी हो कती है | यारहव भाव का चमा ोत े अने ारा दकये ाने वाले कामो क े णी े धन कमाने क मानक ोच नती है |एका भाव म चंचं ः ौभायाली , प पनू नूण ण , वाहन -ुख ख, चन म अव , ाार म उ नदत , ुखी खी रवार । एका भावत ली चमा होने े ातक लोक म मान , अनेक पकार क वारी , ुकत कत , भो ुण र पता े यु , धनी , ुवान वान , घ आयु , अनुकू कूल नौकर -चाकर / टाफ़ वाला , खुार ार , तीखा वभाव , ूरवीर र वीर ता प होता है दकतुय चमा ीण हो तो दवरीत फल होता है । य चंमा मा वही हो तो लाय , वाहन ,हाी ,ी ,क वृधध होती है | छन चंमा मा उरो फल े दवरीत करता है | एका का वामी य दनव ल हो तो ातक खच्ला वाभाव ववाला ाला होता है |चं य वली ह े यु हो तो धन क पात करता है | चं क केे ा य ु हो तो ालक ,ड़े वाहन क पात होती है | नाना पकार क दवाओ का जान मलता है |त े मनुय य े रा करने वाला र भायाली होता है |
********************************* ा भाव म चं का फल :-- ा च होने े ातक नीच वाभाव वाला क कृृ ण रतु ुररेे कम म धन खच करने वाला , ोध केके कारन कारन झडा करने वाला वाला , अदवा पात , नी नी ,अहीन रोी , र ु दवठ होता है |ऐे ातक क ी रोणी होती है |ातक केके अनेक क ,महीन ,नेरोी चचेररेे भाई होते है | नमे े कोई अं रदहत अवा अं े दवकृ दवकृ त होते है |,ारहवे भाव म चमा के होने े तं मं र आमानी य के हारे े धन को पात करने क ात मा म आती है .|| ा भाव म चं ः अधक य , ोष , कफ ंंधी ंधी रो , अनुार ार य , अभायाली दत । चमा च मा ा भाव म हो तो ातक ीलहीन , म े दवमु ख , ने रोी , अय रोी , ोध केके आवे े ुता ता ढ़ाने वाला , ेषी वभाव , दतत , ु, आली , दवकल , पायः रात ता ा रात या ाव म रहने वाला होता है । य चमा ली होकर अनी रा म त हो तो ातक ोषरदहत , ाता , ल होने र भी ु खी र ा छोटे अवा नीच का ाी होता है। य चं क केे ा ुभ ह हो तो ातक दवान ,ंददडत डत , र यालु होता है |य ाह अवा ु ह केके ा हो तो नरक ामी होता है | ुभ ह क केे ा चंमाँ माँ वाममी ी होता है |
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मंल ल केके अुभ होने के ू व ं के त
> भूम म का कोई भा या श का कोई भा टूट- फू ट ाता है । > घर केके दकी कोने म या ान म आ ल ाती है । यह छोटे तर र ही होती है । > दकी लाल रं क वतु या अय दकी पकार े मंल लक केे कारकव कारकव वाली वतु खो ाती है या न हो ाती है । > घर केके दकी भा का या ट का टूटट ाना । > हवन क अगन का अचानक हो ाना । > अगन लाने केके अनेक पया करने र भी अगन का पवलत न होना या अचानक लती ई अगन का हो ाना । > वात -य दवकार अकारण ही रीर म पकट होने लना । > दकी पकार े छोट -मोट घटना ट ना हो कती है ।
****************************************** *************************** ************************ ********* ***** योतीष म मं ल को ान करने वाला ह कहा ाता है अतः
१. (क ) म म मं ल हो तो , अवा म र मंल ल क ी हो , अवा
(ख ) क ंु डली म कही भी (अम भाव केके अतीरी ) मंल ल उ राी का हो . २. लन े म म ू य या ु उ राी , वराी अवा मी राी हो . ३. क म कोई एक ह उ राी अवा वराी का हो र उ र या म ान र ु भ ह क हो . ४. लने क लन र ी हो . ५. लने +मे क युती ती हो . ६. तीये म ान म वराी या मी राी का हो . ७. तीये +मे क युततीी हो . ८. क +ीकोन का यो हो . ९. मे कक अवा ीकोन म हो , उरो म े ीतने अधीक यो ातक क कु ं डली म हे ातक उतना ड़ा अधीकारी ने ा . एक यो होने र रकारी नोकरी आानी े मील ाती है .
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* पम भावत मंल ल फल ---म लन म मं ल होने े ातक को मदतम , रीर म रो , ाी , उता , ी पभादवत होने वाला , मानव ऐय े यु , रीर म चोट का भय , ी ुख म कमी अवा ी हादन , ुठत ठत रीर ,चंचल चल वभाव व य -त आना -ाना होता है। ातक ायवा म ेट र ांत त म रो वाला , चुलखोर लखोर , अयत ल ा को ानने वाला , अने वं ानु ानु ार ार काला अवा ता वण , चंचल चल वभाव , नीच क ेवा वा म तर , पायः मैला ला -कुचैला कड़ा धारण करने वाला (अनी ारवारक व मा दतनुार ), ुखहीन ार ), खहीन र ााचरण करनेवाला वाला होता है। यहां र नीच त मंल ल ातक क केे छु कर अनाचार / यौनाचार करने को इंदत दत करता है; इका अवलोकन ी ातक म यानू वक करना चादहए। तम भाव म मं ल होने े ातक का सल / भेफ क कुु छ ड़ा हो कता है। यहां र य मंल ल अने उ , मूल दकोण या व रा म हो तो अदन फल म कमी हो
ाती है व ंचमहाु चमहाुषष चक यो का फल भी मलता है । एक ात यान म रखनी चादहए दक लन म त कोई भी ू र अवा ा ह पायः पायः कु छ मानक मानक ं ता ता अवय ेता व ातक को ी ोधी नाता है। इ े ातक को दवशभ पकार े हादन हो कती है । अतः ातक क केे अने भले क केे लए आवयक है दक वह अने ोध व मानक ं ता ता को ीमत रखने केके लए उयु उाए अनाए। लन म मं ल हो तो ातक ूर , ाही , चल , महवाकांी ी एवं णय क े यु एवं वाय म हादन होती है । पम भाव म मल का फल :-- लन त मंल ल ाही , उ फर करने वाला , मदतम , चोर पकदत वाला , र वण वाला , र ड़ी नाशभ वाला , होता है |ऐा ातक / ादतका तेवी वी ओ ूण ण ात करने वाला , ोधी , र र र न का दनान , चंचचल ल र वाशभमानी भी अधक रहता है | दता क यु अामयक रहती है | राा े भय वना रहता है | रीर केके दकी भा र चोट का दनान रहता है | र म वणा केके चह चह हो ाते है | खु ली ली र ुा ा आ केके रो होते है | रीर र लोहा , र र े चोट का दनान ल ाता है |वचन म र -ीड़ा र वातर े रेानी ानी आती है |
इ भाव म मं ल ातक को मांलक लक ोष भी रहता है | दववाह आ मलान करके करके करे र दववाह म दवलंभ महू होने र मं ल ल का ान र मं ल ल क ूा ा करावे | मू ंाा ६"री का ताे म धारण करावे |उ का , नीच का का र वही वही मंमल ंल मंलीक लीक ोष को र करता है | ऐे ातक को ५वे वष म ीड़ा होता है | मेष , मकर , र बशक का मंल ल ातक को दनरोी , रीर े ु , राा े मादनत , यवी , र घायुय व ु ाला वनाता है |
(house) (debilitated) मंनाने ल ल खाना ंया र या एक मं ा केके लए को अने ोधहोकर ैठा ठा रहोखना तो चादहए। उे नेक क केके लए एवं नेक हो तो उे नेकमनाने र काू को अनी वाणी र दनयंण ण रखना चादहए कभी दकी के पदत अ अ नह ोलना चादहए। मंल ल क ुभ भता ता का फल पात करने क केे लए म क ुराही राही म फ डालकर ु नान ान र म क केे नीचे ाना चादहए। मंल लक केे ा ा ढ़ र ु ह अायु ेता ह | ंततान ान कम रहती है | वह मु ख एवं वात -ूल े ीदडत होता है | मकर रा का मंल ल ातक को दवान वनता है | ने रोी भी होता है |
************************************ दतीय भावत मंल ल फल -ल हो तो ातक दनधन न , न का ाी , दनु , --दतीय भावत मंल
याहीन र कु टुय य का दवरोधी होता है। मोटा अ खाकर ंतुतु होने वाला , चेहहरेरे म कुछ दवकार , कम दवा वाला व तु लो को हारा ेने वाला होता है। ऐा ातक धातु का ाार करने वाला , घर े र अवा अय े रहने वाला , ॠण ारा ारा (या र ेने े) धन मा करने का इुक , ुआ आरी री , दहणु, खेती ती म म , रामी , तला रीर वाला (मंल ल मोटाे का कारक नह होता ); यह एक दव दव दनयम केके अंत तत कहा या है र ुख का भाी होता है । यहां र य मंल ल अने उ , मूल दकोण या वरा म हो तो अदन फल म कमी हो ाती है । रेरे भाव भाव मम ममंं ल हो तो कटुभाषी , धनहीन , ुालक ालक , धमपपे ममी े ी , ने एवं कण रोी होता है । दतीय भाव म मं ल का फल :-- ातक /ादतका याहीन , ोधी , दनधन , कटुभाषी , अयी , अध -शत , होता है |रतु दवा े लाभ ,धन का हो ाता है | ऐा ातक ी र वुानो ानो े कलह करने वाला होता है | वाशण वाशणयय करने वाला .,रे म वा करने वाला , दनत ा को ेववनन भी करता है | ारीरक र ने ीड़ा नी रहती है | दतीय मंल ल को दनफल कहा या है | य रा यो भी हो तो भी दवे ष धनाली नह होता है | ऐे ातक को धन का ुख कम ही मल ाता है | लेदकन दकन ैक क ंश श र आभूषण ष ण का ाय रहता है | १२वे वष म ना होता है | छटे भाव केके वानी केके ा मंल ल ने म फूली रो ेता है | ा ह के ा या ट मंल ल नेो ो को ही पभादवत करता है | मकर , मेष र वृशक शक रा का मंल ल यानी र दवान वनता है | ने ुर र होते है | रे भाव मे मं ल (Lalkitab Remedies or Mars in 2nd house) लाल दकता केके अनुार ार मंल ल खाना ंया या ो म मं ा (combust) (combust) हो तो उे नेक नाने के लए भाईय के ा मधुर नाकर नाकर रखना चादहए। चादहए। रत क केे मय भाईय क क म करनी चादहए। ीठ ीछे दकी क कायत नह करनी चादहए। अने वहार र काय मम ढ़ता लानी चादहए। नेववाा र भंडारे डारे केके आयोन े मं ल नेक फल ेता है।
************************************** तृतीय तीय भावत मंल ल फल - के मंल ल तीरे भाव म होने े राा क पता े अधक ु ख , लाभ , उार य , रामी , ं , पच , ुणी णी व धनवान होता है दकतु भाई क केे ु ख े हीन होता है। य मंल ल नीच व ा ह क अवा ु रा म हो तो वह ातक धन , ुख र मनुय य े दवहीन
होता है र मत ा े रू रत होकर भी अधम मकान म रता है । ऐे ातक का अने दत / न े दवे (divorce) भी व है। तीरे भाव म मं ल हो तो ातक प ूरवीर र वीर , धैययववान ान , ाही , ातृक कारक एवं क टुभाषी होता है । तृतीय तीय भाव म ंल ल का फल :-- ातक रानुहीत हीत ,ुखी खी , उार , रामी , र ुमान मान होता है | ऐे ातक को ात ुख कम ही रहता है | ाी मंल ल भाई हो भी तो कम कर ेता है | अुभ भ मंल ल ी क कुु लटा मलती है | मंल ल र ु अवा चं क ट हो तो ऐे ातक क केे यहाँ एक भाई र ो वह रहती है | मंल ल ाह े यु हने र ययाा ट हो तो भाई ,वादहन होकर भी कम हो ाती है | दवष , अगन ,चोट र ही टूटने का डर वना रहता है | म ह केके ा मंल ल ातक को धेययववान ान वनता है | उ र वही मंल ल ातक हो ा युय ु , ंभीर भीर र पताी वनता है | मंल ल -रा युददतत वेयाामी याामी होता है | तीरे भाव म मं ल हो तो १२वे र १३ वे वष म भाई या वादहन का ु ख मलता है | तीरे भाव म मं ल ---तीरे खाने (3rd house) म ै ठा मंल ल अर मंाा हो तो मंेे पभाव को र करने केके लए को हाी केके ांत का कड़ा या इे नी कोई अय वतु घर म रखनी चादहए। खावे े चना चादहए र अनावयक खच नह करना चादहए। अने अं र आमदवा नाये रखना चादहए र अने ु ण र मता का पयो करना चादहए।
******************************* चतु भावत मं ल फल -ल चतु भाव म होने े म र वाहन े ख , वारी े दरने का -- मंल भय , रीर म रो क वृ र लता लता , ख े ीदड़त , ी ुख म कमी , कम े म अ लाभ व राए घर म दनवा व है । व दक ऐा ातक ड़मदत व अदतकातर हो , य -त घूममता ता है , नीच क ेवा वा म होता है , राए व व री लोलु होता है। चतु भाव म मं ल होने े ातक रे वाी , रीर े दनव ल , रोी र वुहहीन ीन , ुख रदहत र भूम म े लाभ मलता है , वाहन े क ाता है | ातक केके दता को भय ओत माता ण रहती है | घर म कलह नी रहती है | ुभ मंल ल रो े चाता है ,ातक रे केके घर म या ु राने भवन म रहता है | भाई या कुकु टुीन े वैर होता है | वे का या भी कर ेता है | ातक को ी हता ोष रहता है | चतु मं ल ८वे वष म दता को अर करक माता को रो र भाई को हादन ेता है | नीच ला मं ल ल होने े अदन फल म अधकता होती है।
इ भाव म मंल ल ातक को मांलक लक ोष भी रहता है | दववाह आ मलान करके करके करे र दववाह म दवलंभ महू होने र मं ल का ान र मंल ल क ूा ा करावे | मू ा ंा ६"री का ताे म धारण करावे |उ का , नीच का का र वही मंल ल मंलीक लीक ोष को र करता है | यहां र य मं ल अने उ , मूल दकोण या वरा म हो तो अदन फल म कुछ कमी हो ाती है व ंचमहाु चमहाुष ष चक यो का फल भी मलता है । चौे भाव म मं ल हो तो वाहन ुख खी ी , ंतदतवान तदतवान , मातृ ुख खहीन हीन , पवाी , अगन भययु एवं लाभयु होता है। लाल दकता े नाय मं ल को ुभ भ चौे भाव म मं ल (Lalkitab Remedies or Mars in 4th house) मंल ल चौे भाव म ममंं ा होकर ैठा ठा हो तो इक ु भता भता केके लए म क केे तन म ह भरकर उे मान भूम म ा ेना चादहए। घर का रवाा शण ा म नह रखना चादहए। 400 ाम रेववड़ी ड़ी न म पवादहत करना चादहए। चदड़य को मीठा डालना चादहए। ने क मंल लक केे लए हनुममान ान ी को र र चढ़ाना चादहए।
****************************************** *************************** ************************ ********* ********* -- ंचचमम भावत मंल ंचम चम भावत मंल ल फल -ल होने े ी , म र ु े ु ख क हादन , ु म दवय य होता है। ातक ोधी , चुलखोर लखोर , अन का ामना करने वाला , दवकल (ेहाल हाल ) व नीच पकृृ दत का होता है। ातक ा वभाव वाल व खी होता है । यहां र य मं ल ली हो , अने उ , पक मूल दकोण या वरा म हो तो अदन फल म क ु छ कमी हो ाती है । ांचव चव ान म मं ल हो तो ातक उु , कट , नी , उर रोी , चंचल चल , ुमान मान होता है। ंचम चम भाव म मल का फल :-- ंचचमम भाव का मंल ल ातक को चंचचल ल , उ ु , माी यु , कट , ी र ु क केे ुख े हीन नाता है | कफ र वायु े ीदडत होता है | ातक क ी का भात ात भी होता है | मेष मकर र बचक का मंल ल हो तो ु का ुख अवय मलता है | ातक चतुर र राय म अधकार रखने वाला , एवं अ ान करने वाला होता है य मं ल केके ा ा ह हो अवा ायु हो तो घर म ु का ना होता है | र ु होने े रोी हो ाता है | ८वे भाव केके ा मंल ल हो तो ातक ाी ,रतु वीर होता है | ंचम चम भाव म मं ल ५वे वष म वु क
हादन , र ६वे वष म े भय रहता है | ांचचवव भाव म मं ल ांचचवव घर म ै ठे ए मंल ल को नेक नाने के लए रात को ोते मय रहाने दकी त न म ानी भरकर रख ल को ह डालना चादहए हां ल कादवला अमानम नह ल इ भाव मर नेुकह है तोउउक नेक कऐी नाए रखने के लए ौय र भो लतहो।नहअर होनामंचादहए। क कुकु डली म यह दत हो उे अने कत का ूरा र ा यान रखना चादहए
****************************************** *************************** ************************ ********* *** ष भावत मंल ल फल ---छठ छठेे भाव म ली मं ल होने े ठरागन क पलता , रोष केके आवे े ु का ना , न क ंदत दत र काम क अधकता होती है। यहां र मंल ल ली हो तो पल काम वाना वाला , पल भुख वाला , अे ुठत ठत रीर वाला व अने ु म अय होता है । यहां मं ल क उदत े ातक क लड़ाई म मृ यु अवा ीर चोट आ कती है । छठे भाव म मं ल नीच अवा ु रा म हो तो ातक दव , ााचारी व अंहीन हीन (दकी भी कारण ) हो कता है। छठेे भाव म हो तो लवान , धैयय छठ ाली ाली , ुहहंता ंता एवं अधक य करने वाला होता है । ातक ोधी ,कामी ,कामातुर ,ुद वयी , काय म त र , वली ,ी -यु र चचेरेर भ े ाई ता ु ओ े झं ट ट करने वाला , होता है |उक ठरागन ते होती है | छठेे भाव म मं ल होने े छठ ातक का सल कु छ ड़ा होता है । मंल ल ाह क रा म , ा ह े ट , या युत हो तो ूण ण रीदत े अना फल ेता है | ातक वात -ूल ला ा रो े ीदडत करता है | मंल ल मुन र कया रा म हो उ र ु भ ह क ट न ड़ती हो तो ातक हो क कुु रो का भय रहताा है | २१वे र ३७वे वष म कलह अवा ु भय होता है | २७वे वष म कया का नम र रहत वाहन का ुख मलता है | छठेे भाव मे मं ल छठ लाल दकता केके अनुार ार क कु डली म खाना ं या 6 म मं ल नेक होकर ैठठाा है उे मंल ल को र भी नेक नाने क केे लए कया को भोन कराना चादहए। मंल ल अर मंाा होकर ैठठाा है तो ंतान तकरनी ान केके चादहए। म होने रधारण मठाईय केकरना े लेचादहए। नमकनदन ां टना चादहए। मय मय र आ आक क म ोना नहक क ां दत दत काभाईय उाय को करना चादहए।
****************************************** *************************** ************************ ********* ********* तम भावत मंल ल फल ---तम भाव म ममंं ल हो तो अने क पकार के ले ता ु केके ारा अनेक पकार केके अन, चता , ेह म लता , ी / अवा दत मरण / ी म ने ह केके कारण ंतता ा होता है। तम भाव म मं ल होने े ी ख म कमी , रोी , खी , कुमा र चलने वाला , ोभा रदहत व खे रीर वाला होता है । ऐे ातक क ी क कुु त , चता व चंचचल ल वभाव क हो कती है। यहां र नीच त मं ल ल ातक केके छु कर अनाचार / यौनाचार करने को इंदत दत करता है; इका अवलोकन ी ातक म यानू वक करना चादहए। तम भाव म मं ल होने े ातक का सल कु छ ड़ा होता है। तम भाव म मं ल मारक ह भी न ाता है । यहां र य मंल ल अने उ , मूल ल दकोण या वरा म हो तो अदन फल म कु छ कमी हो ाती है व ं चमहाुषष चक यो का फल भी मलता है। ातव भाव म मं ल हो तो ी खी , वात रोी , ी कोी , कटुभाषी , धननाक एवं ईयाल लु हु ोता है । तम भाव म मं ल का फल :-- ातक ला दनधन , रोी , ोधी , क सचता करने वाला , ी े सचदतत ., दववाह २४, २८ , या ३१ वे वष म हो ाता है |ी े अनार ाता है | कामी होता है | ाह े ीदडत मंल ल ी का ना करता है | ुभ ह केके ा मंल ल तक क केे ीदवत रहते ही ी क यु हो ाती है | मंल ल केके ा दन ातक दनत कम करता है | केतु-मंल ल ा हो तो रवला ी े ा भी भो कर ले ता है |मंल ल ु ह क केे ा होने र ातक क ी क यु हो ाती है | रतु ुभ ह े यु मंल ल ऐा फल नह ेता | मंल ल उ ,वही होने र ी चला ,ुर र ,र एक ही नी रहती है | ाह केके ा मंल ल ो ी होती है | ातक केके कमर म रहता है | ३७वे वष म ी को क होता है |
इ भाव म मंल ल ातक को मांलक लक ोष भी रहता है | दववाह आ मलान करके करके करे र दववाह म दवलंभ महू होने र मं ल का ान र मंल ल क ूा ा करावे | मू ा ंा ६"री का ताे म धारण करावे |उ का , नीच का का र वही मंल ल मंलीक लीक ोष को र करता है | ातव भाव मे मं ल (Lalkitab Remedies or Mars in 7th house) क ु डली केे वा या या ातभोन म ै ठेकरने मंल लेकेक े हले मंेाय पभाव को रएककरने केके लए क ाय क ेक वखाना ा करनीं चादहए। केके लए दहा दनकाल कर को रखदना ेना स चादहए।
मंल लक केे मंे पभाव े चने केके लए मां मरा केके ेवन वन े रहे रखना चादहए। दकी े भी मुतत म कलम नह लेना ना चादहए। |
****************************************** *************************** ************************ ********* ************* अम भावत मंल ल फल --- - अम भावत मंल ल होने े ने रो व अय रो , भाय य , रदवकार े क , नीच कम म पवृ दत , ु म मता , ोक तत , ी / दत ुख म कमी , आयु म कमी र ाधु न न क दना करने क पवृ ददतत होती है।आठव ।आठव भाव म ममंं ल हो तो ातक ाधत , नी , कठोरभाषी , उम , ने रोी , ंकोची कोची एवं धन सचतायु होता है। अम भाव म मं ल का फल :-- अम भाव का मंल ल ातक को ने रोी र र क ीड़ा ेता है | वल रीर , द पदत वाला , मूाये ायेर र वात ूल ला ा रो क ीड़ा रहती है | र अगन े भय रहता है | यहां र नीच त मंल ल ातक क केे छु कर अनाचा अनाचार र / यौनाचार करने को इंदत करता है ; इका अवलोकन ी ातक म यानू वक करना चादहए। यहां कक कक रात मंल ल अयत ल होकर अम भाव म त हो तो ातक ल म डूकर मर कता है । यहां र य मं ल अने उ , मूल दकोण या वरा म हो तो अदन फल म क ु छ कमी हो ाती है व ातक पकार क केे ु ख भोता है। ऐा ातक नीच कम करने वाला , ाक ाकुु ल च वाला , नक , ु , नो क ना ना करता है | कु ल े दनत होता है | अ ंततान ान वाला , ुभ ह े यु होने र आयु उम रहती है |२५ वा वष आयु का खरा रहता है |ाह े ीदडत मं ल रोड -आ क ीड़ा ेता है |
इ भाव म मंल ल ातक को मांलक लक ोष भी रहता है | दववाह आ मलान करके करके करे र दववाह म दवलंभ महू होने र मं ल का ान र मंल ल क ूा ा करावे | मू ा ंा ६"री का ताे म धारण करावे |उ का , नीच का का र वही मंल ल मंलीक लीक ोष को र करता है | आठव भाव म मं ल (Lalkitab Remedies or Mars in 8th house) क कुकु डली केके आठव भाव म मं ल ैठा ठा हो उे मं ल क ुभ भता ता क केे लए ाम क केे मय रोट े हले ते र केके छटे म तं री अवा भ नह मंनाने ल ल का मंा ा फल रानी भी अु भ होमारने ाताचादहए। है । मंल घर ल दवधवा े आीवा लेलानी नेने े नेचादहए क फलअया ेता है
एवं कु े को 40 े 43 नो तक मीठ रोट ेने े ु भ होता है।
****************************************** *************************** ************************ ********* *********** नवम भावत मंल ल फल -ल नवम भाव त हो तो हा कम म पवृ दत , अ धन र अ ुय य --मंल होता है। ातक अनढ़ (unskilled) काम करने वाला , ेषभाव े यु , वध दया म तर , धम रदहत , अदताी व राा केके कारण ड़न ाने वाला होता है । उका ने , हत र ेह ीत वण होता है , अधक न े यु , भायहीन , मैल ल - कुचैला व धारण करने वाला , दवकल / ेहहाल ाल लो म अा वे रखने वाला र दवा (मी ) म अदनर होता है । यहां र य मंल ल अने उ , मूल दकोण या वरा म हो तो अदन फल म कुछ कमी हो ाती है । मंल ल नौव ान म हो तो ैषी , अशभमानी , ोधी , नेतता ा , अधकारी , ईयाल लु ु एवं अ लाभ करने वाला होता है। नवम भाव म मं ल का फल :--ातक हक हक पवदत वाला , राा े उा अधकार ाने वाला , ुशत शत , ुमान मान , र कुकु आ ताला , दवला ान का दनमाण करने वाला होता है | धन पात म ं घष , बाण आ े मादनत होने वाला रहता है | अ र े यु रहता है | व का ूण ण भ होता है | मंल ल य वल हो तो , अुभ हो तो ातक घ ीवी ीवी होता है | य उ का मंल ल नवम भाव म ातक ु क नी े शभचार करता है | नवम मंल ल १९वे र २९वे वष म दता को अर करक होता है
| नवम भाव म ममंं ल (Lalkitab (Lalkitab Remedies or Mars in 9th house) कुडली क केे खाना ं या या 9 म अर मं ल ैठा ठा हो तो इक नेक क पात करने केके लए धम ं क केे पदत आर र मान रखना चादहए। ु ु ु र े य के पदत आ आरर भाव र मान मान रखना चादहए। मय मय र धामक धाम क काय का आयोन करना चादहए। भाईय े ने हू हूण ण नाकर रखना चादहए। दकी काय को करने े हले भ ाईय े भ ी दवम कर ले ना चादहए।
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म भावत मंल ल फल :"--- ालीन का म भावत मं ल ल होने े राा या राा क केे मान , अयत तु , ाही , र केके उकार म तर , मशण , रन , भूषण ष ण आ का लाभ होता त ा है। यहां मंल ल होने े ातक काय म तर , ूर र , ं , पधान नेववी ी , ु ुख े युतत , कामदनय के च को चुरराने ाने वाला , ले रीर वाला , भूमी म ी े ीदवका चलाने वाला , भडार े रदहत ोध हीन , बाण -ु का भ , न अधक नीच , न अधक छोटा र पताी होता है। मंल ल व भाव म हो तो धनवान , कु लक , ुख खी ी , यवी , उम वाहन का ुख ाने वाला लेददकन कन ंततदतक दतक वाला होता है। ातक पताी ,उोी , ूरवीर र वीर , रामी , ंतोषी तोषी , ाही , रोकारी , उ -पेमी मी महवाक मह वाकंं ी , धाम धामक क , मंर र का दनमाण कराएा | नो क आ आजा जा मानने वाला , ऐा ातक ु े अरात होने वाला होता है | राा तुय य , ुखी खी ,धन ंचचयय करने वाला , आभून न े यु रहती है | धनवान र ु वान होता है | ातक को हर काय म फलता मल ाती है | कतमान र पदतत होता है | १८वे या २४वे वष े धन कमाने का ोभाय मलता है | ान े उ मलता है |राय लाभ होता है | यहां मं ल अने उ , मूल दकोण , वरा म हो तो ं चमहाुष ष चक यो का फल भी मलता है।. म का वामी य ल ह केके ा हो तो ातक का भाई घा युयु वाला , भायाली , रमामा म यान लाने वाला होता है | एवं अने ु क ेवा वा करने वाला भी होा | मंल ल ा पभाव म हो तो , ातक केके हर काय म दिवन वाघा आती है | मंल लक केे ा ु होने र ातक ड़ा भायवान होता है | ड़ा वाहन र ड़ा भवन मलता है |५४५वे वष म ु े भय होता है | *************************** ************* ***************************** ************************ ********* ****** एका भावत मंल ल फल --- मंल ल एका भाव म होने े तां ा , मू ंा ा , वण, , लाल व
/ वतु का लाभ , उम वाहन , राा का अनुह ह , घर म उव र मं ल होता है। वह ेवता का दहत करने वाला , राा केके मान वा रखने वाला , ीड़ा े यु र ोध े ूरत रत होता है। य यहां मं ल उ मह ो तो लौदकक ौभाय , धन एवं ते े त ु य कामना वाला र धन का लोभी होता है। ातक ुण णी ी , अे ुख ाने वाला , धन -धाय व ु े यु व ोक रदहत होता है। यारहव यारहव भाव म मं ल हो तो ातक कटुभाषी , ोधी , लाभ करनेव ाला , ाही , पवाी एवं धै यवान व ान होता है।
ातक य वा , दनयी , पदतजा वान , रामी , ूर , यवी ,दपयभाषी , ुशत शत , उ दवा वान , धदन ,राानुादहत ादहत , ान ,दवा का दपय , पेमी मी , ोना इया े भरूर , ड़े वाहन वाला , भवन मालक , होता है ,| ऐे ातक को ंततदत दत का ुख मल ाता है | कृदष काय े भी ु ड ाता है | वावानी का दपय .उम भूमवान मवान होता है | ातक केके धन क हादन चोर या अगन ारा होती है |
एका भाव य मंल ल एकाे केके ा ही हो तो पवल रा -यो नता है | मंल ल केके ा य ुभ ह हो तो महाराा यो नता है | धन ,ंशवान शवान , र ातक का एक भाई त धनवान होता है | ११वे भाव का मं ल ४५वे वष धन ,ंतान तान , र उे अतु ल ुख मलता है |
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* ******* ा भावत मंलफल लफल --- म मय मंल ल य ा भाव म हो तो म े ेष , ने म रो , रीर म दवकलता , धन का अय , दतत , ीनाक , चुलखोर लखोर , ोधी , रात , न र ते क हादन होती है। ातक रे का धन लेनेने का इुक , ा चंचचल ल आंख ख -ु वाला , दवहार करने वाला , हाय यु , पचड (ू र ), ), ुख का भाी , र ी म दवला करने वाला , वाही ेने वाला व कम म ू ण होता है | . ारहव भाव म मं ल हो तो ातक ने रोी , ी नाक , उ , यील एवं ऋणी होता है। ा भाव म मं ल का फल :-- ातक का रीर दवमल ,ोधी ,कामी , अं -हीन , वु व े वैर करने वाला ,धम दष दषतत दयायो का करने वाला दतत , म ोही र अयधक अयधक खच्ला वाभाव होता है | ऐे ातक को वायु-दनत रो े रेानी ानी होती है |ने रोी या नेोो म लालन आना , ंधधनन े भय रहता है | मंल ल य ा पभाव म हो तो ाखं डी होता है | के तु केके ा हो तो ातक केके घर मआ अधक लती हैय ा दवली केके मामले म रे ानी आती है | ी क मलता है | ४२ वे वष म ी को ीड़ा होती है |
इ भाव म मं ल ातक को मांलक लक ोष भी रहता है | दववाह आ मलान करके करके करे र दववाह म दवलंभ महू होने र मं ल ल का ान र मं ल ल क ूा ा करावे | मू ंाा ६"री का ताे म धारण करावे |उ का , नीच का का र वही वही मंमल ंल मंलीक लीक ोष को र करता है |
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" रा -
के तु का १२ भाव म फल "
रा को वाइय केके म भी माना ाता है ,ो वाइयां रीर म एकोहल क माा को नाती है र ो वाइयां आ े छुटकारा ेती है वे रा क े णी म आती है .रा केके तु पभाव ातक केके ीवन म रहयमय रहता है|रा क आंका का कभी कभी त डा काय कर ाती है ै ेद क अना पभाव फ़ फ़ैै लाने के लये कोई झू ठ अफ़वाह फ़ैफ़ै ला कर अना काम ना ले ाना .| केतु पधान - चेहरे हरे र हमेा ा ारह े रहते ह? उाीनता का कारक है। इक इकेे पभाव े चैतयहीन तयहीन न ाता है। इक महवाकां महवाकां ाएँ ाएँ ु त होती ह। हँ ीी कभी -कभी वह भी मुकल कल े ही खाई ेी। ात म ैव दनराा झलके झलके ी। केतु वातव म ं या , या , उाना का भी कारक है। क केे तु को दवर ेता है। य ान का के तु मोायक माना ाता है। य कु ं डली म के तु ू य के ा हो तो मन म आं काएँ नी रहती ह , मंल लक केे ा हो तो काम टालने क पवृ श ेता है, ु यु हो तो दववाह ंंधध ं मउ ाीनता , ु क केे ा हो तो वैराय राय , व ूचचनाएँ नाएँ ेता है । ुध केके ा वाणी ोष व चं केके ा दनराा , अवा का कारक नता है। य क केे तू की वही केके ा ैठठाा होतो , उ भाव ता ाी ह केके पभाव म चार ुणा णा वध् कर ेता है . रा ुरराल ाल है रा वह धमक है े आको डर लता है | ेल म ं दनष कैकै भी रा है | रा फाई कमचचारी ारी है | टल केके तन रा क केे अधकार म आते ह | हाी त क नी भी वतुए रा के ह | राते का र रा है | रा वह म है ो ीठ ीछे आक ना ना करता है | क ु भी रा क ेन होता है | ने क वतुएंएं रा ह | का टका रा है | हताल का ोट माटम दवभा रा है | रा मन का वह ोध है ो ाल क केे ा भी ां त नह आ है | न लया आ ला भी रा है | ेयर यर माक माक ट क दरावट रा है उछाल क केे तु है | ताला ला मकान रा है | नाम वकल भी रा है | मलावट र ती रा रा है | रा वह धन है र आका कोई ह नह है या े अभी तक लौटाया नह या है | य आक कु ं डली म रा अा नह है तो दकी े कोई चीज़ मु त म न ल यदक हर मुत त क चीज़ र रा का अधकार होता है | लेनेने वाले का रा र खरा हो ाता है र ेन वे ाले केके र े रा उतर ाता है | ेट ट को भी टल केके तन अनेम ायक ायकेे े नह ले ने चादहय | रा केके ारे म क हावत है ” रा े तारे उे कौन मारे , रा े मारे उे कौन तारे “
****************************************** *************************** ************************ ********* ************ के तू के फल पायः मं ल केके मान ही होते ह र कुकु छ अय दवे ता लए होते ह । १-- १२ व रा दता दक हन का होता है यु क १०वे े ३ रा भाव है |ुआ ,मामी , दवधवा रही ी | २-- ३ रा के तु नानी दवधवा , ९ वा केके तु ा दवधवा होती है + नी दक नानी /ा भी दवधवा हो कती है | ३-- ७ वे े ९ वा भाव नी केके भाई का है |र -के तु होने े उक ा या नानी दवधवा होती है | ४--११ वा भाव ड़ी हन या ड़े भाई का है |उक ा /नानी दवधवा रहती है | ५--रा केके ा चं माँ का ु ख कम होता है |रा -मंल ल भाई का ुख कम मलता है |रा -ु दवा ुख कम करता है |रा -ूयय दता का ु ख कम होता है |रा -ुध ुआ या मौी दहन ुख कम करता है |रा -दन -पेत ा होता है |कारोार नही चलता |चाचा े मु ीत होी |र य रा नीच का है तो कोट कचहरी ,मुकमा कमा ेल , ुराल राल े रे ानी होती है | ६-- रा -च -- मा ा .२-रा -मंल ल - ात ा ३-- रा -दन -पेत ा ४-- रा -ूयय -- द ा ५--रा -ु -- ी ोष होने े ल मी ठ रहती है |दववादहक ुख कम मलता है | धम ान र रा का ाफ़ फ़ाई करने वाले केके म होता है ,धन केके ान म रा का आई ट फ़ क ेवा वा केके म माना ाता है ,हां अीमत माा क णना होती है वहां रा का दनवा होता है. योदतष ू :-- कक कक ,दवचक , कया या धनु म रा हो तो , रा क ा म व रा क ही अते ा म ातक को मान मान , धन वाहन आ का लाभ होता हे |
****************************************** *************************** ************************ ********* ********* रा का लन म फल :-- लन म त रा ातक केके वभाव म चडचडान , ोध , ता दकी न दकी रो े त ना रहना ाया ाता है | ाढ़ ड़ी होी :आली होा र अंडा डा कोष केके ाल ड़े रहेे | घर केके आे कूकू ड़ा अवय होा |दनण य ावर कमोर रहेी ी | ाल कमोर रहेे |आँख म
ा होा | ा केके १३ माह म ं तान हो ाएी |रा पम भाव म ु नाक अ ंततदत दत मतक रोी वा् ेववक क पवृशश का नाता है। रा का पम ान म होना :- रा का ामाय पभाव क ात करे तो लन म त रा य केके लए ुभ दक ुष ष केके लए अुभ फल पान करता है | रा ातक क क ंु डली म पम भाव म ै ठा हो तो ातक को , मतक रो , वा् एवं राे राेषी के ा नीच कम करने वाला , ल एवं कामी नाता है। ु , वभाव , य को ठने वाला , मतक का रोी , दववा म दवय व रोी होता ह। १. की भी लन क कु ं डली म रा लन (१ ) भाव म होतो , ातक ीवनभर की न की पकार के मानीक तनाव म रहता है , र ७ वे भाव म कतू होा तो ातक , अने ीवन ाी को धोखा े कता है य रा लन म मे ष ,सह र धनु राय म ं त होकर पम ान म दवरामान हो तो ातक अदड़यल ,घमंडडीी ,धनवान ,चरहीन र वा् होता है | ातक केके दकी अय ी े या दवातीय दववाह क ंभ भावना ावना को ा ेता है | रा केके फल पायः दन केके मान ही होते ह र कुकु छ अय दवे ता लए होते ह । कक कया व मकर म ह ो तो ातक को धन दत हे रा फ कक फेे री े ,टॉक माक माक ट े व क मीन ऐ ट क केे म या यु कहे दक झटके झटके े ध न क पात होती है सह रा म इके के अु भ रणाम याा होते है ,योदक सह रा का वामी ूयय होता है |य चदका योदतष योदतष क केे रवे म मां का दनधा रण रण करते है तो ो अ तक अनुभव भव म आया है दक ातक को त रो र मुख रो अवय होता है र उे ार ार त रो दवे षषजज क केे ा ाना ड़ता है | ऐे ातक को फ़ूड ोइन का भी खतरा रहता है | म कुकु डली केके पम भावत रा फल ---पम भाव म रा त हो तो ातक वभाव वाला , कामी , अने रन को धोखा ेने वाला , ंता ता व मतक रो े ीदड़त , ोलने वाला , उक आंख ख लाल वण क ह , कु कम रत रत -ारत , मां भक , ह हा ा आ ा को करने वाला हो कता है, कम ताकत होने र भी काय को करने म ाह वाला होता है । एक ात यान म रखनी चादहए दक लन म त कोई भी ूू र अवा ा ह पायः कुकु छ मानक ं ता अवय ेता व ातक को ी ोधी नाता है। इ े ातक को दवशभ पकार े हादन हो कती है। अतः ातक केके अने भले केके लए आवयक है दक वह अने ोध व मानक ंतता ा को ीमत रखने क केे लए उयु उाए अनाए।
लन केके तु का फल :-- लन का केके तू होने े ातक का फाट दनण य होा र दनण य ही र टक भी रहेा ा | १३ माह म ं तान दववाह केके ा होी | ा अचानक तये होी | नम के ३ ा ाल लक केे भीतर ती याा अवय होी या ं ा नान हो ायेाा |आक कु ं डली क केे हले भाव म अर क केे तु है तो यह मन को अांत रखता है , मा म चं चलता ेता है , भाइय को क ेता है , रीर म वायु का पको ेता है। म मय मे पम भाव म के तु होने े ातक ू नाने वाला , रोी भय े ाकु ाकु ल , ोधी , अने ु व को ले ेने वाला , न न े भय पात करने वाला , भी उेय केके लए रीर म उे ना रता है ,ातक री / रुष ष ामी , रीर म वात दवकार व ीड़ा े क व ी ुा ा क केे दवषय म चता नी रहती है । एक ात यान म रखनी चादहए दक लन म त कोई भी ूर अवा ा ह पायः कुकु छ मानक ंता ता अवय ेेता व ातक को ी ोधी नाता है। इ े ातक को दवशभ पकार े हादन हो कती है । अतः ातक केके अने भले क केे लए आवयक है दक वह अने ोध व मानक ंतता ा को ीमत रखनेक े लए उयु उाए अनाए।
****************************************** *************************** ************************ ********* ** दतीय भाव म रा का फल :-- दतीय भाव का धन र कुकु टु ं का मालक होने े ातक के अंर र अहंकार कार क भावना र क अेा ा अधक होती है |ातक ीदवकोान र धन क केे लए तना पया करता है ,उे उतना फल नही मल ाता है |क केे कारण ा ही धन केके लए लालायत रहता है |ऐे ातक को रवार क र े भी कोई हयो नही मलता है |ातक या ादतका speedly ( - ) ोलने ाला रहेाा | ाणी पभादवत रहेीी ०र ले म मया या रो ावना नी रहती है : मुह म ू या ां त कमोर रहते है : आँख फड़कना क ीमारी रहती है अ ं तदत मथया भाषी क कृृ ण :| भाव पकट करने म पोलम रहे ी |रा रे भाव म कुटु नाक अ र ु हता नाता है । इ भाव म त रा आको ु भ र अुभ ोनो तरह केके फल ेा। आक आकेे ठोडी र कोई दनान हो कता है। लो आ र दवा करेे भले ही आ उनके उनके दवा र खरे न उतर ाएं हां लादक दक आ त ह तक वहार कुकु ल हे। यह दत आको धनवान नाने क ंकेतक है। यहां का रा दवे म धना न करने म हायता करता है । आ अने ु का दवना करने म म हे। आको े -दवे म घू मने का खू ौक होा। लेदकन दकन आके आके काम अर अर कावट आ कती ह। यहां त रा आके आके काम म रता लाने म वधान उ करता है । आ झूठ ोलने म अधक दवाअखा कर कते ककते आतहहो है । वाणी म दकीकरपकार है । दकी य अेह।य का े ोलने ववनन कर । ैकती ततृृक ा का दवना कतेकाह।ोष ै हो काकता यो
कर कते ह। कुकु ा र धन खच कर कते ह । दतीय भाव : रा ातक क कु ं डली म दतीय भाव म ै ठा हो तो ातक रे ाकर कमाता है । अ ंतदत तदत , कु टु ंहीन के ा भाषा कठोर रहती है, धन का कम आमन होता है (अ धनवान ) रंतुत ु ं ह करने क आत ातक म रहती है । कठोर कम् , धन नाक , र , मणीला होता है। २. य २ रे भाव म रा होतो , ातक क यु ता धन हानी अचानक होती है . ता ८ वे भाव म केतू होने े ातक को अचानक धन लाभ ता केके मरने के ा ां ती भी पात होती है . रा धन भाव मउ त होना :- रा ान धन , कु टु ं का व मु ख का पदतदनधव करता है |रा क २रे ान म उदत होने े ातक क वाणी दषत व कठोर होती है ,अय भाषण , वाणी केके ारा तनाव उ करने वाला होता है |ऐे ातक क नाक ड़ी होती है ,ऐा ातक वयम भी र क ातो म आकार दना ोचे मझे ही ी ही उतात होाता है | ऐे ातक को मुह चलाने केके लए मुख क केे अंर र कुकु छ न कुकु छ चादहए | ऐा ातक हमेा ा े अनेदतक दतक े धन को कमाने का पया करता रहता है ,य इके इके ा क कुु छ अय ा ह क या ंंंध हो तो ातक अने धन का ना भी कर ेता है | दतीय भाव म के तु का फल :--के तु का धन भाव म होने े ांत म ू र मु ह क केे ा दतल या दनान रहता है | ६वे भाव र ती होने े ु नाक होा | ४२ वष तक धन ं ह नह कर ाता है | य कारन कर भी लया तो ४२ े ४८ तक लं ा ा घाटा होता है : रे भाव म होने े दता के धन को कठनाई े लवाता है । इके इके कारण आका मन भौदतक भौदतक ाधन क तरफ़ े हट रहा है। दतीय केके तु दवा े हीन करता है |धनहीन .दन वचन ोलने ाला , धन का ना हो ता है |राा के धन े धनी होता है |
************************************** तृतीया तीया भाव म रा ;-- अने घर का ड़ा या छोटा ही रहता है | घर म कोई मरे आँ ख ाला र रहता है |घर का इान कड़ दषत रहता है |ातक का मकान ेल ,दवधान भा ,नर -दनम ,ाना ,या रेल टरी केके ा होना चाइये | या उरो दवभा म व करने ाला रहेा ा |रा तीरे भाव म दववेक क ल दवान र वायी नाता है। रा इ ान म हो तो ातक के मत काय काय राहनीय होते है यह ान राम का ान है र रा चु क क उा का एक ु ं है ो इ भाव म होने े ातक के अंर र का आमदवा उन करेता है |यह ातक को आमयम व आम े ैव
ओतपोत रखता है | रा ३ रे ान म ा ह केके ा या दत करता है तो ातक ःाी व ा भाई हन का ना करने वाला होता है | ऐा ातक अने रवार म े ड़ा या े छोटा होता है अवा भाईय म े ड़ा या छोटा होता है |य तृतीय तीय ान म रा हो तो ातक खेल पदतयोदताओ म व खे लो म अणी रह कता है | |तीरे भाव म रा होने े ातक का भायोय ४ ०-४ २ ाल क उ म होता है . घर केके ा णे या व ी का मंर र अवय होा | तृतीय तीय भाव : ु क केे ऐय को न करने वाला , लोक म यवी , कयाण व ऐय ाने वाला , ुख ख व दवाल को ाने वाला , भाईय क मृयुयु करने वाला , ु नाक , र , रामी होता ह रा ातक क कु ं डली म तृतीय भाव म हो तो योायाी , दववेक को नाए रखने वाला , पवाी , राम ू य , अरनाक केके ा लवान , दवान एवंअ ा वायी होता है । तृतीया तीया भाव म केतु फलं :--रोदहत केके तीरे भाव म के तु होने े ातक अने घर का ड़ा या छोटा ा ही रहता है | घर म कोई मरे आँ ख ाला र रहता है |घर का इान कड़ दषत रहता है | ातक का मकान ेल ,दवधान भा ,नर -दनम ,ाना ,या रेल टरी क केे ा होना चाइये | या उरो दवभा म व करने ाला रहे ा |रा तीरे भाव म दववे क ल दवान र वायी नाता है।- आक कु ं डली मत ीरे भाव म के तु होने े आ ोड़े चं चल ह, इक इकेे कारण ही लो क केे ा चलने का मान भी न रहा है र आ ा र क हायता करने के लये आे ढ़ रहे ह ।
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* चतु भ ाव म रा का फल :--चोे भाव म रा ातक दक माँ के लए ककारी होता है |वही ाय के भवन म ाय ता नौकरी म अरता पान करता है | ाा क ंश श का ुख कम मलता है या नह मल ता है | ४ वे रा ाले ातक को अना मकान दकराये र नह ेना चाइये | ाा क ंश श दता को नह मल ाती है | मकान रेल ,ेल या नरदनम के ा रहता है |ाा क ंश श रे लो खा ाते है |चतु ानत रा ातक क पारक ा म भी ाधा उन करता है | रा ुभ ह े यु हो या हो तो माता क आयु लं ीी होती है |य रा मुन या कुकु रा म हो तो ातक क केे ा धन दत पचु र मा म रहती है रतु ातक केके ा खु ीय का आभाव ा रहता है |रा चौे भाव म वभाव े ूर कम ोलने वाला अं तोषी र माता को क ेने वाला
होता है। {चुतत रा र क केे तु हो माता -दता का घर ही या ेना ही एक महा उाय होता है }य ४ े भाव म रा होतो , ातक रानीती म फल होा , कतू तन भी अचानक होा . रा का चतु भाव म होना :- मां म अय य योो क दत केके अनु ार क केे के वामी क तरह ही रा भी त ु ंरर रणाम े लेकर कर त ही ाधारण रणाम तक ेता है | लदकन दवरोध के कारण ो अ तक अनुभ भवव म पात आ है ातक को भा य अपता र ंततान ान हीनता भी ेता है | ऐे ातक क केे दववाह म भी कोई ामं य नही होता है |य रा इ ान केके वामी े भी यु दत करे तो ीवन म खां त घटना े एक ार र करता है | चतु भाव : ु ातक क कु ं डली म रा चतु भाव म रहने र वह अं तोषी , ःखी , ूर एवं मथयाचारी मथ याचारी (झूठ र चलने वाला ), ), कम ोलने वाला नाता है। इी केके ा ेट क ीमारी नी रहती है एवं माता को क रहता है । खी , ु - म ुख रदहत , दनरतंर मणील व उर रोी नाता ह । य चतु ान म रा मे ष ,वृषभ षभ ,कक कक कया रा म हो ातक को अे रणाम क पात करता है | ातक केके माँ े ामाय ही रहते है | य रा चतु भाव म ककक या कया म ह ो तो ातक को महापताी व मा म मादनत नाता है | चतु के तु का फलं :-- चतु केतु हो तो रे केके भवन म रहने ाला र अने भवन ,भूम म मीन न हो ाती है |ातक को माँ का ान या म भू म छोडनी ड़ती है |उ क केके तु ही ुभ फल ेता है |ेडम डम क वारे ेे क हो ाती है | माँ का ी .ी low रहता है | मन े अांत रहता है | ४२ तक माता र दता का ुख अवय मलता है :| ४ केके तु माता दवधवा रहेीी या रवार के अर एक केके ो दववाह रहे हे |दनवा रेल या ेल या नरदनम केके ा रहता है |चौे भाव म त के तु माता दता केके ुख े र करता है , इी कारण कभी कभी आके आके उाह म कमी भी ेता है । केके तु के पभाव े ही आके आके मा म नकारामक आते ह ।
*************************** ************* ***************************** ********************* ****** ंचम चम रा का फल :-- ांचवे चवे भाव म रा पाय :मा को कमोर करता है |ा म ाधा उ करता है |ंतान तान ुख म भी रे ानी आती है |ा केके १३ माह केके भीतर ंततान ान अवय हो ाती है | मकान केके ा shivji का या णे मंर र रहता है | नह तो धरम ान तो रहता ही है १०० मीटर के भीतर | रा य १ ,५,९ रा का है तो abortion भी करा ेता है | १ या ३ तक ंतान तान
हादन करा ेता है |रा ंचम चम ान म :- भावत भावं केके ांत केके अनु ार ार ंचम चम भाव नवम े नवम है अतः ंचम चम ानत रा ातक केके ौभाय ौभाय ाली होने म अडचने उन करता है र ं तान ारा रेानी ानी ैा ा करता है ,ी क कु ं डली म रा ं चम होने र भ क हादन या ीे रयन ारा ंतान तान क पात करता है |ंचचमम म रा हो तो ातक केके रं ंध होने क ंभ भावना ावना पल होती है |योदक ान ंचम चम ान ु व पेम ंंधो ंधो का भी है ,य रा ंचचमम म हो तो ातक को कोई भी दनण य लेनेने म ेर लता है र ातक क ु को मत रखता है |रा ंचम चम भायवान कमठ कुकु लनाक र ीवन ाी को ा क ेने वाला होता है ।ंचचमम रा हो तो ंतान तान का मोह या दवचार या } ंचम चम भाव : रा ातक क कु ं डली म रहने र भायाली नाता है । ा को मझने वाला रहता है रंतुत इु ी केके ा मदत मं रहती है (मदतमं ), ), धनहीन एवं कुटु ं का धन मात करनेव ाला दनकलता है। ुखहीन खहीन , महीन , उर -ुल रोी , दवला म ीड़ा , मत व उर रोी नाता ह। य यहाँ रा ुभ ह े यु त या हो ,ुभ रा मप ल रायो कक कक ह क केे ा हो तो को उम रायो पान करता है | य ांचचवेवेभ ाव म रा होतो , ातक को ंततान ान े क मीलता है , ता क -क कर धन क पाती होती है .|दवा उ तर क कराता है र पामक दवा मे कमी लाता है | ातक को एकाध अवरोध केके ा दवा फलता लाता है | म ान े र ाकर दवा का लाभ मलता है | ऐा ातक दवे ओर र ेो क याा भी करता है | रा केके उाय करने े ल ाभ मलता है | ंचम चम केके तु का फल :-- ञ ञचम चम केके तु उर ीड़ा ,ु ,दाच ाधा ,े ीदड़त होता है |केतु के पभाव े ातक ोधी पकत का होता है |ंचचमम क केे तु ु का कराता है |मकान केके ा व ी या ा ी का मं र १०० मीटर केके भीतर रहता है | ंतान तान दववाह केके १३ माह केके अर हो ाती है |९० पदतत ु यो होता है |ंचचमम भाव म त केके तु को ो नाता है । अर दकी मदहला क क ंु डली म ं चम भाव म के तु हो होता ता है तो ं तान होने म क होता है । ु ंततान ान मे कभी कभी ेरी कराता है | द ोष ूा ा कराने े ं तान ुख मलता है |केतू ातक को म ान े र ाकर ही दवा का लाभ कराता है | कभी कभी अनी ोच े दवा ू री नह हो ाती है |
*************************** ************* ***************************** *************** छटे (६वे ) भाव म रा फल :-- ु र रो भाव का रा हले ु को पपवल वल करता है दफर उके ा क उके कूू टनीदत , भेनीदत नीदत , आ का हारा लेकर ु र दवय लाता है |ऐे ातक केके लए वा ही े याा अहमयत रखता है |मामा १ या ३ रहते है | य ३ मामा हे तो १ मामा अवय
ीदड़त रहेाा या कम भी हो ाता है | ा या नानी दवधवा रहेीी ९० % म ा रहती है | ातक आमदवाी आमद वाी होा | र मंल ल होा तो ५ मामा होकते है | दन मोयो क ंया या ड़ा ेता है |( ु ,चं ,र ुध ) भी मोी क ंया या ा ाती है |( मंल ल ु र ूयय ) मामा क ंया ढ़ाते है ३ या ५ ,७ तक हो कते है ,दफर १ या २ कम हो ाते है |रा षम भाव म :-रा ६ ान म घटनाऐ ट नाऐ पान करता है, य षमे क केे ा रा क युददतत हो तो यह रणाम र भी घातक होते है |य इ ान म रा दन के ा युददतत करे तोीवन भर क व मया े ीछा नही छ छुु ट कता चाहे द कतने भी पया आ कर ले |लेदकन दकन यह भाव कू कू टनीदत का कारक है अतः रादनदतजो के लए ६ घर म उत रा ु र ंर फल ेता है |ातक केके ीवन म वह अवय ही एक ार अधोदत म अवय ाता है ,र दकी अभीयो का ामना उेअ वय करना ड़ता है |रा छठे भाव म लवान धै यवान व ान घववान ान अदनकारक र ुहता हता नाता है। षम भाव : ातक क कु ं डली म रा षम भाव म रहता है तो ातक दनरोी , रामी एवं ड़े-ड़े काय करने वाला रहता है । अर दनवारक केके ा ुहता हता एवं कमर े ीदड़त रहता है । ुु ल ल नाक , लाभ ाने वाला , कमर म , लेो ो े मता व लवान होता है । छटे (६वे ) भाव म के तु फल :-- म कुकु डली म के तु छटा हो तो ु का नाक ,र राम म वृ होती है |दकतु ऐे ातक को अने मामा े मान नही मल ाता है |चोायो का ुख मलता है |उम ुण ण े यु भी रहता है |नाना केके रवार म १ क २ ा ा होती हहैै | नानी दवधवा रहती है |आमा दवाी होा र ु रात रहेे | मामा १ या ३ ही रहे ेे | १ कम हो ाता ाता है यया ा रेान ान रहता है | मंल ल ु ूयय रहने र र मामा क ं या ड ाती है दन ु ुध रहने र मौी क ं या या ढ़ ाती है |, आक कु ं डली म छठे भाव म केतु त है तो| आका क, ढ़ता ा रहा है।आको ।आको ेट क ीमारयां भी इक इकेे ही कारण होती है। ुाे ाे म ोड केके क ीमारी होती है ा ही अर कु ं डली म कोई अय ह कमोर होता है त ो आको पे त ाधा भी हो कती है।
*************************** ************* **************************** ************** तम रा का फल :-- ातवे भाव म त रा ाय ले ेता है |नी ीदड़त रहेी ी या ांय य ुख कम रहता है : |ा या मामी दव दवधवा धवा रहती है | ी दका म रा र -ुषष े ुड ाती है | ाये ै र र चोट का दनान रहता है |ाार -वाय म हमे ा घाटा ना रहता है |रा तम भाव म चतुर लोभी वातरोी कम पवृ एकाधक दववाह र ेम म नाता है । ातक क कु ं डली म रा तम
भाव म हो तो ाार म ातक को हादन , वात रो होता है, कम क पे रणा , चतुर क केे ा लोभी एवं राचारी नाता है । े याा पभाव ृह ह र ड़ता है। ी क अवा ी नाक नाता है । . य ातवे भाव म रा होतो , ातक मती -म का ीकार होता है, ाय ीवन क कारी होता है . ुतां तांो ो केके ाल नह नाता नाता |ी केके रवला रवला होने र भी ो करता है |र यही उके उके तन का मूल कारण रहेा ा |ांझ झेेारी ारी म घाटा रहता है |ी के ैर म चोट का दनान रहता है |या ैर का ंा ा दवकृृ त रहता है | ी दवरोधी , ी नाक , पचड ोधी , ी े दववा करने वाला , रोी ी पात दवक करता ह। ातक ारात : ीवनाी घमंडी डी , शभचारी , चरहीन , कक कक होता है। इन योदतष ं मे रा क तम भाव म अु भ दत को मनुयय क केे वैवादहक वादहक ीवन केके लए पदतकू पदतकू ल र घातक ताई ई है । इका यह आय आ दक य क म कुक ंु डली म रा अु भ रा , भाव , युददतत या न म त ह तो उ का ाय ीवन कठोर एवं अां त हो ाता है । ाय ीवन क केे अांत एवं कलहकारी होने र ीवन नरक तु य हो ाता है। ी र ुष ष इ ृहह ंार ार क ाडी केके ो दहये होते ह, इनम े एक दहया य टूट ाए , या टेढ़ा -मेढ़ा ढ़ा चलने ले तो ृहह क ाडी लचर -चर हो ाती है, चरमराकर चलती है, कभी -कभी ायी े क ाती है। रा क तम भाव क दत ूण ण ीवन को अां त र पदतकू पदतकू ल नाने के लए यात त होती है इलए कु ं डली मलान दकया ाता है तो रा क दत अनेखी नह करनी चादहए। ृ ह ीवन मे कई ार ाया ाता है दक मांलक लक ोष े भी रा ेव क तम भाव म दत अधक घातक हो ाती है र आीवन ाय ंंध ंध केके ठक होने या ु खी ाय ीवन क कामना म दता ेता है । तम केके तु का फल :-- तम केके तु होने े ातक अमान ाता है | र शभचारण य े रदत करने म पवीण होता है |नी े दवयो मलता है |अंततदडयो दडयो का रोी , व धातु रोी होता है |नी े क या रोदणी नाता है |ातक को फर क सचता नी रहती है |नी ते -मा ाली होी | नी /दत केके ांत का ैल ल दडा होा | चोभा ँँ चा होा |चेहहरा रा ुर र , ैर उंलय म छा न होा |एडी करी होी | मुह र दतल का दनान होता है |ातव भाव म त केके तु आक आकेे मन म अांदत दत ैा ा करता है। ीवन ाी र ुो ो को ीड़ा ैाा करने म अनी अहम भू मका अा करता है , इी केके कारण आको ानी े भी भय ना रहता है । तम भावत केके तु फल == ==म मय तम भाव म केतु हो तो याा क चत चताा र य याा न करे तो अने धन का ना हो या ल े भय हो , ातक री / रुषष ामी , ु े धन क
हादन दकतु य केके तु वृशक शक का हो हो तो धन का लाभ दफर भी , ी को क , खच र ता नी रती है।
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* अम रा का फल : --अम भाव म त रा े ट म दवकार उ करता है |अम रा वाले ातक पाय क रो े ीदड़त रहते है | २ नंरर का काय करने ाला या रत ाले काय े ु ड़ा रहता है | दकी क मूररी ी का फ़ाया उठाने ाला रहता है |१ क वतु ४ म े चने ाला होता है|रा आठव भाव म कठोर रमी ु मान कामी ुतत रोी नाता है। ८ वे भाव म रा होतो , ातक को अचानक धन मीलता है, लेकन इ धन े ातक ु खी होता है र ना ही व ही ा ही यू भी अचानक होती है अम भाव : ातक क कु ं डली म अम भाव म रा ातक को ह -ु नाता है। ुतत रोी होता है, भाषण करने वाला , मूख ख के ा -ा ोधी , उर रोी एवं कामी होता है। ना करने वाला , ुा ा म ीड़ा , पमेह रो , अंड वृ , ु क केे कारण ाकु ाकु ल व ोधी नाता ह। अम के तु का फल :-- अम केके तु दपयन का दवरह होता है |ातक को े ीड़ा मलती है | उके भी उो म दवरोधी नाता है |अम केके तु अदन फल ेेता है ||अचानक धन लाभ कराता है | उके रक ाले काय अधक करता है |नानी या ा दवधवा रहती है | नाना या दता केके रवार म दकी क २ ा रही होती है | आठव भाव म त केके तु आके आके रीर क केे ते को कम करता है , ीवन ाी े आके आके झड़े करवाता है। आक आक तंी ी ेता है। मेष ष ,वृष ष, मुन ,कया ,बशक म होने र धन लाभ भी कराता है |
*************************** ************* ***************************** *************** नवम रा का फल :-- नवम भाव का रा धम क राह े अल होकर रम ारा फल होता है | नम केके ३ ाल केके भीतर ंा ा नान या ती याा हो ाती है | ४२ तक भाय को रोके रोके रखता है | लेदकन ४२ केके ा अयधक यवी हो ाता है | का नाम उा हो ाता है | रा नव भाव म ुणी णी रमी लेदकन दकन भाय म अं धकार ेने वाला होता है। नवम भाव म रा होने े ातक ःाही होता है , भायोय ५ ० ाल क उ म होता है . ातक क कु ं डली म रा नवम भाव म हो तो ातक को तीययाा ाा करने वाला एवं धमा मा मा नाता है, रंततुु इी क केे दवर दवरीत ीत रणाम भी ेता है । पवाी , वात रोी , रमी केके ा पवृ श का नाता है। ोध ोध म धन न करने वाला , अ ुख खी ी ,
दनरतर मणील , र , य का अ ुख रीर ीड़ा यु व वात रोी नाता ह। नवं केके तु का फल :-- नम केके ३ ाल केके भीतर ंाा नान या ती याा हो ाती है | ४२ तक भाय को रोके रोके रखता है | लेदकन दकन ४२ केके ा अयधक यवी हो ाता है | का नाम उा हो ाता है दकन भाय म अं धकार ेने वाला होता है।कु ।क ंु डली क केे नवे घर म केतु | रा नव भाव म ु णी रमी लेदकन अा फल ेने वाला होता है। इे आका भाय ा ेा। क केे तु र का दहत करवाता है , भाई र ु क ेववाा करवाता है।
*************************** ************* ***************************** ********************* ****** म रा का फल :-- ३ काय या ३ ाार करने के ा ही फल हो ाता है | तभी फल होता है | रा व भाव म नी ौकन ु रय र आ नीच कम करने वाला होता है ।म रा ाला ातक कम ुो ो वाला होता है |यकम हीन ,दनभ य ,र प भी होता है |दकतु द ुख म कमी } | भी लाता है म रा र केके तु हो माता दता का घर ही या ेना ही एक महा उाय होता है म भाव : ातक क कु ं डली म रा म भाव म ातक को लाभ ेता है । काय फल कराने के ा वाय कराता है रं तु मं दत , लाभहीन अ ंतदत तदत , अरनाक भी नाता है। दतृ ु ख रदहत , अभाा , ुननाक ाक , रोी वाहनहीन वाहनहीन , वात रोी | . य रा +ु क युततीी े ातक अती कामुक , नी + रा क युती ती े तं - मं का ानकार लेक कन न री , रा +ु क युती ती े हठ -योी , रा +मंल ल क युती ती े खतरनाक काम करने वाला , ूयय +रा क युततीी े ातक ुरेरे आचरण वाला ता चमा +रा क युततीी वाला ीवन -भर मानीक यातना भोने वाला होता है . म केके तु का फल :-- ३ ाार कराएा |तीरे या चोे काय म ू ण फल होता है | ४२ तक दता का ुख अवय मलता है|दता भी ांत हे अचानक हे या अटेक े ही यु होती है | उान या एयर लाइन म काय होता है | - अर व भाव म के तु होता है तो आ भायवान होने क केे ावू रेान ान रहते ह। इी वह े आ दता केके ुख े र हो कते ह।।ऐा ऐा ातक क कमम म दिवन उ करता है |ातक अयंत ते वी वी ,र ूरवीर र वीर भी होता है |ातक को द ुख कम मलता है |४८ वष के ा राम वृ होती है |
*************************** ************* ***************************** *********************** ******** एका भाव म रा :--एका भाव म रा अचानक ड़े लाभ करा ेता है |ता कुकु ल वा क केे ुण ण भी ेता है | |म उा वालट केके रहेे | उमी े याा लाभ होता है | ा अचानक होती है |
रा यारहव भाव म मं मदत लाभहीन रम करने वाला अदनकारक र तक तक रखने वाला नाता है । ातक लमी वान ,घायुय ु ,कम ुो ो वाला ,र कण रोी होता है |एका रा लाभकारी होता है | यह ातक को उचत र अनुचत चत ोत े धन आय कराता है | एका भाव : ातक क कु ं डली म रा यारहव भाव म अदनयमत काय कता , मतयी , अा वा नाता है। इी केके ा आली , लेी ी एवं चंमा मा े यु हो तो रायो लाता है। भी पकार े धन , ुख का लाभ ाने वाला , रकार े ुख ख , वाभूषषण ण , ु े लाभ , यं - तं दवय , मनोर को पात करनेव ाला। एका भाव म के तु :-- म उा वालट वालट क केे रहेे | उमी े याा लाभ होता है | ा अचानक होती है |यारहव भाव म मं मदत लाभहीन रम करने वाला अदनकारक र तक तक रखने वाला नाता है। - के तु, क ुं डली केके यारहवे भाव म ु भ फल ेने वाला होता है। क केे तु ऐे ातक को ैे े वाला अमीर र ुखी खी नाता है । ा ही यह म ु ण ैाा करता है।।उम उम ुण ण े यु र लमी वान रहता है |ऐे ातक केके ा भोय ा होते है |र पयेक काय म उे मल ाती है |
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* ा भाव म रा का फल :--:-- य भाव म रा खच्ले वभाव केके ा -ा दवेष मान भी कराता है |आँख म मया रहती है | उा छुी , ुत त दवा उार करेा ा | आँखे खे लाल रहती है | न म पोलम रहती है | ा रात म (अँधधेरेरे े ) म याा करे ा | न म कम ेा , | मो का मा पात होा | ल रो े ीड़ा होती है |अधक यी र ा केके काय करता है |कोई ना कोई रो ला रहता है |रा ारहव भाव म मं मदत दववेकहीन कहीन नन क ंदत दत करवाने वाला नाता है । ा भाव : ातक क कु ं डली म रा ा भाव म हो तो सचताील एवं द ववे कहीन ना ..|| ने रोी , ांव म चचट ट , दनशत पेम करने वाला , का नेही ही , ाखंडडी ी , कामी , अदववेक क , चतातुर व खच्ला होता ह। ा भाव म के तु का फल :-- आँख म मया रहती है | उा छुी , ुतत दवा उार करेा ा | आँख खेे लाल रहती है | न म पोलम रहती है | ा रात म (अँधेधरेरे े ) म याा करे ा | न म कम ेा , | मो का मा पात होा | ारहव भाव का केके तु आको उ र आीन कर कता है , यही केके तु आको तेवी वी नाता है। लेदकन दकन आके आके मा म क या कट भी ै ा करता है।।ाकम ाकम ुत त े करता है |काय म धन य हो ाता है |ने दवकार होते है |धन कमाकर न कर ेते है
| ****************************************** *************************** ************************ ********* ** क ंु डली क केे ा भावो म रा का फल
:-
===================== पतेक ातक क कु ं डली म ह दक भाव म त है उी केके आधार र फल ेते है | य ह अनी उ या अनुक कूूल ान म है तो य , मान , कत दवय र फलता ेते है वही य ह अने नीच या पदतकूल ान म है तो अय , अफलता , दवनाकारी ु , अमान र अय तरह े हादन चाते है | योदतषानुार ार नवहो म रा को ा ह माना या है का वण काला धु ए ैा ा है, इक मले पकृदत हैहै र अ अयय भाषण र रे यो क ना न ा र उह नीचा खाने म दवा करता है | इक पकृ पकृ दत ताम है र ां ारक ारक भोो म आ ा तताा है | मानारी के अनुार ार रा का ा भावो म दनन फल होता है | पम भाव (लन ) :- लन म त रा ातक को , वा् , मतक रोी , हा हा क केे पदत झुकाव काव ेता है रतु री र दकी भी काय को करने का ाह भी पान करता है | तीय भाव :- तीय भाव रा ातक अ ंददतदतवान तदतवान , कुटु े वैर र , कठोर ाषण , चोरी क पवृदत दत र मॉ ेववनन क केे पदत झुक काव ाव ेता है वही दतीय भाव म रा क दत आ आक क दवषय म ठक मानी ाती है र ातक दवे म ाकर भी धन कमाता है | तृतीय तीय भाव :- तृतीय तीय ान म रा ातक को दववे कील , अरनाक केके ा लवान , दवान अा वायी र कभी कभी ःाही नाता है | इ भाव म रा क दत भाई र हनो के लए उचत नही मानी यी है | चतु भाव :- चतु भाव म रा क दत े ातक खी , ूर , मथयाचारी एवं अं अं तोषी होता है | माता को क र कभी कभी ेट म ीमारी भी रहती रहती है ातक अने मान े र ृ ह नाकर र कभी कभी दवे दवे म भी रहता है | ंचम भा भावव :- ंचचमम भाव रा ातक को अंददतदतवान तदतवान , र रेे के मन को मझ मझनेने वाला ,
कूटनीदतूण ाते र वहार करने वाला र धू त पवृ दत ेता है | यहाँ रा च का यो े को अाय ीमारी भी े कता है | षम भाव :- रा क इ भाव म दतातक को ु नाक , दनरोी , रामी एवं ड़े -ड़े काय करने वाला ता कमर े ीदड़त नाती है | य रा इ भाव म षे या लने ेे यु है तो ानवरो र रीृ े ाभानी अवय रतनी चादहए | यहाँ रा क दत कभी कभी घ टना र वाइयो े रएन को भी ा ती है | तम भाव :- तम भाव म रा क दत े ात ातक क को धन क हादन , वात रो , लोभी , नी को क , दववाहेतर तर एवं राचारी नाता है | य ु क इ भाव र है तो वै ववादहक ादहक मधुर होते है | अम भाव :- रा क अम भाव होना ातक को अय र भाषण करने वाला , मुख ख क े ा ोधी , उरोी र ोी , ुतरोी तरोी , चोरी क पवृददतत एवं कामी नाता है | रा का इ भाव म त होना कभी कभी वैवादहक वादहक ीवन म कठनाई भी उ कर कता है | नवम भाव :- नवम भाव म रा ातक को झड़ालू , नीच कम मम रत रत , ाु े भय , ररा दवरोध कभी कभी धमक ाय म च र दवे दवे आवामन को ा ता है | म भाव :- म भाव म रा ातक को ूर , अर मन , काय फल करन करनेे क केे ा - ा वाय भी कराता है | इ भाव म रा क दत रानीदत केके लए ठक मानी ाती है | एका भाव :- एका भाव भाव रा ातक को हयार चलने म मादहर , मतयी , अा वा , आली , अने मान े र रहने वाला , अंददतदतवान तदतवान , अने भाई हनो म े छोटा या ड़ा होता है | रा क इ भाव म दत रायोकारक मानी यी है | ा भाव :- ा भाव म रा ातक को चताील , दववेकहीन कहीन , दवेामी , धाम धामक क काय म अच ेता है |
ु केके अुभ होने के ू व ं के त
ण खो ाता है । > > अे काय के ा भी अय मलता है । > दकी भी पकार का आभूषषण केके ारा ूय य या धामक धामक दया का अनाने म ही अमान हो ाता है या कोई धम
न होता है । > र केके ाल कम होने लते ह अा त ं ाा होने लता है । > या आ वचन ूरा र ा नह होता है ता अय ोलना ड़ता है । अर दकी ी ातक का ु क क म नीच राी का या व भाव म दकी भी राी का ै ठा है तो ऐी ातक को वैवादहक वादहक ीवन म ं ं तुलन लन नाने म कत आएी . ऐी ी को ीवन म कई ार अमादनत होना ढ़ कता है. ऐी दकी भी ी को याा े याा र ँक कर रखना चादहए . ीे केके ामने या ानी केके ामने कभी भी ूण ण तया त या दनव नह होना है . यादन नहाते मय भी रीर र कोई न कोई व अवय हो . व े कत होती हो तो ै र म चल अवय हो . ऐी ी को दना दकी योय दवान क लाह केके ुखरा खरा धारण नह करना चादहए . ध ह का ेववनन लाभ ेा . दवतृत ानकारी केके लए हन े टयां ंक क कर कती ह. |
****************************************** *************************** ************************ ********* * ृहदत हदत ृह धन मान मया ाा ,च ा ,ाा ,धाम धामकता कता ,र धन का कारक ह है --वभाव े ृहदत हदत लालच र ेलाम लाम इा े र रहने वाला ह है ,इी कारण े ृहहदत दत भाव म ैठठता ता है उ भाव क ां ारक ारक ात क केे लए ातक क लाला को मत कर ेता है दवशभ राय म ृ हदत क केे फल इ पकार ह --१.मेष म ु हो तो शभतरघात करने वाले मन याा होते ह ारीर र कोई घाव या व वचा चा क दवकृ दवकृ दत हो ाती है . २.वृष म ृ हदत े घकालीन क ालीन रहने वाली ीमारी का अंेेा होता है र अर ु केके ा दन का हो ाये तो दववाह म ाधा आती है . ३.मुन या कया म ु े वचा दवकार क पल ंभावना भावना अवाम हकमय हकमय केके ा कमताल क कमी र ाझेारी ारी े नु ान होता है . ४.कक कक म ु च का होता है ,य नवमां म मकर या कुकु म चला ाये या दकी अय ल ह े यो नाये तो ड़े रो क ं भावना रहती है .
५.सह म ु े ातक म अ धक ोध रहता है एवं वा होने क े कारण अजात ु न ाते ह . ६.तुला म ु होने े ातक क केे लाहकार ी र कट होते ह र वै वादहक ीवन म तालमे ल क कमी रहती है . ७.वृक क म ु होने े ातक मा खावे केके लए ामक र धामक धामक काय म धन खच करता है र घमंडी डी होता है . ८.धनु या मीन म ु े दन ,ूयय मं ल का हो तो वा दववा ,मुक कमे मे र कलम क लडाई का ोक होता है .इक इकेे अलावा इन राय म ु कोई ोष ैाा नह करता . ९. कु ं डली म ु अनी नीच रा मकर म होता है तो त े ु ण म कटोती कर ेता है ,ातक म धय क कमी ,त मेहनत हनत करने र भी ुख क कमी ,अने अछे ुररेे क मझ न होना ,वैवादहक वादहक ीवन म अं तोष ,इया . १०.कु राी म ु रो ेता है ,लालच क अधकता ,वचन क कमोरी आ फल मलते ह ,पाय ातक चुलखोर लखोर होता है .
****************************************** *************************** ************************ ********* *********** L12 भाव म ु का फल पम भाव म ु फल :--ातक BRODMIND होता है | दवचार र ोच ड़ी होती है | रीर वल होता है | दवा उा रहती है | दववाह मय अनुकूल २२ े २६ के ीच हो ाता है | २२ वष म भायोय होता है | लेदकन दकन अमं ना रहता है |कभी -कभी नकारामकता आ ाती है | आक आ क क , सचताएँ घे रती ह र यााएँ होती ह । रतेार े मनमुटाव टाव कराता है। . ातक के लन म ु (ृहदत हदत ) होता है। ऐा ातक अने ुण ण े चार ओर आर क े ेखा ाता है । ु लन मे होने े उम फल ाता होता है | ातक ेवताओ केके मान लवान ओर मा केके दहत मे काय करता है | ातक तेवी वी , टा , दवनीत , कटु भाषी भी होता है | अने जान का अहम हो ाता है | ातक अने भाव अने मन मे ही रखता है | ातक वतं दवचार वाला , पमाशणत ात कहने वाला , दकी ंा ा का वामी , धाम धामक क , कतमान ओर यायी होता है | ातक का वे भूषषा ा
उम होती है | ातक क दत उम होती है | दतीय भाव म ु :-- कु टु ं ड़ा होता है | धन का ुख चाहने ाला या धनी रहता है | ४२ वष ा लाभ अधक रहता है | रो र ु प दवय पात करता है | ाययु ु रहता है | आीदवका --- दता े ही ुड़ड़ाा काय करता है | दता का ुख भी उम मलता है | दत दतीय ीय ान : घर म खु ी का मावे होता है। ु का ना कराता है । अदववादहत का दववाह र ृहही ी वाले क केे यहाँ े का म , धनपात कराता है अा त ूण ण ु ख ेता है। रे भाव म हो तो ातक कदव होता है । उम राय ंचचालन ालन करने क हो होती ती है। ातक क मूखाकृ ख ाकृ दत ुर र र ानी म मधु रता रता होत होतीी है | ातक व न न दपय र माक मान पात करेा ा | य र कत े यु होा | दतीय भाव का ु ानी े ाचाल र कु ल वा भी होा | ातक ंश श र ंततदत दत े यु रहेा ा ा ही भा म ोलने वाला ुण भी रहेाा | धन का ंचय चय करने वाला र धदन रहेा ा | क , रकारी नौकरी र कानून का जाता होता है | अनी मूल भाषा क केे अलावा अय अय भाषा का जान भी होता है |दतीय भाव का र र पभावी रहेा ा |कुटु ं का ु ंडाधकारी र याय दपय भी होता है |ातक का ीवन ाी ुर ुख मलता है र दनव र या ु रदहत होता है |ु कमोर होने र उरो फलो म कमी भी आती है | ातक मथयाभाषी कु लोही र ु यु ना ेता है |
*************************** ************* ***************************** ******************** ***** तृतीय तीय भाव म ु फल :-- ात का ुख उम मलता है | ा मय र हो ाती है | २२ वष म भायोय भाय ोय हो ाता है | म े लाभ मलता है |तृतीय तीय : धन क कमी कराता है । रतेार ार े कटुता र काय म अफलता लाता है । याा म नु कान ीमारी र ान रवत न होता है। तीरे भाव म हो तो वह ातक नीच वभाव ... का ना ेता है,। ा ही उे होर ाता का ुख भी पात होता है। तीरे भाव मे त हदत के कारण ातक ाह ओर लवान होता है | ु मान होता है | अनेक क धामक धाम क ओर आयामक ती का ोषक होता है | ातक दवचारील ओर ुमान पकार केके धाम धामक क आयोन को कराने वाला होता है | ातक ते वी वी ओर काय करने मे चतु र होता है |
काय
का
ं क
लेता ता
है
उे
ू ण
कर
ले ता
है
|
ातक को े भाई दहन का ओर कुकु टु ं का ुख मलता है |ातक केके रवार का मान मान होता है | राा े मादनत होता है | ातक क ु ल े ले खन े लाभ मलता है | तृतीय भाव का ु
धामक धाम क र अयामक काय म च ेता है |ातक को भाई का ुख मलता है या घर का कोई भाई
खन या घूममने ने क केे काय े लाभ अधक होता है | पदतत होता है |लेखन
*************** ***************************** **************************** ***************** *** चतु भाव म ु फल :-- मकान का ुख ड़ा चाहाता है तो खी ना रहता है | आयु े है |ुत त धन एवं ु त दवा म च रखता है |दता े लाभ मलता है | धन ुभ काय म खच होता है | दकी म या रतेार ार े अमादनत कराता है । ातक को लत काय के लए पे रत करता है। ा ही चोर का भय होता है।चौे ।चौे भाव म हो तो ले खक , पवाी , योी , आतक , कामी , यटनील ट नील ता दवेे दपय ता मदहला क दव केे ीछे ीछे -ीछे घूमने म ने वाला होता है। ातक राा के ारा ये ए राकय आवा मे रहता है | ातक को मा मे मान मान मलता है | मा के दहत के काय मे ला रहता है | माता दता व ओर भूम म का उम ुख भी लाता है | आयु केके अंददतम तम भा मे ुख ओर फलता मलती है | ीवन मे ंघष घष के उरां त ातक को ुख मल ाता है |माता ओर दता मे भ ओर ेवा वा का भाव ना रहता है | ऐा ातक अनी ंतान तान े खी ना रहता है | ूवव ो ो क ंश श को कोई हड़ ाता है या खा ाता है | ातक को नौकरी मे ही फलता मलती है ाार करने मे ातक को अधक क मलते है |
********************************** ंचम चम भाव म ु फल :-- धनु ,मीन कक कक का ु याा ुभ फलकारक होता है | ंततान ान ुख उम मलता है | दवा हाई रहती है | भाय भायाली ाली एवं भायोय भायोय २२ े २४ क केे मय हो ाता है | म े लाभ मलता मलता है , य भी पात कर ले ता ता है | BRODMINED रहता है | वाय क रहता है |ंचम चम : राकाय म फलता लाता है । उ अधकारय े मान मलता है। ातक को नए क पात (ोदत ) लाता है। ेररोार ोार को नौकरी , ु क पात होती है। घर म ु भ काय होता है। मीन -ाया र अय पकार केके वैभव भव , दवलाता क वतु क खरी करवाता। ांचवे चवे भाव म हो तो ऐा ातक दवलाी ता आराम दपय होता है ।
*************************** ************* ***************************** ***************** ** छठा भाव म ु फल :-- इ भाव म ु होने े धन खच अे े काय म होता है | ु ड़े ही रहते है | दकी न दकी लेवल वल े ड़ा होता है , तभी ु ड़े होते है | कुटु ं का ूण ण ु ख मलता है | ीवन म कोई रो आता नह है य कोई ड़ा रो आ ाये तो वही यु का कारण न ाता है |
उेक या लाहकार होता है | ा दवभा -वकल , या पोफे पोफे र न ाता है | षम : घर म झड़े करवाता है र क ेता है । रतेार ार े मनमुटाव टाव क दत उ होती है। धनहादन , खच ढ़ाता है। छठे छठे भाव म हो तो ऐा ातक ा रोी रहता है । मुक कम म आ म ीत हाल करता है । ता अने ु को मुह ं क केे ल दराने क मता रखता है ।
***************************** *************** **************************** ****************** **** तम भाव म ु का फल :-- मदहला क दका म ु तम म ोषी कहा या है | दत े नती नह या अंतुतट ु ट रहती है | दत या ु म े एक का ु ख याा मलता है | ुषष क कु ं डली म तम ु नी धमक धमक रहती है , व व ाली नी भी हो ाती है | ीवन ुखमय खमय रहता है | ातक रामी होता है ,कु टु ं ुख मलता है | आय अ होती है ,मा े धन कमाता है |य मलता है |तम : ारवारक खुयाँ याँ ेता है । ा व नए ंंंध कराता है। धन क पात ेता है। नए दवषय का जान ेता है। वाहन ुख ता े का म होता है।ातव ।ातव भाव म हो तो ु े होती है। ऐा भायवान , न , धैययववान ान होता है। तम ु केके पभाव े ातक ु र ंर ेह , ओर आकषक क होता है | ातक े मलकर लो प होते है | ातक क ाणी अमरत केके मान मधुर होती है |वा ोलने मे ओर भा इया मे भ ाषण ेने वाला होता है |ातक योदतष , का , धमओ र अे काय मे च लेनेने वाला होता है |उार , तज , धेयय , दवन , भायवान ओर ुण णीी माना ाता है | अने दता े याा उार होा | अने भाई हन े होता है |अवा अने कुकु ल मे ू ण रहेा ा |ातक यो यो केके आ नही होता है | य योो को केवल उभो का ाधन मानता है | ंधन धन नही मानता है | नी या दत उार , यायी , ुवभावी वभावी , पामाशणक , ओर नेदहल दहल होती है | नी खीी होता है | ातक क उ कुकु ल क धनवान होती है | दववाह केके ा ातक धनवान , मानी ओर ुख नी ुण णवदत वदत ओर ुवती वती होती है | तम होने े ातक ी रम दत को ा ले तताा है | ांझे झारी े ारी उम मलती है | ओर ांझ झेारी ेारी के ाार ाार मे उम उम लाभ ा ले ता है | ु उम ओर ुमान मान होता है | चा ओर दवच काय मे फल , फोटोाफ का ौख रहता है | वकालत छे मे तम ु अ फलता ेता है | यूक क तम ु मझोता केके छे मे पवीण नाता है | दता े ुख मलता है | ातक को 34 वष मे ू ण फलता मलती है ओर मान ाता है | तम ु वाले ातक दवान , ुमान मान , क , पधाना याक , वकल ओर वेरटर रटर ओर यायाधी होते है | ा केके छे मे ू ण उदत ाते है |
मेष , सह , मुन व धनु लन लन मे तम ु अा होता है |
***************************** *************** **************************** ************** :-| , | आयुहोता ेट टहै रहती दवा, उम जानी तीत रहता हैकरताअने ुअम कोभाव आेम क रु केके फल चलने ाला | धनहै वाहन यु रहता है |एवंुचतु ख खीी रीवन है | अम : अुभ होता है। घर कलह , ारीरक क , मानक तनाव आ कई पकार केके क ेेता है । आठव भाव म हो तो घा यु होता है ता ऐा ातक अधक मय तक दता क केे घर म नह रहता है । ु अम भाव मे होने े ातक मे दवनयीलता , मधुरता रता लाता है | ातक ील , मदत वाला , मधुर भाषी ओर मा मे य कमाने वाला होा | कु ल क रंरा रा को दनभाकर आे भी उी राते र चलता है | ातक उम ती क याा भी करता है | अने काय को ुत त रखेा ा | म उम पात होते है | अने दता दता केके घर मे त मय तक नही रहने वाला होता होता है | ातक दकी वन केके यहा नौकरी ेववाा करता है | नौकरी े ही धन का लाभ मलता है | दकी क वीयत या ुतत मे धन मलता है | ातक भी कभी रोो े त होता है तो उक पकत मे अं तर तर नही आता है | य दनल भी रहा तो दनरोी ना रहेा ा | धम ा को ाने वाला होता है | ाधु ं त पेममीी होा |
*************************** ************* ***************************** ****************** *** नवम भाव म ु फल :-- २४ े २६ केके वीच भायोय होता है , रामी कुकु टु ं ुख उम रहता है : दवा हाई ला रहती है | य पदता मान पात होता है | ीवन म १ ार तो अं डा र कहता है चाहे धोखे े ही खाना ड़े | धम मा े ु ड ाता है | ु क कृृ ा मतली है | ंतान तान ारा य मलता है | पम ु ही होता है | य ंचचमम म कोई ी ह हो तो कया यो न ाता है |नवम : ातक को जानवृ कराता है। काय करने क मता ढ़ाता है । यानी कम करने क पे रणा ाता है।नौव ।नौव भाव म हो तो ु र ंर मकान का दनमाण करवाता है। ऐा ातक भाई -ंधुध ु े नेह रखने वाला होता है ता राय का दपय होता है । नम भाव का ु ातक ाचारी ओर अे काय मे च रखने वाला , नीदतत ात करने वाला , ं चे दवचार वाला होता है | ातक ाधु ंततोो क केे ेवा वा करने वाला , ती का पेमी मी ओर धम कम कम मे च रखकर रखकर अने कुकु ल का नाम आे ड़ाने ड़ाने वाला होता है | रामी , यवी , दवयात ओर मनुयो यो मे े होता है | ातक को मकान का ुख उम मलता है |
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म भाव म ु फल :-- म ु को कक का ोष ल ाता है | ण ं ाा या लाहकार छे म लाभ अधक मलता है , य ाती े ंददडत डत है तो कमकां क ांड म लाभ मलता है | वाहन ,भवन यु रहता है | दनरोी ,ु नाक एवं अने कुकु ल म धनी होा |म : ीमारी , धनहादन ता क ेता है। ान रवत न कराता है। ाया का नुकान कान ेता है ता ीवन कमय कर ेता है।।व व भाव म हो तो ातक को भूमदत मदत एवं भवन पे मी ना ेता है। ऐे चकला म दनु ण होते है। म ु ातक को र , वतं दवचारधारा वाला , दववेक क , , यायी ओर यवा होता है | ातक कम् , ुयामा यामा , ाो का जाता , ओर धम पे मी होता है | ातक अने उम ुण णोो के कारण मा मे नाम ओर मान ाता है |ातक को मा केके लोो ारा मलता है कुल का य ड़ाता है | ातक ो भी काम करेा ा उके उके आरंभ मे ही फल हो ाता है | ातक को अने दता े दवेष नेह पात होता है |ातक के ा उम उम वाहन ओर भवन हो होता ता है | म े ही उरो ुख ख मलते है | ुरर व ओर आभूषण ष ण का दपय होता है | म ु होने े भाइयो े धन का लाभ होता है य भोन करते है | रलोक क दत के | ी ओर ु का ुख ामाय होता है | घर र त े मनुय ारे मे सचता करता है | म ु होने े ातक दक ाार मे फल होा ये दनशत नही होता है | आयात दनयात , ा , , ओर लाहकार वाले छे मे लाभ होा |
*************************** ************* ************************** ************ एका भाव म ुु का फल :--३,६,११ म भी ह ु भ फलकारी होते है | यह र ु ुभ भ फलकारी होता है | म े लाभ मलता है |रामी ,दवा ,ंतान तान े ूण ण ु खी रहता है | हायर EDUKATION पात होती है |पेम - दववाह का यो पवल हो ाता है |एका : ीवन म खुयाँ याँ ेता है । ूण ण तं ती एवं धन क पात कराता है । भूमहीन महीन को भूम म लाता है। मकान भी ेता है। ंतान तान क पात भी कराता है। है । अदववादहत का दववाह होता है । यारहव भाव म हो तो ातक ऐय वान वान , दता केके धन को ढ़ाने ढ़ाने वाला , ाार म ता लए होता है । यारवे हर मे ु होने े ातक ुर र दनरोी , व ेह वाला ओर ा ाययु ु होता है | ातक पामाशणक य ोलने वाला कु ा ु ओर दवचारवान होता है | ंतोषी तोषी , उार ओर रोकारी होता है | न क ंदत दत मलती है | " लाभाने हा : व लाभपा : " इक इकेे अनुार ार भी ंकारो कारो ने एका ान मे ुभ फल ताए है | ातक को राय राय े मान मान ओर लाभ केके दवलण यो नते है | उ लोो े मा होती है | मो े म ओर महवूण ण आकां षा ूण ण होती है |ातक धन धाय े ूण ण होता है | ातक केके धन पात केके मा अरमत ओर अं य होते है | 32 वषक े ा लाभ यो अधक नता
है | कई पकार े पदतठा मलती है | ातक केके ा वाहन ओर वारी का ुख भी उम होता है | ातक को अनेक यो े ु ख मलता है | 3 या 5 ु यो तक न ाते है | ु क केे म क केे ा ातक का भायोय ु होता है | ातक अने दता का भार या ेववाा करने मे म होता है | ु नते है लेदकन दकन र भा ाते है | रे को जान को ानने वाला होता है | अने कुकु ल क उदत कराने वाला होता है | ंतदत तदत , दवा ओर ंश श इन तीन मे े एक का लाभ लाभ अधक मलता है | कन का ताय यह है क य ं श अ होी तो री ोन ंततान ान ओर दवा कम हो ाएी | तीन एक ा नही मल ाती है | ातक अशभमानी भी हो ाता है |
****************************************** *************************** ************************ ********* * ा भाव म ु का फल :-- खच अधक रहता है | याातर मकान र मीन र धन खच होता है | ातक अने मो का मा भी दनकाल ले ता है | धम पे मी हो ाता है | ु रात हो ाते है | आयु ेट ट रहती है | ुत त धन या अचानक लाभ मल ाता है | ानी र ुयामा यामा होता है |दनरोी ना रहता है | कप ीवन ेता है। मानक र ारीरक ता ौक क ेकर तनाव े यु कर ेता है।।ारहव ारहव भाव म हो तो ऐा ातक आली , कम खच करने वाला , वभाव वाला होता है। लोभी -लालची भी होता है।
****************************************** *************************** ************************ ********* *
दन क केे अुभ होने के ू व ं के त
क ुं डली मे दन नीच का है :-- नीच रा का दन होने े ातक को मे हनत केके काय मे रेानी ानी ेता है
| क ंु डली केके ुभ फल कम मल ाते है | न म न ताने लती है । अकमात ही दकी अादह या अयत दनधन र े े वा -दववा हो ाता है । मकान का कोई दहा दर ाता है । लोहे े चोट आ का आघात लता है । ालतू काला ानवर ै े े - काला कुकु ा , काली ाय , काली भ , काली करी या काला मुा ा आ मर ात ाताा है । दनन -तरीय काय करने वाले े झड़ा या तनाव होता है । केके हा े तेल फैफै ल ाता है । केके ाढ़ -मू छ ँ एवं ाल ड़े हो ाते ह । कड़ र कोई ा ा दरता है या धा धा लता है या ाफ -ुरे रे कड़े हनने क ह े े व हनने क
दत नती है । अँ धेरेरे, े एवं घु टन भरी ह म ाने का अवर मलता है । रा केके अुभ होने क केे ूवव ं के त ->> मरा आ या छकली खाई ेती है । > धुएँए ँम ाने या उे ुरने रने का अवर मलता है या के ा ऐे अने क लो एकदत हो ाते ह , ो दक दनरतर धूान ान करते ह । > दकी न या दव कुकु ड केके मी ाकर भी नान नह करता । > ाला आ ानवर खो ाता है या मर ाता है । > याात कमोर होने लती है । > अकारण ही अनेक आक आकेे दवरोध म खड़े होने ल ते ह । > हा केके नाखुन दवक दवकृृ त होने लते ह । > मरे ए ी ेखने को मलते ह । > ँधी धी ई री टूट ाती है । मा भटकने क दत भी ामने आती है । ेक ोई आवयक ची खो ाती है । के तु के अु भ होने के ू व ं के त
> मु हँ े अनाया ही अ दनकल ाते ह । > कोई मरणा या ाल कुकु ा खायी ेता है । > घर म आकर कोई ी पाण -या ेता है ।> अचानक अ या ुररीी खर ु नने को मलती है । > हदय े ु ड़ी रेादनय ादनय का ामना करना ड़ता है । > ैर का नाखून टूटता या खरा होने लता है ।> दकी ान र दरने एवं दफलने क दत नती है । > म होने केके कारण ेे हाया लदतयाँ होती ह । य कु ं डली म तम भाव म दन -रा क युददतत हो तो ा त ेर े होती हे | यह यो दवेे भी करा ेता हे | दव दन का ा भाव म फल एवं उाय :- ( लाल दकता केके उाय ) लाल दकता केके अनुार ार भवन , कान ता फैफै र ड़ने वाले पभाव का दवचार दन क दत े दकया ाता है। दन ुभ होा त मकान क केे वामी व दनवाी को ुख मलेा। ा। दन केके अुभ होने र मकान े ं ंधत धत रे ानी ानी होती है र ृहवामी हवामी , ृहवामनी हवामनी र ंतान तान को क झेलना लना ड़ता है। दकरायेार ार ारा मकान र का , फै या कान कम चारय चारय ारा धोखाधड़ी , चोरी , या हादन ंचाना चाना , यायालय यायालय ारा कु क , पान व महाालका ारा अने क पकार क आशयां आ मयाएं उ होती ह ।
****************************************** *************************** ************************ ********* * पम भाव म दन फल :-- लन का दन होने े ातक ला रीर , चमररो ो र वात रो े
ीदडत होता है | कफ पकदत वाला , वायावा म पाय ण रहता है | वा ा सचदतत ही वना रहता है | कामी मुख ख , र , मलन र वा वा ,र राा े त रहता है | क कु ं डली म दन पम भाव म हो वह राा राा क केे मान ीवन ीने वाला होता है । य दन अुभ फल ेने वाला है तो रोी , री र ुरेर ेकाय करने वाला होता है । पम भाव म अर दन हो तो वह अनी महाा म हादन फल ेता ह , लेदकन दकन तुला ला व मकर लन का हो तो फल अा होता ह । वै धना क केे अनुार ार ऐा ातक कई पकार क ाध े त होता ह । उका कोई अवय ही ोषयु होता ह । पम भाव का दन ातक को ीवन भर ख ेता ह । ातक अनी ही ात र हमेा ा अटल रहने वाला , वदहत ाधन म तलीन रहता ह । अर दन ु भ ंययो ो यु होतो भाय ी अना पभाव खाता ह । हमंडडल ल म दन दवच र र ह ह । इक दत का पभाव इके इके रणाम र ट होता ह । एकांदतकता दतकता , आलय , उानता , दन केके वाभादवक लण ह । -- ााय योदतषी कटवे के अनुार ार मेष , सह , धनु , कक कक , मीन र शक रायो म त दन ातक क आीदवका , काया ल लयो योभावना े ंत त होता हह । । पायः कनौकरी उदतकोउचधकारय ं घष करतेऐे- करते ह । ीवन अधकार पचुर होती उचत मानने ेवाले ातक दन े होती प भादवत होते ह म । उनका ांय य ीवन कलहूण ण ह ोता ह । य दन धनु ,मीन ,मकर अवा तुला ला म है तो ातक ु डोल अं का , दवान , ामाधदत , र राा केके होता है | वही या उा का होने े उा दवचार दवचार धारा वाला राा या नर क काा पाक होता है | दता केके धम को भोने वाला , होता है | य दन चतु अवा मे हो तो ड़ा ही भायवान होता है | उका पवल रायो होता है | दन य चं े यु हो तो ातक शभुक रहता है | ुभ ह े यु होने र लाभ मलता है | लन दन होने े ५ वष क आयु के काट भोना ड़ता है | दन लन लन हो र मकान नवाया ाए तो यह धन र रवार रवार क केे लए अुभ होा। दनध ननता ता , कु क , ैततृक ृ ंश श केके ना होने आ क ंभावना भावना रहती है। धोखेा ा , अशत , ेईमान ईमान , झड़ालू, नेहीन हीन र अायु हो कता है । उे ं तान ुख क ंभावना भावना भी कम रहती है । उाय : मान व मां का ेवन वन न कर। वीरान ह र भूम म केके नीचे ुरमा रमा ाएं र केके वृ क ड़ म ध चढ़ाकर ीली म का दतलक लाएं , दवा म ाधा व रो े मु मलेी। ी। धन वृ के लए ंरर ालअ वा दनवार को ं र को खाना । तवे , चमटे व अंीठ ीठ का ान कर।
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दतीय भाव म दन फल :-- धन भाव मे दन है ातक ातक अने कुल म े आे रहता है उके ामान कोई र धदन नह हो ाता | लेदकन दकन | पाय खी ही वना रहता है | भाइयो े य , मुख ख रो े ीदड़त , र राये केके घर म रहने वाला होता है | राा केके को े धन हादन हहोो ाती है | ा अधूरी र ी रह ाती है लोहा र काठा े धन क पाती होती है दतीय भाव म दन हो तो दवकृ दवकृ त मुख वाला , |लालची , दवे म धन अत करने वाला होता है| । --ातक क कु ं डली म 2nd घर म दन हो , वह लकड़ी ंंंधधीी ाार ,कोयला एवं लोहे के ाार म धन अत करता ह । उे नत नत काय ता ाधन े पचुर ंादत ादत पात होती ह । वह े व दना वीकारी ाने वाली दवधाओ का अयन करता ह । भृ ु ू केके अनुार ार रे भाव म दन े ातक दनध न होता ह । आं खो क ीमारयाँ उे क ेती रहेी ी । ऐे ातक केके ो दववहा भी हो कते ह । ातक दकी धाम क ान का कता धता होता ह । र ी व को मू ख नाकर धन इका कता ह । ातक क कोो राक राकय य अनुकं ा भी मलती ह । . रे भाव म दन ातक को रवार े र कता ह । ऐा ातक ु ख ाधन माध् क खो म र े दवे क याा कता ह । उका भायोे ै क दनवा े र होता ह । ातक झूठ ोलने ाला चंचल चल , ातूननी ी ता र को मूख ख नाने म अा होता ह । ऐा ातक दता केके ा रहा कर धन,कभी अत कभी नह कर कता । दन रे घर म होतो ातक का चे हरा अा न होा । ऐा ातक को दकी न दकी पकार केके ने(ान , रेट , रा आ ) क आत होती ह|क ंु डली म 2nd घर म दन का पभाव ऐे ातक का भायोय भाीारी े होता ह । ैक क ंदत दत म दववा होता ह । 26 वे वष म वतं ाार आरंभ होा , 36 वे वष म ु दनशत भायोय भाय ोय होता ह । 56 वष तक ीवन सचता आ े रदहत रहता ह । 25,27, 32 वे वष अदपय होते ह । ाय कलह , नी क मृयुयु , धन र ु म दकी एक क दत , वाय म दिवन अवा हादन आ इके इके कु फ़ल ह । दन ेव अर आक कुकु डली म दतीय भाव म दवरामान ह तो यह ंके त है दक आको आको अने म ान े र ाकर रोार क तला करनी होी .आका भाय ैततृक ृ ान े र ाृ त होा .दन े त े ै ेे वाहन , ेोलयम ोलयम , धातु का कारोार आ करते ह त ो आको इम अ फलता मले ी र आक आ आक क दत भी अ होी ..|| ाह े यु दन , या होने र दनय ही अध शत मदहलाओ े ठ कर धन कमाता है | ने रोी रहता है | ातक क हन का भात ात होता है | या उे मृत ंततान ान होती है |कभी -कभी ड़ो म भी इ पकार क घटना हो ाती है | ुभ ह े ा दन होने र , या ट होने र धामक धामक , य वा , र यावान रहता है | दन य ुध क केे ा है तो ातक अय कम े महाधनी वनता है | ानी ,अंत म ं धू -ववो ारा रया रय ा होता है | दनत दवा म रत र मानक ःख े ीदडत हो ाता है | दतीय भाव म दन
१२ वे वष म का ना होता है | दन अर रे भाव म अु भ हो तो मकान अने आ नेा। ा। रंतुत आ ु श हादनकारक होी। य दन रे म र रा 12 व म हो तो ु राल म धन क कमी होती है । य ु 11 व म हो तो अय 28 39 मलेा।ा।ा। ा। य रे भाव म दन केके ा मं ल अुभ हो तो ातक े व वष वष तक रोी रहे उाय : पयेक दनवार नंेे ांव मंर र ाकर मा याचना कर । वसल र ल चढ़ाएं । काली या ोरंीी भ , कु ा व अय कोई ानवर न ाल। माे र कभी तेल न लाएं। ध या ही का दतलक लाएं।
*************************** ************* ***************************** *************** तृतीय तीय भाव म दनका फल :-- ातक रामी ,ुमान मान , ामाधदत , त मनुय य क ेववा ा करने वाला या ालन हरने वाला रहता है | ान करने का ु ण रहता है | ाही ,कृषक र राा े ममादनत होता है | तृतीय भाव म दन ात ु ख कम मल ाता है | उ या वही दन भाइयो क ममादनत वृध ध करा ेता है | तृतीय भाव म दन हो तो ं कारवान , ु ंरर रीर वाला , नीच , आली , चतुर होता है। क ंु डली म तीरे भाव म दन होतो ातक ु मान र उार होता ह , ता इे ी का ुख भी पात होता ह , कतु वह आलय े भरूर मलन ेह वाला , नीच पवत् का होता ह । चत म हमे अांददत त ऐे दन केके पभाव ह । . आने लोो े ं घषू ूण ण दतयो र कठोर रम केके ा भी मलने वाली अफलता ातक को रेान ान करती ह ।ोभाय केके उय म दवशभ धाये पकट होती ह । अन अनेे क लो अवलंददत त रहते ह । भाइयो े तनावू ण ं ंध रहते ह र कले पात होता ह । ती तीरेरे भा भावव क दन क ंु डली होते ह त ातक को माता दता े मा आीवा क अलावा र क कुु छ पात नह होता । ुषष रा म दन तीरे भाव म ं तान होती ह , रंततुु भात ात क मभावनए पल रहती ह । ा ह यु दन ेभ इयो का अदहत करता ह । ायु दन े भाई ातक े एष रखने व ाले होे । तीरा भाव राम का है, केके ाह र दहमत का है ,हां भी रहता है ,उक उकेे डौय का है.इन के के कारण केके अ अरर तीरे भाव े दन ंचचमम भाव को भी ेखता है ,नमे ा ,ंतान तान र तुररतत आनेव ाले धनो को भी ाना ाता है ,म क हभादता र भाभी का भाव भी ांचवा चवा भाव माना ाता है,दता क मृयुयु का र ाा केके डे भाई का भाव भी ां चवा है.इक इकेे अलावा नव भाव को भी तीरा दन आहत करता है ,मे धम, ामाक हारकता ,ुरराने ाने रीदत रवा र ारवारक चलन आ का जान भी मलता है ,को तीरा दन आहत करता है.मकान र आराम करने वाले ानो के पदत ययहह दन अनी अनी अेररेे वाली नीदत को पदतात करता है .नदनहाल खानान को यह दन
पतादडत करता है..|| दन े त ा ह भाइयो म झडा होता है | दन र रा क ट हो तो ातक केके ादहने हा म चोट लती है | तृतीय तीय दन दन १२वे या १३वे १३वे वष म भाई का ु ख ंभ भवव है |अुभ दन ातक को नातन धम े पदतकूल रखता है | दन मकु ं डली केके तृततीय ीय भाव म अु भ दत म हो तो धन का अभाव या हादन कराता है । ातक को ने रो होा या कमोर होी रोमकू म रोएं अधक ह तो ातक दनध न , अयोय व अया होा। दन तीरे व चं 10 व म हो तो अवै ध ं े धनान करने केके ावू ातक धनहीन रहेा ा र उके उके घर का कुकु आ अवा घर ही मौत का कारक नेा। ा। तीरे भाव त दन केके ु ह ा ह तो ातक मया व धनहादन े रे ान ान रहेा। ा। ूयय भ ाव 1, 3 या 5 म हो तो लड़का व दन का अु भफल मलेा। ा। उाय : फकर र ालतू व कुकु क ेववाा कर , या तीन कुकु क ेववाा कर तो मकान ने ा। घर म कु ा ैव ाल अया दन व केके तु का अु भ फल मलेा।ा। क केे तु का उाय करने र धन ं श ढ़ ढ़ेे ी। ी। घर कधन कल ेश कल नेुक षधमांमुत तयाांरा टटनेने े ोष भवनआयु क केे अं म अक ं धेरी रहली ी कोठरीलोहे नाना ं श क केे ।लए भ होा। का ेववननरन होा। करने र घत होी।
*************************** ************* ***************************** ******************** ***** चतु भ ाव म दन का फल :-- ातक वभाव का खोटा , आली , कलह दपय , मलन पदत , कं ू , ाक ारा ीदडत , ुववाात त ंश श क हादन करा ेता है | माँ े ले रखता है या माँ ीदडत रहती है | माता को दवश क आा नी रहती है | कभी -कभी ो माता होती है | दन उा या वही होने र उरो फल नह मलता | ातक धदन , ुणी णी ,ुखी खी , र वाहन आ े यु रहता है | दन लने होकर चतु म हो तो उक माता ा यु होती है | क कु ं डली म दन चतु भाव म है वह रोी , खी , भाई , वाहन , धन र ु े हीन होता है । ातक ुख खीी वना रहता है | चौे भाव का मुय पभाव के लय लये काफ़ ाफ़ क ेे ने वाला ाला होत होता है,माता ,मन ,मकान ,र ानी वाले ाधन ,ता रीर का ानी इ दन केके पभाव े ंला ला ाता है,आीवन के केने वाला होने े ु राणो मे इ दन वाले का ीवन नक नक मय ही ताया ाता है . अर यह दन तुल ला ा ,मकर ,कु या मीन का होता है,तो इ केके फ़ल म क मे कुछ कमी आ ाती है | म कु ं डलीचन म दनमचतु भावरहता म हहैोतो । यह ातक होतीह ।याअतः उको । ऐा रोीभी भावृुहहीन ख कारभावमाता मानानहाता इधरक दनहोता ै ठहकर
ुख को न करत करताा है । इी कारण ातक ातक ा खी रहता रहता है । ातक त ताा उक उकेे माता दता के मय हमेा ा कलह रहती ह । ातक ं धु दवरोध ता झूठठे े आरोो े खी रहता है ।चौे भाव म दन द ता वायु दवकार े त रखता है । चौे घर म दन े अनु मान लाया ाता है क माता क यु दता े हले होती है । अशभभावक े ातक के दवचार र ोच एक रे े दव होत होतेे हैहै । ातक क च वैजजादनक ादनक दवषय म होती ह । ातक को ाार ाार केके पार मम अने क घोर ंक कटट पकट होते है । ातक का 36 व ता 56 व वष उम होते है । शम ा पदत के अनु कूल होत होतीी है ।
6. मेष , ष , सह , तुल लाा , धनु , शक , मीन र मुन वाल को रकारी ेववाए ाए पान करता है । 11. दन अनी रा या अनी उ रा र होतो ोषो का रहार हो ाता है । ेक क ान याने र भी ातक क भा य े मु नह मल ाती । य अठ अठम भाव क केे वामी केके ा दन हो तो माता को अर र ातक को ारीरक ीड़ा ेता है | चतु दन रहने े ातक वाट -द पको े वल रहता है | उे काले अ (दतल )इया े पेमम रहता है | ८वे वष म भाई को हादन रहती है | दन मकु ं डली केके चतु भाव म अु भ हो तो माता , मामा , ा , ा र नानी र अुभ पभाव ड़ेा। ा। अात मकान क नव खोते ही ुराल राल र नदनहाल र अुभ पभाव ड़ना ु हो ाएा या ातक को अने नाए मकान का ुख ु ख पात नह होा। ऐे ातक को लाॅट लेकर मकान नह नवाना चादहए। री े ंंंध नाने र दन का अुभ फल मलता है। दन चैे े व ु तीरे म हो तो धोखे व लू टाट टाट े ं श ढ़े ढ़े ी। ी। मकान केके कारोार े लाभ मले ा। उाय : ां को ध दलाएं। कौ को रोट डाल। भ ाल या उे रोट डाल । मर क ेववाा कर। क ु एं म हाएं ध दराएं दवधवा े ं ंधका रखपयो अयाकरदनध नर कंनं ाल ाएंेन।े ीएं हते। राद ानी म रा । रो। ेरी मु अवा हेततुु दन क वतु । ां को क मार।होरा ध न ीएं। *************************** ************* ***************************** ********************* ****** ंचम चम भाव म दन का फल :-- ातक नीच वृदत दत वाला , अनु ीलक ीलक , कुटल , काम चेा ा े रदहत अवा ु ोक े ीदडत र रो केके कारण रीर े छन होता है | य दन ु रा त हो तो ु ो का ना होता है | उ का दन एक ु तो अवय ेता है | य ंचम चम ह एकाधक ह ूचचक क हो तो ातक दकी का क ु होता है | अवा वह दकी को क ु वनता है | म क ंु डली म ं चम भाव का दन हो तो वह खी , ु हीन , म हीन र कम ु वाला होता है। ांचचवेवे भाव म दन केके ारे फलदका म ताया या है क ऐा ातक ै तान र ु वाला होता
है । ता जान , ुत , धन ता हष इन चार े रदहत होता है अा त इनके इनके ुख म कमी करता है । ऐा ातक मण करता है अवा उक ु मत रहती है । ं चम भाव म दन हो तो वह आमी ईर म दवा नह करता र म े ोह करता है ता ेट ीड़ा े रे ान ान , घूममने ने वाला , आली र चतुर होता है । नक नकेे ं चम भाव म दन होता है , उका मा दफूल दवचार े त रहता है । क ात म वह अधक मा खाता है एवं मं मती होता है । आय े याा खच अधक करता है । य दन उ का होकर ंचम चम हो तो ातक केके ैरर म कमोरी ला ेता है । ीदड़त दन लॉटरी , ुआ आ , ा , अवा रे क केे मायम े धन क हादन करता ह । मे ष , सह , धनु रा का दन , ातक म अहम का उय करता है । ातक अने दवचार को ोनीय रखता है । अदनशत वाता ला का आ होता है । ातक दकी पकार क वा म कु ल होता है । ऐे ात ातक क क , ला रष , ामाक ंा ा , दवधानभा , ं एवं रे लवे आ म अ धकारी होते है । ंचम चम भाव का दन ---इ भाव मे दन केके होने क केे कारण को म वे ाा ना ेता है ,वह दकतने ही ू म म के ारा ारा लोो लोो का भला करने वाला तो न ाता ाता है ,लेदकन अने लये ीवन ाी के पदत ,ाया केके पदत ,र न धन केके ा मा ू ी ंी केके लये ख ही उठाया करता है .ंततान ान मे दन क त त ी होने र ठं डी डी होने केके कारण े ंतदत तदत मे दवलं होता है ,कया ंततान ान क अधकता होती है,ीवन ाी केके ा मन मुटटाव ाव होने े व ह अधक तर अने ीवन क केे पदत उाीन ही रहता है . दन य वही अवा वलवान ह यु हो तो एक ी होती है | र ु े ा होने र उे ो ी होती है |हली ंततान ान रदहत र री ुवती वती होत होतीी है | ंचचमम दन होने े ५ वे वष म वु क हादन होती है |
****************************************** *************************** *************** छठवे भाव म दन का फल :-- ातक हठ , ुणाही णाही , -मनुय य का ालन करने वाला , े कम को करने वाला , ूरवीर र वीर , रीर े ु , अ ठरागन वाला , धन -धाय े यु , ुो ो क ाते मानने वाला , र ुओ र दवय पात करने वाला , होता है | ातक केके कई चचेररेे भाई रहते है | क कु ं डली म दन छठे भाव म हो तो वह कामी , ु ंर र , ूरवीर र वीर , अधक खाने वाला , कु टल वभाव , त ु को ीतने वाला होता है। मकु ं डली म दन षम घर म दन हो तो त भोन करने वाला धनी अने ु का ना करने वाला वाला र अशभमानी अशभमानी होता है । चोर एवं ु उक उक कोई दत नह कर कते कते । उम भोन का ौकन ौकन होता है ता वा वा भो भोनन क लए लालायत रहता है । ाह , वीरता , टक टकेे रहना ता ूझ ू झ ू झ इम त माा म होती है । इकेे नीचे काम करने वाले कम चारी इके इक इके लए लाभायक नह रहते ातक को म क ओर े धोखा
खाना ड़ता है । प एवं वै भव इन ोन म े को केके वल एक का ु ख पात होता है । दन मंल ल छठे छठे भाव म ा होतो े ट का रे नन होता है । रा ता दन एक ा ी क कु ं डली मह ोतो दहटरया रो उ कर ेता है । नीच रा का दन दनन कोट केके ु को उ करता ह र अनी रा के दन े ु वयं वयं न होते है । षम भाव म दन केके लाल दकता केके उाए चमड़े केके ूतते े , ै , अटैची आ का पयो न कर । दनवार का त कर । चार नारयल हते दन म पवादहत कर । यान रहे , ंेे नाले मे नह कर , रणाम दकु दकु ल उटा होा । हर दनवार केके न काली ाय को घी े चु ड़ी ई रोट दनयमत े गखलाएँ । दन यं धारण कर । ष भाव म दन दन -- इ भाव मे दन दकतने ही ैदहक ैदवक र भौदतक रो का ाता न ाता है,लेदकन इ भाव का दन ारवारक ुता ता को मात कर ेता है ,मामा खानान को मात करने वाला होता है ,चाचा खाान े कभी नती नही है . अर दकी पकार े नौकरी वाले काम को करता रहता है तो फ़ल होता रहता है ,अर दकी पकार े वह मालक वाले कामो को करता है तो वह अफ़ल हो ाता है.अनी तीरी नर े आठव भाव को ेखने केके कारण े र े दकी भी काम या मया को नही मझ ाता है,काय े दकी न दकी पकार े अने पदत ोगखम को नही मझ ाने े ो भी कमाता है,या ो भी दकया ाता है,उक उकेे पदत अेरराा ही रहता है ,र अमात मया आने े रेान ान होकर ो भी ा मे होता है ंववाा ेता है .ारहवे भाव मे अेरराा होने क केे कारण े ाहरी आफ़त केके पदत भी अान रहता है ,ो भी कारण ाहरी नते ह उनक नकेे ारा या तो ठा ाता है या ाहरी लो क दन वाली चालादकय चालादकय क केे कारण अने को आहत ही ाता है .खु क केे छोट छोटेे भाई दहन या कर रहे ह र उनक काय पणाली खु क केे पदत या या है उके उके पदत अान अान रहता है .अर इ भाव का दन कही आने ाने र रात मे भटकाव भी ेता है ,र अर ऐे लो ानी ई ह र भी भूल ाते है..|| उम दन रहने े ु अनाया रात होता है |र उा का दन दन होने े मनोकामना ू ण करता है |नीच का दन होने े छोटे लोो े मता रखता है |अय रात दन होतो ातक ु नाक होता है |दन -मंल लक केे ा होने े ेांतर तर म ु मने वाला होता है र कच रायो होता है |य दन आठवे का वामी हो तो वात - ूल र णा रो े कले रहता है |इ भाव म दन २२११ र २७वे
वष म ु भय होता है |
*************************** ************* ***************************** ********************** ******* तम भाव म दन का फल :-- तम दन नी कुकु ,कट , अंहीन हीन , अवा रो े ीदडत रहती है | नीच काय म मन अधक लता है | ी म च होती है | कण रोी रहता है | य े आर नह ा ाता | ी र घर केके झंझट झट े रे ानी ानी नी रहती है | कभी -कभी वेयाामी याामी भी होता है | ी क यु हो ाती है या तलाक यो रहता है | ो दववाह का यो वनता है | ी शभचारनी होती है | दन -ु केके ा हो तो भी नी शभचारणी होती है |दववाह ेेरी े होता है | य हो भी या तो दववाह केके ५ -७ वष तक दत -नी म ारीरक ु ख कम मल ाता है |या वा -दववा ना रहता है |छोट ाती केके लोो े ारीरक वनाता है |तम भाव का दन होने र रो , री , कामी , खरा वेभू भूषा ष ा वाला , ाी , नीच होता है।
ातव भाव म दन होतो आमी कोई भी काय ु करने केके ा दहमत नह हारता र धन ायी रहता है । क केे तम भाव म दन होता है वह ी ु ख े वंचत चत रहता है । य दन दन ल हो या तम भाव र ुभ ान र ैठेठे ुभ ह क हो तो कुछ नी ुख पात होता है , रंततुु दफर भी नी केके कारण कलहा नी रहेी ी ता वह ाय ीवन का ूण ण आनं न उठा के के ा । तम भाव म दन हो तो कठोर य र रानीदत म अा होता है , रंततुु यह ुख एकांीी ही कहा ा कता है । तम भाव म दन होतो केके लए याा करना भी कायक हो कता है । को यायालय एवं राय राय े दनराा पात होती है पल दन तम भाव म नी े ं श पान करता है , ायी वैभ भवव भी ंभ भवव है । ऐा दन ी क क ंु डली म होतो उका दववहा दवधु र , आयु म ड़े एवं ंशवान शवान े होता है ।मुन , कया , धनु , मीन रा का दन तम भाव म योदतष , अयान , ान , शणत , मुण ण केके े म हायक होता है ।ायावा म माता अवा दता का ेहांत होता है , ो भी लया ा कता है । 52 े 55 व वष म धम नी े दवछोह ंभव भव है । तम म दन : दववाह केके लए ुभ नह
(दन -ूयय क यु दत ांय य के लए कलहकारी )— तम म े मे ानावामी ाताकेके हैा । लनहे क ातवाँ ही ाय कारक भाव मानालम या कुक हैु ।डली इ भाव एवं महवू इ भाव ण केक दतभाव व ंंंध केकवे दववाह अनुार ार -
उ ातक र ुभ भ- अुभ पभाव ड़ता है। तम भाव दववाह एवं ीवनाी का घर माना ाता है । इ भाव म दन का होना दववाह र वै वादहक ीवन केके लए ुभ ंके त नह माना ाता है। इ भाव म दन त होने र क ा ामाय आयु े ेरी े होती है । तम भाव म दन अर नीच रा मे हो तो त यह ं भावना रहती है दक काम ीदड़त होकर दकी ऐे े दववाह करता है ो उ म उे अधक ड़ा होता है । दन केके ा ूयय क यु दत अर तम भाव म हो तो दववाह ेर े होता है एवं कलह े घर अां त रहता है। चमा केके ा दन क युदत दत होने र अने ीवनाी केके पदत पे म नह रखता एवं दकी अय के पेम म ृ ह कलह को म ेता है। तम दन एवं उे युदत दत नाने वाले ह दववाह एवं ृही ही केके लए ुखकारक खकारक नह होते ह। नवमां कुकु डली या म कुकु डली म दन र च क यु दत हो तो ा 30 वष क आयु के ा ही करनी चादहए चा दहए यदक इे हले ा क ं भावना नह नती है। नक कुकु डली म चमा भावंमभावना ोता हैरहती र हैदन लन मक,ु डली उनकेे मा उनक यही ेदत इनक ा अफल होनेतम क पल भ हावना । नक लनभीान दनहोती ा है। होता है र ूयय दतीये होता है या लन कमोर होने र ा त दवल े होती है । ऐी दत नती है दक वह ा नह करते । दन कया क कुकु डली म ू य या चमा े यु त या होकर लन या तम म होते ह उनक ा म भी ाधा रहती है । दन नक नक कु ड डली ली म छठेठे भाव म होता है एवं ू य अम म र तमे कमोर अवा ा ीदड़त होता है,उनक उनकेे दववाह म भी काफ ाधाएँ आती ह । दन र रा क युदत दत तम भाव म होती है त दववाह ामाय े अधक आयु म होता है , यह एक हण यो भी है। इ पकार क दत त भी होती है दन र रा क युदत दत लन म होती है र वह तम भाव र डालते ह। मदका म दन -रा क युदत दत होने र या तमे ु अर कमोर हो तो दववाह अदत दवल े होता है । न क कया या केके दववाह म दन केके कारण ेरी हो उ उहह हरतालका हरताल का त करना चादहए या म म कुडली केके अनुार ार उाय करना लाभायक रहता है।
तम का दन नह ेा वैवादहक वादहक ुख ख लन े ातवाँ भाव दववाह का कारक तम भाव लन कुकु डंली म े महवू ण माना ाता है , लन े ातवाँ भाव ही ाय व दववाह के लए कारक माना है। इ भाव एवं इ भाव केके वामी केके ा ह क दत व ंंधं केके अनुार ार उ ातक र ुभ भ- अुभ पभाव ड़ता है।
तम भाव दववाह एवं ीवनाी का घर माना ाता है । इ भाव म दन का होना दववाह र वै वादहक ीवन केके लए ुभ ंके त नह माना माना ाता है। इ भाव म दन क दत होने र क ा ामाय आयु े ेरी े होती है । तम भाव म दन अर नीच रा म हो तो त यह ं भावना रहती है दक काम ीदड़त होकर दकी ऐे े दववाह करता है ो उ म उे अधक ड़ा हो। दन केके ा ूयय क यु दत अर तम भाव म हो तो दववाह ेर े होता है एवं कलह े घर अां त रहता है। चमा केके ा दन क युदत दत होने र अने ीवनाी केके पदत पेम नह रखता एवं दकी अय के पेम म ृ ह कलह को म ेता है। तम दन एवं उे युदत दत नाने वाले ह दववाह एवं ृही ही केके लए ुखकारक खकारक नह होते ह। नवमां कु डंली या म कुकु डंली म दन र च क यु दत हो तो ा 30 वष क आयु केके ा ही करनी चादहए योदक इे हले ा क ं भावना नह नती है। नक कुकु डंली म चमा तम भाव म होता है र दन लन म उनके नके ा भी यही दत होती है एवं इनक ा अफल होने क भी ंभावना भावना पल रहती है। कुकु डंली म लन ान े दन ा होता है र होताा है एवंनह लनकरते कमोर तो उनक होती हैे अ यवा नतीूहैयय दद कतीये ऐे । दनहो वधु का कुकु डंत ली मदवलं ू य याेचमा ु त याऐी दत होकर लन या तम म होते ह उनक ा म भी ाधा रहती है । दन नक कुकु डंली म छठे भाव म होता है एवं ू य अम म र तमे कमोर अवा ा ीदड़त होता है, उनक उनकेे दववाह म भी काफ ाधाएँ आती ह । दन र रा क युदत दत तम भाव म होती है त दववाह ामाय े अधक आयु म होता है , यह एक हण यो भी है। इ पकार क दत त भी होती है दन र रा क यु दत लन म होती है र वह तम भाव र गटट डालते ह। मदका म दन -रा क युदत ग दत होने र तमे व ु अर कमोर हो तो दववाह अदत दवलं े होता है। न क कया या केके दववाह म दन केके कारण ेरी हो उ उहह हरतालका त करना चादहए या मकु मकु डंली केके अनुार ार उाय करना लाभायक रहता है।
दन मकु ं डली केके तम भाव म अु भ हो तो ातक को ने नाए मकान मलने के अवर मल े ो लाभ ।े दकी हयोव य मकान दकने क नौत आ ाए तो ु ु ु क केे मकान क हली क ूा ा करने े दके दके मकान केके रार मकान ुनः नः नेा ा अात मकान ुख मलेा। ा। दन 7 व भाव म अुभ हो र ुध हले हो तो ातक क मृ यु यु र म चोट े होी। दन ातव र ु ध व ु भाव 3, 7, 10 म ह तो दता को धन हादन होी। दन 7 व म हो र ु व ु अुभ ह तो ातक भायहीन होा। उाय : दन ुत त हो तो ां ुरी रु ी म खां ड भरकर एकांत ल म ाएं । हला भाव खाली हो तो ह भरा तन एकांत म ाएं । अया ौ होने के ा दनध न हो ाएंे।े काली ाय क ेववाा कर। भवन क
हली ाफ रख व उक ू ा कर। रा र मां का ेववनन न कर। रीमन े च अया ंततान ान को क होा। तम भाव मे दन --ातवां भाव नी र मणा करने वाले लोो े अना रखता है .ीवन ाी केके पदत अेरा रा र मा मे नकारामक दवचारो केके लातार ने रहने े अने को हमे ा ा हर ात म छु ही मझता रहता है ,ीवन ाी ोडे े मय केके ा ही नकारा मझ कर अना ला ातक े झाड कर र होने लता है ,अर ातक दकी पकार े अने पदत कारामक दवचार नही ना ाये तो अधकतर मामलो मे ृय य को रा ही होता ेखा या है ,र ो ाय केके रणाम तम दन केके कारण ही मलते ेखे ये ह,तम दन ुररानी ानी रवा क केे पदत र अने ू व क केे पदत उाीन ही रहता है,उे केके वल अने ही पदत ोचते रहने केके कारण र मै कुकु छ नही कर कता ँ ,यह दवचार ना रहने के कारण वह अनी ु रानी मयाा ा को अर भूल ही ाता है ,दता र ु मे काय र अकाय क दत नी नी रहने केके कारण अनन ही नी रहती है . अने रहने वाले ान र अने कारण नाकर अांदत दत उ करता रहता है ,अनी माता या माता ैी ी मदहला केके मन मे दवरोध भी ैा ा करता रहता है,उे लता है दक ो भे उक केे पदत दकया ा रहा है ,वह लत ही दकया ा रहा है र इी कारण े वह अने ही लो े दवरोध ै ा करने मे नही दहचकता है .रीर केके ानी र इ दन का पभाव डने े माी दवचार ंेे हो ाते ह, अने रीर म े ट र नन अंो ो मे ून न र मदहला ातक क ाानी आ क ीमारयां इी दन क केे कारण े मलती है दन वही या उा का हो तो नी /दत का ुख मलता है | मंल लक केे ा दन ुषष ननेयो यो का चुवन वन करने वाला होता है | दन -ु केके ा हो तो नी ननेयो यो का चुन न करने वाली रहे ी |र ुषष री ामी होा |
************************************ आठवेभ ाव म दन का फल :-- आठवेभ ाव म दन ातक नीच वृ दत वाला अंतुतट ु ट ,आली , वल ल , धर दवकारी , अतः चम रो े ीदडत रहता है | धनहीन , ोड़ी ंतान तान वाला र ुाामी ाामी होता है | य रो .खांी ी , एवं हे ा आ दवमारी का भय रहता है | ातक क यु म ान केके वाहर कही होती है | आठवे भाव का दन २५वे वष म आरट ेता है |इ भाव का दन खाने ीने र मौ मती करने केके च चकर कर म े हमेा ा खाली रखता है .दक काम को क करना है इका अा नही होने केके कारण े क केे अर आवाराीरी का उय होता ेेखा या है .. ..अम भाव म दन होने र
कुकु या भंरर रो े ी डत , खी , अायु, हर काय को करने म अम होता है । अम भाव म दन हो तो आमी ं धु ता रवार े ैरभाव रभाव रखता है । अम भाव का दन हो तो को लंी ी उ पात करता है । अम भाव म दन हो तो घर े र रहकर आीदवका पात मचोरी करत रहता रहता ऐे यारवार ददवे वेर ष यार मलता । यहै दन होत होताा हैको तो केके इ इाम ामहैहै म। कड़ा ाता हैको। रवार इ े झू ठानह मुक कमा मा चलता ।कईीण ार लतफहमय केके कारण इे ु रा मझ लया ाता है । अम भाव म दन हो तो कई ार अे अे ुररेे का यान नह रखता । वह दववे कवान कवान य के दनकट नह रहता । व वेे े रे रहकर ववोो क भोता है । तुला ला , मकर , र कुकु रा का दन अम भाव म वै वादहक ंंधं े धन लाभ कराता है । अम भाव केके दन े ंभव भव है क को मृयुयु का ूवा व ाभ भा ा हो ाए । 75 वष का ीवन भोता है , दनन ी हवाी एवंआ ीदवका ीदड़त होता है । अम भाव म दन केके लाल दकता क उाय · ले म चाँ क चेन धारण कर । रा का या करे र मां ाहार भी न करे । · · दनवार केके न आठ दकलो उड़ हती न मप वादहत कर । उड़ काले कड़े म ां ध कर ले ाएँ र ं धन खोल कर ही पदहत कर । · ोमवार केके न चावल का ान करना आके आके लए उम ह । · काला कुकु ा ाल र उका ू रा यान रख । दन मकु ं डली म अम भाव म अु भ हो र ातक मकान नवाए तो ातक को मृयु यु तुयय क हो कता है। रा -के तु क ु भाुभ दत र अना ुभ फल ेा। इ दत म ातक को अने नाम े मकान नह नवाना चादहए न ही ं ली क केे मकान म दनवा करना चादहए। ऐे ातक केके रीर र ाल अधक ह तो वह आीवन ुल लाम ाम रहेा। ा। वह डरोक र रायमय े भयभीत होा। रा नीच हो तो घटटना ना होती है र भाई ु हो ाता है । ु ह दन केके ा ह तो वह अु भ फल ेा। ुढ़ाे ढ़ाे म नर का धोखा होा। ार र मृयुयु तक ेती रहे ी। दन आठव म अु भ हो र 12 वां भाव र हो तो आक आक अभाव े ख होा। वृ ावा म ोष होा। उाय : म र ैठकर ठकर नान न कर। कतु नान करते मय नंेे तलवे भूम म र नह क र या लकड़ी र होने चादहए। चां धारण कर। चां का चैक कोर ोर टुकड़ा ा म रख । रा र मां मछली का ेववनन न कर। ै ाा क केे तु होा वैी ी रा होी। रा अुभ फल ेा। चं ुभ हो तो ुधधवार वार या दनवार को 800 ाम उड़ र का तेल लाकर ानी म हाएं । य चं अुभ हो तो ोमवार को उड़ हाने े ू व 800 ाम ध ानी म हाएं । दन केके ा ु हो तो , ातक शभचारी र मणील होता है | दन केके ा मंल ल ुत त रोी र रो तो ंभ भवव होता ही है |
दन केके ा रा हो तो ,अगन , दवष , लकड़ी , र , आ े भय रहता है | दन -रा - -ूयय हो तो , तत दनराा ,पेम दवहीन , मन अांत , द -ीड़ा , ात -दवहीन ,नी केके ंंधयो ं धयो का अमान करने वाला , लत काय े धन कमाने वाला , कंू र ववाीर रो े ीदडत होता है | छय र मा रो क भी ंभ भावना ावना रहती है | दन उ र वही हो तो ा ययुु पाय ७५ वष क लभ आयु होती है | नीच का दन अ अायु ायु ेता है |
************************** नवम भाव म दन का फल :-- नवम भाव म दन होने े ातक कट , भायहीन , कंू , ीण व हनने वाला , मारक , अवा दकी ंहालय हालय को वनाने वाला होता है | ेवता -दतर आ े पेम रखने वाला , एवं आमीय ारा गखत होता है | रतु धनवान र ुख खीी होत होताा है | मनमानी वाले काय करता है | उा का दन ैक ुं ठ को ाने वाला होता है | र पाचीन धम का खं डन करने वाला होता है | वछेी दन हो तो महाव का यज करने वाला होता है | र उका दता घाययु ु वाला होता है | दन ाह े यु होने र दता को अर कारक है | नवम दन १९वे र २९ वे वष म दता को ककारी होता है | घाट या ौाला का दनमा ण कराता है | ३२ े ३६ तक भायोदत नह हो ाती है | ४२वे वष म ू ण ु खी हो ाता है |ऐा क कु ं डली म नवम भाव म दन हो वह अधाम क , री , ुहीन हीन , खी होता है। नवम भाव म दन का पभाव र उाय नवम भाव म दन हो तो वह आमी ड़ ु वाला , लकन वभाव मीठा होता है | नवम भाव म दन होतो दन क महाा म महामा हामा न कता है । नवम भाव म दन होतो घू मने वाला वाला , तला रीर , धाम धामक क , माताहीन ता दवरोधय दवरोधय का ना करने वाला होता है । मनुय य केके नवम भाव म दन होता है । वह ोलचाल एवं रानीदत म अा होता है । ीवन क पारं शभक दवका ामाय ही होता है । रंततुु म होने र वह रदतय को अने अनु कूल नाकर उदत करता है । ीव ीवनन का उे हमेा ा नर म रहता है । ता ो भी काय करता है , वह ोच ोच मझ कर करता करता है । ढ़ाई लखाई केके मय म ता आीदवका केके लए इे कठोर म करते रहना ड़ता है । यह म का मू य एवं महवव मझता है ता म केके ल र ही उदत भी करता है । भाय इके मह इके अनु कूल रहता है ऐा न भी होता है । ा दववहा दवलं े एवं अारंरक रक नीदत े होता है । पवा काल म दवेी नी का भी यो व है । मेष , सह , मुन , शक , मीन रा र नवम भाव म दन े 36 व वष के 10. ा उदत केके आवर पात करता है ।
11. नवम भाव म दन केके लाल दकता केके उाय · ीले रं का माल ैव अने ा रख । · ाुत मू ं म क केे तन म भरकर न म प वादहत कर । · · · ·
ाव 6 री का ुख खरा रा ुवार वार को धारण कर । का ध दनवार न कुकु एं म डाल । हर दनवार केके न काली ाय को घी े चु ड़ी ई रोट दनयमत े गखलाएँ । दनवार केके न दकी ताला , न म मछलय को आटा डाले ।
दन मकु ं डली म नवम भाव म अु भ हो तो ातक ी या माता क केे भ म ा होने केके मय मकान न नाए अया ातक क कायक मृयु यु होी। ऐे ातक को 3 रहाइी मकान नह नवाने चादहए। (लाट , तर , कान म यह त नह है )। दन नौव मम र मं ल चैेे म हो तो ातक भायहीन होा। दन नौव म र ाी ह रा र केके तु क केे ा हो तो ातक को क होा। दन नौव : ो र रा र होकरतो। माता धन ं-दता श होते ला मकान नम हनवाएं । ु भाव का उाय क मृएयु युभीकेके ातक उरांतखी यहोा। क होउाय तो घरतीन म कमंहला भी र लाएं। घर क छत र लकड़ी , धन र चैख खटट म न रख । नवम भाव का दन ---नवां भाव भाय का माना या है ,इ भाव म दन होने केके कारण े कठन र ख ायी यााय करने को मलती ह ,लातार घूम कर े आ क केे कामो मे काफ़ रे ानी ानी करनी डती है,अर यह भाव ही होता है , तो मादकया होता है,र हर ात को चुटटकुकु ल क केे ारा कहा करता है,मर इ भाव मे दन होता है तो ीरय हो ाता है ,र एकात म अने को रखने अनी भलाई ोचता है ,नव भाव ाले दन केके के कारण अनी दहचान एका एकातत वाा झडा न झाा वाली कहावत े ूण ण रखता है .खेती ती वाले कामो ,घर नाने वाले काम ाया े ुडेडे काम क तरफ़ अना मन लाता है .अर कोई अा ह इ दन र अनी नर रखता है तो वाले कामो क तरफ़ र कोट कचहरी वाले काम क तरफ़ अना झान रखता है .ानवर क डाटरी र ानवर को खाने वाले काम भी करता है ,अधकतर नव दन वाले लो को ानवर ालना त अा लता है.दकता को छाकर ेचने चनेव ाले भी नव दन े कही न कही ु डे होते ह |
*************************** ************* *************************** ************* तक काय े म भाव म दन का फल :-- म दन नीदतज रहता है | न , चतुर , धदन , रानेददतक ुाा या यायाधी नता है | दवान ूररवीर वीर , दपय वा , दवनीत , चतुर र क कंं ू भी होता है |
रे वाी होता है | ऐा ातक /ादतका ामा का नायक , रा मंी ी , एवं डाधकारी होता है | . वां दन कठन कामो क तरफ़ मन ले ाता है ,ो भी मेहनत हनत वाले काम ,लकडी ,र ,लोहे आ केके होते हवेवे वे दन केके े मे आते ह , अने ीवन मे काम के पदत एक े ना लेता है र उ े े दनकलना नही चाहता है .रा का अर होने े या दकी भी पकार े मंल ल का पभाव न ाने े इ पकार का यातायात का ाही न ाता है ,उे ी केके दकतने ही काम र दकतने ही लो को ारी ारी े ा करना डता है ,व दन वाले क नर त ही ते होती है वह दकी भी रखी ची को नही भू लता लता है ,मेहनत हनत क कमाकर खाना ानता है ,अने रहने के लये भी मकान आ नाता है तो केके वल चर ही नाकर खडा कर ाता है ,उक उकेे रहने क केे लये कभी भी या आलीान मकान नही न ाता है .ु ही ही तरी तरीक के े काम कर रहा हो तो एयूटव इीदनयर क ोट र काम करने वाला नाता है .म भाव का दन होने र धनी , धाम धामक क , रायमंी ी या उ र आीन होता है। म भाव म दन का पभाव :---व भाव म दन हो तो वह आमी यायदपय , अधकार ाने वाला , राय का यो , होयार , ेट क ीड़ा े रेान ान , रमी , लड़ाई म ीत पात करने वाला होता है । म भाव म दन क दत को धनवान नाती है । नौकरी म पदत करता है । ीवन ऐो आराम े दताना इनका ये य होता है । योी वभाव के ऐे रदत को मझकर काय करने वाले होत होतेे है । इनके रहन हन म प न अधक रहता है । अनेक काने ानेक खच भी आते रहते है । माता दता केके दवचार े मे ल नह खाते , फलव ारवारक कलह नी रहती है ।इ भाव म दन क दत अना एक दवे ष महव रखती है । केके ूण ण कम े र दन के पभाव का कारामक या नकारा नकारामक मक पभाव खाई ेता है । इनका वैभव भव वा्त होता है । इह कोषाधकारीी अवा ंडं ाधकारी केके महवूण पात होते है । ै क ंश कोषाधकार श का उयो नह कर ाता , रंतुतु अने ाार े वह भौदतक ुख य पात पात करता है | म भाव म दन दता का ना करता है । भायोय म भूम े र होता है । यायालय , ुल ल , ेना ना अवा तकनीक काय ेआ ीदवका पात करता है । ानीय पादनक ं ा क यता पात हो कती है ।
म भाव म दन केके लाल दकता केके उाय · ीले रं का माल ैव अने ा रख । · आ अने कमरे केके , दतर का कवर , वार का रं आ ीला रं क करवाएँ यह आ केके लए उम रहेाा । · ीले ल ुवार वार केके न ाँटेटे । · आने नाम े मकान न नवाएँ ।
· ·
अने ललाट र पदतन ध अवा ही का दतलक लाए । दन यं धारण कर ।
·
भी आको मय मले दन ोष दनवारण मं का ा करे ।
दन व भाव म अु भ हो तो ातक क केे ा मकान नाने के लए ै ा आएा र मा होता रहेा।ा। ातक मकान ना लेाा तो न धन क कमी या नुकान कान होा। ऐा ातक पारंभ म धमा मा र अंत ेमय खराकेके आने ं र केके मंाल म कदत मी होनेअु रभदनी धन मकानदनकमा नह नेहोा। ा। दन ु र ह ूाढ़ य ,, चंमू छ ल लकम चैे भ े हे ाव।मराम ह तो यह र अनक कारी ारी होी। उाय : ु का उाय कर। रा व मां का ेववनन न कर। नेहीन हीन को भोन कराएं। णे क उाना कर। दकी क हया न कर न कराएं । नीच दन होने र ातक ूर ,कृ ण , शय का कार करने वाला , ेवा वा े धन एक करने वाला , र उक ंघघाा म रो होता है | मीन रा का दन याी वना ेता है | दन ा ह े यु हो तो ातक केके काय म ाधा अधक आती है | ुभ ह े यु होने र काय म फलता मलती है | म दन ५४वे वष म ु े भ य र े भय मलता है | २५वे वष म ं ा नान का ोभाय मलता है |
****************************************** *************************** ************************ ********* *** एका भाव म दन का फल :-- ातक /ादतका र च का र र दव का वामी रहता है | पथवी आ े धन पात होती है | मार र ुखी खी होता है | क कु ं डली म याहरव भाव म दन हो वह लं ी आयु वाला , धनी , कनाील , दनरो , भी ुख पात करने वाला होता है । काले ा , लोहा , मल , फै , तेल , खदन , नी व , रन , आ े लाभ मलता है क होता है | दन उ का या वही हो तो ातक अयधक दवान , भायाली , एवं | राा े ं क धनवान रहता है |वाहन आ केके ुख पात होते है | दन वाइय का कारक भी है ,र इ घर मे ातक को ाइंटट टट भी ना ेता है ,अर रा ी भी ुध ा ेता हो तो शणत केके फ़ामू ल लेे र नई खो करने मे मादहर हो ाता है .चैरट रट वाले काम करने मे मन लता है ,मकान केके चर खडा करने र वा दाड कर नाने मे मादहर होता है , के ा ीवन मे ो मकान तो होते ही है.ोत े हमे ा चालदकयां ही मलती है ,डा भाई या दहन केके पदत का झान कम ही होता है . कारण वह न तोकु तोकु छ ो करता है , र न ही दकी पकार क म करने मे अनी योयता खाता है,अधक अधकतर तर लोो केके इ पकार केके भाई या दहन अने को ातक े र ही रखने म अनी भलाई मझते ह .|
एका भाव म दन का पभाव र उाय 1. य कु ं डली केके एका भाव म ु भ दन हो तो उम आय वाला , ूर दनरोी , धनी , ली आयु र र ं श वाला पंच रोमशण ता अनेक आयाम ौभायाल होता है । उे वाय क ंभीर भीर मया कभी नह होती । वह दनशत रहता है |अर एका भाव म दन नीच कादवया होतो ूवहण हमेतीा हैा खी ख रहता है ।के पात धनभाव कता कमता हैदनता लाभ होता होता है । इत ण नआमी ह ह हो हो ाती ा । ीऐे एका होताला हैभवहभीकपात ु ल पाक उ अधकारी होता है । ता मा म मान मान होता है । ऐे के ा आय के कई ोत होते हैहै । ने ा ायी यी आमनी आमनी होती रहती हैहै । रवार रवार म भी ऐे का मान होता है । ता ीवन केके 36 व वष के ा े ू ण भायोय भायोय होता है । ामा ामायत यत : एका भाव म दन ु ंततान ान हेतुतु ुभ नह होता । ऐा दन दकी भी काय को दनव िन नह होने ेता । को ान े मुख खीी ायी लाभ अवय हो कता है । एका भाव म दन केके लाल दकता केके उाय रा र माँ े र रह । · म केके वे मे छुे ुओ े ावधान रह । ूययय य े ू व रा र कड़वा ते ल मुय रवाे केके ा भूम म र दराएँ । · री मन न कर । · दन यं धारण कर । का ध दनवार न कुएं म डाल । · कौव को ना गखलाएँ । दन मकु ं डली म एका भाव म अु भ हो र ातक क केे मकान (55 वष आयु म ) का मुय ार शण म हो तो लं ी ीमारी े कोरांत उक मृयु यु होी। ऐे ातक क ा अधूररी ी रहेी।ी। वे ोधी हे अायु र रवार को ंकट कट केके मय छोड़ ।े ुध तीरे म हो तो दन ु भ फल कभी नह ेा। रा ुभ हो तो ुराल राल धनी र केके तु ुभ हो तो ु भायाली होा। दन 11 व म हो , तीरा भाव र हो , दन ुत त हो र वष कु ं डली म हले म हो तो 34 व वष म फल मले ा। दन 11 व म हो र मु य ार शण म हो तो अु भ फल पात हे। ातक हयारा व ोधी होा। ऐे ातक को ंश श नह नवानी चादहए। अया वह दनःंतान तान रहेा। ा। उाय न। दकी तक पातःकाल य ाएं क केे मय धरतीेरभरातेलघड़ा या मु राखदराएं मांे का 43न कर े ववनन :कतई भी काय ूे ययय ाहर तो ानी रख ।यारा नव करके करक ही ाएं। रीमन न कर, कामुक कता ता े च अा त ंयम यम े रह । ु का उाय कर, दकी को धोखा न । ातक केके 12 व भाव म दन अु भ हो उे ने नाए मकान मलते ह। मकान का नुकान कान न कर। मकान वैा ा ही रख। नता मकान रोक रोक नह। ऐा ातक झूठठा ा , रारती , य का पेमी मी , रक वभाव का र चटोरा होता है । ा करने वाला होता है । ने रो हो ाने र अु भ अधक होता है। ************* **************************** ************************** *********** ा भाव म दन का फल :-- 12 वा दन होने े ातक /ादतका याहीन , धनहीन , कमाया आ धन भी चला ाता है | नीच कम म यु , आली , कुंतत करने वाला , खच्ला वाभाव ,
होता ह | अमत यी , नीच अनुचर चर वाला , पवा दपय होता ह | कभी कभी अ अ हीन हो ाता ह
| ेल ाना कता है | झूठा ठ ा आरो लता है | घर केके ा कोई फ फैै या मीन रहती है | ाार म दनरं तर हादन होती है | आकमक घटना का कार होता है | नाना पकार केके काय म दनरत रहता है |ुभ ह क केे ा दन ने ुर र होते है | धन लत काय म य होता है | ा दन ४५ वे वष म नी को ीड़ा ायक होता है | ाहरव भाव म दन होने र अां त मन वाला , दतत , कवा , कु टल , दनय, दनल , खच करने वाला होता है | मकु ं डली क केे ारहव घर म दन क उदत अदन फलायी मानी ई है । ऐा धन े दहन , ु ुख े वंचत चत , दवकलां (रीर केके दकी भा म कु छ न कु छ रे ानी होती है ) र मूख ख होता होता है । ारहव भाव म दन ाँ तो को तो खरा करता ही है रंततुु आंख ख को भी नुक कान ान ँचता चता है । दन अर लन का मालक हो तो ैक क ान े र पदत करवाता है । अने क काने ानेक य का नेव व करता है । के ारहव घर म दन हो , वह रवार को ख ेने वाला होता है । उक आँ ख छोट छोट एवं दनल होती है । का वभाव कड़वा , दकी र दवा न करने वाला होता है । याा का इह दवे ष ौक होता है ता याा े लाभ भी रहता है । ा के दहा े ाधारण ाधारण ही होते होते है । ीव त त े दवर दवर हो ाता ाता है । पम ंतान तान कया होती है ।ऐा चरकालक ु यय पात करता है ।ारहवभ ाव म दन क केे लाल दकता केके उाय पम ातक झूठ न ोले ।रा र माँ े र रह । चार ू ख खेे नारयल हते दन म रवादहत कर । · दन यं धारण कर । · दनवार केके न काले कुकु े ओर ाय को रोट गखलाएँ । · दनवार को कडवे ते ल , काले उड़ का ान करे । को ध दलाएँ | ारहवां दन ---नवां घर भाय या धम का होता है तो ारहवा घर धम का घर होता है , को ारहवा दन ैा ा करने केके ा अने म म ान े र ही कर ेता है ,वह री दन केके अं र दनभ र करती है, केके मा मे काफ़ वन हर मय महू होता है वह अने को ंार ार केके लये वन मानकर ही चलता है,उक झान हमे ाा क केे लये धन क केे पदत होती है र ातक धन केके लये हमे ा ही भटकता रहता है,का मनी ीमारयो े उे नफ़रत तो होती है मर उके उके ीवन ाी के ारा इ पक पकार ार क केे काय कर ये ाते ह ने ातक को इन ात केके अ अरर ाना ही डता है .
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1:-पयेक न ील को ल ेना . 2:- उड़ केके ाल क गखचड़ी ाटनी चादहए . 3:-पयेक क
दनवार को लोहे क कटोरी म ते लभरकर अना चेहरा हरा ेखकर डकोत को ेना चादहए . डकोत न मले तो उमे ी लाकर उे दन मंर र म ला ेना चादहए . 4:-हनुमान मान ी क ू ा ा करे , हनुमान मान चालीा र ंरंरं ाण का ाठ करे , 5:5:- हनुमान मान ी क मूत त का र लेक करर अने माे र लाये काले घोड़े क नाल अवा नाव क कल े ना छला अशभमं दत करक करकेे धारण करना दन केके 6:कु पभाव को हटाता है . 7:- ातक केके घर -रवार या रतेारी ारी म कया ू ण हया होती है उ घर म दनया भर केके उाय करने केके ा भी ु ख ांदत दत नह मलती . 8-. दन केके पभाव पभाव दनवारण केके लए दकए ा रहे टोटक हेतुतु दनवार का न , दन केके न (ुय य , अनुरराधा ाधा , उरा भा ) ता दन क होरा म अधक ु भ होते ह ।
****************************************** *************************** ************************ ********* ******* पम भाव म ु ध पम भाव म ु ध :-:-- पम भाव म ु ध होने े ातक /ादतका ीली आभा लये चेहरा हरा होता है ,ली उ का मालक होता है ,शणत र णना करने वाले दवषय म पवीणता होती है ,मादकया वभाव होता है यानी हर ात को मादकया लहे म कहना ,धम के काय म च होती है ।ातक केके रीर र दतल या मा , फोड़ा ,फूी होना , उार वाभाव , अ भोी , ाचारी , पेत ाधा -दनवारण म पवीण , योदतष ा का पेममीी , अनेक ुण ण े यु रहता है | ाशणत का जाता , मधुर भाषी , राा े मादनत होता है | दववाह म ीवन म होता है | उार ,ांत पकत वाला , दवनीत , र मा म पदतठत होता है | ातक केके लन म ु ध होता है वह अने ूररे े ीवन को वत करता आ उदत क ओर अर होता है । उक ु े होती है। उका रीर वण के मान कांदतवाला र वह पच पाणी होता है । ऐा घा युयु , शणतज , दवनो ... ... , उार व मतभाषी होता है। ारदहत ुध होतो ातक चतुर ,ांत ,मेघावी घावी , दपयभाषी , यालु , र दववान होता है ुभ ुध ध हो तो दनरोी रीर क कात वण वत होी |धनधाय े यु ,धाम धामक क ,ाशणत र तक तक ा को ाने वाला रहेा ा | रतु अं हीन ने रोी ,या कट कट होत होताा हैहै | उ का ुध भाई का ुख ूरा र ा मलता है | ुध -दन ाये ने म ीड़ा ेता है |लन ुध म वष म कात -वृधध ,१७वे वष म भाइयो म वै र , २७वे वष म ती याा ,दवा अयन म ल लाभ ाभ होती है |
ुध ,ाह यु हो तो ाडु रो र द दवकार होता है |छु ेवता का उाक होा |लं का ुख कम मलता है |
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* **** रे भाव म ु ध :-:-- रे भाव मे ुध होने े ातक /ादतका का रे भाव म ु ध अे काय करने म च होती है ,दहमत त होती है,ु े ते होता है,मेहनत हनत भी खू करता है,वकल या नेतताा ैे े ुण होते है ात क ात म धन होता है ,लाली र े यर यर ाार वाले कामो म च होती है । ातक /ादतका दवान ,यालु ,दवजान म कुल , ंकी की , उम ील वाभाव , मीठा ोलने वाला ,धन य न हो ाये तो ुननःः धन क पात हो ाती है | उे वात धन मलता है | दवा ारा धन उान म कुल ,उदत का ील , र उा -ाधकारी होता है |ुभ ह यु ुध ध दवान र धदन होता है |ुध -ु युददतत हो तो ातक ड़ा शणतज होता है |१५वे वष म उश र अनेक दवा का जाता होा |२९ वे वष म खच हो ाता है |2. रे भाव म हो तो वह ु मान ता रमी होता है। भा आ म भाषण ारा वह नता को मं मुधध कर कता है। ुध क केे ा य चं हो तो ातक का धन न हो ाता है |र चम रो भी ीदडत होता है |ा रा या ु रा ,नीच का का या ापभाव म ु ध हो तो दवारदहत , वाभाव , र वायु रो े ीदडत होा |
*************************** ************* ***************************** ************************ ********* * तीरे भाव म ु ध :-:--ातक /ादतका केके तीरे भाव म ु ध होने े ले खनी का का होता है,कयूटटर र र इी पकार केके यं को ंचचालत ालत करने क मता होती है ,ोटवेयर यर आ नाने म दनु णता होती है,चकारी र कदवता करने म च होती है ,दवषय म आ होती है ,ुण भी भरे होते है ,मोटा रीर होता है,ोलमटोल आकृ आकृ दत होती है ,दहने अधक र भाई कम होते है ,दता का धन ेक कार ार हो ाता है। च -ु ,ुख दवहीन , मनमाना काय करने वाल वालाा , अने ईा अनु ार ार ुभ काय को करने वाला , पदत े उ होा र वलय अवा म रोी रहे ा |ऐे ातक को भाइय भाइयोो का ुख ख मलता है |तृतीय भाव का वामी य वलवान हो तो ातक ं भीर र घायु यु होता है |तृतीये य य दनवल हो तो ातक डरोक होता है |भाइयो को ीड़ा ेता है |ुध र मंल ल क ट हो तो या
ा हो , ातक क वदहनो को क मलता है |ुध य ा पभाव म हो तो भाई या वादहन क मृ यु होती है |
3. तीरे भाव मह ो त ऐा ाारी े मता ादत करने वाला होता है । ाारा काय म उक त च होती है। तृतीय तीय ुध १५वे वष म धन लाभ , र मीन क पात , र ुण पात करता है |२७वे वष म ु े क मलता है |
*************************** ************* ***************************** ********************** ******* चौे भाव म ु ध _---_----ातक /ादतका को चतु भाव म ु ध होने े भायवान होता है ,ान करने म दनुण होता है ,ान ेने म कु ा र ु ा को मझने क दहमत होती है ,लखने क कला होती है,नीदतय र चलने का आ होता है ,ुवान वान होता है।अके ।अके ला ुध हो तो ातक क केे अनेक म होते है ||ातक धनी र दवलाी रहता है ||माता -दता केके ुख े यु होता है |धन धाय , वाहन े ुखी खी द षत ,उम घर े यु होा |ऐा ातक ारी र , ान र नृयय का ौख रहता है |दवा दवभूदषत कृ दष े दवेष पेम रखता है |चतु ु ध दनफल दनफल भी होता होता है | ैददक क ंश श को पात करने म नाना पकार क ाधा आती है |कई वार तो ैदक दक ंश श का आभाव रहता है |चतु भ ाव म ु ध १६वे वारह म धन का हरण करने े अधक लाभ होता है |२२ वे वष म ु एवं धन होती है |4. चौे भाव म हो तो ुमान मान होता है। राय म उक पदता ता म े मान होता है । ुधध -ु ु -दन यो हो तो वाहन नानाध पकार केके होते है |चतु क ा वामी वली अवा वली ह के ा यु हो तो ालक क वारी मलती है | ुध -रा /के तु र दन दन हो रो वाहन वाहन ुख े हीन , अन अनेे कुकु ल े ेष रखने वाला होा |कट वाभाव नता है |
****************************************** *************************** ************************ ********* ****** ंचम चम भाव म ु ध हो तो ातक /ादतका का वा ीवन म भरा होता है ,अना काम दनकालने म चतुररता ता होती है,काम दनकालने केके ा भूलने ल ने क आत होती है ,तान का अभाव होता है,केवल धन क चाहत होती है,मीनी काम को करने र मीन आ केके पदत मानकता नी रहती है। मामा को ंड रो होता है |माता े ु खी ,ुवान वान ,धनवान , मधुररभाषी भाषी , ुील ील , काय म पवीण , दवान ,
ुुुही ही , आडर यु , रतु झडालू वभाव होता ह | म दवा म म च रखता ह | २९व वष म
माता को ीड़ा ेता है | ाशणत या कोम े लाभ मलता है | ांचवे चवे भाव म हो तो उे ं तान ुख का अभाव रहता है। य होता भी है तो वृ ावा म ु लाभ पात होता है। अत या ु ह े ट ुध ु ोक ेता है |ंचचमम का आवामी दनव ल हो या ाप ापभावी भावी हो तो ु ोक केके कारण ोय -ु का अलंनन लेना ना ड़ता है |र ातक आ कम म दनदहत रहता है |
*************************** ************* ***************************** ****************** *** छठे भाव म ुु ध ातक /ादतक छठे ादतकाा को कले करना अा लता है ,लेदकन दकन वाणी म मठा होती है,आली रीर होता है ,अशभमान क माा भरी होती है ,रमी र कामुकता का मावे मलता है। र क ेवा वा करना अा लता है। च का दनठुर ,अध- शत कटु-भाषी , ाध े ीदडत होता है |हा -ैर म वीमारी होती है |अनेक ु न ाते है |र रतुतु ातक राा े मा मादनत दनत होता है | आ लकने म मादहर होा | ऐे ातक अने ही कुकु ल का कोई रहता है | छठे भाव म हो तो उका अय मनुय य केके ा दवरोध रहता है। व ुध अवा ुभ हो तो ीड़ा ेा |ुध य मंल ल क रा म हो तो नील कुकु रो ेा |ुध केके ा रा -दन /के तु ु े लड़ने झरने म तर होा |वात -ूल रो े रे ानी होी | नीच रा या ुछ ेदय ु ध २१ -३७ वे वष म कलह या ु े ीड़ा ेता है |
*************************** ************* ***************************** ******************* **** तम भाव म ु ध हो तो दत या नी केके लये ुखायक खायक होता है ,का कातवान तवान रीर होता है,त दनकल ाती है,ुर र कु लीन पकृ पकृ दत होती है ,ान करने क मता होती है ,उार पकृ पकृ दत होती है । ातक ुर र , यवा , एया वान , ीलवान , यायकारी , माता -दता े ुखी खी , ी ,ु धन े ु खी , दनमल ु , राा े ू य , र कतमान होता है | ऐा ी /ुषष अने ाय के अनुकू कूल ु े चलता है | र नह भण करने वाली वतु को भी खाता है |ऐे ातक को र -ी मन म च रखता है | े ातक को चेत रहना चाइये |ुभ ुध होने र २४वे वष म वाहन का ुख मलता है |7. ातव भाव म हो तो वह ी केके लए ु खायक होता है। तमे य वली हो तो एक ही ी रहती है | दनवल र ाह े यु हो तो ी का ना होता है | ी कु ं डली म दत का ना , या कु रो का भय एवं वह कुकु होता है |*
अम भाव म ु ध ातक /ादतका क ल ली ी उ होती है,ुर र नी या दत होता है ,ात का भरोा नही होता है ,खेती ती केके काय म दनु णता होती है ,ैे े ावानी आ ,याय करने के अर ेईमानी ईमानी का मावे होता है,ाा ाारर े लाभ के वल लाली वाले काम म होता है ।अतःम भाव म ु ध प , ुण णीी , अहंकारी कारी , घीवी ीवी , तो का दवरोधी , धदन , यवी , र रधान हारी , ंतान तान कम रहती है | ंघघाा र ेट रो े ीदडत होता है | अमे वली हो तो ूण ण आयु वाला होता है |२५ वा वष म नाना पकार क उल मलती है | ातक यवान हो ाता है | १४वा वष क हादन करताा है | 8. आठव भाव म हो तो उ क उ लं ी होती है। यह े -दवे म भी यादत करत लाभ लाता है। नीच या ु रा का ु ध ा पभाव म हो तो अायु होती है |
****************************************** *************************** ************************ ********* ******* नवम भाव म ु ध --- ातक /ादतका ुमान मान होता है,तीाटटन न करने क कामना होती है ,अने मा म ात रखने वाला होता है कदव ान दवा म दडी या दडलोमा होता है ,याय याा करवाने वाले काय का मान रहता है । दवेी लो र अंे ेीी म अा जान होता है । उकारी , ंतान तान ,भृय य ुख ख दवट , दवान ानील , कम दन ., ंीत ीत पेमी मी , ान दपय र धना पात करने का इछुक होा | दता घाययु ु होते है | ऐा ातक /ादतका धमज या भा म मादनत होता है | भवत पेमी मी र मु का इुक रहता है | ुभ यु ुध धमामा मा वनता है | २६वे वष म माता को अर ेा |नौव भाव म हो तो मनु य धामक धामक काय म च ले ने वाला , ुमान मान , ती आ करने वाला होता है। ता घर का कुकु लक भी होता ह। ायु ुध हो तो ातक मं -भाय र ो मत का पेमी मी होता है |
*************************** ************* ***************************** ******************* **** म भाव म ु ध ---ातक / ादतका का रा यो का कारण नता है ,अायु होना भी माना ाता है,माता क दहन े वभाव मलता ुलता लता है,दता केके पदत वफ़ाारी वफ़ाारी नही होती है ,खु क केे काम को खु केके पया े ही ख खमम करने क भावना न ाती है।।े े कम दनदहत ,ुमान मान , ावक , ंक क वान , ाार म कु ल रहता है | क क .लेखन खन ,कला र कारता े लाभ कमाता है | धन कमाने म चतु चतु र आभून न यु , राा े मादनत होता है | नाना पकार केके ा -ावानी का
ौखीन होता है | रतु ने रोी भी होता है | उ या वही ुध अवा ु े यु हो तो होम -ूा ा करने वाला रहता है | १७वे वष म लाभ र २८ वष म ने रोी वनता है | व भाव म हो तो ऐा ातक दता ारा अत धन पात करता है । ाह े यु या नीच का ुध , मूख ख ता त ा केके काम करने वाला , आचरण क नह रहता ओर , ाार म दनरं तर हादन ेा | ा धारण करे | *************************** ************* ***************************** ************************ ********* यारहव भाव म ुु ध --- का एका भाव मे ु ध होने े ातक को लाभ म अार श क कामना होती है दता क ाया मलती है ,छोटे भाई दहनो े ने ह होता है , माता े वा दववा याा होता है, ा र मनोरंन न म अधक यान रहता है । ातक न र धदन , आनंत त रहने वाला ,दवनीत ,पा ,े वाभाव वाला , ीलवान , ु ील ील ी वाला , भू- ंश श वान , दवा मे ा अ अययन ययन रत रत रहत रहताा है | दवान होता है | ऐे ातक क ठरागन मं होती है | 11 व ुध ध होने े ु भ काय े धन कमाता है | १२वे र १६ वे वष म अ क पात करता है | १९,२४ वष के ा ु ,धन र भूम म का मालक हो ाता है | यारहव भाव म हो तो वह को त ारी ं श का मालक नाता है। ऐा लेखक खक या कदव भी होता है। नीच का र ु भाव का ु ध हो तो लत काय े धन कमाता है |
*************************** ************* ***************************** ******************* **** ारहव भाव म ु ध ातक / ादतका दवान धमा मा मा वभाव होता है ,दकी भी भाषा को कडने क मता होती है ,ैवीय जान क ानकारी होती है ,मा म ु णी माना ाता है ,ा का अा जान होता है आली रीर होता है .अने काय म र अने म दवय पात करता है | अने ही कु ल का कोई ुरराना ाना होता है |वकाय म दनु ण , ु े ा -माइंड , ंधू धू -ानो े दवरोध रहता है | अने आमीय ानो े ीड़ा ाता है | रतु ातक क वे ांत क र च रहती है | र रा को े भी ीड़ा रहती है |ूयय - ुध ा हो तो हायता करने वाला ,यावान , र ोीला होता है |ऐे ातक क कम ं तान होती है | ुभ ह केके ा ुध हो तो धम काय म धन का य होता है | १२वा ुध ४८वे वष म नी को ीड़ा ेता है | 12. ारहव भाव म हो तो ऐा दवान होते ए भी आली होता है ा ह क केे ा ु ध हो तो ातक चंचचल ल र मनुय य े वै र करता है |
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े ा , खुली ली आ ु केके अुभ होने केके ूवव ं के त > दकी पकार केके वचा ी रो ैे उ होते ह ।वोष , धातुीणता आ रो पकट होने लते ह । > कामुक दवचार हो ाते ह । > दकी मदहला े दववा होता है । ठु ा ु या दनय होने लता है । > हा या ैर का अंुठा
-तम भाव म अकेके ला ु हो तो हत ीवन म कोई न कोई कमी ाई ई हे | ु १२ भाव म हो तो अतुल लनीय नीय धनवान नता हे व प धी भी ेता हे | य ु ६ भाव म हो तो धन क कमी नह रहने ेता || य दकी कु ं डली म ु रे भाव म े ठा हो तो ऐा ातक या ादतका े म दवे ष च रखता हे ता उनके उनके ीवन मइ पकार क कई दतयां भी आती ह || योदतषानुार ार ु केके लये योदतष ा म नमे "ारार होरा ा ", ",फ़लपदका ,मानारी ृहतातकम हतातकम , र अय ा म ो फ़ल कहे ये है वे इ पकार े है :पम भाव म ु :-:-- ातक आकषकव क व वाला , हे अ होी |ुरर होा |लन म ु होने े ातक घायुय ु ु ंर र , ऐयवान व ान , मधुर भाषी , भोी , दवलाी , पवाी र दवान होता है। ातक केके म केके मय लन म दवरामान ु को हले भाव म ु क उाध यी है। हले भाव म ु क केे होने े ातक ुर र होता है ,र ु ो दक भौदतक ुख ख का ाता है ,ातक को ुख खीी रखता है ,ु ैय का राा है इलये ातक को भौदतक वतु को पान करता है ,र ातक को रा का आ े कोई रहे नही होता है ,ातक क च कलामक अशभय म अधक होती है,वह ाने र ंवरने वरने वाले काम म होता है ,ातक को रा काय केके करने र राकाय केके अर दकी न दकी पकार े ामल होने म आन आता है ,वह अना कु कु म चलाने क कला को ानता है ,नाटक नेमा मा र टवी मीदडय मीदडयाा केके ारा अनी ही ात को रखने क केे उाय करता है,अनी उभो क मता केके कारण र रो र े दवय ाने के कारण अधक उ का होता है,अनी तरफ़ दवरोधी आकष ण होने क केे कारण अधक कामी होता है ,र काम ुख क केे लये उे कोई दवेष पयन नही करने डते ह ।।ऐा ऐा ातक ौरवण , ुर र रीर , ेट र ुहा हा अं म वण र दतल होता है | वात ,द रो े ीदडत होा |अनेक कला को ानने वाला , दवान ,का ाी , वाता म कु ल , दवनय ं ,धमा मा मा , अनी ी े अयधक पेम रखने वाला होा | मधुर ,तरल , र ुत त , ु आ वतु का पेमी मी होा | ु क केे ा ुभ ह वण तु य ुर र , ुर र रीर , र अनेक व वाला ,आभून न यु रहता है | ु का वही होना रायो कारक है | १७वे वष म र ीमन करता है | ु य ६ ,८, १२ का वामी हो अवा वहीन वहीन हो तो ातक केके ो ी का यो होता है र उ केके
भाय मघ टती ,ती रहती है |
****************************************** *************************** ************************ ********* ******* दतीय भाव म ु --- ातक /ादतका का फल :-- २५ उ केके ा धन वृ होी |रे भाव ु होने े ध नवान , यवी , ाही , कदव एवंभ ायवान होता है । रा भाव कालुष ष का मुख कहा या है ,मुख े ातक कलामक ात करता है ,अनी आंख ख े वह कलामक कला मक अशभ करने केके अर मादहर होता है ,अने चेहहरेरे को ा कर रखना उक नीयत होती है,ुर र भोन र ेय ा क तरफ़ उका झान होता है ,अनी वाकटु वाकटुता क केे कारण वह मा र ान दहचान वाले े म दपय होता है ,ं ारक ारक वतु र य केके पदत अनी मझने क कला े ूण ण होने केके कारण वह दवान भी माना ाता है ,अनी ानदहचान का फ़ाया लेनेने केके कारण वह ाही भी होता है,लेदकन दकन अके अके ला फ़ंफ़ं ने क केे मय वह अने को दन :हाय भी ाता है,खाने ीने म ाफ़फ़ाई रखने केके कारण वह अधक उ का भी होता है।।दवच दवच दवडीयो को ानने वाला , मनोहर भाषी ,भा म चतु र , धदन र दवा धन पात होता है | ऐे ातक को ुर र भोन ं रहेा ा | रवार ड़ा होता है | वाहन आ का ूण ण ु ख मलता है | उक ी अ रतु ी े पेम का आभाव रहता है ता आ आँखे ँखे ुर र र दवाल होती है |दतीय भाव का वामी कमोर हो तो अंक कोो म फूला रो रहता है |ु -चं ा हो तो ातक को राी म ने म रे ानी , कुटुव रदहत , र धन को न करने वाला होता है |ुभ ह केके ा होने र धन लाता है | तीरे भाव म ु ु :-:-- तीरे भाव म ु ु होने े धनी , कृण , आली , चकार , रामी , दवान , भायवान एवं यटनील टनील होता है। तीरे भाव म ु केके होने र ातक को अने को पत पत करने का चाव चन े ही होता है ,कालुषष क क कुु ली केके अनुार ार तीरा भाव र को अनी कला या रीर केके ारा कहानी नाटक र नेमा मा टवी मीदडया केके ारा पत पत करना भी होता है ,तीरे भाव के ु वाले ातक अधकतर नाटका होते है ,र दकी भी पकार केके ंपपेषषण े ण को आानी े कर कते है,वे फ़टाफ़ट दना दकी कारण केके रोकर खा कते है ,दना दकी कारण केके हं कर खा कते है,दना दकी कारण केके ुा ा भी कर कते है,यह उनक म ात त का उाहरण माना ा कता है। अधकतर मदहला ातक म तीरे भाव का ु डे भाई क नी केके म ेखा ाता है,तीरे भाव केके ु वाला ातक खूू ूरत र त ीवन ाी का दत या नी होता है ,तीरे भाव के ु वाले ातक को ीवन ाी लने म ेर नही लती है ,चका चकारी री करने क केे ा वह अने को भावुक कता ता क केे ाल म ू ता ंता चला ाता है ,र उी भावुक कता ता क केे चलते वह अने को अर ही अर ीवन ाी केके पदत ुरी री भावना ैा ा कर लेता ता है ,अर ीवन क अशभय को पारत करते करते वह क ा ाता है,र इ ु केके धारक ातक आलय क तरफ़ ाकर अना कमती मय रा कर लेतेते है,तीरे ु केके कारण ातक केके अर अर चतुराई क माा का पभाव अधक हो ाता
ह,आलय क कारण वह दकी भीर भीर मया को ुल लझान झान म अम होता ह ,तो वह अनी चतुरराई ाई
े उ मया को र करने क को करता है ।क ।कुु टु ं ुख उम होा | चौे भाव म ु ;-;--चौे भाव म ु होने े ातक लवान , रोकारी , आतक , ुख खी ी , भोी , ुवान वान एवं घा यु होता है । चौे भाव का ु कालुष ष क कुकु ली क केे अनुार ार चमा क कक कक रा म होता है,ातक केके अर मानक े कामवाना क अधकता होती है ,उे याल म केवल ु ष को नारी र नारी को ु षष का ही याल रहता है ,ातक आतक भी होता है ,रोकारी भी होता है,लेदकन रोकार केके अर अर ी को ुष ष केके पदत र ुषष को ी क केे पदत आकषण का भाव ेखा ाता है,ातक वहार कुकु ल भी होता है ,र वहार केके अर अर भी ु का आकषण मुय य होता है,ातक का वभाव र भावनाय अधक माा म होती है ,वह अने को मा म वाहनो े यु े ये घर े यु र आभूषण ष ण े यु खाना चाहता है ,अधकतर चौे ु वाले ातक क रहने क वा त ही ावट ेखी ाती है ,चौे भाव केके ु क केे को फ़ल र ावट खान का काम करने े अा फ़ाया होता ेखा या है ,ानी वाली मीन म या रहने वाले ान के अर ानी क ावट दयाय ानी वाले हा केके काम आ भी ेखे ाते है ,धनु या वृ शक का ु अर चौे भाव म दवरामान होता है ,तो ातक को हवाई हा केके अर अर र अंततर र क केे अर भी फ़ल होता ेखा या है।माँ ।माँ ,ी र ुख उम ही रहेे | ंचम चम भाव म ु :-:--ांचचवव भाव म ु होने े णी णी , यायदपय , आतक , ानी ,पदतभााली , वा एवं वायी होता है ।ंचम भाव का ु कद कदवता वता करने के लय लयेे अध अधक क पय पयुु माना ाता है,चमा चमा क रा कक कक े रा होने के कारण ातक भावना को त ही ा ं ववार ार कर कहता है,उक उकेे के अर ैररोो ायरी क ुटटता ता का महव अधक े ेखा ाता है ,अनी भावना के चलते ातक ूा ा ाठ े अधकतर र ही रहता है ,उे ा े लेक करर अने ीवन क केे हर हलू म के वल भौदतकता का महव ही मझ म आता है ,ह ो ामने है,उी र दवा करना आता है,आे या होा उे इ ात का याल नही आता है ,वह दकी भी तरह रा को एक कोला मझता है,र अर अर इ पकार केके लो अने को कयू कयूटटरर वाले खे ल ल र ावट ामान के ारा धन कमाने क दफ़राक म रहते है ,उनको भवान े अधक अने कलाकार मा र अधक भरोा होता है,अधकतर इ पकार केके ातक अनी उ क आगखरी मंल ल र दकी न दकी कारण अना कु छ ंववाकर ाकर शभखारी क तरह का ीवन दनकालते ेखे ये है ,उनक ला अधक भौदतकता के कारण मानकता र रत को केके वल ंततु ु का कारण ही मझते है ,र मय केके रहते ही वे अना मु ंह वाभादवकता े फ़े र ले ते ह।ाई ।ाई म रा भी मन हटा तो दवलाता या लव न ाते है | छठे भाव म ु :-भाव म ु होने े ातक ी ुखहीन खहीन मवान राचारी , वैभवहीन भवहीन :--हैछठे एवं मतयी होता । छठा भाव कालुष ष केके अनुार ार ुध का घर, माना ाता है,,र कया रा का
पभाव होने के कारण ु इ ान म नीच का माना ाता है ,अधक पभाव अधकतर तर छठ छठेे ु वाले ातक के ीवन ाी मोटे होते है,र आराम तल होने के कारण छठे छठे ु वाल को अने ीवन ाी केके भी काम करने डते है,इ भाव केके ातक क केे ीवन ाी दकी न दकी पकार े रे लो े अनी ारीरक काम ंततु ु को ूररा ा करने क केे च चकर कर म के वल इी लये रहते है ,यदक छठे ु वाले ातक के रीर म ननां ी कोई न कोई ीमारी हमे ा ा नी रहती है ,चचान र झलाहट के पभाव े वे घर या रवार क केे अर एक पकार े ले का कारण भी न ाते है ,रीर म का दवका नही होने े वे तले ले रीर केके मालक होते है ,यह उनक माता केके कारण भी माना ाता है,अधक अधकतर तर छठे छठे ु केके ातक ातक क माता ने ंवरने वरने र अने को पत प त करने क केे च चकर कर म अने ीवन केके अं दतम मय तक पयारत रहत है। दता क केे ा अना ना धन क आवक भी रहती है,र छठे छठे ु के ातक ातक केके एक मौी क भी ीवनी ीवनी उक उकेे लये मह महवू वूण ण होती है ,माता के खानान े कोई न कोई कलाकार होता है , या मीदडया आ म अना काम कर रहा होता है ।माँ का ु ख , रो नाक , ुद वयी होता है | तम भाव म ु :--ातव भाव म ु होने े ी े ु खी , उार , लोकदपय , धदनक , दववाह के ा भायोयी , अाशभचारी एवं दवलाी होता है। तम भाव म ु कालुषष क कुली के अनुार ार अनी ही रा तुला ला म होता है ,इ भाव म ु ीवन ाी केके म अधकतर मामल म तीन तीन पे म ेने का कारक होता है ,इ पकार पकार के पेम उ क उीव ाल म,ीव ाल म र इकीव ाल म ु क केे ारा पान दकये ाते है ,इ ु का पभाव माता क तरफ़ े उहार म मलता है ,माता केके अर अदत कामुक कता ता र भौदतक ुख ख क तरफ़ झुकाव काव का रणाम माना ाता है,दता क भी अधकतर मामल म या तो ु वाले काम होते है ,अवा दता क भी एक ा या तो होकर छूट यी होती है ,या दफ़र ो लातार आीवन चला करते है ,तम भाव का ु अने भाव म होने के कारण मदहला म को ही अने काय के अ अर र भाीारी का पभाव ेता है। ुष ष को ुर र नी का पायक ु नी को अने े नीचे वाले पभाव म रखने केके लये भी उरायी माना ाता है ,इ भाव का ु उारता वाली पकृ पकृ दत भी रखता है ,अने को लोकदपय भी नाता है,लेददकन कन लोक दपय होने म नाम ही म लया ाये यह आवयक नही है ,कारण यह ु कामवाना क अधकता े शभचारी भी ना ेता है ,र माी े चं चचल ल भी नाता है,दवलाता केके कारण ातक अधकतर मामल म कम हीन होकर अने को उटे ीधे काम मे ला लेत हे ै ।ुष ष दक दका म तम ु खरा होता है |ी दका म ु भ मन या है | आठव भाव म ु ु :-- आठव भाव म ु ु होने े दन दनयी , रोी , ोधी , योदतषी , मनवी , यटनील ट नील एवं रीरत होता है।आठव ।आठव भाव का ु ातक को दवे यााय र करवाता है ,र माताेयाअय दतारते केके ारा दकये येकेक े लये ीवन ाी वालेमुीत हैअर ,र हले अनीेम् नाकर माता दता एक नई रते ीतरहमेदकनार ाा क केे कर लयेये खडीाते कर
ाती है। ातक का वभाव तुनक नक मा होने केके कारण माता क केे ारा ो ा ाती है वह मा दवरोधी ही मानी ाती है ,माता केके ंचम चम भाव म यह ु होने केके कारण माता को ूयय का पभाव ेता है,र ूयय ु क युदत दत होने केके कारण वह या तो रानीदत म चली ाती है ,र रानीदत म भी े नीचे वाले काम करने को मलते है ,ैे े ाफ़ फ़ाई करना आ ,माता क माता यानी ातक क नानी केके लये भी यह ु अनी ाा केके अनुार ार वैवय वय पान करता है ,र उे दकी न दकी पकार े शका या अय लक वाले काय भी पान करता है ,ातक को नानी क श चन म र भोने को मलती है ,लेदकन डे होने के ा ातक मं ल केके घर म ु क केे होने क केे ा या तो मल म ाता है,या दफ़र दकी पकार क ावट टेकनोलोी यानी कयू टर टर र अय आई ट वाली टेकनोलोी म अना नाम कमाता है । लातार ुषष व कामु कता क तरफ़ मन लाने के कारण अर उकेे अर ीवन रक तव क कमी हो ाती है,र वह रोी न ाता है,लेदकन रो केके चलते यह उक ु वा वानी नी केके अर अर दकये ये काम का फ़ल र भु तने तने केके लये ा ा रखता है ,र दकी न दकी पकार केके अाय रो ैे े तेक क या ां क ीमारी ेता है ,र हीन नाकर दतर र डा रखता है। इ पकार केके ुष ष व य र अना धन रा करते है ,र ी व आभू षणो र मनोरंन न केके ाधन ता महंेे आवा म अना धन य करती है ।ाहरी रहेे |य ूण ण रहे ा | नव भाव का ु :-:--नौव भाव म ु होने े आतक , ृहहु ुखी खी , पेममी ी , यालु, तीान ान क याा करने वाला , रादपय एवं धमामा मा होता है। नव भाव का मालक कालु ष क केे अनु ार ार ु होता है,र ु केके घर म ु केके ैठ ाने े ातक केके लये ु धन लमी का कारक न ाता है ,उके ा ा ाा केके माने क श उभो करने केके लये होती है ,र ा केके ा उक उकेे ा र धन ने लता है,ातक क माता को ननां ी कोई न कोई ीमारी होती है ,र दता को मोटाा यह ु उहार म पान करता है ,ा आराम ं भी होता है ,ा केके रहते ातक क केे लये दकी पकार क धन वाली कमी नही रहती है ,वह मनचाहे तरीक रीकेे े धन का उभो करता है इ पकार के ातक का यान ु क केे कारण डे म क या धन को धन े कमाने के ाधन पयो, करने क ता ईर क तरफ़ े मलती है ,वह लातार दकी न दकी कारण े अने को धनवान नाने के लये कोई कर नही छोडता है। उक उकेे डे भाई क नी या तो त क कंं ू होती है ,या दफ़र धन को मेटटनेने के कारण वह अने रवार े दल होकर ातक का ा छोड ेती है ,छोटे भाई क नी भी ातक के कहे अनु ार ार चलती है,र वह हमेा ा ातक केके लये भाय न कर रहती है ,नवां भाव भाय र धम का माना ाता है ,ातक केके लये लमी ही भवान होती है ,र योयता केके कारण धन ही भाय होता है। ातक का यान धन केके कारण उक रा करने केके लये भवान भवान े ला रहता है ,र वह के वल ूा ा ाठ केके वल धन को कमाने के लये ही करता है । ुख खीी ीवन ीने वाले ातक नव ु वाले ही खे येहायता है,छोटे ेभाई ाहैहोने ाा ा रहने र मय मय र ेअनी ने के क लयेनी तरकारहता । के कारण छोटा भाई हमे
म भाव का ु :--व भाव म ु होने े दवलाी , ऐयववान ान , यायवान , धाम धामक क , ुण णवान वान एवं यालु होता है। म भाव का ु कालुष ष क कुकु ली क केे अनु ार ार दन क केे घर म दवरामान होता है,दता केके लये यह ु माता े ात ताया ाता है ,र माता केके लये दता ही े दकी भी काम काम के अर अर हां म हां मलाने वाला माना ाता है ।छोटा भी क कुु कम् न ाता है ,र डा भाई आरामतल न ाता है। ातक केके ा दकतने ही काम करने को मलते है ,र त ी आीदवकाय उकेे आा होती है। अर व भाव का ु ो ायां करवाता है ,या तो एक ीवन ाी को उक भवान केके ा भे ेता है,अवा दकी न दकी कारण े अलाव करवा ेता है । ातक केके लये एक ही काम अर रेान ान करने वाला होता है ,दक कमाये ये धन को वह दन वाले नीचे काम केके अर ही य करता है,इ पकार केके ातक र के लये काय करने केके लये ाधन ु टाने का काम करते है,व भाव क केे ु वाले ातक मदहला मदहला केके लये ही काम करने वाले माने ाते है ,र दकी न दकी पकार े घर को ाने वाले कलाकारी क केे काम ,काई कीाकारी ,र को तराने केके काम आ व भाव केके ु क केे ातक केके ा करने को मलते है।।ातक ातक कोई ना कोई कला म दवे ष र होा |माता ,दता का ुख उम होा | खी ी , र लमीवान , यारहव भाव का ु :- यारहव भाव म ु होने े ातक दवलाी , वाहनुख रोकारी , धनवान , कामी एवं ुवान वान होता है। यारहवां भाव ंचचार ार क केे ेवता यूरेर न ने का माना ाता है,आ केके यु म ं ं चार का ोलाला भी है ,मीदडया र इटरनेट का काय इी ु क ौलत फ़लीभूत माना ाता है ,इ भाव का ु ातक को दवुअल अल ाधन को ेने म अनी महारता को खाता है,ातक दफ़म एनीमे नन काटू न नाना काटू न दफ़म नाना टवी केके लये काम करना ,आ के लये हमेा ा उादहत ेखा ा कता है। ातक केके दता क ुान ान म धन होता है ,वह दकी न दकी पकार े ुान ान े धन कमाने का काम करता है ,ातक का छोटा भाई धन कमाने क केे अ अर र प होता है,ातक क नी अने रवार क तरफ़ ेखने वाली होती है ,र ातक क कमाई के ारा अने मायके मायके का रवार ं भालने भालने केके काम करती है । ातक का डा भाई ी े ात होता है,ातक केके डी दहन होती है,र वह भी अने दत को ात करने म अना ौरव मझती है । ातक को मीनी काम करने का ौक होता है,वह खेततीी वाली मीन को ालने र ध के काम करने केके अर अने को उादहत ाता है,ातक क माता का वभाव भी एक पकार े हठला माना ाता है,वह धन क कमत को नही मझती है,र माया नरी को राख केके ेर म लने के लये हमे ा उुक रहती है ,लेदकन दकन दता केके भाय े वह तना खच करती है ,उतना ही अधक धन ता चला ाता है।म ।म अधक र उ तर केके हे | ारहव भाव म ु ु :-- ारहव भाव म ु ु होने े यायील , आली , दतत , रीरत , धनवान एवं मतयी होता है। ारहव भाव केके ु का ान कालुष ष क कुकु ली केके अनुार ार रा के
घर म माना ाता है ,रा र ु ोनो मलकर या तो ातक को आीवन हवा मउ डाकर हवाई यााय
करवाया करते है ,या आराम ेने के ा ोचने क दया करवाने के ा रीर को फ़ फ़ लाते रहते है ,ातक का मोटा होना इ भाव केके ु क ेन है ,ातक का ीवन ाी भी ातक क मे ारयां ारयां ंभ भालने ालने का काय करता है ,र अने को लातार दकी न दकी पकार क ीमारय का ा नाता चला ाता है,ातक का दता या तो रवार म डा भाई होता है ,र वह ातक क माता केके भाय े धनवान होता है ,दता का धन ातक को मु त त म भोने को मलता है ,उ क यालीव ाल तक ातक को मानक ंततु ु नही मलती है ,चाहे उके उके ा दकतने ही ाधन ह ,वह दकी न दकी पकार े अने क ो अभावत ही मानता रहता है ,र नई नई कम लाकर याली ाल क उ तक तना भी पया कमाने केके करता है,उतना ही वह दता का धन रा करता है ,लेदकन माता केके भाय े वह धन दकी न दकी कारण े ता चला ाता है । उ क तीरी ी र वह धन कमाना चालू करता है,र दफ़र लातार मरते म तक कमाने े हार नही मानता है। है । ातक का डा भाई अने ुान ान े धन कमाने का मालक होता है ,लेदकन दकन भाभी का पभाव रवार क मया ाा को तोडने म ही रहता है,वह अने को धन का मन मझती है ,र दकी न दकी पकार े ारवारक मदहला े अनी तू तू म म करती ही मलती है ,उे ाहर ाने र दवे क यााय करने का ौक होता है ,भाभी का ीवन अनी कमोरय के कारण या तो अताल अताल म ीतता है ,या दफ़र उके उके ं दकी न दकी पकार े यौन ी ीमारय केके पदत मा म काय करने केके पदत मलते है ,वह अने डाटर या मदहला को पनन केके मय हायता ेने वाली होती है ।लरी ीवन , मौी , धन खच अधक करेा ा | ौकन माी भी रहता है | "ु ारहवां दया दहतकारी "-- ारहवे ु केके होने र अर ातक अनी ी े दहत लाकर चलता है तो वह ीवन मे कत नही उठाता है तना वह अनी ी को रेान ान करेा ा उतना ही वह खी होा ,इक इकेे अलावा भी अर ातक मीदडया र ावट वाले कामो को दली वाले कामो को लेकर चलता है तो वह ीवन मे धन केके लये भी खी नही हो ायेा ा ैे े ही उक ा होी उक ी ातक केके भी क को अने र झे लने के लये तै यार हो ायेी। ी।
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दक महाा का या होा फल -
क ंु डली के अनुार ार 12 भाव केके वामी ह म े अधकाधक 7 या 8 ह क महाा मनुय य के ीवन म आती है । दवशभ भावे क महाा शभ -शभ फल को ेन वे ाली होती है ।
1. लने यादन लन केके वामी ह क महाा वाय लाभ ेती है , धन र मान -पदता पात के
अवर ेती है। लने क ा मे रीर को ुख मलता है र धन का लाभ भी होता है | लने क
महाा म ातक को ारीरक ु ख मलता है , धन लाभ भी होता है , लने भाव म होता है , उ भाव क वृ कर ेता है।
2. धने यादन रे भाव क केे वामी क महाा म धन लाभ तो होता है मर अम भाव े तम होने के कारण यह ा वाय क ेती है। |,य धने र ा ह क नर हो तो मौत तक होती ेखी यी है,|धने क महाा म ातक को धन लाभ होता है , दकतु धने ६, ८, १२ म नह होना चाहीये
, अया इका उलटा होता है। ा ही ारीरीक क भी होता है। य धने ा ह केके ा हो तो , यु तु य क होता है। 3. ह भाव यादन तृतीय तीय भाव केके वामी क ा पाय अ नह मानी ाती। भाइय केके लए रे ानी ानी र उने रत दड़ते ह । तीरे भाव केके वामी क ा मे रो भी होते है चता भी होती है आमनी का पभाव भी ाधारण ही रहता है , क ा ुखायक खायक होती है। घर , वाहन , ेवक वक का ुख मलता है। लाभ होता है । चौे 4. चतु भाव केके वामी क ा मे वामी क केे अनुार ार ही मकान का दनमा ण भी होता है वारी का ु ख भी पात होता है, लाभ केके मालक र वे भाव केके मालक ोनो ही अर वे वे या चौे भाव मे हो तो चौे भाव के वामी क ा मे फ़ै टरी या डे कारोार क तरफ़ इारा करते है ,दवा लाभ केके लये भी इी ा को ेखा ाता है.
5. ंचमे चमे क ा धनायक ता ुख ेनेववाली ाली होती है। ंतान तान क उदत होती है मर माता को क होता है। ंचम चम भाव केके वामी क ा म दवा क पात भी होती है धन का े धन कमाने के ाधनो े धन भी पात होता है मा अधकतर लाट े र े यर ाार ैे क े ाय े धन क पात होती है अधकतर ुआरी आरी इी ा मे अने को ना लेते है .पेम इक मुहत हत का कारण भी इी ा मे ेखा ाता है ,अर ाठ ाल क उ मे भी इ भाव केके वामी वामी क ा ु हो ाये तो ठयाने वाली कहावत को चरता करने लता है .मान भी मलता है मा मे य भी मलता है,लेदकन दकन चन मे ा ु हो ाये तो माता र मकान ता वाहन केके पदत कत कत भी ु हो ाती है.
6. , , , होने ेकेके इके इक कमेा रो ैा भय लती अमान ंता ताघेररने र ु को क भेनी े ने वाली होतीु है। भाव छठ छठेे भाव वामीे वामी क ा मनी ु ा होने है ीमारी ने लती है का
लता है.े अधक तान तान केके लये कत कत का मय माना ाता है र वह उन तान तान केके लये माना ाता है वह ा केके े मे होती है उनक उनकेे लये यह भी माना ाता है दक धन का कारण उ उहेहे ता लने लता है र उ कारण े वह चोरी करना ठी करना र रवार को नाम करने वाले काम भी करने े नही चू कती है,
7. तमे क ा वयं के लए र ीवन ाी क केे लए ककारक ककारक होती है । े क कार ार क सचताएँ हो ाती है। तमे क ा मे अर ा हो चु क क है तो ीवन ाी को क ेक कार ार क केे कारणो े होना ु हो ाता है ा नही यी है त ो कई पकार केके रते नते र दडने क ात भी मानी ाती है . 8. अमे क महाा म ममृृ युततुय ु य क , भय , हादन , ाी को वाय हादन रणाम मलते ह । अमे क ा मे अर वह ा ह है तो मौत या मौत ै े क मलने क ात मानी ाती है अर अमे ा ह क केे मे है र रे भाव मे दवरामान है तो दनय ही मौत का होना माना ा कता है ु केके ारा ेखे ाने र कोई न कोई हायता मल ाती है ,लेदकन दकन ु क केे व होने र मलने वाले उाय भी ेकार कार हो ाते है .
9. नवमे क महाा भायोय करती है। धम -कम के काय होते ह , ती याा होती है मर माता को क होता है। नवमे क ा मे ु ख मलना री होता है ,भायोय का मय भी माना ाता है,धाम धामक क काय मे मन का लना र अचानक धाम क होना भी इी ा केके पभाव े माना ाता है . 10. मे क महाा म दता का पे म , राय े लाभ , ोदत , धनाम , पभाव म वृ ै ेे फल मलते ह।।वे वे भाव क केे मालक क ा मे राय े हायता मलने लती है दता े हायता क केे लये भी र ु े हायता क केे लये भी माना ाता है ु ख का मय ु होना भी माना ाता है मान पात े दवे मे नाम होने क ात भी ेखी ाती है
11. लाभे क ा धन -य र ु पात कराती है मर दता को क ेती है । म का भी ा मलता है। लाभे क ा मे धन का आना तो होता है ले ददकन कन दता र दता ी कारको का न होना भी माना ाता है |
12 . ये क ा ेह क , धन हादन , अमान , राय , ु े हादन व कारावा आ का कारण नती है। ारहवे भाव क केे मालक क ा मे रीर को क भी होता है धन क हादन भी होती है र भटकाव भी ेखा ाता है |ेअ धक कारण मानक चता केके लये भी माना ाता है ,| रा क ा मे अी री काय का होना ,अचानक धनी र अचानक दनध न न ाना ूवव ो ोक केे नाम
को या तो चमका ेना या उनक उनकेे नाम का याना कर ेना भी माना ाता है
के तु क ा मे लाली ै ेे काम करना क कुु े ै ाा भटकाव या नदनहाल खाान खाान े अने ीवन यान को करना अवा भटकाव चुली ली खर नाने का काम आे े काम करने क केे ा रोी क पात रे के इारे र काम करना आ माना ाता है.| रा क महाा मे रा को दना ोचे मझे मन म आ ाने वाले दवचार , दना ोचे मझे अचानक मु ंह े दनकल ाने वाली ात , ण म ही भारी लाभ अवा हादन ेने वाले े ैे ेु आ , लाटरी , घुड़ड़ौड़ ौड़ र ैा ा लाना , इंटरनैट ता इक इकेे मायम े होने वाले वाय ता ऐे ही कई अय वाय ता े का कारक माना ाता है। रा ातक को मदतम ेता है | रा केके पभाव े ातक को उाय करने े लाभ मले ा |रा हाइ दवा भी लाता है | लेदकन दकन कावट ा फलता ेता है |
दवेष : य ुभ भाव क केे वामी ह ुभ पभाव म है तो वे भाव फल को ाएँ े मर य वे अुभ भ पभाव म है तो उतने ु भ फल नह े। ऐे म उन ह केके रन हनने चादहए र उनके उनके मं का करना चादहए। इी पकार य अुभ भाव केके वामी ुभ ान म भी है तो वे अु भता को ाएँेे ही अतः ऐे म उनकेे मं का करना चादहए र उने उनक
1. ूण ण ा :- रमोत या अदत लवान ह क ा ूण ण ा कहलाती है ,इ ा म राय लाभ ,भौदतक ुख मृ व ुभ फल लमी क क कृृ ा एंव अय ुख खायक ायक होती है ातक पयेक काय म फलता अवय पात करता है । ण ा :- उ रा या लवान ह क ा ूण णा ा कहलती है इ ा म ातक को उम ऐय 2.ूण एंव ां ारक ारक ुख भोो क पात होती है ।
3.र ा ::-- ो ह नीच , रम नीच या ड़लहीन हो तो उक ा र कहलाती है इ काल म नामानु ार ार ातक पयेक काय म ु ख क कमी का अनुभ भवव करता है । 4.अवरोहणी ा ::-- ो ह रमो े आे ता रम नीच केके ीच कंकं ही भी हो ता वरात , मुल ल दकोणी हो तो उक ा अवरोहणी ा कहलाती है । अा त रम उ े तना रम नीच क तरफ का ह होा उतना ाफल म कम ु ख पात होता है । ु भ मद रावट ती अनु ार होता है । अने म त याुअधम रा मायम म हो याहीअने 5. - ो ह हो तोमायमा उक ा ा::-मायम होती है । अा भ फल ककपात रहतीअधम है । क उ रा म
6. आरोदहणी ा ::-- नीच रा केके आे क 6 रायो म ता उ रा े ू व कही त हो तो ह क ा आरोदहणी होती है तना ह उ रा क तरफ ड़ेा उतनी ही ा फल म मृ ेन ेवाला होा ी े ी , नीच नवाषं या ु नवां ष म होतो उक ा अधमा ा 7.अधमा ा ::-- ो ह नीचत , ुे कहलाती है इ ा म ातक क मान हानी ले ष , रो , ऋण व मनो का ामना करने े ां ारक ुख भो नट पायः होते है ।
7 व ह क ा ::-- व ह ा फल म मा् रहे ा त ूण ण फल ता व होने र ाधारण फल क पात होी । ******************************************** ***************** रा क अंत ता। आते ही ुभफल भफल ेना आरंभ कर ेता है। कुकु छ को आरंभ म क ेकर ा म ु खी करता है। दकी को अधकतम मेहनत हनत केके ात भी ोड़ा -ा फल ेता है। रा य तीन , छह , व 11 व भाव म है , रकार े उ लाभ क कामना कर कते ह। ार -ार लाभ होता है। उाधकारय क कृ ा दवेष े मलती है । चुनाव नाव व रानीदतक काय म दवय मलती है । आक आक वृ तो होती है , कतु खच भी त होता है । लन े आठव या 12 व भाव म रा है तो क क ु आत मझ। धन ंा ा के ाने ाने का मय मय आ या या मा मानन । ुख ुदवधाएं दवधाएं छन कती ह । म भी ु हो ाते हह।। ाार /नौकरी चौट हो कती है। ृहदत हदत वाय लेखन खन काय एवं पकान ारा उ लाभ करवाता है । रकारी नौकरी म तरक होती है। हले पया, म ही नौकरी मल ाती है । ारार दत क केे उाय भारतीय योदतष म ऋदष ारार ारा ताए ए उाय ैवज मा म वा धक लोकदपय माने ए ह। इ आलेख म पतुत है इह उाय का ंशत शत वणन। न । दह मा म पार क तीन पकार े ाखया क यी है।
1. ढ़ पार (अात त क भी न लने व ाला पार ) त ले ा कने व ाला पार ) 2. अढ़ पार (अात
3. ढ़ाढ़ पार (अात त आ धा ले ाने वाला व आधा नह ले ाने वाला पार ) इह म ढ़ाढ़ पार क पधानता है । के के अंत तत ो पार म लखे ए ह , उन क को हांदत दत पयो क हायता े घटा कते ह। य योदतष ोदतष ा केके दतामह भवान ारार ने ो उाय कहे ह, हम व ा उह को मानना चादहए। ारारी उाय लाल दकता या दकी अय दवधा े अधक ी पभावी होते ह। दकी ह क ा पारंभ हो , तो उे ंंधत ंधत उाय अवय करने चादहए। चाह ाहेे अ ह ह ाा हो या खर खरा ा , ा ारा रार रीी उाय उाय हमे हमे ाा करन रनेे चादह चादहएए तादक ादक ोच ोचरर म ाना /अंतताना क खरा दत कह अुभ भफलप फलप न हो ाए। ारारी उाय का क कुु पभाव भी नह होता। ारार ने ो कुकु छ भी न या , उका ारां यहां पतु त है। ूयय क महाा म महामृ यु य ंय मं ववी क कम क कांांड ड , तोाठ , अवा मंा ा आ म अराधना करना ेयकर यकर है। चंमा मा क महाा म वहनामतो का दनयमत ाठ कर। फे फे ाय का ान करना ेययकर कर है। मंल ल क महाा म वैवै क मं व ू का ा , अव ीष ीष का , वैक क मं े ंयावन यावन , चंडी डी ून न आ कर। ुध क महाा म दवणु हनामतो का ाठ भी क का हनन करे ा ैे ेराम का बा रावण का वध करता है। ु क महाा म वहनामतो का दनयमत ाठ कर, अने इ को प रख , ु का आर कर। ान कर, या भवान ु क महाा म यु व म प त व पचलत का ाठ व अनु ान महामृयु यु य ंय का कर। दन क महाा म महामृ यु य ंय मं का या ातक वयं ही कर । रा क महाा म ा ी क आराधना कमकां कांडड , तोाठ , अवा मंा ा म कर , काली ाय अवा भ का ान , आ कर। केतु क महाा म ेवी ा के मं का ा तचंडडीाठ ीाठ का अनुान ान करी का ान करना ेयकर यकर है। दतीये या तमे क ा अवा दतीया या तम भाव म त ह क ा म महामृ यु य ंय मं
का , हवन आ कर। कर। ारा ारा म भवान ारार ारा कह ए ानु ार उाय का उ हमन
वणन दकया है। मंा ा कभी दवफल नह होते ता होष कम करने म ु ण े हायक होते ह। अं तततः तः कोई भी महाा हो , वमं का व दवणु हनाम हनाम का ा भी हमेा ा करना चादहए - ये भी मनीदषय का मत है। ूयय म हाा उचार (Remedies o Sun's Mahadasha ) ूयय क महाा म आको बाण को तां े केके तन म े ं का ान ेना चादहए . आय य तो का पदतन ुहह नान करक करकेे ाठ करना चादहए . ूयय ेव क फ फेे फ फूू ल एवं लाल चं न े ू ा करनी चादहए र िआय ेना चादहए . आ दकी दवेष काम े घर े ाहर दनकल तो ु ड़ क एक डली मु ंह म डाल ानी दएं दफर ाएं . ताे क अंूूठठ म वा ां च री का माशणक अनामका उंली म धारण करना चादहए . च महाा
उचार
Mahadasha)
( Remedies
or
Moon's
च क महाा होने र आको च क वतु ै ेे चावल , मोती व चां का ान करना चादहए . कया को खीर नाकर भोन करना चादहए . अने खाने म ही ामल करना चादहए . भवान भोले ं कर क ूा ा करनी चादहए एवं ध े अशभषे क करना चादहए . ुहह ध म भोकर चावल ाय को गखलानी चादहए . अने ले म चां का चमा नाकर लॉके लॉके ट क तरह धारण करना चादहए . ाएं हा क कदना उंली म मोती चां क अंूठ ूठ म धारण करना चादहए . ल महाा उचार (Remedies or Mars Mahadasha) मंल मंल ल क महाा होने र र को ुड़ चना ेना चादहए . ात दनवार हनुममान ान ी को लाल लं ोट ोट चाएं. पदतन हनुमान मान चालीा का ाठ कर. लाल व बाण को ान . ोने अवा ताे म मूा ा ाएंह ा क अनामका उंली म धारण करना चादहए . ुध
महाा
उचार
(Remedies
o
Mercury
Mahadasha) आ अर ुध क महाा े ीदड़त ह तो उचार हे तु ाय को पदतन हरी घा अवा ालक
गखलाएं. ी क ूा ा कर. ुध क वतु ैे ेमू ं क ाल , हरे रं क चूड़ी ड़ ी ुधवार धवार केके न ान कर. पदतन ा मां क ू ा करनी चादहए र ा तती का ाठ करना चादहए . मयमा उंली म ा ोने अवा चां म धारण करना चादहए . ृहदत महाा
उचार
(Remedies
o
Jupiter's
Mahadasha) ृहदत हदत क वतु ैे े ीला व , ोना , ुड़ व केके र का ान करना चादहए . घी का क लाकर ृहदतवार हदतवार केके न केके ले क ूा ा करनी चादहए . ीला चंनन लाना चादहए व ृहदतवार हदतवार केके न ीला व हनना चादहए . ूणमा णमा दत को यनारायण भवान क ूा ा का करानी चादहए . ाएं हा क त ननीी उंली म ु नैला ला ोने म धारण करना चादहए . ु महाा उचार (Remedies o Venus Mahadasha) ु क महाा े अर आ ीदड़त ह तो ु क वतु का ान करना चादहए ै ेे ध , मोती , ही . ाय क ेवा वा करनी चादहए र अने खाने म े एक भा दनकालकर ाय को गखलानी चादहए . माता रवती क ूा ा करनी चादहए . चां क उंूठठ ाएं हा क केे अं ूठेठ े म हनना चादहए . दन महाा
उचार
(Remedies
o
Saturn's
Mahadasha) दन क महाा े चने के लए रोट र र ते ल लकार ाय को अवा कुकु े को गखलाना चादहए . दनवार र मंलवार लवार केके न हनुमान मान ी का न करना चादहए . चां का चौकोर टुकड़ा हमेा ा अने ा रख. ांु री रु ी म कर भर कर एकां त ान म ाएं . दनवा दनवारर क केे न ध र काले दतल े ील क ूा ा करनी चादहए . दनवार केके न दन मंर र म ान . रा महाा उचार (Remedies o Rahu Dasha) रा क महाा म काले क कुु े को मीठ रोटयां गखलाएं . र का तेल व काले दतल का ान . रात को ोते मय अने रहाने म ौ रख े ु ह ंशशय य को . हते ानी म ीा अवा नारयल
पवादहत कर. इक इकेे अलावा हते ानी म तां े केके 43 टुकड़े पवादहत कर. माता रवती क ूा ा
कर. ोमे चां क अंूठ ूठ म ाएं हा क मयमा उंली म धारण करना चादहए . के तुम हाा उचार (Ketu remedies or Mahadasha) अर आ केके तु क महाा े ीदड़त ह तो इके इके उचार केके लए लकड़ी केके क चार टुकड़े चार न तक हते ानी म पवादहत करना चादहए . कया को भोन करवाकर शणा दहत दवा करना चादहए . री अवा बण को कल ान करना चादहए . पदतन णे ी ूा ा करनी चादहए र णदत ी को ल का भो लाना चादहए . हते ल म कोयले के 21 टुकड़े पवादहत करना चादहए . ाएं हा क मयमा उंली म लहु दनयां चां म धारण करना चादहए . नवह केके रल उाय नवह केके रल उाय ूयय उाय :--: | अया य ोतम , या ुया याक क , का ाठ करे :माता -दता क ेवा वा करे | ूयय को ल े , रोरी या ु डाल कर ेवे | ोना ,चाँ , ता चीनी ,ुड का ान करे |ूयय य य के हले उठे |रदववार का त करे |माशणक को वण धातु म दहनना चादहये । ँ घृ शणः ूया य ाय नमः मं का कर। आय य तो का ाठ कर। तांे क े ा कड़ा हन । लाल चंन न का दतलक लाय। ूयय ह े उ रो र उाय ; दकी ातक क कु ं डली म ू य ह अु भ ान र रहता है तो दनन रो उ करता है ;-र रो ,ूल ल , पमेह ,वर , द रो . य रो आ |१-दनय ूयय भवन को ल अत कर २ -ॐ ूया य ाय नमः का मानक ा कर |३- आय य ोत का ाठ कर ूयय यं ले म धा धारण कर |४| *********************************** च उाय :--च चमा मा का का मोती रन धारण धारण करे करे | वह नाम ाठ एवं महामृयु युय य म वे े उाय है॥ दनय ार वसल क ूा ा उाना कर| ॐ नमः वाए " का ा करे |ानी वाला नारयल ,फ़ फ़ेे च चन न , ता चाँ का चंमा मा ,दवव , ेतमठाई तमठाई वी र ान करे | ोमवार त करे |ेता ता व का ान करे | हाड़ो क याा करे | माँ का आीवा ले | च ह े उ रो एवं उाय :य मन ेचचन रहता हे ,आफ , घर म मन नह लता एवं कफ फ खांी कर ी ,ु|खाम ख१ाम ह तोरम चं मा|२क त चंमा मा ,उाय , ाकेकआ -ोमवार े न रो वसल कचाी धमचाएं - चठक यं नह लेममहोती धारण| कर | के
उाय कर कर | १ ोमवार क न वसल र कचा ध चाए चाए |२ च य य ल ल म धारण कर |
************* *************************** ***************************** ********************* ****** मंल ल केके उाय : ँ अं अंारकाय ारकाय नमः मं का कर। हनुमान मान चालीा , रं ान का ाठ कर। मंलवार लवार को ाय को ुड़ गखलाय। तांे क े ा कड़ा हन । लाल चंन न का दतलक लाय। री य को मठाई ाट। मू ा ं ा रन धारण करे |हनुमान मान ी र घी ओर चमेली ली केके तेल का चोला चाए |मंल ल का त करे |इमरती ,लेवी वी ,ू ं ,चूरमे र मे का पा अण करे | क ढ़ ाने ऋणमोचक मं ल ोत का ाठ वयं करे | मंल ल केके लए ाुत त , मूर क ाल ान कर |
आको मंलवार लवार को हनुमानी मानी क उाना करना चाहीये , ा ही मंलवार लवार केके एक मय ीना नमक का खाना खाना चाहीये . | ऋण हता मं ल ोत का ाठ मंलवार लवार को करे . | . हर मंलवार लवार को हनुमान मान चालीा का ाठ कर , ता र का दतलक लाय . | काली मच क चाय हर मं लवार को दय . | . ेवी भावत का ाठ कर या करवाय . |. मंलवार लवार को लाल फूल हते ानी म हाय | . ध लेी ी का ान मंलवार लवार को करे |. य ऋ ण त है तो हनुमान मान ी केके कं धे र ला र अने मतक र लाएं | य उरो उाय करेेे तो लाभ होा मंल ल ृह का ान :--४३ न दनयमत ।हते ानी म दतल र ु ड़ े नी रेवा वाडयां डयां पवादहत करे .या र केके वृ क ड़ म मीठा का ध 43 न लातार डाल। उ ध े शभी म का दतलक लाएँ। या ८ मंलवार लवार को ंरो रो को भुना ना आ ुड र चने गखलाये , |मंल ल केके लए ाुत त , मूर क ाल ान कर |
****************************************** *************************** ************************ ********* ***** ु उाय :-- ीला ुखरा खरा ५ राती का त नी नी म ु वार को धारण करे |के र का दतलक रोाना लाएँ या कुकु छ माा म केर खाएँ र नाशभ या ीभ र लाएं या ृ हदत हदत के लए चने क ाल या दली वतु ान कर.| .| ाय को ुड र चना क ाल गखलावे :ँ ृ ं ृहते हते नमः मं का कर। ह क ांठ ले म हन । ुवार वार केके न ाय को ेन न केके ल गखलाय। दवणु हनाम का ाठ करे ,उरो भी उाय ुवार वार केके न करे | आको ु केके म ॐ ुवे वे नमः का रोाना १ ० ८ ार ा करना चाहीये . | ण भवान के मंर र म पा चाय . | . ेन न केके ल ान कर दफर वयं खाय . |. के र का दतलक लाय . |
ली का १ ० ० ाम तेल ल ु ोत का ाठ कर .| ौभायाली ी को ीली ाड़ी ान कर . | . चमेली ुवार वार को बाण को ान करे .
****************************************** *************************** ************************ ********* ********* ु केके उाय : ँ ु ं ुाय ाय नमः मं का कर। ुवार वार केके न ाय को खीर गखलाय। ुवार वार के न ाय को ताे गखलाय। चां का कड़ा हन। ीू का ाठ कर। नेहीन हीन य क ेवा वा कर। काली चटय को चीनी गखलानी चादहए। | ुवार वार केके न फे फे ाय को आटा गखलाना गखलाना चादहए। ुवार वार केके न ौ -ध े नान करना चादहए। ुवार वार को खीर खाने े भी ु मूत होता है।हीरा ।हीरा धारण दकया ा कता है। ा तती " का दवधवत रायण | ा तती , ा चालीा या लमी चालीा का ाठ कर। ष ण ुवार वार को | . फ़ फ़ेे ुला ला हते ानी म हाय . . की ौभायवती ी को चा केके आभूषण ी ूम म का ाठ कर | ॐ ु ंु ाय नमः का दनय १ ० ८ ार ा कर | . उड़ क ाल खाय |
. ुवार वार को चावल , कर , ध आ का ान कर | . ा ेवी केके मं र म पा चढ़ाय , य उपो उाय कये ाय , तो ी ही भौदतक ुख पात होने लते है . ु ृह का ान :--ुवार वार को दकी युवा वा ी को रे मी मी फे फे व , घी , मलाई , फ फेे चंन न , फेे फू फ फू ल , ही , कर , ुंधत ं धत , ोचरी , चां , ेत अ अनी -ामथय के अनु ार ान करना चादहए। दकी काने को फे फे व एवं फेफे मा का ान करना चादहए।
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-ुध केके उाय : ँ ु ं ुधाय धाय नमः मं का कर। ुधवार धवार केके न णे ी को ू ं केके ल चढ़ाय। ुधवार धवार को ाय को हरा चारा गखलाय। ँँ ं णतये नमः का कर । ा रन धारण करे | भवती ा क ू ा करे | दकरो को हरा -ान करे |हरी मू ं को लाकर शयो को गखलावे |णदत अवाष ष या णे ोतम का ाठ करे | माँ ा क आराधना कर ुध ह का ान :--ाय को हरा चारा या ालक गखलाएं। ौाले म चारा ान भी कर कते ह । हरे तोत
को ाना चुाना ाना भी ही उाय ह। ह। ता ता क म म ू राख करक हत ानी म म हाए | ुध क लए ाुत त
मू ं का ान कर.,. .,.। ुध ेव अवा णती क उाना करना चाहीये .( धवार को ) | ुधवार धवार को हरे ाु त मू ं का ान करे करे . | . णे ोत का ाठ करे | . ुधवार धवार को लोटे म ध भरकर ान कर . | . ुधवार धवार को ाय को हरी घा गखलाय . | ुआ ना खेल ल अया हानी होी | . ुधवार धवार को हरी ईलायची हते ानी म हाय |. णे मंर र म पा चाय . *****************************************
दन के उाय : ँ ं नैराय राय नमः मं का कर। दनवार केके न ील र र केके तेल का क लाय। लोहे का छला मयमा अं ुली ल ु ी म हन । उड़ क ाल के ड़े ाय को गखलाय गखलाय। ुु ु य को भोन कराय। र केके तेल का रांठा ठा कुकु े को गखलाय । रं ाण का एक ाठ पदतन करे ,| 43 न लातार हते ानी म एक नारयल हाएँ । दनवार केके न दकी त न म ते ल लेकर कर उमे अना ाया ेख र त न तेल केके ा ान करे | भवान व र दनय ध या दतल चढ़ाये । दन का रन रन नीलम , ामुदनया दनया , कटेला ांच रती रती े र का धारण करना चादहए। दन यं यं क पदता करके करके पदतन यं केके ामने र केके तेल का लाएं। नीला ु चढ़ाएं , ऐा करने े लाभ होा | दन ह का ान :-- काली ाय , काला कड़ा , तेल ल, उड़ , खटा -कैला ला ा , काले ु , चाकू , छाता , काली चल चल र काले दतल आ का दनवार दनवार केके न ान करना चादहए। शभखारी को उड़ क ाल क कचोरी गखलानी चादहए दन ांदत दत का अचूक उाय :-- एक ूखे ख े मेवेवे वाला नारयल लेकर कर उ र मु हँ केके आकार का एक कट कर. उम ाँ च ये का मे वा र ाँच ये क चीनी का ु राा भर कर ढ़कन को कर . ा ही दकी दकी ील केके ेड़ केके नीचे एक हा या वा हा ढ़ा खोकर उम नारयल को ादत कर . उे म े अे े ाकर घर चले ाय . यान रख दक ीछे मु ड़कर नही ेखना . भी पकार केके मानक तनाव ेछ ु टकारा मल ाये ा |
. **************** ******************************** **************************** ************ रा उाय :--: ँ रां राहवे नमः मं का कर। शय को ाना गखलाय। ा चालीा का ाठ कर। मंर र म नारयल चढ़ाय । ौमे रन १० री का धारण करे |-मंलवार लवार , दनवार ी हनुमान मान ी
को छुवार ( खारक ) का पा अण कर र ो म ाट -| रीो को कल , ाुन , या नमक का ान कर । ी हनु मान ी को या ंभव भव ुड़ , चन का भो रदववार , मंलवार लवार , व दनवार को लाव |हत ानी म कोयले हाये | .पयेक रदववार को ी हनुमान मान ी को 11 या ाठ करे । नीले रंरं केके ु एवं चंन न े रा क 21 लों क माला हनाए र रं ाण का ाठ ूा ा -अचना न ा कर। भवान व को दड खूर का पा अण कर र ां ट |ता ा का ही ल ीय । फाई कम चारी को लाल मूर ाल ता ये ान कर । रा का ान :-- हते ए ानी म कोयला , लोहा या नारयल पवादहत कर। ीा , तनाा , ेंं, ौ , ाुत उड़ , काले दतल , र , र का तेल ल , नीले व , लोहे क गखलौनेनुनुमा मा तलवार , कं ल , नी दछावन आ को ू म रखकर दनवार केके न ान ेने े रा ां त हो ाता है।
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*** के तु उाय :-- ँ क के तवे नमः का कर । मछलय को भोन । णे चतु् ् र णे ूा ा के न उवा रखना चादहये.| .| ँ ं णतये नमः का कर। णे ी को ल चढ़ाय। दतल नीू र केके ले का ान करना चादहये | वा दकलो आटे को भुनकर नकर उमे ुड का चुरा रा मला े र ४३ न तक लातार चटय को डाले , या कला फ़ फ़ेे कल कोय को ान कर | रो कौ को रोट गखलाएं. या काला दतल ान करे ,| ,| लहुदनया दनया को भी के तु केके लये दहना ा कता है ,इे तांेे के डल डल म दहनने केके लये हले उे अशभमं दत कर | काले धोले दतल हते ानी म हाने े भी केके तु क ीडा कम होती है.| /रं .| एक े अधक रं केके कु या ाय को खाने का ामी । भवान णे ली क ूा ा आराधना कर। के तू का ान :-- युवा वा को केके तु कदला ाय , रंा ा , कं ल , लहुदनया दनया , लोहा , दतल , तेल, तधाय , करा , नारयल , उड़ आ का ान करने े केके तु ह क ांदत दत होती है। दकी कोयलेे केके आठ टुकड़े हते ानी म पवादहत कर । नेहीन कोयल हीन , कोढ़ , अं को एक े अधक रं का कड़ा ान कर। काले या फे फे दतल को काले व म ां धकर हते ानी म पवादहत कर । घर मे काला काला धोला कुकु ा ाल या ऐे कु े क े वा कर|
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—-ादनए भी ह केके ोष दनवारण /ांदत दत केके ामाय उाय /टोटक टोटकेे ूयय के उाय - ान ाय का ान अर छड़े मे त ुड़ ड़ , ोना , तांा ा र ेंं ूयय े त रन का ान ान केके दवषय म ा कहता है दक ान का फल उम तभी होता है यह ु भ मय म ुा ा को या ाए। ूयय े त वतु का ान रदववार केके न ोहर म ४० े ५० वष के को ेना चादहए . ूयय ह क ां दत केके लए रदववार केके न त करना चादहए . ाय को ेंं र ुड़ मलाकर गखलाना चादहए . दकी बाण अवा री को ुड़ का खीर गखलाने े भी ू य ह के दवरीत पभाव म कमी आती है . अर आक कुकु डली म ू य कमज़ोर है तो आको अने दता एवं अय ुु ु क ेवा वा करनी चादहए इे ूयय ेव प होते ह . पात : उठकर ूयय नमकार करने े भी ूयय क दवरीत ा े आको राहत मल कती है . ूयय को ली नाने केके लए को पातःकाल ूयय य य केके मय उठकर लाल ु वाले ौध एवं वृ को ल े चना चादहए। राद म ताँ े के ा म ल भरकर रहाने रख ता रे न पातःकाल उे ीना चादहए। ताँे ताँ े का कड़ा ादहने हा म धारण दकया ा कता है। लाल ाय को रदववार केके न ोहर केके मय ोन हा हा म ेे ँ भरकर गखलाने चादहए। ेँँ को मीन र नह डालना चादहए। दकी भी महवूण ण काय र ाते मय घर े मीठ वतु खाकर दनकलना चादहए। हा म मोली (कलावा ) छः ार लेटकर टकर ाँधना धना चादहए। लाल चनन को घकर नान केके ल म डालना चादहए। ू य के प च पभाव भाव दनवारण केके लए दकए ा रहे टोटक हेतुतु रदववार का न , ूयय के न (कृ शका , उरा -फाुनी नी ता उराषाढ़ा ) ता ूयय क होरा म अधक ुभ होते ह ।
—-या न कर आका ू य कमज़ोर अवा नीच का होकर आको रे ान कर रहा है अवा दकी कारण ूयय क ा ही नह चल रही है तो आको े ं र ुड़ का ेवन वन नह करना चादहए . इके अलावा आको इ मय तांा ा धारण नह करना चादहए अया इे त े म आको र भी रेानी ानी महू हो कती है. ीवन म खु य क दया गखली रहेी। ी। चमा च मा केके उाय ान- चमा के नीच अवा मं होने र ंख का ान करना उम होता है . इकेे अलावा फे इक फे व , चां , चावल , भात एवं ध का ान भी ीदड़त च चमा मा वाले केके लए लाभायक होता है. ल ान अात याे को ानी दलान दलानाा े भी चमा क दवरीत ा म ुधार धार होता है. अर आका चमा ीदड़त है तो आको चमा े त रन ान करना चादहए . चमा े त वतु का ान करते मय यान रख दक न ोमवार हो र ं या काल हो . योदतषा म चमा े त वतु केके ान केके लए मदहला को को ुा ा ताया या है अत :
ान दकी मदहला को . आका चमा कमज़ोर है तो आको ोमवार केके न त करना चादहए . ाय को ू ा ं ा आ आटा गखलाना चादहए ता कौए को भात र चीनी मलाकर ेना चादहए . दकी बाण अवा री को ध म ना आ खीर गखलाना चादहए . ेवा वा धम े भी चमा क ा म ु धार ंभव भव है. ेवा वा धम े आ चमा क ा म ु धार करना चाहते है तो इके इके लए आको माता र माता मान मदहला एवं वृ मदहला क ेवा वा करनी चादहए .कु छ मुय य द दनन है- को ेर राद तक नह ाना चादहए। राद केके मय घूमने म ने -दफरने ता याा े चना चादहए। राद म ऐे ान र ोना चादहए हाँ र चमा क रोनी आती हो। ऐे केके घर म दषत ल का ं ह नह होना चादहए। वषा का ानी काँ च क ोतल म भरकर घर म रखना चादहए। वष म एक ार दकी दव न या रोवर म नान अवय करना चादहए। ोमवार केके न मीठा ध नह ीना चादहए। चादहए। फे फे ु ंधत धत ु वाले ौधे घर म ल ाकर उनक ेखभाल करनी चादहए।
—या न कर- योदतषा म ो उाय ताए ये ह उके के अनु ार चमा कमज़ोर अवा ीदड़त होने र को पदतन ध नह ीना चादहए . वेत व धारण नह करना चादहए . ुंधं नह लाना चादहए र चमा े त रन नह हनना चादहए ! मंल ल केके उाय उाय - ीदड़त को लाल रं का ैल ान करना चादहए . लाल रं का व , ोना , तांा ा , मूर ाल , ताा , मीठ रोट का ान ेना चादहए . मंल ल े त रन ान ेने े भी ीदड़त मंल ल केके पभाव म कमी आती है . मंल ल ह क ा म ु धार हेतुतु ान ेने के लए मं लवार का न र ोहर का मय े उयु होता है . नका मंल ल ीदड़त है उह मं लवार केके न त करना चादहए र बाण अवा दकी री को भर े ट भोन कराना चादहए . मंल ल ीदड़त केके लए पदतन पदतन 10 े 15 मनट यान करना उम रहता है. मंल ल ीदड़त म धै य क कमी होती है अत : धैयय नाये रखने का अया करना चादहए एवं छोटे भाई हन का याल रखना चादहए . लाल कड़े म फ ाँ धकर अने यनक म रखनी चादहए। ऐा भी अना घर नवाये तो उे घर म लाल र अवय लवाना चादहए। ु न को मा का ेवन वन कराने े भी मंल ल ुभ नता है । लाल व ले कर उम ो मु मूर क ाल ाँधकर धकर मंलवार लवार केके न दकी शभखारी को ान करनी चादहए। मंलवार लवार केके न हनुमानी मानी केके चरण े र ले कर उका टका माे र लाना चादहए। ंर र को ुड़ र चने गखलाने चादहए। अने घर म लाल ु वाले ौधे या वृ लाकर उनक ेखभाल करनी चादहए। मं ल ल केके पभा पभावव दनवारण केके लए दकए ा रहे टोटक हेतुतु मंलवार लवार का न , मंल ल केके न (मृरा रा , चा , धदना ) ता मंल ल क होरा मअ धक ु भ होते ह ।
,
(
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ल अर ीदड़त है तो आको अने ोध नह करना चादहए . अने आ —या न कर- आका मंल र दनयंण ण नह खोना चादहए . दकी भी चीज़ म ाी नह खानी चादहए र भौदतकता म लत नह होना चादहए ! ुध केके उाय- ुध क ांदत दत केके लए वण का ान करना चादहए . हरा व , हरी ी , मू ं का ाल एवं हरे रं केके वतु का ान उम कहा ाता है . हरे रं क चूड़ी ड़ ी र व का ान दकरो को ेना भी इ ह ा म े होता है . ुध ह े त वतु का ान भी ह क ीड़ा म कमी ला कती है. इन वतु केके ान केके लए योदतषा म ुु धवार केके न ोहर का मय उयु माना या है.ुध क ा म ु ु धार हेतुतु ुधवार धवार केके न त रखना चादहए . ाय को हरी घा र हरी शयां गखलानी चादहए . बाण को ध म काकर खीर भोन करना चादहए . ुध क ा म ु धार केके लए दवणु हनाम का ा भी कयाणकारी कहा या है . रदववार को छोड़कर अय न दनयमत तुली ली म ल ेने े ु ध क ा म ु धार होता है . अना एवं री छा क हायता करने े ुध ह े ीदड़त य को लाभ मलता है . मौी , हन , चाची ेट ट केके पदत अा वहार ुध ह क ा े ीदड़त केके लए कयाणकारी होता है . अने घर म तुली का ौधा अवय लाना चादहए ता दनरतर उक ेखभाल करनी चादहए। ुधवार धवार केके न तुली का ेवन वन करना चादहए। ुधवार धवार के न हरे रं क चू दड़याँ दड़याँ दहड़े को ान करनी चादहए। हरी याँ एवं हरा चारा ाय को गखलाना चादहए। ुधवार धवार केके न णेी ी केके मंर र म मू ँ केके लडु का भो लाएँ ता को ाँ ट। घर म खंदडत दडत एवं फट ई धामक धामक ुतक तक एवं ं नह रखने चादहए। अने घर म कंटले ौधे , झादड़याँ एवं वृ नह लाने चादहए। फलार ौधे लाने े ुध ह क अनुकू कूलता ढ़ती है। तोता ालने े भी ुध ध ह क अनुकू कूलता ढ़ती है। ुध केके प पभाव भाव दनवारण केके लए दकए ा रहे टोटक हेतुतु ुधवार धवार का न , ुध केके न (आेषा षा , येा ा , रेवती वती ) ता ुध क होरा म अधक ु भ होते ह । ृहदत हदत केके उाय- ृहदत हदत केके उाय हेतुतु न वतु का ान करना चादहए उनम चीनी , के ला , ीला व , के र , नमक , मठाईयां, ह , ीला फूल र भोन उम कहा या है . इ ह क ांदत दत केके लए ृहदत हदत े त रन का ान करना भी े होता है . ान करते मय आको यान रखना चादहए दक न ृहदतवार हदतवार हो र ुह ह का मय हो . ान दकी बाण , ु अवा ुरोदहत रोदहत को ेना दवे ष फलायक होता है .ृहदतव हदतवार ार के न त रखन रखनाा चाद चादहए हए . कमज़ोर ृहदत हदत वाले य को केके ला र ीले रं क मठाईयां री ंशय शय दवेषकर षकर कौ को ेना चादहए बाण
, . एवं री को ही चावल गखलाना चादहए . रदववार र ृहदतवार हदतवार को छोड़कर अय भी न ील
, ुरोदहत रोदहत र क म ृ हदत का दनवा होता है अत : के ड़ को ल े सचना चादहए . ु इनक ेवा वा े भी ृहदत हदत केके पभाव म कमी आती है . के ला का ेवन वन र ोने वाले कमड़े म केला रखने े ृहदत हदत े ीदड़त य क कठनाई ढ़ ाती है अत : इने चना चादहए। ऐे को अने माता -दता , ुन न एवं अय ूनीय नीय य केके पदत आर भाव रखना चादहए ता महवू महवण ू ण मय र इनका चरण कर आवा लेना ना चादहए। फे फे चन क लकड़ी को र र घकर उमक े र मलाकर ले को माे र लाना चादहए या टका लाना चादहए। ऐे को मर म या दकी धम ल र दनःु क ेवा वा करनी चादहए। दकी भी मर या इात घर केके मुख े दनकलने र अना र ा े झुकाना काना चादहए। ऐे को री / रुष ष े ंंधं नह रखने चादहए। ुवार वार केके न मर म के ले केके े ड़ केके मुख ौघृत का क लाना चादहए। ुवार वार के न आटे केके लोयी म चने क ाल , ुड़ एवं ीी ह डालकर ाय को गखलानी चादहए। ु केके पभाव दनवा दनवारण रण केके लए दकए ा रहे टोटक हे तु ुवार वार का न , ु केके न (ुनव नवु ,ु दवाखा , ूवव - भा ) ता ु क होरा म अधक ु भ होते ह। ु के उाय उाय ु ह म े चमकला है र पे म का पतीक है . इ ह केके ीदड़त होने र आको ह ांदत दत हेतुतु फे फे रं का घोड़ा ान ेना चादहए . रंीन ीन व , रेमी मी कड़े, घी , ुंध धं , चीनी , खा तेल, चंन न , कूर का ान ु ह क दवरीत ा म ु धार लाता है . ु े त रन का ान भी लाभप होता है. इन वतु का ान ुवार वार केके न ंया या काल म दकी यु वती को ेना उम रहता है.ु ह े त े म आको रे ानी आ रही है तो इके इके लए आ ु वार केके न त रख. मठाईयां एवं खीर कौ र री को . बाण एवं री को घी भात गखलाएं. अने भोन म े एक दहा दनकालकर ाय को गखलाएं . ु े त वतु ैे े ुंंध ध , घी र ुंधत ं धत तेल का पयो नह करना चादहए . व केके चुनाव नाव म अधक दवचार नह कर . काली चटय को चीनी गखलानी चादहए। ुवार वार केके न फे फे ाय को आटा गखलाना चादहए। दकी काने को फे फे व एवं फेफे मा का ान करना चादहए। दकी महवू ण ण काय के लए ाते मय १० वष े कम आयु क कया का चरण करके रके आीवा लेना ना चादहए। अने घर म फेफे र लवाना चादहए। दकी कया केके दववाह म कयाान का अवर मले तो अवय वीकारना चादहए। ु वार केके न ौ ध े नान करना चादहए। ु केके प पभाव भाव दनवारण केके लए दकए ा रहे टोटक हे तु ु वार का न , ु केके न (भरणी , ूवा व ा- फाुनी नी , ुवा वाषाढ़ा ष ाढ़ा ) ता ु क होरा मअ धक ु भ होते ह । दन केके उाय नक कुकु डली म दन कमज़ोर ह या दन ीदड़त है उह काली ाय का ान करना
चादहए . काला व , उड़ ाल , काला दतल , चमड़ का ूता त ा , नमक , र तल , लोहा , खती योय
भूम म , तन व अना का ान करना चादहए . दन े त रन का ान भी उम होता है . दन ह क ांदत दत केके लए ान ेते मय यान रख दक ं या काल हो र दनवार का न हो ता ान पात करने वाला री र वृ हो .दन केके को े चने हे तु को दनवार केके न एवं ु वार के न त रखना चादहए . लोहे केके तन म ही चावल र नमक मलाकर शभखारय र कौ को ेना चादहए . रोट र नमक र र तेल लाकर कौआ को ेना चादहए . दतल र चावल काकर बाण को गखलाना चादहए . अने भोन म े कौए केके लए एक दहा दनकालकर उे . दन ह े ीदड़त केके लए हनुमान मान चालीा का ाठ , महामृयु यु ंय य मं का ा एवं दनतोम का ाठ भी त लाभायक होता है . दन ह केके पभाव पभाव े चाव हेतुतु री , वृ एवं कमचारयो च ारयो केके पदत अा अा वहार रख. मोर ंख धारण करने े भी दन केके प पभाव भाव म कमी आती है . दनवार केके न ील वृ क ड़ र दतली केके तेल का क लाएँ। दनवार केके न लोहे , चमड़े, लकड़ी क वतुएँएँ एवं दकी भी पकार का तेल नह खरीना चादहए। दनवार केके न ाल एवं ाढ़ -मू ँछ नही कटवाने चादहए। भरी को कड़वे ते ल का ान करना चादहए। शभखारी को उड़ क ाल क कचोरी गखलानी चादहए। दकी ःखी केके आँू ू अने हा े छने चादहए। घर म काला र लवाना चादहए। दन केके पभ पभाव ाव दनवारण दनवार ण केके लए दकए ा रहे टोटक हेतुतु दनवार का न , दन केके न (ुय य , अनुराधा राधा , उरा भा ) ता दन क होरा म अधक ु भ फल ेता है।
—-या न कर ो दन ह े ीदड़त ह उह री , वृ एवं नौकर केके पदत अमान नक वहार नह करना चादहए . नमक र नमकन ा के ेवन वन े चना चादहए , र तेल े न ा, दतल र मरा का ेवन वन नह करना चादहए . दनव दनवार ार केके न ेव व नह करना चादहए र मीन र नह ोना चादहए .दन े ीदड़त केके लए काले घोड़े क नाल र नाव न ाव क कांट े नी अंू ठ ठू भी काफ लाभप होती है रं तुतु इे दकी अे ंदडत दडत े लाह र ूा ा केके ात ही धारण करना चादहए . ाढ़ ाढ़ेे ाती े ीदड़त य केके लए भी दन का यह उाय लाभप है . दन का यह उाय दन क भी ा म कारर र लाभप है रा के उाय उाय अनी केके अनुार ार ंया या को काले -नीले फूल, ोमे , नारयल , मूली ल ी , र , नीलम , कोयले, खोटे के , नीला व दकी कोढ़ को ान म ेना चादहए। रा क ां दत केके लए लोहे के हयार , नीला व , कल , लोहे क चार , दतल , र तेल ल , दवुत उकरण , नारयल एवं मू ली
. . ान करना चादहए फाई कमय कमय को लाल अना ेने े भी रा क ां दत होती है रा े ीदड़त
को इ ह े त रन का ान करना चादहए . रा े ीदड़त को दनवार का त
करना चादहए इे रा ह का पभाव कम होता है . मीठ रोट कौए को र बाण अवा री को चावल र मां हार हार कराय. रा क ा होने र कुकु े ीदड़त क हायता करनी चादहए . री क कया क ा करनी चादहए . रा क ा े आ ीदड़त ह तो अने रहाने ौ रखकर ोय र ु ह उनका ान कर इे रा क ा ां त होी . ऐे को अधातु का कड़ा ादहने हा म धारण करना चादहए। हाी ाँ त का लाके लाके ट ले म धारण करना चादहए। अने ा फेे चन अवय रखना चादहए। फे फ फे चन क माला भी धारण क ा कती है । माार को ताकू का ान करना चादहए। न केके ंधकाल धकाल म अा त ूयय य य या ूया य ात त केके मय कोई मह महवू वूण ण काय नही करना चादहए। य दकी अय केके ा या अटक या हो , तो पातःकाल शय को ाना चुाना ाना चादहए। झुठ ठ कम नही खानी चादहए। रा के पभा पभावव दनवारण केके लए दकए ा रहे टोटक हेतुतु दनवार का न , रा केके न (आा, वाती , तशभषा ) ता दन क होरा म अधक ु भ होते ह । ताकू के े वन े रा क ा म दवरीत रणाम मलता है अत : —-या न कर मरा र ताकू इने री नाये रखना चादहए . आ रा क ा े रेान ान ह तो ं यु रवार े अल होकर अना ीवन यान कर ! के तु केके उाय- दकी युवा वा को के तु कदला ाय , रंा ा , कं ल , लहुदनया दनया , लोहा , दतल , तेल ल , तधाय , करा , नारयल , उड़ आ का का ान करने े केके तु ह क ां दत दत होती है। योदतषा इे अुभ ह मानता है अत : नक कुकु ड डली ली म केतु क ा चलती है उे अु भ रणाम पात होते ह. इक ा होने र ांदत दत हेतुतु ो उाय आ कर कते ह उनम ान का ान पम है. योदतषा कहता कह ता है केके तु े ीदड़त को करे का ान करना चादहए . कल , लोहे के ने हयार , दतल , भूरेर े रं क वतु केके तु क ा म ान करने े केके तु का पभाव कम होता है . ाय क छया , के तु े त रन का ान भी उम होता है . अर केके तु क ा का फल ंतान तान को भुतना तना ड़ रहा है तो मं र मक ल का ान करना चादहए . के तु क ा को ां त करने के लए त भी काफ लाभप होता है. दनवार एवं मंलवार लवार केके न त रखने े केके तु क ा ांत होती है . कु े को आहार एवं बाण को भात गखलाय इे भी केके तु क ा ां त होी . दकी को अने मन क ात नह ताएं एवं ु ु एवं ं त क ेवा वा करय ह केके तु क ा म राहत पान करता है ।
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ृह युदत दत
ूयय -ु यो :--
क कु ं डली मे इ यो केके पभाव े ातक कला क केे छे मे च रहे ी |ादहय
मे च रखने वाला , ोधी वभाव , पेम ंंधं मे अफल , ह ुख मे कमी लाता है | ु ंततान ान ेरी े मलती है | दता केके लए ये यो खरा होता है | कला े म दवे ष य लाने वाला यो होता है। दववाह व पेम ंंध ंध मभ ी नाटकय दतयाँ दनम त करता है।
---ु क केे ा होने र मकान र धन क अधकता होती है ,ोनो ूयय र ु का आी --क युददतत क केे चलते ंतान तान क कमी होती है ,ी क कुकु ली म यह यु दत होने र वाय क कमी मलती है,ु अत हो तो वाय र त ुरराा अर डता है। ूयय -मंल ल यो :-- इ यो केके पभाव े ातक ाही , अगन दया े ंंधं , अधकारी व मे उठना -ैठठना ना रहता है |र मे चोट इया का दनान होता है | मकान र नाता है |ीवन मे एक ड़ी घटना ट ना अवय आती है |आयु 16, 24, 28 या 32 वष मे | मल ूयय के या यु दत म हो तो ातक त उ होते हे ,| अयंत महवाकांी ी नाने वाला यह यो को उकट इा व ाह ेता है। ये दकी भी े म अने आको े करने क योयता रखते ह । ु - दन युदत दत :-- ातक उम यान वधक , भाय वधक रहता है |ातक क कु ं डली म ु , दन एक ा ोन ह ैठेठे ह , तो ऐे ातक अने कम े मा म त मान -मान ाते ह र ीवन म इह य भी पात होता है । ूयय र ु ध म ु ध जानी है ,ली होने र ण , अयान काय म ं लनता रहती है ,दता ु ोनो ही जानी होते ह.मा म पदता पात होती है .ातक केके अर वाना का भंडडार ार होता है,ोनो मलकर नकली मंल ल का भी धारण कर ले ता ता है.दता केके हन हो र दता केके ा भूम म भी हो ,दता का दकी मदहला े भी हो .| रा क केे ा दन क युदत दत यानी नं यो हो त भी ातक केके वा वायय व ंततान ान र पदतकूल पभाव ड़ता है, उक कारोारी रे ादनयां ादनयां ढ़ती ह।।दन दन रा क युदत दत यह युदत दत माी म ेती है ,हायर टन करना आ इक इकेे मय लण है
दन रा के या ययदत दत म होता होता तो ातक एकलता म
टन करना आ इक मु यय लण ह ,| दन रा क या युददतत मम होता तो ातक एकलता म राचनारा होता है , दकी केके ा याा ो भी नही करता कुकु टु ं रवार म भी त ां त रहेता ता है
दकी केके ा याा ात भी नह करता , एषा दन केके ुण णधम धम के ामने मल क केे ु णधम तन दव ,| होता है,| क ंु डली म रा रा -ुध र ु होने ेे आं आं क द ोष नता है |द ोष होने े ीवन म रे ानी आती है |योदतषा म दन , रा , के तु, मंल ल एवं ूयय को अु भ ह क ेण णीी म रखा या है . इन अुभ ह म ादन एवं रा क मौू ी एक रा म होने र ादत यो का दनमा ण होता है | क ुं डली म ु -के तु युदत दत र रा ुध युदत दत होने े ातक को दनण य कमोर होती है |उलझने अधक रहती है | १-ु - ूयय - ु : अर दकी क मकु ं डली म दकी भी खाने म ये तीन ह , ु , ूयय र ु एक ा उत ह , तो ऐे ातक का भायोय दववाह केके ा होता है । ऐे ातक क भाया उम वभाव वाली , ा हयो करनेव ाली व भायवान होती है । ूयय - ुध - ुध ध- आय यो : यह यो को वहार कुकु ल नाता है। ाार -वाय म य लाता है। क आानी े मल ाते ह । ुधाय धाय यो ातक को उके उके वायक े म फलता पान कर कता है ता ऐा ातक अने दकी अदवकार , खो अवा अनुं धान धं ान केके फल हहोने ोने केके कारण त यादत भी पात कर कता है। है । इ यो वाले ातको को ा केके छे मे दवे ष लाभ लाती है | अने कु ल मे नाम ाता है | मा मे ातक को दवे ष लाता है | ुध आय यो है :--- योदतष म पचलत रभाषा केके अनु ार दकी कु ं डली क केे दकी घर म ूयय ता ु ध ंययु ु े त हो ाते ह तो ऐी कु ं डली म ु ध आय यो का दनमा ण हो ाता है ता इ यो का ु भ पभाव ातक को ु , दवलेषणामक षणामक मता , वाक कुलता , ंचचार ार कु लता , नेततृव ृ व करने क मता , मान , मान , पदता ता ऐी ही अय कई दवेषषताएं ताएं पान कर कता है। क ंु डली के यारहव घर म नने वाला ु धाय यो ातक को त माा म धन पान कर कता है ता इ पकार केके ुध आय यो केके पभाव म आने वाला ातक रकार म मं ी अवा कोई अय पदता अवा पभुवव वाला भी पात कर कता है। ुध ध- ु युदत दत :- ुध -ु क यूदत द त होने े इ ातक त हमुखा खा मुख खाकृ ाकृ दत धरवानार र रमु ीी आने दवनो वभाव ,व वान होते हे र इ ातक केके ा के अनेक दवषय म दनणात
भी नात ह ीत ीत ीत कला कला म त नाम हाल करत ह , र त ा ा भी कमात ह लदकन इ
यूदत द त केके लमी यौ कहलाते हे, | ु - ूयय - ुध ध: य मकु ं डली म दकी भी खाने म ु , ूयय र ु ध तीन ह क युददतत हो ाए , तो येत ीन मलकर ातक केके लए रायो का दनमा ण करते ह । ऐे ातक हमे ा धन -धाय े रू ण रहते ह । ु +ु का यो --- इ यो को महालमी यो कहा या है | ातक केके ा अार ंश श का केे ुख ओर य मान लाता है |ु ु दकी भी भाव म हो या एक रे को ेखते हो ,या ु क घर म ु या ु केके घर म ु या की एक ही भाव र ु र ु क ी ड़ रही हो तो ऐा ातक की एक पकण म म हरी छान -ीन करने वाला ता ारभूत वतु म े भी ार दनकालने वाला होता है , य लन े ंचचमम र 11 वे भाव म ु र ु आमने -ामने ैठेठे हो तो त ही अमूय य तव को खोने वाला होता है | य ंचचम म भाव म मंल ल -दन क यु दत हो तो मनुय खनन अशभयं शभयंता ता (Mining Engineer) होता है। 'ारलवणालवेषणा षणा भ भूू ोहन ोहन यो करयदत। तोरहाय ं चम कुमं ेन ायते।' ५- दन क क रा र ी होने े रा क केे ा दन क क यु ददतत यानी नं यो हो त भी ातक के वाय व ंतान तान र पदतकूल पभाव ड़ता है, उक कारोारी रे ादनयां ादनयां ढ़ती ह । दत -----चमा चमा क केे ा ैठा ठा दन यह ाता ता है दक ईमानार , यायदपय एवं च व दन क युदत . मेहहनती नती अर कुकु डली म च वकदन क अर यह दत है तो आ रमी हेक र मेहनत हहैनत केक े मआक र ीवन म कामयाी तरफ हेन . रही यायदपयता केके भी कारण अयाय केे दव आवा उठाने े ीछे नह हटे . इ युदत दत केके पभाव केके कारण कभी -कभी आ दनराावा हो कते ह े मन :खी हो कता है अत : आावा ने रहना चादहए | दन र ु का (Shani and Guru) ृहदत हदत ेवता केके ु र ूण ण तत : ावक ा वक दवचार क केे ुभ ह ह। दन इके इके ठक दवरीत ह रं तु ृहहदत दत र ु क युदत दत होती है त दन अनी ूरता या ेता है र को क नह ेता है। दन ु केके ा होने र ुभ फल ेता है रं तु ृ हदत केके दहे े ो ु भ फल मलता है उम कमी आ ाती है । ृहहदत दत र दन एक रे को आमने ामने ेख यानी ोन मतक म ह त ोन केके ु ण ल ाते ह । इ दत म
दन ृहदत हदत क तरह फल ता ह ह दक ृ हदत दन क मान क न न वाला न ाता ह ।
ूयय र ु केके ा होने र ूयय आमा है ,ु ीव है. इ पकार े यह ंययो ो एक ीवामा ंयो यो का ले लेतताा है.ातक का म ईर अं े हो अात रवार केके दकी ूवव ने आकर म लया हो , ातक म र क हायता करने का हमे ा मान ना रहे र ातक का य चारो तरफ़ फ़ फ़ैै लता रहे,रकारी े म ातक को वी भी मले .ातक का ु भी उरो काय म ं लन रहे ,दता के ा रामाता ाता ैे ेकाम ह ,ी च म उको भी पकार केके ु ख मलते रह ,वह आभूषण ष ण आ े कभी वंचत चत न रहे,उे अने म यक यकेे र ु राल म चँ ओर े मान -मान मलते रह .| ूयय र ु के ा होने र ूयय द ता है र ु भवन ,दव है,अत : दता केके ा दव र भवन के ा भी पकार केके भौदतक ुख ह ,ु क केे ारे म भी यह कह कते ह .ु र है र ूयय म् अत : नी को भ ात ात होते रह ,ंतान तान कम ह ,१२ व या रे भाव म होने र आं ख म रो हो .६ या ८ भाव म होने र ऎा ीवन ाी ाी क केे ा भी हो कता कता है .ी च म न नीी केके एक दहन हो ो , . ादतका े डी हो ातक को राय े धन मलता रहे ूयय र मं ल के ा होने र मंल ल है अशभमान है ,इ पकार े दता ाली र पभावी होता है.मंल ल भाई है तो वह हयो करेा ा ,मंल ल र है तो दता र ु ोनो म र ी ीमारी होती है,य रो भी हो कता है .ोनो ह १-१२ या १-७ म हो तो यह री हो ाता है .ी च म दत पभावी होता है , ोध अधक होता है ,रतु आ म पपेे म भी अधक होता है ,मंल ल दत का कारक न ाता है..|| के री यो (Gajkesari Yoga) को अाधारण यो क ेण के णीी म रखा या है । यह यो क कुकु डली म उत होता है उ को ीवन म कभी भी अभाव नह खटकता है। इ यो केके ा म लेनेने वाले क क ओर धन , य , कत वत : खची चली आती है। कु डली म ु र च ूण ण कारक पभाव केके ा होते ह त यह यो नता है । लन ान म कक क , धनु, मीन , मेष या वृशक शक हो त यह कारक पभाव पभाव केके ा माना ाता है । हलांददक क अकारक होने र भी फलायी माना ाता रंतु यह मयम का होता है । चमा े के ान म 1, 4, 7, 10 ृहदत हदत होने े के के री यो नता है। इके इके अलावा अर चमा केके ा ृहदत हदत हो त भी यह यो नता है।
ु - मंल ल क युदत दत ातक को पेम नाने को पेरत रत करती है |कभी कभी पेम दववाह यो भी
न ाता ह | ातक ौकन काय म म धन का खच होता ह | याा दपय होता ह | दकी न दकी कला दत होने े ातक पणय ं ंधधोो म ु ड़ ाता है |दववाह ं मे पवीण रहेा ा | क ुं डली म मं ल - ु युदत
े ही होता है |
च व दन क युदत दत ;;;;- लय क कु ं डली म च को दन ू ण ी े ेख रहा है |ो यह ाता त ा है दक ईमानार , यायदपय एवं मेहनती हनती है. अर आक कुकु डली मच व दन क यह दत न रही है तो आ भी रमी हे र मेहनत मे हनत क केे म र ीवन म कामयाी क तरफ अर हे . यायदपयता केके कारण अयाय केके दव आवा उठान उठानेे े ीछे नह हटे. इ युददतत क केे पभाव केके कारण कभी -कभी आ दनराावा हो कते ह े मन :खी हो कता है अत : आावा ने रहना चादहए | दन र ुध का (Shani and Budh)-- ुध को ुभ ह माना ाता है रंतु इे नु क ंक कहा या है । यह क के ह केके ा होता होता उी केके ुण को अना ले तताा है र उके अनुार ार फल ेता है। ुध ृहदत हदत केके ा पम भाव म यु दत नाता है त यह केके व म दनखार लाता है र मानवीय ुण ण े रूण ण होता है । ंचचमम एवं म भाव म इनक यु दत ुभ भ फलायक नह होती है। ा भाव म ोन ह क यु दत कामयाी , य र धन ायक होती है। ु +मंल ल युदत दत होन होनेे े ातक राम राम , ाह , रण ंचचालन ालन योयता रहती है |ंतान तान योय दनकलती है |ातक क कु ं डली केके दकी खाने म ु ,र मंल ल ह एक ा मौू होते ह, तो ऐे ातक को ाा , दता , भाई तीन क ओर े हयो मलता है । ऐे ातक ाली र अधकार े यु होते ह । ुध ध- आय यो :-:-- क ुं डली म ू य र ु ध का एक ा होने े यो नता है |ऐे ातक मा म अना पभु व नाते है |रवार का नाम र यादत मलती है |दता एक ामाक रहते है | क ंु डली क केे छठ छठेे घर म त ु धाय यो ातक को एक फल वकल , , चदकक , रानेतता ा आ ना कता है ता इ यो केके पभाव म आने वाले ातक अने वाय केके मायम े त धन ता यादत अत कर कते ह । -के री यो :--ु े च का का के म त होना , क कुडली डली म के री यो (Gaja Kesari Yoga) नता है. क केे री यो प धन यो म े एक यो है . केे री यो क कुकु डली म होता है . उ केके धन , ुख क ख , य व योयता म वृ होती है.| .| क केे री’ यो वृ षषभ भ रा म (Gaja Kesari Yoga in Taurus
डली ली म करी करी यो नन र व वभाव भाव Moonsign) दकी क कुकु ड यालु, माेवी वी व र क हायता हायता केके लये तर तर रहने वाला होता है . उक धामक धामक काय म
दवेष च होने क ं भावनाएं नती है . यो क ुभता भता को मृ ाली ाली नाने म हयो करती है. ता ऎा ोच -दवचार केके ोलनेक पवृ दत द त रखता है. यो (Kemadruma Yoga):-- इ यो म उ आ ीवन म के मम यो कभी न कभी रता एवं ंघष घष े त होता है . इके ा ही ा अ अशत शत या कम ा लखा , दनधन एवं मूख ख भी हो कता है . यह भी कहा ाता है दक केके मम यो वाला वैववादहक ादहक ीवन र ंतान तान का उचत ुख नह पात कर ाता है . वह ामायत : घर े र ही रहता है . रन को ुख ेने म पया रत रहता है . ात करने वाला होता है . कभी कभी उके उके वभाव म नीचता का भाव भी ेखा ा कता है . वातव म ु जान का ह है , ु का ाता है। यह नीच का हो ाता है तो जान म कमी लाता है । ु को ीण ना ेता है। रा छाया ह है ो म , ंेह , क , चालाी का कारक है। नीच का ु अनी ुभ भता ता को खो ेता है। उ र रा क युददतत इे र भी दन ल नाती है। रा मकर रा म म का ही माना ाता है (दनवत रा ) अत : यह ु करता है। दनरंतर तर म -ंेह क दत नाए रखता है ता लत दनण य क ओर अर करता है। च मंल ल यो :-- इ युदत दत केके पभाव े ातक को मुारीय ारीय याा . का यो नाता है या म ान े र रहकर भायोय होता है |आयु 24 28 30 32 वे वष मे यो उम फल ेता है | ूयय , मंल ल ,दन :--यह तीनो ही ह केके वल ११-३ को छोड़ कर हां ह उ भाव को खरा करते ह.यू दक ंदक यह नैक क ाी ह .र ११-३ भाव उरोतर अुभ ह इन भाव को ली नाते है .लेदकन दकन अय भाव को नह .लेदकन दकन ूयय व मं ल १० म का ना नह करते ह .ुभ ह ु ान को छोड़कर अय भाव को मूतती ी पान करते ह .ु तम को ,चमा अम को एवं सह रा भाव म होी उ भाव को मूतती ी नह ेता है. ुभ ह छठे म त होकर छठे को न करते ह दक ु भ ह अय भाव म त होकर ल पान करते है .| रा युदत दत
:--
या आक कु डली म भी है चाडाल यो
चांडाल डाल का अ होता है ूर कम करने वाला , नीच कम करने वाला
रा र केके तु ोन छाया ह है . ुराण राण म यह रा है . रा र केके तु क केे लए ड़े या अर क कना क ना करने म आती है . रा का मतक है तो क केे तु क ू ंछ छ . योदतषा म रा -केतु ोन ा ह है. अत : यह ोन ह भाव म या ह केके ा हो उ भाव या उ ह ं ंधी धी अदन फल ातता ा है. यह ोन ह चांडाल डाल ाती केके है . इलए इनक युदत दत को चांडाल डाल ( रा -केतु ) यो कहा ाता है. कै े होता है चाडाल यो कुकु डली म रा या केके तु ृ ह केके ा ैठ ाते है तो उक यु दत को ही चाडाल यो कहा ाता है ये मु य े ात पकार का होता है डाल यो - क कु ं डली म ूयय के ा के तु होने े इे रदव चां डाल यो कहते है . इ युदत दत 1- रदव -चांडाल को ूयय हण यो भी कहा ाता है . इ यो म म ले नेवाला वाला अयाधक ुे ेववाला ाला र होता है. उे ारीरक क भी भुतना तना ड़ता है . दता केके ा मतभे रहता है र ंंधं अे नह होते . दता क तदयत भी अ नह रहती .
2- च -चांडाल डाल यो - च के ा रा या के तु हो तो इे च चांडडाल ाल यो कहते है . इ युदत दत को च हण यो भी कहा ाता है . इ यो म म ले नेवाला वाला ारीरक र मानक वाय नह भो ाता . माता ंंधधी ं ी भी अुभ फल मलता है. नातक होने क भी ं भावना होती है.
3- भौम -चांडाल ल केके ा रा या केके तु हो तो इे भौम चां डाल यो कहते है . इ युददतत को डाल यो - मंल अंारक ारक यो भी कहा ाता है . इ यो म म ले नेवाला वाला अयाधक ोधी , ा , दनय र ुनाखोर नाखोर होता है. वा् वभाव , धीर न रखनेवाला वाला होता है. आमहया या अकमात क ं भावना भी होती है.
4- ुध ध- चांडाल डाल यो - दपयां ीी क कु ं डली म ुध के ा केतुहहोने ोने े इे ुध चांडाल डाल यो कहते है. ु र चातुयय के ह केके ा रा -के तु होने े ुध केके कार कारवव को हानी चती है . र ातक अधम् . धोखेा ा र चोरवृददतत वाला होता है.
ु - चा चाडाल डाल यो - ु क ा रा या कतु कतु हो तो इ ु चा चाडाल डाल यो कहत ह .ऐा ातक 5नातक , धम म ा न रखने वाला र नह करने े े काय करने वाला होता है.
डाल यो - ु केके ा रा या केके तु हो तो इे भृ ु चां डाल यो कहते है . इ यो म म 6- भृु-ु चांडाल लेनेनवेवाले ाले ातक का ातीय चार ंका का होता है . वैवादहक वादहक ीवन म भी काफ रे ादनया रहती है . दवधुर या दवधवा होने क ावना भी होती है . डाल यो - दन केके ा रा या केके तु हो तो इे दन चांडाल 7- दन -चांडाल डाल यो कहते है . इ युददतत को ादत यो भी कहा ाता है. यह चांडाल डाल यो भौम चांडाल डाल यो े ाा ही अुभ फल ेता है . ातक झढ़ाखोर , वा् र मुख ख होता है . ऐे ातक क वाणी र हार म दववे क नह होता . यह यो अकमात म ृ युक तरफ भी इारा करता है . अतु आ भी ेखे कह आक कुकु डली म भी चाडाल यो तो नह है य हो तो इक ां दत अवय करवाएं यदक कहा ाता है क ात का उाय करके करके ीवन को खु हाल नाया ा कता है
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.कु फल धम दवरोधी , उर ीड़ा नी रहती है |मं ु , आीदवका े अंतुतट ु ट , मुख ख नने वाले , रीर र घाव अवय रहता है| ेट रोी , म ना रहता है | को जान केके लए भटकना ड़ता है
|ड़े भाई ता ुन न े ीड़ा होती है | दत को चां डाल डाल यो केके नाम े ाना ाता है । ामायत : यह यो अा नह माना ु - रा क युदत ाता। भाव म फलीभू त होता है, उ भाव केके ुभ फल क कमी करता है। य मूल म कु ं डली म ुु लन , ंचम चम , तम , नवम या म भाव का वामी होकर चां डडाल ाल यो नाता हो तो ऐे य को ीवन म त ं घष करना ड़ता है । ीवन म कई ार लत दनण य े नुक कान ान उठाना ड़ता है। -पदता को भी धका लने क आं का रहती है। रा च युदत दत :-- यह युददतत मानक तनाव को ढ़ाती है। रदत म लने क मता कम करती है । ये दडपेन न , मानक ीमारय केके कार हो ाते ह। दहटरया दहटरया , म् ै ेे रो भी ेखे ए ह। यह युदत दत री ाधा , ुत त ु, ानी े खतरा खाती है। वैववादहक ादहक ीवन म भी तनाव दनमा ण
करती हकती । अय ता को रहयका का ल लखक खक , ार आ भी नाह। क ती हैयो । पल हो तो चच -रा क ूढ़ढ़ता
रा - च युदत दत चंडाल डाल युदत दत है |चं -रा युदत दत हण यो भी कहलाती है । रा क ूढ़ढ़ता ता चं क कोमलता को पभादवत करती है र ं कालु कालु , हीन मानकता वाला र ूढ़ नता ाता है। च -रा युददतत --१ दकलो ध म धोकर र एक ु खा नारअल ानी म हा े | १ दकलो चावल व मंर र म चडा े | च -के तु युददतत के लए एक चूना न ा र ले उे भू रे कडे म ां धकर ानी म हा े |र एक लाल दतकोना झंडडाा मंर र र ला े |
रा क मंल ल े यु दत यानी अंारक ारक यो हो त ंंधत ंधत ातक को भारी क का ामना करना ड़ता है। अदनयंदत दत ोधी ,ह हक क पवदत वाला , तकर , रत खोरी का काय करता है | अनेदतक दतक काय े धन कमाता है | र वी ीड़ा , चोट भी लती है |भूम म ओर छोटे भाई क ज़मेारी ारी े दनटना ड़ता है |
ूयय -रा युदत दत का फल :-- यह युदत दत हो त भी ातक र पदतकूल पभाव ड़ता है , ारीरक व आक आ क रेादनयां ादनयां ढ़ती ह। भायवान , नए ायवा को ँभालने भालने ाला ,दवका करने ाला ,मान
-मान म छती होती है |कु फल ाार रहता है | दता का ुख कम मल ाता है या दता े र रहता है | कभी कभी दता ु केके दवचारी मे भी शभता आती है | ूयय रा यु दत भाव फल उाय -- ६ भाव म ू य रा हो तो --६०० ाम ााम ााम दरी र एक ुख खाा नारअल ानी म हा ेवे | वष म एक ार अवय करे | रा क केे ा दन क यु दत यानी नं यो हो त भी ातक केके वाय व ंततान ान र पदतकूल पभाव ड़ता है, उक कारोारी रेादनयां ादनयां ढ़ती ह । आक व रा क ुध े यु दत अात ड़व यो हो त भी ातक र पदतकूल पभाव ड़ता है, उक आक ामाक रेादनयां ादनयां ढ़ती ह। ुमान मान ां यक यक दवेय य , नायु वलता ल ता , मदतम , मूछ छा ा , एवं अंतुतलत ु लत दवचार धारा रहेीी | ुधध - रा केके रनाम अे अे आते है | दकतु ंचचमम -तम मे रणाम अे नह आते है | रा क ुध े युदत दत अा त ड़व यो हो त भी ातक र पदतकूल पभाव ड़ता है, उक आक आक व ामाक रे ादनयां ादनयां ढ़ती ह । ुध भूम म है तो रा मु लम ,ुध ाार है तो रा दफ़म लाइन ,फोटोाफ़ का काय भी ताता है ,ुध रीदत रवा को नही मानता है ,अर रा ा हो ,ातक अनातीय त ीय ा भी करता है,ुध दहन है तो रा दवधवा या चलन का हाल भी ताता है ,
| ा र पम पम यार भी ताता ह ,ुध वाणी ह तो रा कवा ,यानी ातक कवाी भी होा .ुध ध वचा है तो रा खु ली ली ,ुध ाार है तो रा
आतंकवा कवा .ीमटट , दली ,वाई ,दचर ,मीदडया ,कमयूक े न ,ेोल ोल ,डील ,का
ाार
भी
करवाता है.| .| ूयया ा के ु रा युददतत होने े ातक म काम ा ाना ना अध अधक क रहती है |नौकरी ु रा युदत दत छे म- मदहला े :- ु ड़ ाते है || पकार ह.... १. हण यो : क ंु डली म कह भी ू य अवा च क यु दत रा या केके तु े हो ाती है तो इ ोष का दनमाण होता है .च हण यो क अवा म ातक डर व घराहट महू करता है .चडचडान उकेे वभाव का दहा न ाता है.माँ केके ुख म कमी आती है .दकी भी काय को ु करने केके ा उक उे ा अधू रा छोड़ ेना व नए काम केके ारे म ोचना इ यो केके लण ह .अमूमन म न दकी भी पकार के फोदया अवा दकी भी मानक ीमारी ैे दे डपे न ,ेफे दनया ,आ इी यो केके कारण माने ए ह.य यहाँ चंमा मा अधक दषत हो ाता है या कह अय ा पभाव म भी होता है ,तो म् ,चकर व मानक ंततुुल लनन खोने का डर भी होता है .
ूयय ारा नने वाला हण यो दता ु ख म कमी करता
है.ातक का ारीरक ां चचाा कमोर रह ाता है .आँख ख व य ी रो का कारक नता है.रकारी नौकरी या तो मलती नह या उ म दनाह मु कल होता है .दडाटमटल ट ल इवाइरी ,ा
,ेल ल , रमोन म कावट इी यो का रणाम है . डाल यो नती है .रीर र घाव का एक आध २. चंडाल डाल यो : ु क दकी भी भाव म रा े यु दत चंडाल चह लए ऐा ातक भायहीन होता है .आीदवका े ातक कभी ंतुतु नह होता ,ोलने म अनी करता है व अने ामने र को जान म कम आं कता है कारण वयं धोखे म रहकर दछड़ ाता है.ये यो भी भाव म नता है उ भाव को ाधारण कोट का ना ेता है .मतातर े कु छ दवान रा क ी ु र या ु क के तु े यु दत को भी इ यो का लण मानते ह. ३.र यो :लन या चंमा मा े चार क क ान खाली ह या चार केके म ा ह ह तो र यो होता है.ऐा ातक अरदत केके घर म भी नम ले ले तो भी उे आीदवका आीदवका केके लए भटकना ड़ता है ,व र ीवन दतानेक े लए मू र होना ड़ता है.
४. कट यो :चमा छट या आठव भाव म ु हो व ऐा ु लन क म न ठा हो तो कट यो
का होना माना या है . ऐा ातक ीवन भर दकी न दकी क े ा रहता है ,व े ी उे घृणा णा करते ह.वह अने ीवन म अनदनत उतार चढ़ाव ेखता है .ऐा ातक ाड़ी चलाने वाला भी हो कता है. ५.उमा यो : ( a) य लन म ू य हो व तम म मं ल हो , ( b) य लन म दन र ातव
,ांचव चव या नव भाव म मं ल हो (c) य धनु लन हो व लन - दकोण म ू य -च युदत दत ह ा ही ु तृततीय ीय भाव या दकी भी क क म हो तो ु न ारा उमा यो क ु क यी है .ातक ोर ोर े ोलने व ाला ,व ी होता है.ऐे म य ह ल ह तो ातक ाल हो ाता है . मा ा ह के ा रा े यु हो १२ व ५ व या ८ व भाव म हो तो कलह यो ६. कलह यो : य चंमा माना या है.ातक केके ारे ीवन भर दकी न दकी ात कलह होती रहती है व अंत म इी कलह के
. कारण तनाव म ही उक मृ यु हो ाती है नोट :लन े घड़ी केके दवरीत दनने र चौा -ातवां -वां भाव कक ान होता है .ंचचमम व नवं भाव दकोण कहलाते ह . ा ही लन क दनती कक व दकोण ोन म होती है .
************************************ के तू यु दत
:--- .
ूयय केतु यु दत द ोष कारक ु ख भाव म होने े दता को ाा क ं श मलने म रे ानी आती है | ातक को ुख पात म ाधा ेता है | च क केे तु :--- च केके तु ोनो मलकर माता को धाम क ना ेते है ,अर भी ह कुकु ली क केे ादहनी तरफ़ होते है तो ातक क माता अना व व व र को अत कर ेती है ,म ान केके ा झा ला होता है,मीनार होती है ,या म ान केके ा नहर ताला या न होती है ,धम मर या ेवी मर क भी ूचना च ना ोनो ह मलकर ेते है ,च मतक है तो केतु नायु मंडडल ल ,ातक को नायु वाली ीमारी भी होती है,ातक का मन अधकतर या क तरफ़ ला रहता है.|
ु ता कतु कतु क पभाव वाल ातक म म ामायतया त अ तर होता हह।। ु क पभाव वाल ातक आम तौर र अनी आयामक आयामक उदत क ओर ढ़ने केके ा -ा दनयावी रत ता मेारय ारय का
ालन करने म भी पल दवा रखते ह दक क केे तु क केे पभाव वाले ातक आम तौर र आयाम क केे ामने दनयाारी ता रत -नात को तु मानते ह ता अनी दनयावी मे ारयां र रते छोड़ कर केके वल आयाम आयाम क तरफ ही यान यान ेेते ह । ु केके तु ा म मलकर नकारामक भाव ातक म भर , , ेते है मल ातक हमेहै ा |ा नीचा ोच कर ही काय करता है र नीचा ोच कर काय करने र उे फ़लता र ाती ल -के तु यु दत भी है |मंल ल -के तु ा हो तो भ ात ात होता है व रे न ारा ंततान ान क केे यो नते ह। मंल मंल ल ष ु, रो , क नाना - भाव म हो तो एकाे वरा का होने े ु रात होते ह । क हो तो र होता है व नाना -मामा े लाभ रहता है । दवेष मंल ल क महाा म लाभ होता है । म , ाझेार ार े कम ही नती है ।
****************************************** *************************** ************************ ********* ****** तीन ह क युदत दत केके फल :१. ूयय + च +ुध ध= माता -दत दताा के लये लये अुभ भ।। मनोवैजादनक। जादनक। रकारी अधकारी। लै क मेल लरर । अांत। त। मानक तनाव। रवत ननील। ील। च +के तू= रोज़ार केके लये रेान। २. ूयय + ान। न न को चैन न रात को चैनन।। ु काम ना े , चाहे लखदत भी हो ाये। हीन। ु + दन =दत /नी म दवछोह। तलाक हो। घर म अां दत। रकारी नौकरी म ड -ड़। ३. ूयय + ुध ध+ रा =रकारी नौकरी। अधकारी। नौकरी म ड ड -ड़। ो दववाह का यो। ं ततान ान के ४. ूयय + लये हका। ीवन म अ कार। केके म। ारी। घरेल लूू अांदत। दत। -ा का झड़ा। ाार के ५. च +ु + ुध =रकारी अधकारी। कमचचारी। लये ु रा। लड़दकयाँ अधक। ंतान तान म दिवन। ल +ुध ध= मन , ाह , ु का ामंय। य। वा अा। नीदतवान ाही ,ोच ६. च +मंल दवचार ेक ाम करे। ा ी म होतो , डरोक /. घटना ट ना /याली ुल लाव ाव काए।
७. च +मंल ल +दन = नज़र कमोर। ीमारी का भय। डॉटर , वै जादनक , इंीदनयर , मानक
तनाव। लड पेर र कम या अधक। ल +रा =दता केके लए अुभ भ।। चंचलता। चलता। माता ता भाई केके लए हका। ८. च +मंल क खराी े अने क ःख हो। अांतत , ९. च +ुध +दन =तंत ुपणाली म रो। े हो हो ाना। ु मानक तनाव। हमी। १० च +ुध ध+ रा =माँक े लए अु भ। ुख हका। दता र भारी। घटटना ना क आंका। का। ादनयाँ ादनयाँ। लड पे र। र। घटना ट ना का भय। वा ११. च +दन +रा =माता का ुख काम। माी रे हका। + ुध ध +दन =चोरयांह ो। धन हानी। पॉट डीलर। ाया वाला। नी घर क मु गखया। १२. ु ल +ुध ध+ दन = आँख १३. मंल ख मद वकार। तं तु पणाली म दवकार। र म द वकार। माम क केे लये अु भ। घटना ट ना का भय। ल +ुध ध+ ु = अनेक ु ल का राा हो। दवान। ायर। ाने क ा ौक। ओरत अ मले। १४. मंल चल वभाव। हमेा ा खु रहे। ूर हो। ल +ुध +ु = धनवान हो। चंचल १५. मंल १६. मंल ल +ुध ध+ रा =ुरा रा हो। कंकं ू। । लालची। रोी। फ़कर। ुरा रा काम करे।
. + + = १७ मंल भ। रोी हो। कंकं ू हो। र। ंा ा रहे। के काम करे। ल ुध ध के तू त अुभ। + ूयय + ुध ध= दता केके लए अुभ। भ। दवा दवभा म नौकरी। १८. ु १९. ु + च +ु =ो दववाह। रो। नाम पेमी। मी। कभी धनी , कभी री। + च +मंल ल =हर पकार ेउ म। धनी। उ । अधकारी। ृ ह ुख ख।। २०. ु २१. ु + च +ुध ध = धनी। अयाक। लाल। दता केके लये अु भ। माता ीमार रहे।
२२. ु + ु +मल =तान क र र ानी। पम पम ध ःख। ृ ह मम अु ख।
+ ु +ुध ध= कु टु ं अवा ृह ह ुख ुरा। रा। दता केके लये अु भ। ाारी। २३. ु २४. ु + ु +दन = फा। दता -ु मत करार। २५. ु + मंल ल +ुध ध= ंतान तान कमोर। क एट। ट। धनी। वकल। २६. च +ु + ुध ध+ दन =माँ- नी म अं तर ना मझे। + ुध ध+ ूयय = आजाकारी। अे काम करे। करे । माँ -ा ा के लये लये ुभ भ।। भला आमी। २७. च +ु रकारी नौकरी दवल े मले ।
****************************************** *************************** ************************ ********* ********* अम भाव म रा र मंल ल , दन या ूयय क हो त ातक केके दववाह म दिवन , या ेरी होती है। दन ूयय क े या यु दत म होता है तो ातक म भी हो ाता है , दन मल केके म या यु दत म होता है त ो ातक मय आते हे त डं ख लते है, दन ुध केके या युदत दत मह ोता तो ातक धीरी पदत ां त चीते करेा ा , दन ु केके या युददतत म होता तो ातक धाम क पकृ पकृ दत वाला र वाही ोड़ा न र ी वभाव का होता है, वला , दन केके दीदनयर त म होता तो ातककेके काम े भी र हो भानारा ु र ंर ,ुआकष क क , याइंीदनयर युदत या चदका े म दवषय मले ा।वाना धनवान कताहोता है। है | वर ांवला दन रा केके या युददतत म होता तो ातक एकलता म राचनारा होता है , दकी केके ा याा ो भी नही करता कुकु टु ं रवार म भी त ां त रहेता ता है दकी केके ा याा ात भी नह करता , एषा दन के ुणधम णधमक े ामने मल क केे ु णधम तन दव होता है, दन मंल ल तम म हो तो अं तरातीय दववाह केके यो नते है | दन -मंल ल ी ाती क दका म भ ात यो वनते है |मंल ल केके ा दन हो तो ऐी क कया या को दवयो का यो होता है। मल ूयय के या यु दत मह ो तो ातक त उ होते हे ,
दत म म हो तो ातक त य वाणी ोलत ह ोलन क ा उक म म कुछ मल च क या युदत न होता है
मल ुध केके या युदत दत म हो तो ातक उाही र उतावला होता है , मल ु केके या युदत दत म हो तो ातक ोडा ी होता है लेदकन ाने क केे ा तु रत म ाते है, मल ु केके या युदत दत म हो तो ातक मनमाँ ने मानमाँ अं र े लता नही है , रंततुु कडवु वचन तुररतत म ही य कही ेता है , ोडा रोमटक टक र काम दवषय क वाना वाले होता है , मल दन केके या युददतत म हो तो ातक एकलता कभी मती भी नही है दकी अया के के ा भी तुरत रत ोती कर लेते है , मल रा केके या युददतत म हो तो ातक कुकु टु ं मा ंधी धी म मान मया ा पदता हाल करने वाला होता है,| ,| रा र ु का ा हो ाये तो पे म दकी नीची ात वाले े हो ाता है ..र तो र ा भी अने े दकी नीची ात वाले े हो कती है ूयय -मंल ल -दन -रा -के तु अर अर दववादहक करार कर ार ेत हे ै | ु - ुध का यो ी ुख केके लए ुभ नह है |यह तलाक या ु हीन नाता है | योदतष क केे योो का माक उड़ाते ख ाते ह दन -च यो ---- आकल कई योदतष केके ोकर योदतष ''य -त -व। । कु ं डली म यो का महव अनी ह होता है । हम इह नरं ा नह कर कते। फ एक ू केके आधार र टक फल कन म अम र ू री कु कु ं डली का दवेषषण फ ण करने क केे नाम र दकी भी रो या घटना केके तमाम कारण ूू ं लेनेने वाले लो केके लए यो या ू क केे रहय हमेा ा रहय ही ने रहेे। वैे े यहाँ उलेख योय ात ये है दक ूयय +दन केके यो को ''दवष -यो कहा ाता ा -मर दन -च यो को भी दवष यो घोदषत कर ही या या है र इमे री भर ं ेेह नह दक दन -च का यो कु ं डली म हो तो ातक को इका फल भोना ड़ता है इका े याा अर ातक केके मन र ड़ता है र ातक म एक कुकु टलता आ ाती है । ातक केके खान -ान र भी अर करता है ातक को फ़ूड poisoning होनेक े अार नते है । चं र ु का ा दकी भी को पेमी मी ना कता है र यही ह अर दववाह केके घर े ंंध ंध रखते ह तो इ पेम क रणदत रणदत दववा दववाहह केके म तय है । ऐा नह दक पार को मानने े कम क महा कम हो ाती है ले दकन इतना तय है दक ह का ंयो यो आके आके ीवन म दवरह र मलन का यो रचता है। ु र चं क पलता है तो दकी भी ातक का पे म म ड़ना वाभादवक है । क ंु डली म ाँचचवाँ वाँ घर पेम का होता है र ातवाँ घर ाय का माना ाता है। लन , ंचचम म , तम या एका भाव म ु का ंंधं होने े पेम होता है। ाँचव चव र ातव घर म ं ंध नता है तो पेम दववाह म त तल ल हो ाता है।ु ।ु या चं केके अलावा वृषभ षभ , तुला ला र कक कक रा क केे ातक भी पेम करते ह। ु र चं पेम दववाह करवाते ह तो ू य क मौू ी ंंंधध म दवे का कारण भी नती है । वह ौ ौयय दपय होते ह. अर आक कुकु डली म भी इन ोन ह का यु दत न रहा है तो हो कता है दक आ अधक फाई ं हे . कला केके े े आका लाव रहेा ा . आ लेखन खन म भी च
ल कत ह. अत : अलय र रहना चादहए . खाव क पवृददतत भी आको चना चादहए . ुख ख क चाहत केके कारण आ ोड़े आली हो कते ह
च व ु क युदत दत == ==कु डली म च केके ा ु क युदत दत होना यह ताता है दक आ जानी हे . आकोो क एवं लाहक आक लाहकार ार केके म अ फलता मले ी . लेदकन दकन , आको इ ात का भी यान रखना होा दक मन म अशभमान क भावना नह आये . इक इकेे अलावा आको यह भी यान रखना होा दक दना मांेे दकी को लाह न यदक दना मांेे ई लाह केके कारण लो आे रयां नाने क को कर े. ु - ूयय - चं : अर दकी ातक क मकु ं डली म दकी भी खाने म ु , ूयय र चं ये तीन ह एक ा मौू ह , तो ऐे ातक रोकारी , म क म करने वाले , दवान व भायवान होते ह। : अर दकी क मकु ं डली म दकी भी खाने म ये तीन ह , ु , ूयय र ु एक ु - ूयय - ु ा उत ह , तो ऐे ातक का भायोय दववाह केके ा होता है । ऐे ातक क भाया उम वभाव वाली , ा हयो करनेव ाली व भायवान होती है । ल : य ातक क कु ं डली के दकी खाने म ु , ूयय र मं ल ह एक ा मौू ु - ूयय - मंल होते ह, तो ऐे ातक को ाा , दता , भाई तीन क ओर े हयो मलता है । ऐे ातक ाली र अधकार े यु होते ह । अर यही युददतत अम खाने म हो , तो ातक योी होते ह । ु - ूयय - ुध ध: य मकु ं डली म दकी भी खाने म ु , ूयय र ु ध तीन ह क युददतत हो ाए , तो येत ीन मलकर ातक केके लए रायो का दनमा ण करते ह । ऐे ातक हमे ा धन -धाय े रू ण रहते ह । ु - ूयय - दन : अर दकी ातक क कु ं डली म ुु , ूयय र दन तीन ह ै ठे ह , तो ऐे ातक अने कम े मा म त मान -मान ाते ह र ीवन म इह य भी पात होता है । केे तु क यु दत हो ाए , तो ऐी ु - ूयय - के तु: अर दकी ातक क कु ं डली म ुु , ूयय र क क ंु डली म ू य का ु भ फल ू य हो ाता है। लहाा ऐे ातक को ीवन म हमे ा दता क केे हयो या यार े वं चत रहना ड़ता है। ु - ूयय - रा : अर दकी ातक क कु ं डली के दकी भी खाने म ु , ूयय र रा क यु दत हो
ाए , तो यहा ु र ूय य का ु भ फल ूय य हो ाता ह। ह। इलए ातक को आा क लो हमेा ा नुक कान ान या हादन रहती है। ऐे ातक को लो ान -ूझकर झ कर धोखा ेते ह ।
च व ुध क युदत दत --- च केके ा ुध क युदत दत ुभ फल ेन वे ाली होती है . अर आक कुकु डली म इन ोन ह क युदत दत न रही है तो आ कूटनीदतज हो कते ह . अनी वाणी े लो को आानी े लो का ल तना आको अ तरह आता े ावायक े म आको अ फलता मलती है |
****************************************** *************************** ************************ ********* *********** क ुं डली केके म मेे यो १. काल ोष कुकु डली मे ारे ह रा र क केे तु केके मय मे आ ाते ह त काल ोष का दनमाण होता है र कुकु डली को दषत माना ाता ा ता है । अर इन ोनो केके मय े एक ह ाहर भी दनकल ाए त भी आक काल ोष माना ाता है । काल ोष केके पभाव आके ीवन मे ार -२ कावट डालते ह। दकी भी काय को करने म रे ानी आती है दना अड़चन क केे कोई भी काम ूरा र ा नह होता। माक तनाव रहता है , आतमदव मे कमी रहती है, रीर मे रेानी ानी , धन क कमी , ाार नौकरी मे लाभ क कमी , घर रवार म मन मु टाव रहता है। दकी े भी मन वां छत छत हयो नह मलता। २. ु चाडाल यो - यह यो त ही ुरा रा करता है। दकी क कुडली मे वृहहदत दत र रा एक ा ैठते ठते ह तो ु चाडाल यो कहा ाता है इके के षपभाव इ पकार है :ो क ढ़ाई लखाई अधूररी ी रह ाना , उनक उनकेे ंकार कार न हो ाना , घर क ुख मृ न हो ाना , ये ैा ा क फालतू म ा , ाा -ोता मे री चाहे दकी भी कारण ाा -ोते मे पेम उ नह हो कता अर ढ़ाई लखाई ठक हो भी ाए तो काम का , नौकरी मे अरता नी रहती है । रवार मे ूवव नो नो क केे मय े आई चलाई हो ाती है। े डो का मान नह करते काम का भी मा फल ेते ह । रता मकान कहा या ३. दवष कुकु यो - लाल दकता मे दव कुकु यो को अा घोड़ा या रया मे तैरता है। ठते ह त दव द व क कुु यो नत नताा है इइ यो के दकी क कुडली मे दन र चमा एक ा ैठते कारण कारण मां के ीव ीवनन म भारी रे ादनया आती है। मां े दता क अनन रहती है मां को े हत े
त रेानी ानी रहती है घर म ये ै े क भारी रेादनया ादनया आती ह एा खु भी मन र मा े ही फफ ला ले ने लायक नह रहता। डल माइडेड हो ाता है। दकी भी काय मे एकाता नह
आती। ऐे को इान को हचानने क ताकत नह रहती कारण ऐे केके ा धोखा र फरे होता है धन श क कमी नी रहती है। है । श होती भी है तो ऐा अने ीवन काल मे कु कु छ ा कर ेता है अर आके आके ा ऐा हो रहा है तो आ ही अनी म कुकु डली का दनरीण करवाएँ र उचत मा न ाएँ!|
:--------- क ुं डली म कह भी ूयय अवा च क यु दत रा या केके तु े हो ाती है तो हण यो :--------इ ोष का दनमा ण होता है .च हण यो क अवा म ातक डर व घराहट महू करता है.चडच चडचडान डान उके उके वभाव वभाव का दहा न ाता है .माँ केके ुख म कमी आती है .दकी भी काय को ु करने क केे ा उे ा अधूररा ा छोड़ ेना व नए काम क केे ारे म ोचना इ यो केके लण ह .अमूमन म न दकी भी पकार केके फोदया फोदया अवा दकी भी मानक ीमा ीमारी री ै ेे दडपे नन ,ेफे दनया ,आ इी यो केके कारण माने ए ह .य यहाँ चं मा अधक दषत हो ाता है या कह अय ा पभाव म भी होता है,तो म् ,चकर व मानक ंततुलन ुलन खोने का डर भी होता है . 2 ूयय ारा नने वाला हण यो दता ु ख म कमी करता है .ातक का ारीरक ांचा चा कमोर रह ाता है.आँख ख व य ी रो का कारक नता है .रकारी नौकरी या तो मलती नह या उ म दनाह मुकल कल होता है .दडाटमटटल ल इ इवाइरी वाइरी ,ा ,ेल ल ,रमोन म कावट इी यो का रणाम है | लनो क केे अनुार ार रन र ा पयेक लन क केे लए एक ह ऐा होता है ो योकारक होने केके कारण ुभ फलाई होता है। य ऐा ह कुकु डली म लवान अा त उरादष , वरादष का या वमी होकर के या दकोण भाव म ु भ ह केके पभाव पभाव म त हो व इ र दकी भी ा ह का पभाव न हो तो यह अक अकेे ला ही ातक को उदत ेने म म होता है अतः इका रन धारण करना दवषे ष ुभ फलाई ता चमकारी पभाव ेने वाला होा रतु य यह अषुभ भाव म अषु भ ह केके पभाव े त हो तो ातक इ योकारक ह के चमकारी पभाव े वं चत रह ाता है। ऐी दत म इक अषु भ भाव दनत अषुभता भता को न करने हेततुु इक इकेे लये ा को धारण दकया ाना चादहए। आ कल क भा ौड़ व अदततता भरी ीवन ै ल लीी म कई ार ू ा ाठ आ क केे लए मय े
ाना व नह हो ाता। ऐी दत म रन धारक को कारामक ा क पात हे तु ा भी धारण करना चादहए यदक रन कारामक ा वाले केके लए अधक लाभकारी होते ह ।
हां ुभ भ, योकारक व ली ह केके पभाव को ढ़ाने केके लए रन धारण करना चादहए वह अकारक , नीच रादष व अषुभ भाव म त ह केके ु भ फल पा ा धारण करना े होता है। मेष ष- इह ू ू य का रन माशणय धारण करना चादहए व तीनमुखी खी ता ंचचमुमुख खीी ा भी हनना चादहए। न ातक क ी म ू य ु भ पभाव म ली होकर ै ठा है उह यष , मान , कतलाभ व ा क पात होी ता नका ूयय अषु भ भाव म ै ठा है उह नौकरी रोार व राड आ मया के दनराकरण म फलता पात होी। आक आकेे लए ू य , च मंल ल व ु योकारक ह ह। अतः इनके लए माशणय , मोती , मंूा ू ा व ुखरा खरा धारण कर कते ह लेदकन मं ल अमेष है अतः मंल ल केके लए
3 मुख खीी ा वावध क हो कता है । ु क केे लए ाषेष होने केके कारण ंचचमुमुख खीी ा धारण करना मृ कारक होा। ुधध , ु व दन इ लन केके लए ाधाकारक ह अतः इन ह केके लए रन धारण न कर 4 मुख खी ी , 6 मुखी खी व 7 मुखी खी ा धारण करना े है। य ूयय , च भी छठे , आठव एवं ारहव ान र आ ाते ह तो रन क अे ा 1 मुखी खी व 2 मुख खीी ा धारण करना ही े है। वृष ष- वृष लन केके लए दन , ु व ुध योकारक ह इलए नीलम , हीरा व ा हनना आके आके लए ुभ है। अमेष ु एवं ाषेष मंल ल केके अषुभ पभाव े मु हेतुतु 5 मुखी खी एवं 3 मुख खीी ा धारण कर। ूयय व चमा भी इ लन केके लए ाधाकारक है इलए इनके इनके लए भी 1 मुखी खी व 2 मुख खीी ा धारण कर। दन , ु व ुध भी य छठे , आठव या ारहव ान र आ ाते ह तो रन क अे ा
7, 6 व 4 मुख खीी ा धारण करना ही े है। मुन न - मुन लन केके लए ु ध , ु व दन योकारक ह इलए आ ा , हीरा व नीलम धारण कर कते ह रतु ु ाषेष व दन अमेष भी हैइ लए इनका ू ण फल पात करने हे तु 4 मुख खीी ा भी ा म धारण कर े तो ूण ण फल पात होता है । ूयय , चमा व मंल ल क ुभ भता ता क केे लए एक , ो व तीन मुख खीी ा धारण कर। ु क केे के ाधदत ोष केके कारण ु का रन ुख खरा रा अषुभ भफलाई फलाई होता है अतः ु केके ुभ फल हेततु ु ा माला या ं चमुख खीी माला या ंचमु चमुख खीी ा धारण कर। कक - कक कक लन केके लए च , मंल ल व ु योकारक ह इलए मोती , मू ा ंा व ुख खरा रा धारण करना कक ुभ रहेाा रतु ु क केे षेष होने क केे अषुभ पभाव को कम करने हेतुतु ा म ं चमुख खीी ा भी धारण करना चादहए। दन , ुधध , ु इ लन क केे लए अकारक ह ता ू य म मारक पभाव है अतः इनक इनकेे लए
खी ा धारण करना ही ेहतर हतर होा। य च , मंल ल व ु भी अषुभ भाव म आ 7, 4, 6 व 1 मुखी ाएं तो रन क अे ा 2, 3 व ंचमु चमुख खीी ा हन।
इनके लए माशण माशणयय व मूा ं ा धारण कर। सह - सह लन केके लए ू य व मं ल योकारक ह। अतः इनके अमेष ु , ाषेष चमा ता अकारक दन , ुध व ु क केे लए 5, 2, 7, 4 व 6 मुख खीी ा धारण करना ुभ रहेा।ा। य ूयय व मं ल अषुभ भाव म त ह तो इनके इनके लए भी 1 मुखी खी व 3 मुख खी ी ा ही धारण करना चादहए। कया - क कया या लन के लए ुु ध , ु व दन योकारक ह इलए ा , हीरा व नीलम धारण करना ुभ रहेाा रतु अमेष दन व दतीयेष ु केके लए ा म 7 व 6 मुख खीी ा भी धारण करे। य ुधध , ु व दन अषुभ भाव म ै ठे ह तो रन क अेा ा ा ही धारण कर। कय कयाा लन क केे लए ूयय , च व मंल ल अकारक ह इलए इनक ात हे तु 1, 2 व 3 मुखी खी ा धारण कर। ु के के ाधदत ोष के दनवारणा दनवारणा ं चमुख खीी ा या ा माला धारण करना दहतकर रहेा। ा। तुला ला - तुला ला लन केके लए ु , दन व ुध योकारक ह इलए हीरा , नीलम व ा धारण कर। अमेष ु व षेष ुध केके लए इनके इनके ा 6 व 4 मुखी खी ा भी धारण करना चादहए। ूयय , च , मंल ल व ु इ लन क केे लए अकारक ह अतः इनक इनकेे लए रन क अे ा 1, 2, 3 व 5 मुख खीी ा धारण कर। य ु , दन व ुध अषुभ भाव म ै ठे ह तो रन क अेा ा 6, 7 व 4 मुख खीी ा धारण करना ही उचत होा। केे लए ू य, च , मंल ल व ु योकारक ह इलए इनक इनकेे रन माशणक , मोती , मूा ा व बचक लन क ुख खरा रा धारण कर। मंल ल केके षेष होने क केे अषुभ पभाव े मु हेतुतु 3 मुख खीी ा धारण कर। अकारक दन , ु व ुध केके लए 7, 6 व 4 मुखी खी ा धारण कर। य ूयय , च एवं ु अषुभ भ भाव म त ह तो इनके इनके लए 1, 2 व 5 मुखी खी ा ही धारण कर। धनु- धनु लन केके लए ु , ूयय व मं ल योकारक ह। अतः ुख खरा रा , माशणय व मूा ा धारण कर। मंल ल ाषेष भी है इलए 3 मुखी खी ा हनना भी आवयक है। अमेष चमा चमा क केे लए 2 मुख खी ी ा धारण कर। अकारक ु , ुध व दन केके लए 6, 4 व 7 मुख खीी ा धारण करना ुभव भव ेता है। य ूयय , मंल ल व ु अषुभ भाव म ै ठे ह तो इनक इनकेे लए 1, 3 व 5 मुखी खी ा धारण कर मकर - मकर लन केके लए दन , ु व ुध योकारक ह अतः नीलम , हीरा व ा धारण करना
चादहए। ूयय , च , मंल ल व ु इ लन केके लए अषुभ ह अतः 1, 2, 3 व 5 मुखी खी ा धारण कर। य ुधध , ु व दन अषुभ भाव म त ह तो इनक इनकेे लए भी रन क अे ा 4, 6 व 7 मुखी खी
ा धारण कर। कु - कु लन केके लए दन , ु व ुध योकारक ह अतः नीलम , हीरा व ा धारण कर। दन ाषेष भी है र ुध भी अमेष का ोष होने े त है इलए रन केके ा 7 व 4 मुख खीी ा धारण कर। ूयय , च , मंल ल व ु अकारक ह अतः इनका ु भ पभाव पात करने केके लए 1, 2, 3 व 5 मुख खीी ा धारण करना चादहए। य ुध ध , ु व दन अषुभ भाव म त ह तो इनके इनके लए भी रन क अेा ा 4, 6 व 7 मुखी खी ा धारण कर। मीन - मीन लन केके लए ु , ुध व दन अषुभ ह अतः इनके इनके लए 4, 6, व 7 मुख खीी ा धारण करना चादहए। च , मंल ल व ु कारक ह अतः इनके इनके लए मोती , मू ा ंा व ुख खरा रा धारण कर। अषुभ भ भाव म त होने क दत म रन क अे ा 2, 3 व 5 मुख खीी ा धारण करना ुभ रहेा।ा। षेष ूयय का ु भ पभाव पा पातत करने केके लए 1 मुखी खी ा धारण कर। य क कुु डली डली म भी ह उ रादष , वरादष या वमी होकर ुभ भाव म ै ठे ह तो भी ह केके रन धारण दकये ा कते ह । इकेे दवरीत य भी ह नीच रादष , ु रादष या नीच नवांष म त होकर अषु भ भाव म इक त ह तो इनक ुभ भता ता हेततुु 1 े 14 मुखी खी ा धारण कर। य कुकु डली म अधकां ह उ रा , वरा या वमी होकर ुभ भाव म ै ठे ह तो भी ह केके रन धारण दकये ा कते ह। चार उँली र नौ रन(रन हनने के दन )रन म मु यतः नौ ही रन याा हने ाते ह। ूयय के लए माशणक , च के लए मोती , मंल ल के लए मू ँा ा , ुध केके लए ा , ु केके लए ुखरा खरा , ु केके लए हीरा , दन केके लए नीलम , रा के लए ोमे , के तु केके लए लहुदनयाँ दनयाँ। ुखरा खरा तनी न ी म ही य हनने क लाह ेते ह ? – यदक कोई भी धमक , दन आ ेता है तो इी उँली े ेता है। यही उँली लड़ाई का भी कारण नती है , तो होयार करने केके लए भी काम आती है। इलए ु का रन ुखरा खरा हनने क लाह ाती है । ुखरा खरा हनने े उ ातक म ं भीरता आती है। ा ही वह अ अयाय याय केके पदत हो ाता है। यह धम -कम म भी आा ाता है। ु का पभाव ढ़ाने र उके उके अु भ पभाव को खम करने के लए ु खरा हना ाता है।
अधकां ुखरा खरा हनते ह इनम पमु ख रानेता ता , पादनक अधकारी , यायाधी , मंी ी ,
ता आ क उँली म ेखा ा कता है । ुखरा खरा केके ा माशणक हना ाए तो रानायक , अशभनेता अदत ुभ फल भी मल कते ह। मयमा म नीलम धारण करते है व इके अलाव अलावाा कोई भी रन नह हनना चादहए अया ुभ रणाम नह मलते। इ उँली र ही आकर भाय रे खा खा खम होती है नक भाय रेखा खा न हो वे दकी ानकार े लाह ले कर नीलम हन कर लाभ ा कते ह । नीलम दन केके ुभ फल ेने म हायक होता है , यह अर लोहे केके वायी , पादनक , रानेता ता भी हने ेखे ा कते है। इके इके ारे म यह कहावत है दक यह रन तु रत फलायी होता है व इका ुभ या अुभ रणाम ी ेने म म ह । यह रन ैर दकी ानकार क लाह केके नह हनना चादहए। माशणक अनामका म हना ाता है , यह ूयय का रन है । मा का माशणक अधक महँ ा होता है , वैे े आकल कई नकली माशणक भी मा का कहकर े च ेते ह। मा का माशणक अनार केके ाने केके मान होता है। इके इके हनने े पादनक , पभाव म वृ व ु को रात करने म भी म है । इे भी , , , नेता ताकता रानीदत टर आ क उँली म ेखा ा ह। े ंंंध रखने वाले उ ाधकारी यायाधी कलेटर कदनका उँली म ा हना ाता है । यह ौधक ुण ण को ढ़ाता है , े दनेमै मैन याा हनते ह। इको हनने े कारता , ेमै मैन न, पकान , माी काय करने वाले , कलाकार , वाकटु भी हनते ह। हीरा , मोती , मू ा ँ ा , ोमे व लहुदनयाँ दनयाँ। मू ा ँ ा ा ढ़ाने वाला , ाह , महवाकाँा म वृवृ व ु र पभाव डालने वाला होता है। इके इके म ु , ूयय ह व मकर म उ का होने े इे मयमा , तनी न ी व अनामका मध ारण दकया ाता है । इको अर रानीदतज , ुल ल पान े ु डे व उ ाधकारी , भूम म े ंंंधत धत ण , दर , कॉलोनाइर आ ारा हना आ ेखा ा कता है। इे माशणक , ुखरा खरा केके ा भी धारण कर कते ह। ह ु ा अधक आता हो वे इ रन को ना हने। मू ँे क े ो मोती केके ा भी या ं यु रन क अँू ूठ ठ हनी ा कती है। कदनका उँली म मोती हनना ु भ फलायी रहता है , यदक कदनका उँली केके ठक नीचे च च वत त है। इ कारण च के अुभ रणाम व ुभव भव केके लए ुभ रहता है। उे अनामका म नह हनना चादहए। ु क उँली तनी न ी म भी हन कते ह । यह रन मन को अात े चाता है व ह याा ुा ा आता हो , ो ल काय े ु ड़े , ध वायी , फ फेे वतु केके वाय े ु डे भी हन कते ह । इे ु खरा केके ा व माशणक केके ा भी हना ा कता है ।
हीरा रन अयत महंा ा व खने म ु र होता है। इे ु क उँली तनी न ी म हनते ह , यदक त नी नी उँली ली केके ठक नीचे ु वत होता है। ु केके अुभ पभाव को न कर ुभ फल हेतुतु हीरा हनते ह।
इे कलाकार , य पाधन े ु डे , पेमी मी , इंीदनयर , चदकक , कलामक वतु केके दवेे ता आ हन कते ह । दव रा का रन ोमे कदनका म हनना चादहए यदक मु न रा म उ का होने े ु ध क उँली कदनका म हनना ु भ फलायी रहता है। इे रानीदत , ाूी ी , ुआ आ- ा , तं -मं े ुडेडे आ हनते ह । यह रा केके अुभ पभाव को र करता है। लहुदनयाँ दनयाँ रन त नी म हनना चादहए यदक ु क रा धनु म उ का होता है । यह ँँ चाइयाँ पान करता है व ु हता होता है। इ रन को हीरे के ा कभी भी नह हनना चादहए , यदक इे इ े ार ार घटना ट ना केके यो नता रहेा। ा। नीलम केके ा मू ँा ा हना ाए तो अनेक मुीात ीात म ड़ाल ेता है । इी पकार हीरे केके ा लहुदनया दनया हना ाए तो दनशत ही घ टना टना कराएा ही , ा ही वैवादहक वादहक ीवन म भी ाधा का कारण ने ा। ा -हीरा , ा -नीलम हन कते है । दफर भी दकी कुकु ल योदतष योदतष क ही लाह ला ह लत भी इन रन के चमकार ा कते है । ैे े मेष व वृशक शक रा वाल को मू ँा ा हनना चादहए। लेदकन दकन मू ँा ा हनना आको नुकान कान भी कर कता है अत : तक म केके मय मंल ल क दत ठक न हो त तक मू ा ँ ा नह हनना चादहए। य मंल ल ुभ हो तो यह ाह , राम , उाह पादनक े , ुल ल ेना ना आ म लाभकारी होता है। वृषभ षभ व तुला ला रा वाल को हीरा या ओल हनना चादहए। य मदका म ु भ हो तो। इन रन को हनने े पे म म फलता , कला केके े म उदत , ौय पाधन केके काय म फलता का कारक होने ेआ फल अवय हे । मुन व कया रा वाले ा हन तो े मैन केके काय म , कारता म, पकान म, ाार म फलता लाता है। सह रा वाल को माशणक ावान व ान नाता है व रानीदत , पादनक े , उ नौकरी केके े म फलता का कारक होता है। कक रा वाल को मोती मन क ांदत कक दत ेता है। ा ही टेनरी , ध ही -छाछ , चाँ केके वाय म लाभकारी होता है।
मकर र कु ं भ नीलम रन धारण कर कते कते ह, लेदकन दकन ो रायाँ होने ावधानी े हन । धनु व मीन केके लए ुखरा खरा या ुनहला नहला लाभायक होता है। यह भी पादनक े म फलता लाता
है। वह याय े ुडेडे भी इे हन कते है । आको लाह है दक कोई भी रन दकी योय योदतषी क लाह ैर कभी भी ना हन।
ुभ रन :-- माशणय रन
Manik Ratna or Aries Lagna मेष लन -माशणय रन -मेष लन केके लये ूयय ं चम भाव यादन दकोण भाव का वामी है . र ा ही ये लने मंल ल केके म भी होते है . अत : मेष लन केके य क केे लये माशण माशणयय रन धारण करना दवधा े क ाधा को र करने म हयो करे ा . इके रन क केे पभाव े मेष लन के को ु काय म च ती है . यह रन इह आमोदत के लये , ंतान तान पात के लये , प , रायकृ ा पात केके लये मेष लन क रायकृ केे य को ै ैव धारण करना चादहए . | माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तां े मे रदववार को धारण करे | वृषभ षभ लन केके लये माशणय माशणय रन :-- -वृषभ षभ लन केके लये ूय चतु भाव क केे वामी है . रतु यहां ूयय लने ु केके म न होकर , ु है . वृषभ षभ लन केके को माशण माशण य रन क केे वल ूयय म हाा म धारण करना चादहए . वृ षषभ भ लन क केे लये ूय रन माशणय महाा अवध म ु ख -ात , मातृ ु ख ख ु र भूम म ुख म वृ करता है . | माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तांेे मे रदववार को धारण करे | मुन लन के लये लये माशणय माशणय रन Inuence o Manikya Stone on Gemini Lagna-इ लन केके लये लये ूयय तीर ीरेे घर के वाम वामीी है . इलये माशणय रन धारण करना मुन लन केके य केके लये कभी भी लाभकारी नह रहे ा . कक लन लन के लये लये माशण माशणय रन रन Impact o Manikya on Cancer Lagna- इ लन केके केके लए ूयय रे भाव यादन धन भाव का वामी है . ा ही इ लन केके लये यह लने च का म भी है . अत : धन ंचय चय करने केके लये माशण माशणयय रन धारण दकया ा कता है. रतु रा भाव मारक भाव भी है . अात कुकु छ ारीरक क कते है . इलए वृ षभ षभ लन केके लये उतम रहेा ा , मोती धारण करना इक तुलना लना म अधक ु भ रहेा ा . | माशणक
रन वा 6 री का अनामका उंली मे तां े मे रदववार को धारण करे |
सह लन केके लये माशणय माशणय रन :-- सह लन का वामी ूयय वयं है . इ लन के य क को ो आीवन रन धारण करना चादहए . इे ु को रात करने म फलता फलता मले ी ,ारीरक व मानक वाय क वृ होी , आयु म वृ होी व यह रन मानक ं तुतुलन नाये रखने म भी हायता करेा ा . | माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तांेे मे रदववार को धारण करे | कया लन के लये कया लये माशण माशणयय रन Impact o Manikya Stone on Virg Vi rgo o Lagna Lagna-- क कया या लन के य को माशणय माशणय रन कभी भी धारण नह क करना रना चादहए . इ लन केके लये ूय 12 व भाव केके वामी वामी होते है . | माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तां े मे रदववार को धारण करे | तुल लाा लन क केे लये माशण माशणयय रन Eect o Manikya Ratna on Libra य भाव क केे वामी होते है . र लने ु केके ु भी . इ कारण Lagna- तुला लन केके ूयय आ े इे केके वल ूयय महाा म धारण करना अनु कु ल रहता है . अया ा धारण करना तुल लाा लन के इनकेे लये दवेष ुभ रहता है. इनक माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तांेे मे रदववार को धारण करे | वृशक शक लन केके लये माशणय माशणय रन :-- इ लन केके लये ूयय म भाव केके वामी है . व लने मंल ल के म भी है. इलए इ लन केके य केके लये माशणय रन रायकृ ा , मानपदता ता नौकरी , वाय म उदत ेता है . माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तांेे मे रदववार को धारण करे | धनु लन लन के लये लये माशण माशणयय रन Manikya - Eect on Sagittarius Lagna धनु लन म ू यन वम भाव यादन भाय भाव केके वामी है . इक इकेे अदतर ये लने ु क केे म भी है. धनु लन केके य का माशणय माशणय रन धारण करना व ेे ुभ फल ेता है . इे धारण करने े इह ीवन ीवन के भी ु ख क पात म हायता मलती है . भाय वृ र दता ुख म हयो मलता है. माशणक रन वा 6 री का अनामका उंली मे तां े मे रदववार को धारण करे | मकर ल लनन के ल लयये मा माशण शणय रन रन E Eec ectt o Mani Maniky kya a Ston Stone e o orr
Capricorn Lagna=- इ लन केके लये ू य अम भाव केके वामी है . लने दन के Capricorn ु भी है. मकर लन केके माशणय माशणय रन कभी भी धारण न कर ..|| माशणक रन वा 6 री का
अनामका उंली मे तां े मे रदववार को धारण करे | कु लन के लये माशणय माशणय रन Manik Gemtstone or Aquarius Lagna- कु लन केके लये ूयय तम भाव क केे वामी है . लने दन े इनक ुतताा भी है . इलये हां तक ं भव हो इह माशणय रन धारण करने े चना चादहए . मीन लन केके लये माशण माशणयय रन Manikya eect on Pisces Lagnaमीन मीन लन लन के लये लये ू यय छठेठे भाव यादन रो भाव केके वामी वामी है . लने ु क केे म है . दवेष ष रदतय म भी क केे वल ू य महाा म ही माशणय रन धारण कर . अया इे धारण करना ुभ भ नह है. माशाशण णयय रन के ा ा या हने हने ? Wh What at Shoul hould d I Wea earr with with Manikya Ratna माशणय रन धारण करने वाला इके माशणय इके ा म मोती , मू ा ंा र ुख खरा रा या इह रन क केे उरन धारण कर कता है. माशणय रन केके ा या न हने? What Should I not wear with माशणय Manikya Ratna माशणय रन क माशणय केे ा कभी भी एक ही मय म हीरा , नीलम या ा धारण नह करना चादहए . इके अदतर माशण माशण य रन केके ा इही रन केके उरन धारण करना कर ना भी ुभ फलकारी नह रहता है..||
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ुखरा खरा रन
Pukhraj Stone or Aries Lagna-मेष लन - ुख खरा रा रन :-- इ लन केके लए ु नवमे यानी 9 व भाव व 12 व भाव केके वामी होते है. ऎे म वे इ लन केके लये ु भ ह हो ाते है . अत : मेष लन केके य को ुख खरा रा रन
ैव धारण करक ै करकेे रखना चादहए . इ रन को धारण करने े का ु ल ल , योयता , जान , धन र उती ती है. ुख खरा रा रन 6" री का तनी न ी उंली मे ुवार वार को ोना या चां मे
ोने का टां का लवाकर धारण करे | वृ षभ षभ लन -ुख खरा रा रन | Eect o Pukhraj Ratna on Taurus Lagna-- वृ षषभ भ लन म ुु अम व एका एका भाव केके वा वामी मी है . इ लन के य य को ुख खरा रा रन क केे वल ु क महाा म ही धारण करना चादहए . | ुख खरा रा रन 6" री का तनी नी उंली मे ु वार को ोना या चां मे ोने क ा टांका लवाकर धारण करे | मुन लन -ुखरा खरा रन :-- - इ लन केके लये ु तम व म भाव क केे वामी है . इ लन के इ रन को धारण कर कते है. इ रन को धारण करने र मुन लन के य क कोो ुख ख -मृ ेा . | ुखरा खरा रन 6" री का तननी ी उंली मे ुवार वार को ोना या चां मे ोने का टांका का लवाकर धारण करे | कक लन -ुखरा कक खरा रन | Impact o Pukhraj Stone on Cancer Lagna-- कक कक लन केके लये ु छठे छठे भाव व नवम भाव केके वामी होते है . नवमे होने क केे कारण इ लन केके लए दवेष ुभफलकारी भफलकारी हो ाते है. ा ही ये लने च क केे म भी है . इन य को यह रन ैव धारण करके करके रखना चाही . | ुखरा खरा रन 6" री का तननी ी उंली मे ुवार वार को ोना या चां मे ोने का टां का लवाकर धारण करे | सह लन -ुखरा रन | Pukhraj Ratna -Eect on Leo Lagna-- सह लन म ु ंचचमम र अम भाव क केे वामी होकर मयम तर केके ुभ है . ंचचम म भाव दकोण भाव है, इ दत म इ ह का रन ु खरा सह लन केके धारण कर ुभ फल पात कर कते है. | ुखरा खरा रन 6" री का तनी नी उंली मे ु वार को ोना या चां मे ोने का टांका का लवाकर धारण करे | कया लन -ुख खरा रा रन | Yellow Sapphire or Virgo Lagna-इ लन केके लये ु चतु व तम भाव केके वामी होते है . तम भाव मारके मारके ान भी है. दफर भी इ लन केके लये ु ामाय े अधक ुभ फल ेता है . इल इलयेये इ लन के इ रन को धारण कर कते है. | ुखरा खरा रन 6" री का तनी न ी उंली मे ु वार को ोना या चां मे ोने का टांका का लवाकर धारण करे |
तुल लाा लन -ुखरा रन | In Inu uen ence ce o Pu Pukh khra rajj Ston Stone e or or
Libra Lagna-- तुला ला लन म ु तीरे व छठ छठेे भाव का वामी है. इ लन केके य को यह रन कभी भी धारण नह करना चादहए . वृ शक शक लन -ुख खरा रा रन :-- वृ शशक क लन क केे लये ु रे व ंचचमम भाव क केे वामी है . यह लने मंल ल का म भी है. इलये इ लन केके ु खरा धारण कर कते है, इक इकेे ा ही इह मू ा ंा भी धारण करना चादहए . | ुख खरा रा रन 6" री का तननी ी उंली मे ुवार वार को ोना या चां मे ोने का टां का लवाकर धारण करे | धनु लन धनु लन -ुखरा रन | Inu Inue enc nce e o Puk ukhr hraj aj Sto Stone on Sagittarius Lagna-- इ लन केके य को को ुख खरा रा रन अवय धारण करना चादहए . इ लन केके लये ु लन व चतु भाव केके वामी होते है . | ुख खरा रा रन 6" री का तनी न ी उंली मे ु वार को ोना या चां मे ोने का टां का लवाकर धारण करे | मकर लन -ुखरा रन | Eect o Pukhraj Ratna on Capricorn Lagna-- मकर लन केके लये ु तीरे व ा भाव के वामी होने के कारण अुभ ह हो ाते है . इ लन केके य को को ुख खरा रा रन धारण नह करना चादहए . | ुख खरा रा रन 6" री का तननी ी उंली मे ुवार वार को ोना या चां मे ोने का टांका लवाकर धारण करे | कु लन -ुखरा रन |
Pukhraj Stone or Aquarius
कु लन केके लये ु रे व एका भाव क केे वामी होते है . क ंु भ लन का वामी Lagna-दन इनका म भी नह है . इलये ु खरा रन को महाा म या दवे ष रदतय म धारण करना चादहए . | ुखरा खरा रन 6" री का त ननीी उंली मे ुवार वार को ोना या चां मे ोने का टां क का ा लवाकर धारण करे | मीन मीन लन लन -ुखरा रन | Benef Benefts ts o Yel ellow low Sa Sapp pphir hire e o orr Pisces Lagna-- इ लन केके लये ु लने व मे होने केके कारण अयधक ुभ भ ह होते है. मीन लन केके य को ुखरा खरा आीवन धारण करके करके रखना चादहए . | ुख खरा रा रन
6" री का तननी ी उंली मे ु वार को ोना या चां मे ोने क ा टांका लवाकर धारण करे |
ुखरा रा रन रन के ा ा या हने ? | What Should I Wear with
Pukhraj Stone ुख खरा रा रन करने वाला इ रन के ा -ा एक ही मय म मोती , मू ा ंा र माशणय व इनकेे उरन धारण कर कता है. इनक ुखरा रा रन रन के ा या न हने हने ? | What not to Wear with Pukhraj Ratna ुख खरा रा रन धारण करने वाले को इे धारण करने क केे ा या इ रन केके ा ा , नीलम व हीरा धारण नह करना चादहए . इक इकेे अदतर इक इकेे ा इन रन क केे उरन धारण करना भी अनुकुल नह रहता है. |
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ा रन मेष लन - ाा रन रन | Panna Stone or Aries Lagna-मेष लन के य को ुध रन ा धारण नह करना चादहए . इ लन क केे लये ुध तीरे वे छठे छठे भाव केके वामी होनेक े कारण अनु कु ल फल ेने म अम ह ोते है . | वृ षभ षभ लन -ा रन | Benefts o Panna Ratna or Taurus Lagna. वृ षभ षभपकार लन केकेे लये र वृं षभ चभम लन भाव केक केकेे वामी लनेलाभ ु केके म भी है. अत : ोन ुभ ुहैध. रे इलये ष चम हैा ाा धारणहीकर पात कर कते है. इे धारण करने े को ु ल , य , भायोय ेता है. | ा रन 6" री का कदनका उंली मे ु धवार को चां या ो मे धारन करे | मुन लन -ा रन रन :-- -मुन लन केके लये ुध रन ा लने का रन होने क केे कारण वा ा ुभ है. इ लन केके इे दनं कोच धारण कर कते है ..|| ा रन 6" री का कदनका उंली मे ुधधवार वार को चां या ो मे धारन करे |
कक लन -ा रन | Panna or Cancer Lagna-कक कक कक लन म ु ध तीरे व ा भाव का वामी है. इ लन केके य का इ रन को धारण करना ुभ नह है. |
सह ल लन न -ा रन | Impact o Panna Ratna on Leo Lagna-सह लन केके य क केे लये ुध रे व एका भाव केके वामी है . रतु लने के म नह है. ऎे मइ रन को केके वल महाा अवध म ही धारण करना चादहए . | कया लन -ा रन | Eect कया ect o Panna nna Stone on Virgo Lagna इ लन केके लये लये ुध लने र मे है. क ंु डली के ये ोन ही भाव ुभ है . इलयेये इ लन केके य इल य का ा रन धारण करना ुभ रहेा ा . इे धारण करने े को कै रयर र वाय ोन ुख पात हो..||ा रन 6" री का कदनका उंली मे ु धवार को चां या ो मे धारन करे | तुल लाा लन -ा रन :-- तुला ला लन के य के लये ुध नवम यादन भाय भाव र ा यादन य भाव केके वामी है. ुध यहां भाये होने केके कारण अयधक ुभ हो ाते है. इ रन को धारण करने े के ीवन केके भी े क ाधा म कमी होी .|ा रन 6" री का कदनका उंली मे ु धवार को चां या ो मे धारन करे | वृ शक शक लन -ा रन :- - वृश शक क लन क केे लए ुध अम भाव र एका भाव केके वामी है. इ लन केके य को ा रन धारण करने े चना चादहए इके इके ान र मोती धारण करना इ लन के लये ेह ह ुभ रहेा ा ..|| ा रन 6" री का कदनका उंली मे ु धवार को चां या ो मे धारन करे | धनु लन -ा रन :- -इ लन म ु ध क दत तमे र मे क होती है . इ लन केके लये ुध मयम तरीय ुभ है. इे धारण करने े फल भी मयम तर क केे ही पात हो |. मकर लन -ा रन मकर लन म ु ध ष भाव र नवम भाव क केे वामी होते है. यहां ु ध भाये होने के कारण दवेष े ुभ हो ाते है. ा ही लने दन क केे म भी है . इ लन केके इ रन को अवय धारण कर.
|ा रन 6" री का कदनका उंली मे ु धवार को चां या ो मे
धारन करे |
ect o Emerald on Aquar uarius कु लन -ा रन | Eect Lagna-कु लन म ु ध 5 व र 8 व भाव केके वामी है . इ लन केके ा , ंतान तान
आ दवषय को पात करने केके लये इ रन को धारण कर कते है . |ा रन 6" री का कदनका
उंली मे ु धवार को चां या ो मे धारन करे | मीन लन -ा रन | Panna or Pisces Lagna-मीन लन केके लये ुध चतु र तम भाव केके वामी होते है. इ लन केके लये ुध तमे ुध मारके मारके होते है. इ कारण े इे ु ध दक महाा अवध म ही धारण करना अधक उचत रहता है . | ा रन केके ा या या हने ? | What Should I Wear with Panna Stone?-ा धारण करने वाला ेे क केे ा -ा एक ही मय म नीलम , हीरा र इनकेे उरन धारण कर कता है. इनक ा रन केके ा या या न हने? | What Not to Wear with Panna Ratna ा रन धारण करने वाले को इे धारण करने केके ा या इ रन क केे ा मोती , मू ा ंा र माशणय धारण नह करना चादहए . इक इकेे अदतर ा रन केके ा इन रन क केे उरन धारण करना भी अनुकु ल नह रहता है . अर आ अने लये ुभ भ -अुभ रन के ारे म ू री ानक ानकाारी चाहत चाहतेे ह ततोो आ astrobix.com क रन रोट नवाय. इम आके के कैरयर , आ आक क मामले, रवार , भाय , ंतान तान आ केके लये ु भ रन हनने दक दवधी व अय ानकारी केके ा ये ये ह :
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ं ा रन मू ा
मू ंाा रनमेष लन -मू ा ंा रन | Moonga Ratna or Aries Lagna--मेष ष लन केके य के लये मंल ल लने र अमेष होते है . इ लन केके लये लने होने केके कारण मंल ल ुभ है. अत : मेष लन केके य का मू ंाा रन धारण करना ुभ है . इे धारण करने े इह , वाय , मान व पदता क पात होी . | मूा ं ा रन रन 5" री का तांेे मे तनी नी या अनामका मे मंलवार लवार को धारण करे |
वृ षभ ष भ लन -मू ंा र रनन | Inuence o Red Coral on Taurus
Lagna-- वृ षषभ भ लन म मं ल 7 वे ओर 12 व भाव केके वामी है . ो ुभ नह है. इ दत म इ लन क केे य य को को मं ल रन मू ा ंा नह धारण करना चादहए . दवेष दत म इे मं ल महाा म धारण दकया ा कता है . | मूा ं ा रन रन 5" री का तांेे मे त ननीी या अनामका मे मंलवार लवार को धारण करे | मुन लन -मू ा ं ा रन | Eect o Moonga Stone on Gemini Lagna-- इ लन केके लये मंल ल क दत 6 व व 11 व भाव केके वामी क केे म होती है . इ लन केके इ रन को केके वल मंल ल महाा म ही धारण करे , तो इे मलने वाले फल के लये ु भ रहते है . | मू ा ंा रन 5" री का तांेे मे त नी या अनामका मे मं लवार को धारण करे
| कक लन -मू ंाा रन :-- कक कक कक लन का वामी च र मंल ल ोन म है . इ लन म मं ल 5 व व 10 व भाव केके वामी है . ऎे म ककक लन केके य को मू ंाा रन धारण करना ुभ फल ेता है . इन य को इ रन को धारण करने े ु ल ल , कैरयर क ाधा ाधा म कमी र ा का हयो आीदवका े म पात होता है . | मू ा ंा रन 5" री का तांेे मे तनी न ी या अनामका मे मंलवार लवार को धारण करे | सह लन -मू ंाा रन :== सह लन म मं ल चतु व नवम भाव केके वामी है . लने ूयय क े म भी है. इ कारण े सह लन केके य को मू ंा ा रन अवय धारण करना चादहए . इे धारण करने े केके भाय म वृ होती है . र ीवन म ु ख -ंदत दत नी रहती है. | मूा ं ा रन 5" री का तांे ेमे त नी या अनामका मे मं लवार को धारण करे | कया लन -मू ंा र रनन | Eect o Moonga Stone on Virgo Lagna-- क कया या लन के लये मंल ल तीरे व आंठवे ठवे भाव केके वामी है . ये ोन भाव अुभ है . इलये कया कया लन क केे य को मू ा ं ा कभी भी धारण नह करना चादहए . | मू ा ंा रन 5" री का तांे ेमे त नी या अनामका मे मं लवार को धारण करे | तुल लाा लन -मू ं ा रन रन | Red Red Co Cora rall o orr Libr Libra a Lagn Lagnaa--- तुला लन के य केके लये मंल ल रे र ांतव तव भाव केके वामी है . ोन ही भाव मारक भाव है . हां तक हो
के इ लन केके य को इ रन को धारण करने े चना चादहए . मंल के ल महाा म को यह रन आक आक दत र वैवादहक वादहक ीवन को ुख खमय मय नाये रखने म हयो करे ा . ा ही
ारीरक क ा ेा . | मू ा ंा रन 5" री का तांे ेमे त नी या अनामका मे मंलवार लवार को धारण करे | वृ शक शक लन -मू ंाा रन :-- वृशशल ल लन म मं ल लने होते है . इलए वृ शक श क लन केके मू ा ं ा अवय धारण कर. | मू ा ंा रन 5" री का तांे ेमे त नी या अनामका मे मं लवार को धारण करे | धनु लन -मू ंाा रन | Impact o Moonga Ratna - Eect on Sagittarius Lagna-- इ लन केके लये लये ये 5 व र 12 व भाव केके वाम वामीी है . इ लन केके य का मंल ल रन मू ा ंा धारण करना अनुकुल रहता है . इे धारण करने े ं तान ुख ख , ुल ल , य र पदता क पात होी . | मूा ं ा रन 5" री का तांेे मे त नी या अनामका मे मं लवार को धारण करे | मकर लन -मू ंाा रन | Eect o Moonga Stone on Capricorn Lagna-- मकर लन म मं ल चतु र एका भाव केके वामी है . इ लन केके इ इेे धारण कर कते है. | मू ा ंा रन 5" री का तांेे मे तनी न ी या अनामका मे मंलवार लवार को धारण करे | कु लन -मू ा ं ा रन | Inuence o Red Coral on Aquarius Lagna-- कु लन म मं ल तीरे व व भ ाव केके वामी है . मयम तर केके ुभ होने के कारण इे केके वल मंल ल महाा म ही धारण करना चादहए . इ लन केके इे धारण न करक करकेे नीळम रन धारण करने तो अधक ुभ रहेा ा . मंलवार लवार को धारण करे |
ंा रन 5" री का तां ेे मे त ननीी या अनामका मे | मू ा
मीन लन -मू ंाा रन | Moonga Ratna or Pisces Lagna-- मीन लन म मं ल रे व नवम भाव केके वामी वामी है . इ लन केके य क कोो हमे ाा मूा ं ा रन धारण करके रहना चादहए . यह रन इ लन केके य क केे भाय क ाधा को हटाने म हयो करे ा . | मू ंाा रन 5" री का तांेे मे त नी या अनामका मे मं लवार को धारण करे | मू ंा रन के ा या हने ? | Wha hatt Sho houl uld d I Wear wit ith h
Moonga Stone? मू ंाा रन धारण करने वाला इक इकेे ा म मोती , माशणय र ुख खरा रा या इह रन क केे उरन
धारण कर कता है. इ रन को धारण करनेक दवध , रन फल र अय ानकारी केके लए मू ंाा रन क केे ा या या न हने ? | What not to wear with Moonga Stone मू ंाा रन क केे ा कभी कभी भी एक ही मय म हीरा , नीलम या ा धारण नह करना चादहए . इके अदतर मूा ं ा रन केके ा इही रन क केे उरन धारण करना भी ुभ फलकारी नह रहता है.
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मोती रन
मेष लन -मोती रन :-- मेष लन केके लये च च चतु भाव क केे वामी है . इके ा ही ये लने मंल लक केे म भी है. इीलए मेष लन क केे य केके लये ये दवे ष े ुभ हो ाते है . इ लन के य को मानक ात , मातृ ुख ख ु , दवधा पात के लये मोती रन धारण करना चादहए . | मोती रन 8" री का कदनका उंली मे ोमवार को चाँ मे नवाकर धारण करे | ले मे भी मोती रन को धरण दकया ा कता है | वृषभ लन -मोती रन Im Impa pact ct o Moti Moti Ratn Ratna a on Tau auru rus s Lagna-- वृ षषभ भ लन क केे लये च तीरे तीरे भाव केके वामी है . इ लन केके य को को यह रन काद नह हना चादहए . मुन लन- मोती रन Inuence o Pearl on Gemini Ascendant-- मुन लन केके य केके लये च रे भाव यादन धन भाव क केे वामी है . इ लन केके य को यह रन केके वल च महाा / अता म ही धारण करना चादहए . रे भाव को मारके मारके भी कहा ाता है . इलये हां तक ंभ भवव हो इ लन क केे य को यह रन धारण करने े चना चादहए . कक लन -मोत कक मोतीी रन :-- इ लन केके लये च लने होकर वा ा ुभ हो ाते है . इ लन के य को मोती धारण करने े वाय ु ख क पात होी . आयु ेी . | मोती रन 8" री
का कदनका उंली मे ोमवार को चाँ मे नवाकर धारण करे | ले मे भी मोती रन को धरण दकया ा कता है |
सह लन -मोती रन Moti Ratna - Eect on Leo Ascendant-- सह लन म च ारहव भाव केके वामी है . इलये इ लन केके य क केे लये मोती धारण करना अनु कु ल नह है . | कया लन -मोती रन Moti Ratna - Impact on Virgo Lagna-इ लन म ककक रा एका भाव क रा नती है . कक कक रा वामी चच का रन मोती कया लन के य को केके वल च महाा र अत अता म ही धारण करना चादहए . योदक च र लने ुध ोन म ं रखते है . | मोती रन 8" री का कदनका उंली मे ोमवार को चाँ मे नवाकर धारण करे | ले मे भी मोती रन को धरण दकया ा कता है | तुल लाा लन -मोती रन Signifcance o Wearing Pearl Stone by Libra Ascendant Ascendant Pers Person-on-- तुल लाा लन केके य य क कोो मोत मोतीी रन धारण करने े य , मान -धम, दतृ ुख ु र धम काय म च ेता है . | मोती रन 8" री का कदनका उंली मे ोमवार को चाँ मे नवाकर धारण करे | ले मे भी मोती रन को धरण दकया ा कता है | वृशक शक लन -मोती रन :-- इ लन केके लये च नवम भाव केके वामी है . नवम भाव भाय भाव है. इलये वृ शशक क लन क केे लये मोती भी रन म व े फलकारी रहते है . | मोती रन 8" री का कदनका उंली मे ोमवार को चाँ मे नवाकर धारण करे | ले मे भी मोती रन को धरण दकया ा कता है | धनु लन -मोती रन Eect o Moti Ratna on Sagittarius Ascendant-- इ लन केके लये ये अम भाव केके वामी है . धनु लन केके मोती रन कभी भी धारण न कर. मकर लन -मोत मोती रन रन Impact o Moti Ratna or Capricorn Ascendant -- मकर लन केके लये च च तम भाव है . तम भाव भी मारक भाव है . इ दत म मोती रन दवे ष रदतय म ही धारण करना चादहए . ऎे म इ रन को च महाा
म धारण करना चादहए . हा हा तक भव हो , इ ल न क लय लय नीलम रन ही धारण करना चादहए . | कु लन -मोती रन Pearl - Its Eect o Aquarius Sign-- कु
लन केके लये च छठे छठे भाव केके वामी है . कु लन केके मोती रन कभी भी धारण न कर. मीन लन -मोती रन Imp Impact act o Pear Pearll on Pisces Pisces Lagn Lagna-a-- मीन लन केके लये च दकोण भाव केके वामी है . यह भाव ुभ है. इलये इ भाव का रन धारण करना ुभ रहेा ा . इे धारण करने े को ं तान तान , दवा , ु का लाभ ेते है . | मोत मोतीी रन 8" री का कदनका उंली मे ोमवार को चाँ मे नवाकर धारण करे | ले मे भी मोती रन को धरण दकया ा कता है | मोती मोती रन के ा ा या हने हने ?What Should I Wear with Pearl Stone मोती रन धारण करने वाला इके इके ा म माशणय , मू ा ंा र ुख खरा रा या इह रन क केे उरन धारण कर कता है. मोतीी रन केके ा या मोत या न हने हने ? What Should I not Wear with Moti Ratna मोती रन केके ा कभी भी एक ही मय म हीरा , नीलम या ा धारण नह करना चादहए . इके अदतर मोती रन केके ा इही रन केके उरन धारण करना भी ुभ फलकारी नह रहता है.
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नीलम रन
मेष लन - नीलम रन | Neelam Ratna or Aries Lagna--मेष लन के लये दन म व एका भाव केके वामी है . आदवका काय र आय वृ क केे लये इ रन को
|नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचा चा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चे क करने केके ा ही धारण करे धारण दकया ा कता है. ा ही इे दन क महाा म धारण करना चादहए .
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वृ षभ लन -नीलम रन | In Inue uenc nce e o Blu Blue Sapph phiire on Taurus Lagna--इ लन केके लये दन लने ु केके म है . व दन दक दत यहां
र नवमे व मे क होती है. इ लन केके लये दन े अधक ुभ फल ेने वाले ह है . इ
| नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचचाा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चे क करने केके ा ही धारण करे | लन केके य को नीलम रन , हीरे केके ा धारण करना चादहए .
मुन लन -नीलम रन :== मुन लन दक कु ं डली म दन अम भाव व नवम ान का वामी नता है. दन मुन लन क केे लये ुभ होने क केे कारण , इ लन का अर नीलम धारण कर तो उकेे लाभायक रहता है. इक उक इकेे ा ही ऎे य को लने ुध आ रन ा व नीलम ोन एक ा धारण करने चादहए . |नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचचाा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चेक करने केके ा ही धारण करे | कक लन -नीलम रन | Impact o Neelam Stone on Cancer कक Lagna-- कक कक लन क क ुं डली म दन तम र अम ान केके वामी होते है . अत : कक कक लन केके को नीलम धारण नह करना चादहए . सह लन -नीलम रन | Blue Sapphire or Leo Lagna--सह लन क कु डली म दन छठे व ां तव भाव केके वामी वामी होते हे . इ लन केके य क कोो नीलम धारण करने े चना चादहए . अर दवेष रदतय म इे धारण करना ही डे तो क केे वल दन महा महााा म इे इे या ाँचा चा धातु मे मयमा उंली मे धारण करना चादहए . |नीलम 4" या 6" री न का चां दनवार को चेक करने केके ा ही धारण करे |
| Neemal Stone Benefts or Virgo कया लन नीलकया म रलन न केके लये दन ंचम Lagna-चम व छठे भाव का वामी नता है . कया लन केके य का नीलम रन धारण करना ु भ रहेा ा . |नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचचाा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चे क करने के ा ही धारण करे | तुल लाा लन -नीलम रन :-- तुला ला लन क कुकु डली म दन चतु व ं चम भाव केके वामी है . इ लन के इ रन को धारण करने र लाभ पात करे . |नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचचाा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चे क करने के ा ही धारण करे |
वृ शक शक लन -नीलम रन :-- वृ शशक क लन क कु डली म दन तीरे व चतु भाव केके वामी है . इ लन केके लये ये ुभ नह है . इ दत म इ लन क केे य को नीलम रन धारण नह करना
चादहए . धनु लन -नीलम रन :"-- धनु लन केके लये दन रे व तीरे ान का वामी है . क ंु डली के इन ोन भाव को अुभ माना ाता है . के वल रवार व ं चय चय ोन ही दतय म इ रन को धारण दकया ा कता है. वह भी अर दन महाा म धारण दकया ाये तो ु भ रहता है . |नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचा चा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चे क करने केके ा ही धारण करे |
मकर लन -नीलम रन मकर लन के दन तीरे भाव केके वामी व लने होते है . लने होने केके कारण ुभ ह है. लने दन का रन धारण करने े इ लन के य को को लाभ पात होा . | नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचा चा धातु मे मयमा उंली मे दनवार को चे क करने के ा ही धारण करे | कु लन -नीलम रन | Signifcance o Neelam Stone or Aquarius Lagna--क ुं भ लन क कु डली म दन एका व ा ान का वामी चा है. क ंु भ लन केके दन रन नीलम धारण कर. |नीलम 4" या 6" री न का चां या ाँचा धातु मेम यमा उंली मे दनवार को चे क करने के ा ही धारण करे | मीन लन लन -नीलम रन | Ee ect ct o Nee Neela lam m Gemstone on Pisces Lagna--मीन लन क कु डली म दन एका व ा ान का वामी है . इ . लन केके य को दन रन नीलम धारण नह करना चादहए नीलम रन केके ा या या हने ? | What Should I Wear with Blue Sapphire नीलम रन केके ा ा र हीरा धारण दकया ा कता है. या दफर इके इके ा ा र हीरा रन के उरन भी धारण करने े लाभ पात होता है . नीलम रन के ा या न हने? | What Not to Wear with Neelam Stone
नीलम रन धारण करने केके ा इके इके ा कभी भी को माशणय , मोती , ुख खरा रा व मूा ं ा धारण नह करना चादहए . ा ही नीलम केके ा इन रन म े दकी एक का भी उरन धारण नह करना
चादहए . दन महांययो ो : कौन हन दन रन र कौन हन घोड़े क नाल क अं ूठठ अ दन वालेाढ़ ह।े दन खुार े लए े अर लए ।हरान रा केे लो अनीेवकु ं लने डली र ाढ़े ाती ाती क केको े अनु ारकरने दनकेकरन रर घोड़ेुरेरक नालेकचने अंुठ ठु के हन दक क रा केके लो हन रन र कौन हन घोड़े क नाल क अं ूठठ मेषष - मेष रा वाल क केे लए दन का रन लाभायक हो कता है। दन का रन हनने े लाभ ढ़ता है र नौकरी े ा लो को काय े े म फलता मलती है । वृषष - इ रा केके लो दन रन नीलम केके ा हीरा भी हने तो इनको हर तरफ े फलता मलेी।ी। दने र नौकरी म लाभ चाहते ह तो दकी दवान को अनी कु ं डली ख कर नीलम हन ल आको लाभ होा। मुन न - नीलम रन दन क ा म हनने े मु न रा वाल केके धन र भाय म वृ होी। इ रा वाल को हनना चादहए। कक - कक कक कक रा वाल को दन का रन नही हनना चादहए इनके इनके लए दन का रन अुभ फल ेने वाला रहेा ा लेदकन ैै या या केके कारण इ रा क केे लो घोड़े क नाल क अंुठठ ु हन इ रा वाल दन े ंंंधत धत ान । सह - इ रा का वामी ूयय दन का ु ह है र इ रा वाल े ाढ़ेाती भी खम हो ाएी।। इलए सह रा केके ातक नीलम नही हन। इ रा वा ाएी वाल ल को भी फ दन क केे उाय करना चाहए। कया - 15 नवंर र े इ रा वाल र दन का अं दतम ैै या या रहेा ा ो दक लाभ ेने वाला रहे ा। इ रा केके लो घोड़े क नाल क अंुुठठ हन। तुला ला - तुला रा वाल केके लए दन रायो कारक है। दन का रन हनने े तु ला रा वाल क केे , पदता म वृ होी र वाय अा रहेा।ा। इ रा वाल र ाढ़ेाती का रा चरण ु होा। वृशक शक - दन का रन इ रा वाल को ाढ़ेाती म ु रे अर े चाएा। ये रन भूम म , मकान , वाहन आ े ं ंधत धत लाभ र ेा।
धनु इ रा क लो क लए नीलम हनना ुभ नही रहता ह। ह। इ ु ढ़त हह।। महनत म हनत करन क ा भी ूरेर े रणाम नही मलते। इ ररा ा वाल र ाढ़े ाढ़े ाती ाती भी नह है ।
मकर - इ रा का वामी दन है इलए मकर रा वाल केके लए नीलम रन धारण करना अयंतत ुभ होा। इे इनक नकेे वाय , धन , आयु, दवा म वृ होी। क ंु भ - दन क रा होने के कारण इ रा क केे लो केके लए नीलम त फायेमं रहेा।ा। इे धन म वृ होी। खच कम होा। मीन - मीन रा केके लोो को नीलम रन नह हन हनना ना चादहए ले दकन दकन ैै या या क केे चलते घोड़े क नाल क अंू ठ ठू हन ल।
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| Di Dia amon ond d St Ston one e o orr Ar Arie ies s
Lagna मेष लन म ु रे व तम भाव केके वामी है . क ुं डली क इन ोन को मारक भाव कहा या है . इलये मेष लन क केे य को हां तक हो के के हीरा धारण करने े चना चादहए . री होने र के वल ु महाा म ही इे धारण करना चादहए . | ु वार केके न चां मे अनामका उंली मे धारण करे | हीरा 3 री का या हीरे का उरन ओल 6 री का चाँ मे ु वार को धारण करने े भी लाभ मलता है | वृ षभ ष भ लन -हीरा रन | Eec Eectt o Heer Heera a St Ston one e on Tau auru rus s
Lagna इ लन म ु लने व ंचमे चमे होते है . इलये इ लन के य को हीरा ैैव धारण करके करके रखना चादहए . यह रन को आयु वृ , वाण ण दवका व आक आक पदत ेता है . हीरा 3 री का या हीरेक ा उरन ओल 6 री का चाँ मे ु वार को धारण करने े भी लाभ मलता है | मुन लन -हीरा रन | Inuence o Heera on Gemini Lagna-- मुन लन म ु ये व ंचमे चमे होते है . इ लन केके हीरा ैव धारण कर .
| हीरा 3 री का या हीरे का उरन ओल 6 री का चाँ मे ुवार वार को धारण करने े भी लाभ
मलता है |
कक लन -हीरा रन | Diamond or Cancer Lagna-- इ लन केके ु कक चतु व एकाे ु होते है . यहां र ये लने च च क केे म भी नह है . इलये केके वल ु महाा अवध म ही इे धारण करना चादहए . | ु वार केके न चां मे अनामका उंली मे धारण करे | हीरा 3 री का या हीरे का उरन ओल 6 री का चाँ मे ु वार को धारण करने े भी लाभ मलता है सह लन -ही हीरा रा रन रन | Impact o Heera Gemstone on Leo Lagna-- सह लन केके लये ु तीरे व म भाव क केे वामी है . इलये सह लन वाल को हीरा धारण नह करना चादहए . दफर भी ेह ह री होने र इे क केे वल ु महाा म धारण करना चादहए . |हीरा 3 री का या हीरे का उरन ओल 6 री का चाँ मे ु वार को धारण करने े भी लाभ मलता है | कया लन -हीरा रन | Heera Stone - Eect on Virgo Lagna कया लन म धने व भाये ु है . इ लने केके लये ु े अधक ुभ फल ेने वाले ह है . इलये इ लन क केे य को लये ु रन हीरा ैव धारण करना चादहए . | हीरा 3 री का या हीरे का उरन ओल 6 री का चाँ मे ु वार को धारण करने े भी लाभ मलता है | तुल लाा लन -हीरा रन :-- तुल लन केके लए ु लने ता अमे नते है . तुल लाा लन क केे य के लये हीरा वाय कवच का काम करेा ा . इलय इलयेे इ लन क केे ही हीरा रा अवय धारण कर . ु वार क केे न चां मेअ नामका उंली मे धारण करे | वृ शशक क लन लन -हीरा रन | Diam Diamon ond d Ge Gems msto tone ne or or Scor Scorpi pio o Lagna-- वृ शशक क लन क केे लए ु तम व य भाव केके वामी होने क केे कारण मयम तरीय ुभ होते है . इलये वृ शक श क लने के हीरा नह हन . | धनु लन -हीरा रन | Eect o Heera Stone on Sagittarius Lagna-- धनु लन क केे लये ु छठे व यारहव, ान का वामी होते है. इ लन केके भी आय वृ केके अलावा अय दवषय केके लये हीरा न हन .
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मकर लन -हीरा रन रन मकर लन लन केके लये ु ंचमे चमे व मे होते है . इ लन केके लये ु ुभ भ फल ेने वाले ह है. अत : इ लन केके हीरा अवय धारण कर . | ु वार क केे न चां मे
अनामका उंली मे धारण करे | कु लन -हीरा रन | Benefts o Diamond or Aquarius Lagna-- क ुं भ लन के लये ु चतु व नवमे होते है . ु यहां योकारक ह होने के कारण ेहह ुभ हो ाते है. अत : क ुं भ रा क केे हीरा अवय धारण कर | हीरा 3 री का या हीरे का उरन ओल 6 री का चाँ मे ु वार को धारण करने े भी लाभ मलता है | मीन लन -हीरा रन | Heera Gemstone or Pisces Lagna-मीन लने केके लये ु तृतीय तीय भाव व अम भाव केके वामी है . इ लन केके हीरा धारण न कर . | हीरा रन केके ा या या हने ? | What Should I Wear with Heera
Stone हीरा रन केके ा ा र नीलम व इही रन केके उरन धारण दकये ा कते है . | ु वार केके न चां मेअ नामका उंली मे धारण करे | हीरा रन के ा या न हने? | What Not to Wear with Diamond हीरा रन केके ा कभी भी को हीरा को माशण माशणयय व मोती मोती व ु ख खरा रा धारण नह करने चादहए .इके अदतर इह इह रन का उरन धारण करना भी ुभ फल नह ेा . दवशभ
लनो
के
अनुार
रन
:-
https://www.acebook.com/veejastro १. मेष लन क केे मोती , माशणक र ुखरा खरा धारण कर कते है | २. वृष लन केके हीरा , ा र नीलम धारण कर कते है यहा नीलम भाये रन होने केके कारण दवेष योकारक है |
३. मुन लन केके ा दवेष योकारक होता है | ४. कक कक लन केके मू ा ंा , मोती र ुखरा खरा धारण कर कते है यहा मू ंाा दवेष योकारक माना
या है | ५. सह लन केके ातक माशणक , मू ा ंा धारण कर कते है | मूा ं ा भायोय कारक है | ६. कया लन केके ातक ा र दवेष रदत म नीलम धारण कर कते है | ७. तुला लन केके ातक ा र नीलम धारण कर कते है | ८. वृशक शक लन केके मोती मोती र माशणक धारण धारण कर कते कते है | दवेष रदत म मू ंाा धारण कर कते है | ९. धनुल न क केे ातक ु खरा र माशणक धारण कर कते है | १०. मकर लन केके हीरा र ा धारण कर कते है | ११. कु लन केके ातक हीरा र नीलम धारण कर कते है | १२. मीन लन केके केके लए ुख खरा रा र मोती दवेष योकारक होता है |
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अनेक ाधय का ामना करना ड़ता है । उक आक आक दत त ही डावाडोल रहती है । फलव फलव उक मानक मानक ता उके उके वैवादहक वादहक ीवन म भी हर घोलने लती है । ातक को
माता -दता केके नेह व ंश श े भी वंचत चत रहना ड़ता है। उके उके दनकट ंंधी ंधी भी नुकान कान ंचाने चाने े ा नह आते। कई पकार केके षडयं व मुकम कम म फंे ऐे ातक क ामाक पदता भी घटती रहती है। उे ार -ार अमादनत होना ड़ता है। लेदकन पदतकू पदतकू लता केके ावू ातक केके ीवन म एक ऐा मय अवय आता है चम चमकारक कारक ंं े उके भी क र हो ाते ह । वह चमकार दकी को े नह , अचानक घटत होता है। ूण ण मया के ा भी रत ड़ने र दकी च क इह कमी नह रहती है । यह दकी का ुरा रा नह करते ह। ो ातक इ यो े याा रेानी ानी महू करते ह । उहद ननलगखत उाय कर लाभ उठाना चादहए। अनुकू लन केके उाय उाय --- 1.पदतन इक माला 'ॐ नम : वाय ' मं का ा कर। रोाना भवान व का लाशभषेक कर।
2.कालोष ोष दनवारक यं घर म ादत करके करके र केके ते ल का क ला कर दनयमत ू न न कर। 3.ना केके ोड़े चां क केे नवाकर उह तां े के लौटे म रख हते ानी म ए क ार पवादहत कर । 4.पदतन नानोरांत नवनातो का ाठ कर। 5-काल ोष क ू ण ात ात आयु १२ या १५ के ा नाक यके यके र म क रराव ावेे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे | ********************* कुलक काल यो -- है | रा रे घर म हो र केके तु अम ान म हो र भी ह इन ोन ह केके ीच म हो तो कुकु लक नाम काल यो होा। ातक को अय का भी भाी नना ड़ता है । इ यो क वह े ातक क ढ़ाई -लखाई ामाय दत े चलती है र उका वै वादहक ीवन भी ामाय रहता है। रंतुतु आक आक रेादनय ादनय क वह े उके उके वैवादहक वादहक ीवन म भी हर घु ल ाता है। म ारा धोखा , ंतान तान ुख म ाध र वाय म ं घष कभी उका ीछा नह छोड़ते। ातक का वभाव भी दवकृ दवकृ त हो ाता है । मानक अंततुलन ल ु न र ारीरक ाधयां झेल लतेते -झेलते लते वह मय े हले ही ूढ़ा ढ़ ा हो ाता है । उके उके उ उाह ाह व राम राम म दनरं तर दरावट आती ाती है । उका कठन रमी वभाव उे फलता केके खर र भी ंचचाा ेता है। रंतुत इु फल को वह ू णतय त य : ुख खू ूवव क क
भो नह ाता है। ऐे ातक को इ यो क वह े होने वाली रे ादनय ादनय को र करने क केे लए दननलगखत उाय का अवलंनन लेना ना चादहए।
अनुकू लन केके उाय --- क ुं डली मे काल ोष ोष का ू ण उाय तो केवल नाक यके यके र मे होता है | वहा इ ोष क ूण ण ां दत का उाय होने े ुभ हो का ूण ण फल मलता है | तक नाक ूा ा नही करा ा रहे है त तक उरो छोटे छोटे उाय करते रहने े दन मलती है | अनुकू लन केके उाय --- 1.दवा दवा्न ्न रवती ी केके ी मं का एक वष तक ा कर र र दवधवत उाना कर।
2.ेवा , र ता लोहवान को उालकर उ ानी े वा महीने तक नान कर । 3.ुभ मुत त म हते ानी म क ोयला तीन ार पवादहत कर । 4.हनुमान मान चालीा का 108 ार ाठ कर। 5.ावण मा म 30 न तक महाेव का अशभषेक कर। 6.दनवार मंलवार लवार का त रख र दन मं र म ाकर भवान दनेव कर ू न कर व व तैलाशभषे लाशभषेक कर, इे तु रंत काय फलता पात होती है । 7.रा क ा आने र पदतन एक माला रा मं का ा कर र ा क ं या 18 हार हो ाये तो रा क मु यय मध वा े ू णादत दत हवन कराएं र दकी री को उड़ व नीले व का ान कर। 8-काल ोष क ू ण ात ात आयु १२ या १५ के ा नाक यके यके र म क रराव ावेे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे |
******************** क काल यो -- है | रा तीरे घर म र केके तु नवम ान म र इ ीच ारे ह त ह वाुक तो वाुक क नामक काल यो नता है । वह भाई -हन े भी रे ान ान रहता है। अय ारवारक य े भी आी खचतान नी रहती है। रतेार ार एवं मण उे पाय : धोखा ेते रहते ह। घर म ुख ख -ांदत दत का अभाव रहता है। ातक को मय -मय र ाध त करती रहती ह म अधक
धन खच हो ाने केके कारण उक आ क दत भी अामाय हो ाती है। अान क केे लए ातक को दवेष ंघघषष करना ड़ता है , दफर भी उम फलता ं ध रहती है। चंमा मा के ीदड़त होने क केे कारण उका ीवन मानक े उदन रहता है । इ यो केके कारण ातक को कानूननी ी मामल म
दवेष े नु कान उठाना ड़ता है। राय े पदतकूलता रहती है। ातक को नौकरी या वाय आ केके े म दनलन या नु कान उठाना ड़ता है। य ातक अने म ान े र ाकर काय कर तो अधक फलता मलती है । लेदकन दकन क कुु छ होने होने केके ा भी ातक अने ीव ीवनन म त त फलता पात करता है। दवल े उम भाय का दनमाण भी होता है र ुभ काय ान हे तु उे कई अवर पात होते ह। अनुकू लन केके उाय --- 1.नवना तो का एक वषत क पदतन ाठ कर ।
2.पयेक ुधवार धवार को काले वम उड़ या मू ं एक मु डालकर , रा का मं कर शभाटन करने वाले को े । य ान ले ननेे वाला कोई नह मले तो हते ानी म उ अ हो पवादहत कर । 72 ुधधवार वार तक करने े अवय लाभ मलता है । 3.महामृयु यु य ंय मंका का ा पदतन 11 माला रो कर, तक रा केके तु क ा -अंतता ा रहे र हर दनवार को ी दने दनेव का तैलाशभषे लाशभषेक कर र मं लवार को हनुमान मान ी को चौला चढ़ाय। 4.दकी ुभ मुत त म ना ा यं को अशभमंदत दत कर धरण कर। 5- काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यक यकेे र म करावे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे | ******************** ंखाल खाल काल यो है | रा चौे ान म र केके तु म ान म हो इके इके ीच ारे ह हो तो ंखाल खाल नामक काल यो नता है । इे घर -ार , मीन -ाया व चल - अचल ंश श ंंधी ंधी ोड़ी त कठनाइयां आती ह र उे ातक को कभी -कभी ेववह ह सचता घेर लेततीी है ता दवा पात म भी उे आं क े तकलीफ उठानी ड़ती है। ातक को माता े कोई , न कोई दकी न दकी मय आंक क म तकलीफ मलती है । वारी एवं नौकर क वह े भी कोई न कोई क होता ही रहता है। इम उह कु छ नु कान भी उठाना ड़ता है। ातक का वैववादहक ादहक ीवन ामाय होते ए भी वह कभी -कभी तनावत हो ाता है। चंमा मा केके ीदड़त होने केके कारण ातक मय -मय र मानक ंतुतल लन ु न खोया रहता है। काय के े म भी अने क दिवन आते ह। र वे दिवन कालातर म वत : न हो ाते ह। त ारे काम को एक ा करने क केे कारण ातक का कोई भी काम पाय :
ूरा र ा नह हो ाता है । इ यो केके पभाव पभाव े ातक का आक आक ंतुतुलन दड़ ाता है , कारण आक आ क ंक कटट भी उत हो ाता है। लेदकन इतना क कुु छ हो ाने के ा भी ातक को वाय ,
नौकरी ता रानीदत केके े म त फलताएं पात होती ह एवं उे ामाक पदता भी मलती है। य उरो रेानी ानी महू करते हत ो दननलगखत उाय कर । अवय लाभ मलेा।ा। अनुकू लन केके उाय --- 1.ुभ मुत त म मु य ार र चाँ का वतक एवं ोन ओर धतु े दनम त ना चका ।
2.ुभ मुत त म ू खे नारयल केके फल को ल मत ीन ार पवादहत कर । 3.86 दनवार का त कर र रा , के तु व दन केके ा हनुमान मान क आराधना कर। र हनुममान ान ी को मंलवार लवार को चौला चढ़ाय र दनवार को ी दनेव का तै लाशभषेक कर। 4.दकी ुभ मुत त म एकाी नारयल अने र े ात ार उतारकर ात ु धवार को ंाा या यमुनना ा ी मप वादहत कर । 5.वा महीने ौ केके ाने शय को गखलाएं । 6.ुभ मुत त म व तोभमडल यं को ूत त कर धरण कर। 7.दनय पदत हनुमान मान चालीा ढ़ र भोनालय म ै ठकर भोन कर। 8.हनुमान मान चालीा का 108 ार ाठ कर र ां च मंलवार लवार का त करते ए हनु ममान ान ी को चमेल लीी क केे तेल म घु ला सर व ू ं केके ल चढ़ाएं। 9.काल ोष दनवारण यं घर म ादत कर उका पदतन ू न कर र दनवार को कटोरी म र का तेल लेकर कर उम अना मु ह ं ेख एक का अने र र तीन ार घु ममाते ाते ए तेल म डाल र उ कटोरी को दकी री आमी को ान े अवा ील क ड़ म चढ़ा ।
10.वा महीने तक ौ के ाने शय को गखलाएं र पये क दनवार को चटय को कर मशत ू उनक नकेे दल र डाल । 11.दकी ुभ मुत त म ू खे नारयल केके फल को हते ल म तीन ार पवादहत कर ता दकी ु भ मुतत म दनवार क केे न हते ानी म त ीन ार कोयला भी पवादहत कर । 11-- काल ोष क ू ण ात आयु आयु १२ या १५ के ा नाक यक यकेे र म करा रावेवे |एक न क काल ोष ू ा क केे उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए
उाय दफर नही करना ड़ेे |
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द क ाल यो -- है | रा ंचम चम व केके तु एका भाव म ता इ ीच ारे ह ह तो द क ाल द यो नता है। इक इकेे कारण ातक केके दवाययन म कु छ वधान उत होता है । रंततुु कालातर म वह वधान मात हो ाता है। उह ं तान पाय : दवलं े पात होती है, या ंततान ान होने म आं क े वधन उत होता है। ातक को ंतान तान क पाय : सचता नी रहती है । ातक का वाय कभी -कभी अामाय हो ाता है। इ यो के कारण ाय ीवन ामाय ामाय होते ए भी कभी -कभी अधक तनावूण ण हो ाता है । रवार म ातक को अय मलने का भी भय ना रहता है । ातक के मण वा् होते ह र वे उका तन कराने म हायक होते ह । ातक को तनावत ीवन तीत करना ड़ता है। इ यो केके पभाव े ातक केके ु त ु भी होते ह । वे उे नु कान ंचाते चाते ह। उके उके लाभ मा मम भी आं क ाध उ उ होती रहती है एवं सचता के कारण ातक का ीवन ंघघषषममय य ना रहता है । ातक ारा अत श को पाय : रे लो हड़ ले ततेे ह। ातक को ाधयां भी घेर लेती ती ह। इला म अधक धन खच हो ाने केके कारण आ क ंक कटट उत हो ाता है। ातक वृावा ावा को लेक करर अधक सचदतत रहता है एवं कभी -कभी उके उके मन म ं या हण करने क भावना भी ाृत हो ाती है। लेदकन दकन इतना कु कु छ होने के ा भी एक मय ऐा आता है दक यह ातक आक आक े त मूत होता है , मा म मान -मान मलता है र कारोार भी ठक रहता है य यह ातक अना चाल -चलन ठक रख, मयान न कर र अने मक श को न हड़ेत ो उरो काल पदतकूल पभाव लाू नह होते ह ।
अनुकू लन केके उाय --- 1.ुभ मुत त म मु य ार र चाँ का वतक एवं ोन ओर धतु े मम ममत त ना चका । 2.ुल केके पम दनवार े त पारंभ क करर 18 दनवार तक त कर र काला वधारण कर 18 या 3 ाला रा केके ी मं का ा कर। दफर एक तन म ल वा र कु ाा लेक करर ील क ड़ म चढ़ाएं मीठा। रात चू रमा रोट ,लाकर मयानुील ार ार रेववड़ी ड़ी ड़ दतलमक के रे ख ने मीठे े वन कर र यही वतु ।एंभोन ान भीमकर म घ,ी मीठ का क क । ना ंचचमी मी का त भी अवय कर। 3.दनय पदत हनुममान ान चालीा का 11 ार ाठ कर र हर दनवार को लाल कड़े म आठ मु भोया चना व यारह केके ले ामने रखकर हनुममान ान चालीा का 108 ार ाठ कर र उन के ल को ं र को गखला र पयेक मंलवार लवार को हनुममान ान ी के मंर र म ू ं केके लडु का भो लाएं र हनुममान ान ी क पदतमा र चमेल लीी क केे तेल म घु ला सर चढ़ाएं र ा ही ी दनेव का तै लाशभषे लाशभषेक कर। ऐा करने े वाुक क काल यो क केे मत ोष क ांदत दत हो ाती है। 4.ावण केके महीने म पदतन नानोरांत 11 माला 'ॐ नम : वाय ' मं का करने केके उरांत वी को ेलव लव ाय का ध ता ंाल ाल चढ़ाएं ता ोमवार का त कर।
यकेे र म कराव रावेे |एक न क 5-- काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यक काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए
उाय दफर नही करना ड़ेे |
********************* द क ाल यो है | रा छठे भाव म र के के तु ारहवे भाव म र इके इके ीच ारे ह अवत महा द ह तो महा द द काल यो नता है । इ यो म ातक ु दवे ता होता है , दवे े ाार म लाभ कमाता है लेदकन दकन ाहर याा रहने केके कारण उके उके घर म ां दत का अभाव रहता है। इ यो के ातक को एक ही च मल कती है धन या ुख। ख। इ यो केके कारण ातक याा त करता है उे याा म फलता भी मलती है रतु कई ार अनो ारा धे खा खाने केके कारण उनक उनकेे मन म दनराा क भावना ाृत हो उठती है एवं वह अने मन म ु ता ालकर रखने वाला भी होता है । ातक का चर भी त ंेहा हो ाता है। उके उके धम क हादन होती है । वह मय -मय र ुरा रा व ेखता है। उक वृावा ावा कप होती है। इतना क कुु छ होने केके ा भी ातक क केे ीवन म एक अा मय आता है र वह एक अा लील ेने वाला वकल अवा ता रानीदत क केे े म फलता ाने
वाला नेता ता होता है। अनुकू लन केके उाय --- 1.ावणमा म 30 न तक महाेव का अशभषेक कर। 2.ुल ल के पम दनवार े दनवार त आरंभ करना चादहए। यह त 18 ार कर। काला वधरण करके 18 या 3 रा ी मं क माला । ततर एक तन म ल , वा र कुकु ले कर ील क ड़ म डाल । भोन म मीठा चू रमा , मीठ रोट मयानुार ार रेववड़ी ड़ी , भुा ा , दतल केके ने मीठ मीठेे ा ा ेववनन कर र यही ान म भी । रात को घी का क लाकर लाकर ी ील ल क ड़ के ा रख । 3.इलाहाा (पया ) म ं म र ना -नादन क दवधवत ून न कर ध केके ा ंमम म पवादहत करए वं ती रा पया म ं म ान म त ण ा भी एक ार अवय कर। 4.मंलवार लवार एवं दनवार को रामचरतमान केके ु रकाड ंरकाड का 108 ार ाठ ाूवव क कर। 5 - काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यके यके र म क रावे |एक न क काल ोष ू ा क केे उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ू ा ाक केे ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे |
********************* तक काल यो है | के तु लन म र रा तम ान म हो तो तक नामक काल यो नता है। काल यो क ाीय रभाषा म इ पकार का अनु त यो रशणत नह है। लेदकन दकन वहार
म इ पकार पकार क यो यो का भी धत ातक र अुभ पभाव ड़ता खा ाता ह। ह । तक नामक काल यो े ीदड़त ातक को ै तृक ंश श का ुख नह मल ाता। या तो उे ै ततृक ृ ंश श मलती ही नह र मलती है तो वह उे दकी अय को ान े ेता है अवा ा कर ेता है। ऐे
ातक पेम पं म भी अफल होते ेखे ाते ह । ुतत पं म भी उह धे खा खाना ड़ता है। वैववादहक ादहक ीवन ामाय रहते ए भी कभी -कभी ंंधं इतना तनावूण ण हो ाता है दक अलाव क नौत आ ाती है। ातक को अने घर केके अय य क भी ये हानुभ भूददत ू त नह मल ाती। ाझेारी ारी म उे नुककान कान मय र उेवहुा षडयं नना ड़ता हैहै।। ंुततानहीनता ए एानहीनता , े वअवा लाटरी -मय पवृश शहोता उहैरताहावी रहती है े क केे का कार काकार र र ं च ाता ंततान ान े मलने वाली ीड़ा उे दनरं ततरर ले ेती रहती है। उे ुतरो तरो क ीड़ा भी झेलनी लनी ड़ती है। दकी को या आ धन भी उे मय र वा नह मलता। य यह ातक अने ीवन म म एक ात कर दक अना भलाई न ोच कर ओर का भी दहत ोचना ु कर ा ही अने मान -मान के र को नीचा खाना छोड़ तो उरो मयाएं नह आती। अनुकू लन के उाय ---1.काल ोष दनवारण यं घर म ादत करके , इका दनयमत ू न न कर।
2.वा महीने ौ केके ाने शय को गखलाएं । 3.ेवा , र ता लोहवान - इन तीन को उालकर एक ार नान कर। 4.ुभ मुतत मम हते ानी म मू मू र क ाल ात ार पवादहत कर र उक उकेे ा लातार ां च मंलवार लवार को त रखते ए हनुममान ान ी क पदतमा म चमे ली म घु ला सर अत कर र ू ं केके ल का भो लाकर पा दवतरत कर। अंदतम दतम मंलवार लवार को वा ां व सर वा हा लाल व र वा दकलो ताा ता ू ं केके ल का भो लाकर पा ांटेटे। 5-- काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यक यकेे र म कराव रावेे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे |
*************************** ककटक काल यो है | के तु रे ान म र रा अम ान म ककटक नाम काल यो नता है। ैा ा दक हम इ ात को हले भी कर चुके ह, ऐे ातक केके भायोय म इ यो क वह े कुकु छ कावट अवय आती ह। नौकरी मलने व ोदत होने म भी कठनाइयां आती ह । कभी कभी तो उह ड़े ओहे े छोटे ओहे र काम करने का भी ंड भु तना ड़ता है। ैततृक ृ ंश श े भी
ऐे ातक को मनोनु कूल लाभ नह मल ाता। ाार म भी मय -मय र दत होती रहती है। कोई भी काम ढ़या े चल नह ाता। कठन रम क केे ावू उह ू रा लाभ नह मलता। म े धोखा मलता है ता ारीरक रो व मानक रे ादनय ादनय े त ातक को अने कुकु टु ं व रतेार ार के
ीच भी मान नह मलता। चड़चड़ा वभाव व मु हफट ंहफट ोली े उे कई झड़ म फं ना ड़ता है । उका उधार या ैा ा भी डू ाता है । ु षडयं व अकाल मृयु यु का ातक को रार भय ना रहता है। उ रेादनय ादनय े चने क े लए ातक दनन उाय कर कते ह । अनुकू लन केके उाय ---1.हनुमान मान चालीा का 108 ार ाठ कर र ां च मंलवार लवार का त करते ए हनुमान मान ी को चमेली ली केके तेल म घु ला सर व ू ं केके ल चढ़ाएं।
2.काल ोष दनवारण यं घर म ादत कर उका पदतन ू न कर र दनवार को कटोरी म र का तेल लेकर कर उम अना मु ह ं ेख एक का अने र र तीन ार घु ममाते ाते ए तेल म डाल र उ कटोरी को दकी री आमी को ान े अवा ील क ड़ म चढ़ा । 3.वा महीने तक ौ के ाने शय को गखलाएं र पयेक दनवार को चटय को कर मशत ूउ नके नके दल र डाल । मरे म लाल रं क केे , चार व तदकय का पयो कर। 4.अने ोने वाले क 5.दकी ुभ मुत त म ू खे नारयल केके फल को हते ल म तीन ार पवादहत कर ता दकी ु भ मुतत म दनवार क केे न हते ानी म त ीन ार कोयला भी पवादहत कर ।
6- काल ोष क ू ण ात आयु आयु १२ या १५ केके ा नाक यके यके र म करावे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे | **************************** खचूड़ काल यो है | के तु तीरे ान म व रा नवम ान म ं खचूड़ नामक कालप यो नता ंखचू है। इ यो े ीदड़त ातक का भायोय होने म अने क पकार क अड़चने आती रहती ह । ावायक पदत , नौकरी म पोदत ता ढ़ाई - लखाई म वां छत फलता मलने म ातक को कई पकार के दिवन का ामना करना ड़ता है। इके इके ीछे ीछे कारण वह वयं होता है यदक वह अनो का भी दहा छनना चाहता है। अने ीवन म धम े गखलवाड़ करता है । इक इकेे ा ही उका अना अयाधक आमदवा आमद वा क केे कारण यह ारी मया उे झेल लनी नी ड़ती है। अधक ोच क केे कारण ारीरक ाधयां भी उका ीछा नह छोड़ती। इन कारण केके कारण रकारी महकम व मुक कम माी ाी म भी उका धन खच होता रहता है । उे दता का ुख तो त कम मलता ही है , वह नदनहाल व हनोइय े भी
छला ाताकहै ।भउक म भीहै। धेउे खााी खााी े ा ीवन आी वैमनयता मनयता ट चढ़े ाता हर ातकरने केके लए कठननहंघष घआते ष क।रनाउका ड़तावैहैववादहक ।ादहक उे मा म ये मान -मान भी नह मलता। उ रे ादनय ादनय े चने क केे लए उे अना को अनाना ड़ेा ा , अनो
े यार करना होा , धम क राह र चलना होा एवं मु ह ं म राम ल म छूरी क भावना को याना हाो तो ीवन म त कम कठनाइय का ामना करना ड़े ा। त भी कठनाईयां आदत ह तो तो दननलगखत उाय ड़ेल ाभप होते ह । अनुकू लन के उाय --- 1.इ काल यो क रे ादनय ादनय े चने क केे लए ंंधत ंधत ातक को दकी महीने केके हले दनवार दनवार े दनवार दनवार का त इ यो क ां दत दत का ंक क लेक करर पारंभ करना चादहए र उे लातार 86 दनवार का त रखना चादहए। त केके ौरान ातक काला व धारण कर ी दनेव का तैलाशभषे क कर, रा ी मं क तीन माला ा कर। ा केके उरांत एक त न म ल , वा र कुकु ले कर ील क ड़ म डाल । भोन म मीठा चू रमा , मीठ रोट , रेववड़ी ड़ी , दतलकूट आ मीठे ा का उयो कर। उयो के हले इह वतु का ान भी कर ता रात म घी का क लाकर ील क ड़ म रख ।
2.महामृयु यु य ंय कवच का दनय ाठ कर र ावण महीने केके हर ोमवार का त रखते ए व का ाशभषेक कर। 3.चां या अधतु का ना नवाकर उक अं ूूठठ हा क मयमा उंली म धरण कर । दकी ुभ भ मुतत म अने मकान क केे मु य रवाे र चाँ का वतक एवं ोन ओर धतु े दनम त ना चका । 4-- काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यक यकेे र म कराव रावेे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे | ****************************** घातक काल यो है | के तु चतु ता रा म ान म हो तो घातक काल यो नाते ह । इ यो म उ ातक य माँ क े वा करे तो उम घर व ुख क पात होता है। ातक हमेा ा ीवन यत त ुख केके लए पयनील पयनील रहता है उके उके ा दकतना ही ुख आ ाये उका ी नह भरता है। उे दता का भी दवछोह झे लना लना ड़ता है। वैवादहक वादहक ीवन ुखमय खमय नह रहता। वाय केके ेमम उे अपयात अपय ात मया का मुक काला ाला करना ड़ता है। रतु वाय व धन क कोई कमी नह होती है । नौकरी े ाा वाले ातक को ड , दडचा या दडमोन क केे खतर े होना ड़ता है । ाझेारी ारी के काम म भी मनमु टाव व घाटा उे ले ंचाते चाते रहते ह । रकारी ाधकारी भी उे खु नह रहते र मभी धेखा खा ेते रहते ह। य यह ातक रतखोरी रतखोरी व ो न नरर केके काम े ाहर आ ाएं तो
ीवन म दकी ची क कमी नह रहती ह । ामाक पदता उे र मलती है ा ही रानै ददतक तक े म त फलता पात करता है । उ रेादनय ादनय े चने केके लए ातक दननलगखत उाय कर लाभ उठा कते ह ।
अनुकू लन केके उाय ---1.दनय पदत हनुमान मान चालीा का ाठ कर व पये क मंलवार लवार का त रख र हनुमान मान ी को चमेली ली केके तेल म सर घु लाकर चढ़ाएं ता ू ं केके ल का भो लाएं।
2.एक वषत क णदत अव ीषक ा दनय ाठ कर । 3.दनवार का त रख, ी दनेव का तैलाशभषे लाशभषेक व ून न कर र लहु दनयां , ुववण ण, लोहा , दतल , तधय , तेल ल , काला व , छलक छलकेे मेत ूखा ख ा नारयल , कंल आ का मय -मय र ान कर। 4.ोमवा ोमवारर केके न त रख, भवा भवानन व के मंर र म चां केके ना क ू ा ा कर अने दतर का मरण कर र उ ना को हते ल म ाू वक दवत कर । 5-- काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यक यकेे र म कराव रावेे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे | ************************* दवषधर काल यो है | के तु ंचम चम र रा यारहवे यारहवे भाव म हो तो दवषधर काल यो नाते ह । ातक को जानान करने म आं क वधन उत होता है। उ ा पात करने म ोड़ी त ाध आती है एवं मरण दकत का पाय : ा होता है। ातक को नाना -नानी , ाा -ा े लाभ क ंभ भावना ावना होते ए भी आंक क नुक कान ान उठाना ड़ता है। चाचा , चचेररेे भाइय े कभी -कभी मतातर या झड़ा झंझ झटट म भी होान ाताेहैत । ड़ेरभाई े दववा पल भावना भावनाे रहती है। इरयो केके कारण ातक-अने दनवा करताहोने है याकदफर एकंान रे ान मण करता रहता है। लेदकन कालातर म ातक केके ीवन म ायव भी आता है । लाभ मा म ोड़ा त वधान उत होता रहता है। वह कभी -कभी त सचतातुर हो ाता है। धन श को लेकर कभी नामी क दत भी ैाा हो ाती है या क कुु छ ंघघषष क दत नी रहती है । उे व लाभ लाभ खलाई ेता है र लाभ मलता नह। ंततान ान े ोड़ी -त रेानी ानी घेररेे रहती है। ातक को कई पकार क ारीरक ाधय े भी क उठाना ड़ता है। उके उके ीवन का अंत पाय : रहयमय ं े होता है । उरो रे ानी ानी होने र दननलगखत उाय कर ।
अनुकू लन क उाय --- 1.ावण मा म म 30 न तक महाव का अशभषक कर। कर।
2.ोमवार को व मंर र म चां केके ना क ू ा कर , दतर का मरण कर ता ाू वक हते
ानी या मु मन ाेवता का दव न कर।
3.वा महीने ेवा , र ता लोहवान - इन तीन को ल म उालकर उ ल े नान कर । पयेक ोमवार को ही े भवान ं क करर र - 'ॐ हर हर महाेव ' कहते ए अशभषेक कर। ऐा 4. हर रो ावण केके मदहने म कर ।
5.वा महीने ौ केके ाने शय को गखलाएं । 6 - काल ोष क ू ण ात आयु १२ या १५ केके ा नाक यक यकेे र म करावे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे | *************************** ************* ***************************** ********************* ****** ेषना षना काल यो है | के तु छठे छठे र रा ारहवे भाव म हो ता इके इके ीच ारे ह आ ाये तो ेषना षना काल यो नता है । ाो रभाषा क केे ायरे म यह यो रशणत नह है कतु वहार म लो लो इ यो ं ंधधीी ाध े ीदड़त अवय ेखे ाते हह।। इ यो े ीदड़त ातक क मनोकामनाएं हमेा ा दवलं े ही ूरी र ी होती ह। ऐे ातक को अनी रोी -रोट कमाने केके लए अने मान े र ाना ड़ता है र ु षडयं े उे हमे ा वा -दववा व मुक कमे मे ाी म फं े रहना ड़ता है। उनके उनके र र नामी क कटार हमे ा ा लटक रहती है। ारीरक व मानक ाधय े अर उे त होना ड़ता है र मानक उदनता क वह े वह ऐी अना -ना हरकत करता है दक लो उे आय क े ेखने लते ह । लो क नर म उका ीवन त रहयमय ना रहता है। उक उकेे काम करने का ंं भी दनराला होता है । वह खच भी आमनी े अधक दकया करता है। फलव वह हमेा ा लो का ेनार ना रहता है र क उतारने केके लए उे ी तोड़ मे हनत करनी ड़ती है। उके उके ीवन म एक ार अा मय भी आता है उे मा म पदतत ान मलता है र मरणोरांत उे दवेष यादत पात होती है। इ यो क ाध े ाण ाने क केे लए य दननलगखत उाय दकये ाय त ो ातक को त लाभ मल मलता ता है । अनुकू लन केके उाय ---1.दकी ुभ मुतत मम 'ॐ नम : वाय ' क 11 माला ा करने के उरांत वसल का ाय क केे ध े अशभषेक कर र व को दपय े ल आ ामदयां ाूवव क क अत कर। ा ही तांे क े ा ना दवधवत ू न केके उरांत वसल र मत कर।
मान चालीा का 108 ार ाठ कर र मं लवार केके न हनुममान ान ी क पदतमा र लाल 2.हनुमान व दहत सर , चमेल लीी का तेल व ताा चढ़ाएं।
3.दकी ुभ मुत त म मू र क ाल तीन ार री को ान कर। 4.वा महीने ौ केके ाने शय को गखलाने के ा ही कोई काम पारं भ कर। करकेे उक दनय पदत ू ा कर र भोनालय म ही 5.काल ोष दनवारण यं घर म ादत करक ैठठकर कर भोन कर अय कमर म नह।
6.दकी ुभ मुत त म नाा यं अशभमंदत दत कर धरण कर र यन क म े डीट व लाल रं के पयो मल ाय । 7.ुभ मुत त म मु य ार र अधतु या चां का वतक वतक लाएं र उके उके ोन ओर धतु दनमत दनमत ना चका ता एक ार ेवा , र ता लोहवान इन तीन को उाल कर नान कर। ९- काल ोष क ू ण ात ात आयु १२ या १५ के ा नाक यक यकेे र म क रराव ावेे |एक न क काल ोष ू ा केके उरात उरात ीवन म ं घष े च ाता है | उरो ूा ा केके ा र ए ए उाय दफर नही करना ड़ेे |
****************************************** *************************** ************************ ********* ****** नव ृह उ नीच या वही आइये ाने योदतष म ह का महव ; Importance o planets in ा महव - – --- योदतष म ू यक भारतीय वैक क योदतष केके अनुार ार ूयय को मत ह का राा माना ाता है र इे मत पाणी त को ीवन पान करने वाली उा क ा कक भी माना ाता है । ूयय क ो योदतष क णना केके लए ुषष ह माना ाता है। पयेक क कु ं डली म ू य को आम तौर र उक उकेे दता का पदतदनध माना ाता है ो उ केके इ पाणी त म म ले ने का पय कारक होता है ठक उी पकार ैे े ूयय को इ पाणी त को चलाने वाले पय ेवता का माना ाता है । कुक ंु डली म ू य को कु ं डली धारक केके ूवव का पदतदनध भी माना ाता है यदक वे कु ं डली धारक केके दता क केे इ ंार ार म आने का पय कारक होते ह। इ कारण े ूयय र दकी भी कु ं डली म एक या एक े अधक ु रे ह का पभाव होने र उ कु ं डली म दतृ ोष का दनमा ण हो ाता है ो कु ं डली धारक के ीवन म दवशभ
jyotish
पकार क मुीत ीतत ा मयाएं ै ा करने म म होता है । दता ता ूवव केके अदतर ूयय को राा , राय , प पेे ता े क केे पमुख ख , उ र
आीन रकारी अधकारय , रकार , ताकतवर रानीदतज ता ुल ल अधकारीय , चदकक ता ऐे कई अय य र ं ा ा का पदतदनध भी माना ाता है। ूयय को पये क क आमा का , ीवन ायनी का , इा का , रो े लड़ने क का , आँख ख क रोनी का , ंतान तान ैा ा करने क का ता दवे ष े नर ं तान ैा ा करने क का , नेततृव ृ व करने क मता का ता अधकार एवम दनयंण ण क का पतीक भी माना ाता है। केके रीर म ू य द पवृ दत का पदतदनधव करते ह यदक ू य ह क केे वभाव ता अधकार म अगन तव होता है। ारह राय म ू य अगन राय (मेष ष, सह ता धनु) म त होकर दवे ष े लवान हो ाते ह ता मे ष रा म त होने े ू य को वा धक ल पात होता है र इी कारण इ रा म ू य को उ का माना ाता है । मेष रा केके अदतर ूयय सह रा म त होकर भी ली हो ाते ह ो दक ू य क अनी रा है ता इक इकेे अदतर ू य धनु रा म भी लवान होते ह के के वामी ु ह। न य क म कु ं डली म ू य लवान ता दकी भी ु रे ह क केे पभाव े रदहत होकर त होते ह ऐे कु ं डली धारक आम तौर र ीवन भर व रहते ह यदक ू य को ीधे तौर र केके दनरो रहने क मता का पतीक माना ाता है । क ुं डली म ू य लवान होने े कु ं डली धारक क रो दनरोधक मता ामा ामायय े अधक होती है ता इी कारण उे आानी े कोई रो रे ान नह कर ाता। ऐे य का य त अ तरह े काम करता है े इनके इनके रीर म र का चार ड़े ु चा े होता है। ऐे लो ारीरक तौर र त चुत त -त होते ह ता आम तौर र इनके इनके रीर का वन भी ामाय े त अधक या त कम नह होता हालांददक क इनम े कु छ तथय तथय कु ं डली म रे ह क ु भ या अुभ दत क केे ा ल भी कते ह। क ंु डली म ू य के लवान होने र कु ं डली धारक ामा ामायतया यतया मा म दवे ष पभाव रखने वाला होता है ता अनी ंववेना े ना र भावना र भली भांदत दत अंकु लाने म म होता है । इ पकार केके लो आम तौर र अने ीवन केके अधकतर अधकतर दनण य तथय के आध आधार ार र ही ले तेते ह न दक भावना के आधार र। ऐे लो ामायतया ामायतया अने दनण य र अडड रहते ह ता इ कारण इनके आ -ा केके लो इह कई ार अशभमानी भी मझ ले ते ह ो दक ये कई ार हो भी कते ह दकतु अधकतर मौक र ऐे लो तक तक के आधार र लए ए ही दनणय क ालना ही कर रहे होते ह ता इनकेे अधक कठोर लने केके कारण इनके इनक इनके आ -ा केके लो इह अशभमानी मझ ले ते ह। अने इन ुण ण केके कारण ऐे लो म त अे ने ता , राा ता यायाधी नने क मता होती है । ुष ष क कु ं डली म ू य का लवान होना ता दकी ु रे ह े रदहत होना उह व ता ु मान ंततान ान ैाा करने क मता पान करता है ता दवेष े नर ंतान तान ैाा करनी क मता। लवान ूयय वाले कु ं डली धारक आम तौर र त ी मेारय ारय को उठाने वाले ता उह दनभाने वाले होते ह
के काकारण आवयक ता ड़ता े अधक कामलो करने कारण इह ह ारीरक मानक तनाव ामनाआवयकता भी करना है । ऐे आमकेके तौर र कई ेट मार वायुइ दवकार ै ीअवा मया ता वचा क केे रो े ीडत डत हो कते ह का कारण ू य का अगन वभाव होता है े े ट म कुछ
दवेष पकार क केे दवकार ता र म अगन तव क माा ढ़ ाने े वचा े ं धत रो भी हो कते ह। ारह राय म े क कुु छ राय म ू य का ल ामाय े कम हो ाता है ता यह ल ू य के तु ला रा म त होने र े कम हो ाता है । इी कारण ूयय को तु ला रा म त होने र नीच माना ाता है यदक तु ला रा म त होने र ू य अदत लहीन हो ाते ह । इक इकेे अदतर ूयय क ु ं डली म अनी दत केके कारण ता एक या एक े अधक ुररेे ह क केे पभाव म आने केके कारण भी लहीन हो ाते ह ता इनम े अं दतम पकार क लहीनता कु ं डली धारक के लए े अधक नुकानायक कानायक होती है। दकी कु ं डली म य ू य तु ला रा म त ह ता तु ला रा म ही त अु भ दन के पभाव म ह तो ऐी हालत म ू य को भारी ोष लता है यदक तुला रा म त होने क केे कारण ू य हले ही लहीन हो ाते ह ता री तरफ तुला रा म त होने र दन को वा धक ल पात ला रा म त दन उ केके हो ाते ह । ऐी हालत म हले े ही लहीन ू य र होता है यदक तुला ूण ण े ली दन ह का अु भ पभाव ूयय को ु री तरह े दषत ता लहीन कर ेता है े क ंु डली म भयं कर दतृ ोष का दनमा ण हो ाता है के के कारण कुक ंु डली धारक के ीवन म ूू य के पदतदनधव म आने वाले ामाय ता दवे ष , भी े र पभाव ड़ता है। इ लए दकी भी क कु ं डली का अययन करते मय कुक ुं डली म ू य क दत , ल ता कु ं डली क केे रे ुभ ता अुभ ह क केे ूयय र पभाव को यानू वक ेखना अदत आवयक है।
****************************************** *************************** ************************ ********* ************ योदतष म चमा का महव भारतीय वैक क योदतष म चमा को त महव या ाता है ता क केे ीवन े ले कर दववाह र दफर मृयु यु तक त े े केके ारे म ानने के लए कु ं डली म चमा क दत का यानू वक क अययन करना आवयक माना ाता है। उाहरण केके लए दकी क केे म केके मय चमा न म त ह , उी न को उ का म न माना ाता है के के ा उउक केे ीवन के कई महवूण ण तथय ु ड़े होते ह ै े दक का नाम भी उके उके म न क केे अर क केे अनुार ार ही रखा ाता है। भारतीय योदतष र आधारत ैदनक , ातादहक ता माक भदवय फल भी क म के मय क च रा केके आधार र ही ताए ाते ह। दकी क केे म केके मय चमा रा म त होते ह, वह रा उ क च रा कहलाती है। भारतीय योदतष म दववाह ं ंधत धत वर -
वधू के आ म तालमे ल को रखने केके लए पयो क ाने वाली क ंु डली मलान क पणाली म आम तौर र ुण मलान को ही े अधक महव या ाता है ो दक ूण ण तया त या वर -वधू क कु ं डलय म चमा चमा क दत के आधारत आधारत होता है। वैक क योदत योदतषष केके एक मत के अनुार ार दववाह ो मन का
ाररक मेल होता है ता चमा पयेक केके मन का ीधा कारक होने केके कारण इ मे ल को ेखने के लए े मह महवू वूण ण माने ाते ह । इके इके अदतर भारतीय योदतष योदतष म पचलत ं ड मूल ोष भी चमा क कु ं डली म दत े ही ेखा ाता है ता वै क योदतष केके अनु ार ार पयेक के ीवन म पभाव डालने वाल व ोरी ाएं भी क म कु ं डली म चमा क दत केके अनु ार ही ेख ात ह। इ पकार चमा का भारतीय योदतष क केे अनेक े म त महव है ता कु ं डली म इ ह क दत को भली -भांदत दत मझना आवयक है। चमा एक ीत र नम ह ह ता योदतष क णना क केे लए इह ी ह माना ाता है । चमा पयेक क कु ं डली म मु य े माता ता मन क केे कारक माने ाते ह र यदक माता ता मन ोन ही दकी भी केके ीवन म दवे ष महव रखते ह , इलए कु ं डली म चमा क दत क ंु डली धारक के लए अदत महवूण होती है । माता ता मन के अदतर चमा रादनय , न -ंक क के े म काम करने वाले अधकारय , रा -य य केके मायम े लो क काा उचार करने वाले य , चदका े े ुड़ेड़े य , होटल वाय ता इे ुड़ेड़े य ता ुददवधा वधा र ऐवय े ु डे ऐे रे े ता य , ार ता ंार ार म उत ानी क छोट -ड़ी भी इकाईय ता इनके इनके ा ुड़ड़े े वाय र उन वाय को करने वाले ल ो क केे भी कारक होते ह । दकी क कु ं डली े उके उके चर को ेखते मय चमा क दत अदत महवूण हो ाती है यदक चमा ीधे तौर े पये क क केे मन ता भावना को दनयंददत त करते ह । चमा वृष रा म त होकर वाधक धक लाली हो ाते ह ता इ रा म त चमा को उ का चमा कहा ाता है। वृष केके अदतर च चमा मा कक कक रा म त होने े भी लवान हो ाते ह ो दक चमा क अनी रा है। चमा चमा के क ंु डली म लाली होने र ता भली पकार े त होने र कु ं डली धारक वभाव े मृ , ंवेवनील े नील , भावुक ता अने आ -ा केके लो े ने ह रखने वाला होता है। ऐे लो को आम तौर र अने ीवन म ु ख -ुदवधाएं दवधाएं पात करने केके लए अधक पया नह करने ड़ते ता इह दना पया केके ही ुख ख -ुदवधाएं दवधाएं ठक उी पकार पात होती रहत ह पकार दकी राा क रानी को केके वल अने रानी होने के आधार र ही ं ार क केे मत ऐय पात हो ाते ह । यदक चमा मन र भावना र दनयण रखते ह , इलए चमा केके पल पभाव म आने वाले ातक आम तौर र भावुक होने केके कारण आानी े ही आहत भी हो ाते ह । वभाव े ऐे लो चंचल चल ता ंवेवनील े नील होते ह ता अने दपयन का त यान रखते ह र उने भी ऐी ही अे ा रखते ह ता इ अे ा केके ूण ण न होने क हालत म ी ही आहत हो ाते ह । दकतु अने दपयन के ारा आहत होने केके ा भी ऐे लो ी ही क कुु छ भुला ला कर दफर े अने ामाय वहार म ल
ात ह। ह। चमा क पल पभाव वाल ातक कलामक मम दव ष च रखत ह ह ता इन म फलता भी पात करते ह । दकी कु ं डली म चमा का दवे ष ुभ पभाव ातक को योदतदष , आयामक ेद वकत ता रा य का जाता भी ना कता है ।
चमा मनुयय क केे रीर म कफ पवृ दत ता ल तव का पदतदनधव करते ह ता रीर केके अं र क माा , ल ता हाव को दनयंददत त करते ह। चमा चमा केके पल पभाव वाले ातक ामाय ामाय े अधक वनी हो कते ह का कारण मु य तौर र चमा का ल तव र दनयंण ण होना ही होता है क के े कारण ऐे ातक म होने ामाये ेयाअधक ले नेमलने क पवृकेकददत न ाती है ता कुकु छमे क चातक को काम कम करने क आत अवरदना ही कम े तकारण भी उनक उनके े रीर ् क माा ढ़ ाती है। ऐे ातक को आम तौर र कफ ता रीर क केे े ंंधत ं धत रो या मानक रेादनय ादनय े त रो ही लते ह । क ुं डली म चमा केके लहीन होने र अवा दकी ुरेरे ह केके पभाव म आकर दषत होने र ातक क मानक ांददतत र दवरीत पभाव ड़ता है ता उे मलने वाली ुख ख -ुददवधा वधा म भी कमी आ ाती है। चमा वृशक शक रा म त होकर लहीन हो ाते ह ता इक इकेे अदतर कु ं डली म अनी दत दवेष र अुभ ह केके पभाव केके कारण भी चमा लहीन हो ाते ह। दकी कु ं डली म अु भ रा ता केके तु का पल पभाव चमा को ुरी री तरह े दषत कर कता है ता कु ं डली धारक को मानक रो े ीडडत करडत है। चमा र अु भ हातक का पभाव ातक ता ेचैचहोती नी नै ी ैहै ी ।ी मया ेतभीभीी डतकता कर कता है के क े कारण को न आनेकोम अदना त कठनाई इकेे अदतर चमा क लहीनता अवा चमा र अुभ ह केके पभाव क इक केे कारण दवश दवशभ भ पकार क केे ातक को उनक म कु ं डली म चमा केके अधकार म आने वाले े े ंंधत ंधत मयाएं आ कती ह।
*************************** ************* ***************************** **************** * योदतष म मं ल का महव भारतीय वैक क योदतष म मं ल ह को मुय य तौर र ताकत र मानी न ी का कारक माना ाता है । मंमानक ल ल पये क म ारीरक ता र एवमउमू काटके पदतदनधव का अशभपाय यहांताकत र दनण य लेमानक नेने क मता दनण यतीर टक े रहने क करते मताहे। है। मंल ल केके पल पभाव वाले ातक आम तौर र तथय के आधार र उचत दनण य लेनेने म ता उ दनणय को वहारक ेने म भली पकार े म होते ह । ऐे ातक ामायतया दकी भी पकार के ाव केके आे घुटने टने नह टेकते ता इनके इनके उर ाव डालकर अनी ात मनवा लेननाा त कठन होता है र इह ाव क अे ा तक तक ेकर मझा लेननाा ही उचत होता है। मंल ल आम तौर र ऐे े का ही पदतदनधव करते ह नम ाह , ारीरक ल , मानक मता आ क आवयकता ड़ती है ै ेे दक ुल ल क नौकरी , ेननाा क नौकरी , अध- ैदनक दनक ल क
नौकरी , अगन -मन वाए वाए, खल म म ारीरक ल ता मता क रख करन वाल ख ल दक कु ती , ंल , टैदन , फु टाल , मुके ाी ता ऐे ही अय अय कई खेल ो त ी ारीरक उा ता मता क मां करते ह। इक इकेे अदतर मंल ल ऐे े ता य केके भी कारक होते ह नम
हयार अवा ार का पयो होता है ै े े हयार केके ल र पभाव माने वाले दरोह , य चदका करने वाले चदकक ता ंत चदकक ो चदका केके लए धातु े ने ार का पयो करते ह, मीन को ठक करने वाले मै के दनक ो ार का का पयो करते ह ता ऐे ही अय े एवमभाइय इनमे काम इक ल भाइय क केे कारक होतेष ह ताेदवे ष केे छोटे केके । मंकरने ल ल वाले ुष षलो। क कुइके ं डलीे अदतर म ोत क केमंे ल कारक भी होते ह ताभीदवे उन ोत ो ातक केके त अे म ह ता ह हभ ाइय केके मान ही मझा ा क केे । मंल ल एक ुक क ता आनेय ह ह ता मानव केके रीर म मं ल अगन तव का पदतदनधव करते ह ता इकेे अदतर मंल इक ल मनुय य केके रीर म कुछ ीमा तक ल तव का पदतदनधव भी करते ह यदक मंल ल र क केे ीधे कारक माने ाते ह । योदतष योदतष क णना णना केके लए मंल ल को ु षष ह माना ाता है । मंल ल मकर रा म त होने र वा धक लाली हो ाते ह ता मकर म त मं ल को उ का मंल ल भी कहा ाता है । मकर के अदतर अदतर मंल ल को मे ष ता वृशशक क राय म त होने े भी अदतर ल मलता है ोदक मं ल क अनी रायां ह । मंल लक केे पल पभाव वाले ातक ारीरक े लवान ता ाही होते ह। ऐे ातक वभाव े ुझ झा ा होते ह ता दवरीत े दवरीत रदतय म भी दहमत े काम ले ते ह ता फलता पात करने केके लए ार -ार पयन करते रहते ह र अने राते म आने वाली ाधा ता मु कल के कारण आानी े दवचलत नह होते। मंल ल का कु ं डली म दवे ष पल पभाव कु ं डली धारक को तक तक के आधार र ह करने क दवेष मता पान करता है के के कारण ातक एक अा वकल अवा त अा वा भी न कता है । मंल लक केे पभाव म वा नने वाले लो क केे व आम तौर र ांदतकारी ही होते ह ता ऐे लो अने व केके मायम े ही न -मुाय ाय ता मा को एक नई ा ेन ेम म होते ह । यु -काल केके मय अनी वीरता क केे ल र मत त को पभादवत करने वाले ातक मु य तौर र मंल ल केके पल पभाव म ही ाए ाते ह । कक रा म त होने र मं ल लहीन हो ाते ह ता इके इके अदतर मं ल कु ं डली म अनी दत कक दवेष क केे कारण अवा दकी ुरेरे ह केके पभाव क केे कारण भी कमोर हो कते ह। क कु ंु डली म मं ल क लहीनता कु ं डली धारक क ारीरक ता मानक उा र दवरीत पभाव डाल कती है ता इके अदतर ातक र -दवकार ंधत धत दमारय , तचा केके रो , चोट ता अय ऐे दमारीय े ीदडत हो कता है के के कारण ातक केके रीर क चीर -फाड़ हो कती है ता अयाधक माा म र भी ह कता है। मंल ल र दकह दवेष ह केके ुररेे पभाव क केे कारण ातक दकी घ टना टना अवा लड़ाई म अने रीर का कोई अं भी ंवा वा कता है। इके इके अदतर क ंु डली म मं ल क लहीनता ातक को र , कान , चड़चड़ान , ता दनणय लेनेने म अमता ै ी मया े भी ीडडत त
कर कती है। *************************** ************* ***************************** ************************ *********
** योदतष म ु ध का महवभारतीय वैक क योदतष म ु ध ह को मु यय े वाणी र ु का कारक माना ाता है। इलए ुध क केे पल पभाव वाले ातक आम तौर र त ुमान मान होते ह ता उनका अनी वाणी र त अा दनयंण ण होता है के चलते वे अनी ु ता वाणी कौल कौल क केे ल र मु कल कल े मुकल कल रदतय को भी अने अनुक कूूल ना लेनेने म म होते ह । ऐे ातक क वाणी ता वहार आम तौर र अवर केके अनुकू कूल ही होता है के के कारण ये अने ीवन म त लाभ पात करते ह । दकी भी े अनी ु ता वाणी क केे ल र अना काम दनकलवा लेना ना ऐे लो क दवेषषता ता होती है ता दकी पकार क ातचीत , ह या वाक पदतयोदता म इने ीत ाना अयं त कठन होता है। आम तौर र ऐे लो ामने वाले क ारीरक मु ाा ता मनोदत का ही आं कलन कलन कर लेननेे के कारण उके उके ारा ूछे छ े ाने वाले ं भादवत भादवत प ् ् के के ारे म हले े ही अनु मान ला लेततेे ह ता इी कारण ामने वाले केके प ् ू छते ही ये उ का उर तु रंत े ेते ह। इलए ऐे लो े ातचीत म ार ाना दकी ाधारण केके क ात नह होती ता ऐे ातक अने वाणी कौल ता ु क केे ल र आानी े च को झू ठ ता झूठ को च ादत कर ेन ेम भी म होते ह । अनी इह दवेषता षता केके चलते ु ध आम तौर र उह े ता उने ु ड़े लो का पदतदनधव करते ह नम फलता पात करने केके लए चतुर वाणी , ते णना ता ु कौल क आवयकता रे े क अेा ा अधक होती है ै े े दक वकल , कार , दवशय लाहकार ता अय पकार के लाहकार , अनु ंंधान धान ता दवेषणामक षणामक े े ुड़ड़ेे , माकट े े ुड़ेड़े लो , ाार त े ुड़ेड़े लो , मयत मयताा करके मुनाफा नाफा कमाने वाले लो , अकाउंटट , ाटवेयर यर इंीदनयर ीदनयर , रानीदतज खक खक ता ही अय त वाय ुड़ेड़े , रानयक , अयाक , ले , योदतदष लो। इ पकार यह कहना अदतयो नह होा दक आ केक े इऐेायक म ु धता हउने केके पभाव वाले ातक ही े अ धक फल ाये ाते ह । ुध को योदतष योदतष क णना के लए योदतदषय योदतदषय का का एक व तट अवा नु क ंक ह मानता है दक योदतदषय का रा व इह ी ह मानता है । मनुय य केके रीर म ु ध मु यय े वायु तव धक लाली हो ाते ह ो दक इनक का पदतदनधव करते ह। कया रा म त होने े ु ध वाधक अनी रा है ता इ रा म त होने र ु ध को उ का ुध भी कहा ाता है । इक इकेे अदतर मुन रा म त होने े भी ु ध को अदतर ल पात होता है ता यह रा भी ु ध क अनी रा है। कुक ंु डली म ु ध का पल पभाव होने र कु ं डली धारक ामायतया त वहार कुकु ल होता है
ता कठन े कठन अवा उलझे े उलझे मामल को भी कूटनीदत े ही ु लझाने म दवा रखता है । ऐे ातक ड़े ांत वभाव केके होते ह ता पये क मामले को ुलझाने लझाने म अनी चतु राई े ही काम लेते ह ता इी कारण ऐे ातक अने ां ारक ीवन म ड़े फल होते ह क केे कारण कई ार इनक इनकेे
आ -ा केके लो इह वा् ता ै े के ीछे ीछे भाने वाले भी कह ेते ह दकतु ऐे ातक अनी धु न के त के के होते ह त ा लो क कही ात र दवचार न करक करकेे अने काम म ही ले रहते ह । ुध मीन रा मे त होने र लहीन हो ाते ह र इी कारण मीन रा म त ु ध को नीच का ुध भी कहा ाता है। इके इके अदतर ुध दकी कु ं डली म अनी दत दवे ष क केे कारण अवा दकी ुररेे ह क केे पभाव केके कारण भी लहीन हो कते ह के के कारण ातक े ट , ले या नव तं े ंंंधत धत मया अवा दमारय े ीडडतत हो कता है । इके इके अदतर ुध र दकह दवेष ुरेरे ह का पभाव कु ं डली धारक को आंत त क दमारी , मा , व वचा चा केके रो , अदना , मनोवैजादनक जादनक रो ता ऐी ही कई अय दमारय े ी डत कर कता है |
****************************************** *************************** ************************ ********* ***** योदतष म ु /ृहदत हदत का महव भारत को आयाम , ती ान , मर , ता ाधु-ंत त के े के म ाना ाता है ता भारतवष के ा ु ड़ इन भी दवेषषता ता क केे कारक ह ृहहदत दत ह ह योदतष क ाधारण भाषा म ु क केे नाम े भी ाना ाता है । भारतीय वैक क योदतष म ृ हदत को मत ेवता ता ह का ु माना ाता है ता इ ह को मत ह म े दव ता ावन माना ाता है । ु मुय े ाधु-ंत त , आयामक ु ता आयामक े दवकत य , ती ान ता मंर र , दव नय ता दव ानी ानी केके ल तो , धाम धामक क ादहय ता ील क केे वृ क केे कारक माने ाते ह । इके इके अदतर ु ह को अयाक , योदतदषय , ा ददनक नक , दवशय ंान ान म काय करने वाले य , लेखक खक , कलाकार ता अय अय कई पकार केके े ता य का कारक भी माना ाता है। उ ु का फल :-- ृहदत हदत े पभादवत ातक क म लं े , ारीरक तौर र कुकु छ मोटे र कफ पवृदत दत केके होते ह। उनक आंख ख र ाल कुकु छ भू रे या ुनहरी नहरी र आवा भारी होती है । ऐे ातक ुषा् षा् , यवा , ादनक द नक , दवशभ दवजान म च रखने वाले , भवा र धामक धामक होते ह। आँख ख म चमक र चे हरे र ते होता है। अने जान केके ल र दनया को झु काने काने क ताकत रखने वाले ऐे केके पंक क र दहतैषी षी त होते ह । क ुं डली म ुु का पभाव अधक होता है वे अयाक, वकल, , ंदडत दडत, पकांड दवान या योदतषाचायहो हो कते ह I ोने का काम करने
अ याक , वकल , , दडत , पकाड दवान या योदतषाचाय हो कत ह I ोन का काम करन वाले ुनार नार , दकता क कान , आयुववक क षधालय , ुतकालय तकालय , पट मीन आ र ु का अधकार होता है I ैशणक शणक योयता योयता , धाम धामक क सचतन , आ आयामक यामक ा , नेतृतृ व , रानैदतक दतक
यो योयता यता , ंतदत तदत , वंवृ वृ , दवरात , रंरा रा , आचार यवहार यवहार , यता यता , -पदत पदतठा ठा , इया े लाभ होता है | ु वभाव े नम ह ह ता योदतष क णना क केे लए इह नर ह माना ाता है । कक कक रा म त होकर ु वाधक धक लाली हो ाते ह ता इ रा म त ु को उ का ु कहा ाता है। कक कक रा केके अदतर ु धनु ता मीन राय म त होने र भी लाली हो ाते ह ो इनक अनी रायां ह । कुक ुं डली म ु क केे लवान होने र ता ु रे ह क केे पभाव े रदहत होने र ातक का रीर आम तौर र व ता मूत होता है। ु केके पल पभाव वाले ातक आम तौर र यालु , र का यान रखने वाले , धाम धामक क ता मानवीय मूय य को मझने वाले होते ह। ऐे ातक त ुमान मान होते ह ता मु कल े मुकल कल दवषय को भी आानी े मझ लेनेने क मता रखते ह। ऐे ातक अे अे ता ृनामक नामक काय करने वाले होते ह ता इ कारण मा म इनका एक दवे ष आर होता है। ुकाल केकमे दपल ातक मूड़ता। त होतीऐे है तातक ा आमामायतया तौर र या इहदवनो अने वभाव ीवन की पभाव ं भीर वाले दवशय ंकट कटक कादवशय ामना दत नह करना ामायत के होते ह ता ीवन केके अधकतर अधकतर े म इनका कोण कारामक होता है । ऐे ातक अने ीवन म आने वाले कठन मय म भी अधक दवचलत नह होते ता अने कारामक ख क केे कारण इन कठन मय म े भी अे ाक ाकृृ त आानी े दनकल ाते ह । ऐे ातक आावा होते ह ता दनराा का आम तौर र इनके इनके ीवन म लं ी अवध केके लए पवे नह होता के के कारण ऐे ातक अने ीवन केके पयेक ल का ूण ण आनं उठाने म म होते ह । ऐे ातक केके अने आ -ा के लो केके ा मधुर ंंधं होते ह ता आवयकता आवयकता केके मय वे अने दपयन क क हर ं भव पकार े हायता करते ह। इनके इनके आभा मंडल डल े एक दवेष ते दनकलता है ो इनक इनकेे आ -ा केके लो को इनकेे ा ंंधं नाने क इनक केे लए ता इनक ंत त म रहने केके लए पे रत करता है। आयामक र भी ऐे ातक अे ाकृ ाकृ त ीता े ही रणाम पात कर ले ने म म होते ह । ु का पल पभाव ातक को दवशभ पकार पका र केके कवान ता ं न न का रया ना कता है के कारण ऐे ातक कई ार ामाय े अधक खाने वाले होते ह ता अनी इी आत क केे कारण ऐे ातक को रीर र अदतर च् चढ़ ाने क कायत भी हो ाती है । ऐे ातक क धाम धामक क काय म ता रोकार क केे काय म भी च होती है ता मा क केे दछड़े व क केे लए काम करने म भी इह आनं मलता है। ु मकर रा म त होने र लहीन हो ाते ह ता मकर रा म त ु को नीच का ु भी
कहा ाता ह । इक अदतर ु दकी कु डली दवष दवष म मअ नी दत क कारण अवा दकी ु र ह के पभाव केके कारण भी लहीन हो कते ह। ु केके लहीन होने क दत म ातक अनाय े ंंंधत धत दमारय ैे े मधुममेेहह , दाय े ंधत धत दमारय े , वण ंंधत ंधत ीमारीय े ता ीलया ैी ी दमारय े ी डत हो कता है। इक इ के अदतर अदत र कुक ंु डली म ु केके लहीन होने े ातक
को रीर क च् को दनयंदत दत करने म भी मु कल हो कती है क केे कारण वह त मोटा या त तला हो कता है । दकी कु ं डली म ु र अुभ रा का पल पभाव कु ं डली धारक को आयामकता ता धामक धामक काय े ूण ण े दवमु ख कर कता है अवा ऐा ातक धम तता ा आयामकता आया मकता केके नाम र लो को ठने वाला कट भी हो कता है । इी पकार दवशभ पकार के अुभ ह का दकी कु ं डली म ु र पल पभाव कु ं डली धारक के लए दवशभ पकार क मयाएं ैा ा कर कता है।
****************************************** *************************** ************************ ********* ********* योदतष म दन का महव
भारतीय योदतष को मानने वाले अधकतर लो दन ह े े अधक भयभीत रहते ह ता अनी म कु ं डली े ले क करर ोचर , महाा ता ाढ़े ती म इ ह क दत र उे होने वाले लाभ या हादन को लेकर सचदतत रहते ह ता दवे ष े हादन को लेक कर। र। दन ह को भारतवष म दनेेव ता दन महारा केके नाम े ंोधत दन ोधत दकया ाता है ता भारतीय योदतष म दवा रखने वाले त े लो यह मानते ह दक नकारामक होने र यह ह कु ं डली धारक को दकी भी अय ह क अेा ा त अधक नुकान कान ंचचाा कता है। दन ह केके भारतीय भारतीय यो योदतष दतष म दवे ष महव को इ तथय े आानी े मझा ा कता है दक भारत म दन मं र क ंया या लातार ढ़ती ा रही है ता इन मंर र म आने वाले लो क ं या भी लातार ढ़ रही है। इनम े अधकतर लो दन मं र म दनवार वाले न ही ाते ह ता दनेव क कारक वतु एं ैे े दक उड़ क ाुत काली ाल ता र का तेल दन महारा को अ ण करते ह त ा उनक कृकृ ा क केे लए पा ना करते ह। दन मु यय े ारीरक म े ं ंधत धत वाय वा य ता इनके इनके ा ुड़ेड़े य के कारक होते ह ैै े दक म उो म काम करने वाले मक , इमारत का दनमाण काय ता इम काम करने वाले मक , दनमाण काय म पयो होने वाले भारी वाहन ै ेे रोड रोलर , े न , दडच मीन ता इह इह चलाने वाले चालक ता इमारत , ड़क ता ुल ल क केे दनमाण मप यो होने वाली मीनरी र उ मीनरी को चलाने व ाले ल ो। इके इके अदतर दन मीन केके य -दवय केके वाय , इमारत को नाने या दफर ना कर ेचचनेने क केे वाय ता ऐे ही अय वाय , होटल म वे टर का काम करने वाले लो , ाराल , शभखारय , अंधध , कोढ़य , लंड़ेड़े य , काईय , लकडी का काम करने वाले लो , न ाधारण केके मन े चलने वाले
नता , वजादनक , अव अवषक षक , अनुधान मम काम करन वाल लो , इीदनयर , यायाधी , रा य ता इका जान रखने वाले लो ता अय अय कई पकार केके े ता उने ुड़ड़ेे य के कारक होते ह।
दन मनुयय क केे रीर म मु य े वायु तव का पदतदनधव करते ह ता योदत योदतषष क णना केके लए योदतदषय योदतदषय का एक व इह तट ला रा म अवा नु क ंक ह मानता है दक योदतदषय का एक अय व इह ु ष ह मानता है। तुला त हैहोने वा धक ताम इ दन को उ का दन ाता । तु ले ा दन केके को अदतर दन ल को पात मकर होता ता हैकुक ंु भ तरा होनेमे त भी अदतर ल पात होताभीहैकहा ो दन क अनी रायां ह। दन केके पल पभाव वाले ातक आम तौर र इं ीदनयर ीदनयर , , वकल , आई ट े म काम करने वाले लो , रअल ऐटेट का काम करने वाले लो , रा य केके े म काम करने वाले लो ता दन ह क केे कारक अय अय वाय े ुड़ड़ेे लो ही होते ह । दन क केे ातक आम तौर र अनुान ान ता दनयम क ालना करने वाले , दवेषनामक षनामक , मेहनती हनती ता अने काम र यान कक त रखने वाले होते ह। ऐे ातक म आम तौर र च् क माा ामाय ामाय े क कुु छ कम ही रहती है अा त ऐे लो ामाय े कु छ तले ही होते ह ।
ष रा ताता होनेहै र । दन लहीन हो ाते ह ता इी कारण मे ष रा म त दन को नीच कामेदन भी मकहा इकेे अदतर इक अदत र दन द न कुक ुं डली म अनी दत दवे ष केके कारण अवा दकी ुरेरे ह केके पभाव क केे कारण भी लहीन हो कते ह । दन र दकही दवेष ुरेरे ह का पभाव ातक को ोड़ केके , ठया , लकवा , हदय का फ ै कचर ता हदय े ंंधत ं धत अय दमारय े ीदड़त कर कता है। क ंु डली म दन र दकही दवेष ह का पल पभाव कु ं डली धारक क ामा ामायय ेहहतत ता आयु र भी दवरीत पभाव डाल कता है यदक दन के आयु क े कारक भी होते ह ।
****************************************** *************************** ************************ ********* *** योदतष म ु का महवभारतीय वैक क योदतष म ु को मु यय े दत या नी अवा पेमी मी या पेमका मका का कारक माना ाता है। कुक ंु डली धारक क केे ल े अा त पेम ंंध ंध े ु ड़ा कोई भी मामला ेखने के लए लए कुकु ं डली म इ ह क दत ेखना अदत आवयक हो ाता है। कुक ुं डली धारक क केे ीवन म दत या नी का ु ख ेखने के लए भी क ंु डली म ु क दत अवय ेखनी चादहए। ु को ु रता ंरता क ेवी भी कहा ाता है र इी कारण े ु ंरता रता , ऐय ता कला केके ा ु ड़े अधकतर े केके कारक ु ही होते ह ,
दक फ फन न त ता इ ुड़ लो , न नमा मा त ता इ ुड़ लो , रम मचच ता इ ुड़ लो , चकारी ता चकार , नृय य कला ता नत क क- नतदकयां द कयां, इ ता इे ंंंधत धत वाय , दडाइनर कड़ का वाय , होटल वाय ता अय ऐे वाय ो ुख ख -ुदवधा दवधा ता ऐय े
ुड़ड़ेे ह। ु एक नम ह ह ता योदतष क णना केके लए इह ी ह माना ाता है । ु मीन रा म त होकर वाधक धक लाली हो ाते ह ो ृ हदत क केे वामव म आने वाली एक ल रा है । मीन रा म त ु को उ का ु भी कहा ाता है। मीन रा केके अदतर ु वृष ता तुला ला रा म त होकर भी लाली हो ाते ह ो दक इनक अनी रायां ह । क ंु डली म ु का पल पभाव क ंु डली धारक को ारीरक े ु र ंर र आकषक ना ेता है ता उक इ ु ंरता रता र आकष ण े मोदहत होकर लो उक ओर ख खचे चले आते ह ता दवे ष े दवरीत सल के लो। ु केके पल पभाव वाले ातक ेष भी ह केके ातक क अे ाा अधक ु ंरर होते ह। ु के पल पभाव वाल मदहलाएं अदत आकष क होती ह ता ान र भी ये ाती ह , ुष ष क लंीी कतार इनक इनकेे ीछे ीछे ड़ ाती है। ु केके ातक आम तौर र फैफै न त , नेममाा त ता ऐे ही अय े म फल होते ह नम फलता ाने क केे लए ारीरक ु रता ंरता को आवयक माना ाता है। ु ारीरक ुख ख केके भी कारक होते ह ता ं भो े लेकर हाक पेम तक दवषय को ानने के लए कु ं डली म ु क दत महवूण ण मानी ाती है । ु का पल पभाव ातक को रक ना ेता है ता आम तौर र ऐे ातक अने पे म ंंंधध को लेक करर ंववेनील े नील होते ह। ु क केे ातक ु रता ंरता र एय का भो करने म े ष भी पकार केके ातक े आे होते ह। रीर क केे अं म ु ननां के कारक होते ह ता मदहला के रीर म ु ु पनन पणाली का पदतदनधव भी करते ह तता ा मदहला क कु ं डली म ु र दकी ुरेरे ह का पल पभाव उनक पनन मता र दवरीत पभाव डाल कता है। ु कया रा म त होने र लहीन हो ाते ह ता इके इके अदत अदतर र क कुु ं डली म अनी दत दवे ष के कारण अवा दकी ुरेरे ह केके पभाव म आकर भी ु लहीन हो ाते ह। ु र ुररेे ह का पल पभाव ातक केके वैवादहक वादहक ीवन अवा पेम ंंध धं म मयाएं ै ा कर कता है। मदहला क क ंु डली म ु र ुरेरे ह का पल पभाव उनक पनन पणाली को कमोर कर कता है ता उनके ॠतु ाव ाव , भाय य अवा अंडडाय ाय र भी नकारामक पभाव डाल कता है क केे कारण उह ं तान ैा ा करन म रे ादनयां आ कत ह। क ंु डली म ु र अुभ रा का दवेष पभाव ातक केके भीतर ारीरक वाना को आवयकता े अधक ढ़ा ेता है के के चलते ातक अनी त ी ारीरक उा ता ै ा इन वाना को ूररा ा करने म ही ं वा ेता है क केे कारण उक े हत ता पनन मता र ुरराा पभाव ड़ कता है ता कु छे क मामल म तो ातक दकी ु त रो े ीडडतत भी हो कता कत ा है ो क कु ंु डली क केे रे ह क दत
र दनभ र करत ए ानल ानलवा वा भी ादत हो कता हह।।
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ामाय योदतष जान तान ुख ख: ंचम चम ान र वामी तने ह के ा होा , उतनी ंततान ान होी। तने ुषष ह हे, उतने ु र तने ीकारक ह केके ा हे, उतनी ंतान तान लड़क होी। तमां क ंु डली क केे ंचचमम भाव र या उक उकेे ा या उ भाव म दकतने अं क लखे ह , उतनी ंतान तान होी। एक दनयम यह भी है दक तमां कुक ंु डली म चँ े ं चम ान म ो ह हो एवं उके उके ा ीतने ह का ं ंध हो , उतनी ंततान ान होी। ंततान ान ुख क कैै े होा , इक इकेे लए भी हम ंचम चम ान का ही दवेषण करना होा। ंचचमम ान का मालक दककेे ा ैठा दकक ठा है, यह भी ानना होा। ंचम चम ान म ु दन को छोड़कर ंचम चम ान
का अधदत ाँचव चव हो तो ं तान ंंंधत धत ुभ फल ेता है। य ंचम चम ान
का वामी आठव, ारहव हो तो ं तान ुख नह होता। य हो भी तो ुख ख मलता नह या तो ंततान ान न होती है या अल हो ाती है । य ंचचमम ान का अधदत तम , नवम , यारहव, लन , दतीय म हो तो ंततान ान े ं ंधत धत ुख ुभ फल ेता है। दतीय ान केके वामी ह ंचम चम म हो तो ं तान ुख उम होकर लमीदत नता है। ंचम चम ान का अधदत छठे छठे म हो तो क ु लेनेन क े ा यो नता है। ंचचमम ान म मीन रा का ु कम ंतान तान ेता है। ंचचम म ान म धनु रा का ु हो तो ंततान ान तो होी , लेदकन वाय कमोर रहेा।ा। ु का ंंंधध ंचम चम ान र ंतान तान यो म ाधा ेता है। सह , कया रा का ु हो तो ंतान तान
नह होती। इ पकार तुल लाा रा का ु ंचम चम भाव म अु भ
ह केके ा (रा , दन , के तु) के ा हो तो ंततान ान नह होती। ंचम चम ान म मे ष , सह , वृशक शक रा हो र उ र दन क हो तो ु ंततान ान ुख ख नह होता। ंचम चम ान र ड़ा रा भात ात कराता है। य ंचम चम भाव म ु के ा रा हो तो चांडाल डाल यो नता है र ं तान म ाधा डालता है य यह यो ी क कु ं डली म हो तो। य यह यो ुषष कु ं डली म हो तो ंततान ान नह होती। नीच का रा भी ंतान तान नह ेता। रा , मंल ल , ंचम चम हो तो एक ंतान तान होती है। ंचम चम ान म ड़ा चँ , दन , रा भी ंतान तान ाधक होता है। य यो लन म न ह तो चँ क ंु डली ेखना चादहए। य चँ क ंु डली म यह यो ने तो उरो फल ान।
ंचम चम ान र रा या केके तु हो तो दतृोष ोष , ैदवक ोष , म ोष
होने े भी ं तान नह होती। य ंचम चम भाव र दतृोष या ुोष ोष नता हो तो उ ोष क ांददतत करवाने के ा ं तान पात ंभव भव है। ंचम चम ान र नीच का ूयय ं तान म सचता ेता है । ंचम चम ान र नीच का ूयय रे न ारा ंततान ान ेता है। ंचचमम ान र ूयय मं ल क युदत दत हो र दन क ड़ रही हो तो ंतान तान क े मृ यु होती है ।
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